Effort in every booth will win BJP record seats, says PM Modi to party karyakartas
The festival of democracy is going on in Karnataka. The BJP has always celebrated elections as a festival of democracy: PM Modi
Many times, I refer to Karnataka because people need to know how the people of the state have made awe-inspiring progress, which I feel everyone needs to know to: PM Modi
We have to destroy the politics of bribery and appeasement to witness true development in the state and nation: PM Modi

नमस्कार।
कर्नाटका में लोकतंत्र का उत्सव चल रहा है। बीजेपी ने तो हमेशा चुनावों को लोकतंत्र के महोत्सव के रूप में सेलिब्रेट किया है। आप तो दुनिया को डेमोक्रेसी के सूत्र समझाने वाले भगवान बस्वेश्वर की धरती से हैं। कर्नाटका की समृद्ध परंपरा के प्रतिनिधि और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत बीजेपी के कार्यकर्ता होने का डबल गौरव आप सभी को प्राप्त है। इसलिए आप सभी पर दायित्व भी डबल है। और मुझे विश्वास है, हर बूथ पर किया गया आपका प्रयास, बीजेपी को कर्नाटका में रिकॉर्ड सीटों से जिताएगा। जब बूथ विजयी होता है, तब चुनाव में विजय अवश्य मिलती है। बूथ पर विजय दिलाने की आपकी भावना ही पार्टी को चुनाव जिताती है। पार्टी का एक अनुशासित कार्यकर्ता होने के नाते दो दिन बाद मैं भी आप सभी कार्यकर्ताओं के बीच आ रहा हूं। कर्नाटका की जनता के दर्शन करने के लिए आ रहा हूं। कर्नाटका की जनता के आशीर्वाद लेने के लिए आ रहा हूं।

साथियों,
बीते दिनों मैं सरकारी कार्यक्रमों के दौरान कर्नाटका में जहां भी गया, वहां की जनता ने, हम सभी पर खूब आशीर्वाद बरसाया, खूब आशीर्वाद बरसाया। आजकल चुनाव प्रचार के दौरान भी बीजेपी नेताओं पर, जो भी नेता वहां जाकर के आते हैं, जो बताते हैं, कर्नाटका के लोग अपना अपार स्नेह बरसा रहे हैं। हर छोटे-मोटे कार्यकर्ता पर स्नेह बरसा रहे हैं। ये दिखाता है कि कर्नाटका की जनता का कितना विश्वास बीजेपी पर है। मैं आज कर्नाटका बीजपी का भी अभिनंदन करूंगा कि उन्होंने इस बहुत बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया। और पूरी तरह संगठन की शक्ति का जोर लगाया। चुनाव की इस हलचल के बीच कार्यकर्ताओं से बात करके मुझे भी काफी कुछ सीखने को मिलेगा। आइए, मैं लंबा भाषण न करते हुए आप ही से संवाद करना चाहता हूं। मुझे पहला सवाल भेजा है विरूपक्क्षप्पा जी का है। वो शिवमोगा से हैं। उनका सवाल है- मैं अपना बूथ जीतकर अपनी पार्टी की जीत को और मजबूत बनना चाहता हूं। कुछ बूथ हमेशा से दूसरी पार्टियों के किले रहे हैं, गढ़ रहे हैं। ऐसे में अगले 10 दिन में क्या करें इस बार हमारी पार्टी ये बूथ जीत सके?

विरूपक्क्षप्पा जी, सबसे पहले तो मैं आपको बधाई देना चाहता हूं कि आप विजय के विश्वास से भरे हुए हैं। आप अपना बूथ जिताने के लिए इतने उत्सुक हैं। और भी वहां जो आप कहते हैं कि औरों का गढ़ है। कार्यकर्ता का ये जज्बा, सभी का यही जज्बा बीजेपी को दूसरी पार्टियों से अलग बनाता है। आपको बूथ जीतना है तो सबसे पहले एक काम करिए। आप के जैसे ही कर्मठ और विजय का विश्वास रखने वाले 10 पुरुष कार्यकर्ताओं और 10 महिला कार्यकर्ता, 20 लोगों की जोड़ी बनाइए और मजबूत जोड़ी बनाइए, टीम बनाइए। कर्नाटका के उज्जवल भविष्य के लिए, कर्नाटका नौजवानों के उज्जवल भविष्य के लिए, भाजपा की केंद्र सरकार हो या भाजपा की राज्य सरकार हो ये मिलकर के कैसे काम कर रही है, इसकी सारी जानकारी आपके मोबाइल में होनी चाहिए, आपकी डायरी में होनी चाहिए और डायरी हमेशा साथ होनी चाहिए और ये सारी बातें आपके दिलो-दिमाग में भी होनी चाहिए।

गरीब हो, दलित हो, पिछड़े हो, महिला हो, किसान हो, नौजवान हो, इन सभी के लिए जो काम हमारी सरकार ने किए हैं, ये सारी जानकारी आपके पास उपलब्ध होनी चाहिए। करोगे न। इन जानकारियों के साथ-साथ आप और आपका बनाया 10-10 लोगों का ग्रुप, यानी दो-दो लोगों की जोड़ी, एक पुरुष कार्यकर्ता एक महिला कार्यकर्ता, जब आपके बूथ के लोगों के पास जाएगा, परिवार के अंदर जाना चाहिए, वो बाहर ही पैंपलेट देकर निकल जाते हैं, ऐसा नहीं। घर में जाकर के, एक पुरुष कार्यकर्ता एक महिला कार्यकर्ता दोनों साथ जाए। एक घर में जाकर के बैठें। बुजुर्ग लोग हैं तो उनको जरा प्रणाम कीजिए। बच्चों को प्यार कीजिए। परिचय पूछिए घर में, क्या करते हैं, कहां के हैं, कैसे करते हैं, क्या व्यवस्था है। सारी बातें उनसे सुनिए। फिर कहिए देखिए हम तो भाजपा के कार्यकर्ता हैं। आप कुछ पूछना चाहते हैं क्या। आप कुछ कहना चाहते हैं क्या। फिर जो हमारे काम हैं, सकारात्मक काम हैं, उनके साथ वन टू वन बात कीजिए। एक परिवार में आधा-पौना-एक घंटा बिताइए। बहुत फायदा होगा।

बूथ जीतने की शुरुआत तब होती है जब कार्यकर्ता बूथ से जुड़े परिवारों को जीत लेता है, उनके दिल को जीत लेता है। आप लोगों से जब बातें करेंगे, कई स्तर पर चर्चा कर सकते हैं। जैसे दुनिया के अनेक देशों में अर्थव्यवस्था की हालत खराब है लेकिन हमने कैसे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती से संभाले रखा है। लोग देख रहे हैं, लोगों को पता होता है। दुनिया के अनेक देश, कोरोना से लड़ने में पस्त हो गए लेकिन भारत ने सफलता से कोरोना से लड़ाई लड़ी है। आज देश गरीबी के खिलाफ लड़ रहा है, आज देश इंफ्रास्ट्रक्चर पर रिकार्ड निवेश कर रहा है। आज देश किसानों को किस तरह से लाखों करोड़ रुपए किसान सम्मान निधि के माध्यम से भेजकर उन्हें ब्याजखोरों से बचा रहा है।

बीजेपी और दूसरी पार्टियों में सबसे बड़ा फर्क अप्रोच का है। बीजेपी आने वाले 25 साल में विकसित भारत के रोडमैप पर काम कर रही है। आप देखें, हमारे जो विरोधी हैं उनका क्या एजेंडा है, उनका एजेंडा है सत्ता हथियाना। हमारा एजेंडा क्या है 25 साल में देश को विकसित बनाना। गरीबी से मुक्त बनाना। नौजवानों के सामर्थ्य को सबसे आगे बढ़ाना। आने वाले 25 साल में कर्नाटका की विकास यात्रा को नेतृत्व देने के लिए बीजेपी एक युवा टीम का निर्माण कर रही है। हमारी कोशिश है कर्नाटका में बैंगलुरु जैसे अनेक ग्लोबल हब बन सकें, भारत की स्टार्ट अप क्रांति को कर्नाटका लीड करता रहे। आप अपने बूथ के First Time Voters से भी जरूर मिलिए। उनका एक सम्मेलन भी कर सकते हैं। उनकी कोई स्पर्धा, साइकिल स्पर्धा जैसा कार्यक्रम भी बना सकते हैं। आप उन्हें भाजपा को वोट देने के लिए प्रेरित कीजिए। लंबे अरसे से कर्नाटका में बीजेपी का बड़ा जनाधार रहा है। आप पूर्ण बहुमत की स्थिर बीजेपी सरकार के लिए वोट मांगेंगे तो कर्नाटका की जनता ज़रूर आशीर्वाद देगी। उनको समझाइए कि कर्नाटका में लगातार अस्थिरता से कितना नुकसान हुआ है। और दिल्ली में पिछले नौ साल से आपने मजबूत स्थिर सरकार बनाई इसका कितना लाभ हुआ है। इस बार भी वहां मजबूत और स्थिर सरकार बनाइए।

चलिए आइए, मैंने काफी लंबी बात कर ली शिवमोगा के हमारे साथियों से, अब दूसरा सवाल जो मुझे मिला है। वो फकीरप्पा जिंदे जी का है। वो चित्रदूर्गा जिले से हैं। और वो पूछते हैं- हम लोग हमेशा डबल इंजन सरकार की बात करते हैं। डबल इंजन सरकार की परिभाषा आपके लिए क्या है? डबल इंजन सरकार से कर्नाटका के विकास को क्या लाभ होगा? चलिए, फकीरप्पा जी ने बहुत ही अच्छा सवाल पूछा है। डबल इंजन सरकार के संबंध में पूछा है। और उसका सीधा और साधारण मतलब है, विकास की डबल रफ्तार।

बीते 9 वर्षों का देश का अनुभव रहा है कि जहां-जहां बीजेपी की डबल इंजन सरकार है, वहां-वहां गरीब कल्याण की योजनाएं तेज़ी से ज़मीन पर उतरी हैं। हर घर जल योजना में कर्नाटका देश के अग्रणी राज्यों में है। क्योंकि यहां भी भाजपा सरकार है, वहां भी भाजपा सरकार है। इसीलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि यहां डबल इंजन सरकार है। आपको मैं बताऊं, जो राज्यों में भाजपा सरकार नहीं है, लोकतंत्र में स्वाभाविक है, लेकिन करते क्या हैं...केंद्र सरकार की कोई भी योजना उनके यहां सफल न हो, उनको डर लगता है कि अगर सफल हो गई तो मोदी का जय-जयकार हो जाएगा। कुछ लोग तो योजना से जुड़ते ही नहीं हैं। कुछ राज्य ऐसे हैं वो योजना का नाम बदल देते हैं, स्टिकर नया लगा देते हैं। आप हैरान हो जाएंगे, गरीबों को अनाज देने के लिए वन नेशन वन राशन कार्ड, सुप्रीम कोर्ट को हुकुम करना पड़ा, क्यों क्योंकि डबल इंजन की सरकार उस राज्य में नहीं थी। देखिए, पीएम किसान सम्मान निधि में यहां कर्नाटका सरकार 4 हजार रुपए अपनी तरफ से भी जोड़ रही है। भारत सरकार 6 हजार रुपए दे रही है, राज्य सरकार 4 हजार रुपए दे रही है, दोनों भाजपा की सरकार, किसान को क्या मिल रहा, 10 हज़ार रुपए मिल रहा है। तो हुआ ना डबल लाभ।

आप देख रहे हैं कि बीते 9 वर्षों में भारत दुनियाभर के निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बना है। रिकॉर्ड निवेश भारत में हो रहा है। डबल इंजन सरकार के कारण इसका बहुत बड़ा लाभ कर्नाटका को मिला है। अगर यहां ऐसी सरकार आएगी, जो बात-बात पर केंद्र सरकार से लड़ती रहेगी, योजनाओं को रोकती रहेगी, जनता-जनार्दन का जो भी हो जाए, उनकी राजनीति चलती रहेगी। अगर यही हुआ तो सारे इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट्स को वो लटकाती रहेगी, हम रोड बनाना चाहेंगे, वो जमीन संपादन का काम ही धीरे-धीरे करेगी। तो कैसे निवेश आएगा? निवेश नहीं आएगा तो कर्नाटका में नए रोज़गार कैसे बन पाएंगे? यानि डबल इंजन की सरकार ना रहने पर जनता पर डबल मार पड़ती है।

और आप सामान्य नागरिक से बात करें तो ये भी बता सकते हैं कि देखो भाई ट्रैक्टर है, बहुत बढ़िया काम करता है। लेकिन ट्रैक्टर का एक पहिया आप मारुति कार का लगा दें तो बताइए वो ट्रैक्टर चलेगा क्या? किसी के काम आएगा क्या। वो खुद ही अपनी बर्बादी करेगा कि नहीं करेगा। जैसे एक ही प्रकार की व्यवस्था गति तेज देती है वैसे ही डबल इंजन की सरकार गति तेज देती है। छोटी-छोटी बातें, लोगों के साथ बैठकर के समझाइए। मतदाताओं के साथ चर्चा करके बताना चाहिए। और बूथ लेवल पर बताना चाहिए। लंबे-लंबे बड़े भाषण करने की जिम्मेवारी जिनकी है वो करेंगे। हम कार्यकर्ताओं को तो बूथ को ही जीतना है। और बूथ पर ही हमारी शक्ति हमें लगानी है। तब डबल इंजन सरकार का असली मतलब समझ लोगों को आ जाएगा।

साथियों,
जब भी भाजपा को सेवा करने का मौका मिलता है, तो विकास की स्पीड और स्केल, दोनों बढ़ जाती है। अब जैसे कुछ पार्टियां कह सकती हैं कि जब वो सत्ता में थीं तो वो भी आवास से जुड़ी योजनाएं चलाती थीं। तो ऐसे में भाजपा अगर आवास से जुड़ी योजना चला रही है तो इसमें नया क्या है। इसका ही उत्तर है स्पीड औऱ स्केल, सोच और अप्रोच। अब मैं आपको बताता हूं कि आवास योजनाओं में हमने क्या बदलाव किए। मैं ये छोटी-छोटी बातें इसलिए बताता हूं कि आप कार्यकर्ताओं को मतदाताओं के बीच जाकर के बताने में सुविधा हो जाएगी। 2014 से पहले की योजनाओं में एक घर बनने में 300 दिन लगते थे। अब हमारी योजना में 100 दिन से भी कम समय में घर बन जाता है। पहले घर का आकार 20 वर्ग मीटर होता था, अब घर का आकार 25 वर्ग मीटर होता है। पहले की योजना में एक घर को 70-75 हजार रुपए की मदद दी जाती थी। अब यह मदद 1 लाख 30 हजार रुपए यानि करीब-करीब डबल कर दी गई है। इससे भी बड़ी बात ये है कि ये पैसे अब सीधे लाभार्थी के बैंक अकाउंट में भेजे जाते हैं। कोई बिचौलिया नहीं, कोई कटकी कंपनी नहीं। पहले की आवास योजना में लाभार्थी की पसंद का बिलकुल ध्यान नहीं दिया जाता था। हमारी सरकार की आवास योजना में, घर उसमें रहने वाले परिवार की पंसद के हिसाब से बनता है। पहले की आवास योजना में चार दीवारें खड़ी करके घर देने का दावा किया जाता था। आज घर, बिजली, नल से जल, टॉयलेट, एलपीजी कनेक्शन जैसी अनेक योजनाओं को साथ-साथ दिया जाता है।

मैं आपको स्पीड और स्केल का एक और उदाहरण देता हूं। देश में, देखिए हेल्थ कितना महत्वपूर्ण विषय है, आरोग्य कितना महत्वपूर्ण है। कैसा हाल रहा। देश में पहला एम्स 1956 में शुरु हुआ। कांग्रेस ने उसका भरपूर श्रेय लिया। ढोल बजाते रहे, बजाते रहे बस। लेकिन दूसरा एम्स कब शुरु हुआ? पहला तो 56 में बना, दूसरा कब शुरू हुआ। इसके बारे में कांग्रेस कुछ नहीं बोलती है, मुंह पर ताला लग जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दूसरा एम्स बनने में करीब-करीब 50-60 साल लग गए। वर्ष 2003 में जब अटल जी की सरकार आई तो उन्होंने और ज्यादा एम्स बनाने के बारे में योजना बनाई। ये योजना स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल शिक्षा में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए बनाई गयी थी। इस योजना को भी यूपीए सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। बहुत ज्यादा मांग बढ़ने और देश की जनता की मांग करने पर आधे अधूरे मन से काम किया गया। किसी तरह 2014 तक देश में एम्स की संख्या बढ़कर के 7 पहुंची। याद रखो। यानी 60 साल में एम्स की संख्या 1 से बढ़कर 7 हुई। लेकिन अगले 9 वर्षों में जब हम आए तो हमने देश में एम्स की संख्या को तीन गुना बढ़ा दिया। अब बताइए डबल इंजन सरकार की ताकत है कि नहीं है। अब देश में 7 नहीं 20 एम्स हैं। इसके साथ ही देश में 3 नए एम्स पर तेजी से काम भी चल रहा है। यही हाल देश में मेडिकल कालेजों का भी था। आजादी से लेकर वर्ष 2014 तक देश में मेडिकल कालेजों की संख्या 380 थी। 400 से भी कम। हमें आने के बाद, पिछले 9 साल में देश में मेडिकल कालेजों की संख्या 600 से ज्यादा हो चुकी है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में भी पहले और अब में बहुत बड़ा फर्क है। कांग्रेस ने भ्रष्टाचार मिटाने में कोई रुचि नहीं दिखाई क्योंकि वो खुद ही भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा स्त्रोत रही है। वर्ष 2014 के बाद करप्शन से लडा़ई में कितनी तेजी आई है ये पूरा देश देख रहा है जनधन, आधार और मोबाइल का जो त्रिशूल है न, इस त्रिशूल ने भ्रष्टाचार पर बहुत बड़ा वार किया है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ने देश के 2 लाख 75 हजार करोड़ रुपए, याद रखिए, पौने तीन लाख करोड़ रुपए, जो चोरी होते थे, गलत हाथों में चले जाते थे, भ्रष्टाचार होता था, वो पैसे बचा लिए गए। जो आज गरीबों के, देश के, युवाओं के काम आ रहे हैं। ये जनता के वो पैसे हैं जो बिचौलियों की जेब में चले जाया करते थे। हमने गर्वनेंस के हर क्षेत्र में स्केल, स्पीड, सोच और अप्रोच में आमूलचूल बदलाव किया है।

आइए अब देखते हैं, दो साथियों से बात हुई, अब तीसरा सवाल लेते हैं। सवाल मुझे चंद्रशेखर जी का है। और चंद्रशेखर जी विजयनगर से हैं। उनका सवाल है कि आपने...ये मुझे पूछ रहे हैं... आपने हमेशा से कहा कि कर्नाटका रामदूत हनुमान की नगरी है और संस्कृति से भरे प्रदेश का देश है। और विकास...देश के विकास में ये बहुत बड़ा योगदान देने वाला प्रदेश है। कर्नाटका की Soft Power में आप कितनी संभावनाएं देखते हैं?

अगर मुझे एक वाक्य में कहना है चंद्रशेखर जी, तो मैं यही कहूंगा कि मैं बहुत ही संभावनाएं देखता हूं। और इस अर्थ में आपका सवाल भी बहुत महत्वपूर्ण लगता है। देखिए, भाषा, संस्कृति, साहित्य और इतिहास की गौरवशाली धरोहरों में कर्नाटका बहुत समृद्ध है। आप वहां रहने वालों का ध्यान खींचना चाहते होंगे, हम जब बाहर से आते हैं न, हम तो अभिभूत हो जाते हैं। कर्नाटका की दो बातें मुझे हमेशा से अपनी ओर खींचती हैं। आध्यत्मिकता में कर्नाटका का कोई मुकाबला नहीं और यहां पर आध्यात्मिकता लोगों को एक साथ लाकर सामाजिक जागरुकता की तरफ जाने को प्रेरित करती है। यहां अध्यात्म और सामाजिक उत्थान दोनों साथ-साथ चलती है। चाहे वो कनकदास जी की भक्ति हो या फिर शिवशरण के वचन हों, कर्नाटका के लोग भक्ति की शक्ति का उपयोग समाज के निर्माण में लगाते हैं। भविष्य के निर्माण में लगाते हैं।

दूसरी बात यह कि कर्नाटका के लोग समय के साथ और कई बार तो समय से भी आगे चलते हैं। आधुनिकता के साथ चल कर भी कर्नाटका के लोग अपने साहित्य अपनी भाषा से जुड़े रहते हैं। यहां के युवा कोडिंग भी करते हैं और कूवेम्पू जी की कविता भी पढ़ते सुनते हैं। आज भी कर्नाटका के युवाओं में कन्नडा साहित्य पढ़ने की संस्कृति जीवित है। कर्नाटका अपने गौरवशाली अतीत के प्रति सजग है और कर्नाटका देश के भविष्य को गढने में पूरी तरह जुटा हुआ है। मेरा और कर्नाटका का नाता भी पुराना है। कर्नाटका के लोगों के स्नेह को मैं दशकों से महसूस कर रहा हूं। मुझे दशकों से आशीर्वाद मिलता रहा है। ये तब का स्नेह है जब मैं किसी पद पर नहीं था और यहां पार्टी के काम के लिए एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में आया करता था। इतना ही नहीं, इसके भी पहले, जब मैं राजनीति में भी नहीं था। श्रद्धेय राव जी जोशी जी के चरणों में आकर बैठने का सौभाग्य मिलता था। उस दिन से मेरा जो कर्नाटका और कर्नाटका के लोगों के साथ जो मेरा नाता जुड़ा वो तो लगातार वो और मजबूत होता जा रहा है। इसलिए ही अक्सर मैंने मन की बात कार्यक्रम में कर्नाटका की संस्कृति की बात की है।

कर्नाटका के कितने ही लोग हैं, जो कर्नाटका के विकास के पुण्य कार्य में अपना जीवन लगा रहे हैं। ऐसे लोगों की तपस्या को सबके सामने लाने का प्रयास, मैं मन की बात में भी मौका नहीं छोड़ता हूं। जब भी मौका मिले मन की बात में मैं कर लेता हूं। और आप सबको मालूम है अब इस रविवार को मन की बात का सौवां एपिसोड है। सेंचुरी लगाने का, वो आपके आशीर्वाद से संभव है। देशवासियों के आशीर्वाद से संभव है। और मैं तो इसके लिए देशवासियों को बधाई देता हूं। साथियों, आज भारत अपनी विरासत पर गौरव के साथ ही अपनी संस्कृति, अपनी आस्था, अपने इतिहास से जुड़े प्रसिद्ध स्थानों को आधुनिक अवतार के सामने ला रहा है। इसमें कर्नाटका की सॉफ्ट पावर की भी उतनी ही बड़ी भूमिका है। कर्नाटका में इसके लिए अनेक संभावनाएं हैं, जिनको डबल इंजन सरकार ही अवसरों में बदल सकती है।

चलिए अब देखते हैं, हमारे चौथा सवाल भी हो रहा है। ये अरुण शेट जी का सवाल है। अब वो दक्षिण कन्नड़ा से हैं। उनका सवाल है- कांग्रेस ने हर जगह मुफ्त की रेवडियों का वादा किया है। मुफ्त की रेवडियों की राजनीति पर आपके क्या विचार हैं, हमारा मार्गदर्शन करिए। देखिए, हमारे देश में कुछ राजनीतिक दलों ने राजनीति को सिर्फ सत्ता और भ्रष्टाचार का साधन बना दिया। इसको हासिल करने के लिए वो साम-दाम-दंड-भेद हर तरह का तरीका अपना रहे हैं। इन राजनीतिक दलों को देश के भविष्य की, आने वाली पीढ़ियों की, मेरे कर्नाटका के बच्चों की, मेरे कर्नाटका के नौजवानों की, मेरे कर्नाटका के नौजवान बेटियों की, उनको कोई चिंता नहीं है। मुफ्त की रेवड़ी की राजनीति की वजह से, कई राज्य इतना बेतहाशा खर्च अपनी दलगत राजनीति की भलाई के लिए कर रहे हैं, राज्य कर्ज में डूबते चले जा रहे हैं, और आने वाली पीढ़ियों का भी वो खा जा रहे हैं। देश ऐसे नहीं चलता, सरकार ऐसे नहीं चलती। सरकार को पीढ़ियां बनाने के लिए काम करना होता है। सरकार को वर्तमान के साथ-साथ भविष्य का भी सोचना पड़ता है। सरकार सिर्फ सुबह-शाम, रोजमर्चा की रोजी-रोटी कमाने वाली जिंदगी पर नहीं चल सकती। बल्कि उसको asset creation पर काम करना पड़ता है, संपदा बनानी पड़ती है, ताकि दशकों-दशक तक देश के हर परिवार का जीवन ठीक से चलता रहे। इसलिए बीजेपी शॉर्टकट नहीं बल्कि विकसित भारत के निर्माण के लिए काम कर रही है। और आप कभी रेलवे स्टेशन पर गए होंगे तो देखते होंगे कुछ लोग एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाना है तो ऊपर ब्रिज छोटा सा चढ़कर के जाते हैं। और जल्दी में नीचे ही कूदकर के पटरी क्रास कर के भागने की कोशिश करते हैं। वहां लिखा होता है- शार्टकट विल कट यू शार्ट। ये सब जगह पे लागू होता है।

साथियों, बीजेपी सिर्फ 5 साल के लिए नहीं, सिर्फ हमारी सत्ता के लिए नहीं, बल्कि हम देश के लिए सोचते हैं। हम दल के लिए नहीं, देश के लिए सोचते हैं। हम सिर्फ हमारी आज की चुनाव की राजनीति के लिए नहीं, हम 25 साल में भारत को कहां ले जाएंगे इस सपने को साकार करने के लिए काम कर रहे हैं। हां, कुछ तात्कालिक चुनौतियों से निपटने के लिए देश के गरीब परिवारों को हर संभव सहायता दी जा रही है, वो सरकार का दायित्व है। अब कोरोना वैक्सीन के समय, हमें जरूरत लगी, तो हमने मुफ्त वैक्सीन दिया देश को। क्योंकि जिंदगी बचानी थी। और वो आज मेरे देश को आगे बढ़ाने में काम कर रहे हैं। मुफ्त राशन देने की जरूरत पड़ी, देना था, दिया। क्योंकि देश में कोई व्यक्ति भूखा नहीं रहना चाहिए। लेकिन देश को आगे बढ़ाना है तो हमें ये रेवड़ी कल्चर से मुक्त होना ही पड़ता है।

बीजेपी सरकार आज पूरे देश में आधुनिक फिजिकल, डिजिटल और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व निवेश कर रही है। यही आज की पीढ़ी के साथ-साथ भविष्य की पीढियों के भी काम आने वाला है। अब देखिए, रोड, रेल, एयरपोर्ट, पोर्ट, सोलर पार्क, गरीबों के घर, पानी की लाइनें, गैस पाइपलाइन, मेडिकल कॉलेज, एम्स, IIT, ट्रिपल आईटी, IIM, ऐसी संपदा बनाने पर हमारा फोकस है। अब आज से 25 साल पहले, अगर मेडिकल कॉलेजें बनाई होती तो आज देश के पास लाखों डॉक्टर होते। हमें डॉक्टरों की कमी नहीं होती। नर्सेज की कितनी कमी है। अगर आज से 20-25-30 साल पहले आवश्यकता के अनुसार नर्सेज के कॉलेज बन गई होती तो आज देश में बच्चियों को अपना भविष्य बनाने के लिए कितना काम आता। लेकिन उन्होंने उस समय की राजनीति की, भविष्य का सोचा नहीं, अब आज हम कितना ही दौड़ लगाएं, लेकिन जो 25 साल बर्बाद हो गए वो तो हो गए। और इसीलिए मेरी नौजवानों से खास विनती है, ये जो रेवड़ी बांटने वाले आपको मूरख बनाने की कोशिश करते हैं न। आप अपने उज्ज्वल भविष्य, अपने संतानों की भविष्य के लिए सोचिए। और मैं पक्का कहता हूं, जिस दिशा में हम चल रहे हैं जिन मजबूती पर चल रहे हैं, इसका लाभ कर्नाटका को भी मिल रह है। अब फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की बात करें, एफडीआई की, और मेरी तो एफडीआई की दूसरी भी व्याख्या है। एफडीआई का पापुलर क्या है... फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट। और मेरी एक और व्याख्या है...फर्स्ट डेवलप इंडिया। अब देखिए कांग्रेस के शासनकाल में एफडीआई का क्या हाल था। 1 लाख करोड़ रुपए का निवेश आया, जबकि बीजेपी के चार साल में 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश आया है।

कांग्रेस की झूठ की रेवड़ियों का पर्दाफाश करने के लिए आपको कांग्रेस शासित दूसरे राज्यों की सच्चाई भी लोगों को बतानी होगी। और आपको ये सारा नेट पर देखोगे तो मिल जाएगा। आंकड़ों के साथ मिल जाएगा। हिमाचल के लोग...अभी-अभी चुनाव हुआ है न...एक साल हो गया...हिमाचल के लोग आज तक कांग्रेस की गारंटी पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं। वादे किए, किया कुछ नहीं। राजस्थान के लोग भी कांग्रेस की गारंटी पर आज आंदोलन कर रहे हैं, भई क्या हुआ...सरकार का चार साल बीत चुका है। अभी तक गारंटी, गारंटी ही रह गई। कांग्रेस मतलब झूठ की गारंटी। कांग्रेस मतलब भ्रष्टाचार की गारंटी। कांग्रेस मतलब भाई-भतीजावाद की गारंटी। कांग्रेस अब उस स्थिति में है जब वो ना कोई सच्ची गारंटी दे सकती है और आपको तो मालूम है मेरे नौजवान दोस्तों, कांग्रेस की वारंटी तो बहुत पहले ही एक्सपायर हो चुकी है। जिसकी वारंटी एक्सपायर हो चुकी है उसकी गारंटी का मतलब क्या है जी।

आइए देखते हैं, अब हमें और भी कुछ सवाल आ रहे हैं। देखिए पांचवें हमारे कार्यकर्ता मुझे सवाल पूछ रहे हैं। श्री डी. आऱ योगिश जी हैं। वो तो बैंगलुरू से हैं। और उनका सवाल है- कि सरकार बनने के बाद हम आने वाले 5 साल में कर्नाटका को कहां देख सकते हैं? बैंगलुरू के नौजवान हैं तो लंबा सोचने वाले होते ही होते हैं। अच्छा सोचने वाले हैं कर्नाटका के नौजवान। देखिए, देश इस समय आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आने वाले 24-25 साल देश के लिए अमृत काल है। इनकी शुरुआत इन्हीं पांच वर्षों से होने वाली है। ये किसी सरकार की बात नहीं हैं, ये किसी दल की बात नहीं है। ये देश की बात है। इन पांच वर्षों की प्रगति हमारे अमृतकाल की नींव होने वाली है। ऐसे में मतदाताओं को उन्हें चुनना चाहिए जिनके पास अमृतकाल के लिए कुछ ब्लूप्रिंट हो।

अब देखिए, मैं आपको एक आजादी के पहले चित्र आपके सामने रखता हूं। हमारे देश में 800 हजार साल की गुलामी के कालखंड में इस देश का एक भी वर्ष ऐसा नहीं था कि आजादी के लिए किसी ने कोई जंग न किया हो। इस देश का कोई इलाका ऐसा नहीं था जो कभी न कभी आजादी के जंग का बिगुल न बजाया हो, लड़ाई न लड़ी हो। लेकिन 1920 के बाद पूज्य बापू के नेतृत्व में जो बातें शुरू हुई। अब पूज्य महात्मा गांधी ने आजादी ले के रहूंगा का जो मुद्दा आगे बढ़ाया। क्विट इंडिया का मुद्दा आगे बढ़ाया। 25 साल के भीतर-भीतर...यानि 800 साल से हम लड़ रहे थे...लेकिन वो 25 साल ऐसे महत्व के बन गए कि 1947 में आजादी आई। अनेक परिवारों ने काम किया। नेताजी के नेतृत्व ने काम किया। भगत सिंह जैसे वीरों की शहादत ने काम किया। वीर सावरकर जी के पूरे परिवार के बलिदान जैसे महापुरुषों ने काम किया। लेकिन गांधी का उस नेतृत्व देश के सामान्य मानवी को आंदोलित कर दिया। वो 25 साल का कालखंड जैसे आजादी दिला सका। वैसे ही मेरे साथियों, ये 25 साल का कालखंड, ये अमृतकाल समृद्ध भारत की गारंटी है। मेरे शब्द लिखकर रखिए, दोस्तों। ये विकसित भारत की गारंटी है। और हमारी सरकार ने तो अभी से इस पर काम करना शुरू कर दिया है।

कर्नाटका हमारे इस विकास अभियान का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। कर्नाटका के विकास से भारत का विकास, फिर से मैं कहता हूं- कर्नाटका के विकास से भारत का विकास। हमारी सरकार, इसी मंत्र के साथ चल रही है। आज पूरी दुनिया भारत को मैन्युफेक्चरिंग के हब के रूप में देख रही है। आने वाले समय में बहुत सारी मेगाफैक्ट्रियां भारत में आने वाली हैं। इसका बहुत बड़ा लाभार्थी कर्नाटका का युवा होने वाला है। इसके लिए हमें बहुत तेज़ गति से कर्नाटका के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाना है, तेज़ गति से मल्टीमोडल बनाना है। आज देखिए, बैंगलुरु का इंटरनेशनल एयरपोर्ट कितना आधुनिक कितना शानदार बन चुका है। रेलवे स्टेशन भी एयरपोर्ट से कम नहीं हैं। बैंगलुरु मेट्रो की प्रशंसा भी पूरे देश में हो रही है। बैंगलुरू-मैसुरू एक्सप्रेसवे बहुत शानदार बना है।

आज पूरे कर्नाटका में ऐसे प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। अब देखिए... शिमोगा एयरपोर्ट, बीदर एयरपोर्ट, तुमकुर में एचएएल फैक्ट्री, ऐसे अनेक प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। बाकी प्रोजेक्ट पर भी हमें बहुत कम समय में काम पूरा करना है। इसके लिए डबल इंजन सरकार और वो भी कर्नाटका में पूर्ण बहुमत वाली भाजपा की स्थिर और मजबूत सरकार होना बहुत आवश्यक है। हम अगले पांच साल में ऐसा कर्नाटका बनाने वाले हैं जहां मेरे गांव का सामर्थ्य, मेरे किसानों का सामर्थ्य, मेरी माताओं-बहनों का सामर्थ्य, मेरे नौजवानों का सामर्थ्य, मेरे दलित भाई-बहनों का सामर्थ्य, मेरे आदिवासी भाई-बहनों का सामर्थ्य, ये शक्ति, ये सामर्थ्यवान बनें, सशक्त बनें, समर्थ हो, संवेदनशील हो और हम सब मिलकर के दिल्ली की सरकार हो या कर्नाटका की सरकार मैं हूं या आप हो, कर्नाटका का विकास, देश का विकास, देश को गति देने के लिए कर्नाटका का विकास। हमें पूरी सक्षमता के साथ आगे बढ़ना है। विश्वास के साथ आगे बढ़ना है।

साथियों,
इन्हीं वजहों से आज कर्नाटका की जनता बीजेपी की पूर्ण बहुमत की स्थिर और मजबूत सरकार बनाने के लिए तैयार है। साथियों, ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे आप सब से आज बूथ लेवल के लाखों कार्यकर्ताओं के दर्शन करने का भी सौभाग्य मिला है। आपसे बातचीत करने का भी सौभाग्य मिला है। और मैं आश्वस्त हो गया हूं कि इस बार सारे रिकार्ड तोड़ करके भारतीय जनता पार्टी को कर्नाटका की जनता विजय बनाने वाली है। ये आशीर्वाद देने वाली है। लेकिन साथियों, जनता के आशीर्वाद, उसको हमें पोलिंग बूथ तक पहुंचाना पड़ता है। आंधी कितनी ही तेज क्यों न हो, लेकिन साइकिल ट्यूब लेकर खड़े हो जाएं तो हवा नहीं भरती है, पंप लगता है। वैसे ही आंधी है, आशीर्वाद का प्रवाह है। लेकिन पोलिंग बूथ तक ले जाने के लिए कार्यकर्ता डटे रहना चाहिए। बूथ कमेटी डटी रहनी चाहिए। बूथ की शक्ति लगनी चाहिए। और आप देखिए बूथ विजय निश्चित हो जाएगा। और जब बूथ विजय हो जाएगा तो कर्नाटका के उज्जवल भविष्य की गारंटी भी पक्की हो जाएगी। और इसीलिए हमें एक पल भी निश्चिंत नहीं होना है। अब कुछ लोग कहेंगे...मोदी जी आपने सार्वजनिक रूप से इतनी सारी बातें बता दी। तो और पार्टियां भी उसका फायदा उठाएंगी। मुझे कोई प्राब्लॉम नहीं है साथियों। सच्चे अर्थ में जनता के बीच ईमानदारी से काम करने का हरेक को अधिकार है। लेकिन मुझे पक्का मालूम है, मैं सब पब्लिकली बता रहा हूं, तरीके बता रहा हूं, कोई सीक्रेट नहीं रखता हूं। लेकिन मुझे मालूम है कि उन लोगों की आदतें ऐसी है कि इस रास्ते पर चल ही नहीं सकते। तपस्या है तपस्या। और भाजपा कार्यकर्ता तपस्या कर सकता है इसीलिए ऐसी बातें कहने की मेरी हिम्मत हो जाती है। और मुझे विश्वास है कि आपकी तपस्या, आपका संघर्ष, आपका सामर्थ्य, बूथ पर ही ताकत लगाने का आपका संकल्प बूथ को विजय बनाकर रहेगा। बूथ विजय होगा तो कर्नाटका विजय होने वाला है। बूथ विजय होगा तो भाजपा सरकार पक्की बनने वाली है। और डबल इंजन सरकार वापस आएगी, ये मेरा पूरा विश्वास है। लोकतंत्र के इस उत्सव में आपकी भागीदारी, आपके परिश्रम को सशक्त करने के लिए मैं भी आपके साथ एक कार्यकर्ता के नाते जुटने वाला हूं। बीजेपी के एक कार्यकर्ता के नाते मुझसे जो कुछ भी बन पड़ेगा। आप कार्यकर्ता जो भी मुझे आदेश करेंगे। मैं भी कंधे से कंधा मिलकार आपके साथ खड़ा रहूंगा, काम करूंगा। और कर्नाटका की जनता का आशीर्वाद लेना ये मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य होता है। आने वाले दिनों में हम घर-घर जाकर बीजेपी के प्रति हर कन्नड़िगा, हर मेरे कन्नड़िगा भाई को उनके विश्वास को और मजबूत करेंगे।
आपको पूरे विश्वास के साथ फ्रंटफुट पर खेलना है।
हमें हर बूथ, हर पन्ने तक पहुंचना है।
आप सभी को मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
बहुत बहुत धन्यवाद।

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Our Constitution is the guide to our present and our future: PM Modi on Samvidhan Divas
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Our constitution is not merely a Book of Law, its a continuously ever- flowing, living stream: PM
Our Constitution is the guide to our present and our future: PM
Today every citizen has only one goal ,to build a Viksit Bharat: PM
A new judicial code has been implemented to ensure speedy justice, The punishment based system has now changed into a justice based system: PM

भारत के मुख्य न्यायधीश जस्टिस संजीव खन्ना जी, जस्टिस बीआर गवई जी, जस्टिस सूर्यकांत जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी श्रीमान अर्जुन राम मेघवाल जी, अटॉर्नी जनरल श्री वेंकटरमानी जी, बार काउंसिल के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र जी, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री कपिल सिब्बल जी, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति गण, पूर्व मुख्य न्यायधीश गण, उपस्थित अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

आपको, सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। भारत के संविधान का ये 75वां साल, पूरे देश के लिए एक असीम गौरव का विषय है। मैं आज भारत के संविधान को, संविधान सभा के सभी सदस्यों को आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

हम लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण पर्व का जो स्मरण कर रहे हैं, उस समय ये भी नहीं भूल सकते कि आज मुंबई में हुए आतंकी हमले की भी बरसी है। इस हमले में जिन व्यक्तियों का निधन हुआ, उन्हें मैं अपनी श्रद्धांजलि देता हूं। मैं देश को ये संकल्प भी दोहराता हूं कि भारत के सुरक्षा को चुनौती देने वाले हर आतंकी संगठन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

साथियों,

संविधान सभा की लंबी बहस के दौरान भारत के गणतांत्रिक भविष्य पर गंभीर चर्चाएं हुई थी। आप सभी उस डिबेट से भली-भांति परिचित हैं। और तब बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा था- Constitution is not a mere lawyers’ document…its spirit is always the spirit of Age. जिस स्पिरिट की बात बाबा साहेब कहते थे, वो बहुत ही अहम है। देश-काल-परिस्थिति के हिसाब से उचित निर्णय लेकर हम संविधान की समय-समय पर व्याख्या कर सकें, ये प्रावधान हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें दिया है। हमारे संविधान निर्माता ये जानते थे कि भारत की आकांक्षाएं, भारत के सपने समय के साथ नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे, वो जानते थे कि आज़ाद भारत की और भारत के नागरिकों की ज़रूरतें बदलेंगी, चुनौतियां बदलेंगी। इसलिए उन्होंने हमारे संविधान को महज़ कानून की एक किताब बनाकर नहीं छोड़ा...बल्कि इसको एक जीवंत, निरंतर प्रवाहमान धारा बनाया।

साथियों,

हमारा संविधान, हमारे वर्तमान और हमारे भविष्य का मार्गदर्शक है। बीते 75 वर्षों में देश के सामने जो भी चुनौतियां आई हैं, हमारे संविधान ने हर उस चुनौती का समाधान करने के लिए उचित मार्ग दिखाया है। इसी कालखंड में आपातकाल जैसा समय भी आया...और हमारे संविधान ने लोकतंत्र के सामने आई इस चुनौती का भी सामना किया। हमारा संविधान देश की हर जरूरत, हर अपेक्षा पर खरा उतरा है। संविधान से मिली इस शक्ति की वजह से ही...आज जम्मू-कश्मीर में भी बाबा साहेब का संविधान पूरी तरह लागू हुआ है। आज वहां पहली बार संविधान दिवस मनाया गया है।

साथियों,

आज भारत, परिवर्तन के इतने बड़े दौर से गुजर रहा है, ऐसे अहम समय में भारत का संविधान ही हमें रास्ता दिखा रहा है, हमारे लिए गाइडिंग लाइट बना हुआ है।

साथियों,

भारत के भविष्य का मार्ग अब बड़े सपनों, बड़े संकल्पों की सिद्धि का है। आज हर देशवासी का एक ही ध्येय है- विकसित भारत का निर्माण। विकसित भारत का मतलब है, जहां देश के हर नागरिक को एक quality of life मिल सके, dignity of life मिल सके। ये सामाजिक न्याय, सोशल जस्टिस का भी बहुत बड़ा माध्यम है। और ये संविधान की भी भावना है। इसलिए, बीते वर्षों में, देश में लोगों के बीच आर्थिक और सामाजिक समानता लाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। बीते 10 वर्षों में 53 करोड़ से ज्यादा ऐसे भारतीयों का बैंक खाता खुला है...जो बैंक के दरवाजे तक नहीं पहुंच पाते थे। बीते 10 वर्षों में 4 करोड़ ऐसे भारतीयों को पक्का घर मिला है, जो कई-कई पीढ़ियों से बेघर थे, बीते 10 वर्षों में 10 करोड़ से ज्यादा ऐसी महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है, जो बरसों से अपने घर में गैस पहुंचने का इंतजार कर रही थीं। हमें आज के जीवन में बहुत आसान लगता है कि घर में नल खोला और पानी आ गया। लेकिन देश में आजादी के 75 साल बाद भी सिर्फ 3 करोड़ घर ही ऐसे थे, जिनमें नल से जल आता था। करोड़ों लोग तब भी अपने घर में नल से जल का इंतजार कर रहे थे। मुझे संतोष है कि हमारी सरकार ने 5-6 साल में 12 करोड़ से ज्यादा घरों को नल से जल देकर नागरिकों का और विशेषकर महिलाओं का जीवन आसान बनाया है, संविधान की भावना को सशक्त किया है।

साथियों,

आप सभी जानते हैं कि हमारे संविधान की मूल प्रति में प्रभु श्रीराम, माता सीता, हनुमान जी, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर, गुरू गोविंद सिंह जी...सभी के चित्र हैं। भारत की संस्कृति के प्रतीक...इन चित्रों को संविधान में इसलिए स्थान दिया गया ताकि वो हमें मानवीय मूल्यों के प्रति सजग करते रहें। ये मानवीय मूल्य...आज के भारत की नीतियों और निर्णयों का आधार हैं। भारतीयों को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए नई न्याय संहिता लागू की गई है। दंड आधारित व्यवस्था अब न्याय आधारित व्यवस्था में बदल चुकी है। महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम का ऐतिहासिक निर्णय हुआ है। हमने third gender को उनकी पहचान और उनका हक दिलाने के लिए भी कदम उठाए हैं। हमने दिव्यांगजनों के जीवन को आसान बनाने के लिए भी व्यवस्थाएं बनाईं हैं।

साथियों,

आज देश का बहुत ज्यादा जोर, देश के नागरिकों की Ease of Living पर है। एक समय था जब पेंशन पाने वाले सीनियर सीटिजन्स को बैंक में जाकर साबित करना होता था कि वो जीवित हैं। आज सीनियर सिटीज़न्स को घर बैठे ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट्स की सुविधा मिल रही है। करीब-करीब डेढ़ करोड़ सीनियर सीटिजन्स अब तक इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं। आज भारत वो देश है जो हर गरीब परिवार को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देता है। आज भारत वो देश है, जो 70 वर्ष से ऊपर के हर बुजुर्ग को फ्री हेल्थकेयर की सुविधा देता है। देश के हजारों जनऔषधि केंद्रों पर आज 80 परसेंट डिस्काउंट पर सस्ती दवाइयां मिल रही हैं। एक समय में हमारे देश में इम्यूनाइजेशन की कवरेज भी 60 परसेंट से भी कम थी। करोड़ों बच्चे हर साल टीकाकरण से छूट जाते थे। आज मुझे संतोष है कि अब मिशन इंद्रधनुष की वजह से भारत में इम्यूनाइजेशन की कवरेज शत प्रतिशत पहुंच रही है। आज दूर-सुदूर के गांवों में भी समय पर बच्चों का टीकाकरण हो पा रहा है। इन प्रयासों ने गरीबों की, मध्यम वर्ग की बहुत बड़ी चिंता कम की है।

साथियों,

आज देश में कैसे काम हो रहा है...इसका एक उदाहरण Aspirational District अभियान भी है। देश के 100 से अधिक ऐसे जिले जिन्हें पिछड़ा कहा जाता था...हमने उन्हें Aspirational District माना और वहां हर पैरामीटर में विकास की गति तेज़ की गई है। आज देश के अनेक Aspirational Districts, दूसरे जिलों से बहुत बेहतर कर रहे हैं। अब इसी मॉडल के आधार पर हमने aspirational block program भी शुरु किया है।

साथियों,

लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी से परेशानियां खत्म करने पर भी आज देश का बहुत ज्यादा जोर है। कुछ साल पहले तक भारत में ढाई करोड़ घर ऐसे थे, जो शाम होते ही अंधेरे में डूब जाते थे, उन घरों में बिजली कनेक्शन ही नहीं था। सबको बिजली का मुफ्त कनेक्शन देकर, देश ने उनके जीवन को रोशन कर दिया है। बीते वर्षों में दूर-सुदूर इलाकों में भी हजारों की संख्या में मोबाइल टावर्स लगाए गए हैं...ताकि लोगों को 4G/5G कनेक्टिविटी मिलती रहे। पहले कभी आप अंडमान या लक्ष्यद्वीप जाते थे तो वहां ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी नहीं मिलती थी। आज अंडरवॉटर ऑप्टिकल फाइबर ने ऐसे द्वीपों तक भी अच्छी स्पीड वाला इंटरनेट पहुंचा दिया है। हमारे यहां गांव के घरों, गांव की ज़मीन से जुड़े कितने विवाद होते रहे हैं...ये भी हम भली-भांति जानते हैं। पूरी दुनिया में विकसित देशों के सामने भी लैंड रिकॉर्ड एक बहुत बड़ा चैलेंज रहा है। लेकिन आज का भारत, इसमें भी लीड ले रहा है। पीएम स्वामित्व योजना के तहत, आज गांव के घरों की ड्रोन मैपिंग की जा रही है और लीगल डॉक्यूमेंट इश्यू किए जा रहे हैं।

साथियों,

देश के विकास के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का तेज निर्माण भी उतना ही जरूरी है। इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे होने से देश का धन भी बचता है...और प्रोजेक्ट भी, उसकी उपयोगिता भी बहुत बढ़ जाती है। इसी सोच के साथ प्रगति नाम से एक प्लेटफॉर्म बनाया गया है जिसमें इंफ्रा प्रोजेक्ट्स का रेगुलर रिव्यू होता है। और इनमें से कुछ प्रोजेक्ट्स तो ऐसे थे जो 30-30, 40-40 साल से पेंडिंग थे। मैं खुद इसकी मीटिंग्स को चेयर करता हूं। आपको जानकर अच्छा लगेगा कि अभी तक 18 लाख करोड़ रुपए के ऐसे प्रोजेक्ट्स को रिव्यू करके, उनके सामने की अड़चनों को दूर किया जा चुका है। समय पर पूरे हो रहे प्रोजेक्ट्स लोगों के जीवन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। देश में हो रहे ये प्रयास...देश की प्रगति को भी गति दे रहे हैं और संविधान की मूल भावना को भी सशक्त कर रहे हैं।

साथियों,

मैं अपनी बात डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी के शब्दों के साथ समाप्त करना चाहूंगा...26 नवंबर...आज के ही दिन 1949 में संविधान सभा में अपने समापन भाषण में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी ने कहा था...“भारत को आज ईमानदार लोगों के एक समूह से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए जो अपने हितों से आगे देश का हित रखेंगे। नेशन फर्स्ट, राष्ट्र सर्वप्रथम की यही भावना भारत के संविधान को आने वाली कई-कई सदियों तक जीवंत बनाए रखेगी। मैं, संविधान ने मुझे जो काम दिया है, मैंने उसी मर्यादा में रहने का प्रयास किया है, मैंने कोई encroachment की कोशिश नहीं की है। क्योंकि संविधान ने मुझे वो काम कहा इसलिए मैंने अपनी मर्यादाओं को संभालते हुए अपनी बात को रखा है। यहां तो इशारा ही चल रहा होता है ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं होती है।

बहुत-बहुत धन्यवाद।