International Solar Alliance (ISA) has created a large platform in order to ensure climate justice, says PM Modi
Role being played by oil wells today will one day be played by sun rays: PM Modi at 1st assembly of ISA
We have decided to generate 40% of our electricity using non fossil fuel based resources by 2030: PM Modi
To fulfill the goals of Paris Agreement, we have started working on the action plan for the deployment of renewable energy: PM Modi
Along with Solar and Wind power, we are working fast on B3 i.e Biomass-Biofuel-Bioenergy: PM Modi at 1st assembly of ISA 

संयुक्‍त राष्‍ट्र के Secretary General, Excellency, Antonio Guterres, International Solar Alliance Assembly और Indian Ocean Rim Association, इन देशों से पधारे हुए सभी मंत्रीगण, केबिनेट के मेरे तमाम सहयोगी, उद्योग जगत के साथी, सम्‍मानीय अतिथिगण, विशेष रूप से नौजवान विद्यार्थी मित्र, देवियो और सज्‍जनों।

आज सुबह स्‍वच्‍छता से जुड़े एक महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम में  Excellency, Antonio Guterres के साथ मुझे हिस्‍सा लेने का अवसर मिला। आज से ही महात्‍मा गांधी की 150वीं जन्‍म जयंती के आयोजन भी देश और दुनिया में प्रारंभ हो रहे हैं। Green future के लिए हो रहे इस मंथन की शुरूआत के लिए आज के दिवस से उचित अवसर कोई और नहीं हो सकता है।

International Solar Alliance (ISA), और मैं चाहूंगा कि popularly वो आईसा शब्‍द हो जाएगा यानी आईसा असेंबली हो। Global renewable energy investment and Expo and a Re-invest की बैठक हो या India Ocean Rim Association Energy Meet हो, तीनों का बृहद लक्ष्‍य एक है- Green future के लिए Clean energy का विकल्‍प तैयार करना।

साथियो, पिछले 150-200 वर्षों में मानव जाति अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए धरती के नीचे दबे संसाधनों पर ही ज्‍यादा निर्भर रही है। हमारी प्रकृति ने कैसे इसका विरोध किया है और आज भी कर रही है, ये हम सब देख रहे हैं। प्रकृति हमें लगातार संदेश दे रही है कि जमीन के ऊपर मौजूद ऊर्जा चाहे सूर्य में हो, वायु में हो या पानी में, यही बेहतर और सुरक्षित भविष्‍य का समाधान है।

मुझे खुशी है कि आज हम, हम सभी प्रकृत्ति से मिल रहे इस संदेश पर मंथन के लिए एकजुट हुए हैं। साथियों, मुझे याद है तीन वर्ष पहले re-invest की पहली मीटिंग में मैंने renewable energy के क्षेत्र में मेगावाट से गीगावॉट की तरफ भारत की यात्रा का संकल्‍प हमारे देशवासियों के सामने रखा था। तब मैंने ये स्‍पष्‍ट किया था कि Solar और green energy का लाभ तभी मिल पाएगा अगर ये सस्‍ती होगी और सुलभ होगी। और इसके लिए मैंने Solar resource reach countries का एक common platform बनाने का भी प्रस्‍ताव सामने रखा था। मुझे प्रसन्‍नता है कि हमें बहुत ही कम समय में इन योजनाओं को आगे बढ़ाने में अभूतपूर्व सफलता मिली है।

साथियों, आज International Solar Alliance दुनिया के लिए उम्‍मीद की एक बड़ी किरण बनकर सामने आया है। तीन वर्षों के भीतर ये संगठन एक treaty based inter governmental organization  बन चुका है। सवा सौ करोड़ भारतीयों को इस बात की भी खुशी है कि ISA का हेडक्‍वार्टर भारत में ही है। ये ISA के प्रति अपनत्‍व को और बढ़ाता है।

मुझे लगता है जब भी भविष्‍य में 21वीं सदी में स्‍थापित मानव कल्‍याण के बड़े संगठनों की चर्चा होगी तो ISA का नाम उसमें सबसे ऊपर होगा। ISA के तौर पर हम सभी ने climate justice को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बहुत बड़ा मंच तैयार किया है। आने वाली पीढ़ियों को मानवता से जुड़ा बहुत बड़ा उपहार हम सबने मिल करके दिया है।

