Congress is a guarantee of instability: PM Modi

Published By : Admin | November 9, 2022 | 21:26 IST
“Congress can never give a stable government to Himachal… Congress is a guarantee of instability. Congress is guaranteed to stop development works”: PM Modi at Chambi
Congress is being rejected by the people due to their familism and vote bank politics. States have been rejecting Congress as a choice for leadership: PM Modi
Congress left with power in 2 states, you don't see them making news for development but only its internal feuds, says PM Modi in Chambi

 

भारत माता की....


भारत माता की....


भारत माता की....

मां बरजेश्वरी की धरती ते,


सारेयां जो नमस्कार !

अगले पंज साल कांगडे दी तरक्की, विकास, रोजगार कने, विश्वास दे होण,  इस ताईं अज, त्वाड़े ने गल करने, इत्थु आया। त्वाड़े ने गल करीने मिंजो बड़ा खरा लगदा। कांगड़ा की धरती शक्तिपीठों की धरती है, भारत की आस्था और आध्यात्म का एक तीर्थ है। बैजनाथ से लेकर काठगढ़ तक इस भूमि में बाबा भोले की असीम कृपा हम सभी पर हमेशा बनी रहती है। आज कांगड़ा में हूं तो स्वाभाविक है ये मैदान से लेकर सब पुरानी यादें स्वाभाविक रूप से ताजा हो जाती हैं। शांता कुमार जी के साथ बरसों तक काम करने का अवसर मिला। बहुत साल पहले जब मैं यहां रथयात्रा करते हुए आया था तो हमारा रथ कोटला पुल होकर गुजरा था। और तब शाहपुर के बाज़ार में ऐतिहासिक सभा हुई थी, जिसकी चर्चा लंबे समय तक रही थी। हमारे कांगड़ा से चौधरी विद्यासागर जी, हमारे शाहपुर से राम रत्न पटाकू जी, हमारे पालमपुर से कैप्टन आत्मा राम जी, चंबा से किशोरी लाल जी, ऐसे अनेक साथियों के साथ लंबे अरसे तक काम करने का मौका मिला। किशन कपूर जी यहां बैठे हैं..उनकी वो पुरानी जीप, लेकिन कभी कभी हमें पहुंचा देती थी।

साथियों,

आज हिमाचल 21वीं सदी में विकास के जिस अहम पड़ाव पर है, वहां उसे एक स्थिर और मजबूत सरकार की जरूरत है। जब हिमाचल में स्थिर सरकार होगी, उसके पास डबल इंजन की ताकत होगी, तो वो पुरानी चुनौतियों को भी दूर करेगा और नई ऊंचाई भी उतनी ही तेजी से प्राप्त करेगा। ये काम सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही कर सकती है। इसलिए आज सबसे पहले मैं हिमाचल भाजपा को, विकास का नया संकल्प लेने के लिए, इतना अच्छा घोषणापत्र बनाने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हिमाचल भाजपा के 11 शुभ संकल्प, यहां के विकास को, नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।

साथियों,

कांग्रेस कभी हिमाचल को स्थिर सरकार नहीं दे सकती है। आप देखिए, आज जहां कांग्रेस की सरकारें बची हैं, गिन-चुन करके दो ही सरकारें बची हैं एक राजस्थान और दूसरा छत्तीसगढ़ में और वहां से भी खबरें कभी विकास की नहीं आती है। वहां से आपस में झगड़े की ही खबरें रहती हैं। अगर यही चलता रहा तो राज्य का विकास हो सकता है क्या। हो सकता है क्या। मेरा तो अनुभव कहता है कांग्रेस अस्थिरता की गारंटी है। कांग्रेस, भ्रष्टाचार औऱ घोटाले की गारंटी है। कांग्रेस यानि विकास कार्यों में रोड़े अटकाने की गारंटी।

