We brought peace & established rule of law in Tripura. It's evident by way all party's flags are seen amid the election campaign: PM Modi in Tripura
People of Tripura removed 'red signal' & elected 'double engine government’: PM Modi in Tripura
PM Modi thanks the people of Tripura for removing the ‘Red Signal’, and installing the double engine of BJP that helped the state to return on the track of development

जय माँ त्रिपुरसुंदरी!


नोमोस्कर त्रिपुरार बोंधुरा,


केमोन आछेन आपनारा?


खुलुमखा !

जब भी मैं त्रिपुरा के लोगों के बीच आता हूं, आपका प्यार, आपका उत्साह और आपका आशीर्वाद लगातार बढ़ता ही जाता है। आज भी मैं रास्ते में आया, कोई रोड शो तो था नहीं, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में लोग थे कि मुझे यहां पहुंचने में ही देर हो गई।


इस बार भी त्रिपुरा के लोगों का, यहां की माताओं-बहनों-बेटियों का, जितना आशीर्वाद मिल रहा है, वो अभूतपूर्व है। जितना अच्छा किसी को अपने परिवार के सदस्यों के बीच आकर लगता है, उतना ही अच्छा मुझे भी आपके बीच आकर के लग रहा है। इस चुनाव में मुझे जहां भी जाने का अवसर मिला है, मैंने देखा है कि फिर एक बार बीजेपी की सरकार बनाने का मन त्रिपुरा के लोगों ने बना लिया है। और डबल इंजन सरकार के लिए आपका समर्थन देखकर मेरी खुशी भी डबल हो गई है। आज पूरा त्रिपुरा एक साथ कह रहा है- चारों तरफ एक ही गूंज सुनाई दे रही है


फिर एक बार डबल इंजन सरकार,


फिर एक बार बीजेपी सरकार।


फिर एक बार बीजेपी सरकार।


साथियों,


त्रिपुरा के युवाओं ने, माताओं-बहनों ने चंदा और झंडा की कंपनी वालों को फिर से रेड कार्ड दिखा दिया है। त्रिपुरा के लोगों ने ऐलान कर दिया है- उन्हें सबका साथ, सबका विकास वाली सरकार चाहिए, पूर्ण बहुमत वाली सरकार चाहिए।

साथियों,


आज भाजपा के पक्ष में, डबल इंजन सरकार के पक्ष में माहौल इसलिए है, क्योंकि त्रिपुरा के लोगों को विकास आंखों के सामने दिख रहा है। त्रिपुरा में आज ऐसा कोई परिवार नहीं है, जिसकी भाजपा सरकार ने आगे बढ़कर के सेवा न की हो। इसलिए आज त्रिपुरा का हर परिवार बदलती परिस्थितियों को अनुभव कर रहा है। महाराज राधा किशोर माणिक्य बहादुर जी और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जी ने जो रास्ता दिखाया, उसी आधार पर भाजपा ने त्रिपुरा को सुशासन दिया है। ये लोग ऐसा समाज चाहते थे, जहां भय का, डर का, हिंसा का माहौल ना हो। ये लोग ऐसा समाज चाहते थे, जहां से गरीब से गरीब का भी सम्मान हो, गरीब भी सिर उठाकर के चल सके। इसी प्रेरणा से भाजपा ने त्रिपुरा के लोगों की सेवक बनकर के सेवा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है।

साथियों,


विकास की पहली शर्त होती है- कानून-व्यवस्था का राज। वामपंथी शासन ने त्रिपुरा को विनाश के रास्ते पर धकेल दिया था। यहां जो हाल थे, उसे त्रिपुरा के लोग कभी भी भूल नहीं सकते। सरकारी दफ्तरों पर काडर का कब्ज़ा। पुलिस थानों पर काडर का कब्जा। व्यापार-कारोबार पर काडर का कब्जा। वामपंथियों ने त्रिपुरा के लोगों को अपना गुलाम समझ लिया था। वो अपने-आपको बादशाह मानते थे। कमाई हो या फिर सुनवाई, Red signal ही त्रिपुरा का दुर्भाग्य बन गया था। भाजपा सरकार ने त्रिपुरा में शांति और कानून का राज स्थापित किया है। इस चुनाव में ही देखिए। हर दल, हर उम्मीदवार के झंडे चारों तरफ दिखते हैं। क्या ये 5 वर्ष पहले तक संभव था? मुझे तो याद है, 30 साल तक वामपंथी यहां रहे और हर चुनाव में दो-दो, तीन-तीन महीने पहले, इसकी हत्या, उसकी हत्या, उसको मार दिया, उसको फांसी पर लटका दिया। ऐसी खबरें आ रहीं थीं। आप मुझे बताइये, ये चुनाव शांतिपूर्ण चल रहा है कि नहीं चल रहा है। चल रहा है कि नहीं चल रहा है। लोग आत्मविश्वास से भरे हुए हैं कि नहीं हैं।

