Congress is most dishonest & deceitful party in India: PM Modi in Doda
Royal family of Congress is most corrupt family in India: PM Modi in Doda
Congress can’t think beyond showing hatred: PM Modi in Doda
Dynastic politicians here didn’t want youth to rise in politics: PM Modi in Doda
BJP has consistently worked to uplift youth & underprivileged: PM Modi in Doda

नमस्कार...

तू सब कैई छत्त ??? औरो...क्यू हाल-चाल छो??? शक्ति स्वरूपा मचैल माता को मेरा प्रणाम...सरथल माता की इस पावन भूमि को मेरा प्रणाम...

आप सब यहां, डोडा, किश्तवाड़ और रामबन के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे हैं। यहां आने के लिए आपने घंटों सफर किया है, इसके बावजूद आपके चेहरों पर थकान का नामोनिशान नहीं दिख रहा। चारों तरफ जोश ही जोश है, और मैं देख रहा हूं, हमारी बहनें-बेटियां इतनी विशाल संख्या में हमें आशीर्वाद देने आई हैं। मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। आपका ये प्यार, आपके ये आशीर्वाद, मैं दोगुनी...तीन गुनी...आपके लिए, देश के लिए मेहनत करके चुकाउंगा। हम और आप मिलकर एक सुरक्षित और समृद्ध जम्मू-कश्मीर का निर्माण करेंगे। और ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

इस बार जम्मू-कश्मीर का चुनाव, जम्मू-कश्मीर का भाग्य तय करने वाला है। आजादी के बाद से ही हमारा प्यारा जम्मू-कश्मीर विदेशी ताकतों के निशाने पर आ गया। इसके बाद इस खूबसूरत राज्य को, परिवारवाद ने खोखला करना शुरू कर दिया। यहां जिन राजनीतिक दलों पर आपने भरोसा किया, उन्होंने आपके बच्चों की चिंता नहीं की, उन राजनीतिक दलों ने सिर्फ अपने बच्चों को आगे बढ़ाया। जम्मू-कश्मीर के मेरे नौजवान आतंकवाद में पिसते रहे, और परिवारवाद को आगे बढ़ाने वाली पार्टियां आपको गुमराह करके मौज काटती रहीं। इन लोगों ने जम्मू-कश्मीर में नए नेतृत्व को कहीं भी, कभी भी उभरने ही नहीं दिया। आप भी जानते हैं, यहां पंचायत के चुनाव 2011 के बाद नहीं हुए थे। यहां बीडीसी के चुनाव कभी नहीं हुए थे। डीडीसी के चुनाव भी कभी नहीं हुए थे। दशकों तक यहां परिवारवाद ने, यहां के बच्चों को, यहां के होनहार नौजवानों को आगे नहीं आने दिया। इसलिए ही 2014 में सरकार में आने के बाद, मैंने जम्मू-कश्मीर में नौजवानों की नई लीडरशिप को आगे लाने का प्रयास किया है। फिर 2018 में यहां पंचायत के चुनाव कराए गए, 2019 में बीडीसी के चुनाव हुए और 2020 में पहली बार डीडीसी के चुनाव कराए गए। और ये चुनाव क्यों कराए गए? ताकि जम्मू कश्मीर में डेमोक्रेसी ग्रासरूट तक पहुंचे, यहां के मेरे युवा, जम्हूरियत की कमान संभालने के लिए आगे आएं, यही मेरी कोशिश थी, यहां परिवारवादी राजनीति करने वाले नहीं चाहते थे की यहां का नौजवान राजनीति में आगे आए। हमने इन परिवारवादियों के इरादों को चुनौती दी। और नतीजा क्या हुआ? लोकल बॉडी के इलेक्शन के बाद 30-35 हजार नए नौजवान राजनीति में आए, जम्मू-कश्मीर की कमान संभाली। बीते सालों में जम्मू-कश्मीर में विकास का नया दौर आया है, तो इसका क्रेडिट इन्हीं नौजवानों का है। मैं आज जम्मू-कश्मीर के युवा को, चाहे वो बेटी हो, बेटा हो, उनके जोश, उनके जज्बे को सैल्यूट करता हूं।

