
Place : Ahmedabad
Speech Date : 17-10-2011Social media, which I see as a great opportunity to interact with the society, is seen by many other political leaders as a big threat
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Place : Ahmedabad
Speech Date : 17-10-2011Social media, which I see as a great opportunity to interact with the society, is seen by many other political leaders as a big threat
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नमस्कार!
केंद्र सरकार में युवाओं को पक्की नौकरी देने का हमारा अभियान निरंतर जारी है। और हमारी पहचान भी है, बिना पर्ची, बिना खर्ची। आज 51 हज़ार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। ऐसे रोजगार मेलों के माध्यम से अब तक लाखों नौजवानों को भारत सरकार में परमानेंट जॉब मिल चुकी है। अब ये नौजवान, राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। आज भी आप में से कई ने भारतीय रेल में अपने दायित्वों की शुरुआत की है, कई साथी अब देश की सुरक्षा के भी प्रहरी बनेंगे, डाक विभाग में नियुक्त हुए साथी, गांव-गांव सरकार की सुविधाओं को पहुंचाएंगे, कुछ साथी Health for All मिशन के सिपाही होंगे, कई युवा फाइनेंशियल इंक्लूजन के इंजन को और तेज़ करेंगे और बहुत से साथी भारत के औद्योगिक विकास को नई रफ्तार देंगे। आपके विभाग अलग-अलग हैं, लेकिन ध्येय एक है और वो कौन सा ध्येय, हमें बार-बार याद रखना है, एक ही ध्येय है, विभाग कोई भी हो, कार्य कोई भी हो, पद कोई भी हो, इलाका कोई भी हो, एक ही ध्येय - राष्ट्र सेवा। सूत्र एक- नागरिक प्रथम, सिटिजन फर्स्ट। आपको देश के लोगों की सेवा का बहुत बड़ा मंच मिला है। मैं आप सभी युवाओं को जीवन के इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर इतनी बड़ी सफलता के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। आपकी इस नई यात्रा के लिए मेरी तरफ से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।
साथियों,
आज दुनिया मान रही है कि भारत के पास दो असीमित शक्तियाँ हैं। एक डेमोग्राफी, दूसरी डेमोक्रेसी। यानी सबसे बड़ी युवा आबादी और सबसे बड़ा लोकतंत्र। युवाओं का यह सामर्थ्य हमारी, भारत के उज्ज्वल भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी भी है और सबसे बड़ी गारंटी भी है। और हमारी सरकार, इसी पूंजी को समृद्धि का सूत्र बनाने में दिन रात जुटी है। आप सबको पता है, दिन पहले ही मैं पांच देशों की यात्रा करके लौटा हूँ। हर देश में भारत की युवाशक्ति की गूंज सुनाई दी। इस दौरान जितने भी समझौते हुए हैं, उनसे देश और विदेश, दोनों जगह भारत के नौजवानों को फायदा होना ही है। डिफेंस, फार्मा, डिजिटल टेक्नॉलॉजी, एनर्जी, रेयर अर्थ मिनरल्स, ऐसे कई सेक्टर्स, ऐसे सेक्टर्स में हुए समझौतों से भारत को आने वाले दिनों में बहुत बड़ा फायदा होगा, भारत के मैन्युफेक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को बहुत बल मिलेगा।
साथियों,
बदलते हुए समय के साथ 21वीं सदी में नेचर ऑफ जॉब भी बदल रहा है, नए-नए सेक्टर्स भी उभर रहे हैं। इसलिए बीते दशक में भारत का ज़ोर अपने युवाओं को इसके लिए तैयार करने का है। अब इसके लिए अहम निर्णय लिए गए हैं, आधुनिक जरूरतों को देखते हुए आधुनक नीतियां भी बनाई गईं हैं। स्टार्ट अप्स, इनोवेशन और रिसर्च का जो इकोसिस्टम आज देश में बन रहा है, वो देश के युवाओं का सामर्थ्य बढ़ा रहा है, आज जब मैं नौजवानों को देखता हूं कि वे अपना स्टार्ट अप शुरू करना चाहते हैं, तो मेरा भी आत्मविश्वास बढ़ जाता है, और अभी हमारे डॉक्टर जितेंद्र सिंह जी ने स्टार्टअप के विषय में विस्तार से कुछ आंकड़े भी बताए आपके सामने। मुझे खुशी होती है कि मेरे देश का नौजवान बड़े विजन के साथ तेज गति से मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है, वो कुछ नया करना चाहता है।
