Your every vote will strengthen Modi's resolutions: PM Modi in Davanagere

Published By : Admin | April 28, 2024 | 12:20 IST
PM Modi says this huge public support in Davanagere expresses clearly that you have firmly decided to punish Congress for its sins
The day is not far when the 'civil war' going within the different factions of Congress internally will come on roads: PM Modi in Davanagere

दावणगेरे मत्तू हावेरिया सोदारा सोदारियारिगे नन्ना नमस्कारगुलु
मैं ताई भुवनेश्वरी और इस क्षेत्र के सभी पवित्र मठों को प्रणाम करता हूं।

साथियों,

कर्नाटका ने 26 अप्रैल की वोटिंग से कांग्रेस में कोहराम मचा दिया है। मैं आज हिंदी में बोलूं तो चलेगा न। आज कोई भाषांतर करने वाला नहीं रखा है। क्योंकि मुझे मालूम है, आपका मेरे प्रति इतना प्यार है कि आपको शब्दों को कभी समझने की जरूरत नहीं रही है, भाषा कभी हमारे बीच दीवार नहीं रही है क्यों हमारा दिल का नाता बन गया है। भाइयों-बहनों 26 अप्रैल को जो मतदान हुआ और कर्नाटका यहां की माताओं-बहनों ने, यहां के फर्स्ट टाइम वोटरों ने जो कमाल करके दिखाया है, पूरी कांग्रेस ऊपर से नीचे तक बहुत परेशान हो गई है। अब पूरी कांग्रेस इस कोशिश में लगी है कि 7 मई को कुछ तो ऐसा हो, ताकि कम से कम एक खाता खुल जाए। उनके लिए इस बार दिल्ली में खाता खुलने की संभावना खतम हो गई है। लेकिन, दावणगेरे का ये विशाल जनसमर्थन, ये बता रहा है कि कर्नाटका की जनता कांग्रेस को उसके पापों की सजा देकर रहेगी।

साथियों,

अब वो दिन दूर नहीं, जब कांग्रेस पार्टी के अलग-अलग गुटों में भीतर ही भीतर चल रहा गृहयुद्ध भी सड़क पर आने वाला है। सारे गुट हार का ठीकरा एक दूसरे के सिर पर फोड़ते नज़र आएंगे। और इनकी तो मुसीबत ऐसी है, कि पहले जब भी हार जाते थे तो ईवीएम को टोपी पहना देते थे। क्यों हारे- ईवीएम, डिपोजिट क्यों जब्त हुआ- ईवीएम, मोदी क्यों जीत गया- ईवीएम। वो दिन-रात चुनाव आते ही ईवीएम-ईवीएम की माला जपते रहते थे। अब परसों सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा चांटा मारा, ऐसी थप्पड़ मारी है कि उनके लिए तो परेशानी है कि अब तो ईवीएम का नाम लेकरके अपने कार्यकर्ताओं के मोरल बूस्टिंग का काम कर लेते थे। अब उनकी मुसीबत है कि ये ईवीएम वाला बहाना भी सुप्रीम कोर्ट ने ले लिया, अब हार जाएंगे तो बोलेंगे क्या। आज पूरी कांग्रेस चुनाव हार जाएं तो क्या बयान देना, उसकी ड्राफ्टिंग में लगी हुई है। तैयारी कर रहे हैं।

साथियों,

मैं कर्नाटका में जहां-जहां गया हूं, मुझे तमिलनाडु के चुनाव में जाने का अवसर मिला। मुझे केरल में जाने का अवसर मिला। मैं कश्मीर से कन्याकुमारी तक हिंदुस्तान के हर कोने में गया हूं। मैं 2014 में भी जाता था। 2019 में भी आया था लेकिन 2024 का मिजाज ही कुछ अलग है। क्योंकि देशवासियों ने 10 साल हर पल मोदी को कसौटी से कसा है, तराजू से तौला है। मोदी की वाणी, मोदी का वर्तन, मोदी का समर्पण, 10 साल से देश, 280 करोड़ निगाहें, हर पल मोदी को देख करके सही गलत का फैसला करते हैं। और अनुभव के बाद 10 साल की कठोर कसौटी से निकलकर के आज जब मोदी आया है तो आपका जाना हुआ मोदी है। आपका परखा हुआ मोदी है और आपके लिए जिंदगी खपाने वाला मोदी है। और ये जो मैं आज 2014 में नहीं देखा। जो 2019 में नहीं देखा। वो 24 के चुनाव मैं भरपूर देख रहा हूं। मेरी माताएं बहनें, ऐसा लग रहा है कि मोदी का एक अभेद्य रक्षा कवच बन गई है पूरे देश की माताएं-बहनें। छोटी-छोटी बालिकाएं, मैं यहां देख रहा हूं, कितनी बालिकाएं हाथ ऊपर कर रही हूं। भाइयों-बहनों, एक तो राजनीति, कांग्रेस के अपने कारनामों के कारण, पिछले 70 साल में क्षेत्र बदनाम हो चुका था। उसके बावजूद भी मोदी को इतना प्यार, इतने आशीर्वाद शायद अनेक जन्मों का पुण्य है या परमात्मा ने मुझे भेजा है तब जाकर के ऐसे आशीर्वाद मिलते हैं। मैं किस-किस का आभार व्यक्त करूं। मेरे पास शब्द नहीं हैं। क्या मैं परमात्मा का आभार व्यक्त करूं? क्या मैं जनता जनार्दन का आभार व्यक्त करूं? क्या मैं गांव के गरीब का आभार व्यक्त करूं। क्या मैं देश के अपने नौजवानों का आभार व्यक्त करूं। मेरे पास आपके इस प्यार को व्यक्त करने के लिए, आभार बताने के लिए आज शब्द कम पड़ रहे हैं? सिर्फ और सिर्फ आज मेरे पास है तो एक है जिसमें शब्द नहीं है, संवेदना है। जिसमें पूरी तरह मेरा मौन समर्पण है और मेरे पास एक ही रास्ता बचा है कि देशवासियों को सदा सर्वदा सर झुका करके प्रणाम करता रहूं। नम्रतापूर्वक ये सर झुकाकर हमेशा-हमेशा के लिए मेरे देशवासियों को मैं प्रणाम करता रहूं। उनके आशीर्वाद लेता रहूं और ना कभी थकूंगा, ये मेरी गारंटी है। ना कभी थकूंगा, ना कभी रुकूंगा ना कभी झुकूंगा। और हर पल के लिए जूझता रहूंगा। ये मोदी की गारंटी है, 10 साल आपने मुझे देखा है। भाइयों-बहनों आज मैं जहां जाता हूं, देश के हर कोने से, कर्नाटका के कोने से एक ही आवाज आती है, एक ही सुर सुनाई देता है - फिर एक बार, मोदी सरकार! 4 जून को, पूरे कर्नाटका में सेलिब्रेशन होने जा रहा है। और सेलिब्रेशन ऐसा-वैसा नहीं होगा। ये मेरे दावणगेरे में तो स्पेशल बेण्णे डोसा। अभी से तैयारी कर लो भाई। बेण्णे डोसा की मांग बहुत बढ़ने जा रही है।

साथियों,

आज एक ओर बीजेपी सरकार देश को आगे लेकर जा रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस कर्नाटका को पीछे धकेल रही है। एक ओर, मोदी का मंत्र है- विकसित भारत के चौबीसों घंटे काम, बिना रुके, बिना थके चौबीसों घंटे काम... Twenty Four By Seven, For, Twenty Forty Seven. दूसरी ओर कांग्रेस का वर्क कल्चर है- ब्रेक करो या तो ब्रेक लगाओ। कांग्रेस देश की एकता को ब्रेक करने में जुटी हुईऔर डवलपमेंट के कामों पर ब्रेक लगाने में जुटी है।

साथियों,

बीते 10 वर्षों में NDA ने कर्नाटका के विकास के लिए जितना काम किया, येदूरप्पा जी और बसवराज बोम्मई जी ने कर्नाटका के लिए जो मेहनत की, कांग्रेस उसे बर्बाद करने पर तुली है। और कर्नाटका में कांग्रेस जनता को एड्रेस नहीं कर रही है वो सुबह-शाम तय करते हैं, कि नंबर टू तय करता है नंबर एक को कैसे मारेगा और नंबर एक तय करता है कि नंबर टू को कैसे मारेगा। ये उसको नीचा दिखाने के लिए क्या करेगा, वो इसको नीचा दिखाने के लिए क्या करेगा, यही खेल चलता है। कर्नाटक को ऊंचा दिखाने के लिए उनके पास कोई विजन ही नहीं है। अपनी इन गुटबंदी के कारण, भाई-भतीजावाद के कारण, अपनी गलत नीतियों के कारण कांग्रेस, कर्नाटका में युवाओं, किसानों और सामान्य नागरिकों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। कर्नाटका कांग्रेस का हाल देखिए, वो जनता को समझा नहीं रही, अंदर-अंदर क्या करती है, अच्छा भाई ढाई ये बैठेगा, बाद में ढाई साल तुम आ जाना। अब ये ढाई साल वाले एक-दूसरे का पैर काटेंगे कि नहीं काटेंगे? मैंने तो सुना है ये इंडी अलायंस वालों ने एक नई फार्मूला खोज निकाली है। क्योंकि मैंने एक पब्लिक मीटिंग में पूछा कि भई इतना बड़ा देश आखिरकार किसको सुपुर्द करे। आज देश पांच साल के लिए जिसके भी हाथ में देना है, तो हम सोच-विचार कर देंगे कि नहीं देंगे। सोच करके देंगे कि नहीं देंगे। ऐसे ही कोई आंख बंद करके आया तो दे देंगे क्या। विचार करेंगे ये देश संभाल पाएगा, नहीं संभाल पाएगा, क्या करेगा, क्या नहीं करेगा, सारा ट्रैक रिकॉर्ड देखेंगे कि नहीं देखेंगे। अब मैं उनको पूछता हूं, बताओं तो सही, आपके पास कौन सा नाम है, जिसको देश सुपुर्द कर सके। कोई नाम है क्या। कोई नाम है क्या उनके पास। आप ऐसे अंधेरे में बिना नाम के, वो कुछ भी करें, आप स्वीकार कर लेंगे क्या। देश स्वीकार करेगा क्या। भाइयों-बहनों, इसलिए उन्होंने फार्मूला निकाली है, अब सबको कैसे संतोष देना, और इसलिए पांच साल अगर उनको मौका मिल जाए, तो उन्होंने अपने सभी साथी पार्टियों को कह दिया है कि हरेक एक-एक साल के लिए पीएमशिप मिलेगा। यानि एक साल एक पीएम, दूसरे साल दूसरा पीएम, तीसरे साल तीसरा पीएम, चौथे साल चौथा पीएम, पांचवें साल पांचवां पीएम। मुझे बताइए भाई क्या होगा आपका। क्या होगा मुझे बताइए। क्या आपको ऐसे चीजों से देश का भला दिखता है। आपका भला दिखता है, आपके बच्चों का भला दिखता है। अब ऐसे लोगों के लिए वोट बिगाड़ सकते हैं हम। वोट बर्बाद कोई कर सकता है क्या। मेहरबानी करके आपका वोट बहुत मूल्यवान है। बर्बाद मत करना भइया, गलती से भी मत करना।

भाइयों-बहनों,

कर्नाटका में कांग्रेस ने नई एजुकेशन पॉलिसी पर ब्रेक लगा दिया। 30 साल के बाद देश के 20 लाख से ज्यादा लोगों ने मनोमंथन किया। कर्नाटका के ही बहुत बड़े वैज्ञानिक के नेतृत्व में नई एजुकेशन पॉलिसी बनी। लेकिन उन्होंने वोट बैंक की राजनीति को खुश करने के लिए उन्होंने उसको भी रद्द कर दिया। इसका बहुत बड़ा नुकसान हमारे देश के युवा पीढ़ी को हुआ है, आपके बच्चों के भविष्य पर इन्होंने ताला लगा दिया है। मैं बड़े दर्द के साथ बहुत पीड़ा के साथ कह रहा हूं, राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन हम में से किसी को भी जनता-जनार्दन के भविष्य को तबाह करने का अधिकार नहीं है। लेकिन ये लोग, इनको आपसे कोई लेना-देना नहीं है। यहां हेल्थ सेक्टर के काम हों, इरिगेशन के काम हों, सभी पर राज्य सरकार ब्रेक लगा रही है। भगवान बश्वेश्वरा की इस धरती पर इस तरह डेमोक्रेसी के खिलाफ काम करके कांग्रेस बहुत बड़ी गलती कर रही है, बहुत बड़ा पाप कर रही है।

साथियों,

आज कर्नाटका, कांग्रेस के उसी गवर्नेंस मॉडल का शिकार बन चुका है, जिस तरह इन्होंने 6 दशकों तक देश को चलाया था। कांग्रेस ने देश में करप्शन बढ़ाने और लाखों करोड़ के घोटालों का घोर पाप किया है। क्या ऐसे लोग तेजी से विकास कर रहे हमारे भारत की कमान संभाल सकते हैं क्या? जो बर्बाद करते हैं, इसका नेतृत्व कर सकते हैं क्या। इन पर भरोसा कर सकते हैं हम?

साथियों,

एक समय था जब गरीबों, SC-ST-OBC पिछड़ों के हक की योजनाएं कांग्रेस के करप्शन का मुख्य स्रोत हुआ करती थीं। कांग्रेस के पूर्व पीएम कहते थे कि गरीबों के लिए 1 रुपया भेजते थे तो केवल 15 पैसे पहुंचता है। जरा मैं पूछना चाहता हूं, एक रुपया निकलता था, 15 पैसा पहुंचता था तो बीच में कौन सा पंजा था, जो 85 पैसे मार लेता था। यही नहीं, वंचित वर्ग के नाम पर कांग्रेस ने अपने फेक लाभार्थी भी बना रखे थे। करप्शन का तरीका देखिए, जो पैदा नहीं हुआ, जिसका जन्म नहीं हुआ। उसकी शादी भी लिखवा देते थे, फिर उसका वीडियो भी बना देते थे और वीडियो बनाकर वीडियो वाली योजनाएं मार खाते थे ये लोग। ये करप्शन में मास्टरी थी इनकी। हमारी सरकार ने देश से ऐसे 10 करोड़ नाम निकाले। जो पैदा ही नहीं हुए थे लेकिन बेनिफिट ले रहे थे। हमने 10 करोड़ ऐसे झूठे नाम निकाले और इन लोगों की कमाई करने के सारे रास्तों को मैंने ताला लगा दिया है। आप कल्पना कर सकते हैं कि जितनी कर्नाटका की कुल जनसंख्या है, उससे ज्यादा ऐसे लोग कागजों में थे, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था। और सरकारी खजाने से पैसा जाता था। कांग्रेस सरकार इन अजन्मे लोगों के नाम पर हजारों करोड़ रुपए भेजकर बीच में मार लेती थी। और ये पैसे जाते थे, ये कांग्रेस की पूरी इकोसिस्टम को, कांग्रेस के बिचौलियों की जेब भरती थी। अब मोदी ने इन योजनाओं को आधार और डाइरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर से जोड़ दिया है। बीजेपी ने अब गरीब को उसका हक दिया है। अब मोदी जो पैसा आपको भेजता है, वो पूरा का पूरा आपके बैंक अकाउंट में पहुंचता है। मोदी एक रुपया भेजता है तो पूरे के पूरे 100 पैसे पहुंचते हैं।

साथियों,

गरीब कल्याण की योजनाओं का सबसे बड़े लाभार्थी गरीब, पिछड़ा, दलित, आदिवासी और हमारी माताएं-बहनें हैं। इसीलिए, कांग्रेस को जहां मौका मिलता है, वो इस वर्ग पर अपना आक्रोश उतारती है। कर्नाटका में कांग्रेस ने SC-ST वेलफ़ेयर फंड के eleven thousand crore रुपए divert कर दिये। जो SC-ST समाज के लिए थे, उनको जहां चोरी करने का मौका मिलता था, वहां भेज दिया। कांग्रेस इस कोशिश में लगी रही कि SC-ST वेलफेयर फंड का पैसा कैसे कांग्रेस करप्शन फंड में ट्रान्सफर किया जाए। साथियों, किसानों को किसान सम्मान निधि में four thousand रुपए बीजेपी सरकार प्रदेश की तरफ से देती थी। कांग्रेस ने जैसे ही यहां सरकार बनाई, उसने किसानों का ये four thousand रुपए पर ताला लगा दिया। अब जो मैं दिल्ली से भेजता हूं वो छह हजार रुपये जाता है। कर्नाटका की बीजेपी सरकार ने जो चार हजार रुपया दिया था, ये कांग्रेस वालों ने मना कर दिया। मैं समझ नहीं पा रहा हूं, उनको देश के किसानों से, कर्नाटका के किसानों से क्या दुश्मनी है, क्या नफरत है यहां किसानों के प्रति इनकी। कांग्रेस अब तो कर्नाटका में OBC समाज का आरक्षण भी तुष्टिकरण के लिए अपने वोटबैंक में बांट रही है।

साथियों,

10 साल से दिल्ली की कुर्सी से बाहर बैठी कांग्रेस ने देशवासियों को लूटने के लिए नई प्लानिंग शुरू कर दी है। अब आपकी संपत्ति को सीधे लूटने के लिए कांग्रेस inheritance tax का आइडिया लेकर आई है। अब ये आइडिया समझने जैसा है, उनके गुरु ने अमेरिका से घोषणा की है। और उनके एक वित्त मंत्री 2011 में भी कह चुके हैं। यानी, ये क्या चीज लाने वाले हैं, आप चौंक जाएंगे। जो भी हिंदी समझते हैं, जो हिंदी नहीं समझते हैं उनको जरूर समझाएं। ये मैं आपकी चिंता करने के लिए बोल रहा हूं भाई। हमारा देश कैसा है, हर मां-बाप जिंदगीभर मेहनत करता है, और मन में एक इच्छा रहती है कि जो कुछ भी कमाया है, उसमें से कुछ बचाएंगे, और मरने के बाद बच्चों के काम आए, इसलिए रखेंगे, ऐसा करते हैं कि नहीं करते हैं। हर कोई पैसा बचाता है कि नहीं बचाता है। बच्चों के लिए कुछ न कुछ रखता है कि नहीं रखता है। अब ये ऐसा नियम लाने वाले हैं, कि आप कितनी ही मेहनत करो, कितनी ही कठिनाई से जो कुछ भी जमा किया है, वो सीधा-सीधा अपने बच्चों को नहीं दे सकते हो। आधे से ज्यादा 55 परसेंट, ये कांग्रेस वाले आए तो ऐसा कानून बनाकर उस पर टैक्स लगा देंगे। आपकी कमाई के पैसों पर वो डाका डालेंगे, और आप अपनी संतानों को आधा भी नहीं दे पाओगे। जिन लोगों ने पूरी की पूरी पार्टी विरासत में अपने बच्चों को सौंप दी, वो आपकी मेहनत की कमाई, आपकी विरासत, आपके बच्चों को नहीं देने देंगे।

साथियों,

विकास के लिए...ये जो खतरे लेकर आ रहे हैं, इन लोगों से चौकन्ना रहने की जरूरत है। भाइयों-बहनों मुझे बताइए, किसी भी प्रदेश में अगर लॉ एंड ऑर्डर ठीक नहीं है, तो कोई इन्वेस्टमेंट करने आएगा क्या। कोई कारखाना खोलेगा क्या, कोई हिम्मत करेगा क्या। कोई नहीं करेगा। अरे आपके पास गाड़ी, बंगला है, सुख-चैन की जिंदगी है, सबकुछ है, लेकिन शाम को घर के बाहर जाएं, और रात को जिंदा लौटेंगे नहीं, तो घर का क्या, उस कारखाने का क्या, उन पैसों का क्या। आज कर्नाटका में कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर होती जा रही है। और कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड कानून व्यवस्था के विषय में गंभीर रूप से खराब है। ये कर्नाटका का आज हर नागरिक असुरक्षा महसूस कर रहा है। कैफे में बम ब्लास्ट हो गया, और कांग्रेस घोषणा कर देती है ये तो गैस सिलिंडर ब्लास्ट था। ये कर्नाटका के लोगों को समझते हैं क्या। क्या कर्नाटका के लोगों के दिमाग में ऐसा झूठ भर सकतो हो तुम। सिलिंडर वाला चला नहीं तो फिर उन्होंने क्या कहा, ये तो बिजनेस राइवलरी थी। और इसलिए बिजनेस राइवलरी में ये पटाखा फोड़ा है। आप कल्पना कर सकते हैं, ये तो बम धमाके के ट्रायल शुरू किए हैं। कर्नाटका की जिंदगी को खतरे में डालने का ये खेल शुरू हो चुका है भाइयों। हुबली में दिन-दहाड़े, कॉलेज कैंपस में एक बेटी की हत्या हो जाए और कांग्रेस इसमें भी वोटबैंक ढूंढती रही। इस घटना ने कर्नाटका के सामान्य परिवारों के लिए बहुत बड़ी चिंता खड़ी की है, टेंशन में डाल दिया है। हर मां-बाप सोचते हैं, बेटी को बाहर भेजें या न भेजें। अकेली जाएगी तो पता नहीं क्या होगा। नेहा की हत्या ये कोई सामान्य घटना नहीं है। और सरकार में बैठे हुए लोग, वोट बैंक की चिंता में डूबे हुए हैं। ये एक खतरनाक माइंडसेट है। और ये कांग्रेस, PFI जिस पर प्रतिबंध लगा हुआ है। देशविरोधी कृत्यों के लिए प्रतिबंध लगा है। आए दिन बम धमाके करने की आदी PFI को ये मोदी सरकार ने हिम्मत करके प्रतिबंध लगा दिया। उसके बड़े-बड़े तीसमारखां जेलों में सड़ रहे हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतने के लिए ये PFI के पुराने लोगों के साथ गठबंधन करके, उनको बढ़ावा दे रही है।

साथियों,

ऐसी स्थिति में विकास नहीं हो सकती। आज अगर देश में सुरक्षा की कोई गारंटी है तो उसका नाम मोदी है। विकास की कोई गारंटी है तो उसका नाम मोदी है। भाइयों-बहनों ये मोदी है, घर में घुसकर मारता है। मेरे लिए मेरे देशवासियों की सुरक्षा, ये मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इन 10 वर्षों में कर्नाटका ने मोदी के विकास की स्पीड भी देखी है, और स्केल भी देखा है। 2014 में, यानी इतने दशकों तक कांग्रेस सरकार रहने के बाद, कर्नाटका में केवल 25 नेशनल हाइवेज थे। और, आज ये संख्या 47 है। यानी, कर्नाटका में हाइवेज की संख्या करीब-करीब डबल हो रही है। साथियों, हमारी सरकार ने दावणगेरे को कर्नाटका की स्मार्ट सिटी के रूप में सलेक्ट किया है।

आज स्मार्ट सिटी मिशन के तहत Two Thousand Crore Rupees के प्रोजेक्ट्स पर काम पूरा हो चुका है। दावणगेरे और हरिहरा रेलवे स्टेशन्स को भी अपग्रेड किया गया है। तुमकुरू से दावणगेरे तक डाइरेक्ट रेललिंक की परियोजना भी बनाई गई है, जिसका लाभ इस पूरे क्षेत्र को लाभ मिलेगा। साथियों, युवा Aspirations को पूरा करना बीजेपी की प्राथमिकता है। हमारी ही सरकार ने दावणगेरे में सॉफ्टवेयर पार्क ऑफ इंडिया के सब-सेंटर की स्थापना भी की है। इससे यहां के युवाओं को, स्टार्टअप्स को नए अवसर मिलेंगे। आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर के विकास से दावणगेरे की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को भी गति मिलेगी।

साथियों,

बीते 10 वर्षों में हमने कर्नाटक के विकास के साथ-साथ कर्नाटक की विरासत को भी नई पहचान दी है। बीजेपी के प्रयासों को अब JDS का भी साथ मिल गया है। 7 मई को आपका वोट देश के विकास के साथ-साथ कर्नाटका की इस विरासत को भी आगे बढ़ाएगा। बीजेपी ने दावणगेरे से श्रीमती गायत्री सिद्धेश्वरा और हावेरी से श्री बसवराज बोम्मई को प्रत्याशी बनाया है। आप इनको जब कमल का बटन दबाकर वोट दोगे न, आप पक्का मानकर चलिए, मोदी की गारंटी, जब आप उनको वोट देंगे, ये वोट सीधा-सीधा मोदी को पहुंचेगा। आपका एक-एक वोट, मोदी के संकल्पों को मजबूत करेगा। आपका एक-एक वोट, भारत की मजबूती का आधार बनेगा। और आज इसीलिए मैं आपसे आशीर्वाद मांगने आया हूं। मैं आज आपसे कुछ मांगने आया हूं। मेरा आपसे अनुरोध है, गर्मी कितनी ही क्यों न हो, मतदान पूरा का पूरा कीजिए। पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ने वाला मतदान कीजिए। पूरे देश में नाम हो, इतना मतदान कीजिए। घर-घर जाएंगे, मतदान कराएंगे। पोलिंग बूथ जीतेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे। जरा हाथ ऊपर करके बताइए तो मैं बताऊं। मेरा एक काम करेंगे, पक्का करेंगे। एक काम करना, ज्यादा से ज्यादा परिवारों में जाना। मेरी तरफ से जाना है और जाकर के कहना मोदी जी आए थे, मोदी ने आपको प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचा देना, हर परिवार को मेरा प्रणाम कह देना।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की।

भारत माता की।

भारत माता की।

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.