QuoteToday, having a stable government in the country is important, a government which understands the aspirations of the youth and makes policies for them: PM Modi
QuoteCongress has always instilled fear in Dalits, sometimes in tribals, sometimes in minorities; they are spreading fear about democracy, the constitution, and reservation: PM Modi in Banswara

भारत माता की...भारत माता की....आप सभी को नमस्कार, राम- राम

मेवाड़, मालवा और गुजरात की संस्कृतियों की त्रिवेणी बेणेश्वर धाम की पवित्र भूमि को, मैं नमन करता हूं। कुछ समय पहले मैंने मावजी महाराज का स्मरण करते हुए गारंटी दी थी, कि जादूगर का जादू नहीं चलेगा। वागड़ ने, राजस्थान ने मोदी की वाणी का मान रखा, इसके लिए आप सभी का मैं सिर झुकाकर के वंदन करता हूं। महाराणा प्रताप, बंसिया भील और गोविंद गुरु के शौर्य की ये भूमि, आज शक्तिशाली भारत के लिए मजबूत सरकार का प्रण ले रही है। चारों तरफ मैं राजस्थान में जहां-जहां गया हूं, हिंदुस्तान के जिस-जिस कौने में पहुंचा हूं अब तक चारों तरफ एक ही बात गूंज रही है- फिर एक बार...मोदी सरकार! फिर एक बार... मोदी सरकार! फिर एक बार... मोदी सरकार!

भाइयों और बहनों,

पूरे वागड़ से भाजपा का रिश्ता, बहुत पुराना है। यहां की वीर धऱा ने हमेशा भाजपा पर अपना विश्वास जताया है। आज की वैश्विक परिस्थितियों में पूरे वागड़ का भाजपा के साथ रहना ये बहुत जरूरी है। आज भारत में स्थिर सरकार का मजबूत सरकार का होना भी बहुत जरुरी है। एक ऐसी सरकार जो सरहदों की रक्षा कर सके और जरूरत पड़े तो पाताल में भी खोजकर दुश्मनों का सफाया कर सके। एक ऐसी सरकार जो देश की महिला, किसान, गरीब, वंचित, जनजातीय, पिछड़े वर्ग, समाज के इन सभी वर्गों को सम्मान और समृद्धि की तरफ ले जा सके। एक ऐसी सरकार जो युवाओं के सपनों को समझे और उनके लिए नीतियां बनाए। और, एक ऐसी सरकार जो देश में भविष्य के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर सके। हमारा 10 साल का ट्रैक रिकॉर्ड गवाह है, ये काम सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही कर सकती है। और कोई कर सकता है क्या? और किसी पर भरोसा कर सकते हैं क्या...और लोग यहां वोट मांगने के लिए निकले हैं उनको पूछो तो भई इतना बड़ा देश एक नाम तो बताओ हम किसको सपोर्ट करें बताओ....कोई नाम बता सकते हैं क्या.... कोई नाम बता सकते हैं क्या....क्या आप ऐसे जिसका नाम ही नहीं है, पहचान नहीं है, पुराना कोई रिकोर्ड का अता-पता नहीं है, क्या उसको इतना बड़ा देश दें सकतें हैं क्या...क्या आपके सपनों को उनके भरोसे छोड़ सकते हैं क्या... क्या आपके बच्चों के भविष्य को उनके हवाले कर सकते हैं क्या...ये मोदी है, जिसको आप जानते हैं ना, जानते हैं ना.... 23 साल से हो गये, 13 साल गुजरात में भी... ये डूंगरपुर बांसवाड़ा के लोगों ने तो मुझे बहुत निकट से देखा है... और मेरे, मैं तो आपके लिए एक प्रकार से घर का ही हूं।

साथियों,

देश के उज्जवल भविष्य के लिए, देश को मजबूत बनाने के लिए, आपके सपनों को पूरा करने के लिए, इसी आधार पर मोदी पूरे देश से, राजस्थान से, और बागड़ से आशीर्वाद मांगने के लिए आया है।

भाइयों और बहनों,

भाजपा, सबका साथ, सबका विकास, सुशासन का एक उम्दा मंत्र लेकर के समर्पण भाव से काम कर रही है। बांसवाड़ा और डुंगरपुर के जिन 3 लाख परिवारों को पक्के घर मिले हैं, उनमें से बड़ी संख्या में हमारे आदिवासी परिवार है। आप मुझे बताइए भाइयों, 10 साल में दो जिले में 3 लाख पक्के घर यह काम छोटा है क्या? छोटा है क्या? गरीबों की चिंता की ना की.. आदिवासियों की चिंता की या ना की… जहां बांसवाड़ा में पौने चार लाख से अधिक परिवारों तक नल से जल पहुंचा है, जब नल से जल आता है ना… तो माताएं-बहने आशीर्वाद किसको देंगी? माताएं बहने आशीर्वाद किसको देंगी... और माताओं-बहनों के आशीर्वाद जिस पर होते हैं, जीवन में उसे कोई तकलीफ होती है क्या? यही मेरा सौभाग्य है कि माताओं-बहनों का मुझे भरपूर आशीर्वाद मिल रहा है...

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बांसवाडा और डूंगरपुर की 5 लाख से अधिक बहनों को सस्ते गैस सिलेंडर वाली उज्ज्वला गैस मिली है। अगर रोज खाना पकाना हो, धुंए से जिंदगी गुजारनी हो, और जब धुंए में कोई मां खाना पकाती है ना तो एक दिन में उसके शरीर में 400 सिगरेट का धुंआ जाता है... 400 सिगरेट का धुंआ, उस मां की चिंता कौन करेगा.... उस मां की चिंता कौन करेगा... ये बेटा करेगा और इसीलिए गैस के चूल्हे दिए... कोरोना के समय हमने मुफ्त राशन की योजना शुरू की दुनिया भर में बहुत बड़ा संकट आया था लेकिन संकट में मुझे सबसे पहली याद मेरे आदीवासी भाई-बहनों की आई, मेर गरीब परिवारों की आई, मेरे दलित, मेरे वंचित, मेरे पिछड़ो की याद आई....और मैंने मुझ पर दबाव था, कोरोना के समय के अखबार निकाल के देख लीजिए। यह कांग्रेस में बैठे हुए बड़े-बड़े अपने आप को ज्ञानी मानते हैं, दुनिया भर के जो अर्थशास्त्री हैं मुझ पर दबाव डालते थे कि रूपये दो उद्योग वालों को रुपए दो, अलग-अलग काम करने पर वरना बहुत बड़ा तूफान मच जाएगा। अर्थ तंत्र खत्म हो जाएगा, लोगों की नौकरीयां चली जाएगी लोग भूख मारेंगे, मैंने उनकी एक बात नहीं सुनी किसी भी धनी आदमी को मैंने 1 रुपया नहीं दिया, अगर मैंने दिया तो गरीब को मुफ्त राशन दिया। तिजोरी खाली कर दी लेकिन मैंने पक्का किया कि गरीबों के घर में चूल्हा जलता रहना चाहिए। गरीब का बच्चा भूखा सोना नहीं चाहिए, गरीब की मां की आंख में से कभी आंसू नहीं टपकना चाहिए, और इसलिए मैंने मुफ्त राशन की योजना चलाई। और मैं आज फिर गारंटी देने आया हूं, आने वाले 5 साल मुफ्त राशन मिलता रहेगा। इसका सबसे अधिक फायदा, मेरे आदिवासी परिवार को, मेरे दलित परिवार को और मेरे पिछड़े परिवारों को हुआ। पानी और गैस के बाद, अब मोदी का मिशन, हर घर सूर्यघर बनाने का है। मेरी कोशिश है, आपका बिजली का बिल जीरो हो जाए... यानी सरकार घर की छत पर छोटा सा सोलर प्लांट लगाने के लिए आपको पैसे देगी. आर्थिक मदद करेगी. जितनी जरूरत है उतनी बिजली फ्री आप जीरो बिल से खुद उपयोग करो और अतिरिक्त बिजली है तो सरकार खरीदेगी और आप अपने घर में बिजली से कमाई करो ये काम है। मोदी हर बार कोई ना कोई नया काम आपकी सेवा के लिए करता है, आपकी मजबूती के लिए करता है। क्योंकि मुझे मेरा देश मजबूत बनाने के लिए हर परिवार को मजबूत बनाना है।