साथियों,
भारत सरकार का जोर प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के नए अवसरों के निर्माण पर भी है। हाल ही में सरकार ने एक नई स्कीम को मंज़ूरी दी है, Employment Linked Incentive Scheme. इस योजना के तहत सरकार, प्राइवेट सेक्टर में पहली बार रोजगार पाने वाले युवा को 15 हज़ार रुपए देगी। यानी पहली नौकरी की पहली सैलरी में सरकार अपना योगदान देगी। इसके लिए सरकार ने करीब एक लाख करोड़ रुपए का बजट बनाया है। इस स्कीम से लगभग साढ़े 3 करोड़ नए रोजगार के निर्माण में मदद मिलेगी।
साथियों,
आज भारत की एक बहुत बड़ी ताकत हमारा मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर है। मैन्युफेक्चरिंग में बहुत बड़ी संख्या में नई-नई जॉब्स बन रही हैं। मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर को गति देने के लिए इस वर्ष के बजट में मिशन मैन्युफेक्चरिंग की घोषणा की गई है। बीते सालों में हमने मेक इन इंडिया अभियान को मजबूती दी है। सिर्फ PLI स्कीम से, उससे ही 11 लाख से अधिक रोजगार देश में बने हैं। बीते सालों में मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आज करीब 11 लाख करोड़ रुपए की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफेक्चरिंग हो रही है, 11 लाख करोड़। इसमें भी बीते 11 साल में 5 गुणा से भी अधिक वृद्धि हुई है। पहले देश में मोबाइल फोन मैन्यूफेक्चरिंग की 2 या 4 यूनिट्स थीं, सिर्फ 2 या 4। अब मोबाइल फोन मैन्युफेक्चरिंग से जुड़ी करीब –करीब 300 यूनिट्स भारत में हैं। और इसमें लाखों युवा काम कर रहे हैं। वैसा ही एक और क्षेत्र है और ऑपरेशन सिंदूर के बाद तो उसकी बहुत चर्चा भी है, बड़े गौरव से चर्चा हो रही है और वो है-डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग। डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग में भी भारत नए रिकॉर्ड्स बना रहा है। हमारा डिफेंस प्रोडक्शन, सवा लाख करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच चुका है। भारत ने एक और बड़ी उपलब्धि लोकोमोटिव सेक्टर में हासिल की है। भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा लोकोमोटिव बनाने वाला देश बन गया है, दुनिया में सबसे ज्यादा। लोकोमोटिव हो, रेल कोच हो, मेट्रो कोच हो, आज भारत इनका बड़ी संख्या में दुनिया के कई देशों में एक्सपोर्ट कर रहा है। हमारा ऑटोमोबाइल सेक्टर भी अभूतपूर्व ग्रोथ कर रहा है।
बीते 5 साल में ही इस सेक्टर में करीब 40 बिलियन डॉलर का FDI आया है। यानी नई कंपनियां आई हैं, नई फैक्ट्रियां लगी हैं, नए रोजगार बने हैं, और साथ-साथ गाड़ियों की डिमांड भी बहुत बढ़ी है, गाड़ियों की रिकॉर्ड बिक्री हुई है भारत में। अलग-अलग सेक्टर्स में देश की ये प्रगति, ये मैन्यूफेक्चरिंग के रिकॉर्ड तभी बनते हैं, ऐसे नहीं बनते, ये सब तब संभव होता है, जब ज्यादा से ज्यादा नौजवानों को नौकरियां मिल रही हैं। नौजवानों का पसीना लगता है उसमें, उनका दिमाग काम करता है, वो मेहनत करते हैं, देश के नौजवानों ने रोजगार तो पाया है, ये कमाल करके भी दिखाया है। अब सरकारी कर्मचारी के तौर पर आपको हर संभव प्रयास करना है कि देश में मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर की ये गति निरंतर बढ़ती रहे। जहां भी आपको दायित्व मिले, आप एक प्रोत्साहन के रूप में काम करें, लोगों को encourage करें, रूकावटें दूर करें, जितना ज्यादा आप सरलता लाएंगे, उतनी सुविधा देश में अन्य लोगों को भी मिलेगी।