साथियों,

जम्मू-कश्मीर का इस बार का विधानसभा चुनाव, तीन खानदानों और ज़म्मू-कश्मीर के नौजवानों के बीच में है। एक तरफ तीन खानदान है और दूसरी तरफ सपने लेकर निकल पड़े जम्मू-कश्मीर के मेरे बेटे-बेटियां हैं। ये तीन खानदान, एक खानदान, कांग्रेस का है, एक खानदान, नेशनल कॉन्फ्रेंस का है, एक खानदान, पीडीपी का है, जम्मू-कश्मीर में इन तीन खानदानों ने मिलकर आप लोगों के साथ जो किया है, वो किसी पाप से कम नहीं है। ये तीनों खानदान, जम्मू-कश्मीर को दशकों-दशक तक बर्बादी देने के ज़िम्मेदार हैं। इन तीन खानदानों ने यहां करप्शन को बढ़ावा दिया। इन तीन खानदानों ने यहां ज़मीन कब्ज़ा करने वाले गिरोहों को बढ़ावा दिया। छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए आप लोगों को तरसाया गया, तड़पाया गया। सरकारी नौकरियों में सिर्फ उन्हीं लोगों को भर्ती किया गया, जो इन तीन खानदानों के खास थे। इन तीन खानदानों ने ही यहां अलगाव और आतंक के लिए ज़रूरी ज़मीन तैयार की। और इसका फायदा किसने उठाया? देश के दुश्मनों ने...ये लोग आतंकवाद को इसलिए पाल-पोस रहे थे ताकि इनकी अरबों-खरबों की दुकान चलती रहे। इनके गुनाहों की वजह से हमारे हज़ारों बच्चों की यहां जान चली गई। ये चंद्रभागा घाटी तो सालों-साल चले आतंक के, खून-खराबे के उस दौर की गवाह रही है। आप याद करिए वो समय, जब दिन ढलते ही यहां अघोषित कर्फ्यू लग जाता था, सारी दुकानदारी ठप, सारा कामकाज ठप, हालत ये थी कि तब कांग्रेस सरकार के, केंद्र सरकार के गृहमंत्री तक लालचौक जाने से डरते थे।

साथियों,

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। पिछले 10 साल में जम्मू-कश्मीर में जो बदलाव आया है, वो किसी सपने से कम नहीं है। जो पत्थर पहले पुलिस और फौज पर फेंकने के लिए उठते थे, उन पत्थरों से नया जम्मू-कश्मीर बन रहा है और ये सब कुछ किसने किया है? किसने किया है? ये मोदी ने नहीं किया, ये जम्मू-कश्मीर के, डोडा के आप लोगों ने किया है। आपके इसी विश्वास को आगे बढ़ाते हुए जम्मू-कश्मीर भाजपा ने आपके लिए एक से बढ़कर एक संकल्प लिए हैं।

साथियों,

आज ही हमने टीका लाल टपलू जी को याद किया है, उन्हें श्रद्धांजलि दी है। तीन दशक से ज्यादा हो गए, इसी दिन हमारे टपलू जी को आतंकवादियों ने शहीद किया था। उनकी हत्या के बाद, कश्मीरी पंडितों के साथ अत्याचार का एक अंतहीन सिलसिला चला। ये भाजपा है जिसने कश्मीरी पंडितों की आवाज उठाई, उनके हित में काम किया। मैं जम्मू-कश्मीर भाजपा को बधाई दूंगा। उन्होंने कश्मीरी हिंदुओं की वापसी और पुनर्वास के लिए टीका लाल टपलू स्कीम बनाने का ऐलान किया है। इससे कश्मीरी हिंदुओं को उनका हक दिलाने में तेज़ी आएगी। भाजपा ने आतंकवाद के सभी पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए white paper लाने का भी फैसला लिया है। और साथियों, भाजपा सिर्फ कहती नहीं है, करके दिखाती है। यहां मंच पर हमारी बेटी शगुन बैठी है। इनके पिता और चाचा, दोनों को आतंकियों ने मार डाला था। अब भाजपा ने आतंकवाद पीड़ित इस बिटिया को टिकट दिया है। बेटी शगुन सिर्फ कैंडिडेट नहीं हैं। ये आंतक को खत्म करने के भाजपा के मज़बूत इरादों की जीती जागती तस्वीर है।

