प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भगवान बुद्ध आज कोरोना महामारी के संकटपूर्ण समय में और अधिक प्रासंगिक हैं। भारत ने दिखाया है कि कैसे हम बुद्ध के मार्ग पर चलकर सबसे कठिन चुनौती का भी सामना कर सकते हैं। बुद्ध की शिक्षाओं पर चलकर पूरा विश्व एकजुटता के साथ आगे बढ़ रहा है। आषाढ़ पूर्णिमा-धम्म चक्र दिवस कार्यक्रम के अवसर पर अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ की 'प्रार्थना से देखभाल' पहल प्रशंसनीय है।
आज कोरोना महामारी के रूप में मानवता के सामने वैसा ही संकट है जब भगवान बुद्ध हमारे लिए और भी प्रासंगिक हो जाते हैं।
— PMO India (@PMOIndia) July 24, 2021
बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना हम कैसे कर सकते हैं, भारत ने ये करके दिखाया है: PM @narendramodi
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे मन और वाणी के बीच सामंजस्य और हमारे कर्म एवं प्रयास के बीच संकल्प हमें दुख से दूर करते हुए प्रसन्नता की ओर ले जाने में मार्गदर्शन कर सकता है। यह हमें अच्छे समय के दौरान जन कल्याण के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित करता है तो हमें कठिन समय का सामना करने की शक्ति भी प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध ने हमें इस सद्भाव को हासिल करने के लिए आठ मार्ग दिए हैं।
सारनाथ में भगवान बुद्ध ने पूरे जीवन का, पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था।
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उन्होंने दुःख के बारे में बताया, दुःख के कारण के बारे में बताया, ये आश्वासन दिया कि दुःखों से जीता जा सकता है, और इस जीत का रास्ता भी बताया: PM @narendramodi
प्रधानमंत्री ने कहा कि त्याग और तितिक्षा से तपे बुद्ध जब बोलते हैं तो केवल शब्द ही नहीं निकलते, बल्कि धम्मचक्र का प्रवर्तन होता है और उनसे प्रवाहित होने वाला ज्ञान विश्व के कल्याण का पर्याय बन जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा और यही कारण है कि आज पूरी दुनिया में उनके अनुयायी हैं।
त्याग और तितिक्षा से तपे बुद्ध जब बोलते हैं तो केवल शब्द ही नहीं निकलते, बल्कि धम्मचक्र का प्रवर्तन होता है।
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इसलिए, तब उन्होंने केवल पाँच शिष्यों को उपदेश दिया था, लेकिन आज पूरी दुनिया में उन शब्दों के अनुयायी हैं, बुद्ध में आस्था रखने वाले लोग हैं: PM @narendramodi
आप सभी को धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस और आषाढ़ पूर्णिमा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
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आज हम गुरु-पूर्णिमा भी मनाते हैं, और आज के ही दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था: PM @narendramodi
'धम्म पद' का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि शत्रुता से शत्रुता समाप्त नहीं होती, अपितु शत्रुता को प्रेम और व्यापक हदय से शांत किया जाता है। त्रासदी के समय में, दुनिया ने प्रेम और सद्भाव की इस शक्ति का अनुभव किया है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के समापन पर कहा कि बुद्ध के इस ज्ञान से मानवता का यह अनुभव समृद्ध होता जाता है, और इससे दुनिया सफलता और समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छुएगी।