शहरी गरीब एवं मध्‍यमवर्गीय परिवारों के लिए 1 करोड़ आवास बनाए जाएंगे
पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत ₹10 लाख करोड़ का निवेश और 2.30 लाख करोड़ की सरकारी सब्सिडी

आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 को मंजूरी दे दी है। पीएमएवाई-यू 2.0 पांच वर्षों में शहरी क्षेत्रों में घर बनाने, खरीदने या किराए पर लेने के लिए राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों/प्राथमिक ऋण संस्थानों (पीएलआई) के माध्यम से 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को केंद्रीय सहायता प्रदान करेगी। इस योजना के तहत ₹ 2.30 लाख करोड़ की सरकारी सहायता प्रदान की जाएगी I

प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी विश्व की सबसे बड़ी किफायती आवास परियोजनाओं में से एक है। 2015 में शुरू की गई इस योजना ने देशभर में करोड़ों परिवारों को सभी बुनियादी सुविधाओं सहित उनका अपना पक्का आवास प्रदान कर उन्हें नई पहचान दिलाई है। पीएमएवाई-यू के तहत 1.18 करोड़ आवासों को स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 85.5 लाख से अधिक आवास पूरे कर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं और बाकी आवास निर्माणाधीन हैं ।

माननीय प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2023 को लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषणा की थी कि भारत सरकार आने वाले वर्षों में कमजोर वर्ग और मध्यम वर्ग के परिवारों को घर के स्वामित्व का लाभ प्रदान करने के लिए एक नई योजना लाएगी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 जून 2024 को पात्र परिवारों की संख्या में वृद्धि के कारण उत्पन्न होने वाली आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 3 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी परिवारों को घरों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान करने का संकल्प लिया था। माननीय प्रधानमंत्री के विजन के अनुसरण में, ₹10 लाख करोड़ के निवेश के साथ पीएमएवाई-यू 2.0 योजना के तहत, एक करोड़ पात्र परिवारों की पक्के आवास की आवश्यकता को पूरा किया जाएगा तथा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक नागरिक बेहतर जीवन जी सके।

इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)/निम्न आय वर्ग (एलआईजी) को उनके पहले घर के निर्माण/खरीद के लिए बैंकों/हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी)/प्राथमिक ऋण संस्थानों से लिए गए किफायती आवास ऋण पर क्रेडिट रिस्क गारंटी का लाभ प्रदान करने के लिए क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड ट्रस्ट (सीआरजीएफटी) का कॉर्पस फंड ₹1,000 करोड़ से बढ़ाकर ₹3,000 करोड़ कर दिया गया है। साथ ही, क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड का प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) से राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी कंपनी (एनसीजीटीसी) को हस्तांतरित किया जाएगा। क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड योजना का पुनर्गठन किया जा रहा है और संशोधित दिशानिर्देश आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा जारी किए जाएंगे।

पीएमएवाई-यू 2.0 संबंधी पात्रता मापदंड

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)/निम्न आय वर्ग (एलआईजी)/मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) परिवार, जिनके पास देश में कहीं भी अपना कोई पक्का घर नहीं है, वे पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत घर खरीदने या निर्माण करने के पात्र होंगे ।

• ₹3 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को ईडब्ल्यूएस,

• ₹3 लाख से ₹6 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को एलआईजी, और

• ₹6 लाख से ₹9 लाख तक वार्षिक आय वाले परिवारों को एमआईजी के रूप में परिभाषित किया गया हैI

योजना का कवरेज

जनगणना 2011 के अनुसार सभी वैधानिक शहर और बाद में अधिसूचित शहर, जिसमे अधिसूचित योजना क्षेत्र, औद्योगिक विकास प्राधिकरण/विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण/शहरी विकास प्राधिकरण या ऐसे किसी भी प्राधिकरण जिसे राज्य विधान के तहत शहरी नियोजन और विनियमों के कार्य सौंपे गए हैं, के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र शामिल हैं, उन्हें भी पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत शामिल किया जाएगा।

योजना के अंतर्गत घटक

पीएमएवाई-यू 2.0 का कार्यान्वयन निम्नलिखित चार घटकों के माध्यम से किया जाएगा:

(i) लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी)- इस घटक के माध्यम से ईडब्ल्यूएस श्रेणियों से संबंधित व्यक्तिगत पात्र परिवारों को उनकी भूमि पर नए आवास बनाने के लिए केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाएगी। जिन लाभार्थियों के पास उनकी अपनी भूमि नहीं है, उन्हें राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा भूमि अधिकार (पट्टा) प्रदान किया जाएगा।

(ii) भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी)– इस घटक के तहत किफायती आवासों का निर्माण सार्वजनिक/निजी संस्थाओं द्वारा किया जाएगा और ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर आवंटन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

• यदि लाभार्थी निजी क्षेत्र की परियोजनाओं में आवास खरीदता है तो लाभार्थियों को रिडीमेबल हाउसिंग वाउचर के रूप मे केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी। राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों/यूएलबी द्वारा ऐसी परियोजनाओं को व्हाइटलिस्ट किया जाएगा।

• नवीन निर्माण तकनीकों का उपयोग करने वाली एएचपी परियोजनाओं को टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट (टीआईजी) के रूप में ₹1,000 प्रति वर्गमीटर की दर से अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जाएगा।

(iii) किफायती किराये के आवास (एआरएच)- इस घटक में शहरी प्रवासियों कामकाजी महिलाओं/औद्योगिक श्रमिकों/शहरी प्रवासियों/बेघर/निराश्रित/छात्रों और अन्य समान हितधारकों के लाभार्थियों के लिए पर्याप्त किराये के आवासों का निर्माण किया जाएगा। एआरएच उन शहरी निवासियों के लिए किफायती और रहने की स्वच्छ जगह सुनिश्चित करेगा जो स्वामित्व में अपना घर नहीं चाहते हैं या जिनके पास घर बनाने/खरीदने की वित्तीय क्षमता नहीं है, लेकिन उन्हें अल्पावधि के लिए आवास की आवश्यकता है।

एआरएच को निम्नलिखित दो मॉडलों के माध्यम से लागू किया जाएगा:

• मॉडल 1: सरकार द्वारा वित्तपोषित खाली आवासों को किराये के आवास में परिवर्तित किया जाएगा।

• मॉडल 2: सार्वजनिक/निजी संस्थाएं नए किराये के आवास का निर्माण करेंगी।

नवीन निर्माण तकनीकों का उपयोग करने वाली परियोजनाओं को टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट के रूप में ₹5,000 प्रति वर्गमीटर की दर से अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जाएगा (भारत सरकार - ₹3,000/वर्गमीटर+ राज्य सरकार- ₹2000/वर्गमीटर)।

(iv) ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस)– यह घटक ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी परिवारों के लिए गृह ऋण पर सब्सिडी का लाभ प्रदान करेगा। ₹35 लाख तक की कीमत वाले मकान के लिए ₹25 लाख तक का गृह ऋण लेने वाले लाभार्थी 12 वर्ष की अवधि तक के पहले 8 लाख रुपये के ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के पात्र होंगे। पात्र लाभार्थियों को 5-वार्षिक किश्तों में पुश बटन के माध्यम से ₹1.80 लाख की सब्सिडी जारी की जाएगी। लाभार्थी वेबसाइट, ओटीपी या स्मार्ट कार्ड के जरिए अपने खाते की जानकारी ले सकते हैं।

पीएमएवाई-यू 2.0 के बीएलसी, एएचपी और एआरएच घटकों को केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा जबकि ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) घटक को केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में लागू किया जाएगा। लाभार्थी योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु चारों घटकों में से अपनी पात्रता और पसंद के अनुसार एक घटक का चुनाव कर सकते हैं।

