In Siliguri, PM Modi says what happened in Cooch Behar is saddening, 'new low' for Didi
Mamata Didi and her goons have become jittery seeing the people’s support in favour of BJP: PM Modi
In Bengal, after we form the govt, you will be provided all benefits & schemes without cut-money: PM Modi
We are committed to free the 3Ts (Tea, Tourism and Timber) from the controls of mafia: PM Modi in Siliguri

भारत माता की
भारत माता की
आज मेरी जहां भी नजर पहुंच रही है मुझे लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। यह जगह भी छोटी पड़ गई लग रहा है। बहुत बड़ी मात्रा में लोग धूप में तप रहे हैं। जो लोग धूप में तप रहे हैं उन्हें मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपकी तपस्या बेकार नहीं जाने देंगे। हम विकस कर के आपके इस प्यार को डबल कर के लौटाएंगे।

नमस्कार भाइयों-बहनों, नमस्कार,
नॉर्थ बंगाल, भारत मां के गले में ऐसी भव्य माला है जिसमें अलग-अलग भाषा, जाति, भिन्न-भिन्न समुदाय के लोग अलग-अलग फूलों में इस माला में गुंथे हुए हैं। यहां एक भारत-श्रेष्ठ भारत की सुंदर तस्वीर दिखती है।
नमोस्कार उत्तर बोंगो ! केमोन आछेन आपनारा? आमार सौभाग्यो, जे आमी आबार आजके महाकाल बाबा, सींचेल देवी माँ आर जलपेश बाबा पुण्यो भूमि ते आस्ते पेरे छी! (Namaskar Uttar Banga! How are you all?I feel lucky that today once again, I am in able to visit the land blessed by Mahakal Baba, Sinchel Devi Maa and Jalpesh Baba)

यहां दार्जीलिंग, कलिम्पोंग, करसियान्ग जैसे पहाड़ी क्षेत्रों और आसपास के स्थानों से भी अनेक साथी हमें आशीर्वाद देने के लिए आए हैं। आपनारा जानेन जे आमी चा-वाला, गोटा उत्तर बंगो आमाय ओनेक-ओनेक स्नेह आर आशीर्वाद दिएछेन! आदरणीय गोरखा, आमा बाबा, दाजु भाई, दिदी बहिनी, भारतीय जनता पार्टी सदैव गोरखा समाजसंग उभिएको छै। (You know, I am a Chaiwala myself, and I have received so much of love from North Bengal, Respected Gorkha mothers and fathers, brothers and sisters BJP has always stood with the Gorkha community)

साथियो,
नॉर्थ बंगाल की इस धरती ने आज ऐलान कर दिया है- टीएमसी सरकार जा रही है, बीजेपी सरकार आ रही है। बंगाल में नव वर्ष शुरू होने वाला है। नव वर्ष में बुराई पर अच्छाई की जीत होने जा रही है, बीजेपी की जीत होने जा रही है। पहले तीन चरण में बंगाल में बहुत शांतिपूर्ण तरीके से बीजेपी के पक्ष में बंपर मतदान हुआ है। भारी संख्या में हो रहा ये मतदान आशोल पॉरिबोर्तोन के लिए है।

साथियो,
आज पूरा देश, बंगाल के लोगों की इच्छाशक्ति को देखकर गर्व कर रहा है। ये इच्छाशक्ति आशोल पॉरिबोर्तोन शक्ति की है। ये इच्छाशक्ति शोनार बांग्ला की शक्ति है। मैं जहां-जहां जा रहा हूं, हर जगह हर कोने में, ऐसा ही उत्साह, ऐसा ही उमंग, ऐसा ही नया विश्वास चारों तरफ दिखाई दे रहा है। खासकर के माताएं-बहनें, माताओं-बहनों का जो उत्साह देख रहा हूं। माताएँ-बहनें जिस तरह से आशीर्वाद दे रही हैं। मैं माताओं-बहनों को, इस मातृशक्ति को सिर झुकाकर के नमन करता हूं। यहां भी जनसामान्य हो, गोरखा हों, नेपाली साथी हों, राजबोंग्शी समाज हो, सभी, यानि मैं जिस किसी का नाम लूं, कोई ऐसा नहीं है, जो आज बढ़-चढ़ कर के बीजेपा को अपना आशीर्वाद न देता हो।

