Today, the youth of my village are social media heroes: PM Modi in Lohardaga
Congress’ policy gave rise to Naxalism's bloody violence in the country: PM Modi in Lohardaga

सब आयो बाबा, भाई-बहिन, दीदी, बुचु आउर बॉक्साइट नगरी लोहरदगा कर परिवारजन के मोर झारखंडी जोहार! भाई मैं यह तय नहीं कर पा रहा हूँ, कि यह चुनाव सभा है या विजय सभा है। सबसे पहले जितने लोग पंडाल में है, उससे ज्यादा लोग वहां धूप में खड़े हैं, और उससे भी ज्यादा वहां आ रहे हैं। मैंने हेलिकॉप्टर में से देखा, शायद मेरी सभा पूरी होने के बाद भी, लोग आते होंगे।

भाइयों, बहनों,

यह दृश्य, यह जागरूकता, यह अदभूत है। लेकिन जो इतनी बड़ा तादात में पीछे धूप में तप रहे हैं, शायद वो मुझे देख नहीं पाते होंगे, शायद मेरी आवाज भी पहुंचती होगी की नहीं पहुंचती होगी लेकिन वो तपस्या कर रहे हैं। मैं सबसे पहले, उनको जो ये असुविधा हो रही है, इसके लिए क्षमा मांगता हूँ। औऱ दूसरा मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ, कि आप जो ताप में तप रहे हैं, मोदी आपकी इस तपस्या को बेकार नहीं जाने देगा। मैं विकास करके, ये प्यार को सवाया करके लौटाऊंगा। मैं भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। पिछले वर्ष उनके जन्म दिवस पर ही, मुझे उनके गांव जाने का सौभाग्य मिला था। और मुझे वहां की मिट्टी, माथे पर चढ़ाने का गौरव प्राप्त हुआ था। मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसे उनके गांव जाकर, उस मिट्टी को श्रद्धा पूर्वक नमन किया औऱ मुझे वो सौभाग्य मिला। भाइयों और बहनों, भगवान बिरसा मुंडा मेरे लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं। वे मेरे लिए प्रेरणा हैं। भगवान बिरसा मुंडा के जीवन ने, उनके जीवन को जब याद करते हैं, तब मुझे हर चुनौती से जीतना सिखाया है। चुनौती से जीतने की प्ररेणा दी है। आप देखते हैं, मैं गरीबों के लिए, आदिवासियों के लिए काम करता हूं तो मुझे कितनी ही गालियां पड़ती हैं, लेकिन मैं सिर्फ आपकी सेवा में जुटा रहता हूं। आपको याद होगा, मैंने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया, तो कांग्रेस और इंडी गठबंधन वाले कहने लगे, झाड़ू लगाने से क्या होगा? शौचालय बनाने से क्या होगा? आज गांव-गांव में देखिए, हालात बदले हैं। मैंने जब मोबाइल का डेटा सस्ता किया। गांव-गांव में कॉमन सर्विस सेंटर खोले। जब हर गांव तक इंटरनेट पहुंचाने की ठानी, तो झामुमो वाले और कांग्रेस वाले कहते थे गांव वालों को क्या इसका फायदा? गांव वाला तो अनपढ़ है! आज मेरे गांव का युवा सोशल मीडिया का हीरो है। कांग्रेस वालों ने इंटरनेट को अमीरों की चीज बना दिया था। मैंने इंटरनेट को गरीबों के घर पहुंचा दिया है। गरीबों की ऊंगलियों पर नाच रहा है इंटरनेट।

