"Shri Modi addresses interactive meet organized by Indian Merchants’ Chamber & All India Business Council"
"Politics as usual goes on but for the first time I can see a genuine anger among the people. Anger against the ruling party! Shri Modi"
"We have to increase purchasing power of people in rural areas: Shri Modi"
"We want to go ahead with integrated approach towards development: Shri Modi"
"Administrative stability is a reason for success: Shri Modi"
"India has Demographic and Democratic Dividends: Shri Modi"

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का मुम्बई दौरा

छह करोड़ गुजराती स्थिति को बदल सकते हैं तो सवा सौ करोड़ भारतवासी देश की वर्तमान निराशाजनक स्थिति को क्यों नहीं बदल सकते?

संगठित स्तर पर जनता कर्तव्य का निर्वाह करे 

सर्व समावेशक विकास का उत्तम उदाहरण है गुजरात : श्री मोदी 

गुजरात ने युवा सशक्तिकरण का बेस्ट स्कील डवलपमेंट अवार्ड प्रधानमंत्री से हासिल किया

चीन के साथ स्पर्धा में भारत किस तरह आगे निकल सकता है ?

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज शाम मुम्बई में गणमान्य उद्योग-व्यापार जगत की इंडियन मर्चेंट चेम्बर को सम्बोधित करते हुए कहा कि सर्वांगीण और सर्वसमावेशक विकास किसे कहते हैं, गुजरात इसका उदाहरण है। छह करोड़ गुजराती स्थिति को बदल सकते हैं तो सवा सौ करोड़ भारतवासी देश की वर्तमान निराशाजनक स्थिति को क्यों नहीं बदल सकते? श्री मोदी ने आह्वान किया कि जनता का आक्रोश अब स्थिति बदलने के संगठित स्तर पर वातावरण बनाने में परिवर्तित होना ही चाहिए। इंडियन मर्चेंट चेम्बर्स एंड ऑल इंडिया बिजनस काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में आज शाम मुम्बई में गुजरात के मुख्यमंरी के साथ विकास विजन सम्बन्धी वार्तालाप आयोजित किया गया। इस अवसर पर श्री मोदी ने गृह निर्मान सम्बन्धी पुस्तिका का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि सवा सौ करोड़ की जनशक्ति के सामर्थ्य को विकास में जोड़ने से सफलता मिलेगी ही। श्री मोदी ने चेतावनी दी कि लोकतंत्र में संवैधानिक व्यवस्था महत्वपूर्ण है और इसे खत्म करने से लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।

मुख्यमंत्री कहा कि साम्प्रत भारत में राजनीति और राजनेताओं के इस विश्वसनीय दायरे के बीच पहली बार जनता का आक्रोश सभी जगह व्यक्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के आन्दोलन के बाद पहली बार देश की वर्तमान निराशाजन स्थिति के प्रति ऐसा आक्रोष जागा है। जनता परिवर्तन चाहती है। क्या हम ऐसी स्थिति को बस देखते ही रहें ? नागरिक होने के नाते ऐसा वातावरण संगठित रूप में क्यों खड़ा नहीं हो सकता जो परिणाम ला सके ? गुजरात ने स्थिति को बदलकर यह अनुभूति करवाई है। इसकी भूमिका पेश करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अनेक संकटों, चुनौतियों और प्रतिकूलता के बावजूद छह करोड़ गुजराती स्थिति को बदल सकते हैं तो भारत के सवा सौ करोड़ देशवासी स्थिति को क्यों नहीं बदल सकते?इसके लिए किसानों, मजदूरों, माता बहनों का गौरव और आत्मविश्वास बढ़ाया जाए, उन पर भरोसा किया जाए तो स्थिति को बदला जा सकता है, यह गुजरात ने साबित कर दिया है।

हीरे की खानें नहीं हैं, इसके बावजूद गुजरात डायमण्ड प्रोसेसिंग, आयरन, खनिज ना होने के बावजूद स्टील उत्पादन में अग्रसर है। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि पानी की कमी वाला राज्य होने के बावजूद गुजरात ने कृषि विकास और जल संचय के चमत्कार किए हैं। कृषि विकास के बगैर ग्रामीण अर्थव्यवस्था गतिशील नहीं रह सकती। गुजरात में कृषि, उद्योग और सर्विस सेक्टर के समानार्थी विकास से अर्थव्यवस्था का संतुलन और विकास का सातत्य बरकरार रहा। गुजरात की पहचान अकाल पीड़ित और आपदाओं की कतार वाले राज्य की थी मगर आज लगातार दस वर्ष से इसकी कृषि विकास दर 10 प्रतिशत से ज्यादा रही है। गुजरात के किसानों को उनकी जमीन के स्वास्थ्य की जानकारी के लिए सोइल हैल्थ कार्ड दिये गए हैं। PER DROP-MORE CROP का अभियान चलाकर 9 लाख हैक्टेयर जमीन में ड्रिप इरिगेशन किया जाता है। गुजरात की स्थापना के 40 वर्ष में मात्र 12000 हैक्टेयर ड्रिप इरिगेशन होता था।