एक समय था जब एक ही पार्टी के झंडे हर तरफ दिखते थे। और किसी को तो एंट्री ही नहीं थी और किसी ने झंडा लगाया तो शाम को डंडा आया। आपने red signal हटाकर, भाजपा का डबल इंजन लगाया और आज त्रिपुरा विकास की पटरी पर लौट आया है। बीते 25-30 साल में जो खाई त्रिपुरा में खोदी गई थी, उसे भरने के लिए त्रिपुरा की भाजपा सरकार दिन-रात मेहनत कर रही है। मैं त्रिपुरा के लोगों को एक बात का ध्यान रखने को कहूंगा- लेफ्ट और कांग्रेस वाले कभी भी त्रिपुरा का विकास नहीं कर सकते। लेफ्ट और कांग्रेस हमेशा यही चाहेंगे कि त्रिपुरा गरीब से गरीब राज्य बना रहे। लेफ्ट-कांग्रेस और उनके जैसी सोच वाले दल, त्रिपुरा के लोगों को गरीब रखकर अपनी तिजोरी भरना चाहते हैं। ये आपको कभी जाति के नाम पर तोड़ेंगे, कभी समाज के नाम पर बिखेरने की कोशिश करेंगे, लेकिन त्रिपुरा के लोगों को एकजुट रहना है। आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए इनकी बातों में नहीं आना है। आप लोग बंट गए तो ये लोग त्रिपुरा को बर्बाद कर देंगे। आपकी ये जिंदगी तबाह कर देंगे। आपके बच्चों के भविष्य को बर्बाद कर देंगे। त्रिपुरा के विकास के लिए आपको, आपका एक-एक वोट भारतीय जनता पार्टी, भाजपा के और भाजपा के सहयोगियों को पूरी ताकत के साथ वोटिंग करना है। यहां भाजपा की सरकार रहेगी तो दिल्ली से जो पैसा आएगा, वो भी आप लोगों पर ही खर्च होगा। और अगर लेफ्ट और कांग्रेसी मिलकर, पहले क्या करते थे, रूपया, उनके प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रूपया निकलता है, पंद्रह पैसा पहुंचता है। ये 85 पैसा किसके जेब में जाता था भाई। जो यहां सत्ता में बैठे थे ना, उन्हीं के जेब में जाता था। आज मैं दावे से कहता हूं हम दिल्ली से एक रूपया भेजते हैं तो त्रिपुरा के हमारे लोग नीचे 100 पैसे पूरे के पूरे पहुंचा देते हैं, ये काम हमने भलाई के लिए किया है।

