Chief Minister Narendra Modi had started Swagat Online (State Wide Attention on Grievances through Application of Technology) with the purpose of solving the problems and grievances of the common man online through the medium of Technology in the year 2003. 50 episodes of Swagat Online were completed on last Thursday.
Swagat project is been hosted on every 4th Thursday of the month in the presence of Chief Minister Narendra Modi in the Jansampark Department of his Chief Minister Office. In his presence with all the department heads and the district representatives, the grievance of the common man are addressed through Video conferencing and solutions are provided online to the common man immediately.
Through the medium of ‘Swagat Online' justice is provided to the common man. All the department heads try to find the solution to the common man's problem in the best possible way. In the 5o episodes till date 65273 applications have been received from Sachivalay, district and taluka sections of Swagat of which 60350 applications of people are solved, which means justice to 92.45% application is done. Rests of the applications are in the process of getting solved, because of the legal procedure involved the status on these applications is pending.
Swagat has provided common man with a platform to get justice. The initiative taken by Chief Minister is been appreciated through out on national and international level in the studies on how to make democracy more efficient. Gujarat's structured administration and E – Governance department's E - transparency with E – accountability and its successful strategies and experiments with technology has attracted attention of the various administrative officials in the entire nation.
In last one and a half years Narendra Modi has expanded the platform for Swagat by inviting applications from Talukas also and not just restricting it to Sachivalaya and districts. In the program till date 27845 applications have been received from Talukas of which 24895 applications are solved.
Chief Minister had listened to the grievances of the people with utmost sensibility and asked the governing officials to provide justice. He also suggested the ways to make Swagat Online effective to the district and Taluka officials and expanding programs reach to the common man from all the places of Gujarat.
Delhi's voters have resolved to free the city from 'AAP-da': PM Modi
January 03, 2025
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प्रधानमंत्री ने अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 1,675 नवनिर्मित फ्लैटों का उद्घाटन किया
श्री मोदी ने कहा कि आज दिल्ली के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, शहर के विकास को गति देने के लिए आवास, बुनियादी ढांचे और शिक्षा में परिवर्तनकारी परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं
केंद्र सरकार ने झुग्गियों के स्थान पर पक्के आवास बनाने का अभियान शुरू किया है: श्री मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति गरीब परिवारों के बच्चों को नए अवसर प्रदान करने की नीति है
भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी मनोहर लाल जी, धमेंन्द्र प्रधान जी, तोखन साहू जी, डॉक्टर सुकांता मजुमदार जी, हर्ष मल्होत्रा जी, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना जी, संसद में मेरे सभी साथीगण, विधायकगण और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।
आप सभी को, साल 2025 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। साल 2025, भारत के विकास के लिए अनेक नई संभावनाएं लेकर आ रहा है। दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने की तरफ हमारी यात्रा इस वर्ष और तेज़ होने वाली है। आज भारत, दुनिया में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता का प्रतीक बना है। साल 2025 में भारत की ये भूमिका और सशक्त होगी। ये वर्ष विश्व में भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को और सशक्त करने का वर्ष होगा, ये वर्ष भारत को दुनिया का बड़ा मैनुफैक्चरिंग हब बनाने का वर्ष होगा, ये वर्ष, युवाओं को नए स्टार्टअप और आंत्रप्रेन्योरशिप में तेजी से आगे बढ़ाने का वर्ष होगा, ये वर्ष कृषि क्षेत्र में नए कीर्तिमानों का वर्ष होगा। ये वर्ष वूमन लेड डवलपमेंट के हमारे मंत्र को नई ऊंचाई देने का वर्ष होगा, ये वर्ष Ease of Living बढ़ाने, क्वालिटी ऑफ लाइफ बढ़ाने का वर्ष होगा। आज का ये कार्यक्रम भी इसी संकल्प का एक हिस्सा है।
साथियों,
आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है, उनमें गरीबों के घर हैं, स्कूल और कॉलेज से जुड़े प्रोजेक्ट्स हैं। मैं आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। विशेष रूप से मैं उन साथियों को, उन माताओं-बहनों को बधाई देता हूं, जिनकी एक तरह से अब नई ज़िंदगी शुरु हो रही है। झुग्गी की जगह पक्का घर, किराए के घर की जगह अपना घर, ये नई शुरुआत ही तो है। जिनको ये घर मिले हैं, ये उनके स्वाभिमान का घर है। ये आत्मसम्मान का घर है। ये नई आशाओं, नए सपनों का घर है। मैं आप सभी की खुशियों में, आपके उत्सव का हिस्सा बनने ही आज यहां आया हूं। और आज जब यहां आया हूं तो काफी पुरानी यादें ताजा होना बहुत स्वाभाविक है। आप में से शायद कुछ लोगों को पता होगा, जब आपातकाल का समय था, देश इंदिरा गांधी के तानाशाही रवैये के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था, इमरजेंसी के खिलाफ एक लड़ाई चल रही थी, उस समय मेरे जैसे बहुत साथी अंडरग्राउंड मूवमेंट का हिस्सा थे। और उस समय ये अशोक विहार मेरा रहने का स्थान हुआ करता था। और इसलिए आज अशोक विहार में आते ही बहुत सारी पुराने यादें ताजा होना बहुत स्वाभाविक है।
साथियों,
आज पूरा देश, विकसित भारत के निर्माण में जुटा है। विकसित भारत में, देश के हर नागरिक के पास पक्की छत हो, अच्छे घर हों, ये संकल्प लेकर हम काम कर रहे हैं। इस संकल्प की सिद्धि में दिल्ली का बहुत बड़ा रोल है। इसलिए भाजपा की केंद्र सरकार ने झुग्गियों की जगह पक्का घर बनाने का अभियान शुरू किया। 