





देश भर के ४० से अधिक संतों-धर्माचार्यों ने श्री मोदी को दिया कुशल नेतृत्व का आशीर्वाद
नेताओं ने नहीं साधु-संतों ने बनाया है देशः श्री मोदी
बाबा रामदेव ने अभिनंदन पत्र देकर मुख्यमंत्री को किया सम्मानित
विराट जनसमुदाय में छलका उत्साह-उमंग का सागर
जुल्म-दमन से भारत की जनता न झुकी है न झुकेगी
गुजरात में १२ वर्ष से दंगे नहीं हुए हैं
संतशक्ति का प्रभाव समाज को बुराइयों से दूर रखता है
सर्वे सुखीना भवन्तु-सर्वे सन्तु निरामया- मेरे राजनीतिक जीवन का मंत्र है
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज हरिद्वार में पतंजली योग पीठ संचालित आचार्यकुलम् शिक्षा संस्थान का उद्घाटन करते हुए २१वीं सदी में विश्व में ज्ञान का नेतृत्व भारत माता करे इसके लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस देश को राजनेताओं ने नहीं बल्कि साधु-संतो और मनीषियों ने बनाया है। हमारी सांस्कृतिक विरासत की शक्ति और सामर्थ्य का स्वाभिमान करने का संकल्प हमें करना होगा।बाबा रामदेव जी द्वारा स्थापित पतंजली योग पीठ में गुरुकुल शैक्षणिक प्रणाली को आत्मसात करने वाले आचार्यकुलम् के उद्घाटन के लिए श्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रण दिया गया था। इस अवसर पर देश के गणमान्य संत एवं आचार्य उपस्थित थे।
संतों के चरणों में बैठने के अवसर को परम सौभाग्य करार देते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष वे कुंभ मेले में शिरकत नहीं कर सके, जिसका उन्हें अफसोस है। बारह वर्ष के गुजरात के शासन के दौरान देश के किसी भी संत पुरुष ने उनसे कुछ भी नहीं मांगा है। ऐसी संतशक्ति की आशीर्वादरूपी वाणी का सामर्थ्य कई गुना बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव जी जैसे संतों की शक्ति यदि किसी अन्य देश में होती तो उनके बारे में अध्ययन-इतिहास गौरवपूर्वक लिखा जाता, लेकिन यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि हमने इस संतशक्ति के अद्भुत सामर्थ्य और हमारी सांस्कृतिक महिमा का स्वाभिमान गंवा दिया है।
भारत दुनिया का सबसे युवा देश है और सर्वाधिक युवाशक्ति वाले भारत में, सवा सौ करोड़ देशवासियों में इस २१वीं सदी में भारत माता को विश्व गुरु बनाने का सामर्थ्य है, ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया। गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भारत भर में प्रवास करते रहे हैं, लेकिन इस आयोजन के पीछे कोई इरादा नहीं है। देश के भले के लिए भक्तिपूर्वक जूझने और न झुकने के बाबा रामदेव के हौसले की मिसाल पेश करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में पुलिस ने बाबा रामदेव का दमन किया तब श्रीमती राजबाला शहीद हुई थीं। देश के शासकों को उन्होंने चेतावनी दी कि भारत की जनशक्ति जुल्म-दमन से झुकेगी नहीं।
छह करोड़ गुजरातियों के पुरुषार्थ से गुजरात के विकास की देश और दुनिया में शान और पहचान खड़ी हुई है। इस बात को लेकर वे आशावादी हैं कि यदि छह करोड़ गुजरातियों की शक्ति इस स्थिति को बदल सकती है तो सवा सौ करोड़ भारतीयों की ताकत क्या नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक परंपरा का सर्वे सुखीनो भवन्तु, सर्वे सन्तु निरामयाः ही मेरे राजनीतिक जीवन का मंत्र है, जो कर्तव्य मार्ग और मानव विकास का विजन है। इसमें मात्र हिन्दू के कल्याण का मंत्र ही समाहित नहीं है, समग्र विश्व-परिवार-समाज का कल्याणभाव है। भारतीय संस्कृति के संस्कार त्याग कर भोगने का संकल्प है।
आज पतंजली योग पीठ ने आचार्यकुलम् शिक्षा संस्थान शुरू कर और आयुर्वेद का विकास कर जो योगदान दिया है वह भारत की संतशक्ति की परंपरा का गौरव है। श्री मोदी ने भावविभोर होते हुए कहा कि, मुझे किसी पद के लिए संतशक्ति के आशीर्वाद की दरकार नहीं है, बल्कि मुझे ऐसा आशीर्वाद चाहिए जिससे कि मैं कुछ गलत न करुं, मेरे हाथों से किसी का बुरा न हो। जनता-जनार्दन को ईश्वर का रूप करार देते हुए उन्होंने कहा कि हम भारत माता की भक्ति के कर्तव्य में समर्पित हों।