भाइयों और बहनों,


महाराज राधा किशोर माणिक्य बहादुर, त्रिपुरा के विकास के सबसे बड़े पक्षधर थे। उनके दौर का विकास आज भी त्रिपुरा की शान है। त्रिपुरा की पहचान है। त्रिपुरा की इस पहचान को 21वीं सदी का नया आयाम देने के लिए ही हमने HIRA यानि हाईवे, आईवे, रेलवे और एयरवे का संकल्प लिया था। आज त्रिपुरा में चारों तरफ इस हीरे की चमक दिखती है। त्रिपुरा वाले तो अनुभव ही कर ही रहे हैं, बाहर से भी जो त्रिपुरा आता है ना, वो भी साफ-साफ ये परिवर्तन देख रहा है। अगरतला के बीर बिक्रम किशोर माणिक्य एयरपोर्ट पर उतरते ही हर कोई हैरान रह जाता है। नॉर्थ ईस्ट में ऐसा आधुनिक एयरपोर्ट डबल इंजन सरकार के कारण ही संभव हो पाया है। त्रिपुरा में नए हाईवेज का तेजी से निर्माण हो रहा है। आज त्रिपुरा के गांव-गांव में सड़कें बन रही हैं, तेजी से बन रही हैं। रेल कनेक्टिविटी में तो त्रिपुरा अब काफी आगे बढ़ चला है। अगरतला-अखौरा रेल लिंक ये प्रोजेक्ट भी बहुत ही जल्द पूरा होने वाला है। इसमें भारत की तरफ का हिस्सा तो लगभग पूरा हो चुका है। बांग्लादेश की तरफ वाले हिस्से में भी तेजी से काम चल रहा है। फेनी नदी पर मैत्री सेतु बनने से अब अगरतला, इंटरनेशनल पोर्ट से भारत का सबसे नजदीकी शहर बन गया है। इससे बांग्लादेश से लेकर पूरे नॉर्थ ईस्ट और पूर्वी एशिया के लिए व्यापार-कारोबार के लिए त्रिपुरा एक बड़ा केंद्र बन रहा है। इससे एक बहुत बड़ा अवसर त्रिपुरा के लिए बन रहा है, त्रिपुरा के युवाओं के लिए बन रहा है।

भाइयों और बहनों,


त्रिपुरा भाजपा का HIRA मॉडल यहां रोजगार निर्माण के लिए, उद्योग-धंधे के लिए बहुत मजबूत आधार बन रहा है। ये निश्चित रूप से डबल इंजन सरकार के कारण संभव हो रहा है। अगर यहां लेफ्ट की सरकार रहती, तो मैं दिल्ली से कितनी भी कोशिश करता, यहां ये काम इतनी तेजी से ही नहीं हो पाता। इसलिए याद रखिएगा- त्रिपुरा को चाहिए- डबल इंजन सरकार।

साथियों,


जब दिल्ली और यहां दोनों ही जगहों पर भाजपा की सरकार होती है, तो इतने फायदे होते हैं कि गिनाना भी समय कम पड़ जाएगा। आप याद करिए, जब यहां ये चंदा कंपनी, डगर-डगर पर चंदा लेने वाले लोग, उनकी सरकार थी, तब गरीबों को मिलने वाला राशन भी सबको नहीं मिलता था। चंदा वसूलने वाले घर पहुंचने से पहले ही गरीबों का राशन लूट लेते थे। लेकिन डबल इंजन सरकार आज सबको मुफ्त राशन दे रही है। हमने ये भी पक्का किया है कि जो राशन हमने भेजा है, वो पूरा का पूरा गरीब के घर तक पहुंचे।

साथियों,


बीमारी की हालत में इलाज का खर्च, किसी भी गरीब के सबसे बड़ी चिंता होता है। और इसलिए ही केंद्र की भाजपा सरकार आयुष्मान भारत योजना लेकर आई है। और हमने तो हमारे समाज में देखा है कि अगर कोई मां, कोई बहन बीमार हो जाती है। गंभीर से गंभीर बीमारी हो गई हो, तो कभी अपने परिवार के लोगों को पता ही नहीं चलने देती है। वो दर्द सहती है। घर का काम भी करती रहती है। मेहनत करने में कोई कमी नहीं रखती, लेकिन दुख का पता किसी को चलने नहीं देती, क्यों, उस मां-बहन के मन में विचार आता है कि अगर बच्चों को पता चल गया कि मुझे ऐसी गंभीर बीमारी है और अगर अस्पताल में ले गए, पैसे तो हैं नहीं। ये बच्चे कर्ज कर देंगे। ब्याज से पैसा लाएंगे। मैं तो ठीक हो जाउंगी, लेकिन बच्चे जीवनभर कर्जदार रह जाएंगे। मुझे मेरे बच्चो को कर्जदार नहीं बनाना है। और इसलिए मां बीमारी सहती थी, बच्चों को कहती नहीं थी। लेकिन दिल्ली में आपका एक बेटा बैठा है। हर मां का दुख समझता है। हर बहन की पीड़ा समझता है। और इसलिए आयुष्मान भारत योजना से हमने हर परिवार का आयुष्मान योजना से अस्पताल में एक भी रुपया खर्च किए बिना उसकी अच्छे से अच्छी सेवा हो, बीमारी जाए, इसके लिए बेटा काम कर रहा है। आप सोचिए, आप जैसे त्रिपुरा के लगभग 2 लाख साथियों ने अस्पताल में अपना मुफ्त इलाज कराया है। भाजपा सरकार ने जो जन औषधि स्टोर खोला है, उससे भी गरीबों के लाखों रुपए बच रहे हैं। जो दवाई कभी सौ रुपये में मिलती थी, वो 10-15 रुपये में मिल जाती है।

