माननीय सदस्यगण,
• नवीकरण और विकास के इस बसंत के मौसम में मैं संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में आप सभी का स्वागत करता हूं। मुझे विश्वास है कि हमारे देश के नागरिकों ने हममें जो विश्वास व्यक्त किया है हमारे विचार-विमर्श उस विश्वास पर खरा उतरेंगे और आगे बढ़ते हुए हम सभी इस महान देश की प्रगति और विकास में भागीदार बनेंगे।
• पिछले वर्ष संयुक्त बैठक को संबोधित करने के दौरान मैंने भारत को आत्म विश्वास के साथ भविष्य में प्रगति की ओर अग्रसर करने के लिए अपनी सरकार द्वारा शुरू की गई दूरदर्शी पहलों को रेखांकित किया था। हमारे संविधान में एक ऐसे मजबूत और दूरंदेशी भारत की स्थापना का वायदा किया गया है, जिसमें अवसरों और विकास तक जनता की पहुंच हों। विकास के इस दर्शन को सबका साथ, सबका विकास में इन्हें मूलभूत सिद्धांत के रूप में समाहित किया गया है, जो मेरी सरकार का मार्ग दर्शन करते हैं।
• दीन दयाल उपाध्याय ने एकात्म मानवता दर्शन के बारे में कहा था, जिसमें अंत्योदय की परिकल्पना की गई है तथा इसमें आखिरी व्यक्ति तक अवसरों की सशक्त किरणें पहुंचती है। यह सिद्धांत मेरी सरकार का सभी कार्यक्रमों में मार्गदर्शन करता है। मेरी सरकार ने विशेष रूप से "गरीबों की उन्नति" (गरीबी उन्मूलन), "किसानों की समृद्धि" (किसान समृद्धि) और "युवाओं को रोजगार" पर ध्यान केंद्रित किया है।
• माननीय सदस्यगण,
• मेरी सरकार के लिए सर्वोपरि लक्ष्य गरीबी उन्मूलन है। गांधी जी ने कहा था और मैं उसे उद्धृत कर रहा हूं कि "गरीबी हिंसा का सबसे बुरा रूप है।" प्रगति का सार गरीबों, वंचितों, सीमान्तों और समाज के कमजोर वर्गों के लिए पूर्ति की भावना लाने में निहित है। गरीब से गरीब व्यक्ति भी देश के संसाधनों पर पहला अधिकार पाने का हकदार हैं। गरीबी और निर्धनता को दूर करना हमारी सबसे पवित्र नैतिक जिम्मेदारी है।
• मेरी सरकार ने वित्तीय समग्रता और सामाजिक सुरक्षा के माध्यम से इस लक्ष्य को संभव बनाने का वादा किया है। ये दोनों ऐसे पंख है, जिन पर मानवीय आकांक्षा उड़ान भरती है। इसके लिए मेरी सरकार ने खाद्य सुरक्षा, सभी के लिए आवास और सब्सिडी पर जोर दिया है, ताकि इनका लाभ उन लोगों तक पहुंच सकें, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर इनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है। पिछले साल, मैंने महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री जन-धन योजना के बारे में बात की थी। आज, मुझे यह कहने में गर्व हो रहा है कि यह विश्व का सबसे सफल वित्तीय समावेशन कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के तहत, इक्कीस करोड़ से भी अधिक खाते खोले गए हैं, जिसमें से पंद्रह करोड़ रुपए से अधिक खातें क्रियात्मक है और इन खातों में कुल मिलाकर बत्तीस हज़ार करोड़ रूपए से अधिक की राशि जमा है। यह कार्यक्रम न केवल बैंक खाते खोलने तक सीमित है, बल्कि गरीबों बुनियादी वित्तीय सेवायें और सुरक्षा प्रदान करके गरीबी उन्मूलन के लिए एक मंच भी बन गया है।
• सामाजिक सुरक्षा को सर्वव्यापी बनाने के लिए मेरी सरकार ने तीन नई बीमा और पेंशन योजनाओं - प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना की शुरूआत की है, जो समाज के वंचित वर्गों को बीमा कवर उपलब्ध कराती हैं।
• सरकार 2022 तक सभी को आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री आवास योजना 25 जून, 2015 को शुरू की गई थी, जिसमें मुख्य रूप से झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों, शहरी गरीबों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और निम्न आय समूहों के लोगों के लाभ के लिए लगभग 2 करोड़ मकान बनाने का प्रावधान है। इस मिशन में आगामी पांच वर्षो के दौरान 4041 वैधानिक कस्बों को शामिल किया जाएगा। पहले वर्ष के दौरान 27 राज्यों में 2011 कस्बों/शहरों इस मिशन के अधीन शामिल किया गया है। 24,600 करोड़ रूपए की परियोजना लागत से चार लाख पच्चीस हजार घरों के निर्माण की मंजूरी दी गई है।
