केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे पॉलिसी-आधारित पहलों ने राष्ट्र की उद्यमशीलता की भावना के साथ मिलकर भारत को इनोवेशन और टेक्नोलॉजी-आधारित ग्रोथ में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित किया है। हालिया डेटा पर विचार करते हुए, श्री गोयल ने भारत के दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में उभरने का उत्सव मनाया, जिसमें 1,57,000 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स 17.2 लाख डायरेक्ट जॉब्स पैदा कर रहे हैं।
श्री गोयल ने कहा, "2014 में भारत में सिर्फ़ एक दर्जन स्टार्टअप थे। आज यह संख्या बढ़कर 1,57,000 हो गई है। यह सिर्फ़ एक आंकड़ा नहीं है - यह हमारे नेतृत्व की असाधारण दूरदर्शिता, हमारे उद्यमियों की दृढ़ता और इनोवेशन और उद्यम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार की नीतियों की सफलता का प्रमाण है। आज भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनकर उभरा है और यह उल्लेखनीय उपलब्धि हमारे उद्यमियों की कड़ी मेहनत, हमारे निवेशकों के समर्थन और हमारी सरकार की दूरदर्शी नीतियों का प्रमाण है।"
मंत्री ने स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स (FFS) की सफलता पर प्रकाश डाला, जो विशेष रूप से टियर II और टियर III शहरों में उभरते उद्यमियों के लिए पूंजी तक बहुत जरूरी पहुंच प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई पहल है। उन्होंने FFS का एक ट्रांसफॉर्मेटिव टूल के रूप में उल्लेख किया जिसने पर्याप्त निजी निवेश जुटाए हैं, स्टार्टअप्स को अपने संचालन को बढ़ाने और देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए सशक्त बनाया है।
भारतीय स्टार्टअप्स के ग्रोथ को बढ़ावा देने में प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "PE और VC फर्मों के साथ हमारा सहयोग इनोवेशन का समर्थन करने और स्टार्टअप्स की यात्रा को विचार से लेकर क्रियान्वयन तक तेज करने में सहायक रहा है। इस साझेदारी ने न केवल फंडिंग प्रदान की है, बल्कि वैश्विक विशेषज्ञता और नेटवर्क भी लाए हैं, जिससे हमारे स्टार्टअप्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिली है।"
उन्होंने उद्यमशीलता की सफलता के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के महत्व को भी रेखांकित किया। अत्याधुनिक इनक्यूबेशन सेंटर से लेकर इनोवेशन हब और टेक्नोलॉजी पार्क तक, श्री गोयल ने बताया कि कैसे सरकार ने एक ऐसा इकोसिस्टम बनाया है जहाँ स्टार्टअप समृद्ध हो सकते हैं।
मंत्री ने आर्थिक योगदान से परे स्टार्टअप के व्यापक प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "स्टार्टअप केवल व्यवसाय नहीं हैं; वे बदलाव के एजेंट हैं। उन्होंने हमारे समय की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों का समाधान किया है - चाहे वह सस्टेनेबिलिटी हो, रिन्यूएबल-एनर्जी हो, हेल्थकेयर हो या डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन हो। अपने इनोवेशन और रेजिलिएंस के माध्यम से, वे हम सभी के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।"
भविष्य की ओर देखते हुए, श्री गोयल ने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए अपना विजन स्पष्ट किया क्योंकि यह ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा, “अगले 25 साल भारत के लिए एक निर्णायक अवधि होगी। हमारे स्टार्टअप आत्मनिर्भर, समावेशी और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सरकार उनकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है - चाहे वह नीतिगत पहल हो, इंफ्रास्ट्रक्चर हो या पूंजी तक पहुँच हो।”
उन्होंने स्टार्टअप इकोसिस्टम में समावेशिता की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला, विशेष रूप से महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर। श्री गोयल ने कहा, "महिलाएं भारत की ग्रोथ स्टोरी के केंद्र में हैं। महिला उद्यमिता मंच जैसी लक्षित पहलों के माध्यम से, हम महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप को सशक्त बना रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनके पास आगे बढ़ने के लिए संसाधन और अवसर हों।"
मंत्री ने भारत के एन्टरप्रेन्योरियल इकोसिस्टम और देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने की इसकी क्षमता पर विश्वास व्यक्त करते हुए अपना भाषण समाप्त किया। श्री गोयल ने कहा, "भारत के स्टार्टअप हमारे इकोनॉमिक ट्रांसफॉर्मेशन के अग्रदूत हैं। सरकार के अटूट समर्थन, निवेशकों के भरोसे और हमारे उद्यमियों की इनोवेटिव स्पिरिट के साथ, हम सस्टेनेबल और इंक्लूजिव ग्रोथ की राह पर अग्रसर हैं।"