सेना की सुरक्षा और बेहतरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। चाहे वन रैंक, वन पेंशन को लागू करना हो या फिर सेना का मनोबल बढ़ाना हो, प्रधानमंत्री मोदी ने खुद आगे बढ़कर सेना से जुड़े कार्यों में दिलचस्पी ली है। इसी का परिणाम है कि 40 साल से चली आ रही OROP की मांग को केंद्र सरकार ने लागू कर दिया।
सेना के प्रति नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता की ही मिसाल है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद से वो लगातार दीवाली का त्योहार सैनिकों के साथ मनाते हैं। पहले साल सियाचिन में जवानों के साथ उन्होंने दीवाली मनाई तो अगले साल पंजाब के डोगरी वार मेमोरियल पहुंचे, वहीं पिछले साल उन्होंने हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में सेना के साथ दीवाली मनाई। प्रधानमंत्री ने त्योहार के समय घर से दूर सरहद पर डटे सैनिकों के लिए #sandesh2soldiers मुहिम भी शुरू की थी। इस मुहिम में लाखों लोगों ने हिस्सा लेकर सैनिकों को अपने संदेश भेजे।
प्रधानमंत्री मोदी वर्षों में हमारे जवानों साथ:
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में भगदड़ में लोगों की मृत्यु पर अपना दु:ख जताया है।
पश्चिम बंगाल में भगदड़ में लोगों की मृत्यु से दु:खी हूं । मारे गए लोगों के परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं, और भगदड़ में घायल लोगों के लिए प्रार्थना करता हूं कि वे जल्दी से जल्दी स्वथ्य हों ।
प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रूपये तथा गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रूपये सहायता राशि की भी मंजूरी प्रदान की है।
Greetings to all soldiers, veterans & their families on Army Day. We salute the courage & invaluable service of the Indian Army.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 15, 2017
Indian Army always leads from the front, be it in protecting the sovereignty of our nation or helping citizens during natural disasters.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 15, 2017
We remember with great pride all the sacrifices made by our Army. They put their lives at risk so that 125 crore Indians live peacefully.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 15, 2017