साथियों


गरीबों के घर बनाने में तो त्रिपुरा ने देश के अनेक बड़े-बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। मैं पूरी टीम को बधाई देता हूं। आपने जो काम किया है, गरीबों का घर बनाने का, आप सब, आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। ऐसा काम आप लोगों ने किया है। मैं दिल्ली से जब भी यहां की वाम सरकार को, क्योंकि मैं 14 में आया, तो उस समय तो यहां वामपंथियों की सरकार थी और उस समय मैं गरीबों के घर तेजी से बनाने के लिए कहता था, तो वो सुनते ही नहीं थे। उनको परवाह ही नहीं थी। उनकी प्राथमिकता वन पाइंट एजेंडा था। क्या- चंदा उगाही। चंदा इकट्ठा करो बस और लोगों को डराओ, झंडा गाड़ो और झंडा नहीं गाड़ा तो डंडा मारो। यही काम था उनका। जैसे ही आपने यहां डबल इंजन सरकार बनाई, तो देखते ही देखते त्रिपुरा के 3 लाख गरीब परिवारों को अपने घर मिल गए। छोटा-सा त्रिपुरा 3 लाख परिवारों को पक्का घर मिला, ये अपने-आप में आजादी के 75 साल में नहीं हो पाया है। आज त्रिपुरा में हजारों नए घरों पर काम चल रहा है। और मैं मेरे सभी त्रिपुरावासियों को कहना चाहता हूं कि जो इस गरीबों के लिए घर की योजना है, उसके जो लाभार्थी हैं, अगर अब तक उनको घर नहीं मिला है, आपको मैं विश्वास देता हूं 16 तारीख को मतदान के बाद हमारी जब सरकार बनेगी, फिर से गरीबों को घर देने के काम आगे बढ़ेगा। और आप विश्वास कीजिए, ये आपके सेवक, आपके मोदी का आपको वादा है। वादा है। इस वर्ष के केंद्र सरकार के बजट में भी हमने रिकॉर्ड लगभग 80 हजार करोड़ रुपये हमने गरीबों के लिए घर बनाने के लिए खर्च करना तय किया है। इसलिए जब 16 फरवरी को आप वोट डालने जाएं, तो याद रखिएगा, लेफ्ट-कांग्रेस वालों की इस पैसों पर नजर है। ये पैसे लूटना चाहेंगे, आपको पक्का घर कभी नहीं देने देंगे।

