On June 10, Odisha will witness swearing-in of its first BJP CM: PM Modi in Mayurbhanj, Odisha
The land of Mayurbhanj is known for women empowerment: PM Modi in Mayurbhanj, Odisha
You trusted BJD for 25 years, but it broke your trust at every step: PM Modi in Mayurbhanj, Odisha

 

जय जगन्नाथ! जय जगन्नाथ! आयो बाबा, बहया मिसी सानम को जोहार गे! भंज भूमि मयूरभंज आपण मानंकु मध्य रे उपस्थित होई मते अत्यंत खुशी लागुची। मां किचकेश्वरी को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम! मैं महाराजा श्रीराम चंद्र भंजदेव और पंडित रघुनाथ मुर्मू जी को भी आदगर पुवर्क नमन करता हूं।

भाइयों और बहनों,

आज ओडिशा में ( ये आपका प्यार अच्छे-अच्छे लोगों को ओडिशा के विषय में पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर रहा है। एक सज्जन जो शायद राम दरबार की तस्वीर ले करके आए हैं, कोई बहन ले कर आय़ी हैं, कौन हैं? हां वो बहन ले करके आयी है जरा ले लिजिए भाई, हमारे एसपीजी के लोग अगर पीछे आपने नाम पता लिखा होगा तो मैं आपको चिठ्ठी भेजूंगा। तो आप पूरा राम दरबार ले कर आए हैं। जय श्रीराम,जयश्रीराम। हां दे दिजिए भाई। बहुत बहुत धन्यवाद मुझे इतना उत्तम तोहफा देने के लिए। भारत माता की जय! भारत माता की जय!) आज चुनाव प्रचार का मेरा ये अंतिम दिन है। वैसे भी पूरे देश में कल शाम को पांच बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। अभी-अभी मैं बंगाल से आ रहा हूं। मैं देख रहा हूं, चाहे मैं झारखंड जाऊं, चाहे बंगाल जाऊं या चाहे ओडिशा आऊं। मैं कल से दो तीन स्थान पर जा कर आया हूं। औऱ ये अद्भुत उमंग उत्साह ये पक्का कर रहा है तीसरी बार मजबूत, मजबूत मोदी सरकार बनना तय है। ( वहां भी एक बेटी तस्वीर ले कर आय़ी है उसके साथ अन्याय मत करो भाई, वो तो मेरी मॉ का चित्र बनाकर लायी है। थैंक्यू बेटा।थैंक्यू। थैंक्स ए लॉट) साथियों, 5 दशक के बाद लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का देश ने निर्णय कर लिया है। जो विकास लोगों ने दशकों में नहीं देखा था, वो पिछले 10 साल में देखा है। 2014 में 11वें नंबर की इकॉनॉमी में थे, आज हम दुनिया की 5वीं बड़ी आर्थिक ताकत बन गए हैं। 2014 से पहले देश के गांवों में स्वच्छता का दायरा हमारे देश में 40 प्रतिशत ही था।आजादी के इतने सालों बाद, स्वच्छता जैसा काम 40 परसेंट था। आज हम 100 प्रतिशत के लक्ष्य पर पहुंच रहे हैं। पहले एलपीजी कनेक्शन सिर्फ आधे देशवासियों के घरों में था, सिर्फ 50-55 प्रतिशत घरों में था। आज करीब-करीब 100 परसेंट, शत प्रतिशत घरों में महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिल चुकी है। 2014 तक देश के 75 प्रतिशत से ज्यादा ग्रामीण परिवारों में नल से जल नहीं आता था। आज करीब 75 प्रतिशत घरों में नल से जल पहुंच रहा है। कभी मुफ्त अनाज और मुफ्त इलाज भी मिल सकता है, ये किसी ने सोचा नहीं था। मोदी ने आज 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज भी दिया है और आने वाले पांच साल यह मुफ्त अनाज मिलता रहेगा।

साथियों,

मैं ऐसी सैंकड़ों बातें बता सकता हूं। लेकिन ये सब तो ट्रेलर है, ट्रेलर है। ( उनको जरा पानी वानी दीजिए। पानी दीजिए, मेरी टीम के डॉक्टर हों तो जरा उनको मदद किजिए। पहले पानी दो उनको, और उनको वहां से बाहर ले जाने का प्रबंध करो भाई। खुले में लाओ जरा उनको। आऱाम से, हड़बड़ी मत करो। आऱाम से। थोड़ी जगह कर दो, उनको हवा मिले ऐसा कर दो। बेटा, तुम थक जाओगी, कब से हाथ हिला रही हो। बेटा मैं तेरे लिए मेहनत कर रहा हूं। जब तुम बड़ी हो जाओगी न तब विकसित भारत तुम्हारी ताकत होगा। मेरी टीम के डॉक्टर पहुंच गए हैं, उनको काम करने दीजिए जरा।बाकी लोग उनको परेशान मत कीजिए।) भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