साथियो,
इस बीच कूचबिहार में जो हुआ है, वो बहुत ही दुखद है। जिन लोगों की मृत्यु हुई है, मैं उनके निधन पर दुख जताता हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। बीजेपी के पक्ष में जन समर्थन देख कर दीदी और उनके गुंडों में बौखलाहट हो रही है। अपनी कुर्सी जाते देख, दीदी इस स्तर पर उतर आई हैं। लेकिन मैं दीदी को, टीएमसी को, उनके गुंडों को साफ-साफ कह देना चाहता हूं। दीदी और टीएमसी की मनमानी बंगाल में नहीं चलने दी जाएगी। मेरा चुनाव आयोग से आग्रह है कि कूचबिहार में जो हुआ, उसके दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो। और दीदी, ये हिंसा लोगों को सुरक्षाबलों पर आक्रमण करने के लिए उकसाने के तरीके, चुनाव प्रक्रिया में रोड़े अटकाने के तरीके दीदी आपको नहीं बचा पाएंगे। आपके दस साल के कुकर्मों से ये हिंसा आपकी रक्षा नहीं कर सकती है।

साथियो,
यहां से निकली संतानों ने साहित्य से लेकर सेना तक, सभी को मजबूत किया है। आज उन्हीं की प्रेरणा से बंगाल ने आशोल पॉरिबोर्तोन का नारा बुलंद किया है। जिस बंगाल को डर के, भय के, अत्याचार के, अन्याय के बोझ तले दीदी और उनके दल ने दबा रखा था, आज वो कह रहा है- आशोल पॉरिबोर्तोन…आशोल पॉरिबोर्तोन। बंगाल की बीजेपी सरकार में सुनवाई होगी, न्याय मिलेगा आपके अधिकार का काम होगा, क्षेत्र का विकास होगा। बंगाल बीजेपी, यहां सरकार में ऐसा माहौल बनाएगी जिसमें पुलिस न्यायिक तरीके से अपना काम करेगी, प्रशासन जनता के प्रति जवाबदेह होकर अपना काम करेगा, सरकार अपनी जिम्मेवारियों को निभाएगी और कार्यकर्ता, जनता की सेवा में कभी पीछे नहीं हटेंगे। बंगाल में दशकों से जिस तरह का राजनीतिक वातावरण बना दिया गया है, वो बदलने का समय आ गया है। अब तोलाबाज मुक्त बंगाल बनेगा। अब सिंडिकेट मुक्त बंगाल बनेगा। अब कटमनी मुक्त बंगाल बनेगा।