साथियो, मेरा हमेशा से ये मानना रहा है कि दुनिया की ऊर्जा आवश्‍यकताओं की पूर्ति के लिए जो भूमिका आज OPEC निभा रहा है, वही भूमिका आने वाले समय में International Solar Alliance(आईसा) की होने वाली है। जो रोल आज तेल के कुंओं का है, वही रोल भविष्‍य में सूर्य की किरणों का होने वाला है। आज आईसा का ये initiative जहां पहुंचा है, इसमें सक्रिय सहयोग के लिए मैं United Nations का विशेष तौर पर आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

पेरिस में हुए ISA के launch कार्यक्रम में तब के महासचिव Excellency, Ban Ki-moon का मौजूद रहना और आज के कार्यक्रम में Excellency, Antonio Guterres का शामिल होना, ये इस बात को दिखाता है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र इस मंच को कितना महत्‍व देता है। मैं इस मौके पर फ्रांस के राष्‍ट्रपति का, उसकी सरकार का भी उनके सहयोग और समर्थन के लिए हृदयपूर्वक आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

साथियो, ISA की इस पहली assembly में 40 देशों के प्रतिनिधि मौजूद हैं। लेकिन अब हमें उस दिशा की तरफ आगे बढ़ना है जब सौर ऊर्जा के ये विकल्‍प सिर्फ Cancer और Capricorn के इर्द-गिर्द बसे सिर्फ सवा सौ देशों तक सीमित न रहें बल्कि पूरी दुनिया को इसका लाभ मिले। Universal  cooperation on solar energy की भावना के तहत भारत ISA की assembly में यूनियन के सभी सदस्‍य देशों को membership का प्रस्‍ताव रखने वाला है।

सा‍थियो, भारत India Ocean Rim Association का अहम सदस्‍य होने के नाते इस संगठन को बहुत महत्‍व देता है। हमारी ऊर्जा संबंधी चुनौतियां एक जैसी हैं। इसलिए अपनी energy security को देखते हुए renewable energy पर हमें मिलकर बल देना है।

मैं पहले भी SAGAR यानि security and growth for all in the region की भावना को सामने रख चुका हूं। मुझे विश्‍वास है कि इस बैठक से सहयोग के नए द्वार खुलेंगे।

साथियो, renewable energy के बढ़ते उपयोग का भारत में असर दिखने लगा है। पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्‍यों को पूरा करने के लिए renewable energy की deployment के action plant पर काम हम शुरू कर चुके हैं। हमने तय किया है कि साल 2030 तक हमारी 40 प्रतिशत बिजली की क्षमता non fossil fuel based संसाधन से पैदा हो। इसी लक्ष्‍य के तहत बीते चार वर्षों में भारत ने  renewable energy की अपनी क्षमता को 72 गीगावॉट यानी दोगुना किया है। इसमें भी solar energy की capacity में 9 गुना की बढ़ोत्‍तरी हुई है।  आज जितनी बिजली का उत्‍पादन हम करते हैं उसका 20% हिस्‍सा non hydro renewable का है। इतना ही नहीं, करीब-करीब 50 गीगावॉट की क्षमता बहुत जल्‍द इसमें और जुड़ने वाली है। ये साफ संकेत है कि वर्ष 2022 तक 175 गीगावॉटrenewable energy  उत्‍पादन का लक्ष्‍य जो हम लोगों ने रखा है, उस रास्‍ते पर हम सफलता के साथ आगे बढ़ रहे हैं और उसको हम करके रहेंगे।

साथियो, आज भारत poverty to power, इन नए आत्‍मविश्‍वास के साथ विकास की गति को तेज कर रहा है। इस नए आत्‍मविश्‍वास को शक्ति देने के लिए भी हमने उसको चुना है जो हजारों वर्षों से हमारी शक्ति का स्रोत रहा है, ऊर्जा का भंडार रहा है। ये भंडार है सूर्य का जिसको हम भारत के लोग सूर्यदेव के रूप में भी पूजा करते हैं।