वित्त पोषण तंत्र

आईएसएस घटक को छोड़कर, बीएलसी, एएचपी और एआरएच के तहत घर निर्माण की लागत मंत्रालय, राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश/यूएलबी और पात्र लाभार्थियों के बीच साझा की जाएगी। पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत एएचपी/बीएलसी घटकों में सरकारी सहायता ₹2.50 लाख प्रति वर्ग होगी। राज्य/ केन्द्र शासित प्रदेश का हिस्सा अनिवार्य होगा। बिना विधायिका वाले केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए, केंद्रीय: राज्य शेयरिंग पैटर्न 100:0 होगा, विधायिका वाले केन्द्र शासित प्रदेशों (दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी), उत्तर-पूर्वी राज्यों और हिमालयी राज्यों (हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) के लिए शेयरिंग पैटर्न 90:10 होगा। अन्य राज्यों के लिए शेयरिंग पैटर्न 60:40 होगा। घरों की सामर्थ्य में सुधार के लिए, राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश और यूएलबी लाभार्थियों को अतिरिक्त सहायता दे सकते हैं।

आईएसएस घटक के तहत, पात्र लाभार्थियों को 5-वार्षिक किश्तों में ₹1.80 लाख तक की केंद्रीय सहायता दी जाएगी।

विस्तृत शेयरिंग पैटर्न नीचे दिया गया है।

क्र. सं.

 

राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश

पीएमएवाई-यू 2.0 घटक

बीएलसी एवं एएचपी

एआरएच

आईएसएस

  1.  

उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के राज्यहिमाचल प्रदेशउत्तराखंड और केन्द्र शासित प्रदेश (यूटी) जम्मू-कश्मीरपुडुचेरी और दिल्ली

केंद्र सरकार- 2.25 लाख रुपये प्रति आवास

राज्य सरकार- न्यूनतम 0.25 लाख रुपये प्रति आवास

 

प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान
 

भारत सरकार: 3,000 रुपये/वर्गमीटर प्रति आवास

राज्य का हिस्सा: 2,000 रुपये/वर्गमीटर प्रति आवास

गृह ऋण सब्सिडी - केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में भारत सरकार द्वारा प्रति आवास 1.80 लाख रुपये  (वास्तविक रिलीज) तक

  1.  

अन्य सभी केंद्र शासित प्रदेश

केंद्र सरकार - 2.50 लाख रुपये प्रति आवास

  1.  

शेष राज्य    

केंद्र सरकार- 1.50 लाख रुपये प्रति आवास

राज्य सरकार- न्यूनतम 1.00 लाख रुपए प्रति आवास

टिप्पणियां:

  • पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश का हिस्सा अनिवार्य होगा। राज्य के न्यूनतम हिस्से के अलावाराज्य सरकारें वहनीयता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त टॉप-अप शेयर भी प्रदान कर सकती हैं।

बी. केंद्रीय सहायता के अलावा,  आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय कार्यान्वयन एजेंसियों को 30 वर्ग मीटर प्रति इकाई के लिए निर्मित क्षेत्र (आंतरिक बुनियादी ढांचे सहित) पर एएचपी परियोजनाओं के तहत किसी भी अतिरिक्त लागत असर के प्रभाव की भरपाई के लिए 1,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से नवीन निर्माण सामग्रीप्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं का उपयोग करने वाली परियोजनाओं के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान (टीआईजी) प्रदान करेगा।

प्रौद्योगिकी एवं नवाचार उप-मिशन (टीआईएसएम)

प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 के तहत प्रौद्योगिकी और नवाचार उप-मिशन (टीआईएसएम) राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/शहरों को जलवायु स्मार्ट भवनों और रिज़िल्यन्ट आवासों के निर्माण के लिए आपदा प्रतिरोधी और पर्यावरण अनुकूल निर्माण तकनीकों के उपयोग में सहायता करेगी।

किफायती आवास नीति

पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत लाभ प्राप्त करने हेतु, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सार्वजनिक/निजी संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने और 'किफायती आवास नीति' में ऐसे सुधार शामिल होंगे जिससे 'किफायती आवास' की अफोर्डेबिलिटी में सुधार होगा।

प्रभाव

प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी श्रेणी के आवास के सपनों को पूरा करके 'सबके लिए आवास' के विजन को प्राप्त करेगी। यह योजना झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों, विधवाओं, विकलांग व्यक्तियों और समाज के अन्य वंचित वर्गों की आवश्यकताओं को पूरा करके जनसंख्या के विभिन्न वर्गों में समानता सुनिश्चित करेगी। पीएमस्वनिधि योजना के तहत चिन्हित सफाईकर्मियों, स्ट्रीट वेंडरों और प्रधानमंत्री-विश्वकर्मा योजना के तहत विभिन्न कारीगरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों, झुग्गी-झोपड़ियों/चॉलों के निवासियों और पीएमएवाई-यू 2.0 के संचालन के दौरान पहचाने गए अन्य समूहों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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December 23, 2024
Rozgar Melas are empowering the youth and unlocking their potential, Best wishes to the newly inducted appointees: PM
Today the youth of India is full of new confidence, succeeding in every sector: PM
The country had been feeling the need for a modern education system for decades to build a new India, Through the National Education Policy, the country has now moved forward in that direction: PM
Our effort is to make women self-reliant in every field: PM

नमस्कार !

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगीगण, देश के कोने-कोने में उपस्थित अन्य महानुभाव, और मेरे युवा साथियों,

मैं कल देर रात ही कुवैत से लौटा हूं… वहां मेरी भारत के युवाओं से, प्रोफेशनल्स से लंबी मुलाकात हुई, काफी बातें हुईं। अब यहां आने के बाद मेरा पहला कार्यक्रम देश के नौजवानों के साथ हो रहा है। ये एक बहुत ही सुखद संयोग है। आज देश के हजारों युवाओं के लिए, आप सबके लिए जीवन की एक नई शुरुआत हो रही है। आपका वर्षों का सपना पूरा हुआ है, वर्षों की मेहनत सफल हुई है। 2024 का ये जाता हुआ साल आपको, आपके परिवारजनों को नई खुशियां देकर जा रहा है। मैं आप सभी नौजवानों को और आपके परिवारों को अनेक-अनेक बधाई देता हूं।

साथियों,

भारत के युवाओं के सामर्थ्य और प्रतिभा का भरपूर उपयोग हमारी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। रोजगार मेलों के जरिए हम लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं। पिछले 10 वर्षों से सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संस्थाओं में सरकारी नौकरी देने का अभियान चल रहा है। आज भी 71 हजार से ज्यादा युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। बीते एक डेढ़ साल में ही लगभग 10 लाख युवाओं को हमारी सरकार ने पक्की सरकारी नौकरी दी है। ये अपने आप में बहुत बड़ा रिकॉर्ड है। पहले की किसी भी सरकार के समय इस तरह मिशन मोड में युवाओं को भारत सरकार में पक्की नौकरी नहीं मिली है। लेकिन आज देश में न केवल लाखों युवाओं को सरकारी नौकरियाँ मिल रही हैं बल्कि ये नौकरियां पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ दी जा रही हैं। मुझे खुशी है कि इस पारदर्शी परंपरा से आए युवा भी पूरी निष्ठा और ईमानदारी से राष्ट्र की सेवा में जुट रहे हैं।

साथियों,

किसी भी देश का विकास उसके युवाओं के श्रम, सामर्थ्य और नेतृत्व से होता है। भारत ने 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का संकल्प लिया है। हमें इस संकल्प पर भरोसा है, इस लक्ष्य की प्राप्ति का विश्वास है। वो इसलिए, क्योंकि भारत में हर नीति, हर निर्णय के केंद्र में भारत का प्रतिभाशाली युवा है। आप पिछले एक दशक की पॉलिसीज़ को देखिए, मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत अभियान, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, ऐसी हर योजना युवाओं को केंद्र में रखकर बनाई गई है। भारत ने अपने स्पेस सेक्टर में नीतियां बदलीं, भारत ने अपने डिफेंस सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया और इसका सबसे ज्यादा लाभ भारत के युवाओं को हुआ। आज भारत का युवा, नए आत्मविश्वास से भरा हुआ है। वो हर सेक्टर में अपना परचम लहरा रहा है। आज हम दुनिया की 5th largest economy बन गए हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप eco-system बन गया है। आज जब एक युवा अपना स्टार्टअप शुरू करने का फैसला करता है, तो उसे एक पूरा इकोसिस्टम अपने साथ सहयोग के लिए मिलता है। आज जब कोई युवा स्पोर्ट्स में करियर बनाने का प्लान करता है, तो उसे ये विश्वास होता है कि वो असफल नहीं होगा। आज स्पोर्ट्स में ट्रेनिंग से लेकर टूर्नामेंट तक, हर कदम पर युवाओं के लिए आधुनिक व्यवस्थाएं बन रही हैं। आज कितने ही सेक्टर्स में हम complete transformation देख रहे हैं। आज भारत mobile manufacturing में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। आज रिन्यूबल एनर्जी से लेकर ऑर्गेनिक फार्मिंग तक, स्पेस सेक्टर से लेकर डिफेंस सेक्टर तक, टूरिज्म से लेकर वेलनेस तक, हर सेक्टर में अब देश नई ऊंचाइयां छू रहा है, नए अवसरों का निर्माण हो रहा है।