विकास में एग्रो इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रति उदासीन रहने से देश में कृषि विकास स्थगित रहा है। इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में गुजरात के किसानों के लिए विश्वस्तरीय एग्रोटेक फेयर आयोजित किया जाएगा। गुजरात के विकास को कोई नकार नहीं सकता परंतु राजनैतिक विरोध करने वाले तो गुजरात के बारे में यह भ्रामक प्रचार करते रहते हैं कि गुजरात तो पहले से ही आगे था। इसका उदाहरण देते हुए श्री मोदी ने कहा कि दससाल पूर्व गुजरात में रात को भोजन के समय भी बिजली नहीं मिलती थी जबकि आज गुजरात एनर्जी सरप्लस राज्य बन चुका है। भविष्य में जो मांगेगा उसे बिजली दी जाएगी। आज महाराष्ट्र बिजली के भयंकर संकट से गुजर रहा है और नर्मदा सरदार सरोवर डेम के बिजली केन्द्रों से महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश को गुजरात बिजली देता है। इसके बावजूद इस सरदार सरोवर डेम पर दरवाजे लगाने की मंजूरी केन्द्र सरकार पांच साल से नहीं दे रही है। अगर दरवाजे लग जाएं तो पर्याप्त पाने की वजह से बिजली उत्पादन बढ़ेगा और महाराष्त्र को आज मिलती है उससे डबल बिजली मिलेगी। साथ ही 400 करोड़ की बचत भी होगी। मगर केन्द्र सरकार विकास की मूलभूत धारा को ध्यान में नहीं लेगी तो विकास की अनुभूति नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बैंक की हाल ही की रिपोर्ट बतलाती है कि बिजनस सरलता से तेज हो ऐसे माहौल वाले देश के 18 शहरों में मुम्बई 10 वें स्थान पर है मगर गुजरात 5 वें स्थान पर है, यही विकास का पैरामीटर है। श्री मोदी ने कहा कि प्रशासनिक कार्य संस्कृति में विकास का चिंतन है। गुजरात सरकार में व्यक्ति आधारित नहीं बल्कि प्रशासन में अधिकारी के टेन्योर की सुनिश्चितता है। भ्रष्टाचार जहां प्रशासन में नीति निर्णय में भेदभाव का ग्रे एरिया हो वहां नियंत्रण में नहीं आयेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में ओपनसेस कार्य संस्कृति खड़ी की गई है। सभी सरकारी विभागों में चिंतन शिविरों द्वारा पारदर्शी नीति आधारित खुलेपन की अनुभूति होती है। सामूहिक विचार-विमर्श और जनता से नीति निर्धारण के सुझाव लेकर पारदर्शी नीति तय होती है। हाल ही में केन्द्र सरकार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और मंत्रियों ने प्रशासनिक सुधार और प्रशासन के लिए जो पांच पैरामीटर तय किए हैं उनमें से 4 तो गुजरात में एक दशक से अमल में पहले से ही हैं। पांचवा मुद्दा वेतन- प्रोत्साहन का है जो भारत सरकार का विषय है। स्वान्य:सुखाय प्रोजेक्ट से अधिकारियों में नवीन पहल की हाई संस्कृति आई है, इसका उदाहरण श्री मोदी ने दिया। उन्होंने कहा कि कृषि विकास में भी संतुलन के लिए नियमित खेती, वृक्षों की खेती और पशुपालन को वैज्ञानिक तौर पर विकसित कर कृषि अर्थव्यवस्था विकसित की गई है। दूध उत्पादन गुजरात में दस साल में 68 प्रतिशत बढ़ा इसका श्रेय हर साल लाखों पशुओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा करने वाले पशु स्वास्थ्य मेलों को जाता है। इनसे 121 जितने पशु रोग सम्पूर्ण रूप से खत्म हो गए हैं। सर्वांगीण विकास किसे कहा जाता है, इसका उत्तम उदाहरण गुजरात है।

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प्रधानमंत्री ने सभी से ध्यान को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया
December 21, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर सभी से ध्यान को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि ध्यान एक व्यक्ति के जीवन के साथ-साथ हमारे समाज और धरती पर शांति एवं सद्भाव लाने का एक सशक्त तरीका है।

एक्स पर अपनी एक पोस्ट में, उन्होंने लिखा:

“आज, विश्व ध्यान दिवस पर, मैं सभी से ध्यान को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने और इसकी परिवर्तनकारी क्षमता का अनुभव करने का आह्वान करता हूं। ध्यान एक व्यक्ति के जीवन के साथ-साथ हमारे समाज और धरती पर शांति एवं सद्भाव लाने का एक सशक्त तरीका है। प्रौद्योगिकी के युग में, ऐप्स और निर्देशित वीडियो हमारी दिनचर्या में ध्यान को शामिल करने में मदद करने वाले मूल्यवान उपकरण हो सकते हैं।”