साथियों, सूर्य हमारे लिए प्रकाश के देवता हैं, ऊर्जा के देवता हैं। हमारे यहां मान्‍यता है कि सूर्य सम्‍पूर्ण सृष्टि के गतिदाता हैं। ओम सूर्याय नम: के मंत्र से और सूर्य की पहली किरण को अर्ध्‍य देने से दिन की शुरूआत की हमारे यहां समाज जीवन में सहज परम्‍परा है। वेद से ले करके योग तक सूर्य हमारे चिंतन, हमारी उपासना, हमारी आं‍तरिक ऊर्जा का स्रोत रहा है। अब इस आं‍तरिक ऊर्जा को आधुनिक विज्ञान की शक्ति के साथ हम बाहरी ऊर्जा के समाधान में बदलने के लिए कटिबद्ध हैं, प्रतिबद्ध हैं।

साथियो, Solar power के क्षेत्र में भारत बहुत तेज गति से काम कर रहा है। बीते चार वर्षों के दौरान Solar power बहुत सस्‍ती हुई है, जिससे अनेक गरीबों को बिजली से जोड़ने का हमारा लक्ष्‍य तेजी से संभव हो पाया है। घर-घर रोशनी पहुंचाने के हमारे लक्ष्‍य में panel to power और Make in India बहुत महत्‍वपूर्ण पड़ाव हैं। मुझे खुशी है कि पिछले चार वर्षों में renewable energy के क्षेत्र में भारत दुनिया का सबसे पसंदीदा destination बनकर आज उभरा है। करीब 42 अरब का निवेश इस दौरान हुआ है।

साथियों, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आ रहे ये बदलाव सिर्फ विदेशी निवेश ही नहीं बल्कि हमारे अपने उद्यमियों के लिए भी एक अभूतपूर्व अवसर है। हमारी कोशिश है कि देश में ही Solar panel manufacturing का एक मजबूत eco system बने। Renewable energy  के सेक्‍टर में निवेश का ये सबसे उपयुक्‍त समय है। आने वाले चार वर्षों में इस सेक्‍टर में करीब 70 से 80 अरब डॉलर के business की संभावनाएं मैं देख रहा हूं।

साथियों, power generation के साथ-साथ power storage भी बहुत महत्‍वपूर्ण है और इसके लिए जरूरी infrastructure तैयार करने के लिए National energy storage mission पर काम किया जा रहा है। इस मिशन के तहत सरकार demand creation, indigenous manufacturing, innovation और energy storage की क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी policy support पर बल दे रही है।

KUSAM यानि किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्‍थान महाअभियान के माध्‍यम से गांव में खेत में ही Solar panel लगाने और उन्‍हें grid से जोड़ने की व्‍यवस्‍था की जा रही है। आने वाले चार वर्षों में देशभर में करीब 28 लाख solar pump लगाए जाने वाले हैं। इससे करीब 10 गीगावॉट की क्षमता विकसित करने का लक्ष्‍य रखा गया है।

साथियो, Solar और wind power के साथ-साथ हम B-3 यानी biomass, bio fuel, bio energy पर भी तेजी से काम कर रहे हैं। भारत में transport system को clean fuel based बनाने की तरफ गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। बायोगैस से बायो फ्यूल बनाकर हम इस चुनौती को अवसर में बदल रहे हैं। हमने गोबरधन, एक बहुत बड़ी योजना इसके लिए प्रस्‍तुत की है। Waste to energy को लेकर गांव-गांव, शहर-शहर में अनेक नवीन प्रयोग हो रहे हैं।

साथियों, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए renewable energy पर तो काम हो ही रहा है, बिजली की बचत हो ये भी हमारी प्राथमिकताओं में से है। उजाला स्‍कीम के तहत देश के घरों, गलियों और सड़कों को LED bulb से रोशन करने का सबसे बड़ा अभियान आज भारत के हर कोने में चल रहा है। इसके तहत अब तक करीब 31 करोड़ LED bulb बांटे गए हैं। ये 31 करोड़ LED bulb बहुत बड़ा आंकड़ा होता है, जिससे हर वर्ष करीब 40 हजार मिलियन किलोवॉट आवर बिजली की बचत हो रही है। कोई कल्‍पना कर सकता है कितना बड़ा है। इतना ही नहीं इससे देशवासियों का बिजली के बिल में हर वर्ष करीब-करीब 16 हजार करोड़ रुपयों की बचत हुई है और बड़ी मात्रा में कार्बन डाईऑक्‍साडड के generation को हमने रोका है।