• लक्षित सब्सिडी सुनिश्चित करती है कि इसका लाभ वांछनीय व्यक्ति तक पहुंचे। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण को अब तक मेरी सरकार द्वारा वित्त पोषित 42 योजनाओं तक बढ़ा दिया गया है। पहल योजना विश्व में अपनी किस्म की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण कार्यक्रम बन गई है। इससे लगभग 15 करोड़ लोग लाभान्वित हो रहे हैं। जून 2014 के बाद से खाद्य सुरक्षा कवरेज दुगनी होकर 68 करोड़ से भी अधिक व्यक्तियों तक पहुंच गई है।
• गिव बैक कार्यक्रम के साथ अपनी मर्जी से सब्सिडी छोड़ने के अभियान से प्राप्त सब्सिड़ी के कारण 50 लाख बीपीएल परिवारों को नये एलपीजी कनेक्शन जारी किये गये हैं। 62 लाख से अधिक एलपीजी उपभोक्ताओं ने स्वेच्छा से इस अभियान के तहत अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़ दी है। 2015 के दौरान ग्रामीण गरीबों के लिए सबसे अधिक नए रसोई गैस कनेक्शन वितरित किए गए।
• डॉ अंबेडकर ने कहा था और मैं उसका उल्लेख कर रहा हूं कि "राजनीतिक लोकतंत्र तब तक कायम नहीं हो सकता, जब तक इसके आधार पर सामाजिक लोकतंत्र निहित न हो। समग्रता के साथ सामाजिक न्याय हमारे संविधान का पहला वादा है और गरीब और पिछड़े लोगों के प्रति मेरी सरकार ध्यान केंद्रित कर रही हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को उचित संशोधनों के द्वारा और मजबूत बनाया गया है। सामाजिक समग्रता की भावना को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 125 वीं जयंती मनाई जा रही है। 26 नवंबर को संविधान को अपनाया गया था और अब इसे देश के नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। मेरी सरकार डॉ. अंबेडकर की विरासत के पांच स्थलों पंचातिर्हास के संरक्षण के लिए काम कर रही है
• शिक्षा लोगों को सशक्त बनाती है और इस उद्देश्य के लिए मेरी सरकार ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के 50 प्रतिशत से अधिक बजट को छात्रवृत्ति धन के लिए आवंटित कर दिया है। दो नई योजनाएं - नई मंज़िल और उस्ताद, जिनका उद्देश्य अल्पसंख्यकों को सशक्त बनाना है, शुरू की गई है। वर्तमान में मदरसों में पढ़ने वाले 20,000 बच्चों को नई मंज़िल योजना के तहत कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पारसी समुदाय के जीवन इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए अगले महीने एक प्रदर्शनी अनंत लौ (एवरलास्टिंग फ्लेम) का आयोजन किया जा रहा है।
• माननीय सदस्यगण,
• "किसानों की समृद्धि", राष्ट्र की समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस मौलिक वास्तविकता को स्वीकार करते हुए मेरी सरकार ने 'कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय को 'कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण मंत्रालय' का नया नाम दिया गया है और इसके लिए कई कदम उठाए हैं। मेरी सरकार ने अभी हाल ही में किसानों के अनुकूल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की है, जो किसानों के लिए सबसे कम प्रीमियर दर पर फसल बीमा देने के लिए सरकार का सबसे बड़ा अंशदान है। इस योजना में पहली बार बाढ़ और बेमौसम बारिश के कारण फसल कटाई की हानियों की राष्ट्रीय कवरेज, सरकारी सब्सिडी जल्दी उपलब्ध कराना और कोई दावों के शीघ्र तथा सही निपटान के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग जैसी बातों को शामिल किया गया है। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को सहायता की राशि बढ़ाकर 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है और इसके लिए पात्रता मानदंडों में छूट दी गई है।