2 साल पहले भी मुझे कालकाजी एक्सटेंशन में झुग्गियों में रहने वाले भाई-बहनों के लिए 3 हज़ार से अधिक घरों के शुभारंभ का अवसर मिला था। वो परिवार जिनकी अनेक पीढ़ियां सिर्फ झुग्गियों में ही रहीं, जिनके सामने कोई उम्मीद नहीं थी, वे पहली बार पक्के घरों में पहुंच रहे हैं। तब मैंने कहा था कि ये तो अभी शुरुआत है। आज यहां और डेढ़ हजार घरों की चाबी लोगों को दी गई है। ये ‘स्वाभिमान अपार्टमेंट्स, गरीबों के स्वाभिमान को, उनकी गरिमा को बढ़ाने वाले हैं। थोड़ी देर पहले जब कुछ लाभार्थियों से मेरी बातचीत हुई, तो मैं यही ऐहसास उनके भीतर देख रहा था। मैं नया उत्साह, नई ऊर्जा अनुभव कर रहा था। और वहां मुझे कुछ बालक-बालिकाओं से भी मिलने का मौका मिला, ऐसा लग रहा था कि स्वाभिमान अपार्टमेंट की ऊंचाई जो है ना उससे भी ऊंचे उनके सपने मैं देख रहा था।
और साथियों,
इन घरों के मालिक भले ही दिल्ली के अलग-अलग लोग हों, लेकिन ये सब के सब मेरे परिवार के ही सदस्य हैं।
साथियों,
देश भली-भांति जानता है कि मोदी ने कभी अपने लिए घर नहीं बनाया, लेकिन बीते 10 वर्षों में 4 करोड़ से अधिक गरीबों के घर, उनका सपना पूरा किया है। मैं भी कोई शीश महल बना सकता था। लेकिन मेरे लिए तो मेरे देशवासियों को पक्का घर मिले यही एक सपना था। और मैं आप सबको भी कहता हूं आप जब भी लोगों के बीच जाएं, लोगों को मिले और अभी भी जो लोग झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं, मेरी तरफ से उनको वादा करके आना, मेरे लिए तो आप ही मोदी हैं, वादा करके आना आज नहीं तो कल उनके लिए पक्का घर बनेगा, उनको पक्का घर मिलेगा। गरीबों के इन घरों में हर वो सुविधा है, जो बेहतर जीवन जीने के लिए ज़रूरी है। यही तो गरीब का स्वाभिमान जगाता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है, जो विकसित भारत की असली ऊर्जा है। और हम यहीं रुकने वाले नहीं हैं। अभी दिल्ली में करीब 3 हज़ार ऐसे ही और घरों के निर्माण का काम कुछ ही समय में पूरा होने वाला है। आने वाले समय में हज़ारों नए घर, दिल्ली वासियों को मिलने वाले हैं। इस क्षेत्र में, बहुत बड़ी संख्या में हमारे कर्मचारी भाई-बहन रहते हैं। उनके जो आवास थे, वे भी काफी पुराने हो चुके थे। उनके लिए भी नए आवास बनाए जा रहे हैं। दिल्ली के अभूतपूर्व विस्तार को देखते हुए ही, केंद्र सरकार, रोहिणी और द्वारका सब-सिटी के बाद, अब नरेला सब-सिटी के निर्माण को गति दे रही है।
साथियों,
विकसित भारत बनाने में बहुत बड़ी भूमिका, हमारे शहरों की है। हमारे ये शहर ही हैं, जहां दूर-दूर से लोग बड़े सपने लेकर आते हैं, पूरी ईमानदारी से उन सपनों को पूरा करने में जिंदगी खपा देते हैं। इसलिए, केंद्र की भाजपा सरकार, हमारे शहरों में रहने वाले हर परिवार को क्वालिटी लाइफ देने में जुटी है। हमारा प्रयास है कि गरीब हो या मिडिल क्लास, उसको अच्छा घर दिलाने में मदद मिले। जो नए-नए लोग गांव से शहर आए हैं, उन्हें उचित किराए पर घर मिले। जो मध्यमवर्गीय परिवार है, मिडिल क्लास है उसको भी अपना सपनों का घर पूरा करने के लिए सरकार पूरी मदद दे रही है। बीते एक दशक से ये काम लगातार, ये काम निरंतर चल रहा है। बीते 10 वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी इसके तहत देशभर में 1 करोड़ से ज्यादा घर बने हैं। इसी योजना के तहत दिल्ली में भी करीब 30 हज़ार नए घर बने हैं।
साथियों,