और फिर मैं कहना चाहूंगा, ये तो अभी शुरूआत ही है। आने वाला समय और अनेक अवसरों से भरा हुआ है। आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें climate justice से जुड़े हर अवसर की संभावनाओं को तलाशना है और सफलता प्राप्‍त करके ही रहना है।

मुझे विश्‍वास है कि आने वाले तीन दिनों में इन अवसरों पर विस्‍तार से आप सभी महानुभाव चर्चा करेंगे और renewable future को और प्रकाशित, प्रसाधित करने में योगदान देंगे।

मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं कि आपका हर सुझाव, हर innovative idea हमारे लिए बहुत महत्‍वपूर्ण होगा। और इसलिए अब खुल करके Human Resource Development हो, technology up gradation हो, नए-नए दुनिया के देशों में छोटे-छोटे  लोगों ने प्रयोग किए हों, इन सारी बातों को हम एक बार सामने लाएंगे और मुझे विश्‍वास है कि हम इस मिशन को पूरा कर सकते हैं। और हम दुनिया के सामने आर्थिक जगत की दुनिया में globalization की चर्चा हुई, technology ने दुनिया को बहुत निकट ला दिया। हम भी एक dream ले करके चले कि एक दुनिया, एक सूरज, एक grid. One World, One Sun, One Grid.

अगर इस मिशन को पार करेंगे, आप कल्‍पना कर सकते हैं कि जहां सूर्योदय होता है, वहां से चालू करें तो सूर्यास्‍त तक ये Grid बनी रहे तो चौबीसों घंटे सूरज से बिजली निकल सकती है। आज तो हमारे देश में जितने घंटे सूरज है उसी की हम सोचते हैं लेकिन One World, One Sun, One Grid, इस सपने को ले करके हम चलेंगे तो कभी भी, कहीं पर भी जब तक सूरज ढलता नहीं है, बिजली पाना असंभव नहीं होगा और सूरज कहीं न कहीं तो होता ही है, कभी ढलता नहीं है तो फिर बिजली का प्रवाह क्‍यों बंद होगा। 

एक नए तरीके से, नए सिरे से सोचने की आवश्‍यकता है। और मुझे विश्‍वास है कि ISA के इस महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम के अवसर पर हम जरूर एक नए विश्‍वास के साथ, नए विचारों के साथ, नई ऊर्जा के साथ, नए संकल्‍प के साथ, एक नए विश्‍व के निर्माण में अपनी एक अहम भूमिका निभाने के लिए आगे बढ़ेंगे।

एक बार फिर भारत आने के लिए, यहां आ करके इस महत्‍वपूर्ण अवसर पर शरीक होने के लिए मैं दुनिया के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य में अपनी सहभागिता के लिए आप सभी का बहुत-बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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The National Games are a celebration of India's incredible sporting talent: PM Modi in Dehradun
January 28, 2025
It is a celebration of India's incredible sporting talent and showcases the spirit of athletes from across the country: PM
We consider sports as a key driver for India's holistic development: PM
We are creating more and more opportunities for our athletes so they can enhance their potential to the fullest: PM
India is making a strong push to host the 2036 Olympics: PM
The National Games is more than just a sporting event, It is a great platform to showcase the spirit of 'Ek Bharat, Shreshtha Bharat,’ It is a celebration of India's rich diversity and unity: PM

भारत माता की जय!

देवभूमि उत्तराखंड के गवर्नर गुरमीत सिंह जी, युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी, मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी अजय टम्टा जी, रक्षा खडसे जी, उत्तराखंड असेंबली की स्पीकर रितु खंडूरी जी, स्पोर्ट्स मिनिस्टर रेखा आर्य जी, कॉमनवेल्थ गेम्स के प्रेसिडेंट क्रिस जेनकिंस जी, IOA की प्रेसिडेंट पी.टी. ऊषा जी, सांसद महेंद्र भट्ट जी, राष्ट्रीय खेलों में शामिल होने आए देशभर के सभी खिलाड़ी, अन्य महानुभाव!

