Our government has continuously worked to strengthen the Constitution and bring its spirit to every citizen: PM Modi in Purnea
The result of June 4th will determine the security of ‘Seemanchal’ region: PM Modi in Purnea

भारत माता की…. भारत माता की….जय

माई पूर्ण देवी, बिसहरी माय की जय… मैं भक्त प्रहलाद और महर्षि मेही बाबा की इस पावन धरती को नमन करता हूं। मौर्य साम्राज्य के रूप में भारत के गौरव को दूर दूर तक फैलाने वाले सम्राट अशोक की आज जयंती भी है। उनसे प्रेरणा लेने वाले बड़ी संख्या में लोग आज भाजपा को अपना आशीर्वाद देने आए हैं। एनडीए सरकार की तीसरी पारी को लेकर पहले से भी ज्यादा उत्साह नजर आ रहा है, आपका यह उत्साह बता रहा है फिर एक बार.... फिर एक बार..... फिर एक बार..... फिर एक बार..... विकसित भारत के लिए 4 जून.... 4 जून.... 4 जून....

साथियों,

आज एनडीए सरकार के लिए वंचित शोषित वर्ग हमारी पहली प्राथमिकता है। जिसको किसी ने नहीं पूछा, हम उसको पूज रहे हैं. एक समय था जब केंद्र की सरकारें बिहार को पिछड़ा कहकर पीछा छुड़ा लेतीं थी, बिहार की सरकारें सीमांचल को पिछड़ा कह कर के पलड़ा झाड़ लेती थी लेकिन हमने सीमांचल और पूर्णिया के पूर्ण विकास को अपना मिशन बनाया है। एनडीए सरकार ने सीमांचल के भाग्य को बदलने के लिए आकांक्षी जिला और अब आकांक्षी ब्लॉक ऐसी बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना चलाई। आज हमारे पूर्णिया ने देश में सबसे बेहतर प्रगति करने वाले आकांक्षी जिलों में अपनी जगह बनाई है। मैं इसके लिए पूर्णिया के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

आपका उत्साह अद्भुत है.. ऐसा उत्साह बहुत कम ही देखने को मिलता है लेकिन अगर आपका उत्साह मेरी आवाज पहुंचने ही नहीं देगा तो फिर इस सभा का फायदा क्या होगा। तो मेरी बात वहां बैठे लोग सुन सके इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है कि आप आपके नारे आपके उत्साह को थोड़ा नीचे करें तो अच्छा होगा करेंगे मेरी बात को.. मेरी बात को मानेंगे, पक्का मानेंगे.. बिहार के लोग इतने बढ़िया है यहां के नौजवान इतने बढ़िया है कि मेरी हर बात को स्वीकार करते हैं यह मेरा सौभाग्य है।

साथियों,

बिहार और पूर्णिया के पास सामर्थ्य की कभी कमी नहीं थी हमारे बिहार का किसान भरपूर मक्का उत्पादन करता है बिहार में जूट और मखाने की खेती भी खूब होती है.. पिछले 10 वर्षों में हमने जूट की एमएसपी को बढ़ाकर दो गुना किया है बिहार का 20 प्रतिशत मखाना अकेले पूर्णिया के किसान ही पैदा करते हैं। हमने आपके सामर्थ्य को प्रोत्साहन दिया, नतीजा यह हुआ कि आपने मखाना के सीड प्रोडक्शन को करीब दो गुना कर दिया आज एनडीए सरकार मखाने को सुपर फूड के रूप में प्रमोट कर रही है... मोटे अनाज यानी श्री अन्न की तो मोदी ने पूरी दुनिया में मार्केटिंग की है आपने जी-20 में देखा होगा मोदी ने दुनिया के बड़े-बड़े राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को श्री अन्न, मोटा अनाज खिलाया कहा कि हमारे छोटे किसानों की मेहनत है इसमें अब मोटा अनाज गरीब का खाना नहीं अमीरों का खाना बन रहा है... इसका फायदा सीधे हमारे किसानों तक पहुंच रहा है मक्के को भी मुनाफे की फसल बनाने के लिए हमारी सरकार ने एमएसपी पर खरीद बढ़ाई और अब तो मक्के से एथेनॉल भी बनाया जा रहा है देश का पहला, पूरे भारत का पहला ग्रीन फील्ड एथेनॉल प्लांट पूर्णिया में लगाया गया है। हमारे नीतीश जी ने ही इसका उद्घाटन किया था, साथियों कृषि और उद्योग के इन अवसरों को गति देने के लिए पूर्णिया में रेल और रोड के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी आधुनिक बनाया जा रहा है कुछ समय पहले ही मैंने कटिहार जोगबानी रेल सेक्शन के विद्युतीकरण लोकार्पण किया था, हमारी सरकार सीमांचल में अच्छी सड़कों का निर्माण भी करवा रही है और अब तो वह दिन दूर नहीं जब पूर्णिया में हवाई जहाज भी उतरेगी... हमारी सरकार सीमांचल में वंदे भारत, नमो भारत, जैसी ट्रेनों के जरिए कनेक्टिविटी बढ़ाने और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी काम करेगी।