अब इस प्रयास को हमने और विस्तार देने की योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अगले चरण में, शहरी गरीबों के लिए एक करोड़ नए घर बनने वाले हैं। इन घरों के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ही मदद देने वाली है। साल में जिनकी आय 9 लाख रुपए से कम है, उन परिवारों को इस योजना का विशेष फायदा होगा। केंद्र सरकार मिडिल क्लास परिवारों को, मध्यमवर्गीय परिवारों का घर का सपना पूरा करने के लिए होम लोन के ब्याज में बहुत बड़ी छूट दे रही है, वो पैसे सरकार दे रही है।
साथियों,
हर परिवार का सपना होता है कि उसके बच्चे अच्छे से पढ़ें, अच्छे से सीखें और अपने पैरों पर खड़े हों। देश में अच्छे स्कूल-कॉलेज हों, यूनिवर्सिटीज़ हों, अच्छे प्रोफेशनल संस्थान हों, इस पर भाजपा सरकार द्वारा बहुत ज़ोर दिया जा रहा है। हमें सिर्फ बच्चों को पढ़ाना ही नहीं है, बल्कि वर्तमान और भविष्य की ज़रूरतों के लिए नई पीढ़ी को तैयार भी करना है। नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में इसी बात का ध्यान रखा गया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, गरीब परिवार को बच्चा हो, मध्यम परिवार की संतान हो उनको नए अवसर देने वाली नीति को लेकर चलता है। हमारे देश में मध्यमवर्ग परिवार के बच्चे हो, गरीब परिवारों के बच्चे हो, उनके लिए डॉक्टर बनना, इंजीनियर बनना, बड़ी अदालत में खड़े होकर के वकालत करना, ये सारे सपने उनके भी होते हैं। लेकिन मध्यमवर्ग के परिवार के लिए अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में बच्चों को पढ़ाना आसान नहीं होता है। गरीब के लिए बच्चों को अंग्रेजी में शिक्षा देना मुश्किल होता है। अगर मेरे मध्यमवर्ग के बच्चे, मेरे गरीब परिवार के बच्चे, क्या अंग्रेजी के अभाव में डॉक्टर-इंजीनियर नहीं बन सकते हैं क्या? उनका डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? और इसलिए आजादी के इतने सालों तक काम नहीं हुआ, वो आपके इस सेवक ने कर दिया है। अब वो अपनी मातृभाषा में पढ़कर के डॉक्टर भी बन सकता है, इंजीनियर भी बन सकता है और बड़ी से बड़ी अदालत में मुकदमा भी लड़ सकता है।
साथियों,
देश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में CBSE की बड़ी भूमिका है। इसका दायरा निरंतर बढ़ रहा है। इसको देखते हुए ही, CBSE का नया भवन बनाया है। इससे आधुनिक शिक्षा का विस्तार करने में, परीक्षा के आधुनिक तौर-तरीकों को अपनाने में मदद मिलेगी।
साथियों,
उच्च शिक्षा के मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा भी लगातार मजबूत हो रही है। और ये मेरा सौभाग्य है मुझे भी दिल्ली यूनिवर्सिटी का विद्यार्थी रहने का सौभाग्य मिला। हमारा प्रयास है कि दिल्ली के युवाओं को यहीं पर उच्च शिक्षा के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें। आज जिन नए परिसरों का शिलान्यास किया गया है, इससे हर वर्ष सैकड़ों नए साथियों को डीयू में पढ़ाई का अवसर मिलेगा। डीयू के पूर्वी कैंपस और पश्चिमी कैंपस का इंतजार लंबे समय से हो रहा था। अब ये इंतज़ार खत्म होने जा रहा है। सूरजमल विहार में पूर्वी कैंपस और द्वारका में पश्चिमी कैंपस पर अब तेज़ी से काम होगा। वहीं नज़फगढ़ में वीर सावरकर जी के नाम पर नया कॉलेज भी बनने जा रहा है।
साथियों,
एक तरफ दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार के प्रयास है, वहीं दूसरी तरफ यहां की राज्य सरकार का कोरा झूठ भी है। दिल्ली में जो लोग राज्य सरकार में पिछले 10 साल से हैं, उन्होंने यहां की स्कूली शिक्षा व्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचाया है। हालात ये है कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत जो पैसे भारत सरकार ने दिये ये दिल्ली में ऐसी सरकार बैठी है जिसको दिल्ली के बच्चों की भविष्य की परवाह नहीं है, जो पैसे शिक्षा के लिए भारत सरकार ने दिये, आधे पैसे भी पढ़ाई के लिए खर्च नहीं कर पाए ये लोग।