भाइयों-बहनों,

आप लोग चुनाव प्रचार में जाते होंगे... जाते हैं? लोगों को मिलते होंगे, मिलते हैं? तो मेरा एक काम करोगे, ऐसे नहीं हाथों पर करके पूरी ताकत से बताओ.... मेरा एक काम करोगे, पक्का करोगे... अभी जब आप प्रचार में जाएंगे, तो हो सकता है किसी गांव में एक-आध दो ऐसे परिवार मिल जाए जिनको अभी गैस चूल्हा नहीं मिला होगा, एक-आध दो परिवार मिल जाएं जिनको अभी नल से जल नहीं मिला होगा, कुछ परिवार मिल जाए जिनका अभी पक्का घर नहीं मिला होगा, कुछ परिवार ऐसे होंगे पहले की तुलना में अब दो परिवार बन गए होंगे, और घर की जरूरत होगी तो मेरा एक काम करना है... उनको बता देना कि मोदी ने गारंटी दी है, की 4 जून के बाद नई सरकार बनने के बाद मैं उनके ये अधूरे काम भी पूरे कर दूंगा। ये मेरी गारंटी पहुंचा दोगे? जो भी सुविधांए मिलने के लिए वो पात्र हैं और अब तक अगर पहुंची नहीं कुछ लोग छूट गए हैं तो मोदी उनकी भी गारंटी लेता है।

साथियों,

आप में से जो लोग भी मेहनत करते होंगे, नौकरी करते होंगे, कमाते होंगे, आपके परिवार में बुजुर्ग होंगे, बूढ़े मां-बाप होंगे, नाना-नानी हो सकते हैं, चाचा-चाची हो सकते हैं, अब आप इतना काम करते हैं तो आपका मन रहता है की भई कमाई का कुछ पैसा बच्चों के भविष्य के लिए लगाएं... लेकिन परिवार में बुजुर्ग मां-बाप है उनको और कोई खर्चा नहीं होता है लेकिन कोई बीमारी आ जाए तो दवाई का खर्चा तो हो ही जाता है और वह उम्र भी ऐसी होती है की दवाई का खर्च होना ही होना होता है.. मैं आप सबको कहना चाहता हूं ये जो दवाई का इलाज का बोझ आप पर है ना, जैसे वह आपके माता-पिता है वैसे ही वो मेरे माता-पिता भी है। और इसलिए आज आपके माता-पिता का खर्च दवाई का आप उठाते हैं ना, 70 साल के ऊपर के आपके परिवार के बुजुर्गों की इलाज का खर्चा अब ये आपका बेटा उठाएगा। और इसीलिए भाजपा ने ऐलान किया है कि 70 वर्ष की ऊपर की आयु के सभी बुजुर्गों को, चाहे वो गरीब हों, मध्यम वर्ग के हों या उच्च हो, कोई भी हिंदुस्तान का कोई भी 70 साल से ऊपर का बुजुर्ग होगा उनका इलाज मुफ्त किया जाएगा। सरकार उसका जिम्मा लेगी।