देवभूमि आज युवा ऊर्जा से और दिव्य हो उठी है। बाबा केदार, बद्रीनाथ जी, मां गंगा के शुभाशीष के साथ, आज नेशनल गेम्स शुरु हो रहे हैं। ये वर्ष उत्तराखंड के निर्माण का 25वां वर्ष है। इस युवा राज्य में, देश के कोने-कोने से आए हजारों युवा अपना सामर्थ्य दिखाने वाले हैं। एक भारत-श्रेष्ठ भारत की बड़ी सुंदर तस्वीर यहां दिख रही है। नेशनल गेम्स में इस बार भी कई देसी पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है। इस बार के नेशनल गेम्स, एक प्रकार से ग्रीन गेम्स भी हैं। इसमें environment friendly चीजों का काफी इस्तेमाल हो रहा है। नेशनल गेम्स में मिलने वाले सभी मेडल और ट्रॉफियां भी ई-वेस्ट से बनी हैं। मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के नाम पर यहां एक पौधा भी लगाया जाएगा। ये बहुत ही अच्छी पहल है। मैं सभी खिलाड़ियों को, बेहतरीन प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं देता हूं। मैं धामी जी और उनकी पूरी टीम को, उत्तराखंड के हर नागरिक को इस शानदार आयोजन के लिए बधाई देता हूं।

साथियों,

हम अक्सर सुनते हैं, सोना तप कर खरा होता है। हम खिलाड़ियों के लिए भी ज्यादा से ज्यादा मौके बना रहे हैं, ताकि वे अपने सामर्थ्य को और निखार सकें। आज साल भर में कई टूर्नामेंट्स आयोजित किए जा रहे हैं। खेलो इंडिया सीरीज में कई सारे नए टूर्नामेंट्स जोड़े गए हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स की वजह से यंग प्लेयर्स को आगे बढ़ने का मौका मिला है यूनिवर्सिटी गेम्स, यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को नए अवसर दे रहे हैं। खेलो इंडिया पैरा गेम्स से पैरा एथलीट्स की परफॉर्मेंस नए-नए अचीवमेंट कर रही है। अभी कुछ दिन पहले ही लद्दाख में खेलो इंडिया विंटर गेम्स का पांचवां एडिशन शुरू हो चुका है। पिछले साल ही हमने बीच गेम्स का आयोजन किया था।

और साथियों,

ऐसा नहीं है कि ये सारे काम सिर्फ सरकार ही करा रही है। आज भाजपा के सैकड़ों सांसद नए टैलेंट को आगे लाने के लिए अपने क्षेत्रों में सांसद खेल कूद स्पर्धा करा रहे हैं। मैं भी काशी का सांसद हूं, अगर मैं सिर्फ अपने संसदीय क्षेत्र की बात करूं, तो सांसद खेल प्रतियोगिता में हर साल काशी संसदीय क्षेत्र में करीब ढाई लाख युवाओं को खेलने का, खिलने का मौका मिल रहा है। यानि देश में खेलों का एक खूबसूरत गुलदस्ता तैयार हो गया है, जिसमें हर सीजन में फूल खिलते हैं, लगातार टूर्नामेंट होते हैं।

साथियों,

हम स्पोर्ट्स को भारत के सर्वांगीण विकास का एक प्रमुख माध्यम मानते हैं। जब कोई देश स्पोर्ट्स में आगे बढता है, तो देश की साख भी बढ़ती है, देश का प्रोफाइल भी बढ़ता है। इसलिए, आज स्पोर्ट्स को भारत के विकास से जोड़ा जा रहा है। हम इसे भारत के युवाओं के आत्मविश्वास से जोड़ रहे हैं। आज भारत, दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनने की ओर अग्रसर है, इसमें स्पोर्ट्स इकोनॉमी का बड़ा हिस्सा हो, ये हमारा प्रयास है। आप जानते हैं, किसी स्पोर्ट्स में सिर्फ एक खिलाड़ी ही नहीं खेलता, उसके पीछे एक पूरा इकोसिस्टम होता है। कोच होते हैं, ट्रेनर होते हैं, न्यूट्रिशन और फिटनेस पर ध्यान देने वाले लोग होते हैं, डॉक्टर होते हैं, इक्विपमेंट्स होते हैं। यानि इसमें सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग, दोनों के लिए स्कोप होता है। ये जो अलग-अलग स्पोर्ट्स का सामान पूरी दुनिया के खिलाड़ी यूज़ करते हैं, भारत उनका क्वालिटी मैन्युफेक्चरर बन रहा है। यहां से मेरठ ज्यादा दूर नहीं है। वहां स्पोर्ट्स का सामान बनाने वाली, 35 हज़ार से ज्यादा छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां हैं। इनमें तीन लाख से अधिक लोग काम कर रहे हैं। ये इकोसिस्टम देश के कोने-कोने में बने, आज देश इसके लिए काम कर रहा है।

