गांधीनगर, बुधवारः मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुरुवार से 16-17-18 जून के तीन दिनों के दौरान समग्र प्रदेश में लगातार नवें वर्ष कन्या केळवणी और शाला प्रवेशोत्सव के जनअभियान प्रारंभ होने जा रहे हैं।

आने वाले कल के गुजरात को शिक्षित बनाने के लिए आधारभूत शिक्षा-प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता ज्यादा ऊंचाई पर ले जाने के लिए सरस्वती यात्रा का यह पुरुषार्थ राज्य सरकार का प्रशासन और समाज साथ मिलकर करेंगे।

गुजरात में सरकार संचालित 32,772 प्राथमिक शालाओं और 44 हजार आंगनबाडि़यों को शामिल करते हुए समग्र 18 हजार गांवों में तीन दिनों तक मुख्यमंत्री, समग्र मंत्रिमंडल और संसदीय सचिव, राज्य के मुख्य सचिव, तमाम सचिव, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही जिले के वरिष्ठ अधिकारी, पदाधिकारीगण और जनप्रतिनिधियों सहित टीम गुजरात के 22,110 महानुभाव रोजाना पांच शालाओं में जाएंगे और तीन दिनों के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के ज्ञान यज्ञ का नेतृत्व करेंगे।

शहरी क्षेत्र के लिए प्राथमिक शिक्षा का जनअभियान 23, 24, 25 जून, 2011 को तीन दिनों के दौरान 159 नगरपालिकाओं और 8 महानगरों में आयोजित होगा। पिछले आठ वर्षों से कन्या केळवणी और शाला प्रवेशोत्सव के जनआंदोलन को अद्भुत सफलता हासिल हुई है। वर्ष 2001 की जनगणना की तुलना में वर्ष 2011 की जनगणना की केन्द्रीय रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में स्त्री साक्षरता की दर में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी और शाला छोड़कर जाने के ड्राप आउट रेश्यो में 29.77 प्रतिशत की कमी आई है। आज गुजरात में कक्षा एक से पांच में स्कूल छोड़ने वालों का प्रतिशत 100 में से केवल 2 बालक है। लेकिन यह दो बालक भी अपनी प्राथमिक शिक्षा हासिल करें, इसकी चिन्ता भी मुख्यमंत्री कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने प्राथमिक शालाओं के गुणात्मक बदलाव के लिए ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करवाने का अभियान सफलतापूर्वक चलाया है। दस वर्ष में 1,21,358 जितने विद्या सहायकों की भर्ती की गई है। गत वर्ष जिन 5,000 शालाओं में कक्षा 8 शुरु हुई, उनमें गणित, विज्ञान और अंग्रेजी के 10,000 प्रशिक्षित विद्या सहायकों की भर्ती पारदर्शिता से की। इस वर्ष और 6,500 शालाओं में कक्षा 8 शुरु की जाएगी, जिसके लिए अतिरिक्त 13,000 विद्या सहायकों की नियुक्ति हो रही है। राज्य में 75,748 नई कक्षाएं बनाई गई हैं और 50,914 स्वच्छता संकुलों की आवश्यक सुविधाएं खड़ी की गई हैं। आज गुजरात की 32,772 ग्राम्य प्राथमिक शालाओं में बिजली और पेयजल की सुविधा उपलब्ध है।

11 लाख कन्याओं को 1000 रुपये के विद्या लक्ष्मी बांड के रूप में 11 करोड़ का फंड गरीब परिवार की कन्याओं के लिए दिया गया है।

मुख्यमंत्री की कन्या केळवणी निधि के लिए जनता ने उत्साह से दान दिया है और इसमें 44 करोड़ का भंडार श्री मोदी ने उनको मिले उपहारों की नीलामी से हासिल किया है। समग्र देश में कन्या केळवणी की प्रतिबद्घता के कारण श्री मोदी ने गुजरात में कन्याओं के शिक्षा के लिए अनेक नए क्षितीज खोले हैं। गांवों की छोटी बालिकाएं और कन्याएं शिक्षा में तेजस्वी और यशस्वी बन रही है।

शिक्षा के स्वास्थ्य जांच, प्राथमिक शालाओं में मध्याह्न भोजन के लिए पोषक आहार के गुणात्मक परिणाम और आंगनवाडि़यों में बाल भोग जैसे पोषक आहार की आधुनिक पहल से अगली पीढ़ी का गुजरात कुपोषण से मुक्त हो, ऐसी प्रतिबद्घता के साथ जनशिक्षा के अभियान, शिक्षा संस्कार का नवीन सामाजिक प्रभाव खड़ा करेंगे। यह अभियान संपन्न होेने के बाद गुणोत्सव का अभियान, प्राथमिक शाला, शिक्षक और विद्यार्थी की गुणवत्ता में भी नई ऊंचाइयों के दर्शन करवाएगा। मुख्यमंत्री ने कन्या केळवणी और शाला प्रवेशोत्सव के इस विराट जनअभियान मंे अपना उत्तम योगदान देने के लिए शाला परिवार के सभी लोगों को एक भावनात्मक पत्र भी भेजा है।

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