भाइयों और बहनों,


हमारी माताओं-बहनों की जिंदगी की बहुत बड़ी चिंता, घर में पानी की भी रहती है। इतने दशकों में भी त्रिपुरा के बहुत ही गिने-चुने परिवारों के पास घर में नल से जल आता था। लेकिन डबल इंजन सरकार के प्रयासों से आज त्रिपुरा के 4 लाख से अधिक परिवारों को पाइप से पानी की सुविधा मिल चुकी है। और बाकी माताओं-बहनों को भी मैं ये कहना चाहता हूं कि आपको सर पर जो पानी उठा के लाना पड़ता है ना, ये आपका बेटा, आपको इससे भी मुक्ति दे देगा और पाइप से पानी लेके आएगा। आप देखिए, घर बनाने की बात हो, पानी पहुंचाने की बात हो, टॉयलेट बनाने की बात हो, धुएं से मुक्ति के लिए गैस का कनेक्शन देना हो, या हमारे हर गरीब परिवार को बीमारी में इलाज की सुविधा देनी है, तो अधिक से अधिक लाभ मेरे गरीब परिवारों को, वंचित परिवारों को और उसमें भी मेरी माताओं-बहनों को, बेटियों को मिला है। इनके अभाव में सबसे अधिक परेशानी अगर किसी को होती है, पानी नहीं है तो परेशान कौन- मां-बहनें, बिजली नहीं है तो परेशान कौन- मां-बहनें, घर में राशन नहीं है परेशान कौन- मां-बहनें, हर मुसीबत माताओं-बहनों को, और ये बेटा आपकी हर मुसीबत को समझता है। उन मुसीबतों से आपको मुक्ति दिलाने के लिए, ये आपका बेटा दिन-रात काम करता है। और इसलिए माताएं-बहनें, मुझे आपसे आशीर्वाद चाहिए। आज गरीब परिवार की बहनों के नाम पर अपने घर हो रहे हैं, तो हमारी माताओं-बहनों का आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। मैं त्रिपुरा बीजेपी को महिलाओं के लिए एक संकल्प पत्र अलग लाने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मैं त्रिपुरा बीजेपी को बहुत बधाई देता हूं। आपने बहुत उत्तम काम किया है। ये माताओं-बहनों-बेटियों की सेवा के लिए डबल इंजन सरकार के कमिटमेंट को दर्शाता है।

साथियों,


डबल इंजन सरकार के डबल लाभ का एक और उदाहरण पीएम किसान सम्मान निधि है। अभी तक भाजपा सरकार त्रिपुरा के किसानों के बैंक खाते में सीधे, कोई बिचौलिया नहीं, कोई चंदा नहीं, कोई चंदा चोर नहीं, सीधे 500 करोड़ रुपये से ज्यादा हमारे किसानों के खाते में जमा हो गए हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ त्रिपुरा के मेरे छोटे-छोटे किसान भाई-बहनों को हुआ है। अब त्रिपुरा बीजेपी ने ये भी घोषणा की है कि केंद्र सरकार जो पैसे भेजती है, उसमें 2 हजार रुपये अब त्रिपुरा भाजपा सरकार भी जोड़ देगी। और मैं इसके लिए फिर एक बार त्रिपुरा बीजेपी को बधाई देता हूं। लेफ्ट की सरकार के दौरान हजारों धान किसान एमएसपी से वंचित रहे, तरसते रहे। ये भाजपा की सरकार है, जिसने एमएसपी पर धान की खरीदी शुरू की और सैकड़ों करोड़ रुपये का धान, ये धान के बदले में एमएसपी के द्वारा मेरे किसानों के घर में, उसने जो मेहनत की थी, उसका सही पैसा पहुंचा। डबल इंजन सरकार के ही कारण आज पाइन-एपल हो या फिर फल-सब्जी, ये आज विदेश तक में एक्सपोर्ट हो रहे हैं। इससे भी किसानों को बहुत लाभ हो रहा है।

भाइयों और बहनों,


डबल इंजन सरकार गरीबों की सरकार है। वंचितों, आदिवासियों की सरकार है। मध्यम वर्ग, मिडिल क्लास की सरकार है। युवाओं की सरकार है। महिलाओं की सरकार है। पहली बार देश में छोटे किसानों, खेत मजदूरों, घरों में काम करने वालों, छोटे-छोटे दुकानदारों, सभी के लिए पेंशन की सुविधा लेकर हम आए हैं। पहली बार सामान्य से सामान्य परिवार को 2 लाख रुपये तक के बीमा की व्यवस्था हमने की है। पहली बार रेहड़ी-ठेले-पटरी-फुटपाथ पर जो अपना थोड़ा-बहुत कारोबार करते हैं, ऐसे साथियों को भी पीएम स्वनिधि योजना की वजह से बैंकों से मदद मिल रही है। इन गरीबों की कोई सुनता नहीं था। जो फुटपाथ पर बैठ के जूते रिपेयर कर रहा है। जो फुटपाथ पर सब्जी बेच रहा है। जो ठेले में फल-सब्जी बेच रहा है। खिलौने बेच रहा है। उसके लिए बैंक के दरवाजे बंद थे। वो बेचारा ब्याज से पैसे लेने जाता था। और अगर हजार रुपये लेने जाता था तो सुबह वो सौ रूपये पहले ही काट लेता था और नौ सौ देता था और शाम को जाकर के फिर हजार लौटाना होता था। गरीब कर्जदार बनता जाता था। ये आपके बेटे ने ये तय किया कि मुझे गरीबों को इस ब्याज के चक्कर से बाहर लाना है। और हमने रेहड़ी-पटरी वालों के लिए बैंक के दरवाजे खोल दिए और आज वो ब्याज के चक्कर से बाहर आ रहे हैं। इस वर्ष के बजट में पहली बार हमारे जो विश्वकर्मा साथी होते हैं, जो मिस्त्री हैं, कारपेंटर हैं, गहने बनाते हैं, औजार बनाते हैं, मूर्तिकार हैं, ऐसे हर साथी के लिए हम विशेष योजना लाए हैं। त्रिपुरा में बीजेपी सरकार ने सामाजिक भत्ते को भी 500 से बढ़ाकर 2000 रुपये किया है।

