Published By : Admin |
February 1, 2020 | 16:59 IST
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केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2020-21 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि आर्थिक विकास के लिए अवसंरचना अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसलिए बजट सभी नागरिकों के लिए जीवन जीने में आसानी की सुविधा प्रदान करने के लिए समर्पित है।
वित्त मंत्री ने भारतीय पत्तनों की कार्यकुशलता बढ़ाने और प्रौद्योगिकी के माध्यम से उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि सरकार कम से कम एक बड़े पत्तन के निगमीकरण और स्टॉक एक्सचेंजों में इसे सूचीबद्ध करने पर विचार करेगी।
अंतरदेशीय जलमार्ग के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर जल विकास मार्ग को पूरा कर लिया जाएगा और 2022 तक धुबरी-साडिया (890 किलोमीटर) जलमार्ग कनेक्टिविटी को पूरा कर लिया जाएगा।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि नदी तटों पर आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने से संबंधित प्रधानमंत्री के विजन अर्थ गंगा के लिए योजनाएं तैयार की गई है। देश में परिवहन अवसंरचना को प्रोत्साहन देने के लिए केन्द्रीय बजट में 1.70 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
नागरिक उड्डयन क्षेत्र
वित्त मंत्री घोषणा करते हुए कहा कि उड़ान योजना को समर्थन देने के लिए 2024 तक 100 और हवाई अड्डों को विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक औसत की तुलना में भारत के हवाई ट्रैफिक में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इस अवधि में हवाई जहाजों की संख्या वर्तमान के 600 से बढ़कर 1200 हो जाएगी।
2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने के बारे में वित्त मंत्री ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के कृषि उड़ान कार्यक्रम को लांच करने की घोषणा की। कृषि उड़ान कार्यक्रम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हवाई मार्गों के लिए उपलब्ध होगा। इससे विशेषकर पूर्वोत्तर और जनजातीय जिलों को उचित मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा
वित्त मंत्री ने 2021 में ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र के लिए 22000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव दिया। वित्त मंत्री ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से अगले तीन वर्षों में पारम्परिक मीटरों को स्मार्ट मीटरों से बदलने तथा बिजली वितरण कम्पनियों में सुधार करने का आग्रह किया।
वित्त मंत्री ने बजट में राष्ट्रीय गैस ग्रिड को वर्तमान के 16200 किलोमीटर से 27000 किलोमीटर तक के विस्तार देने तथा पारदर्शी मूल्य निर्धारण और कारोबार में आसानी के लिए और सुधार करने का प्रस्ताव किया।
वित्त मंत्री ने बिजली उत्पादन क्षेत्र में नई घरेलू कम्पनियों को 15 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स को जारी रखने का प्रस्ताव दिया।
आसमान से सागर तक, AI से लेकर प्राचीन शिल्प तक, इस सप्ताह भारत की कहानी; विस्तार, सफलताओं और साहसिक कदमों से लैस है। एक तेजी से बढ़ती एविएशन इंडस्ट्री, हिंद महासागर में एक वैज्ञानिक खोज, एक ऐतिहासिक सैटेलाइट लॉन्च और AI जॉब्स में उछाल; भारत आत्मविश्वास के साथ भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहा है। इसके साथ ही, आर्मेनिया के साथ संबंध गहरे हो रहे हैं, एक प्रमुख एयरोस्पेस फर्म भारत की ओर देख रही है, और कारीगर पारंपरिक खिलौना निर्माण को नया जीवन दे रहे हैं। आइए, उन कहानियों को जानें, जो भारत की लगातार बढ़ती प्रगति को दर्शाती हैं।
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टेक ऑफ: भारत का एविएशन बूम और पायलट्स की भारी डिमांड
1,700 से अधिक एयरक्राफ्ट ऑर्डर के साथ, भारत का एविएशन उद्योग अभूतपूर्व विस्तार के लिए तैयार हो रहा है। 800 से अधिक विमानों का मौजूदा फ्लीट बढ़ने वाला है, और इसके साथ ही एक दबावपूर्ण मांग भी है: अगले दो दशकों में 30,000 पायलट्स की आवश्यकता है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री पायलट ट्रेनिंग के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए काम कर रही है, जिससे भारत फ्लाइट ट्रेनिंग के लिए ग्लोबल हब के रूप में स्थापित हो सके। आसमान में हलचल बढ़ रही है, और भारत इसके लिए तैयार है।
AI में उछाल: भारत के टेक वर्कफोर्स के सामने एक बड़ा अवसर
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसमें 2027 तक 2.3 मिलियन जॉब्स के अवसर उपलब्ध होने का अनुमान है। वैश्विक स्तर पर, AI जॉब पोस्टिंग में सालाना 21% की वृद्धि हुई है, जबकि इस सेक्टर में वेतन हर साल 11% की दर से बढ़ रहा है। हालाँकि, टैलेंट की कमी बनी रहने की उम्मीद है, जिसे भारत द्वारा भरा जा सकता है, जो न केवल AI को अपना रहा है बल्कि ग्लोबल AI वर्कफोर्स को भी आकार दे रहा है।
NISAR सैटेलाइट: ग्लोबल एग्रीकल्चर के लिए एक गेम-चेंजर
NASA-ISRO का जॉइंट मिशन, NISAR सैटेलाइटदुनिया भर में खेती में क्रांति लाने वाला है। यह अत्याधुनिक तकनीक फसल की वृद्धि, पौधों के स्वास्थ्य और मिट्टी की नमी के स्तर के बारे में बेजोड़ जानकारी प्रदान करेगी, जिससे किसानों और नीति-निर्माताओं को रियल टाइम डेटा के साथ सशक्त बनाया जा सकेगा। सटीक कृषि अब भविष्य नहीं है - यह वर्तमान है, और भारत इस दिशा में अग्रणी है।
हिंद महासागर के ग्रेविटी होल का रहस्य - सुलझा!