• मार्च, 2017 तक सभी 14 करोड़ कृषि जोत के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जाएंगे और जिसके कारण उर्वरकों के न्यायसंगत प्रयोग इनपुट लागत कम करने और मिट्टी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकेगा। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए, परंपरागत कृषि विकास योजना लागू की जा रही है, जिसके तहत 8000 समूहों को अब तक विकसित किया गया है।
• प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में जल उपयोग दक्षता सुधार कर और सूखारोधी बनाकर खेती का विस्तार करने के लिए सुनिश्चित सिंचाई का वादा किया गया है। मेरी सरकार ‘पर ड्रोप मोर क्रोप’ तथा ‘जल संचय फोर जल सिंचन" के दर्शन के लिए प्रतिबद्ध है।
• किसानों को बेहतर बाजार मूल्य उपलब्ध करने के लिए 585 विनियमित थोक बाजारों को आपस में जोड़ने के लिए सामान्य ई-मार्किट मंच की स्थापना के लिए एकीकृत राष्ट्रीय कृषि बाजार कार्य कर रहा है, जिससे भारत को एक खाद्य क्षेत्र, एक देश और एक बाजार बनाया जा सकेंगा। इससे हमारे किसानों को उचित और लाभदायक मूल्य मिलने से बहुत फायदा होगा। पिछले साल में लक्षित नीति हस्तक्षेपों से गन्ने की बकाया राशि 21,000 करोड़ रुपये से घटकर 720 करोड़ रुपये तक आ गई है।
• मेरी सरकार ने स्वदेशी उत्पादन को अधिकतम बनाने और ऊर्जा दक्षता में सुधार लाने के उद्देश्य से नई यूरिया नीति 2015 अधिसूचित की है। इस नीति से अगले तीन वर्षों के दौरान प्रति वर्ष 17 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त उत्पादन होने में मदद मिलेंगी। शत-प्रतिशत नीम कोटिड यूरिया उपलब्ध कराने से न केवल दक्षता में सुधार हुआ है, बल्कि रियायती मूल्य वाले यूरिया का गैर कृषि उपयोग करने की अवैध गतिविधियों को रोकने में भी मदद मिली है। देश में 2015 के दौरान सबसे अधिक यूरिया उर्वरकों का उत्पादन हुआ था।
• मेरी सरकार ने देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचाना है। भारत लगातार सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादन देश बना हुआ है और इसकी 6.3 प्रतिशत की प्रभावशाली विकास दर है। पोल्ट्री वेंचर कैपिटल फंड और रूरल बैकयार्ड पोल्ट्री डेवलपमेंट के कार्यान्वयन से देश में अंडों का सबसे अधिक उत्पादन हुआ है। नील क्रांति मत्स्य पालन के लिए एकीकृत विकास और प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए विचाराधीन है, इसमें तीन हजार करोड़ रुपये का केंद्रीय परिव्यय निर्धारित किया गया है।
• पूर्वी राज्यों की कृषि क्षमता का पूरा उपयोग करने के लिए सरकार इस क्षेत्र में दूसरी हरित क्रांति की शुरूआत करने के लिए अनेक कदम उठा रही हैं। मेरी सरकार ने कृषि उच्च शिक्षा को मजबूत करने, 109 नए कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित करने और तीन नई कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थानों की स्थापना करने के लिए कदम उठाए हैं। किसानों के लाभ के लिए नीति पहल, मूल्यों और अन्य कृषि से संबंधित विषयों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए 24x7 किसान चैनल शुरू किया गया है।
• खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र किसानों की आय बढ़ाने में मदद करता है। नामित फूड पार्क के लिए सस्ता ऋण उपलब्ध कराने के लिए पिछले साल खाद्य प्रसंस्करण कोष स्थापित किया गया है। पिछले 19 महीनों के दौरान पांच नए मेगा फूड पार्कों में काम शुरू हो गया है। पिछले 18 महीनों में कोल्ड चेन योजना के तहत 33 परियोजनाएं चालू की गई है।