साथियों,

आने वाले 5 साल भारत के विकास के लिए अभूतपूर्व उपलब्धियों के होंगे। आने वाले 5 साल में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनने जा रहा है। आने वाले 5 साल में अनेक क्षेत्रों में आत्मनिर्भर भारत बनते देखेंगे। आने वाले 5 साल में शानदार हाईवे-शानदार एक्सप्रेसवे और रेलवे का पूरी तरह से कायाकल्प होते देखेंगे। इसका सीधा लाभ ओडिशा जैसे देश के हमारे पूर्वी हिस्से को होगा।

भाइयों और बहनों,

मुझे खुशी है कि ओडिशा ने भी BJD के 25 साल के राज को फुल स्टॉप लगाना तय कर लिया है। मैं यहां आपका आशिर्वाज लेने आया हूं, साथ साथ मैं आपको निमंत्रण भी देने आया हूं। 10 जून को भाजपा का ओडिशा का मुख्यमंत्री शपथ लेने वाला है। आज पूरा ओडिशा कह रहा है, आज पूरा ओडिशा कह रहा है ओडिशा सर मुख्यमंत्री ओडिया हैबे! ओडिशा सर मुख्यमंत्री ओडिया है! ओडिशा सर मुख्यमंत्री ओडिया है! ओडिशा कह रहा है दुइ थर पदम…दुइ गुण विकास ! ओडिशा के कोने-कोने में एक ही बात सुनाई दे रही है- ओडिशा लोको चाहांती…मोदी गारंटी !

भाइयों और बहनों,

मयूरभंज की ये धरती नारी सशक्तिकरण की धरती है। अभी तक मयूरभंज का जय-जयकार इसलिए होता था क्योंकि यहां मां सुभद्रा के रथ को केवल महिलाएं खींचती हैं। लेकिन अब मयूरभंज की बेटी,140 करोड़ लोगों के हमारे देश भारत का नेतृत्व कर रही हैं। भारत का नेतृत्व कर रही है। हमारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी, देश की तीनों सेनाओं को कमांड करती हैं। और वो मयूरभंज की बेटी है। ये मयूरभंज के लिए, ओडिशा के लिए, पूरे देश की नारीशक्ति के लिए गौरव का विषय है।

भाइयों और बहनों,

भाजपा सरकार, आदिवासी गौरव, आदिवासी कल्याण इसके लिए समर्पित भाव से काम कर रही है। ये अटल जी की सरकार थी, जब अलग आदिवासी मंत्रालय बना था। भाजपा ने ही संथाली भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल किया था। भगवान बिरसा मुंडा के गांव जाने वाला अगर देश का कोई पहला प्रधानमंत्री भगवान बिरसा मुंडा के गांव गया था, औऱ उस मिट्टी को माथे पर लगाया था वो नरेन्द्र मोदी था। ये मोदी सरकार है, जिसने भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया। मोदी सरकार ने आदिवासी कल्याण का बजट 5 गुणा बढ़ा दिया। पहली बार उन जनजातियों की सुध ली, औऱ वो लेना वाला भी आपका सेवक मोदी ही है,जो सबसे पिछड़ी हुई हैं उनके लिए पहली बार, 24 हज़ार करोड़ रुपए की पीएम जनमन योजना बनाई है। इस योजना से ओडिशा में भी अति-पिछड़ी आदिवासी जातियों के लिए पक्के घर, स्कूल-अस्पताल, सड़कें ये सारे काम होंगे। बीते 10 सालों में आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य आवासीय विद्यालय का बड़ा नेटवर्क हमने बनाया है। मयूरभंज में भी अनेक एकलव्य आवासीय विद्यालय चल रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा भाजपा की सुभद्रा योजना की भी बहुत चर्चा है। इसके तहत बहनों को बड़ी मदद दी जाएगी। मोदी की एक और गारंटी है। ये गारंटी 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की है। इससे भी ओडिशा की लाखों बहनों को सीधा लाभ होने जा रहा है। भाजपा सरकार, आपका बिजली का बिल ज़ीरो, सुना न बिजली बिल जीरो, इतना ही नहीं मोदी सरकार आपका बिजली बिल जीरो तो करेगी ही करेगी लेकिन साथ में आप बिजली बेचकर कमाई करने और बिजली से कमाई के लिए भी काम कर रही है। औऱ योजना कैसी है। योजना का नाम है पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना। आपके छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए मोदी सरकार 75 हज़ार रुपए से ज्यादा आपको देने वाली है। उस 75 हजार से सोलर पैनल लगाएगें, बिजली पैदा होगी आपकी जरूरत की बिजली मुफ्त में मिलेगी औऱ ज्यादा बिजली सरकार खरीद करके सरकार आपको पैसे देगी। ( सज्जन आप कागज अपना नीचे रखिए) इससे आपको डबल फायदा होगा।

