The whole world looks upon India as a shining star: PM Modi
Whether it is the economy or defence, India’s capabilities have expanded: PM
India is a supporter of peace, but the country will not hesitate to take any steps required for national security: PM Modi
Corruption cannot be a part of New India. Those indulging in corruption will not be spared: Prime Minister

भारत माता की जय

भारत माता की जय

भारत माता की जय

भारत माता की जय

मंत्रिमंडल की मेरी सहयोगी, देश की प्रथम महिला जो रक्षा मंत्रालय को संभालती हैं। श्रीमती निर्मला सीतारमण जी, डॉ. सुभाष भामरे जी, तीनों सेनाओं के उच्‍च पदाधिकारीगण NCC के महानिदेशक, विदेशों से आए हुए हमारे मेहमान और NCC की महान परंपरा का हिस्‍सा आप सब मेरे युवा साथी। 

National Cadets Corps के गणतंत्र दिवस शिविर में एक बार फिर आपके बीच आना हर बार की तरह आनंदित कर रहा है। जब भी मैं आपके साथ बातचीत करने के लिए आता हूं तो अतीत की अनेक यादें मन मस्तिष्‍क में उभर आती हैं। जोश और अनुशासन ये जो दिन आप जी रहे हैं, मुझे भी इन क्षणों को जीने का अवसर मिला है। एक Cadet के तौर पर बिताए वो दिन आज तक मेरे संकल्‍प को, मेरी प्रेरणा को ऊर्जा दे रहे हैं। 

साथियों, इस कैंप का अपने आप एक गौरवशाली अतीत भी है और भविष्‍य को लेकर इसका बहुत बड़ा महत्‍व भी है। इस कैंप का हिस्‍सा बने आप सभी केडिटस को मैं बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। पिछले वर्ष जब मैं आपके बीच आया था तो मैंने आपसे कुछ आग्रह किया था। देश और समाज से जुड़े महत्‍वपूर्ण विषयों में सक्रिय योगदान के लिए आपसे अपील की थी। 

मुझे खुशी है कि बीते वर्ष NCC के Cadets ने अनेक महत्‍वपूर्ण कदमों के साथ खुद को जोड़ा। स्‍वच्‍छ भारत अभियान हो, digital transaction हो, बेटी बचाओ - बेटी अभियान हो, पर्यावरण से जुड़े मुद्दे हो। जन-जागरण के अनेक ऐसे मुद्दों को लेकर आपके प्रयास प्रशंसनीय हैं।  

विशेष तौर पर केरल में भीषण बाढ़ के बाद राहत और बचाव कार्यों में NCC के केडिटस का योगदान बहुत सराहनीय है। सहयोग और समर्पण का ये पाठ आपने यहां सीखा है उसको आपने केरल में मुश्किल में फसे स्‍वजनों को राहत देने में अमल में लाया। मुझे विश्‍वास है कि आप इसी प्रकार अपने दायित्‍वों को निभाते रहेंगे। 

साथियों, दो दिन पहले ही हमारे गणतंत्र ने 70वें वर्ष में कदम रखा है। पहले राजपथ पर और आज यहां पर आपके चेहरे की चमक और आपके अनुशासन की झलकियां नजर आईं और उन झलकियों में मुझे नए भारत का कदम ताल दिखता है। पूरे आत्‍मविश्‍वास के साथ सीना चौड़ा किए, मस्तिष्‍क को ऊंचा रखे, राष्‍ट्र के गौरव के लिए तत्‍पर ये असीम ऊर्जा उत्‍साह देने वाले होते हैं। आपका ये जोश, आपका ये उत्‍साह ही है जिसके कारण भारत आज नए आत्‍मविश्‍वास से भरा है। आज दुनिया कह रही है कि भारत न सिर्फ संभावनाओं से भरा हुआ देश है बल्कि उनको साकार भी कर रहा है।  

साथियों, देश की अर्थव्‍यवस्‍था हो या फिर दुश्‍मन से निपटने का हमारा सामर्थ्‍य, हर स्‍तर पर हमारी क्षमताओं का विस्‍तार हुआ है। हमारी सेना ने ये स्‍पष्‍ट संदेश दिया है कि हम छेड़ते नहीं हैं लेकिन किसी ने अगर छेड़ा तो हम उसे छोड़ते भी नहीं हैं। हम शांति के प्रबल समर्थक हैं। लेकिन राष्‍ट्र रक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने में हम चूकेगें नहीं। यही कारण है कि बीते साढ़े चार वर्षों में देश की रक्षा और सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए अनेक महत्‍वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।