• कृषि विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। 14वें वित्त आयोग ने 2015-16 से पांच साल की अवधि के लिए केवल ग्राम पंचायतों के लिए दी गई दो लाख करोड़ रुपये की अंशदान राशि को राज्यों ने बड़े उत्साह से प्राप्त किया है। इस कदम से विकास की गतिविधि जनता के करीब जाएंगी और उन्हें इस बारे में समर्थ बनाएंगी कि वे अपने गांवों और वार्डों को किस प्रकार सुधारना चाहते है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूरबन मिशन भी कौशल और स्थानीय उद्यमिता के विकास और बुनियादी ढांचे सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 300 ग्रामीण विकास समूहों के लिए शुरू किया गया है।
माननीय सदस्यगण,
• युवा हमारे देश के भविष्य हैं और व्यापक रोजगार सृजन के जरिये ‘युवाओं को रोजगार’ सुनिश्चित करना मेरी सरकार का एक प्रमुख लक्ष्य है। हम मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, मुद्रा, कुशल भारत जैसी पहलों के जरिये रोजगार सृजन में तेजी ला रहे हैं।
• मेरी सरकार की अभिनव पहलों से भारत को विश्व बैंक की ‘कारोबार में सुगमता’ वाली नवीनतम रैंकिंग में 12 पायदान ऊपर चढ़ने में मदद मिली है। एक खास बात यह भी है कि प्रतिकूल वैश्विक निवेश माहौल के बावजूद ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने एफडीआई के प्रवाह में 39 फीसदी बढ़ोतरी हासिल की है।
• मेरी सरकार ने ‘कारोबार में सुगमता’ बढ़ाने के लिए विभिन्न राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धी सहयोग को बढ़ावा दिया है। प्रक्रिया के सरलीकरण, ई-आधारित प्रक्रिया शुरू करने और बेहतर निवेश माहौल के लिए बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में निवेश हेतु राज्य सरकारों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उनकी सहायता भी की जा रही है। मंजूरियां पाने में ज्यादा आसानी सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है।
• सूक्ष्म, लघु, मझोले उद्यम (एमएसएमई) बड़े पैमाने पर रोजगार मुहैया कराते हैं। बैंकों ने प्रधानमंत्री की ‘मु्द्रा योजना’ के तहत 2.6 करोड़ से भी अधिक कर्जदारों को 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा की राशि मुहैया कराई है, जिनमें से 2.07 करोड़ महिला उद्यमी हैं। एमएसएमई के ऑनलाइन पंजीकरण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए ‘उद्योग आधार पोर्टल’ शुरू किया गया है। मेरी सरकार ने कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण आजीविका एवं प्रौद्योगिकी व्यवसाय इन्क्यूबेटर स्थापित करने का फैसला किया है।
• कपड़ा उद्योग के रोजगार गहन क्षेत्रों (सेगमेंट) को मजूबती प्रदान करने के लिए मेरी सरकार ने सात वर्षों की अवधि के दौरान तकरीबन 18000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ एक संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष योजना शुरू की है।
• रोजगार चाहने वालों को रोजगार सृजकों में तब्दील करने के लिए अनेक सुधार लागू किये गये हैं। मेरी सरकारी ने स्टार्ट-अप इंडिया अभियान शुरू किया है जो देश में अभिनव इको-सिस्टम को और गहरा एवं विस्तृत करने के साथ-साथ इसे आवश्यक सहायता भी प्रदान करेगा।
• महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को संशोधित किया गया है, ताकि कारगर ढंग से पारिश्रमिक के वितरण के साथ-साथ पारदर्शिता बढ़ सके और उत्पादक परिसंपत्तियों का सृजन हो सके।
• मेरी सरकार के ‘कुशल भारत’ संबंधी मिशन ने गति पकड़ ली है और पिछले वर्ष तकरीबन 76 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया गया।
माननीय सदस्यगण,
• मेरी सरकार ने एक ‘शिक्षित स्वस्थ स्वच्छ भारत’ बनाने का लक्ष्य रखा है।
• उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता के नये संस्थान स्थापित किये गये हैं। छह भारतीय प्रबंधन संस्थानों, एक भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान और एक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने काम करना शुरू कर दिया है।
• स्वस्थ भारत का सर्वोत्तम तरीका खेलकूद है। मेरी सरकार ने गुवाहाटी और शिलांग में 5 फरवरी से लेकर 16 फरवरी, 2016 तक 12वें दक्षिण एशियाई खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन किया।
• मुझे यह सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि हमने दिसम्बर, 2015 तक की वैश्विक लक्षित समय सीमा से काफी पहले ही सफलतापूर्वक मातृ एवं नवजात टिटनेस का सफाया कर दिया है।
• मेरी सरकार अपने स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिये अंतर-संस्थान रैंकिंग प्रणाली ‘कायाकल्प’ से उचित लाभ उठा रही है।
• मेरी सरकार समग्र स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा की आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी और होम्योपैथी प्रणालियों को मजबूत बनाने पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है। प्रथम ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ विश्व भर में बड़े उत्साह के साथ 21 जून, 2015 को मनाया गया।
• कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए मेरी सरकार विभिन्न मंत्रालयों के कदमों और कार्यक्रमों में तालमेल सुनिश्चित कर रही है, जिसके तहत अपेक्षित परिणाम हासिल करने पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।
• मेरी सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर सुगम्य भारत अभियान शुरू किया है, ताकि सामुदायिक जीवन के सभी क्षेत्रों में दिव्यांगों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
• स्वच्छ भारत मिशन एक सामुदायिक आंदोलन का स्वरूप लेता जा रहा है, ताकि लोगों खासकर गरीबों के जीवन की गुणवत्ता और स्वास्थ्य में व्यापक बदलाव आ सके।
• मेरी सरकार का यह मानना है कि आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण भी संभव है।
• मेरी सरकार ने ‘जल क्रांति अभियान’ शुरू किया है, जिससे कि इस आम जन केन्द्रित कार्यक्रम के जरिये जल संरक्षण एवं प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ सके। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत मेरी सरकार सभी 118 शहरों में अनेक परियोजनाएं क्रियान्वित कर रही है।
माननीय सदस्यगण,
• मेरी सरकार ने शासन की गुणवत्ता में बेहतरी के लिए अनेक कदम उठाये हैं। संस्थानों को सुधारने, प्रक्रियाओं को सरल बनाने और पुराने पड़ चुके कानूनों को हटाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं।
• जहां एक ओर मेरी सरकार ने भ्रष्टाचार की गुजांइश खत्म करने के लिए कदम उठाये हैं, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार के दोषी लोगों को दण्डित करने में मेरी सरकार कठोर रुख अख्तियार कर रही है।
• बुनियादी ढांचागत विकास को नई गति प्रदान करने से सभी लोगों के लिए अवसर प्राप्त हुए हैं। मेरी सरकार ने शहरों के विकास को चुनौती मानते हुए ‘स्मार्ट सिटी’ कार्यक्रम शुरू किया है।
• स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ाने के लिए मेरी सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता को वर्ष 2020 तक कई गुना बढ़ाकर 175 गीगावाट (जीडब्ल्यू) के स्तर पर पहुंचाने की परिकल्पना की है।
• सरकार के सत्ता संभालने के बाद से लेकर अब तक ऊर्जा की किल्लत 4 फीसदी से घटकर 2.3 फीसदी के स्तर पर आ गई है।