साथियों,

भाजपा ने राजनीति में विकास को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाया है। आज भाजपा की पहचान सुशासन से है, गरीब के कल्याण वाली नीतियों से है। भाजपा वही बातें कहती है, जो कर सकती है। और जोकहती है उसे पूरा करने के लिए पूरी शक्ति खपा देती है। वहीं कई राजनीतिक दल सिर्फ और सिर्फ परिवारवाद और वोटबैंक की पॉलिटिक्स के भरोसे चल रहे हैं। इसलिए बीजेपी की सरकारों का जैसे-जैसे लोगों को अनुभव आता है। लोगों का विश्वास बढ़ता जाता है और बार-बार आशीर्वाद मिलता रहता है। आपने 2019 के लोकसभा चुनाव में ये करके दिखाया है। भाजपा सरकार पूर्ण बहुमत के साथ फिर वापस आई। मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, गोवा, जैसे राज्यों में बीजेपी सरकारें कई-कई बार सरकार मेंवापस आई हैं। अब तो इस बार उत्तराखंड के लोगों ने भी पुरानी परंपरा को बदलते हुए बीजेपी को ही दोबारा बिठाया। यूपी में भी 40 साल बाद ऐसा हुआ है जब कोई पार्टी, फिर से जीतकर पूर्ण बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सरकार में वापस आई हो। मणिपुर में भी भाजपा की सरकार फिर से आकर के एक नया इतिहास बनाया है। अब इस स्थिति की तुलना आप कांग्रेस से करिए। आपको हैरानी हो जाएगी, इस तरफ नजर करेंगे, जरा सोच करके। कांग्रेसका इतिहास क्या है और लोगों का कांग्रेस के प्रति गुस्सा कितना है। एक बार सरकार से गई तो फिर उसका वापस लौटना ही मुश्किल होता है। अब देखिए तमिलनाडु। तमिलनाडु में वहां के लोगों ने करीब 60 साल पहले कांग्रेस को निकाला अब तक वापस नहीं आई, 60 साल हो गए। घुसने नहीं देते। अब पश्चिम बंगाल देखिए, त्रिपुरा देखिए, वहां के लोगों ने 50 साल हो गए, कांग्रेस को हटाया 50 साल पहले। 50 साल में पैर नहीं रखने दिया उनको। यूपी, बिहार और गुजरात के लोगों ने कांग्रेस को करीब-करीब  40 साल से सत्ता के बाहर करके रखाहुआ है।

ओडिशा के लोगों ने भी कांग्रेस को करीब-करीब 30 साल से सरकार में आने से रोक रखा है। नागालैंड में भी कांग्रेस करीब-करीब 25 साल से लगातार चुनाव हार रही है। आज दिल्ली, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, नागालैंड और सिक्किम, कई ऐसे राज्य हैं, जहां कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। कांग्रेस का आधार आज भी परिवारवाद ही है। ऐसी कांग्रेस पार्टी हिमाचल के लोगों की अपेक्षाओं-आकांक्षों को कभीपूरा नहीं कर सकती।  आपने 5 साल पहले कांग्रेस की विदाई कर दी थी, अब उसे लौटने नहीं देना है। घुसने मत दीजिए।

साथियों,

आज मुझे ये देखकर खुशी है कि हिमाचल के लोगों को भी ये समझ आ गया कि 5 साल बाद, हर बार सरकार बदलने की परंपरा, इस परंपरा ने सबसे ज्यादा किसी का नुकसान किया है, तो राज्य का नुकसान किया है। राज्य के युवाओं के सपनों को कुचल दिया है। कांग्रेस जैसे ये दल जब सरकार में होते हैं तो सोचते हैं कि 5 साल बाद सरकार तो बननी है नहीं, तो काम करने की क्या जरूरत है मौज करो। इसलिए उनका अपना पूरा ध्यान पांच साल में जितना इकट्ठा कर सकें, जितना माल लुटाई कर सकें, तिजोरी भर सकें, काली कमाई कर सकें, उसी पर लगा रहता है। ये जो राजनीतिक परिपाटी थी, इसको पूरे देश में बदलने का बीड़ा भाजपा ने उठाया है। देश के लोगों के आशीर्वाद से उठाया है। हम ऐसी राजनीतिक परंपरा बनाना चाहते हैं कि हम सरकार में ऐसा काम करें, ऐसा काम करें कि वोटर हमें बार-बार अवसर दे। इसलिए हम विकास के लिए, देश के लिए हर जगह,हर स्तर पर काम कर रहे हैं।