साथियों,

जिन राजनीतिक दलों ने बरसों तक जम्मू-कश्मीर पर राज किया, उन्होंने आपके बच्चों के भविष्य पर कभी ध्यान नहीं दिया। आप याद कीजिए, यहां पहले एक-एक स्कूल खोलने के लिए आपको कितना संघर्ष करना पड़ता था, आपको एक स्कूल, एक कॉलेज खुलवाने के लिए भी आंदोलन करना होता था। एक छोटी सी सड़क बनवानी हो, पानी की टंकी बनवानी हो, आपको आंदोलन किए बिना, पुलिस की लाठी खाए बिना कोई सुनने को तैयार नहीं था। कई-कई साल लग जाते थे, लेकिन कुछ नहीं होता था। मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज ये सब खुलना तो यहां किसी बड़े सपने से कम नहीं था। आज जब आप यहां से घर जाइएगा तो इत्मिनान से जरूर सोचिएगा कि क्यों आपके बच्चों को इन सबसे महरूम रखा गया। जिन्हें आप अपना समझते रहे, उन्होंने आपको कभी अपना माना ही नहीं। आप तो उनके लिए सत्ता तक पहुंचने की सीढ़ी मात्र थे।

साथियों,

ये मोदी है जो आपके बच्चों की चिंता करता है, आपके भविष्य की चिंता करता है। मैं चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर के हर बच्चे को अच्छी पढ़ाई मिले, मैं चाहता हूं यहां का हर बच्चा खूब आगे बढ़े, इसलिए बीते 4-5 साल में ही भाजपा सरकार ने यहां अनेकों नए स्कूल खोले हैं, बहुत सारे कॉलेज बनवाए हैं। आप भी देखिए, डोडा के मेडिकल कॉलेज की डिमांड कब से थी। वो अब जाकर पूरी हुई है। एक समय था, जब यहां के नौजवान अच्छी पढ़ाई के लिए देश के दूसरे राज्य में जाने के लिए मजबूर थे। आज मेडिकल कॉलेज हो, AIIMs हो, IIT हो, जम्मू-कश्मीर में सीटें कई गुणा बढ़ाई गई हैं। अब जम्मू-कश्मीर भाजपा ने पंडित प्रेमनाथ डोगरा रोजगार योजना का ऐलान किया है। इसके तहत यहां रोज़गार के लाखों नए अवसर बनेंगे। राज्य में भाजपा सरकार बनी तो यहां कॉलेज जाने वाले युवाओं को ट्रैवलिंग अलाउंस भी दिया जाएगा।

साथियों,

भाजपा, एक ऐसा जम्मू-कश्मीर बनाने जा रही है- जो terror free होगा और tourists के लिए स्वर्ग होगा। मुझे पुराने दिन याद आते हैं, यहां के लोग, खासतौर पर भद्रवाह के साथी, मेरी काफी उनसे मुलाकातें होती रहती थी, वो बड़े गर्व से कहते थे किसी समय मोदी जी, यहां फ्लां फिल्म की शूटिंग होती थी...मोदी जी...वहां फ्लां फिल्म का वो सीन शूट हुआ था। लेकिन आतंकवाद ब़ढ़ने के बाद यहां फिल्म वालों का आना बंद हो गया। पिछले 10 वर्षों की मेहनत के बाद अब ये हालात भी बदलते नजर आ रहे हैं। यहां देश ही नहीं दुनियाभर से फिल्म वाले शूटिंग करने आएं। हम ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं। इसके लिए नई फिल्म पॉलिसी भी बनाई गई है। मेरा जम्मू-कश्मीर अब फिर फिल्मों में छाएगा, दुनिया में छाएगा। मुझे खुशी है कि अब यहां होटल, रेस्तरां, ढाबे, सभी गुलजार रहने लगे हैं। लाखों लाख टूरिस्ट हर साल आ रहे हैं। मुझे लोग बताते हैं कि यहां भद्रवाह में बड़े-बड़े होटल बनने लगे हैं।

मेरे भाइयों और बहनों...

