ભાજપ સરકારે ઝારખંડના દરેક ગરીબનું ઘર બનવું જોઈએ અને ખોરાક LPGમાં બનવો જોઈએ તેવો નિર્ધાર કર્યો છે. તેમને 2 સીલીન્ડર વિનામૂલ્યે આપવામાં આવ્યા છે: વડાપ્રધાન મોદી #UjjwalaYojna
આ ભાજપ સરકાર છે, તેને લીધે વર્ષોથી ઝારખંડમાં પાણીની યોજનાઓ લટકી પડી હતી તેને ફરીથી શરુ કરવામાં આવી છે: બારહીમાં કહેતા વડાપ્રધાન મોદી
બોકારોમાં વડાપ્રધાન મોદીએ કહ્યું કે ભાજપ સરકારે નક્સલ મુક્ત રાજ્યના પ્રયાસો કર્યા

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, सबको नमस्कार, मां छिन्नमस्तिके और मां भद्रकाली का मैं शीष झुका के वंदन करता हूं।

भाइयो-बहनो, इस धरती ने भगवान बिरसा मुंडा से लेकर जय प्रकाश नारायण और अटल बिहारी वाजपेयी तक अनेक राष्ट्रनायकों की तपस्या को बल दिया है। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आपातकाल तक यहां की धरती ने इन महानायकों को करीब से देखा है, इसी धरती ने देश को बाबू राम नारायण सिंह जैसा सेनानी भी दिया, जिन्होंने संविधान निर्माण में तो अपना योगदान दिया ही, एक देश एक विधान के लिए समर्पण भाव से काम किया। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ मिलकर उन्होंने जम्मू कश्मीर में अलग प्रधान, अलग संविधान को खत्म करने के लिए संघर्ष किया। मुझे खुशी है उनकी भावना के अनुरूप आज जम्मू कश्मीर में भारतीय संविधान पूरी तरह से लागू हो चुका है।

साथियो, हजारीबाग के ही बाबू राम नारायण सिंह उन गिने-चुने लोगों में से थे जिनको कांग्रेस का छल-कपट आजादी के समय ही उनको भलीभांति अंदाज लग गया था कि अब कांग्रेस किस दिशा में जा रही है, कैसा बर्बादी का रास्ता उसने चुन लिया है, वो उन शुरुआती लोगों में से थे जिन्होंने कांग्रेस की वोट बैंक की पॉलिटिक्स पर राजनीति के लिए राष्ट्रनीति को दांव पर लगाने के उनके तौर-तरीकों को चुनौती दी थी, सवाल उठाए थे, ललकारा था। छह-सात दशक पहले ही हजारीबाग के इस सपूत ने साफ कह दिया था कि कांग्रेस भारत में भ्रष्टाचार के दल-दल को जन्म देने वाली है, 70 साल पहले कहा था। उन जैसे दूरदर्शी व्यक्तित्व की हर बात आज हम सही होती हुई हमारी आंखों के सामने देख रहे हैं। भाइयो-बहनो, मैं देख रहा हूं जितने लोग सभा में हैं पूरे रास्ते में उतने ही लोग चल कर आ रहे हैं। इतना बड़ा विशाल जनसागर झारखंड की जनता का मिजाज क्या है इसके भलीभांति दर्शन कराता है। यहां के लोगों के दिल में विकास के प्रति कितना विश्वास है ये आज मैं इस जनसागर में देख रहा हूं और मुझे झारखंड में जहां-जहां जाना पड़ा, जहां-जहां जाने का मौका मिला, हर सभा पहले की सारी सभाओं के रिकॉर्ड तोड़ रही है, आज आपने पुरानी सभी सभाओं के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और आप सबने खड़े हो कर जो मुझे आशीर्वाद दिए, जो सम्मान दिया इसके लिए मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभारी हूं। साथियो, देश राजनीतिक स्थिरता को लेकर क्या सोच रहा है और इसके लिए भाजपा पर कितना विश्वास आज देश को है उसका उदाहरण आज ही देश के सामने आया है। साउथ में, दक्षिण भारत में कुछ लोग कहते हैं जहां भाजपा कमजोर है