साथियों,

कुछ समय पहले मुझे दिल्ली में अपने आवास पर ओलंपिक्स टीम से मिलने का अवसर मिला। बातचीत के दौरान एक साथी ने, पीएम की नई परिभाषा बताई थी। उन्होंने कहा कि देश के खिलाड़ी मुझे पीएम यानि प्राइम मिनिस्टर नहीं, बल्कि परम मित्र मानते हैं। आपका ये विश्वास ही मुझे ऊर्जा देता है। मेरा आप सभी के टैलेंट पर, आपके सामर्थ्य पर पूरा भरोसा है, हमारी पूरी कोशिश है, आपका सामर्थ्य बढ़े, आपके खेल में और निखार आए। बीते 10 सालों में देखिए, आपके टैलेंट को सपोर्ट करने पर हमने निरंतर फोकस किया है। 10 साल पहले स्पोर्ट्स का जो बजट था, वो आज तीन गुना से ज्यादा हो चुका है। TOPS स्कीम के तहत ही देश के दर्जनों खिलाड़ियों पर सैकड़ों करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। खेलो इंडिया प्रोग्राम के तहत देशभर में आधुनिक स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। आज स्कूल में भी स्पोर्ट्स को मेनस्ट्रीम किया गया है। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी मणिपुर में बन रही है।

साथियों,

सरकार के इन प्रयासों का नतीजा हम ग्राउंड पर देख रहे हैं, मेडल टैली में दिखाई दे रहे हैं। आज हर इंटरनेशनल इवेंट में भारतीय खिलाड़ी अपना परचम लहरा रहे हैं। ओलंपिक्स और पैरालंपिक्स में, हमारे खिलाड़ियों ने कितना अच्छा प्रदर्शन किया है। उत्तराखंड से भी कितने ही खिलाड़ियों ने मेडल जीते हैं। मुझे खुशी है कि बहुत से मेडल विनर आज आपका हौसला बढ़ाने के लिए यहां इस वेन्यू पर भी आए हैं।

साथियों,

हॉकी में पुराने गौरवशाली दिन वापस लौट रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही हमारी खो-खो टीम ने वर्ल्ड कप जीता है। हमारे गुकेश डी. ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीता, तो दुनिया हैरान रह गई। कोनेरू हम्पी, महिला विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन बनीं, ये सफलता दिखाती है कि भारत में कैसे स्पोर्ट्स अब सिर्फ Extra-Curricular Activity नहीं रह गया है। अब हमारे युवा Sports को प्रमुख Career Choice मानकर काम कर रहे हैं।

साथियों,

जैसे हमारे खिलाड़ी हमेशा बड़े लक्ष्य लेकर चलते हैं, वैसे ही, हमारा देश भी बड़े संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। आप सभी जानते हैं कि भारत, 2036 ओलंपिक्स की मेज़बानी के लिए पूरा ज़ोर लगा रहा है। जब भारत में ओलंपिक होगा, तो वो भारत के स्पोर्ट्स को एक नए आसमान पर ले जाएगा। ओलंपिक्स सिर्फ एक खेल का आयोजन भर नहीं होता, दुनिया के जिन देशों में भी ओलंपिक्स होता है, वहां अनेक सेक्टर्स को गति मिलती है। ओलंपिक्स के लिए जो स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है, उससे भी रोजगार बनता है। भविष्य में खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं बनती हैं। जिस शहर में ओलंपिक होता है, वहां नया कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है। इससे कंस्ट्रक्शन से जुड़ी इंडस्ट्री को बल मिलता है, ट्रांसपोर्ट से जुड़ा सेक्टर आगे बढ़ता है। और सबसे बड़ा फायदा तो देश के टूरिज्म को मिलता है। अनेकों नए होटल बनते हैं, दुनिया भर से लोग ओलंपिक्स में हिस्सा लेने और गेम्स देखने आते हैं। इसका पूरे देश को फायदा होता है। जैसे ये नेशनल गेम्स का आयोजन, यहां देवभूमि उत्तराखंड में हो रहा है। यहां जो दर्शक, देश के दूसरे हिस्से से आएंगे, वो उत्तराखंड के दूसरे हिस्सों में भी जाएंगे। यानि स्पोर्ट्स के एक इवेंट से सिर्फ खिलाड़ियों को ही फायदा नहीं होता, बल्कि बहुत से अन्य सेक्टर्स की इकोनॉमी भी इससे ग्रो करती है।