यहां टूरिज्म का और विस्तार हो। आप लोगों के लिए आना-जाना भी और आसान हो, इसके लिए केंद्र की भाजपा सरकार, यहां कनेक्टिविटी को भी मजबूत कर रही है। चेनानी-नाशरी टनल हो, बनिहाल-काज़ीगुंड टनल हो, नए पुल, नए फ्लाईओवर- ये इस क्षेत्र की पहचान बन रहे हैं। आप याद करिए, पहले, जम्मू से रामबन और बनिहाल जाने में 6-6, 8-8 घंटे लग जाते थे। अब लोग बताते हैं कि जम्मू से बनिहाल 3 घंटे में और जम्मू से श्रीनगर 5-6 घंटे में पहुंच जाते हैं। हम जम्मू कश्मीर के अनछुए हिस्सों को भी रेल से जोड़ रहे हैं। जिला रामबन, डोडा, किश्तवाड़ और कश्मीर घाटी के लोग भी सीधे दिल्ली तक रेल से पहुंच सकें, हम आपका ये सपना पूरा करके रहेंगे। बहुत जल्द ही दिल्ली से रामबन होते हुए ट्रेन श्रीनगर तक जाने वाली है। रेलवे लाइन का काम पूरा हो गया है, स्टेशन बनकर तैयार है और ट्रायल भी शुरू हो गया है। बहुत जल्द ही ये हिस्सा भी रेलवे द्वारा पूरे देश से जुड़ जाएगा।

साथियों,

यहां गरीब से गरीब परिवार को बेहतर शिक्षा मिले, बेहतर इलाज मिले, ये हमारा संकल्प है। जम्मू-कश्मीर देश का वो राज्य है, जहां हर परिवार को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलता है। अब जम्मू कश्मीर भाजपा ने हर गरीब परिवार को, 7 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज देने का ऐलान किया है।

साथियों,

महिलाओं के जीवन से परेशानी कम से कम हो, ये भी भाजपा की प्राथमिकता है। बीते वर्षों में जम्मू-कश्मीर के दूर-सुदूर के गांवों तक भी नल से जल पहुंचा है, बिजली पहुंची है, मोबाइल के टॉवर पहुंचे हैं। इससे भी माताओं-बहनों का जीवन आसान हुआ है। जम्मू-कश्मीर भाजपा ने परिवार की सबसे बड़ी महिला उसके खाते में हर साल 18 हज़ार रुपए जमा करने की भी घोषणा की है। ये पैसा, हर परिवार को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए नए साधन, नए समाधान देगा।

साथियों,

यहां इस क्षेत्र को पर्पल रिवॉल्यूशन यानि बैंगनी क्रांति के लिए जाना जाता है। लैवेंडर की खेती ने यहां छोटे किसानों का जीवन बदल दिया है। भाजपा सरकार, छोटे किसानों के हितों के साथ खड़ी है। अभी तक जम्मू-कश्मीर के किसानों को पीएम सम्मान निधि के 6 हजार रुपए मिलते रहे हैं। अब यहां भाजपा की टीम ने इसको 10 हज़ार रुपए करने का ऐलान किया है।

साथियों,

जम्मू-कश्मीर में रहने वाला कोई भी व्यक्ति, चाहे वो किसी भी मजहब का हो, किसी भी आस्था से जुड़ा हो, किसी भी वर्ग का हो, भाजपा की प्राथमिकता है। आपके हर अधिकार की रक्षा की गारंटी मोदी ने दी है। जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का काम भी भाजपा सरकार ही करेगी। लेकिन आपको ऐसे लोगों से सावधान रहना है जो अपने स्वार्थ के लिए आपका अधिकार छीनते रहे हैं। आपने देखा है, आजकल ये लोग संविधान को अपनी जेब में रखते हैं। संविधान की किताब...कोई सम्मान नहीं, जेब में रख दो। और ये दिखावा क्यों कर रहे हैं। अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए कर रहे हैं। हकीकत क्या है, ये जम्मू-कश्मीर का बच्चा-बच्चा जानता है। इन लोगों ने बाबा साहेब के बनाए संविधान की आत्मा को नोच दिया था। वरना क्या कारण था कि हमारे जम्मू-कश्मीर में दो संविधान चलते थे। क्यों जम्मू-कश्मीर के लोगों को वो हक नहीं मिलता था, जो बाकी देश में मिलता था? यहां हमारे पहाड़ी भाई-बहन, मैं देख रहा हूं यहां आए हैं। क्या कारण है कि इतने साल तक उनको आरक्षण नहीं मिला? जम्मू-कश्मीर में ये SC/ST/OBC का नाम तक नहीं लेते थे। इतनी पीढ़ियां गुजरने के बाद, उनको भाजपा सरकार ने आरक्षण दिया। आज ऐसे अनेक साथी हैं, जिनको पहली बार वोट डालने का हक मिला है। भारत का संविधान हर किसी को वोट का अधिकार देता है। ये संविधान को जेब लेकर घूमने वालों ने 75 साल तक आप में से कुछ लोगों का वोट देने का अधिकार छीन लिया था।