आज ही कर्नाटक में उपचुनाव के परिणाम आ रहे हैं और इस चुनाव में कर्नाटक में वहां की जनता का द्रोह करने वालों का जनता ने जो मैंडेट दिया था उसको पिछले दरवाजे से छीन लेने वालों को कर्नाटक की जनता ने ऐसा करारा प्रहार किया, ऐसा करारा प्रहार किया है कि देश में इस प्रकार की राजनीति करने वालों को आज कर्नाटक के मतदाताओं ने लोकतांत्रिक तरीके से उनके मंसूबों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। आज जो उपचुनाव थे उसके नतीजों से ये तय होने वाला था कि भाजपा की सरकार बचेगी या जाएगी। जनता ने चुनाव में भाजपा को सरकार बनाने के लिए मैंडेट दिया था लेकिन कांग्रेस अपनी पुरानी आदतों के अनुसार पर्दे के पीछे खेल कर के भाजपा को सरकार बनाने नहीं दी थी, पिछले दरवाजे से चढ़ बैठे थे लेकिन आज जब उपचुनावों के नतीजे आ रहे हैं तो जनता ने जमकर के उनको सजा दी है, ज्यादातर सीटों पर भाजपा जीत हासिल कर रही है, बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। स्थिरता और विकास के लिए भारतीय जनता पार्टी पर एक बार फिर विश्वास जताने के लिए मैं कर्नाटक की जनता का हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। और ये पंद्रह सीटें जिसका उपचुनाव चल रहा है, कई सीटें तो ऐसी हैं जहां पिछले 70 साल में भाजपा पहले कभी जीती नहीं थी, भाजपा के वेव में भी भाजपा नहीं जीती थी लेकिन जनता को गद्दारी करने वालों पर इतना गुस्सा आया, इतना गुस्सा आया कि जहां हम 70 साल में कहीं जीतते नहीं थे वहां भी जनता ने हमको जिता दिया, कमल खिला दिया। एक-दो सीटें तो ऐसी हैं जहां पर बीजेपी के सामान्य कार्यकर्ता, बिल्कुल बूथ का काम करने वाले छोटे कार्यकर्ता, उनको चुनाव में उतारा था और उन्होंने कांग्रेस के, जेडीएस के बड़े-बड़े दिग्गजों को धूल चटा दी, पराजित कर दिया। ये जनता ने किया है, विश्वासघात पर जनता का गुस्सा खुद निकला है। ये तब हुआ है कांग्रेस ने वहां पूरा अपप्रचार किया लेकिन कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस को सबक सिखाया है। साथियो, कर्नाटक में जो हुआ वो जनमत की भी जीत है, लोकतंत्र की भी जीत है।

कर्नाटक के चुनाव के दौरान वहां की जनता ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए अपना मत दिया था कर्नाटक के लोगों ने कांग्रेस और उसके साथियों की सरकार के दौरान भ्रष्टाचार और विकास योजनाओं के साथ लापरवाही, भ्रष्टाचार, बेईमानी जनता ने पिछली सरकार के कारोबार में देखा था और इसलिए उन्होंने भाजपा को वोट देकर के पसंद किया था लेकिन कांग्रेस और उनके साथियों ने मिलकर इस जनमत को धोखा दे दिया, जनता की पीठ पर छुरा भोंक दिया, पर्दे के पीछे सांठ-गांठ करके रातों-रात कुर्सी पर चढ़ बैठे थे। जिस तरह से कांग्रेस ने पहले वहां धोखे से सरकार बनाई और फिर एक साल तक वो पूरा समय झगड़ा ही करते रहे, बैठ तो गए कोई और ना आ जाए इसके लिए तो जागृत रहे लेकिन जनता का भला कैसे हो ये उनके एजेंडे में ही नहीं आया। भाजपा को रोकने के लिए जिसको मुख्यमंत्री बनाया उसको भी सुबह-शाम बंदूक दिखाई जाती थी बहुमत की और दिल्ली के लिए ये करो, दिल्ली के लिए वो करो और वो बेचारे मुख्यमंत्री जनता जनार्दन के बीच आ कर के रोते थे आंसू बहाते थे, गिड़गिड़ाते थे। किसी को कोई किडनैप कर ले तो भी शायद जिसको किडनैप करते उसका इतना बुरा हाल नहीं करते जो उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री का कर दिया था। आज कांग्रेस के उन कारनामों का जवाब जनता जनार्दन ने कमल के बटन पर दबाकर के दे दिया है, अब आज कर्नाटक के लोगों ने ये सुनिश्चित कर दिया है कि अब कांग्रेस या जेडीएस वहां के लोगों के साथ विश्वासघात नहीं कर पाएंगे। ये पूरे देश के तमाम राज्यों के लिए संदेश है कि अगर कोई जनादेश के खिलाफ जाएगा, जनता से विश्वासघात करेगा, जनता के पीठ पर छुरा भोंकेगा तो पहला मौका मिलते ही जनता उसे पूरी सजा देगी। अब कर्नाटक में जोड़-तोड़ वाली नहीं, वहां की जनता ने आज मोहर लगाकर के एक स्थिर और मजबूत सरकार को नई ताकत दे दी है।