साथियों,

जब सरकार में निरंतरता होती है, सरकार वापस आती है तो लोगों को भी सरकार से हिसाब मांगने का मौका मिलता है। अगर आपने मुझे 2019 में न बिठाया होता, तो आप मेरे से हिसाब मांग सकते थे क्या। नहीं मांग सकते थे, कोई और सरकार आ जाती लेकिन आपने मुझे दोबारा बिठाया 2019 में, तो आप मुझे पूछ सकते हैं, मोदीजी वो क्या हुआ, मोदीजी उसका कब करोगे और मोदीजी को भी लगेगा कि भाई मुझे करना पड़ेगा। भाई ये जनता-जनार्दन का दबाव बहुत काम करता है। आप सोचिए कोरोना के समय कितनी मुश्किलें आईं, हम भी यही सोच सकते थे कि पांच साल के बाद तो सरकार बदलने वाली है हिमाचल का तो रिवाज है। कोरोना आया है वैसे चला जाएगा, हम भी सोच सकते थे। लेकिन हमने वो नहीं सोचा। पहले भी हिमाचल के लोगों को मालूम है। कोई भी वैक्सीन वैगरह आती थी, आखिरी में सारे देश का काम हो जाए तो आखिर में हिमाचल की बारी आती थी।


भाइयों-बहनों

हमने तय किया, जब हमने सेवा भाव से काम किया। हमने इस सोच को आस पास फटकने भी नहीं दिया। जब कोरोना आया तो हमने हिमाचल में टीकाकरण पर बहुत बल दिया। दूर-दराज के इलाकों में भी हमारी सरकार पहुंची, हमारे स्वास्थ्यकर्मी गए, माताएं बहनें गईं, उन्होंने लोगों को वैक्सीन लगाई और हिमाचल देश का पहला ऐसा राज्य बन गया, जिसने शत-प्रतिशत टीकाकरण पहले कर लिया। हमने यह नहीं सोचा की पांच साल के बाद बदलते हैं, हमें कुछ करने की जरूरत नहीं है। हमरे लिए तो यहां की एक-एक जिंदगी मूल्यवान है। हमारे लिए तो हिमाचल का एक एक नागरिक ईश्वर का रूप है। ये हमारे काम करने का तरीका है। ऐसे ही काम के आधार पर हम भाजपा के लिए आपसे दोबारा आशीर्वाद मांग रहे हैं।

और साथियों,

आपको ये हमेशा याद रखना है कि हिमाचल के पास तो विकास के 2-2 ईंजन हैं। वो कहते हैं ना- चोपड़ियां रोटियां, सै भी दो-दो ! इससे कैसे काम होता है- ये भी मैं आपको बताता हूं। केंद्र सरकार नेउज्जवला योजना चलाई। हिमाचल भाजपा सरकार ने गृहणी योजना से उसमें हज़ारों और बहनों को भी जोड़ दिया। केंद्र ने आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख तक के फ्री इलाज की सुविधा दी। हिमाचल मेंभाजपा सरकार ने हिमकेयर के तहत इसमें लाखों और साथियों को जोड़ दिया। केंद्र सरकार ने गरीब को पक्के घर देने की योजना शुरु की।

2014 से लेकर 2017 तक कांग्रेस की सरकार थी, याद रखना, ये होते हैं तो क्या होता है, मोदी दिल्ली में रहकर कितना ही करना चाहेगा। लेकिन अगर यहां कांग्रेस वाले बैठ गए तो कुछ भी नहीं होने देंगे।मोदी कितना भी कहे कि हिमाचल मेरा घर है... हिमाचल मेरा घर है..वो करने नहीं देंगे। ये मैं उदाहरण से बताता हूं आपको। 2014 से 2017 आपने मुझे बिठाया और यहां पर कांग्रेस की सरकार थी। हमारा निर्णय था कि हमें लोगों को पक्के घर देना है। जिसके पास पक्के घऱ नहीं हैं, उनको पक्के घर देना है। 2014 से 17 तीन साल, कांग्रेस की सरकार ने कितने घर बनाए हिमाचल में, पूरे हिमाचल में, पैसे भारत सरकार दे रही है, पैसे मोदी सरकार भेज रही है। हिमाचल में सिर्फ 15 घर बनाए 15, शर्म आए ऐसा काम है कि नहीं भाई, ये कांग्रेस का रिकॉर्ड देखो और बाद में जयरामजी की सरकार बनाई और दिल्ली से मैं भी लगा रहा। दोनों मिल गए तो 10 हजार घर गरीबों के लिए स्वीकृत हुए और 8 हजार घर बन गए, 8 हजार घर बन गए।

अब मुझे बताइए ये 15 घर बनाने वाले चाहिए या फिर 8000 घर बनाने वाले चाहिए। हिसाब समझ आता है न भाइयों। देखिए सबको सामाजिक सुरक्षा मिले, इसके लिए केंद्र सरकार ने पेंशन और बीमा की