साथियों,

मैं जम्मू कश्मीर की सभी माताओं-बहनों से भी कहूंगा। इन्होंने इतने दशकों तक आपको भी धोखा ही दिया है। इन्होंने ऐसे कानून बनाए कि आपको अपनी ही जम़ीन पर बेगाना कर दिया गया। मैं सभी मुस्लिम बहनों-बेटियों को भी एक बात याद दिलाना चाहता हूं। जब हमने तीन तलाक को खत्म करने का कानून बनाया, तो कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने ही इसका विरोध किया था। ये आपके हिमायती नहीं हैं, ये सिर्फ अपने खानदान का हित सोचते हैं।

साथियों,

आपके सामने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की घोषणाएं भी हैं और भाजपा का संकल्प पत्र भी है। आपके लिए ये जानना ज़रूरी है कि ये लोग कह क्या रहे हैं और उसका नतीजा क्या होगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस आर्टिकल 370 को वापस लाना चाहते हैं। आपके लिए इसका क्या मतलब होगा? इसका मतलब होगा – ये तीन खानदान मिलकर पहाड़ी समाज का आरक्षण फिर छीन लेंगे। जम्मू-कश्मीर में अनेकों लोगों को वोटिंग का जो हक मिला है, वो भी छीन लिया जाएगा। 35A वापस आई तो, माताओं-बहनों के हकों पर फिर वही पुरानी पाबंदी लग जाएगी। आप याद रखिए, इनके घोषणापत्र लागू हुए तो, फिर स्कूल जलने लग जाएंगे। फिर बच्चों के हाथ में पत्थर होंगे। फिर हड़तालें होंगी। कारोबार पर ताले लगेंगे। नौजवान बेरोजगार घूमेंगे। क्या आप इनको वो खौफनाक दिन वापस लाने देंगे क्या? वापस लाने देंगे क्या?

साथियों,

ये संविधान की बातें करते हैं। और नफरत की दुकान पर मोहब्बत की दुकान का बोर्ड लगाकर घूमते हैं। मैंने आज अखबारों में पढ़ा। लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण पिलर होता है, हमारा स्वतंत्र मीडिया। आज एक खबर पढ़ी अमेरिका गए हुए भारत के एक अखबार के एक प्रतिनिधि को अमेरिका में जिस प्रकार उसके साथ जुल्म किया गया। उसने अपनी पूरी कहानी पब्लिक के सामने रख दी है। अमेरिका की धरती पर हिंदुस्तान के एक बेटे को, वो भी एक पत्रकार को और वो भी भारतीय संविधान की रक्षा के लिए काम करने वाले पत्रकार को, कमरे में बंद करके उसके साथ जो व्यवहार हुआ है। क्या ये लोकतंत्र को, संविधान की मर्यादाओं को उजागर करने वाले बैठे हैं कि अमेरिका की धरती पर भारत के पत्रकार की पिटाई करके क्या भारत की प्रतिष्ठा बढ़ा रहे हैं। आपके मुंह में संविधान शब्द शोभा नहीं देता है।

साथियों,

आपको कांग्रेस के झूठे वायदों से बहुत सावधान रहना है। कांग्रेस क्या करती है, कैसी सरकार चलाती है, इसका उदाहरण आप पड़ोस में देख रहे हैं। पड़ोस में हिमाचल में सरकार बनाने के लिए, वोट पाने के लिए इन्होंने ऐसे-ऐसे वादे करके, सरकार बना दी कि पूरे राज्य को बर्बाद कर दिया। आज वहां, छोटा सा राज्य है, हर कोई सड़क पर है। वहां रोड-पानी-बिजली सब काम ठप पड़े हैं। कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल रही है। महंगाई चरम पर है। नौजवानों की भर्तियां बंद हैं। मैं आपसे कह रहा हूं कि – कांग्रेस भारत की सबसे बेईमान और धोखेबाज़ पार्टी है। और कांग्रेस का शाही खानदान, भारत का सबसे भ्रष्ट परिवार है। आपको इनसे सावधान रहना है। ये ऐसे लोग हैं, जो सरकारी तिजोरी के दम पर चुनाव जीतने के लिए बेईमानी के हथकंडे अपनाते हैं, ये लोग जनता को मुसीबत में डालते हैं। ये अपनी नीतियों के दम पर चुनाव में नहीं जाते। जब मैं देश को सतर्क कर रहा था, इनके खतरनाक इरादों से सावधान करा रहा था, तब ये सारे लोग मिलकर मेरा मखौल उड़ाते थे, मुझे गालियां देते थे। और आज पूरा देश देख रहा है। कांग्रेस शासित राज्यों में इतने कम समय में कितनी बड़ी बड़ी मुसीबतें खड़ी हो गई है और उनके पापों के कारण खड़ी हुई है।

साथियों,

कांग्रेस की सोच क्या है, उनकी नीयत क्या है, ये उनके अध्यक्ष की बातों से भी साफ हो जाती है। वो यहां आकर क्या बातें करते हैं? मैं यहां आकर क्या कह रहा हूं। कि हम यहां आकर ये काम करेंगे, वो काम करेंगे, यहां के लोगों की भलाई के लिए…यही कहता हूं कि नहीं कहता हूं। उन्होंने क्या कहा? उनका अहंकार देखिए, अगर हमें 20 सीटें ज्यादा आती तो ये मोदी समेत बीजेपी के सब नेता जेल में होते। क्या आप लोगों को जेल में भेजने के लिए सरकार बनाना चाहते हो कि जनता-जनार्दन का भला करने के लिए सरकार बनाना चाहते हो। क्या यही एक एजेंडा है क्या आपका। 2014, 2019, 2024… 60 साल के बाद तीन बार देश की जनता ने हमें सेवा करने का मौका दिया है। लेकिन हम सरकार लोगों को जेल में डालने के लिए नहीं चलाते हैं। हम सरकार देश में भ्रष्टाचार को नष्ट करने के लिए चलाते हैं। हम सरकार देश के सामान्य मानवी की भलाई के लिए चलाते हैं। साथियों, जब कोई पॉजिटिव सोच ही न हो तो फिर उनके लिए जेल में बंद करने के सिवा कोई एजेंडा नहीं होता है। वो जम्मू-कश्मीर की भलाई के लिए दो बातें बताकर जाते लेकिन उन्होंने तो जेल भेजने की बातें करके गए हैं। साथियों ये नफरत दिखाने से ज्यादा और कुछ सोच नहीं सकते। इनकी नफरत का शिकार जम्मू भी रहा है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हमेशा जम्मू के साथ भेदभाव किया है। डोडा के साथ भेदभाव किया है, पूरे क्षेत्र के साथ भेदभाव किया है। इन लोगों ने महाराजा हरिसिंह और दूसरे राजाओं को लेकर कैसी-कैसी टिप्पणिया कीं हैं, वो भी आपने सुनी हैं। ये सिर्फ महाराजा का नहीं, सभी डोगरों का अपमान है। और मैं जानता हूं...जम्मू-कश्मीर के लोग ये अपमान कभी नहीं सहेंगे।

साथियों,

भाजपा का संकल्प और आपका साथ ही शांति, सुरक्षित और समृद्ध जम्मू-कश्मीर बनाएगा। इसलिए 18 सितंबर को भाजपा के सभी उम्मीदवारों को, यहां मंच पर बैठे सभी उम्मीदवारों को मैं कहता हूं सब आगे आ जाएं। इन सब मेरे साथियों को जिता करके, भारी बहुमत से जिता करके सबको विधानसभा में भेजना है। मैं एक मिनट में उनके बीच जाकरके बधाई देकर फिर आकर भाषण करता हूं। मुझे विश्वास है, इस बार आप लोकसभा चुनावों से भी और ज्यादा वोटिंग करेंगे। पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ देंगे। इसी भरोसे के साथ, मैं आप सभी को यहां इतनी विशाल संख्या में आकरके आशीर्वाद देने के लिए आदरपूर्वक आप सबको नमन करता हूं।

मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय ! इतनी ताकत से बोलिए कि नफरत की दुकान के सारे बोर्ड उखड़कर रह जाएं।

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।