साथियों,

इस क्षेत्र में साल पत्ता, सबाईग्रास और केंदुपत्ता जैसी वन उपज के काम से काफी परिवार जुड़े हैं। ओडिशा भाजपा ने केंदुपत्ता की खरीद 2 रुपया प्रति कैरी करने और बोनस देने की गारंटी दी है। हमारी सरकार आएगी तो यहां धान किसानों को, ओडिशा में जब आप बीजेपी की सरकार बनाएगें, 10 जून को बीजेपी के मुख्यमंत्री शपथ लेंगे तो यहां धान किसानों को 3 हजार 100 रुपए प्रति क्विंटल MSP मिला करेगी। ये गांव गांव जा कर बताओगे? आप गांव गांव जा कर बताओगे? हर किसान को बताओगे? ये बहुत बड़ा निर्णय है, छोटा नही है। मोदी सरकार ने जो वनधन योजना चलाई है, यहां भाजपा सरकार बनते ही, उसको भी ठीक से लागू किया जाएगा।

भाइयों और बहनों,

BJD पर आपने 25 साल भरोसा किया, लेकिन BJD ने हर कदम पर आपके भरोसे को तोड़ा है। यही BJD सरकार आदिवासी बंधुओं की ज़मीन हड़पने के लिए ही कानून लेकर आई थी। भाजपा के दबाव में उसे वो कानून वापस लेना पड़ा। अब इस बार इन्हें मौका मिला, तो ये आदिवासियों की ज़मीन हड़पने का अवसर छोड़ेंगे नहीं। BJD ने आपकी खनिज संपदा को भी लूटा है। मोदी ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड बनाकर हज़ारों करोड़ रुपया ओडिशा को दिए। BJD ने इसमें भी घोटाला कर दिया। लोग कह रहे हैं कि ओडिशा का लुटा हुआ पैसा विदेशों तक जा रहा है। लूट का माल ये कहीं भी छिपा लें, मोदी पाई-पाई निकालेगा, ये मोदी की गारंटी है,जिसने जनता को लूटा है उसे लौटाना ही पड़ेगा। औऱ ये मोदी की गारंटी है। और लूटने वाले ज़िंदगी भर जेल की चक्की पिसेंगे, जेल की रोटी खा कर गुजारा करेंगे, जनता का द्रोह करने वालों के प्रति कोई सिमपैथी नहीं हो सकती है। जनता को लूटने वालो के प्रति कोई हमदर्दी नहीं हो सकती है। औऱ ये देश में बहुत जरूरी है।

भाइयों और बहनों,

BJD सरकार ने सबसे बड़ा धोखा तो महाप्रभु के श्री रत्न भंडार को लेकर किया है। आज ओडिशा ही नहीं, पूरा देश जानना चाहता है कि रत्न भंडार की चाबी गई कहां। जो जांच हुई थी, उसकी रिपोर्ट में किसका नाम है? मैं, मेरे ओडिशा वासियों को विश्वास दिलाता हूं, कि BJD सरकार जो छुपा रही है उसका खुलासा ओडिशा में भाजपा सरकार बनने के बाद हम करेंगे।