साथियों,
आज हमारा देश दुनिया की, और कोई भी हिन्दुस्तानी बड़े गर्व से कह सकता है, आज हमारा देश दुनिया की तीसरी बड़ी इकॉनॉमी बनने की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। ये मेरे नौजवानों के पसीने का कमाल है। बीते 11 वर्षों में हर सेक्टर में देश ने प्रगति की है। हाल में इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइज़ेशन- ILO की एक बहुत बढ़िया रिपोर्ट आई है- शानदार रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते दशक में भारत के 90 करोड़ से अधिक नागरिकों को वेलफेयर स्कीम्स के दायरे में लाया गया है। एक प्रकार से सोशल सिक्योरिटी का दायरा गिना जाता है। और इन स्कीम्स का फायदा सिर्फ वेलफेयर तक सीमित नहीं है। इससे बहुत बड़ी संख्या में नए रोजगार भी बने हैं। जैसे एक छोटा उदाहरण मैं देता हूं - पीएम आवास योजना है। अब ये पीएम आवास योजना के तहत 4 करोड़ नए पक्के घर बन चुके हैं और 3 करोड़ नए घर अभी बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इतने घर बन रहे हैं, तो इसमें मिस्त्री, लेबर और रॉ मटीरियल से लेकर ट्रांसपोर्ट सेक्टर में छोटी-छोटी दुकानदारों के काम, माल ढोने वाले ट्रक के ऑपरेटर्स, आप कल्पना कर सकते हैं कितने सारे जॉब्स क्रिएट हुई हैं। इसमें भी सबसे खुशी की बात है कि ज्यादातर रोजगार हमारे गांवों में मिले हैं, उसे गांव छोड़कर के जाना नहीं पड़ रहा है। इसी तरह 12 करोड़ नए टॉयलेट्स देश में बने हैं। इससे निर्माण के साथ-साथ प्लंबर्स हों, लकड़ी का काम करने वाले लोग हों, जो हमारे विश्वकर्मा समाज के लोग हैं उनके लिए तो इतने सारे काम निकले हैं। यही है जो रोजगार का विस्तार भी करते हैं, प्रभाव भी पैदा करते हैं। ऐसे ही आज 10 करोड़ से अधिक नए, मैं जो बात बता रहा हूं, नए लोगों की बताता हूं, नए एलपीजी कनेक्शन देश में उज्ज्वला स्कीम के तहत दिए गए हैं। अब इसके लिए बहुत बड़ी संख्या में बॉटलिंग प्लांट्स बने हैं। गैस सिलेंडर बनाने वालों को काम मिला है, उसमे भी रोजगार पैदा हुए हैं, गैस सिलेंडर की एजेंसी वालों को काम मिला है। गैस सिलेंडर घर-घर पहुंचाने के लिए जो लोग चाहिए, उनको नए-नए रोजगार मिले हैं। आप एक एक काम लीजिए, कितने प्रकार के रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। इन सारी जगहों पर लाखों लाखों लोगों को नए रोजगार मिले हैं।
साथियों,
मैं एक और योजना की भी चर्चा करना चाहता हूं। अब आपको पता है यह योजना तो यानी कहते हैं ना पांचों उंगली घी में, या तो कहते हैं कि दोनों हाथ हाथ में लड्डू ऐसी है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना। सरकार आपके घर की छत पर यानी रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए एक परिवार को एवरेज करीब-करीब ₹75,000 से भी ज्यादा दे रही है। इससे वह अपने घर के छत के ऊपर सोलर प्लांट लगाता है। एक प्रकार से उसका घर की छत बिजली का कारखाना बन जाती है, बिजली पैदा करता है और वो बिजली खुद भी उपयोग करता है, ज्यादा बिजली है तो बेचता है। इससे बिजली का बिल तो जीरो हो रहा है, उसके पैसे तो बच ही रहे हैं। इन प्लांट्स को लगाने के लिए इंजीनियर्स की ज़रूरत पड़ती है, टेक्नशियन की ज़रूरत पड़ती है। सोलर पैनल बनाने के कारखाने लगते हैं, रॉ मटेरियल के लिए कारखाने लगते हैं, उसको ट्रांसपोर्टेशन के लिए लगते हैं। उसको रिपेयर करने के लिए भी पूरी एक नई इंडस्ट्री तैयार हो रही है। आप कल्पना कर सकते हैं, एक-एक स्कीम लोगों का तो भला कर रही है, लेकिन लाखों लाखों नए रोजगार इसके कारण पैदा हो रहे हैं।