साथियों,

हमें देश को आगे बढ़ाने के लिए युवा प्रतिभा को निखारने की जरूरत होती है। ये ज़िम्मेदारी देश की शिक्षा व्यवस्था पर होती है। इसीलिए, नए भारत के निर्माण के लिए देश दशकों से एक आधुनिक शिक्षा व्यवस्था की जरूरत महसूस कर रहा था। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के जरिए देश अब उस दिशा में आगे बढ़ चुका है। पहले पाबंदियों के कारण जो शिक्षा व्यवस्था छात्रों पर बोझ बन जाती थी, वो अब उन्हें नए विकल्प दे रही है। अटल टिंकरिंग लैब्स और आधुनिक पीएम-श्री स्कूलों के जरिए बचपन से ही इनोवेटिव माइंडसेट को गढ़ा जा रहा है। पहले ग्रामीण युवाओं के लिए, दलित, पिछड़ा, आदिवासी समाज के युवाओं के लिए भाषा एक बहुत बड़ी दीवार बन जाती थी। हमने मातृभाषा में पढ़ाई और एक्जाम की पॉलिसी बनाई। आज हमारी सरकार युवाओं को 13 भाषाओं में भर्ती परीक्षाएं देने का विकल्प दे रही है। बॉर्डर जिले के युवाओं को ज्यादा मौका देने के लिए हमने उनका कोटा बढ़ा दिया है। आज बॉर्डर एरियाज के युवाओं को पक्की सरकारी नौकरी देने के लिए विशेष भर्ती रैलियां की जा रही हैं। आज ही यहाँ Central Armed Police Forces में 50 हजार से ज्यादा युवाओं को भर्ती का नियुक्ति पत्र मिला है। मैं इन सभी नौजवानों को विशेष रूप से अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

आज चौधरी चरण सिंह जी की जन्म जयंती भी है। ये हमारी सरकार का सौभाग्य है कि हमें इसी साल चौधरी साहब को भारत रत्न से सम्मानित करने का अवसर मिला। मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आज के दिन को हम किसान दिवस के रूप में मनाते हैं। इस अवसर पर मैं देश के सभी किसानों को, अन्नदाताओं को नमन करता हूं।

साथियों,

चौधरी साहब कहते थे, भारत की प्रगति तभी हो सकेगी, जब भारत के ग्रामीण क्षेत्र की प्रगति होगी। आज हमारी सरकार की नीतियों और निर्णयों से ग्रामीण भारत में भी रोजगार और स्वरोजगार के नए मौके बन रहे हैं। एग्रीकल्चर सेक्टर में बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिला है, उन्हें अपने मन का काम करने के लिए मौका मिला है। जब सरकार ने गोबरधन योजना के तहत देश में सैकड़ों गोबरगैस प्लांट बनाए, तो इससे बिजली तो पैदा हुई ही, हजारों नौजवानों को नौकरी भी मिली। जब सरकार ने देश की सैकड़ों कृषि मंडियों को ई-नाम योजना से जोड़ने का काम शुरू किया, तो इससे भी नौजवानों के लिए रोजगार के अनेक नए अवसर बने। जब सरकार ने इथेनॉल की ब्लेडिंग को 20 परसेंट तक बढ़ाने का फैसला किया, तो इससे किसानों को मदद तो हुई ही, शुगर सेक्टर में नई नौकरी के भी मौके बने। जब हमने 9 हजार के लगभग किसान उत्पाद संगठन बनाए, FPO's बनाए तो इससे किसानों को नया बाजार बनाने में मदद मिली और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार भी बने। आज सरकार अन्न भंडारण के लिए हजारों गोदाम बनाने की दुनिया की सबसे बड़ी योजना चला रही है। इन गोदामों का निर्माण भी बड़ी संख्या में रोजगार और स्वरोजगार के मौके लाएगा। अभी कुछ ही दिन पहले सरकार ने बीमा सखी योजना शुरू की है। सरकार का लक्ष्य देश के हर नागरिक को बीमा सुरक्षा से जोड़ने का है। इससे भी बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के मौके बनेंगे। ड्रोन दीदी अभियान हो, लखपति दीदी अभियान हो, बैंक सखी योजना हो, य़े सारे प्रयास, ये सारे अभियान हमारे कृषि क्षेत्र में, हमारे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अंगिनत नए अवसर बना रहे हैं।