• मेरी सरकार ने पारेषण के क्षेत्र में संकुलन घटाने के लिए प्रमुख पारेषण योजनाएं शुरू करने पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है।
• मेरी सरकार ने उपभोक्ताओं को उचित एवं प्रतिस्पर्धी दरों पर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए शुल्क दर नीति में महत्वपूर्ण सुधार किये हैं।
• मेरी सरकार ने कोयला क्षेत्र में व्यापक सुधार लागू किये हैं और 70 से भी ज्यादा कोल ब्लॉकों की पारदर्शी नीलामी/आवंटन किया है।
• खनन क्षेत्र को बढ़ावा देने और खनिज संसाधनों के आवंटन में पारदर्शिता लाने के लिए खान एवं खनिज विकास और नियमन अधिनियम, 1957 को संशोधित किया गया है और खदानों की नीलामी शुरू कर दी गई है।
• मेरी सरकार ने हाल ही में असम गैस क्रैकर परियोजना राष्ट्र को समर्पित की है। इस परियोजना से तकरीबन 1 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रोजगार सृजित होने की आशा है।
माननीय सदस्यगण,
• मेरी सरकार ने रेलवे स्टेशनों और रेलगाडि़यों में साफ-सफाई के मानकों को बेहतर करने के लिए अनेक महत्वाकांक्षी उपाय किये हैं।
• जापान की सरकार के साथ हुये ऐतिहासिक समझौते के परिणामस्वरूप मुम्बई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरीडोर एक वास्तविकता में तब्दील हो जायेगी।
माननीय सदस्यगण,
• मार्च, 2019 तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 1 लाख 78 हजार ग्रामीण बस्तियों को ऐसी सड़कों से जोड़ दिया जायेगा जो हर मौसम में कारगर साबित होंगी।
माननीय सदस्यगण,
• मेरी सरकार केवल अखबारों की सुर्खियां बनने वाली आर्थिक उपलब्धियों के बजाय ‘सबका विकास’ पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है।
माननीय सदस्यगण,
• हमारी संसद लोगों की सर्वोच्च इच्छा को दर्शाती है। लोकतांत्रिक प्रवृत्ति व्यवधान या रुकावट के बजाय बहस और चर्चा चाहती है।
• हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के ऋणी हैं। अब उनके सपनों के देश का निर्माण करते हुए यह ऋण चुकाने का समय आ गया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के शब्दों में, ‘राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्शों सत्यम, शिवम, सुंदरम से प्रेरित है’, हमें इन आदर्शों को अपनाना चाहिए क्योंकि हम भविष्य पर अपना दांव लगाते हैं।
जय हिन्द
Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,
गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।
साथियों,
भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,
साथियों,
आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,
साथियों,
बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।
साथियों,
डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।
साथियों,
हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।
साथियों,
हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,
साथियों,
"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।
साथियों,
भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।
साथियों,
आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।
साथियों,
भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।
साथियों,
यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।
साथियों,
भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।
साथियों,
गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।
साथियों,
गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।
साथियों,
डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
साथियों,
आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।
साथियों,
गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।