दशकों से, हिंद महासागर में एक विचित्र ग्रेविटी विसंगति ने वैज्ञानिकों को हैरान कर रखा था: ग्लोबल एवरेज से 106 मीटर नीचे सी-लेवल। अब, भारतीय वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझा लिया है- यह पृथ्वी को अंदर से आकार देने वाली डीपसीटेड मेंटल डायनमिक का परिणाम है। यह खोज न केवल एक जियोलॉजिकल पहेली को सुलझाती है बल्कि पृथ्वी की आंतरिक शक्तियों के बारे में हमारी समझ को भी बढ़ाती है।
फिर से चैंपियंस! भारत ने जीती ICC ट्रॉफी
टीम इंडिया द्वारा चैंपियंस ट्रॉफी जीतने पर देश भर के क्रिकेट प्रशंसक खुशी से झूम उठे, जिससे उनकी विरासत में एक और माइलस्टोन जुड़ गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय क्रिकेट टीम को बधाई दी और उनकी दृढ़ता तथा कौशल की सराहना की। T20 वर्ल्ड कप की जीत से लेकर इस हालिया जीत तक, भारतीय क्रिकेट अपनी मजबूत पहचान बनाए हुए है।
भारत ने 300 नागरिकों को साइबरक्राइम सिंडिकेट्स से बचाया
करीब 300 भारतीय नागरिक, जिन्हें फेक जॉब ऑफर के साथ साउथ-ईस्ट एशिया भेजा गया था, साइबर अपराध गिरोहों में फंस गए। भारत सरकार की कार्रवाई ने उन्हें रिहा करवाया, जिसमें म्यांमार और थाईलैंड में राजनयिक मिशनों ने अहम भूमिका निभाई। यह अभियान विदेश में अपने लोगों की सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को पुख्ता करता है। (रॉयटर्स)
Mubadala की Sanad की नजर भारत के एयरोस्पेस मार्केट पर
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अग्रणी नाम, UAE बेस्ड Mubadala की Sanad ने 2024 में 4.92 बिलियन दिरहम के रिकॉर्ड रेवेन्यू के बाद भारत पर अपनी नजरें टिकाई हैं। यह कदम ग्लोबल एविएशन और एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग में भारत की बढ़ती प्रमुखता को दर्शाता है।
Bessemer का भारत के स्टार्टअप्स पर 350 मिलियन डॉलर का निवेश
Bessemer का भारत के स्टार्टअप्स पर 350 मिलियन डॉलर का निवेश 350 मिलियन डॉलर के फंड, के साथ निवेश दोगुना कर रहा है, जिसका लक्ष्य SaaS, फिनटेक, साइबरसिक्यूरिटी और डिजिटल हेल्थ स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है। यह भारत के बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम को दर्शाता है, जो इसकी इनोवेशन क्षमता का लाभ उठाने के लिए उत्सुक प्रमुख ग्लोबल इन्वेस्टर्स को आकर्षित करता है।
विरासत को जीवित रखते भारत के खिलौना कारीगर
बड़े पैमाने पर उत्पादित प्लास्टिक के खिलौनों की बाढ़ के बीच, भारतीय कारीगर पारंपरिक लकड़ी के खिलौने बनाने की कला को जीवित रख रहे हैं। पीढ़ियों से चली आ रही इस कला में नए सिरे से दिलचस्पी देखी जा रही है। सरकार ने भारत को हस्तनिर्मित खिलौनों के लिए एक ग्लोबल हब बनाने की पहल की है, जिसमें परंपरा को आधुनिक बाज़ारों के साथ जोड़ा गया है।
विकास की राह पर देश
इस सप्ताह भारत की कहानी; महत्वाकांक्षा, लचीलेपन और वैश्विक नेतृत्व की है। चाहे वह वैज्ञानिक रहस्यों को सुलझाना हो, AI के भविष्य को आकार देना हो, अपने एयरोस्पेस फुटप्रिंट का विस्तार करना हो, या अपने नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी के गिरोहों से बचाना हो, भारत दुनिया भर में हलचल मचा रहा है। मोमेंटम को नकारा नहीं जा सकता - और यह तो बस शुरुआत है।