साथियों,

आज दुनिया कह रही है, 21वीं सदी भारत की सदी है। और यहां बाबा केदार के दर्शन के बाद मेरे मुंह से, मेरे दिल से अचानक ही निकला था- ये उत्तराखंड का दशक है। मुझे खुशी है कि उत्तराखंड तेज़ी से प्रगति कर रहा है। कल ही उत्तराखंड देश का ऐसा राज्य बना है, जिसने यूनिफॉर्म सिविल कोड, समान नागरिक संहिता लागू की, मैं कभी-कभी इसे सेक्‍युलर सिविल कोड भी कहता हूं। समान नागरिक संहिता, हमारी बेटियाँ, माताओं-बहनों के गरिमापूर्ण जीवन का आधार बनेगी। यूनिफॉर्म सिविल कोड से लोकतंत्र की स्पिरिट को मजबूती मिलेगी, संविधान की भावना मजबूत होगी। और मैं आज यहां स्पोर्ट्स के इस इवेंट में हूं, तो इसे मैं आपसे जोड़कर भी देखता हूं। स्पोर्ट्स-मैन-शिप हमें भेदभाव की हर भावना से दूर करती है, हर जीत, हर मेडल के पीछे का मंत्र होता है- सबका प्रयास। स्पोर्ट्स से हमें टीम भावना के साथ खेलने की प्रेरणा मिलती है। यही भावना यूनिफॉर्म सिविल कोड की भी है। किसी से भेदभाव नहीं, हर कोई बराबर। मैं उत्तराखंड की भाजपा सरकार को इस ऐतिहासिक कदम के लिए बधाई देता हूं।

साथियों,

उत्तराखंड में पहली बार, इतने बड़े पैमाने पर इस तरह के नेशनल इवेंट का आयोजन हो रहा है। ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है। इससे यहां रोजगार के भी ज्यादा अवसर बनेंगे, यहां के युवाओं को यहीं पर काम मिलेगा। उत्तराखंड को अपने विकास के लिए और भी नए रास्ते बनाने ही होंगे। अब जैसे उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था सिर्फ चार धाम यात्राओं पर निर्भर नहीं रह सकती। सरकार आज सुविधाएं बढ़ाकर इन यात्राओं का आकर्षण लगातार बढ़ा रही है। हर सीजन में श्रद्धालुओं की संख्या भी नए रिकॉर्ड बना रही है। लेकिन इतना काफी नहीं है। उत्तराखंड में शीतकालीन आध्यात्मिक यात्राओं को भी प्रोत्साहित करना जरूरी है। मुझे खुशी है कि इस दिशा में भी उत्तराखंड में कुछ नए कदम उठाए गए हैं।

साथियों,

उत्तराखंड एक प्रकार से मेरा दूसरा घर है। मेरी भी इच्छा है कि मैं शीतकालीन यात्राओं का हिस्सा बनूं। मैं देशभर के युवाओं से भी कहूंगा कि सर्दियों में जरूर उत्तराखंड आएं। तब यहां श्रद्धालुओं की संख्या भी उतनी नहीं होती। आपके लिए एडवेंचर से जुड़ी एक्टिविटीज़ की बहुत संभावना यहां पर है। आप सभी एथलीट्स भी नेशनल गेम्स के बाद इनके बारे में जरूर पता करिएगा और हो सके तो देवभूमि के आतिथ्य का और ज्यादा दिनों तक आनंद उठाइएगा।