साथियो,
हर चरण के मतदान के बाद आशोल पॉरिबोर्तोन की लहर जितनी प्रचंड होती जा रही है और दीदी की बौखलाहट भी उतनी ही बढ़ रही है।
साथियो, मैंने सोशल मीडिया में एक वीडियो देखा उस वीडियो में दीदी के करीबी, बंगाल के टूरिज्म मिनिस्टर और यहां पास के विधायक, लोगों को धमका रहे हैं। उन्होंने कहा कि - बीजेपी को वोट दिया तो लोगों को उठाकर बाहर फेंक दिया जाएगा। भाइयो-बहनों, क्या ये भाषा आपको मंजूर है, ये धमकी आपको मंजूर है, क्या लोकतंत्र में ऐसी धमकी को जगह है क्या, क्या मैं प्रधानमंत्री होने के बाद भी किसी हिन्दुस्तान के बेटे को बेटी को ये कह सकता हूं कि मैं तुम्हें उठाकर बाहर फेक दूंगा। क्या मुझे अधिकार है क्या, अरे लोकतंत्र है कानून का राज है, लेकिन दीदी का मंत्री कैमरे सामने... और सब कुछ कैमरे में कैद है, ये गुंडागर्दी खुलेआम है। ये दीदी के 10 साल के राज की यही सच्चाई है। बंगाल के लोगों को आपने क्या समझ रखा है? बंगाल के लोग आज बीजेपी को वोट दे रहे हैं तो टीएमसी के लोग उन्हें बाहर फेंक देंगे? इतनी हिम्मत? दीदी, ओ दीदी, बंगाल के लोग यहीं रहेंगे, लिखकर के रखो यहीं रहेंगे, अगर जाना ही है तो सरकार से आपको जाना होगा दीदी। दीदी ओ दीदी, दीदी आप बंगाल के लोगों की भाग्य विधाता नहीं हैं दीदी। बंगाल के लोग आपकी जागीर नहीं हैं दीदी। इसलिए बंगाल के लोगों ने तय कर दिया है कि आपको जाना ही होगा। ये बंगाल की जनता ने ठान लिया है। ये बंगाल की जनता आपको निकाल कर ही दम लेने वाली है। और दीदी ये भी याद रखिए, आप अकेली नहीं जाएंगी। दीदी ओ दीदी, आपके पूरे गिरोह को जनता हटाकर के रहने वाली है। आपके साथ-साथ जाएंगे तोलाबाज। आपके साथ-साथ ये सिंडिकेट को भी जाना है। आपके साथ जाएगी, नॉर्थ बंगाल से भेदभाव करने वाली आपकी दुर्नीति भी जाएगी। आपके साथ-साथ जाएगी बंगाल से वोट बैंक की, तुष्टिकरण की राजनीति जाएगी।

साथियो,
हर चरण के मतदान के बाद आशोल पॉरिबोर्तोन की लहर जितनी प्रचंड होती जा रही है और दीदी की बौखलाहट भी उतनी ही बढ़ रही है। साथियो, मैंने सोशल मीडिया में एक वीडियो देखा उस वीडियो में दीदी के करीबी, बंगाल के टूरिज्म मिनिस्टर और यहां पास के ही विधायक लोगों को धमका रहे हैं। उन्होंने कहा कि - बीजेपी को वोट दिया तो लोगों को उठाकर बाहर फेंक दिया जाएगा। भाइयो-बहनों, क्या ये भाषा आपको मंजूर है, ये धमकी आपको मंजूर है, क्या लोकतंत्र में ऐसी धमकी को जगह है क्या, क्या मैं प्रधानमंत्री होने के बाद भी किसी हिन्दुस्तान के बेटे को बेटी को ये कह सकता हूं कि मैं तुम्हें उठाकर बाहर फेक दूंगा। क्या मुझे अधिकार है क्या, अरे लोकतंत्र है कानून का राज है, लेकिन दीदी का मंत्री कैमरे के सामने... और सब कुछ कैमरे में कैद है, ये गुंडागर्दी खुलेआम है। ये दीदी के 10 साल के राज की यही सच्चाई है। बंगाल के लोगों को, दीदी, बंगाल के लोगों को आपने क्या समझ रखा है? बंगाल के लोग आज बीजेपी को वोट दे रहे हैं तो टीएमसी के लोग उन्हें बाहर फेंक देंगे? इतनी हिम्मत? दीदी, ओ दीदी, बंगाल के लोग यहीं रहेंगे, दीदी लिखकर के रखो यहीं रहेंगे, अगर जाना ही है तो सरकार से आपको जाना होगा दीदी। दीदी, ओ दीदी, दीदी आप बंगाल के लोगों की भाग्य विधाता नहीं हैं। बंगाल के लोग आपकी जागीर नहीं हैं दीदी। इसलिए बंगाल के लोगों ने तय कर दिया है कि आपको जाना ही होगा। ये बंगाल की जनता ने ठान लिया है। ये बंगाल की जनता आपको निकाल कर ही दम लेने वाली है। और दीदी ये भी याद रखिए, आप अकेली नहीं जाएंगी। दीदी ओ दीदी, आप अकेली नहीं जाएगी, आपके पूरे गिरोह को ये जनता हटाकर के रहने वाली है। आपके साथ-साथ ये तोलाबाज भी जाएंगे। आपके साथ-साथ ये सिंडिकेट को भी जाना है। आपके साथ-साथ जाएगी, नॉर्थ बंगाल से भेदभाव करने वाली आपकी दुर्नीति भी जाएगी। आपके साथ-साथ जाएगी बंगाल से वोटबैंक की, तुष्टिकरण की राजनीति जाएगी।