 

साथियों, भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हुआ है जिसके पास जल, थल और नभ से परमाणु हमले और आत्‍मरक्षा करने की क्षमता है। इसके अलावा, दशकों से लटके पड़े लड़ाकू विमानों और आधुनिक तोपों से जुड़े समझौतेों को जमीन पर उतारा गया है। देश में भी मिसाइल से लेकर टैंक, गोला बारूद और हेलीकॉप्‍टर बनाए जा रहे हैं। मैं, आप युवा साथियों को आश्‍वस्‍त करता हूं कि आने वाले समय में हर वो बड़ा और कड़ा फैसला लिया जाएगा जो राष्‍ट्र की सुरक्षा के लिए जरूरी है। अगर राष्‍ट्र सुरक्षित रहेगा, सक्षम रहेगा तभी युवा अपने सपने साकार कर पाएगा। 

साथियों, आप यहां देश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए हैं। आप में से अनेक छोटे-छोटे गांवों से और कस्‍बों से अलग-अलग पृष्‍ठभूमि से हैं। मुझे आप सभी के परिश्रम का अहसास है। आपके समर्पण का अहसास है। मैं आपको सिर्फ यही कहूंगा कि यही परिश्रम हम सभी को समृद्ध बनाता है। हमारी नींव को ठोस करता है। परिश्रम का क्‍या परिणाम होता है ये जानने के लिए NCC के आप केडिटस को बहुत दूर जाने की जरूरत नहीं है। आपके भीतर से ही अनेक साथियों ने हाल में ही अदभूत हौसला दिखाते हुए देश को गौरव के पल दिए हैं। 

पर्वतारोहण और ट्रेकिंग जैसी साहसिक गतिविधियां हों या फिर खेल के मैदान पर तिरंगा लहराने का काम, अनेक केडिटस आगे आए हैं। North East Directorate की Cadet हिमा दास को तो आज दुनिया गौरवपूर्ण रूप से जानने लगी है। धान के खेतों में दौड़ते-दौड़ते, खेतों की पगडंडियों पर संतुलन साधने हुए हिमा दास आज इस स्‍तर पर पहुंची है। अभाव को अवसर बनाते हुए हिमा ने पहले जूनियर एथिलेटिक चैपियनशिप में और फिर एशियाई खेलों में देश को गौरवान्वित किया है। ऐसी अनेक युवा प्रतिभाओं को जब मैं देखता हूं, जब उनसे मिलता हूं। मेरा भरोसा तो मजबूत होता ही है। इस भरोसे को और सशक्‍त करने की ऊर्जा भी मिलती है। 

साथियों, सपने देखना और आंकाक्षाओं को उड़ान देना यही युवा की पहचान होती है यही उसकी स्‍वाभाविक प्रवृति होती है। अपने सपनों और आंकाक्षाओं को और ऊंचा उड़ने दीजिए। अपने प्रयासों का पूरा विस्‍तार दीजिए। वर्तमान सरकार देश के हर युवा को हर सपने देखने वालों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर के खड़ी है और कदम से कदम मिलाकर के चलने के लिए तैयार है। नया भारत हर कर्मयोगी को सम्‍मान देगा, अवसर देगा। आप सभी साथी जब देश की work force में जाने के लिए तैयार है। तब मैं आपको ये भरोसा देना चाहता हूं। आपने किस परिवार में जन्‍म लिया, आपकी जान-पहचान किससे है, आपकी आर्थिक स्थिति कैसी है इसके आधार पर आपका भविष्‍य तय नहीं होता। आपका कौशल, आपका आत्‍मविश्‍वास, आपके पैर के छाले ही आपको परिणाम देने वाले हैं।      

साथियों, इस परंपरा को तोड़ने के लिए समाज में हर प्रकार के असंतुलन, असमानता को बांटने के लिए एक सार्थक प्रयास जरूरी है। वीआईपी नहीं ईपीआई यानी every person is important इस संस्‍कार को मजबूत करने का प्रयास लगातार हो रहे हैं। गाड़ी के ऊपर से लाल बत्‍ती हटाई गई है। अब दिमाग से भी इसको हटाने की कोशिश की जा रही है। आप आश्‍वस्‍त रहें आपके सपनों को आपकी आंकाक्षाओं को सिर्फ अभावों और परिस्थितियों के कारण समाप्‍त नहीं होने दिया जाएगा। 

साथियों, अवसरों की समानता की जब-जब बात आती है तो एक महत्‍वपूर्ण विषय हमारी बेटियों से भी जुड़ा है। मेरे सामने बैठे आप तमाम केडिटस चाहे वो बेटे हों या फिर बेटियां, आपके जोश में और आपके सामर्थ्‍य में कोई अंतर नहीं है। बेटियों को हर प्रकार के अवसर से जोड़ना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। बीते साढ़े चार वर्षों में बेटियों को work force में प्रोत्‍साहन देने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। श्रम, सेवा और उदयम के साथ-साथ देश के defence को भी हमारी नारी सशक्‍त कर रही है। इसके लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। पहली बार हमारी बेटियां fighter pilot बनी हैं। तारिणी के गौरव को पूरी दुनिया ने देखा है। अब सेना में भी बेटियों की भागीदारी को और मजबूत करने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। Military Police की total corps में 20 प्रतिशत की महिलाओं की भर्ती के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।  

साथियों, नारी शक्ति का दम बीते साढ़े चार वर्षों में राजपथ पर भी देखा है। पिछली बार महिला स्‍वॉट दस्‍ता राजपथ पर उतरा था तो इस साल देश के इतिहास में पहली बार महिला जवानों की पूरी टुकड़ी परेड में शामिल हुई है। देश तो ये भी पहली बार देखा कि पुरुष टुकड़ी का नेतृत्‍व एक बेटी ने किया है। बेटियां समाज के हर क्षेत्र में लीड करें, इसके लिए बेहतर माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बीते साढ़े चार वर्ष की पूरी तस्‍वीर को आप देखेंगे तो आपको आश्‍वासन मिलेगा कि अब नारी सशक्तिकरण बेटियों की उपयुक्‍त भागीदारी पर चर्चा नहीं एक्‍शन हो रहा है। 

साथियों, अवसरों की समानता के रास्‍ते में भ्रष्‍टाचार भी एक बहुत बड़ी बाधा है। घूसखोरी, भाई-भतीजावाद, अपना-पराया हमारी व्‍यवस्‍था में इनके लिए कोई स्‍थान होना नहीं चाहिए।     

भ्रष्‍टाचार, नये भारत का संस्‍कार हो ही नहीं सकता। मेरा और मेरी सरकार की सोच और action दोनों इस बात के साक्षी है कि भ्रष्‍ट आचरण करने वाला, कितना भी बड़ा हो, कितना भी ताकतवर क्‍यों न हो, कोई भी नहीं बचेगा। अपनी पहुंच से प्रक्रियाओं को प्रभावित करने वालों को, दलालों और बिचौलियों के माध्‍यम से हर फैसले, हर फाइल की बोली लगाने वालों को, गरीब से गरीब व्‍यक्ति के हक को लूटने वालों की सफाई करने में मैं पूरी क्षमता और ईमानारी से जुटा हूं। 

साथियों, आज सरकार जो कुछ भी कर पा रही है, उसके पीछे आप सभी युवा साथियों का सक्रिय योगदान है। स्‍वच्‍छ भारत से देश में स्‍वच्‍छता का आंदोलन आपने आगे बढ़ाया। नोटबंदी जैसे कड़े फैसले से भ्रष्‍टाचार के विरूद्ध लड़ाई को आपने समर्थन दिया। डिजिटल इंडिया के माध्‍यम से ईमानदार और पारदर्शिता व्‍यवस्‍था बनाने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका है। यानि हर योजना को आपने सरकार बनने से बचाया है। एक और आग्रह आपसे है, देश की विरासत, देश के राष्‍ट्र नायकों की स्‍मृति से जुड़ा हुआ बीते तीन चार वर्षों में यहां दिल्‍ली में ऐसे अनेक और पवित्र स्‍थल बनाये गये हैं, जहां आप जाएंगे तो बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। हो सकता है आप में से कुछ लोग इन जगहों पर हो आए हों। लेकिन फिर भी आपको इनके बारे में बताना चाहता हूं। जैसे अभी हाल में ही लाल किले में क्रांति मंदिर का लोकार्पण किया गया है। यह क्रांति मंदिर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित है। जब आप वहां जाएंगे तो आपको यह भी जानकारी मिलेगी कि आजाद हिन्‍द फौज और लाल किले का क्‍या संबंध है। इसी तरह पिछले साल राष्‍ट्रीय पुलिस स्‍मारक का भी लोकार्पण हुआ है। देश के आंतरिक इलाकों में कानून व्‍यवस्‍था को बनाए रखने के लिए शहीद हुए हजारों पुलिस और सुरक्षाबलों की स्‍मृति में इस स्‍मारक का निर्माण हुआ है। आप सभी अलीपुर रोड पर बने बाबा साहेब भीम राव अम्‍बेडकर के परिनिर्वाण स्‍थल पर भी जा सकते हैं।

साथियों, यह जगह है दिल्‍ली की नई पहचान बन रही है। सरदार पटेल का नया स्‍मारक दिल्‍ली में बना है। डिजिटल म्‍यूजियम बनाया गया है। इन जगहों पर आपको इतिहास से जुड़ी, अनेक महान व्‍यक्तित्‍वों से जुड़ी जानकारियां तो मिलेगी ही देश के लिए काम करने की, समाज के लिए काम करने की एक नई ऊर्जा भी मिलेगी। मुझे विश्‍वास है कि आपकी इस ऊर्जा से New India का नया जोश और बुलंद होगा। आने वाले महीने में एक और नजराना और एक प्रेरणा स्‍थल लम्‍बे इंतजार के बाद देश को सुपुर्द होने वाली है। आजादी के बाद देश के लिए मरने-मिटने वाले हमारे वीर जवान, हमारे सेना के जवान एक राष्‍ट्रीय स्‍तर का War Memorial देश की इसकी प्रतीक्षा कर रहा था, देश के जवान प्रतीक्षा कर रहे थे। वीरों के परिवारजनों की स्‍वाभाविक प्रतीक्षा, लम्‍बे अरसे से वो भी अटका पड़ा था। यह काम सालों पहले होना चाहिए था। लेकिन सरकार में आने के बाद हमने वाले फैसला लिया अब वो पूर्णता पर है और फरवरी महीने में देश के वीर, बलिदानियों जिन्‍होंने उच्‍च बलिदान दिया है, सर्वोच्‍च बलिदान दिया है, ऐसे वीरों की स्‍मृति में भारत के एक राष्‍ट्रीय स्‍तर का war memorial करीब-करीब तैयार हो चुका है। फरवरी के महीने में उसे भी लोकार्पण करने का अवसर मिलेगा और देश के हमारे वीर जवानों को सम्‍मानित करने का सौभाग्‍य मिलेगा। मैं फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। यह अवसर हमारी सोच को बदलता है, महीने भर का यह वास्‍तव्‍य एक प्रकार की हमारी हर सोच को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर ले जाती है। हर सोच में हम हमारे देश के लिए क्‍या सोचते हैं। सिर्फ अपना गांव, अपना मोहल्‍ला, अपनी जाति, अपनी बिरादरी नहीं देश के संदर्भ में सोचने के लिए यह अवसर देता है। किसी भी देश का बड़ा बनना, आगे बढ़ना इस बात पर निर्भर हैं कि वहां के लिए समाज व्‍यवस्‍था में एकता का सूत्र कैसे बंधे हुए लोग हो। उस राष्‍ट्र की प्रगति का दूसरा आधार है वो कितना आशावादी है, कितनी आकांक्षाओं से भरा हुआ है। निराशा की गर्त में डूबा हुआ समाज न कभी खुद को ऊपर ले जा सकता है, न देश को ऊपर ले जा सकता है। आज मैं गर्व के साथ कहता हूं सवा सौ करोड़ हिन्‍दुस्‍तानी नयी आशाओं और आकांक्षाओं से भरे हुए, और इसके कारण मुझे लगता है कि मेरा देश नई ऊंचाईयों को पार करके रहेगा। सपनों को साकार करके रहेगा। और जिन सपनों को ले करके आजादी के दीवानों ने, आजादी की जंग लड़ी थी, उन सपनों को पूरा करने का वक्‍त अब शुरू हो चुका है। आइये, हम सब मिल करके भारत माता की जयकार का गान करते हुए उन सपनों को एक नई ऊर्जा दें, नयी ताकत दें, नया संकल्‍प करे। मेरी साथ बोलें -

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!