साथियों,

आप सभी अपने-अपने राज्यों को रिप्रज़ेंट करते हैं। आने वाले दिनों में आप यहां कड़ी स्पर्धा करेंगे। अनेक नेशनल रिकॉर्ड टूटेंगे, नए रिकॉर्ड बनेंगे। आप पूरे सामर्थ्य के अनुसार अपना शत-प्रतिशत देंगे, लेकिन मेरा आपसे कुछ आग्रह भी हैं। ये नेशनल गेम्स सिर्फ खेल की ही स्पर्धा नहीं है, ये एक भारत श्रेष्ठ भारत का भी एक मजबूत मंच है। ये भारत की विविधता को सेलिब्रेट करने का आयोजन है। आप कोशिश करें, आपके मेडल में, भारत की एकता और श्रेष्ठता की चमक भी नजर आए। आप यहां से देश के अलग-अलग राज्यों की भाषा, खान-पान, गीत-संगीत की बेहतर जानकारी लेकर जाएं। मेरा एक आग्रह स्वच्छता को लेकर भी है। देवभूमि के निवासियों के प्रयासों से उत्तराखंड प्लास्टिक मुक्त बनने की दिशा में काफी मेहनत कर रहा है, आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है। प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड का संकल्प, आपके सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता। इस अभियान को सफल बनाने में जरूर अपना योगदान दें।

साथियों,

आप सभी फिटनेस का महत्व समझते हैं। इसलिए मैं आज एक ऐसी चुनौती की बात भी करना चाहता हूं, जो बहुत जरूरी है। आंकड़े कहते हैं कि हमारे देश में Obesity की, मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। देश का हर एज ग्रुप, और य़ुवा भी इससे बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। और ये चिंता की बात इसलिए भी है, क्योंकि Obesity, मोटापे की वजह से Diabetes, Heart disease जैसी बीमारियों का रिस्क बढ़ रहा है। मुझे संतोष है कि आज देश Fit India Movement के माध्यम से फिटनेस और Healthy Lifestyle के लिए जागरूक हो रहा है। ये नेशनल गेम्स भी, हमें ये सिखाते हैं कि Physical Activity, Discipline और Balanced Life कितनी जरूरी है। आज मैं देशवासियों से कहूंगा, दो चीजों पर जरूर फोकस करें। ये दो चीजें, Exercise और Diet से जुड़ी हैं। हर दिन, थोड़ा सा समय निकालकर एक्सरसाइज जरूर करिए। टहलने से लेकर वर्क-आउट करने तक, जो भी संभव हो अवश्य कीजिए। दूसरा ये कि अपनी Diet पर फोकस कीजिए। Balanced Intake पर आपका फोकस हो और खाना न्यूट्रिशियस हो, पौष्टिक हो।

एक और चीज हो सकती है। अपने खाने में अन-हेल्दी फैट, तेल को थोड़ा कम करें। अब जैसे हमारे सामान्य घरों में, महीने की शुरुआत में राशन आता है। अब तक अगर आप हर महीने दो लीटर खाने का तेल घर लाते थे, तो इसमें कम से कम 10 प्रतिशत की कटौती करिए। हम हर दिन जितना तेल यूज करते हैं, उसको 10 परसेंट कम करें। ये Obesity से बचने के कुछ रास्ते हमें खोजने पड़ेंगे। ऐसे छोटे-छोटे कदम उठाने से आपकी हेल्थ में बहुत बड़ा चेंज आ सकता है। और यही तो हमारे बड़े-बुजुर्ग करते थे। वो ताजी चीजें, नैचुरल चीजें, Balanced Meals खाते थे। एक स्वस्थ तन ही, स्वस्थ मन और स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। मैं राज्य सरकारों, स्कूलों, ऑफिसों और Community Leaders से भी कहूंगा कि वो इसे लेकर जागरूकता फैलाएं, आप सभी को तो बहुत सारा प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस है। मैं चाहता हूं कि आप सही Nutrition की जानकारी निरंतर लोगों तक पहुंचाएं। आइए, हम सब मिलकर एक ‘फिट इंडिया’ बनाएं, इसी आह्वान के साथ।

साथियों,

वैसे मेरा दायित्व होता है नेशनल गेम्स की शुरुआत करवाने का, लेकिन मैं आज आप सबको जोड़कर करना चाहता हूं। तो इस गेम्‍स के शुभारंभ के लिए आप अपने मोबाइल के फ्लैश लाइट चालू कीजिए, आप सब। आप सब अपने मोबाइल के फ्लैश लाइट चालू कीजिए। सबके-सबके मोबाइल के फ्लैश लाइट चालू हों, आप सबके मोबाइल के फ्लैश लाइट चालू हों। आप सबके साथ मिलकर मैं 38वें नेशनल गेम्स की शुरुआत की घोषणा करता हूं। एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद !