QuoteThere's no semblance of good governance under TMC's rule in Bengal: PM Modi
QuoteIt's time to shift away from divisive tactics and embrace a politics centred on accountability: PM Modi in Jadavpur rally

भारत माता की… भारत माता की… भारत माता की…

केमे आछेन जादवपुरवासी, केमे आछेन कोलकाता दक्षिणवासी, आप सब इतनी बड़ी संख्या में आए हैं और कल साइक्लोन बारिश का प्रभाव यानि इतना बड़ा कार्यक्रम ऑर्गेनाइज करना ये छोटी बात नहीं है और इसलिए मैं आपको भी बधाई देता हूं, आपको भी बधाई देता हूं और मैं आज बंगाल में जहां-जहां जा रहा हूं ऐसा लग रहा है कि निरंतर आपका आशीर्वाद बढ़ता ही जा रहा है, बढ़ता ही जा रहा है। बंगाल के प्रबुद्ध लोग जानते हैं, देश में दमदार सरकार होनी कितनी जरूरी है और इसलिए इस बार 4 जून को नया इतिहास रचा जाएगा और वो इतिहास क्या होगा? फिर एक बार… फिर एक बार… फिर एक बार… आबार एक बार… आबार एक बार… आबार एक बार… यहां कुछ लोग बहुत प्यार से कुछ मेरे लिए पेंटिंग बना कर के ले आए हैं। कुछ चित्र बना के लाए हैं, मेरे लिए प्रसाद है। मैं हमारे साथियों को कहूंगा वो आपसे कलेक्ट कर लें लेकिन मैं आपका बहुत आभारी हूं अगर आप पीछे अपना नाम-पता लिख देंगे तो मेरी चिट्ठी जरूर आएगी। लेकिन मैं आपके इस प्यार के लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। इस तरफ भी लोग हैं वहां से भी कोई कलेक्ट कर लें। एक बहुत पीछे कोई हमारा नौजवान है उनका भी जरा, उनकी भावना का भी आदर किया जाए। ऐसा सौभाग्य बहुत कम मिलता है जी और इसलिए मैं आपके इस प्यार को बहुत ही मूल्यवान मानता हूं।

बोलिए भारत माता की... जय भारत माता की... जय श्री राम... जय श्री राम...

मैं बीते दो महीनों के दौरान पश्चिम बंगाल के अनेक शहरों में गया हूं। मैं लगातार देख रहा हूं इस बार टीएमसी और इंडी वालों के बड़े-बड़े किले ध्वस्त होने वाले हैं। चार जून को जादवपुर और कोलकाता पूरा बंगाल बड़ी संख्या में कमल खिलाने जा रहा है। लोग जानते हैं कि सीपीएम को दिया हर वोट, वो टीएमसी को ही जाएगा। सीपीएम यहां चुनाव लड़ रही है, टीएमसी को मदद करने के लिए और पर्दे के पीछे इनका जो खेल चल रहा है ये एक ही सिक्के की दो बाजू है। और अभी यहां की मुख्यमंत्री मैडम ने घोषणा कर दी है वो दिल्ली में इनका समर्थन करेगी। अब मुझे बताइए लेफ्ट वालों का वोट देकर के आप टीएमसी को मजबूत करेंगे क्या? करेंगे क्या? आप बहुत समझदार मतदाता है, जागरूक मतदाता है और टीएमसी को जो वोट मिलेगा आप यहां जादवपुर में जाकर के 100 लोगों को पूछिए कि भाई किसकी सरकार बनेगी? 100 में से 90 लोग कहेंगे मोदी की सरकार बनेगी। अगर जब पक्का ही है कि मोदी की सरकार बनेगी, तो वोट बर्बाद करना चाहिए क्या? वोट फालतू में जाने देना चाहिए क्या? और इसलिए हमारा वोट मोदी सरकार को मजबूत बनाने के लिए केंद्र में सरकार बनाने के लिए जाना चाहिए। जो विकसित बंगाल, विकसित भारत के संकल्प को लेकर के आगे बढ़ रहे हैं।