भाइयों और बहनों, मैं माता त्रिपुरा सुंदरी को नमन करते हुए, माताओं-बहनों को भी मोदी की एक बड़ी गारंटी याद दिला रहा हूं। लखपति दीदी अभियान के तहत अब तक 1 करोड़ बहनों की वार्षिक आय 1 लाख से अधिक हो चुकी है। अब मोदी की गारंटी है कि 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाया जाएगा। हमारी बेटियां खेलों में खूब आगे बढ़ें, इसके लिए भी विशेष कार्यक्रम, विशेष सुविधाएं बनाई जाएगी। यहां स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी जो बहनें हैं, उनके लिए आने वाले 5 साल सुख समृद्धि के होने वाले हैं। भाजपा ने इन समूहों से जुड़ी बहनों को विशेष ट्रेनिंग का ऐलान किया है, ताकि वो भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, जैसे क्षेत्रों से भी जुड़ सकें। बिना गारंटी का ऋण देने वाली मुद्रा योजना के तहत लोन की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की जा रही है। इसका फायदा भी मेरी माताओंड-बहनों को भी होगा।

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साथियों,

भाजपा, गरीब कल्याण के लिए समर्पित है, पूरी ईमानदारी से काम करती है। लेकिन कांग्रेस की दुकान में भय-भूख और भ्रष्टाचार ही बिकता है। कांग्रेस ने हमेशा दलितों को डराया, कभी आदिवासियों को डराया, कभी अल्पसंख्यकों को डराया। आज भी ये कभी लोकतंत्र को लेकर, संविधान को लेकर, आरक्षण को लेकर भांति-भांति का झूठ फैला रहें हैं, भांति-भांति का डर दिखा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस को पता नहीं है, कि भारत हर प्रकार के डर से बाहर निकल चुका है, और इसलिए इनका झूठ नहीं चल पा रहा है। आज देखिए, देशभर में जिन-जिन राज्यों में आदिवासी आबादी अधिक है, वहां कांग्रेस या तो सत्ता से बाहर है या फिर तीसरे-चौथे नंबर पर है।

साथियों,

कांग्रेस के विरुद्ध ये आदिवासी समाज का आक्रोश है इस आक्रोश के ठोस कारण हैं। आप मुझे बताइए, जब पंचायत से पार्लियामेंट तक कांग्रेस की सरकारें थीं, तब भी आदिवासी समाज था या नहीं था? आदिवासी समाज था कि नहीं था, देश गुलाम था तब भी आदिवासी समाज था कि नहीं था, प्रभु रामचंद्र के जमाने में आदिवासी समाज था कि नहीं था, लेकिन उनको तो कभी आदिवासियों के कल्याण के लिए कोई मंत्री मिनिस्ट्री बनाने का मन नहीं कर गया, बजट बनाने का मन नहीं कर गया, ये अटल जी की सरकार आई, तब पहली बार आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बना अलग बजट बना.... करोड़ों आदिवासी बेटे-बेटियों में से कांग्रेस को 60 वर्षों में एक भी ऐसा नहीं मिला, जो देश का राष्ट्रपति बन सके? क्या आदीवासी समाज में क्षमता नहीं थी क्या... ज़रा सोचिए, कांग्रेस की क्या मानसिकता है। 2014 में आपने अपने इस सेवक को आशीर्वाद दिया। आज देश की पहली नागरिक, हमारी सेनाओं की सुप्रीम कमांडर, देश की राष्ट्रपति- आदिवासी समाज की एक बेटी हैं। यही असली भागीदारी है, यही बाबासाहेब के दिए संविधान की स्पिरिट है। पूरी दुनिया ने इसकी प्रशंसा की, लेकिन कांग्रेस और इंडी-गठबंधन, उनका विरोध किया।

साथियों,

ये भाजपा ही है जिसने स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी समाज की भूमिका को स्वीकारा, उनके लिए समर्पित म्यूजियम बनवाए हैं। ये भाजपा ही है, जिसने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया। और अब तो भाजपा ने ऐलान किया है कि अगले साल भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्मजयंति को जनजातीय गौरव अभियान के रूप में पूरे वर्ष भर हिंदुस्तान के हर कौने में मनाया जाएगा। और मुझे पता है, जब मैं ये बातें बतांऊ ना तब कांग्रेस वालों के पेट में दर्द शुरू हो जाता होगा।