साथियों,

आज देश में गरीब की चिंता, आपका ये गरीब का बेटा मोदी वही कर रहा है। कांग्रेस के राज में राशन सड़ता रहता था। आदिवासी क्षेत्रों में बच्चे भूख से मरते थे। और कांग्रेस अनाज गोदामों पर ताला लगाकर बैठ गई थी। और उस समय सोनिया जी के सरकार के डॉ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से प्रेस वालों ने पूछा कि अनाज भींग रहा है, सड़ रहा है। गरीबों को बांट दीजिए न, उन्होंने कहा इतने बड़े देश में ऐसा संभव नही है, नहीं दे सकते हैं। ये मोदी का कमाल देखिए, आपने मोदी को वोट दिया, मोदी को बिठाया, अनाज के सारे गोदाम खोल दिए, औऱ आज देश में मुफ्त राशन की योजना चल रही है। और मैंने गारंटी दी है आने वाले पांच साल औऱ बढाऊंगा, औऱ हैरानी देखिए ये कांग्रेस के शाही परिवार को, जो ये गरीब का चूल्हा जलता रहे, गरीब का बच्चा भूखा न रहे, इसलिए मुफ्त में आनाज दे रहा हूँ, तो उनको तकलीफ हो रही है। चिल्ला रहे हैं औऱ पूछ रहे हैं कि मोदी अपने आपको समझता क्या है? ये आदिवासियों को, गरीबों को मुफ्त में आनाज देता क्यों है? अरे! तुम कौन होते हो भाई? इस देश के मालिक यही हैं, इस देश का खजाना इन्हीं लोगों के लिए है। ये नहीं खाएगें तो कौन खाएगा? शाही परिवार कुछ भी कहे, लेकिन मोदी ने आपको मुफ्त राशन देने की गारंटी दे कर रखी है। धरती इधर की उधर हो जाए, आपको मुफ्त राशन मिलने से कोई रोक नहीं सकता। क्योंकि ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

कांग्रेस के पाप की लिस्ट बनाएं, तो कई दिन निकल जाएंगे। ये कांग्रेस ही है जिसने लोहरदग्गा, खूंटी, गुमला जैसे जिलों को पिछड़ा कहकर बदहाल छोड़ दिया था। ये ज्यादातर मेरे आदिवासी जिले हैं। यहां बिजली, पानी, सड़क, स्कूल, अस्पताल, ऐसा कोई भी काम ठीक से नहीं हुआ था। आपने मोदी को वोट दिया। मोदी ने इन जिलों को विकास को अपना मिशन बनाया। मैंने इनको पिछड़े नहीं, बैकवर्ड नहीं, मैंने इनको आकांक्षी जिले घोषित किया। यहां क्या-क्या काम चल रहा है, कौन सी सुविधा पहुंची? कौन सी सुविधा अभी नहीं मिली है? अफसर काम करते हैं कि नहीं करते हैं? मैं मेरे दिल्ली के कमरे में, स्क्रिन पर लगातार उसे देखता रहता हूँ, क्या चलता है। मॉनिटर करता हूं। आज ये आकंक्षी जिले, देश के बाकी जिलों से भी कहीं तेज़ी से विकास करने की राह पर आ गए हैं।

साथियों,

आदिवासियों में भी जो अतिपिछड़े हैं, उनको कोई पूछता ही नहीं था। मोदी उनके लिए पीएम जनमन योजना ले कर आया, इस योजना पर 24 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जा रहे हैं। इससे आदिवासियों में भी अति पिछड़े साथियों के लिए भी, विशेषतौर पर घर, बिजली पानी जैसे काम किए जा रहे हैं। औऱ जानते हैं, इन योजना के लिए, मुझे सबसे ज्यादा सुझाव किसने दिया, इस पूरे विषय को विस्तार से मेरे सामने किसने रखा? हमारी आदरणीय राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू जी ने, ये योजना शुरू होने के पीछे राष्ट्रपति जी ने जो उड़ीसा में झारखंड में जो समय बिताया, उसकी बड़ी भूमिका रही है। लेकिन झारखंड के मेरे भाई औऱ बहनों, आपको याद रखना है, कि द्रौपदी मूर्मू जी को, एक आदिवासी बेटी को, राष्ट्रपति बनाने का सबसे ज्यादा विरोध इंडी गठबंधन ने किया था।