साथियों,

आज नवीन बाबू के सभी शुभचिंतक बहुत चिंता में हैं। वो ये देखकर बहुत परेशान कि पिछले एक साल में अचानक नवीन बाबू की तबीयत इतनी कैसे बिगड़ गई। बरसों से नवीन बाबू के करीबी रहे लोग अब जब मुझसे मिलते हैं तो जरूर नवीन बाबू की तबियत की चर्चा करते हैं। वो बताते हैं कि नवीन बाबू अब खुद से कुछ कर नहीं पा रहे हैं। अरसे तक नवीन बाबू के करीबी रहे लोगों का मानना है कि उनकी तबीयत बिगड़ने के पीछे कोई साजिश भी हो सकती है। सवाल ये कि नवीन बाबू की तबीयत खराब होने के पीछे क्या कोई षड़यंत्र है क्या? ये उड़ीसा के लोगों को जानने का अधिकार है। कहीं इसमें, उस लॉबी का हाथ तो नहीं है, जो नवीन बाबू के नाम पर पर्दे के पीछे ओडिशा में सत्ता भोग रहे हैं? इस रहस्य से पर्दा उठना जरूरी है, उठना चाहिए न? पर्दा उठना चाहिए न? इसका पर्दा उठना चाहिए, इसका जांच आवश्यक है। इसलिए दस जून के बाद, ओडिशा में भाजपा के विजय होने के बाद, हमारी सरकार, ओडिशा की भाजपा सरकार एक स्पेशल कमेटी का गठन करेगी। और ये जांच करेगी कि अचानक नवीन बाबू की तबियत क्यों गिरती जा रही है। उनकी तबियत के साथ ये क्या हो रहा है। सारे तथ्य खोजकर निकाले जाएंगे।

साथियों,

ओडिशा के पास पानी है, आदिवासी क्षेत्रों से होकर पानी बहता है। लेकिन आपको सिंचाई की सुविधा नहीं मिलती। BJD सरकार ने 25 सालों में सिंचाई के लिए यहां कोई बड़ा काम नहीं किया। केंद्र में भी ऐसी सरकारें रही हैं, जिन्होंने सिंचाई के प्रोजेक्ट लटकाए, अटकाए और भटकाए ही हैं। ये सुबर्णरेखा प्रोजेक्ट 1970 से लटका हुआ था। आपने मोदी को सेवा करने का मौका दिया तो कृषि सिंचाई योजना बनाई और ओडिशा के 8 बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम शुरु किया। इनमें से 5 पूरे भी हो चुके हैं। डबल इंजन सरकार यहां सिंचाई के कार्यों को भी तेजी से पूरा कराएगी।

साथियों,

ये मोदी सरकार ही है जिसने बादामपाहाड़ क्षेत्र में 100 साल बाद एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरु किया। लेकिन यहां BJD सरकार रेल प्रोजेक्ट्स को आगे नहीं बढ़ने दे रही है। भाजपा सरकार बनते ही, यहां रेल कनेक्टिविटी और सशक्त होगी।

भाइयों और बहनों,

आने वाला समय ओडिशा का समय है, आने वाला समय पूर्वी भारत का समय है। आपको भाजपा के सभी साथियों को, हमारे जितने भी MLA के उम्मीदवार हैं उन सब को जीताकर, सारे कमल आपको भुवनेश्वर भेजना, इसलिए आशिर्वाद मांगने आया हूं। (मैं अपने सभी MLA साथियों को कहूंगा कि वो आगे आ जाऐं, MLA के जो उम्मीदवार हैं वो एकदम आगे आ जाऐं, MLA के उम्मीदवार आगे आ जाऐं।) मयूरभंज से हमारे साथी नब चरण माझी जी को भी रिकॉर्ड वोटों से जिताकर दिल्ली भेजना है। ( मैं एक मिनट इन सबके बीच फोटो निकाल करके फिर अपना भाषण करता हूं) इनको मिला हर वोट सीधा मोदी को मजबूत करेगा। एमएलए को मिला वोट, ओडिशा के भाग्य को बदलेगा। तो आप ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएगें? जरा दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बताइए, ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएगें? सभी पोलिंग बूथों में बीजेपी को जिताएगें? भाजपा की सरकार ओडिशा में बनाएगें? मोदी को तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनाएगें? अच्छा मेरा एक काम औऱ करेंगे? अरे ठंडे हो गए आपलोग,,जरा हाथथ ऊफर करके बताइए न मेरा एक काम करेंगे? ये चुनाव वाला काम नहीं है करेंगे? ये बीजेपी बीजेडी कुछ नही है,ये मेरा अपना काम है, करेंगे? जरा हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे? देखिए यहां से जाने केबाद, गांव गांव में जो देवस्थान होते हैं, जो पूजा घर होते हैं, जो तीर्थस्थान होते हैं वहां जरूर जाना और मोदी की तरफ से परमात्मा के सामने माथा टेकना, ये काम करेंगे? करेंगे? लेकिन मोदी के लिए कुछ भ नहीं मांगना है, मोदी के परिवार के लिए भी कुछ नहीं मांगना है। वहां जाकर परमात्मा से विकसित भारत के लिए आशिर्वाद मांगिए, करेंगे? हमारे भारत के लिए आशिर्वाद मांगेगे? हर तीर्थस्थान में जाएगें? बोलिए, भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

बहुत बहुत धन्यवाद

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!