भाइयो और बहनों,

जादवपुर हो, कोलकाता हो, ये मनन चिंतन करने वालों का क्षेत्र है। मैं आपसे जरूर जानना चाहूंगा ये टीएमसी वाले सुबह शाम वोट बैंक करते हैं, सुबह शाम गाली-गलोज करते हैं, सुबह शाम कानून के खिलाफ काम करते हैं, इनके पास देश के लिए कोई विजन है क्या? टीएमसी वालों के पास देश के लिए कोई विजन है क्या? बंगाल के लिए कोई विजन है क्या? जो टीएमसी सिर्फ अपने वोट बैंक के लिए काम करती हो वो यहां के युवाओं के लिए कुछ नहीं कर सकती। टीएमसी आपको गरीब और पिछड़ा बनाए रखना चाहती है ताकि उसकी दुकान चलती रहे। वहीं मोदी विकसित भारत के लिए काम कर रहा है। आपने 10 साल का मोदी का सेवा काल देखा है। देश के नौजवानों के लिए अवसर हो, गरीब और मिडल क्लास की सुविधा हो, इसके लिए 10 साल में अभूतपूर्व काम हुआ है। बीते 10 साल में हर दिन भारत में ये आंकड़ा जरा ये ऐसी Constituency है जहां ये आंकड़ा लोगों की आंखों को खोलने वाला है। मैं आंकड़ा बोलता हूं जरा सुनिए, आज 10 साल में क्या हुआ? मोदी को सेवा करने का मौका दिया तो क्या हुआ? भारत में डेली, हर दिन दो नए कॉलेज खुले हैं। ये छोटा काम नहीं है। भारत में हर हफ्ते एक नई यूनिवर्सिटी बनी है। हर साल 30 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज बने हैं। 10 साल पहले ग्लोबल रैंकिंग में हमारे चार-पांच इंस्टिट्यूट आते थे, आज दर्जनों इंस्टिट्यूट ग्लोबल रैंकिंग में भारत के नाम है। आज भारत दुनिया का तीसरा बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। आने वाले पांच साल में हम भारत को ग्लोबल एजुकेशन रिसर्च और स्किल डेवलपमेंट का हब बनता देखेंगे। अब हम भारत को स्पेस में, डिफेंस में, सेमीकंडक्टर में, ड्रोन और मैपिंग जैसे अनेक सेक्टर में आगे बढ़ा रहे हैं। इसका सीधा लाभ हमारे नौजवान बेटे-बेटियों को होगा।

साथियों,

बीजेपी आपकी एस्पिरेशनस को समझती है, आपकी आकांक्षाओं को समझती है। यहां हेरिटेज भी है, लंबी कोस्टल लाइन भी है, पहाड़ भी है, कॉटन की खेती भी होती है, मोदी सरकार भारत को टूरिजम और टेक्सटाइल का ग्लोबल हब बनाने में जुटी है इसलिए आधुनिक कनेक्टिविटी पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर अभूतपूर्व खर्च किया जा रहा है। 10 साल के पहले देश के चार-पांच शहरों में ही मेट्रो की सुविधा थी। आज देश के 20 से ज्यादा शहरों में मेट्रो पहुंच चुकी है। कोलकाता मेट्रो का हम तेजी से विस्तार कर रहे हैं, कोलकाता मेट्रो के पास आप पहली अंडर वाटर मेट्रो होने का भी गौरव है। अभी हमने वंदे भारत ट्रेने देखी आने वाले पांच सालों में देश के ज्यादातर शहर वंदे भारत से जुड़े हुए होंगे। आने वाले पांच साल में हम इलेक्ट्रिक बसों का, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का विस्तार होता देखेंगे। ये नए भारत का नया ट्रांसपोर्ट तो होगा ही, ये नौकरियों का भी नया दौर लेकर आएगा।

|

भाइयो और बहनों,

मोदी जब विकसित भारत बनाने में जुटा है तो वो विकसित बंगाल के बिना संभव नहीं है। बंगाल को फिर वो पुराना गौरव दिलाना जरूरी है। जब देश का कल्चर और इकोनॉमिक सेंटर था, बंगाल के बारे में जब भी मैं गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर की पंक्तियां सुनता हूं गर्व से भर उठता हूं। गुरुदेव ने कहा था बांगला माटी, बांगला जल, बांगला वायु, बांगला फल, पुण्य हो, पुण्य हो, पुण्य हो के, पुण्य होग है भगवान।