भाइयों और बहनों,


आज पूरे देश में भाजपा युवाओं की पहली पसंद है। भाजपा युवाओं की हर जरूरत को, उनकी आकांक्षाओं को सर्वोपरि रखती है। बीते वर्षों में जिस प्रकार देश में शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट पर काम हुआ है उसका भी लाभ त्रिपुरा को मिला है। बीते 5 वर्षों में त्रिपुरा को ट्रिपल आईटी, लॉ यूनिवर्सिटी, नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, इंटरनेशनल बुद्धिस्ट यूनिवर्सिटी गिनते जाओ, गिनते जाओ ये डबल इंजन की सरकार ने दिया है। इन्हीं वर्षों में त्रिपुरा को अपना पहला, पहला, आजादी के 75 साल के बाद पहला, पहला डेंटल कॉलेज आपको मिला है। अटल बिहारी वाजपेयी रीजनल कैंसर हॉस्पिटल अब नॉर्थ ईस्ट के सबसे अच्छे कैंसर अस्पतालों में से एक है। जनजातीय क्षेत्रों में बड़ी संख्या में एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल खोले जा रहे हैं।

भाइयों और बहनों,


शिक्षा और कौशल के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता है। टूरिज्म में रोजगार की अभूतपूर्व संभावनाएं है और इसलिए भाजपा सरकार त्रिपुरा में इस पर बहुत जोर दे रही है। आज भाजपा सरकार यहां की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध कर रही है, इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बना रही है। इसका बड़ा लाभ, लाभार्थी यहां का टूरिज्म सेक्टर है। यहां पवित्र त्रिपुरसुंदरी मंदिर है, चतुर्दश देवता मंदिर है, ब्रह्मकुंड है। आस्था और आध्यात्म से जुड़े ऐसे अनेक पवित्र स्थान त्रिपुरा में हैं, जो देश और दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं। यहां त्रिपुरसुंदरी मंदिर के आसपास 51 शक्तिपीठों के रेप्लिका का काम किया जा रहा है। माताबाड़ी रेलवे स्टेशन से त्रिपुरसुंदरी मंदिर को रोपवे से जोड़ा जा रहा है। पुष्पबंता पैलेस को महाराजा बीरेंद्र किशोर माणिक्य संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये काम सिर्फ भाजपा ही कर सकती है। इसलिए त्रिपुरा के गौरव को बढ़ाने के लिए भी आपको, मैं आज आग्रह करने आया हूं कि 16 फरवरी को त्रिपुरा का एक-एक वोट कमल के निशान पर, भाजपा के साथियों के निशान पर पहुंचना चाहिए।