साथियों,
ये देश की राजधानी है, दिल्ली वासियों का हक है, उनकी सुशासन की कल्पना की है। सुशासन का सपना देखा है। लेकिन बीते 10 वर्षों से दिल्ली, एक बड़ी, दिल्ली, एक बड़ी आप-दा से घिरी है। अन्ना हजारे जी को सामने करके कुछ कट्टर बेईमान लोगों ने दिल्ली को आप-दा में धकेल दिया। शराब के ठेकों में घोटाला, बच्चों के स्कूल में घोटाला, गरीबों के इलाज में घोटाला, प्रदूषण से लड़ने के नाम पर घोटाला, भर्तियों में घोटाला, ये लोग दिल्ली के विकास की बात करते थे, लेकिन ये लोग ‘आप-दा’ बनकर दिल्ली पर टूट पड़े हैं। ये लोग खुलेआम भ्रष्टाचार करते हैं और फिर उसका महिमामंडन भी करते हैं। एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी, ये, ये आप, ये आप-दा दिल्ली पर आई है। और इसलिए, दिल्ली वालों ने आप-दा के विरुद्ध जंग छेड़ दी है। दिल्ली का वोटर, दिल्ली को आप-दा से मुक्त करने की ठान चुका है। दिल्ली का हर नागरिक कह रहा है, दिल्ली का हर बच्चा कह रहा है, दिल्ली की हर गली से आवाज आ रही है- आप-दा को नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे, आप-दा को नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे, आप-दा को नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे, आप-दा को नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे, आप-दा को नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे।
साथियों,
दिल्ली देश की राजधानी है, बड़े खर्चे वाले बहुत से काम यहां जो होते हैं वो भारत सरकार, केंद्र सरकार के ज़िम्मे हैं। दिल्ली में ज्यादातर सड़कें, मेट्रो, बड़े-बड़े अस्पताल, बड़े-बड़े कॉलेज कैंपस, ये सब केंद्र सरकार ही बना रही है। लेकिन यहां की आप-दा सरकार के पास जिस भी काम का दायित्व है, उस पर भी यहां ब्रेक लगी हुई है। दिल्ली को जिस आप-दा ने घेर रखा है, उसके पास कोई विजन नहीं है। ये कैसी आप-दा है, इसका एक और उदाहरण हमारी यमुना जी हैं, यमुना नदी। अभी मैं ये स्वाभिमान फ्लैट के लाभार्थियों से बात कर रहा था यहां आने से पहले, तो ज्यादातर वो इस उत्तरी क्षेत्र के रहने वाले थे, तो मैंने उनको पूछा छठ पूजा कैसी रही? उन्होंने कहा साहब, सर पर हाथ जोड़कर कह रहे थे, साहब यमुना जी का हाल इतना खराब हुआ अब हम तो छठ पूजा क्या करें, इलाके में ऐसा छोटा-मोटा करके हम मां की क्षमा मांग लेते हैं। हर दिल्लीवासी को यमुना जी की ये स्थिति।
साथियों,
आज 10 साल बाद ये कह रहे हैं और बेशर्मी देखो लाज-शर्म का नामोनिशान नहीं, ये कैसी आप-दा, ये कह रहे हैं यमुना की सफाई से वोट नहीं मिलते। अरे, वोट नहीं मिलेंगे तो क्या यमुना को बेहाल छोड़ देंगे? यमुना जी की सफाई नहीं होगी तो दिल्ली को पीने का पानी कैसे मिलेगा? इन लोगों की करतूतों की वजह से ही आज दिल्ली वालों को गंदा पानी मिलता है। इस आप-दा ने, दिल्लीवालों के जीवन को टैंकर माफिया के हवाले कर दिया है। ये आप-दा वाले रहेंगे तो भविष्य में दिल्ली को और भी विकराल स्थिति की तरफ ले जाएंगे।
साथियों,