साथियों,

मोदी के के लिए आपके सपने ही मोदी का संकल्प है इसलिए गांव गरीब दलित वंचित दशकों से जिन समस्याओं से जूझ रहे थे मोदी ने 10 साल में उनका समाधान दिया है देश के 25 करोड़ गरीबी से बाहर तब आए जब हमनें दिन-रात उनके लिए मेहनत की देश के चार करोड़ गरीबों को पीएम आवास कब मिला जब आपने मोदी को सेवा करने का आशीर्वाद दिया। देश के 50 करोड़ से ज्यादा दलितों, वंचितों, गरीबों का बैंक में खाता तब खुला जब आपने मोदी को आशीर्वाद देकर के सेवा करने का मौका दिया। करोड़ों माताओं- बहनों को चूल्हे के धुएं से मुक्ति तब मिली जब मोदी ने उज्ज्वला सिलेंडर देकर उनकी सुध ली देश के 11 करोड़ परिवारों तक पहली बार पाइप से पानी तब पहुंचा जब मोदी ने हर घर जल को अपना मिशन बनाया। आज 11 करोड़ छोटे किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि भी एनडीए सरकार ही भेज रही है... इन योजनाओं का बहुत बड़ा लाभ हमारे ततमा समाज, महलदार समाज और ऋषिदेव समाज के मेरे परिजनों को भी हुआ है, लेकिन साथियों मोदी इतने से संतुष्ट नहीं है जो काम हुआ है ना वह तो ट्रेलर है ट्रेलर... अभी हमें पूर्णिया को, सीमांचल को, बिहार को और पूरे हिंदुस्तान को बहुत आगे लेकर जाना है। कई बार लोग पूछते हैं कि मोदी के लिए समाज के आखिरी पायदान पर खड़ा व्यक्ति हमारा दलित, पिछड़ा, आदिवासी यह इतनी प्राथमिकता क्यों है... ये समाज मोदी की प्राथमिकता इसलिए है क्योंकि यही समाज सबसे ज्यादा गरीबी से प्रभावित है और मोदी गरीबी से ही निकलकर आपके बीच आया है। मोदी के ऊपर अपने इस समाज का, बाबा साहब का और उनके संविधान का बहुत बड़ा कर्ज है। इसलिए हमारी सरकार ने संविधान को एक श्रद्धा का स्थान मिले... संविधान को आस्था का स्थान मिले.... संविधान के प्रति देश का प्रत्येक व्यक्ति समर्पित हो, संविधान की भावना को हर देशवासी तक पहुंचाने के लिए लगातार काम किया है। हमारी ही सरकार ने देश में संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की... आज बाबा साहब के संविधान को सेलिब्रेट करने के लिए बच्चों के स्कूलों से लेकर, सुप्रीम कोर्ट और संसद तक में कार्यक्रम किए जाते हैं और ये वक्त तो बहुत विशेष है, इस साल संविधान के 75 वर्ष की शुरुआत हो रही है जैसे हमनें आजादी के 75 वर्ष पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया इसी तरह इस वर्ष हमें संविधान के 75 वर्ष का पर्व मनाना है हमनें तय किया है हम देश के कोने- कोने में बाबा साहब के संविधान की भावना को लेकर जाएंगे.. देश की युवा पीड़ी को, देश की गौरवशाली संविधान के निर्माण की प्रक्रिया, उसके अध्याय, उसका महत्व बताएंगे, लेकिन दूसरी तरफ वो लोग हैं जिन्होंने आपातकाल में संविधान को रद्द करने, संविधान को बंधक बनाने, और संविधान को तोड़ने-मरोड़ने का काम किया था...हमें याद रखना है जो लोग सत्ता और सरकार को एक परिवार की मुट्ठी में रखना चाहते हैं, संविधान उनकी आंखों में हमेशा खटकते है इसलिए अब यह लोग संवैधानिक व्यवस्था से हुए चुनाव के नतीजों को अस्वीकार करने की धमकी देने लगे हैं लेकिन इनके मंसूबे कामयाब ना हो संविधान दलित, पिछड़ा, आदिवासी की ताकत बना रहे इसके लिए हमें एकजुट होकर साथ खड़े रहना है।

