प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत मात्रा के साथ-साथ गुणवत्ता के बारे मेंभी है। वे राष्ट्रीय माप-पद्धति विज्ञान सम्मलेन, 2021 को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय परमाणु समय पैमाना और भारतीय निर्देशक द्रव्य प्रणाली राष्ट्र को समर्पित किया तथा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राष्ट्रीय पर्यावरण मानक प्रयोगशाला की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने कहा,“हमारा उद्देश्य केवल वैश्विक बाजार को भारतीय उत्पादों से भर देना नहीं है, बल्कि हम लोगों का दिल जीतना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि भारतीय उत्पादों की वैश्विक मांग और स्वीकृति उच्च-स्तरीय हो।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों से, भारत गुणवत्ता और माप के लिए विदेशी मानकों पर निर्भर था। लेकिन अब भारत की गति, प्रगति, वृद्धि, छवि, और भारत की ताकत का निर्धारण हमारे स्वयं के मानकों द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि माप-पद्धति विज्ञान(मेट्रोलॉजी), जो मापने-नापने का विज्ञान है, किसी भी वैज्ञानिक उपलब्धि की नींव रखता है। कोई भी अनुसंधानसटीक माप के बिना आगे नहीं बढ़ सकता। यहां तक कि हमारी उपलब्धियां भी माप के पैमाने के अधीन होती हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में देश की विश्वसनीयता देश कीमाप-पद्धति विज्ञानकी विश्वसनीयता पर निर्भर करेगी। उन्होंने कहा कि माप-पद्धति विज्ञान एक आइने की तरह है, जो हमें दिखाती है, दुनिया में हमारी उपस्थिति कैसी है?
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में मात्रा के साथ-साथ गुणवत्ता भी शामिल है। उन्होंने भारतीय उत्पादों को खरीदने वाले हर ग्राहक का दिल जीतने का आग्रह किया, बजाय इसके कि भारतीय उत्पादों से दुनिया को पाट दिया जाये। उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि भारत-निर्मित उत्पाद न केवल वैश्विक मांग को पूरा करें, बल्कि उनकी वैश्विक स्वीकृति भी हो। श्री मोदी ने कहा, "हमें ब्रांड इंडिया को गुणवत्ता और विश्वसनीयता के मानकों पर मजबूत करना होगा।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज राष्ट्र को समर्पित भारतीय निर्देशक द्रव्य प्रणाली, 'प्रमाणित संदर्भ सामग्री प्रणाली' का मसौदा तैयार करके भारी धातु, कीटनाशक, फार्मा और कपड़ा जैसे क्षेत्रों में उद्योग जगत को गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि अब उद्योग जगत नियम-केन्द्रित दृष्टिकोण की बजाय उपभोक्ता उन्मुख दृष्टिकोण कीओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन नए मानकों के साथ, देश भर के जिलों में स्थानीय उत्पादों के लिए वैश्विक पहचान बनाने के अभियान की शुरुआत होगी, जो विशेष रूप से हमारे एमएसएमई क्षेत्र के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों का अनुपालन करने से भारत में आने वाली बड़ी विदेशी विनिर्माण कंपनियों को स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नए मानकों से निर्यात और आयात दोनों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी। यह देश के सामान्य उपभोक्ता को गुणवत्तायुक्त सामान भी प्रदान करेगा और निर्यातकों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं को कम करेगा।
Aatmanirbhar Bharat is about quantity and quality.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 4, 2021
Our aim is not to merely flood global markets.
We want to win people's hearts.
We want Indian products to have high global demand and acceptance. pic.twitter.com/7JsfSlBT35