साथियो,
ये क्षेत्र देश की सुरक्षा के लिए बहुत अहम है। इसे देश के भीतर बैठी ताकतों द्वारा चुनौती दी जा रही है। तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति ने इस क्षेत्र की जो हालत की है, वो आप भली-भांति जानते हैं। केंद्र सरकार ऐसी ताकतों से सख्ती से निपट रही है। बंगाल में बीजेपी की सरकार बनने के बाद, इस क्षेत्र से ऐसी हर ताकत को हटाया जाएगा, जिसे टीएमसी ने लाकर बसाया है और टीएमसी ने ऐसी नकारात्मक ताकतों को आगे बढ़ाया है। बंगाल की बीजेपी सरकार आपके अधिकारों, आपकी पहचान की रक्षा करेगी। गोरखा हो, राजबॉन्शी हो, आदिवासी हो, बंगाली हो, राभा-टोटो, मेछे-कोछे, सभी की रक्षा होगी।

साथियो,
दीदी और टीएमसी के नेताओं की सोच क्या है, ये अब खुलकर के सामने आ रहा है। एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है, वो वीडियो देखकर के लोग चौंक गए हैं। ये वीडियो ऐसा है जिसमें दीदी की करीबी एक नेता ने अनुसूचित जाति के लोगों का एससी समुदाय का बहुत बड़ा अपमान किया है। उन्होंने कहा है कि बंगाल में जो अनुसूचित जाति है, Schedule Caste समुदाय है वो भिखारियों की तरह व्यवहार करता है। दीदी, इतना अहंकार? ऐसी सोच आपकी ? Schedules Caste समुदाय के मेरे भाइयों और बहनों, और उनके बच्चों के साथ आप, आपकी पार्टी, आपकी पार्टी के नेता इतनी नफरत करते हैं?

भाइयो और बहनो,
यही दीदी और उनके साथियों का यही असली चेहरा है। दीदी औऱ उनके लोग, Schedule Caste समुदाय से इसलिए भड़के हुए हैं क्योंकि वो बीजेपी के साथ खड़े हैं, बीजेपी को आशीर्वाद देने खुलकर घरों से निकल रहे हैं। दीदी, ओ दीदी,ईश्वर ने आपको बंगाल की सेवा करने का इतना बेहतरीन अवसर दिया। आपने इतने स्वर्णिम अवसर को गंवा दिया दीदी, गंवा दिया। गंवा दिया और बंगाल को बर्बाद कर दिया है।