भाइयों और बहनों,

मोदी को आपकी भावनाओं की कद्र है, आपकी जरूरतों की चिंता है, इसका एक उदाहरण डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड भी है। ये क्षेत्र तो बॉक्साइट का बहुत बड़ा उत्पादक है। पहले खनिज निकलता था और जहां से निकला उस क्षेत्र को कोई नहीं पूछता था। मोदी ने कांग्रेस के जमाने की ये नीति भी बदल डाली। मोदी ने तय किया कि इस संपदा का एक हिस्सा स्थानीय विकास के लिए लगना चाहिए। इसके लिए हमने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड बनाया। इससे झारखंड को भी 12 हजार करोड़ रुपए मिले हैं, जो पहले एक पाई नहीं मिलती थी। भाइयों और बहनों, जहां सरकारें भ्रष्ट हो, वहां बजट कितना भी हो, विकास संभव ही नहीं है। जिस बाल्टी में छेद किया हो, उसमें कितना ही पानी भरो, बाल्टी भरेगी क्या? बाल्टी भरेगी क्या? यहां भ्रष्टाचार का छेद ऐसा लगा हुआ है कि सीधा पाइप उनके घर में जाता है। ऊपर से रूपया डालो, नीचे से पाइप से उनके घर में पहुंच जाता है। झारखंड इन्हीं मुसीबतों से गुजरा है। आप देखिए, पेपर लीक का मामला। इस राज्य में कोई ऐसा एक्जाम नहीं है, कोई ऐसा पेपर नहीं है,जो लीक नहीं होता हो। मेरे नौजवानों का क्या होगा भाई, और मैंने देखा कि झारखंड सरकार में बैठे लोग सुधरने वाले नहीं है, तो मुझे दिल्ली से ही डंडा चलाना पड़ेगा। और इसलिए मोदी ने, ये जो पेपर लीक वाले माफिया हैं न, उनके विरुद्ध में एक बहुत कड़ा कानून बना दिया है। ये बच्चों के, नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को अब जिंदगी जेल में गुजारनी पड़ेगी।

भाइयों-बहनों,

अगर हमारे पास, सौ रूपया, दो सौ रूपया, हजार रूपया हो, तो हम ऐसे बाँध करके रखते हैं, इतना संभाल करके रखते हैं, कि जरूरत पड़ेगी तो काम आएगा। हमारी माताएं, बहनें घर के अनाज के अंदर कपड़े में पैसे सोना, चांदी बांध करके रख देती हैं, ताकि जरूरत पड़े तो काम आ जाए। एक-एक रूपए की कीमत होती है लेकिन झारखंड में देखिए, कांग्रेस के सांसद के घर से नोटों के ढेर निकले, नोटों के ढेर। और नोटों के ढेर इतने बड़े थे कि बैंकों से मशीन लाए गिनने के लिए, तो ये मशीन भी हांफने लगे। मुझे बताइए, भाई बहन ये पैसा किसका है, ये आपका है कि नहीं है? ये पैसा आपका है कि नहीं है? ये पैसा आपके पसीने का है कि नहीं है? ये पैसा आपके हक का है कि नहीं है? किसने उनको चोरी करने का अधिकार दिया भाई। एक मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में जेल में बंद है। अब आप मुझे बताइए, कोई आपके घर में चोरी कर जाए, तो आप उसको सजा चाहेंगे की नहीं चाहेंगे? अगर आपके घर में कोई चोर घुस जाए, और आपका कुछ ले करके चला जाए तो आप उसको पकड़ना चाहते हैं कि नहीं चाहते हैं? आप चाहते हैं कि नहीं चाहते हैं कि उसे सजा मिले? चाहते हैं कि नहीं चाहते हैं? अगर आपके घर में कोई चोरी कर जाए, उसको जेल भेजना चाहते हैं तो ये झारखंड भी तो आपका घर ही है न, ये झारखंड आप ही का है न, उसमें कोई चोरी कर जाए, तो वो जेल जाना चाहिए की नहीं चाहिए? सजा होनी चाहिए की नहीं होनी चाहिए?

साथियों,

जिसने झारखंड को लूटा, उस पर कानून के तहत कार्रवाई हो रही है। और अदालत इस काम पर ठप्पे पर ठप्पा मार करके, अदालत डंके की चोट पर कह रहा है, हां चोरी की है। भाइयों-बहनों, मोदी का एक ही संकल्प है, भ्रष्टाचार हटाओ और ये इंडी अलायंस वाले कहते हैं भ्रष्टाचारी बचाओ। वे रैलियां करते हैं, वे किस के लिए करते हैं, नौ जवानों को रोजगार मिलेगा, इसके लिए रैली नहीं। कारखाना खुलेगा, इसके लिए रैली नहीं।किसानों का भला होगा उसके लिए रैली नहीं। महिलाओं का भला होगा, इसके लिए रैली नहीं। रैली करते हैं, कभी दिल्ली में करते हैं, कभी रांची में करते हैं, सारे इक्ट्ठे होते हैं हाथ ऊंचा करते हैं, क्यों भ्रष्टाचारी बचाओ, भ्रष्टाचारी बचाओ। अरे चुनाव के समय भी भ्रष्टाचारी बचाओं की रैलियां कर रहे हो, मतलब तुम्हें इस देश में कुछ लेना देना नहीं है। भाईयों-बहनों, मैं आपको गारंटी देता हूं-आने वाले 5 साल में ऐसे सभी भ्रष्टाचारियों पर कानून का डंडा चलेगा, चलेगा, चलेगा।

साथियों,

आपको भी पता है कि जब गरीब आगे बढ़ता है, तो उसके लाख दुश्मन हो जाते हैं। कांग्रेस-झामुमो और इंडी गठबंधन वालों को आज भी ये बर्दाश्त नहीं हो रहा है कि एक गरीब मां का बेटा कैसे पीएम बन गया? और इसलिए ये लोग मोदी के खिलाफ नए-नए झूठ फैलाते रहते हैं। आजकल इनका नया झूठ है, मोदी आएगा तो आरक्षण खत्म कर देगा, दी आएगा संविधान बदल देगा। अरे!मुर्खों के सरदार, ये मोदी तो दस साल से आय़ा हुआ है भाई, ये दस साल से प्रधानमंत्री है। और शान से सरकार चला रहा है। औऱ दस साल में मैंने ये पाप नहीं किया है। क्योंकि मैं भारत के संविधान की भक्ति करता हूँ, मैं बाबा साहेब अंबेडकरकी पूजा करने वाले लोगों में से हूँ। सच्चाई ये है कि खुद इनके चेहरे से मोदी ने नकाब उतार दिया है। साथियों,अपने 60 साल के शासन में कांग्रेस ने देश को परिवारवाद दिया, भ्रष्टाचार दिया। इसके अलावा एक और रास्ते पर कांग्रेस चली, और रास्ता है तुष्टिकरण, appeasement, वोट बैंक पोलिटिक्स। कांग्रेस जो चश्मा पहनती है, उसमें एक ही वोटबैंक दिखता है, औऱ वो है मुस्लिम वोटबैंक। कांग्रेस की इस नीति का बहुत बड़ा नुकसान हर किसी ने उठाया है। जबकि भाजपा, सबका साथ-सबका विकास की बात करती है। भाजपा सरकार की नीतियों में किसी के साथ भेदभाव नहीं होता। लेकिन कांग्रेस को ये करना ही नहीं है, समझने का तो सवाल ही नहीं उठता। आप देखिए,कैसे-कैसे खेल खेल रही है कांग्रेस। इंडी गठबंधन वाले खुद SC/ST/OBC को आरक्षण का जो हक मिला है न, उसमें डाका डालने का प्लान कर रहे हैं। उसमें से चोरी करने का खेल चल रहा है। जब संविधान बना था, 75 साल पहले तब सबने मिलकर यह तय किया, तब तो हमारे में से बहुत लोग हैं जो पैदा भी नहीं हुए थे, उस समय तय हुआ था, बाबा साहेब अंबेडकर ने तय किया था कि हमारे देश में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा। दलितों को, आदिवासियों को, पिछड़ों को संविधान के तहत आरक्षण मिलेगा। लेकिन कांग्रेस आपका हक छीनकर, संविधान को तोड़ मरोड़ कर, मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती है। आपका हक लूटना चाहती है, इसलिए आपको बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। साथियों, मैं आपके बीच आया हूँ तो एक गारंटी दे रहा हूँ। ये मोदी की गारंटी है। जब तक मोदी जिंदा है, जब तक मोदी जिंदा है, मैं दलित आदिवासी ओबीसी इस आरक्षण में से रत्ती भर भी उनको चोरी नहीं करने दूंगा, ये मेरी आपको गारंटी है।

साथियों,

कांग्रेस की कुनीतियों ने ही देश को नक्सलवाद की खूनी हिंसा दी। माओवाद ने हमारी कितनी ही माताओं के लाड़लों का जीवन बरबाद कर दिया, 10 सालों में मोदी ने माओवादी हिंसा के देश के एक बड़े हिस्से को मुक्त कराया है। लेकिन कांग्रेस आज भी माओवादी, नक्सलियों का समर्थन कर रही है। अपना वोटबैंक बचाने के लिए कांग्रेस आतंकवादियों पर भी कार्रवाई नहीं करती। बहुत मेहनत के बाद आतंकवादियों के स्लीपर सेल को हम तोड़े पाए हैं। लेकिन झारखंड में जो किया जा रहा है, वो खतरनाक है। यहां घुसपैठियों को बढ़ावा देने का और आदिवासी परिवारों की ज़मीन हड़पने का खेल हो रहा है। संथाल में PFI जैसे प्रतिबंधित संगठन कैसे अपना रैकेट चला रहे हैं? कैसे आदिवासियों के साथ ठगी कर रहे हैं? कैसे आदिवासी बेटियों के साथ अत्याचार कर रहे हैं। जमीन के लिए आदिवासी बेटियों के साथ क्या क्या नहीं किया जा रहा है। आदिवासी बेटियों को विशेष तौर पर टारगेट किया जा रहा है। जब लोग इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो इंडी-गठबंधन वाले कहते हैं- मोदी के खिलाफ वोट जिहाद करो, वोट जिहाद। पहले हमने लव जिहाद सुना था, फिर हमने लैंड जिहाद सुना था, अब वोट जिहाद,ये अब कुछ भी कर लें, कितनी जिहाद कर लें, अब ये देश पीछे हटने वाला नही है। और मोदी डरने वाला नहीं है। मोदी के रहते कोई मेरे आदिवासी भाई-बहनों के जीवन से खिलवाड़ नहीं कर पाएगा। और ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

ये चुनाव एक मज़बूत देश के लिए मजबूत सरकार बनाने के लिए है। इसलिए, लोहरदगा से हमारे समीर ओरान जी और खूंटी के कुछ लोग भी यहां आए हैं, वहां हमारे अर्जुन मुंडा जी चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी औऱ एनडीए, हमारे महतो जी हम साथ मिल करके झारखंड का भविष्य बना रहे हैं। साथियों, 13 मई को इनको मिला, एक-एक वोट सीधा मोदी के खाते में जाएगा। आपका वोट जैसा ही कमल दबाया, तो समझ लिजिए मोदी को मिल गया। अच्छा मेरा एक काम करेंगे? मेरा एक काम करेंगे? जरा हाथ ऊपर कर के बताइए, मेरा काम करेंगे? देखिए, घर-घर जाइएगा और हर घर में जा कर कहना कि मोदी जी आए थे, मोदी जी ने जोहार कहा है, जय श्री राम कहा है। बोलिए! भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय,
बहुत बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।