भाइयों और बहनों,


वापमंथी और कांग्रेस, अपनी सत्ता की भूख मिटाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। अब देखिए, इनकी ये कांग्रेस और लेफ्ट केरल में क्या कर रहे हैं, कल ही आपने देखा होगा, मारधाड़ कर दी उन्होंने, दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ। केरल में कांग्रेस और वामपंथ के बीच में कुश्ती चल रही है, लड़ाई चल रही है और त्रिपुरा में दोस्ती कर रहे हैं। केरल में कुश्ती, त्रिपुरा में दोस्ती, लेकिन नेताओं की ये दोस्ती क्या कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और वोटरों के बीच भी हो सकती है क्या? कांग्रेस के वो कार्यकर्ता, कांग्रेस के वो पुराने वोटर, जिनको दशकों तक लेफ्ट वालों ने प्रताड़ित किया, तंग किया, चोट पहुंचाई, उनके जवान बेटों को मार दिया, क्या सारे लोग लेफ्ट की इन करतूतों को भूल जाएंगे क्या? ये नेता लोग सत्ता भूख में उनपर हुए अत्याचारों को भुलाकर करके राजनीतिक स्वार्थ के लिए निकल पड़े हैं। क्या त्रिपुरा की जनता ऐसे लोगों को माफ करेगी। एक झंडा लगाने तक के लिए जिनके अपनों का खून बहाया गया, क्या वो पुरानी बातें भूल जाएंगे? वो भी सिर्फ इसलिए कि कांग्रेस के कुछ नेताओं को सत्ता की भूख है, उन्हें अपनी तिजोरी भरनी है? इनके लिए अपने कार्यकर्ताओं और अपने वोटरों की भावना बिल्कुल मायने नहीं रखती। त्रिपुरा के लोगों को लेफ्ट और कांग्रेस के ऐसे स्वार्थी गठबंधन से बचकर के रहना है।

साथियों,


भाजपा त्रिपुरा की सुरक्षा और विकास की गारंटी है। भाजपा विकास में भेदभाव नहीं करती है। भाजपा झंडे के आधार पर सरकारी लाभ में भेदभाव नहीं करती। क्योंकि भाजपा बदले की नहीं बदलाव की राजनीति करती है। जनहित और राष्ट्रहित की राजनीति करती है। इसलिए पिछली बार की तुलना में इस बार भाजपा ज्यादा वोटों के साथ वापसी कर रही है। आपके आशीर्वाद से कर रही है। और मैं आपको वादा करता हूं कि एक-एक वादा पूरा करूंगा। हर क्षेत्र, हर वर्ग में अभूतपूर्व समर्थन भाजपा को मिल रहा है। मैं त्रिपुरा के हर बहन-भाई को ये भरोसा देने आया हूं कि भाजपा के रहते आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। भाजपा सरकार में आपके बच्चों के भविष्य से कोई खिलवाड़ नहीं कर पाएगा। जब जनता के हित की बात होती है भाजपा कड़े और बड़े फैसले लेने से पीछे नहीं हटती। इसलिए, आपको मैं फिर एक बार आग्रह करता हूं कि 16 फरवरी को भाजपा और हमारे सहयोगियों साथियों को सुबह से ही मतदान के लिए निकल पड़िए। भारी मतदान करिए। करेंगे ना, करेंगे ना। घर-घर जाएंगे। लोगों को बताएंगे। लोगों को वोटिंग के लिए निकालेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे। करेंगे। मेरा निजी काम है। करोगे, ये चुनाव की दौड़ा-धूप में भी कर लोगे। पक्का करोगे। जरा वादा कीजिए हाथ ऊपर उठाकर के। करेंगे। देखिए मेरा एक काम करना है। आज में त्रिपुरा आया, लेकिन सबको तो नहीं मिल पाया। आप हर परिवार में जा करके मेरी तरफ से सबको बता देना कि मोदी जी त्रिपुरा, अगरतला आए थे। और आप सबको प्रणाम भेजा है। नमस्कार भेजा है। इतना कर दोगे आप। घर-घर जाके बता दोगे। मेरा प्रणाम उनको पहुंचेगे ना, तो उनका आशीर्वाद मुझे पहुंचेगा। और मुझे उनकी सेवा करने के लिए नई ताकत मिल जाएगी। इसलिए ये मेरा काम आपको करना है। मैं फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। 16 तारीख को रिकॉर्ड ब्रेक मतदान कीजिए। शांतिपूर्ण मतदान कीजिए और फिर एक बार त्रिपुरा की विकास यात्रा को आगे बढ़ाइए।


भारत माता की जय


भारत माता की जय


वंदे मातरम


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वंदे मातरम


वंदे मातरम


वंदे मातरम

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।