Tamil Nadu is writing a new chapter of progress in Thoothukudi: PM Modi

Published By : Admin | February 28, 2024 | 10:00 IST
Lays foundation stone for Outer Harbor Container Terminal at V.O.Chidambaranar Port
Dedicates tourist facilities in 75 lighthouses across 10 States/UTs
Launches India's first indigenous green hydrogen fuel cell inland waterway vessel
Dedicates various rail and road projects
“Tamil Nadu is writing a new chapter of progress in Thoothukudi”
“Today, the country is working with the 'whole of government' approach”
“Central government's efforts to improve connectivity are increasing the ease of living”
“Development of Maritime Sector means development of a state like Tamil Nadu”
“Developments in 75 places at once, this is new India”

भारत माता की – जय !

भारत माता की – जय !

भारत माता की – जय !

वणक्कम !

मंच पर उपस्थित तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आरएन रवि जी, मेरे सहयोगी सर्बानन्द सोनवाल जी, श्रीपद नाइक जी, शांतनु ठाकुर जी, एल मुरुगन जी, राज्य सरकार के मंत्री, यहां के सांसद, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों, वणक्कम !

Today, Tamil Nadu is writing a new chapter of progress in Thoothukudi । Many projects are being inaugurated or having foundation stones laid. These projects are an important part of the roadmap for a developed India. One can also see the spirit of Ek Bharat Shreshtha Bharat in these developments. These projects may be in से Thoothukudi but they will also give momentum to development in many places across India.

साथियों,

आज देश विकसित भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा है। और विकसित भारत में, विकसित तमिलनाडु की उतनी ही बड़ी भूमिका है। दो साल पहले जब मैं कोयम्बटूर आया था, तब मैंने चिदंबरनार पोर्ट की कार्गो क्षमता बढ़ाने के लिए कई प्रोजेक्ट्स शुरू किए थे। मैंने तब इस पोर्ट को शिपिंग का एक बड़ा हब बनाने का वादा किया था। आज वो गारंटी पूरी हो रही है। ‘वी ओ चिदम्बरनार पोर्ट’ इसके लिए जिस ‘आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल’ का लंबे समय से इंतज़ार किया जा रहा था, आज उसका शिलान्यास हुआ है। इस एक प्रोजेक्ट में 7 हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट होगा। 900 करोड़ रुपए के कई प्रोजेक्ट्स का आज लोकार्पण हुआ है। इसके अलावा आज अलग अलग पोर्ट्स पर करीब ढाई हजार करोड़ रुपए के 13 नए प्रोजेक्ट्स का भी यहां से शिलान्यास हुआ है मैरिटाइम सेक्टर के इस कायाकल्प से तमिलनाडु के लाखों लोगों को फायदा होगा, यहां के नौजवानों के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

साथियों,

मुझे तमिलनाडु की जनता को और देश की जनता को एक शब्द बताना जरूरी है। और बड़े दुख के साथ, सत्य कड़वा होता है लेकिन सत्य जरूरी भी होता है। मैं सीधा-सीधा आरोप लगाना चाहता हूं यूपीए सरकार पर। ये सारे प्रोजेक्‍ट्स जो मैं आज लेकर आया हूं, ये दशकों से यहां के लोगों की मांग थी। आज जो यहां सत्ता में बैठे हैं वे लोग उस समय दिल्‍ली में बैठे थे, सत्ता चलाते थे। ये डिपार्टमेंट चलाते थे। लेकिन, उनको आपके विकास की परवाह नहीं थी। बातें तमिलनाडु की करते हैं, लेकिन तमिलनाडु की भलाई के लिए कदम उठाने की हिम्मत नहीं थी। आज ये आपका सेवक तमिलनाडु की धरती पर, तमिलनाडु का नया भाग्य लिखने के लिए एक सेवक बन करके आया है।

साथियों,

आज भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूल फेरी को भी लॉन्च किया गया है। ये फेरी जल्द ही काशी में गंगा नदी में चलना शुरू हो जाएगी। ये एक तरह से तमिलनाडु के लोगों का काशी के लोगों को बहुत बड़ा उपहार है, और काशी और तमिलनाडु का नाता, मैं पिछले दिनों काशी-तमिल संगम में जो ऊर्जा देखता हूं, जो भक्ति देखता हूं, जो भारत के प्रति प्‍यार देखता हूं, तो काशी के लोग और काशी जाने वाला हर कोई देशवासी जब इस फेरी में बैठेगा तो उसको तमिलनाडु भी अपना लगेगा। आज ‘VOC पोर्ट’ पर desalination plant, green hydrogen production और बंकरिंग फेसिलिटीज का भी आरंभ हुआ है। इन प्रोजेक्ट्स से तूत्-कुडी और तमिलनाडु ग्रीन एनर्जी और sustainable development का एक बड़ा सेंटर बनेगा। आज दुनिया सुरक्षित भविष्य के लिए जिन विकल्पों की ओर देख रही है, तमिलनाडु उसमें बहुत आगे जाएगा।

साथियों

मैंने एक बार मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि देश के प्रमुख लाइट-हाउसेस को टूरिस्ट स्पॉट के रूप में डेवलप किया जा सकता है। आज मुझे अलग अलग राज्यों में स्थित 75 लाइट हाउसों में विकसित की गई टूरिज्म फैसेलिटीज को देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला है। और आप देखिए एक साथ 75 places पर, ये नया भारत है। मुझे विश्वास है, आने वाले समय में ये देश के बड़े टूरिस्ट सेंटर बनेंगे।

साथियों,

भारत सरकार के प्रयास से आज तमिलनाडु में आधुनिक कनेक्टिविटी एक नई ऊंचाई पर है। पिछले 10 वर्षों में तमिलनाडु में 13 सौ किलोमीटर के रेल इनफ्रास्ट्रक्चर का काम हुआ है। 2 हजार किलोमीटर रेलवे का electrification भी किया गया है। रेल यात्रियों और आम लोगों की सुविधा सुरक्षा के लिए सैकड़ों फ़्लाइओवर और अंडरपास बने हैं। रेलवे स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। वर्ल्ड क्लास ट्रैवल एक्सपिरियन्स के लिए आज तमिलनाडु में 5 वंदेभारत ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं। रोड इनफ्रास्ट्रक्चर में भी भारत सरकार तमिलनाडु में करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए इन्वेस्ट कर रही है। इसी का परिणाम है कि पिछले दस वर्षों में तमिलनाडु का नेशनल हाइवे नेटवर्क तेजी से बढ़ा है। केंद्र सरकार के प्रयास से बढ़ती हुई कनेक्टिविटी, तमिलनाडु में Ease of Living बढ़ा रही है। और साथियो, ये जो मैं बोल रहा हूं, ये political party के ideology नहीं बोल रहा हूं, न मेरी ideology बोल रहा हूं। मैं development के काम की बात कर रहा हूं। लेकिन मुझे मालूम है तमिलनाडु में कई अखबार हैं, कई टीवी चैनल हैं, जो इन खबरों को छापना चाहेंगे, दिखाना चाहेंगे, लेकिन यहां जिस प्रकार की सत्ता है, वो इनको ये नहीं करने देगी। लेकिन उसके बावजूद भी हम तमिलनाडु की सेवा में कभी रुकेंगे नहीं।, विकास के कामों को अटकने नहीं देंगे।

साथियों,

वॉटरवेज और मैरिटाइम सेक्टर को हमारे देश में दशकों तक उपेक्षा के साथ देखा जाता रहा है। लेकिन, यही उपेक्षित सेक्टर्स आज विकसित भारत की बुनियाद बन रहे हैं। तमिलनाडु और दक्षिण भारत को इसका सबसे बड़ा लाभ मिल रहा है। तमिलनाडु के पास 3 बड़े पोर्ट्स हैं, एक दर्जन से ज्यादा छोटे पोर्ट्स भी हैं। हमारे दक्षिण के लगभग सभी राज्य कोस्टल लाइन की असीम संभावनाओं से जुड़े हुये हैं। मैरिटाइम सेक्टर और वॉटरवेज सेक्टर के विकास का सीधा मतलब है, तमिलनाडु जैसे राज्य का विकास। आप देखिए, पिछले एक दशक में अकेले ‘VOC पोर्ट’ पर ट्रैफिक Thirty Five Percent बढ़ा है। पिछले साल इस पोर्ट ने Thirty Eight मिलियन टन कार्गो हैंडल किया। इसकी सालाना ग्रोथ भी करीब Eleven Percent रही। ऐसे ही रिजल्ट्स आज हमें देश के दूसरे बड़े पोर्ट्स में भी देखने को मिल रहे हैं। इस सफलता में भारत सरकार के सागरमाला जैसे प्रोजेक्ट्स की एक बड़ी भूमिका है।

साथियों,

केंद्र सरकार के प्रयास से आज भारत, मैरिटाइम और वॉटरवेज के क्षेत्र में नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। पिछले दस वर्षों में Logistics Performance Index में भारत कई पायदान ऊपर चढ़कर Thirty Eighth पोजीशन पर पहुँच गया है। हमारी पोर्ट क्षमता इस एक दशक में डबल हो गई है। नेशनल वॉटरवेज में 8 गुने का इजाफा हुआ है। भारत में क्रूज़ यात्रियों की संख्या में भी 4 गुने की वृद्धि हुई है, और sea-farers की संख्या भी दोगुनी हो चुकी है। आने वाले समय में मैरिटाइम सेक्टर की ये ग्रोथ कई गुना होने जा रही है, और इसका बड़ा लाभ समुद्री तट के राज्‍यों के साथ-साथ तमिलनाडु को मिलना तय है। और इससे मेरे नौजवानों को, मेरे देश के युवा बेटे-बेटियों को रोजगार के अनेक नए अवसर आज समुद्री किनारे के राज्‍यों को मिलने वाले हैं। मुझे विश्वास है कि तमिलनाडु विकास के इस मार्ग पर आने वाले समय में और तेजी से आगे बढ़ेगा। और मैं आपको गारंटी देता हूं, जब तीसरी बात देश हमें सेवा का मौका देगा, तो मैं आपकी सेवा भी और एक नई ताकत के साथ करूंगा। जो प्रोजेक्ट आज शुरू हुए हैं, उनको पूरा करने का भी हम उतनी ही ताकत से प्रयास करेंगे। और तमिलनाडु के लोगों को ये मोदी की गारंटी है।

सा‍थियो,

मैं दो दिन से तमिलनाडु के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर आया हूं। तमिलनाडु के लोगों का जो मैं प्‍यार देख रहा हूं, जो मन में उत्‍साह देख रहा हूं, ये प्‍यार, ये आशीर्वाद तमिलनाडु के मेरे भाई-बहन लिखकर रखिए, ये मैं बेकार नहीं जाने दूंगा। आपका ये प्‍यार, आपका ये आशीर्वाद मैं ब्याज समेत विकास करके लौटाऊंगा। अपने-आपको आपकी सेवा के लिए खपा दूंगा।

तमिलनाडु के मेरे प्यारे भाइयों-बहनों,

आज का ये अवसर विकास के उत्‍सव का अवसर है। आइए, मेरे साथ विकास के इस उत्‍सव को मनाने के लिए अपना मोबाइल फोन निकालिए। अपने मोबाइल फोन का फ्लैश लाइट चालू कीजिए। और पूरे देश को दिखाइए, आज भारत सरकार और तमिलनाडु मिल करके विकास का उत्‍सव कर रहे हैं।

अद्भुत, अद्भुत, अद्भुत !

भारत माता की – जय !

भारत माता की – जय !

भारत माता की – जय !

वंदे – मातरम !

वंदे – मातरम !

वंदे – मातरम !

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।