भारत को 29 प्राचीन कलाकृतियां लौटाने के लिए पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन को धन्यवाद दिया
पीएम मोदी और ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत हुई प्रगति की समीक्षा की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री माननीय स्कॉट मॉरिसन ने आज भारत-ऑस्ट्रेलिया दूसरा वर्चुअल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। इस शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की समीक्षा की और क्षेत्रीय एवं वैश्विक विकास के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया।

शिखर सम्मेलन की शुरुआत में, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने न्यू साउथ वेल्स और क्वींसलैंड में भीषण बाढ़ के कारण हुई तबाही और इसके परिणामस्वरूप हुई जानमाल की क्षति पर अपनी संवेदना व्यक्त की।

दोनों नेताओं ने जून 2020 में पहले वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान स्थापित व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आपसी संबंधों के बढ़ते हुए दायरे पर संतोष व्यक्त किया। संबंधों के इस बढ़ते हुए दायरे में अब व्यापार एवं निवेश, रक्षा एवं सुरक्षा, शिक्षा एवं नवाचार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण खनिजों, जल प्रबंधन, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी, कोविड-19 से संबंधित अनुसंधान आदि जैसे विविध क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने माननीय स्कॉट मॉरिसन को 29 प्राचीन कलाकृतियों को भारत को लौटाने की विशेष पहल के लिए धन्यवाद दिया। इन कलाकृतियों में सदियों पुरानी मूर्तियां, चित्रकला एवं तस्वीरें शामिल हैं, जिनमें से कई 9वीं-10वीं शताब्दी की हैं और उनका संबंध भारत के विभिन्न हिस्सों से है। इन कलाकृतियों में 12वीं सदी के चोल कांस्य, राजस्थान की 11वीं-12वीं सदी की जैन मूर्तियां, गुजरात की 12वीं-13वीं सदी की बलुआ पत्थर से निर्मित देवी महिषासुरमर्दिनी, 18वीं-19वीं सदी की चित्रकारी और शुरुआती दौर की जिलेटिन चांदी की तस्वीरें शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 महामारी के दौरान ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों सहित भारतीय समुदाय की देखभाल करने के लिए प्रधानमंत्री मॉरिसन को धन्यवाद दिया।

दोनों नेताओं ने साझे मूल्यों और समान हितों वाले सहयोगी लोकतंत्र के रूप में दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक जुड़ाव की भी सराहना की, जिसमें एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध भारत – प्रशांत क्षेत्र शामिल है।

इस अवसर पर गहन व्यापक रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया। दोनों पक्ष व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच वार्षिक शिखर बैठक आयोजित करने पर भी सहमत हुए और इस प्रकार द्विपक्षीय संबंधों में एक विशेष आयाम जुड़ गया।

Explore More
आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी
Regional languages take precedence in Lok Sabha addresses

Media Coverage

Regional languages take precedence in Lok Sabha addresses
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज V (A) प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीन नए कॉरिडोर्स को स्वीकृति दी
December 24, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) परियोजना के हिस्से के रूप में तीन नए कॉरिडोर को मंजूरी दी है: 1. आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी), 2. एरोसिटी से आई.जी.डी. एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और 3. तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)। यह 16.076 किलोमीटर लंबी परियोजना राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगी। दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) की कुल लागत 12014.91 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण एजेंसियों द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।

सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर सभी कर्तव्य भवनों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे इस क्षेत्र के कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों को सीधे ऑफिस तक पहुंचने में आसानी होगी। इस कनेक्टिविटी से दैनिक आधार पर लगभग 60,000 कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों और 2 लाख आगंतुकों को लाभ होगा। ये कॉरिडोर प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को और कम करेंगे, जिससे जीवन जीने की सुगमता में वृद्धि होगी।

विवरण:

आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ सेक्शन, बॉटनिकल गार्डन - आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर का विस्तार होगा। यह सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिसका वर्तमान में पुनर्विकास किया जा रहा है। एयरोसिटी – आईजीडी एयरपोर्ट टर्मिनल 1 और तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन, एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का विस्तार होंगे। यह विस्तार हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी को राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी हिस्सों जैसे तुगलकाबाद, साकेत, कालिंदी कुंज आदि क्षेत्रों के साथ मजबूत करेगा। इन विस्तारों में कुल 13 स्टेशन शामिल होंगे, जिनमें से 10 स्टेशन भूमिगत और 03 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।

पूरा होने के बाद, कॉरिडोर-1 यानी आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी) पश्चिमी, उत्तरी और पुरानी दिल्ली की सेंट्रल दिल्ली के साथ कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। वहीं अन्य दो कॉरिडोर— एयरोसिटी से आईजीडी एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)— दक्षिण दिल्ली को साकेत, छतरपुर आदि के माध्यम से घरेलू हवाई अड्डे टर्मिनल-1 से जोड़ेंगे, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी में जबरदस्त वृद्धि होगी।

फेज-V (ए) परियोजना के ये मेट्रो विस्तार मध्य दिल्ली और घरेलू हवाई अड्डे तक दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की पहुंच बढ़ाएंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी। मजेंटा लाइन और गोल्डन लाइन के ये विस्तार सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करेंगे। इस प्रकार, मोटर वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

आरके आश्रम मार्ग - इंद्रप्रस्थ सेक्शन पर जो स्टेशन बनेंगे, वे हैं: आर.के. आश्रम मार्ग, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल - हाई कोर्ट, बड़ौदा हाउस, भारत मंडपम, और इंद्रप्रस्थ।

तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन के स्टेशन सरिता विहार डिपो, मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज होंगे, जबकि एयरोसिटी स्टेशन को आगे आईजीडी टी-1 स्टेशन से जोड़ा जाएगा।

फेज-IV का निर्माण कार्य, जिसमें 111 किमी लंबाई और 83 स्टेशन शामिल हैं, वर्तमान में प्रगति पर है। आज की स्थिति के अनुसार, फेज-IV के (3 प्राथमिकता वाले) कॉरिडोर का लगभग 80.43 प्रतिशत सिविल निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। फेज-IV के इन तीनों प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के दिसंबर 2026 तक चरणों में पूरा होने की संभावना है।

आज, दिल्ली मेट्रो प्रतिदिन औसतन 65 लाख यात्रियों को सर्विस देती है। अब तक की सर्वाधिक यात्रा का रिकॉर्ड 8 अगस्त 2025 को 81.87 लाख दर्ज किया गया है। दिल्ली मेट्रो समयपालन, विश्वसनीयता और सुरक्षा जैसे एमआरटीएस के मुख्य मानकों में उत्कृष्टता का प्रतीक बनकर शहर की जीवनरेखा बन गई है।

वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर में डीएमआरसी द्वारा लगभग 395 किमी लंबाई वाली कुल 12 मेट्रो लाइनों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 289 स्टेशन शामिल हैं। आज, दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्कों में से भी एक है।