15-18 वर्ष के आयु वर्ग के किशोरों को लगेगा कोविड टीका, इससे शिक्षा व्यवस्था को सामान्य स्थिति में लाने में मदद मिलेगी
प्रधानमंत्री ने अग्रिम मोर्चे के कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य रोगों से पीड़ित वरिष्ठ नागरिकों के लिए एहतियाती खुराक की घोषणा की
इससे स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का विश्वास मजबूत होगा: प्रधानमंत्री
ओमिक्रोन से जनता को घबराने की जरूरत नहीं है: प्रधानमंत्री
यह कदम देश में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे का अवलोकन प्रस्तुत करेगा
जैसे-जैसे वायरस का रूप बदलता जा रहा है, चुनौती का सामना करने की हमारी क्षमता और आत्मविश्वास भी हमारी अभिनव भावना के साथ कई गुना बढ़ता जा रहा है: प्रधानमंत्री श्री मोदी

मेरे प्यारे देशवासियों, आप सभी को क्रिसमस की शुभकामनाएं। हम इस वर्ष के अंतिम सप्ताह में हैं। 2022 बस आने ही वाला है। आप सभी 2022 के स्वागत की तैयारी में जुटे हैं। लेकिन उत्साह और उमंग के साथ ही ये समय सचेत रहने का भी है।

आज दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन की वजह से संक्रमण बढ़ रहा है। भारत में भी कई लोगों के ओमीक्रॉन से संक्रमित होने का पता चला है। मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि panic नहीं करें, हां सावधान रहें, सतर्क रहें। मास्क-उसका भरपूर उपयोग करें और हाथों को थोड़ी-थोड़ी देर पर धुलना, इन बातों को हमें भूलना नहीं है।

आज जब वाइरस म्यूटेट हो रहा है तो हमारी चुनौती का सामना करने की ताक़त और आत्मविश्वास भी multiply हो रहा है। हमारी innovative spirit भी बढ़ रही है। आज देश के पास 18 लाख isolation beds हैं। 5 लाख oxygen supported beds हैं। 1 लाख 40 हजार ICU beds हैं। ICU और non ICU beds को मिला दें तो 90 हजार beds विशेष तौर पर बच्चों के लिए भी हैं। आज देश में 3 हजार से ज्यादा PSA Oxygen plants काम कर रहे हैं। 4 लाख oxygen cylinders देशभर में दिए गए हैं। राज्यों को जरूरी दवाओं की buffer dose तैयार करने में सहायता की जा रही है, उन्हें पर्याप्त टेस्टिंग किट्स भी मुहैया कराई जा रही है।

साथियों,

कोरोना वैश्विक महामारी से लड़ाई का अब तक का अनुभव यही बताता है कि व्यक्तिगत स्तर पर सभी दिशा-निर्देशों का पालन, कोरोना से मुकाबले का बहुत बड़ा हथियार है। और दूसरा हथियार है वैक्‍सीनेशन। हमारे देश ने भी इस बीमारी की गम्भीरता को समझते हुए बहुत पहले वैक्सीन निर्माण पर मिशन मोड में काम करना शुरू कर दिया था। वैक्सीन पर रिसर्च के साथ साथ ही, approval process, सप्लाई चैन, distribution, training, IT support system, certification पर भी हमने निरंतर काम किया।

इन तैयारियों का ही नतीजा था कि भारत ने इस साल 16 जनवरी से अपने नागरिकों को वैक्सीन देना शुरू कर दिया था। ये देश के सभी नागरिकों का सामूहिक प्रयास और सामूहिक इच्छाशक्ति है कि आज भारत 141 करोड़ वैक्सीन डोज के अभूतपूर्व और बहुत मुश्किल लक्ष्य को पार कर चुका है।

आज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 61 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। इसी तरह, वयस्क जनसंख्या में से लगभग 90 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की एक डोज लगाई जा चुकी है। आज हर भारतवासी इस बात पर गर्व करेगा कि हमने दुनिया का सबसे बड़ा, सबसे विस्तारित और कठिन भौगौलिक स्थितियों के बीच, इतना सुरक्षित वैक्‍सीनेशन अभियान चलाया।

कई राज्य और विशेष तौर से टुरिज़्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य जैसे गोवा, उत्तराखंड, हिमाचल जैसे राज्यों ने शत-प्रतिशत सिंगल डोज वैक्‍सीनेशन का लक्ष्य हासिल कर लिया है। आज देश के दूर सुदूर गाँवों से जब शत प्रतिशत वैक्‍सीनेशन की खबरें आती है तो मन को संतोष होता है।

