मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज विधानसभा में पेश राज्य सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट स्वर्णजयंति वर्ष में गुजरात की विकासयात्रा को गति प्रदान करने वाला है एवं प्रगति के नये सोपान तय करने के लिए जनभागीदारी को जोड़ने वाला तथा विकास का लाभ सभी को देने वाला बजट है।
उन्होंने कहा कि वर्ष १९६० में स्थापना के बाद गुजरात का प्रथम बजट स्व. मुख्यमंत्री जीवराज मेहता ने १९६१-६२ में पेश किया था जिसकी वार्षिक योजना का कद ३३.१९ करोड़ था। आज ५० वर्षों की विकासयात्रा के बाद यह बढ़कर २९,५०० करोड़ हो चुका है। वर्ष १९६० से २००१ तक गुजरात के चार दशक में पंचवर्षीय योजना का कद ४३,७५६ करोड़ था जबकि अब यह २१ वीं सदी में १,१८,७६१ करोड़ तक पहुंचा जो पिछले ४० वर्ष के वित्तीय खर्च से तीन गुना ज्यादा है। गुजरात की पिछले एक दशक की प्रगति जिस तेज गति से चल रही है उसमें राज्य सरकार का सुचारू अर्थव्यवस्थापन तथा आर्थिक अनुशासन का योगदान है।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की गरीबों, वंचितों तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि समग्रतया इस बजट की कुल व्यवस्था का ७२ प्रतिशत सामाजिक सेवा तथा ढांचागत विकास के क्षेत्रों एवं ग्रामीण कृषि अर्थव्यवस्था की प्रगति के लिए रखा गया है। उन्होंने सखीमंडलों को मजबूत करनेवाली मिशन मंगलम् योजना द्वारा नारी सशक्तिकरण तथा युवाओं के लिए खेल महाकुंभ के अलावा ग्रामीण स्तर पर कौशल्यवर्द्धन प्रशिक्षण केंद्रों के नेटवर्क द्वारा युवाशक्ति का कौशल्य निर्माण के अवसर देने की योजना की सराहना की।
श्री मोदी ने गुजरात के पर्यटन क्षेत्रों के लिए दो नई योजनाओं रामायण संस्कृति के साथ जुड़़े डांग जिले में राम-हनुमान पावनपथ प्रोजेक्ट तथा सन्तनगरी के निर्माण प्रोजेक्ट की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारत की सन्त-ऋषि परम्परा के पिछली पांच सदी के २५०० से ज्यादा सन्तों के जीवनमूल्यों एवं सन्त परम्परा की संस्कृति के दर्शनतीर्थ के लिए सन्तनगरी का निर्माण तथा डांग में राम-हनुमान पावनपथ का प्रोजेक्ट गुजरात में विश्व के पर्यटको के लिए प्रेरणातीर्थ का काम करेगा।