साथियों,

अगले पांच वर्षों के कामकाज के लिए बीजेपी ने अपना संकल्प पत्र जारी किया है... इस संकल्प पत्र में मोदी ने गारंटी दी है। देश के सभी जरूरतमंदों को आगे भी फ्री राशन, मुफत राशन मिलता रहेगा। मोदी ने गारंटी दी है गरीब, दलित, वंचित के कल्याण से जुड़ी योजनाओं को हम हर जरूरतमंद तक लेकर जाएंगे। हमारी सरकार 3 करोड़ नये पक्के घर बनाएगी। देश में 70 साल से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को मुफ्त इलाज की जिम्मेदारी भी सरकार उठाएगी। आप अपने परिवार में अपने बुजुर्गों को कह दीजिए अब वो बीमारी को छुपाए नहीं, अगर कोई तकलीफ है तो मोदी बैठा है ये मोदी की गारंटी है....

साथियों,

पिछले 10 वर्षों में एनडीए सरकार ने वो काम किए हैं जिन्हें पहले असंभव माने जाते थे। आज हर कोई कह रहा है बड़े कामों का दम सिर्फ भाजपा के पास है, एनडीए के पास है। आपको याद होगा पहले अड़ोस-पड़ोस के देश यहां हमला करके चले जाते थे, सीमा पर हमारे जवानों की आए दिन शहादत होती थी आप लोगों को दुख के साथ ही गुस्सा भी आता था आपका मन करता था कि इन्हें घर में घुसकर मारो... मोदी ने आपकी इच्छा का पालन किया और इसका नतीजा क्या हुआ जो देश हमें आंखें दिखाता था वो कटोरा लेकर के भटक रहा है।

साथियों,

दशकों से देश में लोग मांग कर रहे थे कि कश्मीर में अलग झंडा, अलग संविधान नहीं चलना चाहिए जो लोग दिन-रात संविधान के नाम पर हमको गालियां देते हैं ना इतने दशकों तक उन्होंने राज किया, आजादी के बात उनके हाथ में सत्ता आई अब तक आई लेकिन उनमें हिम्मत नहीं थी कि बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान को जम्मू- कश्मीर में लागू कर पाएं। बाबासाहब का संविधान वहां लागू नहीं होता था ये मोदी है, जो संविधान को समर्पित है। आज जम्मू- कश्मीर में भी आन-बान-शान के साथ हमारा संविधान लागू हो गया। कश्मीर से आपकी इच्छा थी 370 हटनी चाहिए तो ये घमंडिया गठबंधन वाले क्या कहते थे, ये कहते थे कि 370 हटी तो कश्मीर में आग लग जाएगी। आज आर्टिकल 370 का द-एंड हो चुका है। अगर कश्मीर में नहीं भारत को बांटने वालों के मंसूबों में जलन हो रही है आग लगी है।

साथियों,

कल रामनवमी का पवित्र त्यौहार भी है, ये लोग राम मंदिर के लिए भी यही कहते थे, बोलते थे कि राम मंदिर बना तो देश में आग लग जाएगी... आज हमारा राम मंदिर पूरी दुनिया में भारत का गौरव बढ़ा रहा है। अब कुंठा में घिरे ये कांग्रेस के लोग घमंडिया गठबंधन के लोग राम मंदिर का अपमान कर रहे हैं घमंडिया गठबंधन ने तो सनातन को मिटाने की कसम खा रखी है, 26 अप्रैल को आपका वोट इन्हें बताएगा कि सनातन मिटता है या ये लोग रहते हैं।