साथियों,

आज यहाँ हजारों बेटियों को भी नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। आपकी सफलता दूसरी महिलाओं को प्रेरित करेगी। हमारा प्रयास है कि हर क्षेत्र में महिलाएं आत्मनिर्भर बनें। गर्भवती महिलाओं को 26 हफ्ते की छुट्टी के हमारे फैसले ने लाखों बेटियों के करियर को बचाया है, उनके सपनों को टूटने से रोका है। हमारी सरकार ने हर उस बाधा को दूर करने का प्रयास किया है, जो महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकती हैं। आजादी के बाद वर्षों तक, स्कूल में अलग टॉयलेट ना होने की वजह से अनेक छात्राओं की पढ़ाई छूट जाती थी। स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा हमने इस समस्या का समाधान किया। सुकन्या समृद्धि योजना ने सुनिश्चित किया कि बच्चियों की पढ़ाई में आर्थिक परेशानी ना आए। हमारी सरकार ने 30 करोड़ महिलाओं के जनधन खाते खोले, जिससे उन्हें सरकार की योजनाओं का सीधा फायदा मिलने लगा। मुद्रा योजना से महिलाओं को बिना गारंटी लोन मिलने लगा। महिलाएं पूरे घर को संभालती थीं, लेकिन संपत्ति उनके नाम पर नहीं होती थी। आज पीएम आवास योजना के तहत मिलने वाले ज्यादातर घर महिलाओं के ही नाम पर हैं। पोषण अभियान, सुरक्षित मातृत्व अभियान और आयुष्मान भारत के माध्यम से महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। हमारी सरकार में नारीशक्ति वंदन अधिनियम के द्वारा विधानसभा और लोकसभा में महिलाओं को आरक्षण मिला है। आज हमारा समाज, हमारा देश, women led development की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

साथियों,

आज जिन युवा साथियों को नियुक्ति पत्र मिला है, वो एक नई तरह की सरकारी व्यवस्था का हिस्सा बनने जा रहे हैं। सरकारी दफ्तर, सरकारी कामकाज की जो पुरानी छवि बनी हुई थी, पिछले 10 वर्षों में उसमें बड़ा बदलाव आया है। आज सरकारी कर्मचारियों में ज्यादा दक्षता और उत्पादकता दिख रही है। ये सफलता सरकारी कर्मचारियों ने अपनी लगन और मेहनत से हासिल की है। आप भी यहां इस मुकाम तक इसलिए पहुंचे, क्योंकि आप में सीखने की ललक है, आगे बढ़ने की उत्सुकता है। आप आगे के जीवन में भी इसी अप्रोच को बनाए रखें। आपको सीखते रहने में iGOT कर्मयोगी इससे बहुत मदद मिलेगी। iGOT में आपके लिए 1600 से ज्यादा अलग-अलग प्रकार के कोर्स उपलब्ध हैं। इसके माध्यम से आप बहुत कम समय में, प्रभावी तरीके से विभिन्न विषयों में कोर्स कंप्लीट कर सकते हैं। आप युवा हैं, आप देश की ताकत हैं। और, ऐसा कोई लक्ष्य नहीं, जिसे हमारे युवा हासिल ना कर सकें। आपको नई ऊर्जा के साथ नई शुरुआत करनी है। मैं एक बार फिर आज नियुक्ति पत्र पाने वाले युवाओं को बधाई देता हूं। आपके उज्ज्वल भविष्य की ढेर सारी शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।