साथियों,

कांग्रेस जैसी पार्टियों को आपकी परवाह नहीं है। कांग्रेस जैसी पार्टियां सिर्फ अपनी संतानों के लिए काम करती हैं। आप सारे कांग्रेस के नेता देख लीजिए, वो अपने संतानों के लिए ही लगे हुए हैं.... इंडी- गठबंधन के सारे लोग अपने बच्चों को फिट करने में लगे हुए हैं और मोदी क्या कर रहा है? मोदी आपके संतानों के भविष्य के लिए खप रहा है। आपके संतानों के लिए, भविष्य बनाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहा है... अब आप देखिए, माता को गर्भ के दौरान अच्छा भोजन मिले, इसके लिए भाजपा सरकार हर गर्भवती मां को 6 हजार रुपया दे रही है। आदिवासी समाज को सिकल सेल अनीमिया से मुक्ति दिलाने का मिशन तेज़ गति से चल रहा है। इस अभियान के तहत अब तक देश भर में ढाई करोड़ से अधिक आदिवासी साथियों की मुफ्त जाँच की जा चुकी है। दवाई के साथ-साथ आदिवासी युवाओं की पढ़ाई और कमाई के लिए भी अभूतपूर्व काम हो रहा है। 10 सालों में आदिवासी बच्चों के लिए हमने 400 से अधिक एकलव्य मॉडल स्कूल खोले हैं। भाजपा का संकल्प है कि इनको हम साढ़े 700 तक ले जाएंगे। हमने 24 हज़ार करोड़ रुपए की योजना उन जनजातियों के लिए भी बनाई है, जो आदिवासियों में भी सबसे पिछड़े हैं। इसमें राजस्थान की भी हमारी सहारिया जैसी कौम, सहारिया जैसी जातियां उनको हमने प्राथमिकता दी है।

साथियों,

स्वार्थ और अवसरवादिता में घिरी कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है कि कांग्रेस का शाही परिवार, आजादी के इतिहास में पहली बार होगा और ये नोट करिए आजादी के बाद इतने चुनाव हुए, पहली बार दिल्ली में कांग्रेस का जो शाही परिवार रहता है वो कांग्रेस को वोट नहीं देगा। अगर ये शाही परिवार कांग्रेस को वोट नहीं देता है तो आपसे वोट मांगने का उनको क्या हक है भाई... जहां इस शाही परिवार के लोग रहते हैं, वहां कांग्रेस चुनाव ही नहीं लड़ रही है। पहली बार ऐसा हो रहा है कांग्रेस की दुर्दशा कि उनका शाही परिवार खुद कांग्रेस को वोट नहीं कर पाएगा इधर राजस्थान में क्या हो रहा है हमारे यहां कांग्रेस के नेता घर-घर जाकर के क्या कह रहे हैं कांग्रेस को वोट मत दो पूरी कांग्रेस पार्टी हम पहले तो सुनते थे कि वह कहते थे बीजेपी को वोट मत दो यहां पर पूरी कांग्रेस पार्टी घर-घर जाकर कह रही है कांग्रेस को वोट मत दो। दिल्ली में शाही परिवार कांग्रेस को वोट नहीं देता यहां कांग्रेस कहती है कांग्रेस को वोट मत दो यह हाल है इस पार्टी का इस पर आप भरोसा कर सकते हैं? भाइयों बहनों इन दिनों जो लोग कांग्रेस छोड़कर के बाहर निकले हैं वे एक बात बड़ी गंभीरता से बताते हैं, वे सारे लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस अब कांग्रेस नहीं रही है अब कांग्रेस अर्बन नक्सलों के कब्जे में चली गई है। कांग्रेस अब वामपंथियों के चंगुल में फंसी हुई है, तो हमारे मित्र ने उनको पूछा कि आप यह कैसे कहते हैं.... तो उन्होंने कहा उनका मेनिफेस्टो देख लीजिए, इस बार का कांग्रेस का मेनिफेस्टो देख लीजिए कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में जो कहा है वह चिंताजनक है, गंभीर है। और ये माओवाद की सोच को धरती पर उतारने की उनकी कोशिश है। उन्होंने कहा है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हर एक ही प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा, हमारी बहनों के पास सोना कितना है उसकी जांच की जाएगी उसका हिसाब लगाया जाएगा, हमारे आदिवासी परिवारों में चांदी होती है। सिल्वर कितना है उसका हिसाब लगाया जाएगा सरकारी मुलाजिमों के पास कितनी जगह है, क्या है, और पैसे कहां है, नौकरी कहां है, उसकी जांच की जाएगी इतना ही नहीं आगे क्या कहा है यह जो गोल्ड है माताओं-बहनों का और जो संपत्ति है ये सब को समान रूप से वितरित कर दी जाएगी।

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क्या यह आपको मंजूर है क्या आपकी संपत्ति सरकार को ऐंठने का अधिकार है क्या? क्या आपकी संपत्ति को आपने मेहनत करके कमाई हुई संपत्ति को सरकार को ऐंठने का अधिकार है क्या? क्या उस संपत्ति को मेरी माताओं- बहनों की जिंदगी में सोना वो सिर्फ शो करने के लिए नहीं होता है, उसके स्वाभिमान से जुड़ा हुआ है उसका मंगलसूत्र वह एक सोने का कीमत का मुद्दा नहीं है... उसके जीवन के सपनों से जुड़ा हुआ है, तुम उसे छीनने की बात कर रहे हो अपने मेनिफेस्टो में? गोल्ड ले लेंगे सबको वितरित कर देंगें... और पहले जब उनकी सरकार थी उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकतर मुसलमानों का है। इसका मतलब यह संपत्ति इकट्ठी कर के किसको बांटेंगे जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे। घुसपैठियों को बाटेंगे, क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा, आपको मंजूर है ये... ये कांग्रेस मेनिफेस्टो कह रहा है कि वह माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जड़ती करेंगे, जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को बांट देंगे और उनको बाटेंगे जिनको मनमोहन सिंह जी की सरकार ने कहा था की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। भाइयों बहनों ये अर्बन नक्सल की सोच मेरी माताओं- बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे, यहां तक जाएंगे मैं कहने आया हूं।

साथियों,

कांग्रेस में भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार है, ये तो वागड़ के लोग अच्छी तरह जानते हैं। कांग्रेस के शासनकाल में युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ किया गया। अब कांग्रेस के पेपरलीक माफिया पर भी हमारे भजन लाल जी पूरी ताकत से लगे हैं और उनको ठिकाने लगा कर के रहेंगें। केंद्र सरकार ने भी इसके लिए एक कड़ा कानून बनाया है। अब इनको यह भी मालूम नहीं है, पार्लियामेंट में बैठते हैं पेपर लीक का कानून बन चुका है। और ये घूमते फिरते हैं कि हम कानून बनाएंगे ये कानून युवाओं को धोखा देने वालों को कड़ी सजा दिलाएगा और यह मोदी की गारंटी है।

साथियों,

कांग्रेस ने वागड़ इलाके को भी सड़क, रेल और दूसरी कनेक्टिविटी से हमेशा वंचित रखा। आपको ऐसी सुविधाएं देना ये मोदी की गारंटी है। हमने रतलाम-डूंगरपुर रेल लाइन को वाया बांसवाड़ा से जोड़ने का काम शुरू करवाया है। इस काम को भी कांग्रेस ने बरसों तक लटका कर रखा था। उदयपुर-बांसवाड़ा और डूंगरपुर को श्यामला जी गुजरात के साथ जोड़ने वाले नेशनल हाईवे से भी बहुत फायदा हो रहा है। उदयपुर में कनेक्टिविटी सुधारने के बहुत से काम हो रहे हैं इसमें हाईवे, रेलवे के कई प्रोजेक्ट शामिल हैं। बांसवाड़ा में पावर प्लांट भी बन रहा है। 4 जून के बाद ऐसे हर काम को तेज़ी से पूरा किया जाएगा।


साथियों,

बीते साल में बहुत कुछ हुआ है। लेकिन अभी हमें विकसित भारत बनाने के लिए बहुत कुछ करना है। मोदी का मिशन है- Twenty Four By Seven, For Twenty Forty Seven. मैं आपको भी इस मिशन से जुड़ने के लिए आमंत्रित कर रहा हूं। और इसके लिए, 26 अप्रैल को भारी मतदान ज़रूरी है। बांसवाड़ा से हमारे साथी भाई महेंद्र मालवीय...

उदयपुर से मन्नालाल रावत... संसद पहुंचेंगे तो मोदी के मिशन को मज़बूत करेंगे और हां आपको बागीदोरा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुभाष जी को, सुभाष तमोलिया जी को भी अपना प्रचंड समर्थन देना है। आप घर-घर जाना और सबको कहना मतदान अवश्य करें...कहेंगें? मतदान करने के लिए कहेंगें? अब मुझे बताइए हमें लोकसभा भी जितनी है, यह असेंबली का चुनाव भी जितना है, लेकिन यह जितना है तो क्या करना पड़ेगा?... क्या करना पड़ेगा?.... ज्यादा से ज्यादा मतदान करना पड़ेगा, करेंगे?... मतदान करने के लिए जाएं तो गांव में बूथ में एक एक पूरे उत्सव का वातावरण बनाइए, गाना गाते-गाते सब माताएं- बहने वोट करने के लिए जाएं सामूहिक रूप से जाएं देखिए, एक माहौल बन जाएगा लोकतंत्र का उत्सव बन जाएगा और दूसरा काम हर किसी का एक ही संकल्प होना चाहिए हम हमारा पोलिंग बूथ जीत के रहेंगे.. हमारा पोलिंग बूथ हम हारेंगे नहीं... हमारे पोलिंग बूथ में हम भाजपा का झंडा झुकने नहीं देंगे, इसकी चिंता करेंगे.... पक्का करेंगे... अच्छा मेरा एक काम करेंगे? क्यों ठंडे हो गए ये मालवीय जी के लिए कहा तो सबने कहा करेंगे... अब मैं कह रहा हूं मेरा काम करेंगे तो ठंडे पड़ गए हैं, जरा हाथ ऊपर करके बताइए मेरा काम करेंगे... पक्का करेंगे, अच्छा एक काम करना घर-घर जाना और हर घर में जो भी बुजुर्ग हो उनको कहना अपने मोदी भाई बांसवाड़ा आए थे। और मोदी भाई ने मोदी भाई ने आपको राम-राम कहा है। मेरा राम-राम पहुंचा देंगे? हर परिवार को मेरा राम-राम पहुंचा देंगे? ...

बोलिए भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...

बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

  • Dheeraj Thakur March 06, 2025

    जय श्री राम जय श्री राम
  • Dheeraj Thakur March 06, 2025

    जय श्री राम
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
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  • दिग्विजय सिंह राना September 18, 2024

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  • Pradhuman Singh Tomar June 20, 2024

    BJP 54
  • Dharmendra Singh June 18, 2024

    जय श्रीं राम ||🙏
  • krishangopal sharma Bjp June 11, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • krishangopal sharma Bjp June 11, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
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78મા સ્વતંત્રતા દિવસનાં પ્રસંગે લાલ કિલ્લાની પ્રાચીર પરથી પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીનાં સંબોધનનો મૂળપાઠ

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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।