साथियो,
अपनी हार सामने देख, दीदी का गुस्सा मुझ पर बढ़ता जा रहा है। बंगाल के लोगों का मुझ पर स्नेह देख, दीदी बंगाल के लोगों से भी नाराज हैं। 10 साल तक गरीबों को सताने वाले गुंडों पर, हत्यारों पर, लुटेरे तोलाबाज़ों पर दीदी को गुस्सा नहीं आया। लेकिन दीदी उन सुरक्षा बलों पर गुस्सा कर रही हैं जो बंगाल के लोगों के अधिकार की रक्षा कर रहे हैं। पंचायत चुनाव की तरह दीदी के गुंडे छप्पा भोट नहीं कर पा रहे, इसलिए दीदी नाराज हैं। अपने 10 साल के कामकाज का हिसाब-किताब तो उन्होंने आपको कभी दिया नहीं। इस चुनाव में उन्होंने जाकर बताना चाहिए था 10 साल में आपके लिए क्या काम किया। वो जहां जाती है बस मोदी को गालियां देती रहती है। उन्होंने हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए, देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। पल पल का हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। पाई-पाई का हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। वाइपो के कारनामो का हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। अपने गुंडों के कारनामों का हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। हिसाब देती है क्या, देती है क्या, कोई जवाब देती है क्या , सिर्फ गाली देती है। अब वो अपनी रैलियों में अपने छप्पा वोट गैंग को ट्रेनिंग देने लगी हैं। और सिखा रही है, आप हैरान हो जाएगी, एक राज्य की मुख्यमंत्री, दस साल सरकार में रहने के बाद क्या सिखा रही है, वो सिखा रही है। कैसे सुरक्षा बलों का घेराव करना है, कैसे सुरक्षा बलों को पीटना है और कैसे बूथ पर हमला करना है, ये सब बताया जा रहा है। अरे दीदी, ओ दीदी! देश के बहादुर सुरक्षा बल आतंकवादियों से नहीं डरते, नक्सलियों से नहीं डरते, तो आपके पाले-पोसे गुंडों से, आपकी धमकियों से डरेंगे क्या? ये उत्तरी बंगाल, हमारा गोरखा समाज तो राष्ट्र रक्षा में हमेशा अग्रणी रहता है। उसका बहुत बड़ा अपमान दीदी आप कर रही हैं। उत्तरी बंगाल तो केंद्रीय बलों में नारायणी सेना बटालियन का सपना सच देखना चाहता है। दीदी, आप इस भावना का भी अपमान कर रही हैं।

भाइयो और बहनो,
एक पुरानी कहावत है "न दिने बाजू ले आईताबार पनि बार छ’। जो कोई आपको कुछ अच्छा दे नहीं सकता, वो सिर्फ बहाने ढूंढता है। 10 साल दीदी को आपने पूरी ताकत दी, दीदी ने क्या दिया? क्या दीदी ने आपको ‘परचा पट्टा’ दिया? क्या दीदी ने चाय और सिनकोना बागानों में सही मजदूरी देना तय करवाया? क्या दीदी ने वनवासी साथियों के लिए Forest Rights Act लागू किया? क्या दीदी ने पहाड़ के विद्यार्थियों को सुविधाएं दीं? क्या दीदी ने ‘डीआई Fund’ सिस्टम को ख़त्म किया कि नहीं किया? दीदी ने आपको सिर्फ अभाव दिया, भेदभाव दिया। लॉकडाउन के समय केंद्र सरकार ने जो मुफ्त चावल भेजे, मुफ्त चना भेजा था, उसको भी तृणमूल के तोलाबाज़ों ने लूट लिया। माताएं-बहनें, मैंने जो चावल भेजा वो चावल आपको अच्छा लगा था कि नहीं लगा था। मैंने जो चावल भेजा वो अच्छा था कि नहीं था? उसमें भी कट कंपनी आ गई।

भाइयो और बहनो,
दीदी ने गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, किसी को उनका जायज़ हक नहीं दिया। दीदी ने घर में नल नहीं दिया, खेतों में सिचाई का पानी नहीं दिया। लेकिन, यहां की नदियों को माफिया के हवाले जरूर कर दिया। हर स्कीम में तोलबाज़ी, हर स्कीम में कटमनी ! यहीं सिलीगुड़ी में ही कुछ दिन पहले दीदी ने कहा कि उनके तोलाबाज़ तो सिर्फ 100, 200, 500 रुपए लेते हैं, इसमें क्या बड़ी बात है। बताओ भाई, बड़े आराम से दीदी कह रही है, तोलाबाज तो 100, 200, 500 रुपए लेते हैं तो इसमें इतना चिल्लाते क्यों हैं मोदी। भाइयों-बहनों, हम छोटे थे तो एक कथा सुनी थी उस कथा में एक बहुत बड़ा डाकू लुटेरा उसको फांसी की सजा हुई। जब फांसी की सजा हुई तो उसको पूछा तुम्हारी अंतिम इच्छा क्या है? तो उसने कहा मुझे मेरी मां को मिलना है। तो फिर सरकार ने व्यवस्था की कि फांसी पर जाने से पहले उसको उसकी मां से मिलवा दिया जाए। जब वो अपनी मां को मिला तो मां को झपट कर के उसने मां की नाक को काट लिया। अपनी मां की नाक को काट लिया। फांसी पर जाने से पहले काट लिया। तो लोगों ने पूछा कि भाई तुमने अपनी मां पर ये क्यों किया? तो उसने कहा जब मैं छोटी चोरी करता था उस दिन अगर मेरी मां ने रोका होता तो मैं इतना बड़ा लुटेरा ना बनता। मुझे फांसी पर जाने की नौबत नहीं आती। और दीदी कह रही हैं कि 100- 200-500 लेते हैं उसमें क्या है ? दीदी, ये वही खेल है जो फांसी पर लटकने वाले अपनी मां की नाक काट ली थी। अरे दीदी, ओ दीदी, अब आपको गरीब का दर्द दिखाई नहीं देता, गरीब की परेशानी दिखाई नहीं देती। गरीबों की दुश्मन ऐसी टीएमसी सरकार को जाना ही होगा।

