पूरे अभियान में नरेन्द्र मोदी के भाषणों ने न केवल भारत को बदलने के लक्ष्य की उनकी समझ और उनके उत्साह को व्यक्त किया बल्कि भारत के लिए उनके दृष्टिकोण की झलकियाँ भी प्रदान कीं। नरेन्द्र मोदी का भारत का दृष्टिकोण वह स्थान है जहाँ हमने प्रत्येक संभावित तरीके और प्रत्येक क्षेत्र में जीवन को सुधारने के लिए तकनीक के लाभों को अनुकूलित किया है।
दिल्ली में आयोजित 8वीं भारतीय डिजिटल वार्ता में उनके भाषण में इन विचारों की गूँज रही जहाँ भाषण का मुख्य अंश वह दृष्टिकोण था जिसे नरेन्द्र मोदी ने अंत में “मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ” शीर्षक के साथ साझा किया:
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– उच्च गति वाले डिजिटल हाइवे राष्ट्र को एकता में बाँधते हैं
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– 1.2 अरब जुड़े भारतीय नवीनता को लाते हैं
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– ज्ञान शक्ति है – और लोगों को सशक्त करता है
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– जानकारी तक पहुँचने के लिए अवरोध न हो
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– सरकार खुली हो – और सरकार पारदर्शी
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– तकनीक सुनिश्चित करे कि नागरिक-सरकार संबंध भ्रष्टाचार रहित हों
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– सरकारी सेवाएँ मोबाइल डिवाइसों पर नागरिकों के लिए आसानी और दक्षतापूर्वक उपलब्ध हों
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– सरकार सक्रिय रूप से सॉशल मीडिया के द्वारा लोगों के साथ जुड़े
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– डिजिटल शिक्षण द्वारा चलाई जाने वाली गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दूरस्थ स्थानों तक पहुँचे
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– ई-हेल्थकेयर द्वारा सशक्त गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवा दूरस्थ क्षेत्रों तक फैले
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– किसान वैश्विक बाजारों से जुड़ने के लिए रीयल-टाइम जानकारी के साथ सशक्त हों
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– मोबाइल सक्षम आपातकालीन सेवाएँ व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करें
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– सायबर सुरक्षा हमारे राष्ट्र की सुरक्षा का एक अभिन्न अंग बने
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– मोबाइल और ई-बैंकिंग वित्तीय समावेश को सुनिश्चित करें
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– ई-कॉमर्स एंटरप्रेन्योरशिप को आगे बढ़ाती है
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– भारत की ओर विश्व अगले बड़े विचार के रूप में देखे
मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूँ जहाँ– नागरिक एक सशक्त नागरिक हो कृषि और तकनीक को एकीकृत करते हुए सायबरमीडिया ICT बिजनेस पुरस्कार 2013 ने दिल्ली में श्री मोदी को ICT और हार्डवेयर क्षेत्रों के बारे में बात करने के लिए सही स्थान दिया क्योंकि ये यूपीए सरकार द्वारा उपेक्षित क्षेत्रों में से एक हैं। श्री मोदी ने जनता को बताया कि आईटी का उपयोग शिक्षा के हिसाब से आगे निकल चुके स्त्री और पुरुषों एवं किसानों को शिक्षित करने के लिए किया जा सकता है उन्होंने सुनिश्चित किया कि उनकी जनता को एक स्वप्न और दृष्टा के बीच अंतर मालूम है।
स्वास्थ्य सुरक्षा क्षेत्र में परिवर्तन भाजपा राष्ट्रीय परिषद सभा में श्री मोदी ने स्वास्थ्य सुरक्षा क्षेत्र को सुधारने के महत्व पर और देश के प्रत्येक राज्य में एक एम्स प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया, एक बिंदु जिसे उन्होंने अपने भाषण में उठाया। उनकी राय थी कि बीमारी का पता करने के बजाय हमें बेहतरी पर ध्यान देना चाहिए।
सुनिश्चित करना कि सभी युवा कन्याएँ विद्यालयों में पंजीबद्ध हों कन्या को शिक्षित करने के लिए नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य उनके भाषणों में सतत् विषयवस्तु रही है। गुजरात में 100 प्रतिशत नामांकन करने के बाद अब वह उसे संपूर्ण भारत में सुनिश्चित करने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने भाजपा राष्ट्रीय परिषद सभा के दौरान और कई साक्षात्कारों में अपने विचारों को व्यक्त किया है।