योजना शुरु की।

हमने किसानों को, खेत मजदूरों को, छोटे दुकानदारों को 3 हज़ार रुपए की नियमित पेंशन मिलने का रास्ता बनाया। इस भावना को हिमाचल की भाजपा सरकार ने और आगे बढ़ाया। कांग्रेस की सरकार ने पेंशन की उम्र 80 वर्ष रखी थी, और उस पर भी कमाई की शर्त रखी कि इतनी कमाई होगी, 80 साल हो गए होंगे। भाजपा की हमारे सीनियर सिटीजन के प्रति कितना सम्मान का भाव है। हम भी 80 साल को आगे बढ़ा सकते थे। हमने 80 साल को आगे नहीं बढ़ाया। हमने कहा- नहीं, 60 साल के बाद सीनियर सिटीजनकी चिंता होनी चाहिए और हमने 60 साल की उम्र कर दी और कमाई की शर्तों को भी हटा दिया। इससे लाखों हमारे सीनियर सिटीजन्स को, जो कांग्रेस वाली सूची में नहीं थे, पेंशन मिलनी शुरू हो गई। इसी प्रकार पीएम किसान सम्मान निधि के तहत हर साल हज़ारों रुपए छोटे किसान के बैंक खाते में जमा करती है। अब हिमाचल भाजपा ने कहा है कि 8 दिसंबर के बाद जब फिर सरकार बनेगी तो, इसमें 3 हज़ार रुपए हिमाचल सरकार भी बढ़ाकर देगी। ये होता है विकास का डबल इंजन।

साथियों,

कांग्रेस ने अपने राज में कैसे हिमाचल को धोखा दिया है, इसका एक और उदाहरण मैं आपको देना चाहता हूं। जब केंद्र और हिमाचल में कांग्रेस की सरकार थी, वहां भी कांग्रेस, यहां भी कांग्रेस, तब इन्होंने क्या किया ? कांग्रेस ने तय किया कि हिमाचल को जो विकास के प्रोजेक्ट मिलते हैं, उसमें 100 में से 40 रुपए हिमाचल की जनता को देने ही होंगे। अगर 40 रुपये हिमाचल की जनता नहीं देगी, तो दिल्ली भी 60 रुपये नहीं देगी। काम लटकेगा, अटकेगा, भटकेगा।अब हिमाचल जैसा छोटा राज्य हर चीज में 40 रुपया कहां से लाएगा, यहां के हमारे पहाड़ी लोग, भले-भाले लोग, ईमानदारी से जीने वाले लोग, ये 40 रुपये कहां से लगाएंगे, सरकार की तिजोरी में ये पैसा आएगा कहां से, नतीजा यह हुआ कि हिमाचल में विकास की हर परियोजना ठप पड़ गई।

जब आपने मुझे दिल्ली भेजा, मुझे जिम्मेवारी दी, तो मैं तो हिमाचल से बहुत परिचित था। यहां क्या करेंगे तो हिमाचल का भला होगा, यहां क्या करेंगे तो हिमाचल के नौजवानों का भाग्य सुरक्षित होगा। ये मैं तो भलि-भांती जानता था। हमने क्या कर दिया, मैंने कहा मैं हिमाचल को जानता हूं, ये 40 रुपये वाला निकालो। अब 90 रुपया भारत सरकार देगी, सिर्फ 10 रुपया टोकन हिमाचल को देना होगा।

ये डबल इंजन की सरकार करती है भाइयों। तब हिमाचल आगे बढ़ता है। आज देखिए, 5 हज़ार करोड़, 10 हज़ार करोड़, 20 हज़ार करोड़ रुपए, ऐसे बड़े-बड़े प्रोजेक्ट हिमाचल को मिल रहे हैं। लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपए के तो सिर्फ नेशनल हाईवे से जुड़े प्रोजेक्ट आज हिमाचल में चल रहे हैं।आज पूरे हिमाचल में फोरलेन नेशनल हाईवे का काम चल रहा है।शिमला-बिलासपुर-हमीरपुर-मटौर हो,
पठानकोट-पालमपुर-गगल-मंडी हो, ये प्रोजेक्ट जब पूरे हो जाएंगे तो यहां आपके लिए सुविधा बढ़ेगी टूरिज्म बढ़ेगा।


भाइयों और बहनों, आज जब हम आने वाले 25 साल में विकसित भारत के निर्माण की बात करते हैं, तो उसमें हिमाचल के युवाओं की भी बड़ी भूमिका है। इसलिए हमारी डबल इंजन की सरकार युवाओं के लिए लगातार नए मौके बना रही है। अभी केंद्र सरकार ने 10 लाख नौकरी देने का अभियान चला रखा है। जैसे ही यहां भाजपा की सरकार बनेगी, हिमाचल में भी रोजगार मेलों का अभियान तेज किया जाएगा।

साथियों,

हिमाचल का औद्योगिक विकास भी यहां रोजगार के नए अवसर बना रहा है। आप भी देख रहे हैं कि अब बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क हिमाचल को मिल रहे हैं। हिमाचल देश के उन देश के उन 3-4 राज्यों में से है, जहां ये उद्योग लग रहे हैं। कॉमन सर्विस सेंटर ने यहां लोगों की सुविधाएं भी बढ़ाई हैं और युवाओं को रोजगार भी दिया है।अब भविष्य ऑप्टिल फाइबर के मजबूत नेटवर्क का है,
5 जी का है। हिमाचल के जीवन के हर क्षेत्र का कायाकल्प करने की क्षमता 5 जी में है।इससे दूर-दराज के गांवों में भी शहर के स्कूलों की तरह ही, अच्छी पढ़ाई सुलभ होगी। 5 जी से, घर बैठे ही शहर के बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों से जांच हो पाएगी। घर बैठे ही दवाएं मंगा पाएंगे।

साथियों,

हिमाचल को बने 75 साल हो रहे हैं। लेकिन लंबे समय तक यहां सिर्फ एक सरकारी यूनिवर्सिटी थी, 2 मेडिकल कॉलेज थे। इंजीनियरिंग और बिजनेस की पढ़ाई के लिए तो स्कोप ही नहीं था। कांग्रेस को इतने साल अवसर मिला, लेकिन कांग्रेस ने हिमाचल के युवाओं के लिए कोई काम नहीं किया। आज देखिए, हिमाचल में राज्य की 2 यूनिवर्सिटी हैं, एक केंद्रीय यूनिवर्सिटी है, टेक्निकल यूनिर्सिटी है, हाइड्रोइलेक्ट्रिक कॉलेज, ट्रिपल आईटी है, IIT में सुविधाओं का विस्तार हो रहा है, IIM है, AIIMS है, नए मेडिकल कॉलेज हैं। ऐसे अनेक संस्थान जो कभी हिमाचल का सपना होते थे, वो आज हकीकत बन चुके हैं।
ये काम किसने किया? ये डबल इंजन सरकार का काम है, जिसका लाभ हिमाचल के युवाओं की पूरी पीढ़ी को मिलने वाला है।

भाइयों और बहनों,

भाजपा, हिमाचल के युवाओं की आकांक्षाओं को समझती है, उनके लिए निरंतर काम कर रही है। हिमाचल के लिए भाजपा का जो संकल्प पत्र आया है, उसमें भी इस पर फोकस है। हैरिटेज टूरिज्म, जो हमारे ये मंदिर हैं, ये तीर्थ हैं, ये कितनी बड़ी ताकत हिमाचल के पास है। जब इनका विकास होगा, यहां सुविधाएं बढ़ेंगी तो टूरिज्म का कितना विस्तार होगा? इतने साल यहां कांग्रेस रही। क्या कांग्रेस ने हिमाचल की इस ताकत की बात की? नहीं की, क्योंकि उसे ना तो हिमाचल के युवाओं की चिंता है, ना ही हमारी आस्था के प्रति उनकी आस्था है।

साथियों,

हिमाचल को हमें भविष्य के लिए भी आज ही तैयार करना होगा।आज देश और दुनिया से कितने लोग हिमाचल वर्क फ्रॉम होम का लाभ लेने आ रहे हैं। ये अधिकतर आईटी से जुड़े साथी हैं।अगर हिमाचल में ही अलग-अलग क्षेत्रों में आइटी से जुड़े उद्यम लगें, तो कितना फायदा होगा? हिमाचल में रिसर्च और इनोवेशन के लिए बहुत स्कोप है।देश की राजधानी से निकट होने के कारण, यहां कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए बहुत संभावनाएं हैं।मुझे खुशी है कि हिमाचल भाजपा ने इस दिशा में भी संकल्प लिया है।

भाइयों और बहनों,

मैं आज आपको एक और बात याद दिलाना चाहता हूं। कांग्रेस की सरकार इतने दशकों तक रही। लेकिन सबसे अधिक उपेक्षित देश की महिलाएं थीं, बहनें-बेटियां थीं। आपने तो 2014 से पहले के वो दिन देखे हैं। आपने मुझे अपना बेटा समझकर आशीर्वाद दिया। मैंने भी ठान लिया कि पीढ़ियों से जो आपको समस्याएं आ रही हैं, उन्हें अब पूरे करके ही रहूंगा। इसलिए हम जन्म से लेकर उम्र के आखिरी पड़ाव तक महिलाओं की हर चुनौती को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। गर्भावस्था के दौरान शिशु को पौष्टिक खाना मिले इसके लिए हमने मातृवंदना योजना चलाई, महिलाओं के बैंक खाते में पैसे भेजने शुरू किए. शिशु का जन्म अस्पताल में हो, इसके लिए भी अभियान चलाया।nबेटी को कोख में ही ना समाप्त कर दिया जाए, इसके लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे जनआंदोलन शुरू किए। बेटी जब बड़ी होकर स्कूल जाने लगे, तो शौचालय ना होने की वजह से स्कूल ना छोड़े, इसके लिए करोड़ों शौचालय बनाए। बेटी की शिक्षा जारी रहे, इसके लिए सुकन्या समृद्धि योजना में इतना ज्यादा ब्याज दिया। बेटी बड़ी होकर कुछ अपना काम कर सके इसके लिए बिना गारंटी मांगे लोन देने वाली मुद्रा योजना हमनें शुरू की। बेटी अगर सैनिक स्कूल जाना चाहे, तो उसके लिए भी हमने सैनिक स्कूल के द्वार खोल दिए। बेटी अगर सेना में अफसर बनना चाहे तो तीनों सेनाओं में हमने बेटियों के लिए नए रास्ते बना दिए। बेटी को रसोई में लकड़ी का धुआं ना सहना पड़े, इसके लिए उज्जवला का गैस कनेक्शन दिया। बेटी को पानी के इंतजाम में परेशान ना होना पड़े, इसके लिए हमने हर घर पाइप से पानी देने की योजना शुरू की।

बेटी को अंधेरे में ना रहना पड़े, इसके लिए हमने सौभाग्य योजना से मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया। बेटी पैसे की कमी की वजह से अपनी बीमारी छिपाए नहीं, इसलिए हमने उसे आयुष्मान कार्ड की ताकत दी।बेटी का घर की संपत्ति पर भी अधिकार हो, इसके लिए पीएम आवास के घरों में उसे संयुक्त भागीदारी दी, बेटी के नाम पर मकान देने का निर्णय किया। माताओं-बहनों बेटियों के लिए ऐसे ही काम, ये डबल इंजन सरकार करती है, करती रहेगी और ज्यादा करना चाहती है, इसके लिए मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए। और इसलिए मैं देख रहा हूं, हिमाचल के राजनीतिक रिवाज को बदलने की जिम्मेदारी हमारी माताओं-बहनों ने ही उठाई हुई है। हमारी माताओं-बहनों ने मोर्चा संभाला है और जब माताओं-बहनों का आशीर्वाद मिल जाता है तो उसे कोई भी ताकत हिला नहीं सकती, भाइयों। आपके पास 2-3 दिन बचे हैं,12 तारीख को मतदान है। भारी संख्या में मतदान करोगे न... मतदान करोगे न...। सुबह-सुबह मतदान करने निकलोगे।  अच्छा अभी जो मैंने बातें बताई वो घर-घर जाकर बताओगे। जरा जोर से बोलो तो मुझे समझ आए। घर-घर जाकर बताओगे। हर घर जाकर के मिलोगे मतदाताओं से बात करोगे मेरा एक काम करोगे आप लोग करोगे...ऐसे नहीं...पूरी ताकत से आवाज आनी चाहिए करोगे...मेरा एक काम करोगे पक्का करोगे... देखिए घर-घर जाना है।जाकर के कहना है कि मोदीजी आए थे। समय के आभाव में आपके घर तक तो नहीं आ पाए लेकिन...मोदीजी ने आपको प्रणाम भेजा है मेरा इतना संदेश दे देंगे घर जाकर मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे उनके आशीर्वाद लेंगेभाइयों-बहनों ये आशीर्वाद ही नया रिवाज बनाएंगे, फिर भाजपा सरकार बनाएंगे।लोगों को ये ज़रूर बताएं कि 12 नवंबर को जब बूथ पर पहुंचे तो सिर्फ और सिर्फ कमल के फूल को देखें और कमल के फूल पर अपना वोट डालें। इसी एक अपेक्षा के साथ, मेरे साथ बोलिए

भारत माता की...


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भारत माता की...

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!