साथियों,
नमो ड्रोन दीदी अभियान ने भी बहनों बेटियों की कमाई बढ़ाई है और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के नए मौके भी बनाए हैं। इस स्कीम के तहत लाखों ग्रामीण बहनों को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी जा रही है। उपलब्ध जो रिपोर्ट्स हैं, यह बताती है कि हमारी यह ड्रोन दीदी हमारी गांव की माताएं बहनें, खेती के एक सीजन में ही, ड्रोन से खेती में जो मदद करती हैं, उसका जो कॉन्ट्रैक्ट पर काम लेती हैं, एक-एक सीजन में लाखों रुपए कमाने लग गई हैं। इतना ही नहीं, इससे देश में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े नए सेक्टर को बहुत बल मिल रहा है। खेती हो या डिफेंस, आज ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग देश के युवाओं के लिए नए अवसर बना रहा है।
साथियों,
देश में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का अभियान जारी है। इनमें से 1.5 करोड़ लखपति दीदी बन भी चुकी है। और आप तो जानते हैं लखपति दीदी बनने का मतलब है, 1 साल में कम से कम 1 लाख से अधिक उसकी आय होनी चाहिए और एक बार नहीं हर वर्ष होती रहनी चाहिए, वो है मेरी लखपति दीदी। 1.5 करोड़ लखपति दीदी, अब आप देखिए गांव में जाएंगे तो आपको कुछ बातें सुनने को मिलेगी, बैंक सखी, बीमा सखी, कृषि सखी, पशु सखी, ऐसी अनेक स्कीम्स में भी हमारे गांव की माताओं बहनों को भी रोजगार मिला है। ऐसे ही पीएम स्वनिधि योजना के तहत पहली बार रेहड़ी ठेले फुटपाथ पर काम करने वाले साथियों को मदद दी गई। इसके तहत लाखों साथियों को काम मिला है और डिजिटल पेमेंट के कारण आजकल तो हमारे हर रेहडी पटरी वाला कैश नहीं लेता है, यूपीआई करता है। क्यों? क्योंकि बैंक से उसको तुरंत उसे आगे की रकम मिलती है। बैंक का विश्वास बढ़ जाता है। कोई कागज की उसको जरूरत नहीं पड़ती। यानी एक रेहड़ी पटरी वाला आज विश्वास के साथ गर्व के साथ आगे बढ़ रहा है।
पीएम विश्वकर्मा स्कीम देख लीजिए। इसके तहत हमारे यहां जो पुश्तैनी काम है, परंपरागत काम है, पारिवारिक काम है, उसको आधुनिक बनाना, उसमें नयापन लाना, नई टेक्नोलॉजी लाना, नए-नए उसमें साधन लाना, उसमें काम करने वाले कारीगरों, शिल्पियों और सेवा दाताओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। लोन दिये जा रहे हैं, आधुनिक टूल दिए जा रहे हैं। मैं अनगिनत स्कीमें बता सकता हूं। ऐसी कई स्कीम है जिनसे गरीबों को लाभ भी हुआ है और नौजवानों को रोजगार भी मिला है। ऐसी अनेक योजनाओं का ही प्रभाव है कि सिर्फ 10 वर्षों में ही 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। अगर रोजगार ना मिलता, अगर परिवार में आय का साधन ना होता, तो मेरा गरीब भाई-बहन जो तीन-तीन चार-चार पीढ़ी से गरीबी में जिंदगी गुजार रहा था, जीवन के लिए एक-एक दिन काटने के लिए उसको मौत दिखाई देती, इतना डर लगता था। लेकिन आज वो इतना ताकतवर बना है, कि मेरे 25 करोड़ गरीब भाई-बहनों ने गरीबी को परास्त करके दिखाया। विजयी होकर के निकले हैं। और ये