मैं अपने उच्चारण दोष के लिए आपसे क्षमाप्रार्थी रहूंगा लेकिन आप भी मानेंगे इन पंक्तियों में बंगाल की महानता के दर्शन होते हैं। दुर्भाग्य ये कि सीपीएम और टीएमसी की पॉलिटिक्स ने बंगाल को बर्बाद कर दिया है। ये सिर्फ पार्टियां दो है, इनकी दुकान एक ही है और दुकान में सामान भी एक ही है। टीएमसी और लेफ्ट इंडी एलायंस में है। टीएमसी और लेफ्ट दोनों वोट बैंक अपिजमेंट की पॉलिटिक्स करते हैं। इन दोनों पार्टियों ने पश्चिम बंगाल को करप्ट सिस्टम दिया। तोलाबाजों का सिस्टम दिया और सबसे बड़ी बात, ये दोनों पार्टियां एंटी डेमोक्रेसी है। पंचायत हो, विधानसभा हो, लोकसभा हो, कोई भी इलेक्शन बंगाल में बिना खून खराबे के पूरा नहीं होता। यहां गणतंत्र बचाने के लिए पहरा देना पड़ता है। यहां मानवता की सेवा करने वाले संतों ने अपनी आवाज उठाई तो उनका जीना मुश्किल कर दिया। उनको गालियां देने आने लगी, उन पर हमले होने लगे, ये टीएमसी का टेरर मॉडल है और अब ये देश के सामने एक्सपोज हो रहा है।

साथियों,

यहां संदेशखाली जैसी शर्मनाक वारदातें आम है। जहां पहले बहनों बेटियों के साथ अत्याचार किया जाता है और फिर शाहजहां शेख जैसे पापियों को बचाने के लिए गंदे खेल-खेले जाते हैं। जो टीएमसी सरकार लॉ एंड ऑर्डर जैसा बेसिक काम नहीं कर सकती, उसे सजा देना जरूरी है। टीएमसी की पॉलिटिक्स रखता कटऑफ पॉलिटिक्स है। टीएमसी करप्ट इकोसिस्टम को आगे बढ़ाती है। टीएमसी की सारी की सारी पॉलिटिक्स वोट बैंक के लिए है। इसका ताजा उदाहरण हमने कुछ दिन पहले ही देखा है।

साथियों,

टीएमसी ने पहले असंवैधानिक तरीके से 77, 77 मुस्लिम जातियों को ओबीसी घोषित कर दिया था लेकिन अब जब हाई कोर्ट का फैसला आ गया तो इनके लिए कराए पर पानी फिर गया। अब हाई कोर्ट का फैसला तो इन्ह मानना ही पड़ेगा। इनकी साजिश पर ब्रेक लग गया है लेकिन फिर भी मुसलमानों को खुश करने के लिए, टीएमसी सरकार ये कह रही है कि वो हाई कोर्ट का फैसला नहीं मानेगी।

साथियों,

सीएए को लेकर टीएमसी जिस तरह सफेद झूठ बोल रही है ये पूरा देश देख रहा है बंटवारे से पीड़ित हमारे जो साथी दूसरे देशों में रह गए थे, जिन्हें भारत ने भरोसा दिया था कि उन्हें भारत की नागरिकता देंगे। क्या उन्हें हम अत्याचार सहने के लिए ऐसे ही छोड़ दे क्या? मोदी ये नहीं होने दे सकता इसलिए पूरे दायित्व भाव के साथ सीएए लाया है। ये नागरिकता देने का कानून है। ये नागरिकता छीनने का कानून नहीं है लेकिन टीएमसी इसे लेकर भी भ्रम फैलाती रहती है। किस लिए सिर्फ और सिर्फ अपने वोट बैंक को डराने के लिए ताकि वो टीएमसी का खेमा ना छोड़े।

|

साथियों,

टीएमसी और सुशासन का दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। बंगाल में सुशासन दूरबीन से खोजने पर भी नहीं मिलता। बंगाल में सुशासन माइक्रोस्कोप से तलाशने पर भी नहीं मिलता। मोदी ने पूरे देश में 12 करोड़ परिवारों तक नल से साफ पानी पहुंचाया है लेकिन बंगाल में लोग आज भी आर्सेनिक वाला पानी पीने के लिए मजबूर है। मोदी शहरों में गरीबों और मिडल क्लास को पक्के घर दे रहा है। मोदी रेहरा कानून लेकर आया ताकि बिल्डरों की मनमानी ना चले। लेकिन बंगाल में सरेआम माफिया को जमीने दी जा रही है। नियमों के विरुद्ध कंस्ट्रक्शन हो रहा है। मोदी गरीबों के लिए सस्ते सिलेंडर की योजना चला रहा है, इससे यहां के लाखों बहनों को लाभ हो रहा है लेकिन टीएमसी सरकार इसमें भी रोड़े अटका रही है।

साथियों,

देश में करीब 6 करोड़ बुजुर्ग है जिनकी आयु 70 वर्ष से ऊपर है। आने वाले समय में ये संख्या और बढ़ने वाली है। ये परिवार के वो सदस्य हैं जिनकी हेल्थ का खर्च हर परिवार को उठाना पड़ता है। अब मोदी की गारंटी है कि ऐसे हर बुजुर्ग को पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज मिलेगा।

|

भाइयो और बहनों,

अब रखता कटो पॉलिटिक्स, करप्शन और appeasement पॉलिटिक्स की जगह पॉलिटिक्स आफ परफॉर्मेंस को चुनना है। जादवपुर से हमारे उम्मीदवार, मेरे बहुत पुराने साथी अनिर्बान गांगुली जी को मिला हर वोट मोदी के खाते में जाएगा। आपको कोलकाता दक्षिण से बहन देवाश्री चौधरी जी को भी विजय बनाना है। देवाश्री जी के साथ मुझे काम करने का सौभाग्य मिला है, मैं इनका समर्पण जानता हूं। मैं इनका सेवा भाव जानता हूं। ऐसे दो उत्तम उम्मीदवार जो आपकी सेवा के लिए समर्पित, जो देश के उज्जवल भविष्य के लिए समर्पित, ऐसे हमारे उम्मीदवार उनको दिया हुआ आपका वोट सीधा- सीधा मोदी को मजबूत करने वाला है। तो आप ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे? गांव- गांव जाएंगे? हर पोलिंग बूथ को जीतेंगे? मेरा एक काम और भी करना है, आप जाएंगे तो आपके मोहल्ले में, आपके इलाके में, छोटे मोटे देवस्थान होंगे परमात्मा की कृपा बनी रहती है। जरा मेरी तरफ से वहां जाकर माथा टेकना और माथा टेकिएगा, मेरे लिए कुछ नहीं मांगना है। मेरे परिवार लिए भी कुछ नहीं मांगना है। विकसित भारत बनाने के लिए आप परमात्मा का आशीर्वाद मांगिएगा और भारत का उज्जवल भविष्य बनाने के लिए आगे आइएगा। मेरे साथ बोलिए भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की... बहुत बहुत धन्यवाद... जरा ये फोटोग्राफ वो बच्चे और वो फोटो ले लेना वो कब से बेचारा खड़ा है।

थैंक यू भैया... ले लेंगे उसको कलेक्ट कर लीजिए। मेरे साथ बोलिए, दोनों हाथ उपर करके भारत माता की... भारत माता की... बहुत-बहुत धन्यवाद

  • Dheeraj Thakur March 05, 2025

    जय श्री राम जय श्री राम
  • Dheeraj Thakur March 05, 2025

    जय श्री राम
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • Amrita Singh September 26, 2024

    हर हर महादेव
  • दिग्विजय सिंह राना September 18, 2024

    हर हर महादेव
  • ओम प्रकाश सैनी September 07, 2024

    जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय
  • ओम प्रकाश सैनी September 07, 2024

    जय जय जय जय जय श्री
  • ओम प्रकाश सैनी September 07, 2024

    जय जय जय जय
  • ओम प्रकाश सैनी September 07, 2024

    जय जय जय
Explore More
78મા સ્વતંત્રતા દિવસનાં પ્રસંગે લાલ કિલ્લાની પ્રાચીર પરથી પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીનાં સંબોધનનો મૂળપાઠ

લોકપ્રિય ભાષણો

78મા સ્વતંત્રતા દિવસનાં પ્રસંગે લાલ કિલ્લાની પ્રાચીર પરથી પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીનાં સંબોધનનો મૂળપાઠ
Rs 30,000 Crore Saved Via Jan Aushadhi Kendras In Last 10 Years; Over 15,000 Centres Opened, Nearly 10,000 More Planned: Government

Media Coverage

Rs 30,000 Crore Saved Via Jan Aushadhi Kendras In Last 10 Years; Over 15,000 Centres Opened, Nearly 10,000 More Planned: Government
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

|

साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

|

साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

|

साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

|

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।