साथियो, क्रांग्रेस की सच्चाई को झारखंड के लोगों को भी याद रखना है, कांग्रेस कभी भी गठबंधन के भरोसे पर खरी नहीं उतरी है, ये अपने मतलब के लिए गठबंधन और जनादेश का उपयोग करती आई है फिर अपने हित के लिए अपने सहयोगियों को कठपुतली की तरह उपयोग करती है जिसका परिणाम ये होता है कि जनता को सही शासन नहीं मिलता है। अस्थिरता, अनिश्चितता, खरीद-बिक्री पूरा राज्य उसमें डूब जाता है, झारखंड में ऐसा ना हो, झारखंड में एक स्थिर और स्थाई सरकार बने ताकि पांच साल तक सिर्फ और सिर्फ विकास हो, गरीब का भला हो, माताओं-बहनों का कल्याण हो, नवजवानों का भविष्य बने यही काम हो। कर्नाटक के परिणामों को याद रखना बहुत जरूरी है और पूरे देश को और ये उठा-पटक की राजनीति करने वाले नेताओं को भी ये बहुत मजबूत संदेश है। कांग्रेस और उनके सहयोगियों के एक-एक उम्मीदवार को झारखंड में भी हराना जरूरी है। मैं फिर एक बार कर्नाटक की जनता को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।

भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए आज पूरी दुनिया में हिन्दुस्तान का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है, पूरी ताकत से बज रहा है कि नहीं बज रहा है? देखिए इतनी बड़ी तादाद में महिलाएं बड़ी ताकत से जवाब दे रही हैं, पुरुषों से ज्यादा उत्साह महिलाओं में नजर आ रहा है। बताइए आज पूरी दुनिया में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है? अमेरिका में भारत-भारत हो रहा है कि नहीं हो रहा है, इंग्लैंड में होता है कि नहीं होता है, कैनेडा में होता है कि नहीं होता है, ऑस्ट्रेलिया में होता है कि नहीं होता है, दुबई में होता है कि नहीं होता है, चारों तरफ होता है कि नहीं होता है? क्या कारण है, क्या कारण है? ये पूरी दुनिया में हिंदुस्तान का जय जयकार है उसका कारण क्या है, क्या कारण है? गलत, झारखंड के मेरे भाइयो, आपका जवाब गलत है। ये मोदी के कारण नहीं है, ये मोदी के कारण नहीं है, ये आप के कारण है 130 करोड़ देशवासियों के कारण है क्योंकि आपने पूर्ण बहुमत वाली स्थिर और मजबूत सरकार बनाई है। हिंदुस्तान को आपने स्थिर और मजबूत सरकार दी वर्ना झारखंड में लोग लोकसभा के चुनाव में तो लोग कहते थे, कोई कहता था दो आएगी, कोई कहता था तीन आएगी, कोई कहता था पांच आएगी लेकिन जनता जनार्दन ने झारखंड पूरा का पूरा बीजेपी पर प्यार बरसा दिया और इसी के कारण दिल्ली में स्थिर और मजबूत सरकार बनी है और जब स्थिर व मजबूत सरकार बनती है तो दुनिया भी उस पर भरोसा करती है, दुनिया भी उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए तैयार हो जाती है। आप मुझे बताइए जैसा दुनिया में हिंदुस्तान का जय जयकार हो रहा है, क्या वैसा ही जय जयकार झारखंड का पूरे हिंदुस्तान में होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? अगर झारखंड का जय जयकार करना है तो रांची में पूर्ण बहुमत वाली मजबूत भाजपा की सरकार बनाना बहुत जरूरी है अगर त्रिशंकु परिणाम आता है तो कर्नाटक की तरह तबाह करने वाले मैदान में उतर आते हैं। हम तय करें कि हम झारखंड को तबाह नहीं होने देंगे, हम झारखंड को बर्बाद नहीं होने देंगे और इसलिए कमल के फूल पर बटन दबाकर झारखंड को फिर एक बार मजबूती देंगे।

साथियो, ये कांग्रेस ही है जिसने भगवान राम की जन्मभूमि को लेकर जो विवाद चल रहा था उसे अपनी वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए।  मैं आपके प्यार के लिए, आपके आशीर्वाद के लिए सर झुकाकर के आपको नमन करता हूं।

दशकों तक उन्होंने मामले को लटकाए रखा, विवाद चलने दिया ताकि उनकी वोट बैंक की खिचड़ी पकती रहे। भाइयो-बहनो, ये फैसला तब आया जब दिल्ली में भाजपा की मजबूत सरकार बनाई। भाइयो-बहनो, आजादी के समय से ही अलग झारखंड की मांग चल रही थी लेकिन कांग्रेस के राजनीतिक स्वार्थ के कारण दशकों तक ये मामला भी लटका रहा, ये भी झारखंड का जन्म भी तब हुआ जब दिल्ली में भाजपा की अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार आई। साथियो, दशकों तक देश में ये मांग उठती रही कि झारखंड और देश के करोड़ों ओबीसी परिवारों के हितों की सुरक्षा के लिए ओबीसी कमिशन को संवैधानिक दर्जा दिया जाए लेकिन कांग्रेस और उसके साथियों ने पिछड़ों के हितों को बचाने वाला ये काम ना किया ना होने दिया। ये काम भी तब हुआ जब दिल्ली में आपने मोदी की सरकार बनाई तब। सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों को आरक्षण की मांग, नवजवान आंदोलन कर रहे थे, सवर्ण समाज में पैदा हुए थे लेकिन गरीबी के खिलाफ जूझते-जूझते थक चुके थे, निराशा की गर्त में सामान्य समाज का गरीब परिवार डूबता चला जा रहा था, इन गरीब परिवारों के बच्चे आरक्षण मांग रहे थे इनको राजनीति करने में ही मजा आता था उन्होंने सवर्ण समाज के गरीबों की कभी नहीं सुनी, उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया, ये मोदी सरकार आई सामान्य जनता के गरीबों को दस प्रतिशत आरक्षण का लाभ भी निर्णय कर लिया गया।

साथियो, जब भाजपा की सरकार होती है, चाहे वो दिल्ली में हो या झारखंड में आपकी सेवा के लिए ईमानदारी से काम करती है। देश के आदिवासियों की जिंदगी, पिछड़ों की जिंदगी और बेहतर हो, उनकी मुश्किलें कम हो, उनका मान-सम्मान और बढ़े इसके लिए हम दिन-रात मेहनत करते हैं लेकिन कांग्रेस हो, आरजेडी हो या फिर झारखंड मुक्तिमोर्चा, इनका इतिहास है आपसे विश्वासघात का, भ्रष्टाचार का, मैं आपको एक और उदाहरण देता हूं। साथियो, 2014 से पहले 8-9 सालों में आदिवासियों को जमीन के सिर्फ 19 हजार पट्टे ही मिल पाए थे जबकि भाजपा ने बीते पांच वर्ष में आदिवासियों को 60 हजार से अधिक जनजातीय परिवारों को जमीन के पट्टे दिला दिए। सोचिए आपसे जंगल और जमीन के नाम पर, अधिकार के नाम पर झूठ बोलने वाले इन लोगों की इस सच्चाई को इस चुनाव में आपने कमल पर बटन दबाकर के उजागर करना बहुत जरूरी है। भाइयो-बहनो, राजनीति के लिए कांग्रेस ने हमेशा से दो काम प्राथमिक रूप से किए, एक लुटाने का खेल, मौका मिले वहां लूटो, लूट सको उतना लूटो, खुद भी लूटो औरों को भी लूटने दो और उनको पता चले कि इसमें लूटना संभव नहीं है, इसमें लूट करने जाएंगे तो लोगों की नजर पड़ जाएगी तो उन्होंने ऐसी चीजों के लिए रास्ता खोजा लटकाने का, उनके दो ही रास्ते थे या तो लूटो नहीं लूट सकते तो लटकाओ। जब अहम कानून और परियोजनाओं की बात आती है तो ये उसे लटका देते हैं, क्यों, क्योंकि परियोजनाएं पूरी हो गईं, दशकों तक नहीं खींची तो इनकी दुकान कैसे चलेगी। साथियो, याद कीजिए मंगल डैम, कोडरमा-रांची रेल लाइन, टंडवा बिजली प्लांट अनगिनत ऐसी योजनाएं हैं जिसको लटका कर के ही वो माल खाने के रास्ते खोजते हैं। यहां मेडिकल कॉलेज और राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र जैसे संस्थानों की मांग कब से हो रही थी लेकिन कांग्रेस ने इसके लिए क्या किया। एक तरफ इन्होंने आपके हित की परियोजनाओं को वोट के लिए विवादों में उलझाए रखा, दूसरी तरफ आपकी संपदा को लूटने के लिए षड्यंत्र रचे। झारखंड को इन्होंने अपनी पार्टी के लिए अपने नेताओं के खर्चे के लिए, अपने दोस्तों के लिए लुटवा दिया। आपके कोयले, आपके अभ्रक, आपकी संपदा पर इन लोगों ने अपने लिए महल खड़े कर दिए। इस लूट के लिए इन्होंने झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा दिया। स्वार्थ के लिए इन्होंने एक निर्दलीय तक को मुख्यमंत्री बना दिया ताकि हर किसी को अपनी मनमानी करने का मौका मिल जाए। उसके बाद क्या हुआ मुझे कुछ कहने की जरूरत नहीं है, आप भलीभांति जानते हैं।

साथियो, कांग्रेस और उसके साथियों को सिर्फ सत्ता का लोभ है इसलिए उनके पास ना तो कड़े और बड़े फैसले लेने का साहस है ना ही संवेदनशीलता है। जबकि भाजपा के लिए राष्ट्रहित सबसे ऊपर है, हमारे लिए सत्ता, ये सिर्फ और सिर्फ सेवा का माध्यम है। यही कारण है कि बीते पांच वर्ष में अभूतपूर्व काम हुए हैं। जिस झारखंड को कांग्रेस और उसके साथियों की उपेक्षा और गलत नीतियों ने नक्सलवाद की तरफ धकेला उसको भाजपा ने आज शांति और विकास की तरफ अग्रसर किया है। भाइयो और बहनो, कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी और वामपंथियों ने मिलकर कैसे देश के करोड़ों लोगों को धोखा दिया और कैसे भाजपा उन्हीं गरीबों की सेवा के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है, ये आप सब भली-भांति जानते हैं। मुझे कोई उदाहरण देने की जरूरत नहीं है लेकिन साथियो, देश के सौ से अधिक जिले ऐसे हैं जहां पर बिजली, पानी, घर, गैस, टीकाकरण जैसी अनेक चुनौतियां हैं। इन्हीं जिलों में गरीब माताओं की मृत्यु सबसे ज्यादा होती है, सबसे ज्यादा बच्चे बीमारी से मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। इन सौ में से झारखंड के कितने जिले थे शायद आपको पता भी नहीं होगा, बीस जिले। झारखंड के इन 20 जिलों को, गरीबों को, आदिवासियों को, पिछड़ों को कांग्रेस और उसके साथियों ने अपने नसीब पर छोड़ दिया था, अपने हाल पर छोड़ दिया था यानी एक प्रकार से पूरे झारखंड को उन्होंने विकास के लिए तड़पता हुआ छोड़ दिया था। एक तो पिछड़ा-पिछड़ा कहकर इन्होंने यहां के लोगों का, यहां पर काम करने वाले अफसरों का मनोबल तोड़ दिया, मानसिक रूप से उसको खत्म कर दिया। इन जिलों में चल रही योजनाओं पर कभी सही तरीके से ध्यान ही नहीं दिया गया, झारखंड के गरीब इनके लिए कभी मायने नहीं रखते थे, ऊपर से सरकार की तरफ से जो पैसा आता था उसमें भी ये लोग मिल-बांट कर अपने खेल कर लेते थे। जो राज्य प्राकृतिक संसाधनों के हिसाब से इतना संपन्न हो, जिसमें इतनी क्षमता हो उसे इन राजनीतिक दलों ने कभी ऊपर नहीं उठने दिया, यही इनकी राजनीति रही है लेकिन आपके इस सेवक की भाजपा की सोच अलग है। हम झारखंड के इन 20 जिलों में विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं, हमने इन जिलों को पिछड़ा नहीं कहा हमने इसे आकांक्षी जिला कहा। आकांक्षी जिला कह कर पहले उनका तो मनोबल ठीक किया, आकांक्षी का सीधा-सीधा मतलब होता है जहां के लोगों में विकास की ललक हो, जहां के लोग चाहते हों कि वहां जल्द से जल्द मुसीबतों से मुक्ति मिले, विकास का रास्ता तय हो।

साथियो, हमने इन जिलों में बेहतरीन अफसर तैनात किए हैं अब आपकी छोटी-छोटी दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। अब इन क्षेत्रों में मुफ्त गैस कनेक्शन से लेकर पांच लाख रुपए तक मुफ्त इलाज की सुविधा तक, मुफ्त बिजली कनेक्शन से लेकर घर-घर सफेद रोशनी वाले एलईडी बल्ब लगाने तक, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीकाकरण से लेकर शौचालय बनाने तक हर स्तर पर तेजी से काम किया जा रहा है। झारखंड की भाजपा सरकार की मेहनत के कारण हजारीबाग, चतरा और साहिबगंज देश के 112 आकांक्षी जिलों में सबसे टॉप कर रहे हैं। मैं यहां के मुलाजिमों को बधाई देता हूं जो इस सपने को पूरा करने के काम में लगे हैं, झारखंड के बाकी जिलों में भी सराहनीय सुधार आ रहा है ये होता है जब आप नेक नियत के साथ सामान्यजन की आकांक्षाओं के लिए काम करते हैं, उनके सामर्थ्य पर विश्वास करते हैं लेकिन जब आप सत्ता के लिए झूठ बोलते हैं छल गढ़ते हैं, सिर्फ आलोचनाएं करते हैं, झूठे आरोप लगाते हैं तब वही स्थिति होती है जो 2014 से पहले थी। साथियो, दिल्ली और रांची में भाजपा की सरकारों ने झारखंड के विकास के लिए एक ईमानदार प्रयास किया है, ये भाजपा ही है जिसने इस क्षेत्र को रेलवे के नक्शे पर मजबूत किया है। कोडरमा, हजारीबाग, बर्काना, सिद्धवार सेक्शन तैयार और रांची तक पूरी लाइन पर तेजी से काम चल रहा है। भाइयो-बहनो, हम यहां सिर्फ रेल-लाइन ही नहीं बना रहे बल्कि ट्रेन तेजी से चले, माल ढुलाई भी तेजी से हो इसके लिए ईस्टर्न फ्रिट कॉरिडोर पर काम चल रहा है। इससे ट्रेनों की गति कई गुना ज्यादा तेज होगी ही, आप दूध, फल, सब्जी भी शहरों की मंडी तक तेजी से पहुंचा पाएंगे, किसानों को लाभ होगा। साथियो, रेल लाइनों के साथ ही यहां के गांव-गांव में सड़क और बिजली की सुविधा देने का काम जिस तरह भाजपा सरकार ने किया है वो कांग्रेस और उसके साथी कभी सोच भी नहीं सकते, कर भी नहीं सकते हैं।

साथियो, ऐसे अनेक काम जो आज भाजपा की सरकारें कर रही हैं ये पहले भी हो सकते थे, पहले होते तो आज यहां उद्योगों के लिए रोजगार के लिए और ज्यादा बेहतरीन माहौल मिलता लेकिन कांग्रेस आरजेडी और जेएमएम ऐसे दलों की नियत में खोट था इसलिए नीतियां भी खोखली बनाई गईं। ये लोगो सोचते हैं कि एक बार अगर यहां का गरीब सशक्त हो गया, यहां के पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों के पास पैसा आ गया, पढ़ाई और कमाई के संसाधन आ गए तो यहां के लोग उन्हें पूछना बंद कर देंगे। साथियो, अगर यहां की नदियों पर डैम बन गए, किसानों के खेतों तक नहरें पहुंच गईं तो किसान इनको क्यों पूछेगा इसलिए ये भाजपा के खिलाफ एकजुट होते हैं क्योंकि भाजपा लोगों की, इस क्षेत्र की सेवा करती है। हमारी राजनीति स्वार्थ की नहीं है, परिवार या व्यक्ति के हित के लिए नहीं है बल्कि झारखंड के हित के लिए है, झारखंड के गरीबों की भलाई के लिए है। भाइयो-बहनो, ये लोग आदिवासियों को, दलितों को, पिछड़ों को भाजपा के नाम पर दशकों से डराते रहे हैं, भय दिखाते रहे हैं लेकिन पांच वर्ष से दिल्ली और झारखंड में पूर्ण बहुमत की भाजपा की सरकार रही है। 2019 में एक बार फिर आप सभी ने पूरे देश ने कमल के फूल को पहले से भी अधिक ताकत दी है। आखिर क्यों? क्योंकि भाजपा सबका साथ सबका विकास चाहती है, भाजपा गांव की, गरीब की, किसान की, मजदूर की सबकी चिंता करती है। श्रमिकों को चाहे वो फैक्ट्रियों या खदानों में काम करते हैं या फिर घरों में, खेतों में या दूसरे असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं उनको पहली बार 3 हजार रुपए की पेंशन तय की गई है, उनको पहली बार बीमा की सुविधा मिल रही है, आज उन लोगों को भी अपना पक्का घर मिल पा रहा है जिनको दशकों तक झोपड़ियों में रहने के लिए छोड़ दिया गया था। गरीबों के लिए जो घर बन रहे हैं उसमें भी झारखंड देश के सबसे तेजी से काम कर ने वाले राज्यों में है। झारखंड के गांवों में गरीबों के लिए दस लाख से ज्यादा घर तैयार किए गए हैं। कितने घर बने? और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, जिनको अभी घर नहीं मिले हैं वो भी मेरे शब्द लिखकर के रखें 2022, आजादी के 75 साल होने पर जो बाकी रह गए हैं उनको भी अपना पक्का घर मिल जाएगा।

साथियो, विस्थापन का कष्ट सह रहे साथियों का भी पूरा ध्यान हमें है, भाजपा की सरकार किसी को भी अधर में नहीं छोड़ेगी। हर साथी की जिंदगी को आसान बनाने के लिए हर प्रयास जारी रखे जाएंगे। साथियो, भाजपा जो संकल्प लेती है उसे पूरा करने के लिए जी जान लगा देती है। आज हमें इसमें मदद इसलिए भी मिलती है क्योंकि दिल्ली और रांची में एक ही सोच, एक ही संकल्प वाली सरकार है। भाजपा सरकार का संकल्प है कि हर गरीब के घर खाना गैस पर बने इसलिए झारखंड में दो सिलेंडर मुफ्त में मिले हैं। ये भाजपा की सरकार ही है जिसके कारण झारखंड में सालों से लटकी पानी की योजनाएं फिर से शुरू हुई हैं। अब भाजपा सरकार का संकल्प है कि 2024 तक देश के हर घर तक, माताओ-बहनो, मैं आपके लिए बता रहा हूं। हम 2024 तक घर के अंदर जहां खाना पकाते हैं वहां तक पानी आ जाए ये व्यवस्था करना चाहते हैं और इसके लिए यहां भाजपा की सरकार का दोबारा चुना जाना जरूरी है।

साथियो, खेती-किसानी से जुड़े लोगों को किस तरह झारखंड में डबल इंजन का लाभ मिला है उसके भी आप साक्षी रहे हैं। बाकी देश में पीएम किसान सम्मान निधि के तहत ही किसानों के खाते में सीधी मदद जमा हो रही है जबकि झारखंड में छोटे किसान परिवारों के खाते में पांच हजार से 25 हजार रुपए तक हर वर्ष एक्स्ट्रा जमा हो रहे हैं और बरही के लोगों को हजारीबाग के लोगों को मैं ये भी याद दिलाना चाहता हूं कि जहां-जहां कांग्रेस की सरकारें हैं वहां के किसानों को इस योजना का लाभ दिलाने में दिक्कत हो रही है। वहां की सरकार को लगता है कि किसान के घर में मोदी-मोदी हो गया तो उनकी रोजी-रोटी खत्म हो जाएगी, इसलिए किसान के घर में पैसे नहीं जाने देते हैं। अगर यहां भी गलती से ये लोग आ गए तो आप समझ लेना मैं दिल्ली से जो भेजूंगा वो भी आप तक आने नहीं देंगे, ये ऐसे लोग हैं। जिन राज्यों में किसानों से झूठ बोलकर कांग्रेस ने सत्ता हासिल की वहां किसानों की स्थिति और बिगड़ रही है। किसानों से किए गए वादों से वहां की कांग्रेस सरकारें मुकर गई हैं। भाइयो-बहनो, भाजपा सरकार गांव की, किसान की आय बढ़ाने के लिए, उनका खर्च कम करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ है जब इंसान और पशुओं के स्वास्थ्य को लेकर दुनिया की सबसे बड़ी योजनाएं एक साथ चली हैं। एक तरफ आयुष्मान भारत के माध्यम से गरीब से गरीब परिवार को आज पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है वहीं दूसरी तरफ देश भर के 50 करोड़ से अधिक पशुओं के मुफ्त टीकाकरण का इलाज भी संभव हुआ है। बकरी हो, गाय हो या दूसरे पशु यहां आजीविका का एक अहम साधन हैं, जब इनको मुंहपका, खुरपका या दूसरे रोग लग जाते हैं तो क्या स्थिति होती है आप इससे भलीभांति परिचित हैं। जानवरों को सही समय पर टीका लगेगा तो इस तरह की बीमारियों से भी वो बचेंगे।

साथियो, झारखंड को एक और सेक्टर के लिए हम तैयार कर रहे हैं और वो है टूरिज्म, यहां झुमरी तलैया भी है, जंगल भी है, झरने भी हैं। अब यहां सड़कें भी बन रही हैं ऐसे में देश और दुनिया के पर्यटकों को झारखंड लाने के लिए भाजपा हर संभव प्रयास करने वाली है। इससे यहां के युवाओं को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, जब स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा तो लोगों को रोजगार की तलाश के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। साथियो, झारखंड के विकास को जारी रखने के लिए, यहां पर विकास का डबल इंजन बनाए रखने के लिए आपसे मेरी यही प्रार्थना है, एक ही काम करना है, करोगे? हाथ ऊपर करके बताइए करोगे? औरों को भी कतरने के लिए कहोगे? मतदान के लिए लोगों को घर से निकालोगे? एक ही काम करना है बताऊं कौन सा काम? कमल के फूल के सामने बटन दबाना है। आप इतना कीजिए, जितना कहा है मैं पूरा करूंगा। आपका अभी का वोट तय करेगा कि आज, आप सुनिए। आज जब झारखंड 19 साल का हो गया और 19 साल का बहुत महत्व होता है। घर में पांच साल के बच्चे के लिए कोई निर्णय करना है तो मुश्किल नहीं होता है, 8 साल के बच्चे का निर्णय करना है तो मुश्किल नहीं होता है। 10-1 साल के बच्चे का निर्णय करना है तो मुश्किल नहीं होता है लेकिन बच्चा जब 19-20 का होता है। बेटा हो या बेटी हो तो मां-बाप बराबर सोचते रहते हैं, लोगों को पूछते रहते हैं कि बच्चा बेटे-बेटी अब 19-20 के हो गए आगे उनको कहां-कहां भेजें, कौन सी पढ़ाई करवाएं, किस शहर में भेजें, कहां नौकरी करवाएं क्योंकि अब वो 19 का हो गया है, मेरे भाइयो-बहनो, अब झारखंड भी 19 का हो गया है। अब आपको सोचना है कि झारखंड जब 25 का होगा तब तक झारखंड को कितना ताकतवर बनाना है, झारखंड को कितना आगे बढ़ाना है इसके लिए ये मौका है अगर ये मौका खो दिया, घर में भी मां-बाप ने अगर 19 साल के बेटे-बेटी का मौका खो दिया तो फिर वो बेटे-बेटी का हाल क्या होता है वो आपको पता है। ऐसे ही 19 साल की उम्र के झारखंड का भी भविष्य आपको तय करना है और इसलिए झारखंड के विकास के लिए आप सब मेरे साथ बोलेंगे। मैं कहूंगा झारखंड पुकारा, आप कहेंगे भाजपा दोबारा। झारखंड पुकारा-भाजपा दोबारा, झारखंड पुकारा-भाजपा दोबारा, झारखंड पुकारा-भाजपा दोबारा। मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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78મા સ્વતંત્રતા દિવસનાં પ્રસંગે લાલ કિલ્લાની પ્રાચીર પરથી પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીનાં સંબોધનનો મૂળપાઠ

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78મા સ્વતંત્રતા દિવસનાં પ્રસંગે લાલ કિલ્લાની પ્રાચીર પરથી પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીનાં સંબોધનનો મૂળપાઠ
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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.