बाबासाहेब अम्बेडकर राजेंद्र प्रसाद को नमन किया
बापू और स्वतंत्रता आंदोलन में बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की
26/11 के शहीदों को श्रद्धांजलि दी
“इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि यह इस बात का मूल्याकंन करने का अवसर देता है कि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है”
“भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है, लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वह है पारिवारिक पार्टियां”
“जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वे लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं”
“अच्छा होता अगर देश के आजाद होने के बाद कर्तव्य पर बल दिया गया होता। आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे लिए आवश्यक है कि कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ें ताकि अधिकारों की रक्षा हो”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज संसद में संविधान दिवस समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम को माननीय राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष ने संबोधित किया। माननीय राष्ट्रपति ने अपने भाषण के बाद, संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा जिसका लाइव प्रसारण किया गया। माननीय राष्ट्रपति ने संविधान सभा वाद-विवाद का डिजिटल संस्करण, भारत के संविधान की सुलेखित प्रति का डिजिटल संस्करण और भारत के संविधान के अद्यतन संस्करण का विमोचन किया जिसमें अब तक के सभी संशोधन शामिल हैं। उन्होंने 'संवैधानिक लोकतंत्र पर ऑनलाइन क्विज' का भी उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिवस बाबासाहेब अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, बापू जैसे दुरंदेशी महानुभावों और उन सभी लोगों का नमन करने का है जिन्होंने आजादी की लड़ाई में बलिदान दिए। आज का दिवस इस सदन को नमन करने का है। उन्होंने कहा कि ऐसे दिग्गजों के नेतृत्व में बहुत मंथन और चर्चा के बाद हमारे संविधान का अमृत उभरा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि आज लोकतंत्र के इस सदन को भी नमन करने का दिन है। प्रधानमंत्री ने 26/11 के शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “आज 26/11 हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिवस है, जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया। देश के वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया।आज उन बलिदानियों को भी नमन करता हूं।”

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा संविधान सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि यह हमें इस बात का मूल्याकंन करने का अवसर देता है कि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है।

 

प्रधानमंत्री ने संविधान दिवस मनाने के पीछे छिपी भावना के बारे में बताते हुए कहा, “बाबासाहेब अम्बेडकर की 125वीं जयंती थी, हम सबको लगा इससे बड़ा पवित्र अवसर क्या हो सकता है कि बाबासाहेब अम्बेडकर ने जो इस देश को जो नजराना दिया है, उसको हम हमेशा एक स्मृति ग्रंथ के रूप में याद करते रहें।” उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परंपरा की स्थापना के साथ-साथ उसी समय 26 नवंबर को भी ‘संविधान दिवस’ के रूप में स्थापित कर दिया जाता।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवार आधारित पार्टियों के रूप में भारत एक तरह के संकट की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है, लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वह है पारिवारिक पार्टियां।” प्रधानमंत्री ने कहा, “योग्यता के आधार पर एक परिवार से एक से अधिक लोग जाएं, इससे पार्टी परिवारवादी नहीं बन जाती है। समस्या तब आती है जब एक पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार द्वारा चलायी जाती है।” उन्होंने कहा कि संविधान की भावना को भी चोट पहुंची है, संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैं। श्री मोदी ने सवाल किया, “जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं।”

 

प्रधानमंत्री ने दोषी भ्रष्ट लोगों को भूलने और उनका महिमामंडन करने की प्रवृत्ति को लेकर भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि हमें सुधार का अवसर देते हुए ऐसे लोगों को सार्वजनिक जीवन में महिमामंडित करने से बचना चाहिए।

 

 

 

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में आधिकारों को लिए लड़ते हुए भी, कर्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी। उन्होंने आखिर में कहा, “अच्छा होता अगर देश के आजाद होने के बाद कर्तव्य पर बल दिया गया होता। आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे लिए आवश्यक है कि कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ें ताकि अधिकारों की रक्षा हो।”

 

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."