रोजगार दरों को सुधारने के लिए कौशल विकास को प्राथमिकता देना देश के युवा को रोजगार मिले यह सुनिश्चित करने में नरेन्द्र मोदी ने कौशल विकास को सबसे महत्वपूर्ण चरण मानते हुए हमेशा इसकी आवश्यकता पर बल दिया है। “हमारा जनसंख्या लाभांश हमारी मजबूती है। युवाओं के पास वह चीज है जो उन्हें नवीनतम तकनीक में व्यक्त रखती है…।हमारे युवा कुशल, और रचनात्मकता एवं नवीनता से परिपूर्ण हैं। जब हम हमारे युवा को अवसर देते हैं तो हम विश्व को भी बहुत कुछ दे सकते हैं।” उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय डिजिटल वार्ता के 8वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने इरोड की अपनी यात्रा पर इस समस्या को उठाया साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का ध्यान रोजगार निर्माण करने पर होगा।
रोजगार दरों को सुधारने के लिए कौशल विकास को प्राथमिकता देना देश के युवा को रोजगार मिले यह सुनिश्चित करने में नरेन्द्र मोदी ने कौशल विकास को सबसे महत्वपूर्ण चरण मानते हुए हमेशा इसकी आवश्यकता पर बल दिया है। “हमारा जनसंख्या लाभांश हमारी मजबूती है। युवाओं के पास वह चीज है जो उन्हें नवीनतम तकनीक में व्यक्त रखती है…।हमारे युवा कुशल, और रचनात्मकता एवं नवीनता से परिपूर्ण हैं। जब हम हमारे युवा को अवसर देते हैं तो हम विश्व को भी बहुत कुछ दे सकते हैं।” उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय डिजिटल वार्ता के 8वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने इरोड की अपनी यात्रा पर इस समस्या को उठाया साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का ध्यान रोजगार निर्माण करने पर होगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर विकास अगली पीढ़ी इंस्फ्रास्ट्रक्चर के लिए नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण ने राष्ट्रीय परिषद में उनके भाषण के दौरान इसका प्रारंभ किया। तब से श्री मोदी ने अपने कई अभियान भाषणों और साक्षात्कारों में संपूर्ण देश में व्यापक स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने और निर्माण करने पर जोर दिया। चाहे यह उच्च गति वाले रेलवे नेटवर्क बिछाने का कार्य हो, किसानों के लिए अधिक भंडारण सुविधाओं का निर्माण करना हो, औद्योगिक गलियारे बनाने का कार्य हो, पोत सुविधाएँ सुधारना हो, एक ब्रांड भारत बनाने के लिए निर्माण क्षेत्र पर ध्यान देना ये सभी उनके भाषणों के दौरान दोहराई जाने वाली विषयवस्तु थीं।
भाजपा राष्ट्रीय परिषद में नरेन्द्र मोदी ने अपने ‘सपनों का भारत’ भारत के बारे में अपने विचार को रखा:
सत्यमेव जयते (केवल सत्य की जीत होती है)
मेरे सपनों का भारत: वासुदेव कुटुंबकम (संपूर्ण विश्व एक परिवार है) मेरे सपनों का भारत: अहिंसा परमो धर्म (अहिंसा प्रमुख कतर्व्य है) मेरे सपनों का भारत: आनो भद्र क्रत्वो यंतु विश्वता (अच्छे विचारों को हर जगह – संपूर्ण विश्व – से आने दो) मेरे सपनों का भारत: सर्व पंथ संभावना (सभी मार्गों के प्रति समानता) मेरे सपनों का भारत: मेरे सपनों का भारत – एकम सद विप्र बहुधा वदंती (अस्तित्व एक है, शिक्षा इसे विभिन्न प्रकार से व्यक्त करती है) मेरे सपनों का भारत: सर्वे भवंतु सुखिना, सर्वे संतु निरामया (सभी खुश रहें, सभी स्वस्थ्य रहें) मेरे सपनों का भारत: सहा नवावातु, सहा नउ भुनक्तु, सहा वीर्य कर्वावाही (हम सभी सुरक्षित, पोषित रहें और अधिक ऊर्जा के साथ कार्य करें) मेरे सपनों का भारत: ना त्याहन कमाये राज्यम, ना स्वर्ग ना पुर्नभवन, कमाये दुखत्पतनम प्राणिणअमृतिनाशनम (खुशी राज्य की इच्छा में समाहित नहीं होती है, न ही स्वर्ग या पुनर्जन्म में, यह सभी जीवित प्राणियों के कष्ट और पीड़ा को शांत करने में समाहित होता है) मेरे सपनों का भारत: जननी जन्मभूमिच्छा, स्वर्गदापी गारियासी (माँ और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है) मेरे सपनों का भारत: पौधों में भी परमात्मा होते हैं (भगवान पौधों में भी निवास करते हैं) मेरे सपनों का भारत: वैष्णव जन तो तेने रे कहिए, जे पीर पराई जाने रे (विष्णु के भक्त वे लोग हैं जो दूसरों के कष्ट का अनुभव करते हैं,) मेरे सपनों का भारत: वाच काच मन निश्चल राखे, परधान नव झाले हाथ रे (ऐसा व्यक्ति जो वर्णभेदी नहीं है और दूसरों के पैसों को छूता नहीं है) मेरे सपनों का भारत: यत्र नरयस्तु पूजयंते रमंते तत्र देवता (जहाँ स्त्री का सम्मान होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं) मेरे सपनों का भारत: नारी तू नारायणी (स्त्री वास्तविक देवी है) मेरे सपनों का भारत: दरिद्र नारायण की सेवा (गरीबों की सेवा) मेरे सपनों का भारत: नर करनी करे तो नारायण हो जाए (पुरुष अपने कार्यों से भगवान बन सकता है)