मेरा ये निरंतर प्रयास है कि देश के लिए जो भी अच्छी योजनाएं बन रही हैं, उनका लाभ मेरे दिल्ली के भाई-बहनों को भी मिले। केंद्र की भाजपा सरकार की योजनाओं से गरीब और मध्यम वर्ग को सुविधाएं भी मिल रही हैं और पैसे भी बच रहे हैं।
साथियों,
केंद्र की भाजपा सरकार, बिजली का बिल ज़ीरो कर रही है और इतना ही नहीं बिजली से कमाई के अवसर भी दे रही है। पीएम सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना से, हर परिवार आज बिजली उत्पादक बन रहा है। भाजपा सरकार, हर इच्छुक परिवार को 78 thousand rupees, करीब-करीब 75-80 हज़ार रुपए एक परिवार को सोलर पैनल लगाने के लिए 75-80 हजार रूपए दे रही है। अभी तक, देशभर में करीब साढ़े 7 लाख घरों की छत पर पैनल लग चुके हैं। इससे ज़रूरत की बिजली मुफ्त मिलेगी और बची हुई बिजली का पैसा सरकार आपको देगी। मैं दिल्ली के लोगों को विश्वास दिलाता हूं, दिल्ली में भाजपा का मुख्यमंत्री बनते ही, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना और तेजी से लागू की जाएगी।
साथियों,
आज दिल्ली के करीब 75 लाख जरूरतमंदों को, भारत सरकार मुफ्त राशन दे रही है। एक देश एक राशन कार्ड, वन नेशन वन राशन कार्ड योजना ने दिल्ली के लोगों की बड़ी मदद की है। वरना कुछ साल पहले तक तो दिल्ली में राशन कार्ड बनाना तक मुश्किल था। पुराने अखबार निकालकर देखिए क्या-क्या होता था। आप-दा वाले तो राशन कार्ड बनाने में भी घूस लेते थे। आज घूसखोरी का रास्ता भी बंद हुआ है और राशन के खर्च में भी बचत हो रही है।
साथियों,
दिल्ली के गरीब हों, मध्यम वर्गीय परिवार हों, उनको सस्ती दवाएं मिले, इसके लिए करीब 500 जनऔषधि केंद्र यहां दिल्ली में बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर 80 परसेंट से अधिक डिस्काउंट पर दवाएं उपलब्ध हैं, 100 रूपए की दवाई 15 रूपए, 20 रूपए में मिलती है। इन सस्ती दवाओं से दिल्ली के लोगों को हर महीने हज़ारों रुपए की बचत हो रही है।
साथियों,
मैं तो दिल्लीवालों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाली आयुष्मान योजना का भी लाभ देना चाहता हूं। लेकिन आप-दा सरकार को दिल्लीवालों से बड़ी दुश्मनी है। पूरे देश में आयुष्मान योजना लागू है, लेकिन इस योजना को आप-दा वाले यहां लागू नहीं होने दे रहे। इसका नुकसान दिल्ली वालों को उठाना पड़ रहा है। और सबसे बड़ी बात, हमारे दिल्ली के व्यापारी देशभर में जाते-आते रहते हैं, दिल्ली के प्रोफेशनल देशभर में जाते-आते रहते हैं, दिल्ली के नौजवान देशभर में जाते-आते रहते हैं, घूमने-फिरने जाते हैं। हिंदुस्तान के किसी कोने में गए और कुछ हो गया अगर आयुष्मान कार्ड होगा तो कार्ड वहां पर भी आपके ट्रीटमेंट के गारंटी बन जाएगा। लेकिन ये लाभ दिल्ली को नहीं मिल रहा है क्योंकि दिल्ली की आप-दा सरकार आपको आयुष्मान से जोड़ नहीं रही है। और इसलिए हिंदुस्तान में कहीं गए, कुछ हो गया ये मोदी चाहते हुए भी आपकी सेवा नहीं कर पाता है ये आपदा के पाप के कारण।
साथियों,
भाजपा सरकार 70 साल की आयु के ऊपर के बुजुर्गों को भी आयुष्मान योजना के दायरे में ले आई है। किसी भी परिवार का 70 साल के ऊपर का व्यक्ति, अब उनके बच्चों को उसकी बीमारी की चिंता नहीं करनी पड़ेगी, ये आपका बेटा उनकी चिंता करेगा। लेकिन मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि ये बेटा दिल्ली के बुजुर्गों की कितनी ही सेवा करना चाहे, लेकिन आप-दा वालों ने दिल्ली के बुजुर्गों को उस सेवा से वंचित कर दिया है, फायदा नहीं ले पा रहे हैं। आप-दा वालों का स्वार्थ, आप-दा वालों की ज़िद्द, आप-दा वालों का अहंकार, आपके जीवन से वो ज्यादा बड़ा मानते हैं।