यह प्रमाण है हमारे health system की मज़बूती का, हमारी team delivery का, हमारे healthcare workers के dedication और commitment का, और देश के सामान्य मानवी के अनुशासन और विज्ञान में उसके विश्वास का। हमारे देश में जल्दी ही नेज़ल वैक्सीन और दुनिया की पहली DNA वैक्सीन भी शुरू होंगी।

साथियों,

कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई शुरू से ही वैज्ञानिक सिद्धांतों, वैज्ञानिक परामर्श और वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित रही है। पिछले 11 महीने से देश में वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है। देशवासी इसके लाभ भी महसूस कर रहे हैं। उनकी रोजमर्रा की जिंदगी सामान्य हो रही है। आर्थिक गतिविधियां भी दुनिया के कई देशों की तुलना में उत्साहजनक रही हैं।

लेकिन साथियों,

हम सभी जानते हैं कि कोरोना अभी गया नहीं है। ऐसे में सतर्कता बहुत जरूरी है। देश को सुरक्षित रखने के लिए, देशवासियों को सुरक्षित रखने के लिए हमने निरंतर काम किया है। जब वैक्सीनेशन शुरू हुआ, तो उसमें भी वैज्ञानिक सुझावों के आधार पर ही ये तय किया गया कि पहली डोज किसे देना शुरू किया जाए, पहली और दूसरी डोर में कितना अंतराल हो, स्वस्थ लोगों को कब वैक्सीन लगे, जिन्हें कोरोना हो चुका है उन्हें कब वैक्सीन लगे, और जो को-मॉरबिडिटी से ग्रस्त हैं, उन्हें कब वैक्सीन लगे, ऐसे निर्णय लगातार किए गए और ये परिस्थितियों को संभालने में काफी मददगार भी साबित हुए हैं। भारत ने अपनी स्थिति-परिस्थिति के अनुसार, भारत के वैज्ञानिकों के सुझाव पर ही अपने निर्णय लिए हैं।

वर्तमान में, ओमीक्रॉन की चर्चा जोरों पर चल रही है। विश्व में इसके अनुभव भी अलग-अलग हैं, अनुमान भी अलग-अलग हैं। भारत के वैज्ञानिक भी इस पर पूरी बारीकी से नजर रखे हुए हैं, इस पर काम कर रहे हैं। हमारे vaccination को आज जब 11 महीने पूरे हो चुके हैं तो सारी चीजों का वैज्ञानिको ने जो अध्ययन किया है और विश्वभर के अनुभवो को देखते हुए आज कुछ निर्णय लिए गए है। आज अटल जी का जन्म दिन है, क्रिसमस का त्योहार है तो मुझे लगा की इस निर्णय को आप सबके साथ साझा करना चाहिए।

साथियों,

15 साल से 18 साल की आयु के बीच के जो बच्चे हैं, अब उनके लिए देश में वैक्सीनेशन प्रारंभ होगा। 2022 में, 3 जनवरी को, सोमवार के दिन से इसकी शुरुआत की जाएगी। ये फैसला, कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को तो मजबूत करेगा ही, स्कूल-कॉलेजों में जा रहे हमारे बच्चों की, और उनके माता-पिता की चिंता भी कम करेगा।

साथियों,

हम सबका अनुभव है कि जो कॉरोना वॉरियर्स हैं, हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स हैं, इस लड़ाई में देश को सुरक्षित रखने में उनका बहुत बड़ा योगदान है। वो आज भी कोरोना के मरीजों की सेवा में अपना बहुत समय बिताते हैं। इसलिए Precaution की दृष्टि से सरकार ने निर्णय लिया है कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की Precaution Dose भी प्रारंभ की जाएगी। इसकी शुरुआत 2022 में, 10 जनवरी, सोमवार के दिन से की जाएगी।

साथियों,

कोरोना वैक्सीनेशन का अब तक का ये भी अनुभव है कि जो अधिक आयु वाले हैं और पहले से ही किसी ना किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें Precaution लेना सलाह योग्‍य है। इसको ध्यान में रखते हुए, 60 वर्ष से ऊपर की आयु के कॉ-मॉरबिडिटी वाले नागरिकों को, उनके डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन की Precaution Dose का विकल्प उनके लिए उपलब्ध होगा। ये भी 10 जनवरी से प्रारंभ होगा।

साथियों,

मेरा एक आग्रह है कि अफवाह, भ्रम और डर पैदा करने के जो प्रयास चल रहे हैं, उनसे बचना चाहिए। हम सभी देशवासियों ने मिलकर अब तक दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान चलाया है। आने वाले समय में, हमें इसको और गति देनी है और विस्तार देना है। हम सभी के प्रयास ही कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में देश को मजबूत करेंगे।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद !

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.