साथियों,

हमारा सीमांचल बिहार का एक संवेदनशील इलाका है... वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने पूर्णिया और सीमांचल को अवैध घुसपेठ का ठिकाना बनाकर यहां की सुरक्षा को दांव पर लगाया है। इसका शिकार हमारे दलित, वंचित, पिछड़े और गरीब को होना पड़ा है। हमारे दलित भाइयों के घरों तक को जलाया गया था लेकिन मैं आपको आश्वासन देना चाहता हूं, देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाला हर तत्व सरकार की नजर में है। 4 जून का परिणाम इसी सीमांचल की सुरक्षा तय करेगा और जो लोग राजनीतिक फायदे के लिए सीएए का विरोध कर रहे हैं वो भी एक बात जरूर जान लें ये मोदी है ये ना डरने वाला है और ना ही झुकने वाला है।

साथियों,

आपने वह दौर भी देखा है, जब बिहार में जंगल राज था उस समय बिहार के इस इलाके में महा-जंगल राज हुआ करता था हिंसा, अराजकता, अपहरण और भ्रष्टाचार का यहां उद्योग चलता था। नीतीश जी के नेतृत्व में हमने बहुत मुश्किल से उस दौर को बदला है लेकिन आज एक बार फिर जंगल राज और महा- जंगल राज वाले लोग उस दौर की वापसी चाहते हैं, इनका एक ही एजेंडा है भ्रष्टाचार और लूट। हमारे पूर्णिया में कहते हैं ना हर बहे से खर खाए, बकरी खाए अचार, भाव ये मेहनत गरीब जनता करे और मलाई ये आरजेडी वाले लूटें... मोदी के रहते ये मुमकिन नहीं है इसलिए सब भ्रष्टाचारी के लूट के ठिकाने बचाने के लिए वो अब एक हो रहे हैं। मैं कहता हूं भ्रष्टाचार हटाओ, ये कहते हैं भ्रष्टाचारी बचाओ। मैं आपको एक गारंटी देता हूं, अगले पांच साल भ्रष्टाचार के खिलाफ और बड़ी कार्रवाइयों के पांच साल मान के चलिए।

साथियों,

पूर्णिया से एनडीए उम्मीदवार श्री संतोष कुमार जी, संतोष कुमार जी और कटिहार से दुलाल चंद्र गोस्वामी जी ये हमारे प्रत्याशी हैं। 26 अप्रैल को आपको इसी उत्साह के साथ इन्हें वोट करना है, पूर्णिया और कटियार से जीत का रिकॉर्ड बनाना चाहिए। बनाओगे... घर-घर जाओगे? पोलिंग बुथ जीतोगे? पोलिंग बुत जितना है, जीतोगे? हर पोलिंग बुत जितना है, जीतोगे? अच्छा मेरा एक और काम करोगे? मेरा एक और काम करोगे? करोगे क्या? ये मेरा काम है, करोगे? देखिए यहां से जाने के बाद घर- घर जाइए और जाकर के सबको कहिए कि हमारे मोदी जी आए थे, उन्होंने आपको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम पहुंचा दोगे... देखिए मेरा प्रणाम पहुंचेगा तो सभी परिवार के लोग मुझे आशीर्वाद देंगे और जब परिवार के बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलता है ना तो नई ऊर्जा मिलती है नई शक्ति मिलती है और मैं उसके लिए दौड़ता रहूंगा, आपके लिए दौड़ता रहूंगा और पहले ही मैंने कहा था मेरा पल- पल आपके नाम। मेरा पल- पल देश के नाम और इसलिए मेरा संकल्प है 24/7…. 24/7 फॉर 2047… विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए 24/7 हर पल आपका।

मेरे साथ बोलिए, भारत माता की…… भारत माता की……… भारत माता की……

बहुत-बहुत धन्यवाद...

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!