साथियों,
दिल्ली के लोगों के लिए भारत सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है। दिल्ली की अनेकों कॉलोनियों को रेगुलर करके भाजपा सरकार ने लाखों लोगों की चिंता दूर की, लेकिन यहां की आप-दा सरकार ने, यहां की राज्य सरकार ने उन्हें आप-दा का शिकार बना डाला। केंद्र की भाजपा सरकार लोगों की मदद के लिए स्पेशल सिंगल विंडो कैंप चला रही है, लेकिन आप-दा सरकार, इन कॉलोनियों में पानी की, सीवर की, सुविधाएं तक ठीक से नहीं दे रही हैं। इसके चलते, लाखों दिल्ली वासियों को बहुत परेशानी हो रही है। घर बनाने में लाखों रुपए लगाने के बाद भी अगर सीवर ना हो, नालियां टूटी हों, गली में गंदा पानी बहता हो, तो दिल्ली के लोगों का दिल दुखना बहुत स्वभाविक है। जो लोग दिल्ली के लोगों से विश्वासघात करके, झूठी कसमें खाके, अपने लिए शीशमहल बनवा लेते हैं, उनसे जब ये आप-दा जाएगी और भाजपा आएगी, तो इन सारी समस्याओं का भी समाधान भी किया जाएगा।
साथियों,
आपको याद रखना है जहां-जहां आप-दा का दखल नहीं है, वहां हर काम अच्छे से होता है। आपके सामने DDA-दिल्ली डवलपमेंट अथॉरिटी का उदाहरण है। DDA में आप-दा का उतना दखल नहीं है। इसके कारण, DDA गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए नए घर बना पा रही है। दिल्ली के हर घर तक पाइप से सस्ती गैस पहुंचाने का काम तेज़ी से चल रहा है। ये काम भी इसलिए हो पा रहा है क्योंकि इसमें भी आप-दा की दखल नहीं है। दिल्ली में इतने सारे हाईवे बन रहे हैं, एक्सप्रेसवे बन रहे हैं, ये भी इसलिए बन पा रहे हैं क्योंकि इसमें आप-दा की दखल नहीं है।
साथियों,
आप-दा वाले दिल्ली को सिर्फ समस्याएं दे सकते हैं, वहीं भाजपा, दिल्ली के लोगों की समस्याओं का समाधान करने में जुटी है। दो दिन पहले ही हमारे दिल्ली के सातों एमपी, हमारे सांसदों ने यहां की ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए अहम सुझाव भारत सरकार को दिए थे। दिल्ली एयरपोर्ट के नजदीक शिव मूर्ति से नेल्सन मंडेला मार्ग तक टनल बनाना हो, दिल्ली अमृतसर कटरा एक्सप्रेसवे को K.M.P एक्सप्रेसवे से जोड़ना हो, दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे को अर्बन एक्सटेंशन रोड– टू से जोड़ना हो, या दिल्ली का ईस्टर्न बाईपास हो, ये हमारे सांसदों ने जो सुझाव दिए हैं इन सुझावों को भारत सरकार ने मान लिया है, इन पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इनसे आने वाले समय में दिल्ली में ट्रैफिक की समस्या का समाधान होगा।
साथियों,
साल 2025, दिल्ली में सुशासन की नई धारा तय करेगा। ये साल, राष्ट्र प्रथम, देशवासी प्रथम, मेरे लिए दिल्ली वासी प्रथम इस भाव को सशक्त करेगा। ये साल, दिल्ली में राष्ट्र निर्माण और जनकल्याण की नई राजनीति का शुभारंभ करेगा। और इसलिए, आप-दा को हटाना है, भाजपा को लाना है, आप-दा को हटाना है, भाजपा को लाना है, आप-दा को हटाना है, भाजपा को लाना है, आप-दा को हटाना है, भाजपा को लाना है। इसी विश्वास के साथ, आप सभी को नए घरों के लिए, नए शिक्षा संस्थानों के लिए फिर से एक बार बहुत-बहुत बधाई। मेरे साथ बोलिए-
भारत माता की जय।
दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए, आप-दा से मुक्ति का नारा चाहिए-