भाइयो और बहनो,
यहां इतनी भारी संख्या में बहन-बेटियां आई हैं, आपसे भी दीदी को बहुत समस्या है। दीदी कहती हैं कि आप पैसे के लालच में यहां आती हैं ! मैं जरा आपसे पूछना चाहता हूं, क्या आप इस कार्यक्रम में पैसे लेकर के आए हैं क्या? जरा दीदी के कान फट जाए ऐसे जवाब दो। क्या आप पैसे लेकर के आए हो क्या?... आप पैसे लेकर के आए हो क्या? आप पैसे की लालच में आए हो क्या? पैसे की लालच में आए हो क्या? ये आपकी ईमानदारी पर उन्होंने घाव किया है कि नहीं किया है? ये आपका अपमान किया है कि नहीं किया है? आपके स्वाभिमान को चोट पहुंचाई है कि नहीं पहुंचाई है? दीदी, ये इसी राज्य के नागरिक है आप उनको गालियां दे रही हैं। ममता दीदी, हर कोई आपके तोलाबाजों की तरह लालची नहीं होता। ये तो स्वाभिमान लोग है स्वाभिमानी लोग है। ये बंगाल की स्वाभिमानी बहनें हैं जो हर दुख-तकलीफ के बावजूद अपनी मेहनत का खाती हैं, अपने स्वाभिमान से तकलीफों को सहन करती हैं लेकिन स्वाभिमान को नहीं छोड़ती है। आपका ये प्यार मेरे सर आंखों पर, आपका ये प्यार ये आशीर्वाद मुझे आपके लिए पल-पल जीने के लिए बहुत बड़ी ताकत देते हैं। आपका आशीर्वाद यही मेरी अमानत है। इतनी बड़ी संख्या में भाजपा की जनसभाओं में बहनें, बेटियां इसलिए आ रही हैं क्योंकि हिंसा और तोलाबाज़ी से सबसे ज्यादा परेशान हमारी माताएं और बहने हैं। तोलाबाज़ी के कारण, घर चलाना मुश्किल हुआ है। घर में पानी का नल नहीं है, इसके लिए बाहर जाना पड़ता है, समय लगाना पड़ता है। केंद्र सरकार पूरे देश में हर घर को पाइप से पानी पहुंचाने का अभियान चला रही है। लेकिन दीदी ने क्या किया? बंगाल में दीदी की सरकार ने हर घर जल योजना के पूरे पैसे ही खर्च नहीं किए। सैकड़ों करोड़ रुपए अब तक बंगाल सरकार की तिजोरी में ऐसे ही पड़ा हुआ है। ये पैसा केंद्र सरकार ने भेजा था, ये पैसा आप पर खर्च होना था, लेकिन किया ही नहीं गया।

भाइयो और बहनो,
भाजपा सरकार ने शौचालय बनवाए, ताकि बहनों को अंधेरे का इंतज़ार ना करना पड़े, बेटियों को अपमानित ना होना पड़े। हमने उज्जवला का गैस कनेक्शन दिया, ताकि गरीब बहनों को धुएं से मुक्ति मिले, उनका समय बचे। भाजपा ने गरीबों को दिए जा रहे घर की रजिस्ट्री बहनों के नाम की। लेकिन दीदी के तोलाबाज़ों ने इसमें भी आपको लूटने के तरीके खोज लिए। बंगाल में बीजेपी सरकार आने के बाद, आपको बिना कटमनी, सारी सुविधाओं और योजनाओं का लाभ मिलेगा।

साथियो,
बंगाल में बीजेपी की सरकार कैसे काम करेगी, ये आपने कोरोना काल में भी देखा है। कोरोना लॉकडाउन के दौरान बहनों के जनधन खातों में सीधे हजारों करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने जमा किए। बिना कटमनी के हर बहन के खाते में सीधे पैसे पहुंचे। अब ऐसे ही पारदर्शी तरीके से बंगाल में बीजेपी की सरकार काम करेगी और आपकी आशा- अपेक्षाओं को पूरा करेगी। इसका लाभ हर क्षेत्र को होगा, हर वर्ग को होगा।

भाइयो और बहनो,
मैं दो एक दिन पहले जलपाईगुड़ी के टी गार्डन में काम करने वाली हमारी एक बहन की बातें पढ़ रहा था। मीडिया वालों को उन्होंने कहा कि हमारे पास शौचालय नहीं है, पक्के घर नहीं हैं, सड़कें नहीं हैं, बच्चों की शिक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मैं इस क्षेत्र के टी गार्डन्स में काम करने वाले प्रत्येक श्रमिक भाई-बहन को भरोसा देता हूं कि बंगाल की बीजेपी सरकार,आपके लिए दिन रात काम करेगी। दीदी की सरकार ने आपके जीवन के संघर्षों को कम करने के लिए कुछ नहीं किया। असम में भाजपा की डबल इंजन सरकार ने चाय बगान में काम करने वाले साथियों को घर, अस्पताल, स्कूल, भूमि पट्टा, डायरेक्ट कैश ट्रांसफर और लगभग दोगुनी मज़दूरी सुनिश्चित की है। ऐसे ही काम 2 मई के बाद पश्चिम बंगाल में होने वाले हैं। बंगाल की बीजेपी सरकार ‘परचा पट्टा’ सुनिश्चित करने के साथ ही आपके जीवन को आसान बनाने के लिए हर काम करेगी। केंद्र की भाजपा सरकार ने पहले ही इस वर्ष के बजट में टी गार्डन के साथियों के लिए 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसी तरह जो हमारे सिनकोना किसान हैं, श्रमिक हैं, उनको भी तृणमूल की दुर्नीति से बाहर निकालने के लिए बीजेपी सरकार की प्रतिबद्धता आप देख पाएंगे। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आयुष को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, इसका लाभ सिनकोना किसानों को ज्यादा से ज्यादा मिलेगा।

साथियो,
मैं सिलीगुड़ी सहित नॉर्थ बंगाल के हर गरीब, हर कृषक परिवार के सामने अपना एक और वायदा दोहराना चाहता हूं। बंगाल में बीजेपी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में ही आपके हित में फैसले लेने का काम शुरू हो जाएगा। पीएम किसान सम्मान निधि का जो 18 हज़ार रुपए, 18 हजार टका दीदी ने रोका, वो भी तेज़ी से आपके खाते में जमा किया जाएगा। किसान के खाते में 18 हजार रुपया, एक-एक किसान के खाते में 18 हजार टका।

साथियो,
मुझे डेढ़ दो वर्ष पहले जलपाइगुड़ी की एक दुखद खबर आज भी याद है। एक पिता को अपने बेटे की जान लेनी पड़ी थी क्योंकि उसके पास अपने बीमार बेटे के इलाज के लिए पैसे नहीं थे। उस तकलीफ में पिता ने खुद भी अपनी जान ले ली थी। ये वाकया दिखाता है कि इस क्षेत्र में, नॉर्थ बंगाल में मेडिकल सुविधाओं की क्या हालत है। दीदी ने अगर आयुष्मान भारत योजना बंगाल में लागू की होती, तो गरीबों को ये दिन देखने न पड़ते। इस योजना के तहत गरीबों को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा बीजेपी की केंद्र सरकार ने दे रखी है। सिर्फ सिलिगुड़ी-जलपाइगुड़ी ही नहीं, कोलकाता ही नहीं, वो पिता दिल्ली-मुंबई-चेन्नई कहीं पर भी अपने बेटे का मुफ्त इलाज करवा सकता था। लेकिन दीदी ने, उनकी दुर्नीति ने ऐसा होने नहीं दिया। बंगाल में बीजेपी की सरकार में नॉर्थ बंगाल में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर तो सुधारा ही जाएगा, तुरंत ही बंगाल में आयुष्मान भारत योजना भी लागू की जाएगी।