सारे मेरे 25 करोड़ भाई-बहन, जिन्होंने गरीबी को पीछे छोड़ा है ना, उनकी हिम्मत को मैं दाद देता हूं। उन्होंने सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर के हिम्मत के साथ आगे बढ़े, रोते नहीं बैठे। गरीबी को उन्होंने उखाड़ के फेंक दिया, पराजित कर दिया। अब आप कल्पना कीजिए, अब इन 25 करोड़ का कितना नया आत्मविश्वास होगा। एक बार संकट से व्यक्ति निकल जाए ना फिर नई ताकत पैदा हो जाती है। मेरे देश में एक नई ताकत यह भी आई है, जो देश को आगे ले जाने में बहुत काम आने वाली है। और आप देखिए ये सिर्फ सरकार कह रही है ऐसा नहीं है। आज वर्ल्ड बैंक जैसी बड़ी वैश्विक संस्थाएं खुलकर के इस काम के लिए भारत की प्रशंसा कर रही हैं। दुनिया को भारत को मॉडल के रूप में प्रस्तुत करती हैं। भारत को दुनिया के सबसे अधिक इक्वलिटी वाले शीर्ष के देशों में रखा जा रहा है। यानी असमानता तेजी से कम हो रही है। हम समानता की ओर आगे बढ़ रहे हैं। ये भी विश्व अब नोटिस कर रहा है।
साथियों,
विकास का जो ये महायज्ञ चल रहा है, गरीब कल्याण और रोजगार निर्माण का जो मिशन चल रहा है, आज से इसको आगे बढ़ाने का दायित्व आपका भी है। सरकार रुकावट नहीं बननी चाहिए, सरकार विकास की प्रोत्साहक बननी चाहिए। हर व्यक्ति को आगे बढ़ने का अवसर है। हाथ पकड़ने का काम हमारा है। और आप तो नौजवान है दोस्तों। आप पर मेरा बहुत भरोसा है। आपसे मेरी अपेक्षा है कि आप जहां भी दायित्व मिले, आप इस देश के नागरिक मेरे लिए सबसे पहले, उसकी मदद उसकी मुसीबतों से मुक्ति, देखते ही देखते देश आगे बढ़ेगा। आपको भारत के अमृत काल का सहभागी बनना है। आने वाले 20-25 साल आपकी करियर के लिए तो महत्वपूर्ण है, लेकिन आप ऐसे कालखंड में हैं, जब देश के लिए 20-25 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये विकसित भारत के निर्माण के लिए अहम 25 वर्ष हैं। इसलिए आपको अपने काम, अपने दायित्व, अपने लक्ष्यों को विकसित भारत के संकल्प के साथ आत्मसात करना है। नागरिक देवो भव यह मंत्र तो हमारी रगों में दौड़ना चाहिए, दिल दिमाग में रहना चाहिए, हमारे व्यवहार में नजर आना चाहिए।
और मुझे पक्का विश्वास है दोस्तों, यह युवा शक्ति है, पिछले 10 साल में देश को आगे बढ़ाने में मेरे साथ खड़ी है। मेरे एक-एक शब्द को देश की भलाई के लिए उन्होंने जो भी कर सकते हैं किया है। जहां है वहां से किया है। आपको मौका मिला है, आपसे अपेक्षाएं ज्यादा है। आपकी जिम्मेदारी ज्यादा है, आप करके दिखाएंगे यह मेरा विश्वास है। मैं एक बार फिर आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपके परिवारजनों को भी मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और आपका परिवार भी उज्ज्वल भविष्य का अधिकारी है। आप भी जीवन में बहुत प्रगति करें। iGOT प्लेटफ़ॉर्म पर जाकर के लगातार अपने आप को अपग्रेड करते ही रहें। एक बार जगह मिल गई चुप बैठिए मत, बहुत बड़े सपने देखिए, बहुत आगे जाने के लिए सोचिए। काम कर करके, नया-नया सीख करके, नया-नया परिणाम लाकर के, प्रगति भी कीजिए। आपकी प्रगति में देश का गौरव है, आपकी प्रगति में मेरा संतोष है। और इसलिए मैं आज जब आप एक नए जीवन की शुरुआत कर रहे हैं, आपसे बात करने के लिए आया हूं, शुभकामनाएं देने के लिए आया हूं और बहुत सारे सपनों को पूरा करने के लिए अब आप मेरे एक साथी बन रहे हैं। मेरे एक निकट साथी के रूप में मैं आपका स्वागत करता हूं। आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद। बहुत-बहुत शुभकामनाएं।