प्रधानमंत्री मोदी ने हमें न्यू इंडिया का मंत्र दिया है। एक ऐसा भारत, जो विकसित और आत्मनिर्भर हो। अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के माध्यम से, पीएम मोदी ने न केवल विकसित और आत्मनिर्भर भारत की रूपरेखा तैयार की है, बल्कि इस दृष्टिकोण को भारतीय लोकाचार और वैश्विक आकांक्षाओं के साथ भी समृद्ध किया है। एक स्वस्थ भारत, विकसित और आत्मनिर्भर भारत का आधार है। इस महत्वपूर्ण कड़ी को मजबूत करते हुए, पीएम मोदी ने झारखंड के देवघर-AIIMS में 10,000वां जन औषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित किया है।

जन औषधि केंद्र - देशभर में संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने का लक्ष्य
पीएम-जन औषधि केंद्र, प्रधानमंत्री मोदी के सभी के लिए हेल्थकेयर के विजन का अभिन्न हिस्सा है। किफायती और गुणवत्तापूर्ण दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, जन औषधि केंद्रजरूरी दवाएं 50 से 90% तक की छूट पर प्रदान करते हैं, जिससे नागरिकों के लिए लगभग 23,000 करोड़ रुपए की बचत होती है। इससे स्वास्थ्य देखभाल पर जेब से होने वाला कुल खर्च काफी कम होकर, 62.6% से घटकर 47.1% हो गया है। इनका दायरा बढ़ाने के क्रम में, जन औषधि केंद्रों की संख्या 2014 में मात्र 80 से बढ़कर आज अकल्पनीय रूप से 10,000 हो गई है।

आयुष्मान कार्ड: 'केवल पीएम मोदी ही दे सकते हैं आपको 5 लाख रुपए की गारंटी'
जन औषधि केंद्रों के साथ-साथ, आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं ने भी फाइनेंशियल सेफ्टी नेट सुनिश्चित करने और नागरिकों के लिए यूनिवर्सल हेल्थकेयर कवरेज सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के रूप में पहचानी जाने वाली AB-PMJAY, 60 करोड़ से अधिक लाभार्थी परिवारों को प्रति वर्ष प्रति लाभार्थी परिवार 5 लाख रुपए का हेल्थ कवरेज प्रदान करती है। योजना द्वारा मिलने वाली फाइनेंशियल सिक्योरिटी, एक कवच के रूप में कार्य करती है, जो अप्रत्याशित स्वास्थ्य आपात स्थितियों के साथ आने वाली आर्थिक कठिनाइयों से बचाती है, और अनिवार्य रूप से आम जन के लिए लाइफ लाइन के रूप में कार्य करती है।

आयुष्मान आरोग्य मंदिर: हेल्थकेयर से परे, वेलनेस को प्रोत्साहन
आयुष्मान आरोग्य मंदिर अथवा आयुष्मान भारत हेल्थ और वेलनेस सेंटर, हेल्थ केयर में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे उपचारात्मक देखभाल से निवारक और प्रोत्साहन देखभाल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। सिलेक्टिव केयर से हटकर सेवाओं की एक पूरी सीरीज की पेशकश करते हुए, इन केंद्रों को मातृत्व और बाल देखभाल से लेकर गैर-संचारी रोगों तक व्यापक आवश्यकता-आधारित सेवाएं प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन केंद्रों के माध्यम से सभी नागरिकों को निःशुल्क आवश्यक दवाएं और डायग्नोस्टिक सेवाओं के साथ-साथ टेलीपरामर्श तथा वेलनेस सर्विस, निःशुल्क प्रदान की जाती हैं। आज पूरे भारत में 1.60 लाख से अधिक आयुष्मान भारत हेल्थ और वेलनेस सेंटर (AB- HWCs) कार्यरत हैं।

हेल्थकेयर में क्रांतिकारी बदलाव: चिकित्सा शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल इनोवेशन में भारत की उल्लेखनीय प्रगति
चिकित्सा शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के मामले में भारत निर्णायक प्रगति कर रहा है। पिछले नौ वर्षों में, मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 70% से अधिक की वृद्धि हुई है, जो 2014 में मात्र 387 से बढ़कर 2023 में 660 हो गई है। देश में AIIMS अस्पतालों की संख्या भी 8 से बढ़कर 23 हो गई है। MBBS सीटों की संख्या 51,000 से बढ़कर 1.1 लाख से अधिक हो गई है, और PG सीटें 2014 से पहले के 31,000 से बढ़कर 65,000 से अधिक हो गई हैं।

इसके अलावा, बड़े पैमाने पर महामारी/आपदाओं से निपटने के लिए मोदी सरकार द्वारा 64,180 करोड़ रुपए की फंडिंग के साथ पीएम-आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (PM-ABHIM) शुरू किया गया था। यह प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीय स्तरों पर स्वास्थ्य प्रणालियों और संस्थानों की क्षमताओं को विकसित करने पर केंद्रित है।"

पीएम मोदी, इंक्लूसिव गवर्नेंस देने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के प्रति अपने झुकाव के लिए जाने जाते हैं। उनकी सरकार ने इंफॉर्मेशन और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (ICT) की शक्ति का लाभ उठाते हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किए हैं, जिन तक देश के सबसे गरीब तबके की पहुंच हो सकती है। हम विशेष रूप से कोविड-19 के दौरान सरकार के डिजिटल प्रयासों के साक्षी रहे हैं, जहां भारत ने CoWin और आरोग्य सेतु जैसे प्लेटफॉर्म को बड़े पैमाने पर आसानी से लॉन्च किया।

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM), इंटीग्रेटेड डिजिटल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की रीढ़ के रूप में कार्य करता है, जो आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) हेल्थ आईडी, इंटीग्रेटेड हेल्थ इंटरफ़ेस, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री और हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री जैसी अनूठी पहल पेश करता है। आज 45 करोड़ से अधिक ABHA आईडी बनाई गई हैं, 2.19 लाख से अधिक हेल्थ फैसिलिटी रजिस्टर्ड की गई हैं, और लगभग 2.28 लाख हेल्थ प्रोफेशनल्स को ABDM के तहत शामिल किया गया है।

हेल्थ केयर में इस डिजिटल क्रांति को मोदी सरकार की ई-संजीवनी जैसी टेली-परामर्श सेवाओं द्वारा और अधिक सक्रिय किया गया है, जो एक वाइब्रेंट, हेल्थ टेक-स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के साथ-साथ चिकित्सागत विषयों के रिमोट डायग्नोसिस और उपचार को सक्षम बनाता है।

2014 से पहले की कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाली ऐसी अनोखी पहलें, भारत में एक अधिक व्यापक और एकीकृत हेल्थकेयर प्रणाली बनाने में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सफल प्रयासों को दर्शाती हैं।

नमो ड्रोन से दीदीयों को मिलेगी नई उड़ान!
प्रधानमंत्री मोदी ने 10,000वें जन औषधि केंद्र के साथ-साथ पीएम-महिला किसान ड्रोन केंद्र भी लॉन्च किया है। महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के उनके विजन के अनुरूप, केंद्र तीन वर्षों की अवधि में सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के माध्यम से महिलाओं को 15,000 ड्रोन प्रदान करेगा। महिलाओं को प्रभावी ढंग से 'नमो ड्रोन दीदी' बनने के लिए ड्रोन उड़ाने और उपयोग करने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं के लिए आजीविका के वैकल्पिक साधन प्रदान करना है, जिससे पीएम मोदी के 2 करोड़ लखपति दीदीयों को सशक्त बनाने के लक्ष्य को आगे बढ़ाया जा सके।

विकसित भारत संकल्प यात्रा - विकसित भारत के लिए 100% पहुंच का संकल्प
ये पहल विकसित भारत संकल्प यात्रा के चार अमृत स्तंभों-नारी शक्ति, अन्नदाता, युवाशक्ति और मध्यम वर्ग एवं गरीब के सशक्तिकरण के अनुरूप हैं। उज्ज्वला, हर घर जल से लेकर पीएम-आवास योजना और आयुष्मान भारत योजना तक, मोदी सरकार ने विकसित भारत के आदर्शों की दिशा में समर्पित रूप से काम किया है। प्रधानमंत्री इस आदर्श को विकसित भारत संकल्प यात्रा अथवा मोदी की गारंटी वाली गाड़ी के माध्यम से अपनी जनता जनार्दन तक ले जा रहे हैं। यात्रा का उद्देश्य अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक पहुंचना और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करना है, जिससे ऐसी योजनाओं की शत-प्रतिशत पहुंच सुनिश्चित हो सके। 25 जनवरी 2024 तक 2.55 लाख ग्राम पंचायतों और 3,600 शहरी स्थानीय निकायों को कवर करने की योजना के तहत यह पहल एक तरह से इस देश के गरीबों, हमारी माताओं और बहनों, किसानों तथा इस देश के युवाओं के लिए मोदी की गारंटी है।

यह यात्रा जीवन की बुनियादी सुविधाओं से भरपूर, पीएम मोदी के सपनों के भारत का प्रतिनिधित्व करती है, जहां सरकारी लाभ बगैर बिचौलियों के सीधे सभी लाभार्थियों तक पहुंचते हैं, जहां लोग सरकार पर अपना भरोसा जताते हैं, जहां सरकारी नीतियों के निर्माण में वोट बैंक की राजनीति आड़े नहीं आती, जहां सरकार सेवा की भावना के साथ काम करती है, और जहां आम आदमी सपने देखने की हिम्मत करता है तथा आकांक्षी भारत के निर्माण में सक्रिय रूप से अपना योगदान देता है।

जैसा कि पीएम ने कहा, विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लिए उत्साह आज देश के मूड से स्पष्ट है क्योंकि युवा, किसान और ग्रामीण जनता नमो ऐप पर अपनी कहानियां साझा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने हममें से प्रत्येक को भारत की विकास गाथा में भागीदार बनने तथा संघर्ष अथवा जीत की अपनी कहानियां साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

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यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी से फोन पर बात की
January 07, 2025
प्रधानमंत्री ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष का कार्यभार संभालने पर कोस्टा को बधाई दी
दोनों नेता भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए
पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को आज यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष महामहिम श्री एंटोनियो कोस्टा ने टेलीफोन किया।

प्रधानमंत्री ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने पर कोस्टा को बधाई दी।

पिछले दशक में भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी में हुई महत्वपूर्ण प्रगति को देखते हुए, दोनों नेताओं ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश, हरित ऊर्जा और डिजिटल स्पेस के क्षेत्रों सहित संबंधों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की।

उन्होंने पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को शीघ्र पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया।

दोनों नेता पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर भारत में आयोजित होने वाले अगले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया। नेताओं ने संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई।