I have taken this decision that the BJP government will extend the scheme of providing free ration to the poor people of the country for the next 5 years, says PM Modi
Your sevak, Modi has worked with full dedication in the government that we have run for almost 10 years, says PM Modi in Sidhi, MP
If there were no Ayushman cards, more than Rs 1 lakh crore would have been spent by the poor and middle class for healthcare services: PM Modi in Sidhi
In Sidhi, Madhya Pradesh, PM Modi says we have opened over 10,000 Jan Aushadhi Kendra to provide medicines at 80% discount

भारत माता की...

भारत माता की...

हम घोघरा देवी (चंद्रिका) का चरण वंदन करित है! अपना पंचने का प्रणाम करित है! सबन भाई बहिनी का नमस्कार!
आप सभी विंध्य के अलग-अलग हिस्सों से भाजपा को आशीर्वाद देने सीधी पहुंचे हैं। इतनी बड़ी संख्या में जनता-जनार्दन के एक साथ दर्शन करने का मुझे सौभाग्य मिला है, मैं वाकई अभीभूत हूं। और जहां तक मेरी नजर पहुंचे मुझे लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। और इतनी बड़ी तादाद में माताएं-बहनें आपके आशीर्वाद हम सबकी बहुत बड़ी शक्ति है। मैं माताओं-बहनों को इस विशाल संख्या में आने के लिए विशेष रूप से प्रणाम करता हूं। आपके इस प्यार, इस उत्साह से साफ है कि एमपी में फिर एक बार... एमपी में फिर एक बार... एमपी में फिर एक बार...।

साथियों,
आज यहां के लोग कह रहे हैं, एमपी के मन में... एमपी के मन में... एमपी के मन में...। और मोदी के मन में... मोदी के मन में... मोदी के मन में...? ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन है, आप लोग मोदी के मन में है मोदी के दिल में है। एमपी के मन में मोदी क्यों है भाई?, भाजपा क्यों है?, ये कोई रहस्य की बात नहीं रह गई है। कांग्रेस ने केंद्र में, हमारे सेवाकाल शुरू होने से पहले, 10 साल तक जो सरकार चलाई, उसमें उसने गरीब और मध्यम वर्ग को लूटने का ही काम किया था। लेकिन आपके सेवक मोदी ने करीब 10 साल जो सरकार चलाई है, आपकी सेवा में 10 साल पूरे लगन से समर्पित किए हैं, उसमें घोटाले बंद हुए हैं, गरीब और मिडिल क्लास की बचत हुई है, उन्हें अधिक सुविधा मिली है। आप देखिए, टेलीकॉम घोटाला करके, कोयला घोटाला करके कांग्रेस ने आपके लाखों करोड़ रुपए लूट लिए। याद है ना? कि भूल गए? आप बताओगे तब पता चलेगा मुझे...याद है? लूटते थे कि नहीं लूटते थे? करोड़ों रुपये लूटते थे कि लूटते थे? ये आपका हक का पैसा था कि नहीं था? आपकी मेहनत का पैसा था कि नहीं था? आपके बच्चों के भविष्य के लिए वो पैसा था कि नहीं था? लूट लिया। भाजपा सरकार में वो लाखों करोड़ रुपए के घोटाले बंद हो चुके हैं। और घोटालों से हम जो पैसा बचा रहे हैं, वो पैसा गरीब के हित में, मध्यम वर्ग के हित में लगा रहे हैं। गरीब कल्याण अन्न योजना में अब तक केंद्र सरकार 2 लाख करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। आप आंकड़ा बोलोगे? मैं पूछूं तो आंकड़ा बोलोगे? मैं आपसे बात कर रहा हूं आप आंकड़ा बोलोगे? मैंने कहा दो लाख करोड़ रुपये। कितने?... कितने?... कितने?...जरा माताएं-बहने बताइए कितने?...कितने?... दो लाख करोड़ रुपये, इससे 80 करोड़ देशवासियों को मुफ्त राशन सुनिश्चित हुआ, गरीबों के घर का चूल्हा जलता रहा। ये मोदी की गारंटी है कि देश का कोई भी गरीब परिवार, भूखा नहीं रहेगा। और इसलिए भाइयों-बहनों...आप सबके आशीर्वाद से मैंने निश्चय लिया है, मन बना लिया है, क्योंकि ये योजना मुफ्त राशन वाली दिसंबर महीने तक ही है। लेकिन मोदी तो आपकी दिल की बात जानता है। और इसलिए मैंने मुफ्त राशन की योजना को आने वाले 5 साल तक बढ़ाने का निश्चय कर लिया है। अगर हम एक परिवार में 4-5 लोग भी मान लें तो ऐसे हर परिवार को मुफ्त राशन योजना की वजह से हर महीने 700, 800 और 900 रुपए बचने वाले हैं।

साथियों,
गरीब का पैसा, गरीब के पास जाए, गरीब के लिए खर्च हो, और कोई बिचौलिया बीच में वो पैसा लूटे नहीं, यही मोदी की विशेषता है। अब देखिए आयुष्मान भारत योजना के तहत मोदी ने 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज का गारंटी कार्ड दिया है। अगर ये आयुष्मान कार्ड नहीं होता तो 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा गरीबों को बीमारी में अगर कोई खर्च की जरूरत होती तो करीब-करीब एक लाख रुपया ये मेरे मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग की जेबा से जाता। ये पैसा बच गया। भाजपा सरकार ने देश में सस्ती दवाओं वाले 10 हजार जनऔषधि केंद्र भी खोले हैं। इन जनऔषधि केंद्रों पर 80 परसेंट डिस्काउंट के साथ दवाइयां दी जा रही हैं। और इतनी बड़ी संख्या में माताएं बहने हैं, अगर कहीं पर भी बोर्ड में लिखा है 10 प्रतिशत डिस्काउंट, तो पहले वहीं लेने जाइए। ऐसा ही होता है ना? साड़ी लेने जाएं और एक दुकान पर लिखा है 10 प्रतिशत डिस्काउंट, तो चलो पहले वहां नहीं जाना है वहां जाएंगे...ये मोदी दवाई में 80 परसेंट डिस्काउंट दे रहे हैं... 80 परसेंट, और इससे भी गरीबों के 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होने से बचे हैं।

और मेरे परिवारजनों,
जब इलाज पर खर्च बचता है...तो इसका मतलब सिर्फ पैसे की बचत होती है ऐसा नहीं है। एक तो गरीब.. हमारे यहां तो हमने देखा है, परिवार में कोई मां, कोई बहन बीमार हो जाए...तो घर में किसी को पता ही नहीं चलने देती है। कितना ही दर्द होता हो काम करती ही रहती है, बताती ही नहीं है.. क्यों? उसके मन में रहता है कि अगर परिवार में बच्चों को पता चल जाएगा, अस्पताल जाएंगे, लाखों रुपये खर्च हो जाएंगे, बच्चों के सिर पर कर्ज चढ़ जाएगा। मां सोचती है कि बच्चों के सिर पर कर्ज नहीं होने देना है, भगवान जितने दिन जिंदा रखेंगे, जिंदा रह लूंगी। मूसीबत झेल लूंगी, लेकिन बच्चों को मूसीबत में नहीं डालूंगी...ये मेरे देश की माताओं और बहनों का स्वभाव है। लेकिन माताएं-बहनें आपका एक बेटा दिल्ली में बैठा है, वो आपकी पीड़ा को समझता है। मेरी कोई मां, मेरी कोई बहन बीमारी झेलती झेलती जिंदगी काटे ये उसका बेटा सह नहीं सकता। और इसलिए आयुष्मान योजना से सिर्फ पैसे बचते हैं ऐसा नहीं पूरा परिवार बच जाता है। परिवार के सपने फिर से जिंदा हो जाते हैं परिवार एक वार फिर खुशहाल हो जाता है, नई जिंदगी जीना शुरू कर देता है।

साथियों,
देशभर के गरीब परिवारों को अपना पक्का घर मिले, ये गारंटी भी मोदी ने दी है। पीएम आवास की इस योजना पर ही, अभी तक 4 लाख करोड़ रुपए सरकार कर चुकी है। आंकड़ा याद रहेगा आपको... कितना? कितना? जरा बोलना पड़ेगा भाई... कितना? इधर वाले बोलो ना.. कितना? जो पत्रकार है उनको बोलने की जरूरत नहीं है वो तो लिख लेंगे। जो पत्रकार नहीं है वो बोले.. कितना? चार लाख करोड़ रुपया, लोग राम मंदिर बन रहा है उसकी चर्चा तो कर रहे हैं, चार करोड़ लोगों के घर भी बन रहे हैं दोस्तो। लाखों करोड़ रुपये खर्च करके घर बन रहे हैं। शौचालय हो, उज्जवला का मुफ्त गैस कनेक्शन हो, इस पर भी हज़ारों करोड़ रुपए का निवेश सरकार ने किया है। हाल में उज्ज्वला की लाभार्थी बहनों के लिए सिलेंडर 500 रुपए तक सस्ता कर दिया गया है। यानि हमने गरीबों को सुविधाएं भी दी हैं और उनका पैसा भी बचाया है।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस का इतिहास डगर-डगर पर झूठ बोलना, लोगों को भ्रमित करना और बिल्कुल चेहरे पर कोई असर ही नहीं, इतना आराम से झूठ बोल लेते हैं। उन्होंने गरीबों से जितना झूठ बोला है ना पिछले 50-60 साल में आप कल्पना नहीं कर सकते हैं। कांग्रेस ने गरीबों से झूठ बोला, महिलाओं से झूठ बोला, नौजवानों से झूठ बोला। कांग्रेस ने किसानों से कर्ज माफी के वादे किए, झूठ बोलने की हिम्मत देखिए, और उनको लगता है देश की जनता पहले ही तरह ऐसी है भोली-भाली है। अब तो मेरे देश का नौजवान जाग चुका है उनके मोबाइल में सारी जानकारियां होती है। वो परिवार को कहता है ये कांग्रेसवाले झूठे हैं। भाइयों-बहनो आज भी कांग्रेस यही कर रही है। इन लोगों ने पांच साल पहले 2018 में कहा था कि 10 दिन में कर्जमाफ करेंगे।
लेकिन 15 महीने में भी उनको सरकार चलाने का मौका मिला कुछ भी नहीं किया। वहीं भाजपा सरकार जो कहती है वो करके दिखाती है। डंके की चोट पर करते हैं। हमने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत उसके खाते में पैसा जमा कर रहे हैं और साल में तीन बार करते हैं। अब तक कितना किया है मालूम है आपको.. मालूम है? भूल जाते हो ना? मैं बताता हूं याद रखोगे? याद रखोगे? जरा हाथ ऊपर करके बताओ, याद रखोगे? हमने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत इस देश के किसानों के बैंक खातों में सीधा 2 लाख 60 हज़ार करोड़ रुपया जमा करवाया है। सीधी मदद भेजी है। और मैं सिद्धी में बोल रहा हूं सीधी मदद भेजी है। पीएम किसान सम्मान निधि के 20 हज़ार करोड़ रुपए एमपी के किसानों के खाते में भी गए हैं। हर किसान को 28 हजार रुपए उनके खाते में मिले हैं। अगर कांग्रेस होती... उनके एक प्रधानमंत्री पब्लिकली कहते थे कि एक रुपये भेजते हैं तो 15 पैसा पहुंचता है। अगर ये पैसे उनके जमाने में गए होते तो कितने रुपये पंजा खा जाता। कौन सा पंजा ये पैसा मार लेता भाई। जब ऐसे काम होते हैं, लोग की भलाई के लिए काम होते हैं, सिर्फ और सिर्फ देश की भलाई करने के इरादे से काम होते हैं तभी लोग कहते हैं एमपी के मन में... एमपी के मन में...

मेरे परिवारजनों,
भाजपा सरकार की योजनाओं के जो भी लाभार्थी हैं, उनमें से अधिकतर हमारे दलित, हमारे पिछड़े और हमारे आदिवासी परिवार हैं।
कांग्रेस के लंबे शासनकाल में सबसे बुरी स्थिति दलितों की, आदिवासियों की बस्तियों की थी। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से सबसे अधिक लाभ हमारे इस इलाके के नागरिकों को हुआ है। मेरे आदिवासी भाई-बहनों को, गरीब भाई-बहनों को, दलित बस्ती के लोगों को हुआ है। भाजपा सरकार शत-प्रतिशत बस्तियों को सड़क से जोड़ने के लक्ष्य के बहुत करीब है। आज कांग्रेस के नेता आदिवासियों को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। लेकिन इनके परिवार ने जब पीढ़ी दर पीढ़ी देश में सरकार चलाईं, तब उन्हें आदिवासियों की याद नहीं आई। ये भाजपा है, जिन्होंने आदिवासियों का भविष्य सुनिश्चित किया। आप मुझे बताइये भाई, जवाब देंगे न आपलोग? मेरा सवाल समझेंगे ना... ? मेरी हिंदी ठीक है ना ... ? हां मैं हिंदीभाषी नहीं हूं, इसलिए कोई गलती ना हो जाए... आप मुझे बताइये.. ये जो आदिवासी भाई-बहन है. क्या ये जब मोदी प्रधानमंत्री बने तब आए क्या? पहले थे कि नहीं थे? पहले थे कि नहीं थे? देश जब आजाद हुआ तब आदिवासी थे कि नहीं थे? भगवान राम जी जब वनवास गए तब आदिवासी थे कि नहीं थे? राजकुमार राम को अयोध्या से निकलने के बाद भगवान राम किसने बनाया? आदिवासी भाई-बहनों ने बनाया। हम सबको पता है लेकिन कांग्रेस को तो पता ही नहीं था कि हमारे देश में आदिवासी समाज भी है। क्योंकि कभी भी उन्होंने आदिवासी मंत्रालय नहीं बनाया, आदिवासियों के लिए अलग डिपार्टमेंट नहीं बनाया। उनके लिए अलग बजट नहीं किया। अटल बिहारी वाजपेयी की जब सरकार बनी तब देश में पहली बार आदिवासियों का अलग मंत्रालय बना, उनका अलग आदिवासी मंत्री बना और आदिवासी कल्याण के लिए लाखों करोड़ रुपये का बजट बनना शुरू हुआ। पिछले 9 वर्षों में अदिवासी कल्याण के लिए बजट में 5 गुणा वृद्धि की गई है। ये भाजपा सरकार है जिसने, बैगा, भारिया, सहारिया जैसी पिछड़ी जनजातियों की भी सुध ली। भाजपा सरकार इनके लिए 15 हज़ार करोड़ रुपए का खास अभियान शुरू करने जा रही है। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी इन जनजातियों के लिए अभूतपूर्व काम किया है। अगर एमपी की बहनों के लिए लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाएं चलाई गई हैं, तो बैगा, भारिया और सहारिया जनजाति की बहनों को भी सीधी मदद दी जा रही है। विश्वकर्मा साथी, जिनके बिना रोजमर्रा के जीवन की कल्पना भी कठिन है, उनको भी कांग्रेस ने कभी नहीं पूछा। पहली बार भाजपा सरकार उनके लिए विशेष विश्वकर्मा योजना लेकर आई है। इस योजना पर भी 13 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। ऐसे ही काम के कारण, हर वंचित परिवार कह रहा है, गांव-गांव कह रहा है, एक-एक घर कह रहा है- फिर एक बार... फिर एक बार... फिर एक बार...


मेरे परिवारजनों,
सीधी, बीरबल की जन्मभूमि है। और इसलिए, बुद्धिमानी, सूझबूझ और पहेलियों को हल करना यहां के हर बच्चे की पारंपरिक ताकत है। है ना? अच्छा मैं जानता हूं कि बीरबल की भूमि है, अच्छे-अच्छे सवालों के जवाब निकाल देते हैं, तो मैं भी आज खासकर के नौजवानों को एक पहेली देना चाहता हूं। सुलझा दोगे? पक्का? देखिए,
मध्य प्रदेश के जो युवा हैं, उसमें जो हमारे फर्स्ट टाइम वोटर है, जो पहली बार इस बार वोट डालने के लिए जाने वाले हैं... उनके सामने मैं एक गुत्थी रखना चाहता हूं। आप ये पहेली सुलझाएंगे? पक्का सुलझाएंगे? अनेक दशकों तक देश में पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक कांग्रेस का ही झंडा था, कांग्रेस की ही सरकारें थीं। लेकिन आज गिनती के कुछ राज्यों में ही बची है। जरा सोचिए, गुत्थी सुलझाइए कि बर्बादी ऐसी क्यों हुई? इनका ऐसा पतन क्यों हुआ? साथियों ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि कांग्रेस का नारा रहा है- गरीब की जेब साफ, गरीब की जेब... गरीब की जेब... और काम हाफ... काम हाफ और जेब साफ...। यूपी, बिहार, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, ओडिशा, कितने राज्य गिनाऊं मैं.. एक बार कांग्रेस गई, तो वहां के लोगों ने कांग्रेस को दोबारा घुसने नहीं दिया है। यहां एमपी में भी 2 दशक से अधिक हो गए, जब कांग्रेस, बहुमत के लिए तरस गई है। आज गरीब, दलित, ओबीसी और आदिवासी समाज समझ गया है कि कांग्रेस उनकी प्रतिनिधि नहीं है। कांग्रेस ने सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया है।

साथियों,
कांग्रेस का पूरा इतिहास देखिए। उन्होंने केवल उन्हीं को आगे बढ़ाया, जो दिल्ली दरबार में हाज़िरी लगाते थे। SC/ST/OBC इन समाज के प्रतिभाशाली नेतृत्व को कांग्रेस ने कभी उभरने नहीं दिया। इनकी यही दरबारी मानसिकता है, जिसके कारण ये दिन-रात, सुबह-शाम, बाकी सभी काम भूल जाते हैं, एक काम कभी नहीं भूलते हैं, आप ने देखा होगा, कांग्रेस की विशेषता है, बाकी सब काम भूल जाते हैं, एक काम कभी भूलते नहीं है, और काम है सुबह-शाम मोदी को गाली देना। एक ही काम, गालियां देते रहते हैं। मोदी को गाली देते-देते ये पूरे ओबीसी समाज को गालियां देने लगते हैं।

साथियों,
जब भाजपा ने तय किया कि एक आदिवासी बेटी देश की राष्ट्रपति के रूप में हम चाहते थे कांग्रेस ने तब उसका भी घनघोर विरोध किया। ये भाजपा ही है जो SC/ST/OBC समाज की आकांक्षाओं का सम्मान करती है, उन्हें मान देती है। आज आपने अखबार में पढ़ा होगा। पहली बार देश में इनफॉर्मेशन कमिश्नर के रूप में, चीफ इनफॉर्मेशन कमिश्नर के रूप में, पहली बार तब मैं दिल्ली में था, चुनावी दौरा कैंसिल करके गया था, मीटिंग के लिए गया था। और हमने चीफ इनपॉर्मेशन कमिश्नर के रूप में राजस्थान के एक दलित को पहली बार उसका अध्यक्ष बनाया है। और एक कांग्रेस वाले को देखिए, मीटिंग में उनको आना था, मीटिंग का उनको निमंत्रण गया था, समय से पहले गया था, उनसे फोन पर बात हुई थी। लेकिन जब उनको पता चला कि एक दलित अध्यक्ष बनने वाला है, उन्होंने मीटिंग का ही बहिष्कार कर दिया। इतनी दलितों से नफरत करते हैं। जब राष्ट्रपति हम आदिवासी बनाए उसका विरोध, हम चीफ इनफॉर्मेशन कमिश्नर दलित बनाए उसका भी विरोध और फिर झूठ फैलाकर के सिंपैथी का नाटक करना।

साथियों,
आज कांग्रेस देश में परिवारवाद का सबसे बड़ा प्रतीक है। आप यहां ही देख रहे हैं कांग्रेस के 2 नेता क्या कर रहे हैं, कपड़े फाड़ कंपिटीशन चल रही है, वो कहता है उसके कपड़े फाड़ो.. वो कहता है उसके कपड़े फाड़ो। क्यों लड़ रहे हैं मालूम है? इनको मालूम है जनता तो बीजेपी को ही जिताने वाली है। फिर लड़ क्यों रहे हैं? वो लड़ रहे हैं अपने बेटों को कांग्रेस का कब्जा मिले इसके लिए, ये कांग्रेस पर कब्जा करने के लिए दो बेटों को बिठाने की लड़ाई चल रही है, और मध्य प्रदेश को बर्बाद कर रहे हैं। ये लोग एक दूसरे के कपड़े फाड़ने के लिए कांग्रेसियों को कह रहे हैं तुम उसके कपड़े फाड़ों तुम इसके कपड़े फाड़ो। जिनके लिए सिर्फ अपने बेटों का भविष्य ही प्राथमिकता है, वो आपके बेटे-बेटियों का भला सोच ही नहीं सकते।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश को बीमारु राज्य बना दिया था। भाजपा ने मध्य प्रदेश को विकास के मामले में बहुत आगे पहुंचाया है। आज एमपी, अन्न उत्पादन में अग्रणी है। आज एमपी, स्वच्छता के मामले में अग्रणी है। 2 दशक पहले एमपी में बिजली का बड़ा संकट रहता था। आज एमपी सरप्लस बिजली पैदा करता है। अब एमपी में पहले के मुकाबले पांच गुना ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं। यहां सीधी में भी मेडिकल कॉलेज बन रहा है। एमपी की पहचान अब देश के एक महत्वपूर्ण औद्योगिक राज्य के रूप में होने लगी है।

साथियों,
कांग्रेस ने कैसा काम किया, ये आज की नई पीढ़ी को जानना बहुत जरूरी है। 2014 तक देश में 100 से अधिक जिलों पर कांग्रेस ने पिछड़े होने का ठप्पा लगाया हुआ था। यहां एमपी के भी 8 जिले ऐसे थे, जिन्हें कांग्रेस ने पिछड़ा घोषित किया था। इनमें से अधिकतर आदिवासी बाहुल्य जिले थे। जिसमें हमारे सिंगरौली और दमोह जैसे जिले भी थे। 2014 में आपने दिल्ली में भाजपा सरकार बनाई। दस साल में हमारा सेवाकाल चला और इस सेवाकाल में हमने कहा कि ये जिले अब पिछड़े नहीं रहेंगे, ये तो अब सबसे आगे चलेंगे। हमने इन जिलों को आकांक्षी घोषित किया और हर पैमाने पर इनके विकास के लिए काम शुरू किया। आज इनमें से अनेक जिले, हर पहलू में देश के दूसरे जिलों से भी आगे निकल गए हैं।

मेरे परिवारजनों,
इस क्षेत्र का जलसंकट भी, अब बीते दिनों की बात होने जा रही है। विंध्य से कांग्रेस के अनेक बड़े-बड़े नेता निकले। लेकिन बाणसागर परियोजना तभी पूरी हुई, जब भाजपा सरकार आई। आपको गुलाब सागर परियोजना भी भाजपा ने दी। इनसे इस क्षेत्र के लाखों किसानों को लाभ मिल रहा है। हर घर को जल और हर खेत को पानी, ये भाजपा की प्राथमिकता है। मोदी ने अपनी हर बहन को गारंटी दी है कि उनके घर तक पाइप से पानी पहुंचाएगा। यहां के लाखों परिवारों को नल से जल मिल रहा है। जल्द ही, एमपी में हर घर तक पाइप से पानी पहुंच जाएगा।

मेरे परिवारजनों,
अपने दशकों के शासन में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश को जिस गहरे कुएं में धकेल दिया था, अब उस कुएं से भाजपा, एमपी को बाहर निकाल कर के लाई है। यहां कुछ भी ऐसा नहीं होना चाहिए जिससे वापस एमपी गहरे कुएं में गिर पड़े। अब तो तेज गति से आगे बढने का समय है। आप याद करिए, इस पूरे क्षेत्र में आवाजाही कितनी मुश्किल थी। कब कहां लूट-पाट हो जाए, भय अक्सर बना रहता था। आज देखिए, सीधी-रीवा हाईवे से, बायपास बनने से, कितनी सुविधा हो रही है। सिक्स लेन की टनल से सीधी और रीवा की दूरी 1 घंटे से भी कम की रह गई है। विंध्य प्रगति पथ का निर्माण भी तेज़ गति से चल रहा है। ये जब बनकर तैयार होगा, तो यहां सुविधा के साथ-साथ हर प्रकार के उद्योगों को बल मिलेगा। रीवा में एयरपोर्ट बनने से, इस क्षेत्र में पर्यटन सेक्टर को भी गति मिलेगी। हमारी सरकार विंध्य क्षेत्र को सौर ऊर्जा के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में भी विकसित कर रही है। रीवा सोलर पावर प्लांट से पूरे एशिया में रीवा का नाम हुआ है।

मेरे परिवारजनों,
हमें मिलकर समृद्ध मध्य प्रदेश की इमारत का निर्माण करना है।
ये जिम्मेदारी विशेष रूप से हमारे 18 से 25 वर्ष की आयु के नौजवानों की है। आज आपका एक-एक वोट आने वाले 25 वर्ष के एमपी का भविष्य तय करेगा। इसलिए विंध्य के हर बूथ पर कमल खिलना चाहिए। गांव-गांव जाएंगे? जरा हाथ ऊपर करके बताइए, गांव-गांव जाएंगे? घर-घर जाएंगे? एक-एक मतदाता से मिलेंगे? हर बूथ में कमल खिलेगा। पक्का खिलेगा? भाइयों और बहनों मेरा एक और काम भी करना है। करोगे? ये मेरा पर्सनल काम है करोगे? ये चुनाव वाला नहीं है, करोगे ना? करोगे नान? फिर ऐसा नहीं कि नई भैया मैं तो नहीं करूंगा मैं तो चुनाव में ही पड़े हैं, ऐसा नहीं करोगे ना? करोगे मेरा काम? पक्का करोगे? अच्छा आप जाकर के हर परिवार में जाकर के मिलना और उनको कहना कि अपने मोदी जी सिधी आए थे। कहेंगे ना? और उन्हें कहना कि मोदी जी सीधी आए थे, उन्होंने आपको प्रणाम भेजा है। ये मेरा काम कर दोगे? हर घर मेरा प्रणाम पहुंचा दोगे? क्योंकि उनके आशीर्वाद मुझे एक नई ताकत देते हैं ऊर्जा देते हैं। देश के लिए दौड़ने के लिए एक नई हिम्मत देते हैं। और इसलिए घर-घर जाकर के मेरा प्रणाम पहुंचा दीजिए। मेरी यही अपेक्षा है आपसे।
मेरे साथ बोलिए भारत माता की...पूरी ताकत से बोलिए दोस्तों भारत माता की...

भारत माता की...

भारत माता की...

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।