साथियो,
दार्जिलिंग हिल्स, तराई और दुआर क्षेत्र से बीजेपी का एक विशेष संबंध रहा है। बंगाल में ये क्षेत्र सबसे पहला है, जिसने बीजेपी पर विश्वास किया, बीजेपी को हमेशा प्यार दिया है। आपके इस प्यार का कर्ज चुकाने के लिए बंगाल में बीजेपी की सरकार हर प्रकार के प्रयास करेगी, सरकार इसको पूरा कर के रहेगी। और इसके लिए बीजेपी की सरकार बहुत जरूरी है। बंगाल बीजेपी के संकल्प पत्र में जो विशेष वायदे इस क्षेत्र के लिए किए गए हैं, वो सभी पूरे किए जाएंगे। शिक्षा हो, शिल्प हो, चाकरी हो या फिर भाषा, संस्कृति हो, आपकी हर आकांक्षा पर तेजी से काम होगा।

भाइयो और बहनो,
यहां की ब्लैक टी और यहां टॉय ट्रेन, दोनों विश्व की धरोहर हैं। टी और ट्रेन, दोनों से मेरा भी बचपन से संबंध रहा है। यहां की टॉय ट्रेन तो डबल इंजन से डबल आनंद के लिए जानी जाती है। भाजपा की डबल इंजन सरकार भी, डबल स्पीड से डबल लाभ, डबल विकास करने के लिए जानी जाती है। सिलीगुड़ी सहित इस पूरे क्षेत्र में Tripple T यानि Tea, Tourism और Timber को माफिया के शिकंजे से बाहर निकालना हमारी प्राथमिकता है। यहां इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी से जुड़े आधुनिक उद्योगों को बढ़ावा मिले, इसके लिए भाजपा की डबल इंजन सरकार नई ऊर्जा से काम करेगी।

साथियो,
आज पूरे नॉर्थ ईस्ट में ही नहीं, पड़ोसी देशों के साथ आधुनिक कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा रहा है, इसका सीधा लाभ नॉर्थ बंगाल को मिलेगा। देश में उड़ान योजना के तहत छोटे से छोटे एयरपोर्ट को जोड़ा जा रहा है। बेहतर कनेक्टिविटी और बेहतर कानून व्यवस्था से यहां का टूरिज्म सेक्टर फिर से नई बुलंदी की तरफ जाएगा। कनेक्टिविटी से लेकर टूरिज्म तक के सारे काम, यहां रोजगार बढ़ाएंगे, आपका जीवन आसान बनाएंगे। इसलिए आपको ये बात ध्यान में रखनी है- कमल छाप, टीएमसी साफ! कमल छाप, टीएमसी साफ!
टीएमसी…
टीएमसी…
मैं फिर कहूंगा- भॉय पाबेन ना !
आमरा आपनादेर शाथे आछी, शाथे थाकबो !
नोतून बोच्छोरे, नोतून बांग्लार उदॉय होबे !
नोतून प्रोजोन्मो -first time voters- नोतून बांग्ला के उज्जोलितो कोरबे!
आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने आए, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। मेरे साथ पूरी ताकत मुट्ठी बंद कर के बोलिए.. पूरी ताकत से बोलना है। बोलेंगे?
भारत माता की…
भारत माता की..
भारत माता की…
भारत माता की…
भारत माता की…
भारत माता की…
भारत माता की…
बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।