If the leaders of Andhra Pradesh would have truly worked for the development of its people, they would not have to put the blame of their ill-governance on Modi: PM
Our government is working tirelessly to accelerate development and opportunities for all sections of society in Andhra Pradesh: PM
Vote for politics of development of the BJP in the upcoming Lok Sabha elections: PM at Visakhapatnam

सबसे पहले हम तीन बार भारत माता की जय बोलेंगे। पहला जयकारा पराक्रमी भारत के लिए, दूसरा जयकारा विजयी भारत के लिए और तीसरा जयकारा हमारे वीर-जवानों के लिए।

पराक्रमी भारत के लिए- भारत माता की...जय, विजयी भारत के लिए- भारत माता की...जय, वीर-जवानों के लिए- भारत माता की...जय।

मंच पर विराजमान प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्रीमान लक्ष्मी नारायण कन्ना जी, हमारे संसद के साथी डॉक्टर हरिबाबू, भारतीय जनता पार्टी विधानसभा दल के नेता और यहां के जुझारू नेता श्रीमान विष्णु कुमार राजू जी, पूर्व मंत्री बहन पुरंदेश्वरी जी, श्रीमान वीरराजू सोमू जी, सत्यकुमार वाई, श्रीमान नरसिम्हा राव जी, हमारे सबसे पुराने वरिष्ठ नेता श्रीमान चलापति राव जी, श्री गंगाराजू गोकाराजू जी, श्रीमान सतीश जी, मुरलीधरन जी, मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में मुझे आशीर्वाद देने आए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।

 

साथियो, विशाखापट्टनम देश और आंध्र प्रदेश के हजारों युवाओं के सपनों का शहर है। यहां के लोगों के लिए उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करना, उनकी आशाओं, आकांक्षाओं को पूरा करने का निरंतर प्रयास करना केन्द्र सरकार की प्राथमिकता में है।

आज जब मैं आप सभी के बीच आया हूं तो एक खुशखबरी लेकर के आया हूं। आपकी एक बहुत पुरानी मांग को लेकर सरकार ने सकारात्मक कदम उठाया है। सरकार ने साउथ कोस्ट रेलवे जोन बनाने का फैसला लिया है जिसका हेडक्वार्टर यहीं विशाखापट्टनम में होगा। आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।

सरकार का यह फैसला आंध्र प्रदेश रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट के तहत यहां के विकास को गति देने की तरफ एक और बड़ा कदम है। इससे विशाखापट्टनम समेत ईस्ट कोस्ट रेलवे पर स्थित कई अहम क्षेत्रों तथा बेहतर रेलवे कनेक्टिविटी का लाभ मिल पाएगा। इससे आप लोगों की सुविधा तो बढ़ेगी ही,  यहां की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। यह फैसला केंद्र की एनडीए सरकार के आंध्र प्रदेश के विकास के प्रति कमिटमेंट को साफ-साफ दिखाता है।

यह उन दावों की भी पोल खोलता है जो अपने राजनीतिक वजूद को बचाने के लिए, अपने भ्रष्ट आचरण को छुपाने के लिए दिन-रात आंध्र की जनता के सामने लगातार झूठ पे झूठ, झूठ पे झूठ बोल रहे हैं। ये वही हैं, ये वही हैं जो आंध्र के बेटे-बेटियों को आगे बढ़ाने के बजाय अपने बेटे-बेटियों को स्थापित करने में जुटे हुए हैं।

साथियो, विशाखापट्टनम के एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाना हो या फिर छह लेन का नेशनल हाइवे बनाना हो, आईआईएम की शुरुआत हो या फिर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी, सोसायटी फॉर अप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च यानि SAMEER की स्थापना हो या फिर ईएसआईसी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल हो, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब हो या फिर स्टील प्लांट का विस्तारीकरण हो, रिफाइनरी का आधुनिकीकरण हो या फिर ऑयल रिजर्व फैसिलिटी का निर्माण हो, आपके शहर के विकास के लिए, आपके शहर को स्मार्ट बनाने के लिए सैकड़ों करोड़ के प्रोजेक्ट्स...इस पर तेज गति से काम चल रहा है। यह दिखाता है कि आपका यह प्रधान सेवक पूरे समर्पण से विशाखापट्टनम को स्मार्ट बनाने और आंध्र प्रदेश के विकास को गति देने में जुटा है।

साथियो, हम इसलिए बड़े काम कर पाते हैं और बड़े फैसले प्रामाणिकता के साथ तेजी से ले पाते हैं क्योंकि हम पूरी ईमानदारी से पूरी निष्ठा के साथ आप की सेवा करना चाहते हैं, आपके जीवन को आसान बनाना चाहते हैं। हमारे ऊपर कोई बैगेज नहीं है। यह डर नहीं है कि कोई फाइल खुल जाएगी तो क्या होगा। डरता वही है जिसने पाप किया हो, जिसने गलत मंशा से काम किया हो। यही डर हमारे विरोधियों को खाए जा रहा है, जिसमें बड़े-बड़े दिग्गज और अपना खुद का राजवंश स्थापित करने की कोशिश में लगे लोग भी पूरी तरह शामिल हैं।

हर समय यू-टर्न लेने में माहिर यहां के नेता ने पूरी ईमानदारी के साथ आपको दिया वचन निभाया होता तो आज उनको मोदी के ऊपर अपनी नाकामी का ठीकरा फोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ती। सोचिएआज वह ऐसे लोगों के सामने गुहार लगाते नजर आते हैं जिन्होंने तेलुगू अस्मिता को रौंदने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भाइयो और बहनो, आंध्र प्रदेश के लिए वह क्या करेंगे, देश के लिए उनके पास क्या एजेंडा है, यह बताने के बजाय वह मोदी को हटाने का ही शोर मचा रहे हैं। मोदी को वो इसलिए हटाना चाहते हैं क्योंकि गरीब की, मध्यम वर्ग की, किसान की, दलित की, वंचित की, शोषित के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। मोदी को वो इसलिए हटाना चाहते हैं क्योंकि बिचौलियों, दलालों, भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध शक्ति से मोदी कार्रवाई कर रहा है। मोदी को वो इसलिए हटाना चाहते हैं क्योंकि आज देश हित के और देश हित में कड़े और बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। मोदी को वो इसलिए हटाना चाहते हैं क्योंकि नए हिन्दुस्तान की रीति और नीति दोनों बदल रही है।

साथियो, देश को, आप सभी को, इन लोगों का एजेंडा समझ आ गया। महामिलावट का यह खेल अब देश पूरी तरह समझ गया है। यह लोग मिलकर देश को एक मजबूर सरकार देने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मजबूर सरकार का उनका यह प्रयास कभी कामयाब नहीं हो सकता क्योंकि देश आज मजबूत सरकार के काम को अनुभव कर रहा है। एक ऐसी मजबूत सरकार, एक ऐसी मजबूत सरकार जिसके लिए देश का हित सबसे ऊपर होता है। इसी मजबूत सरकार की वजह से हमारा विरोधी देश ऐसा बर्ताव कर रहा है जिसकी पहले कल्पना भी मुश्किल थी।

साथियो, लेकिन यह भी देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे समय में जब पूरी दुनिया पाकिस्तान से जवाब मांग रही है तब हिंदुस्तान के कुछ लोग ऐसे बयान दे रहे हैं जो देश के सुरक्षाबलों का मनोबल कमजोर करते हैं। ऐसे लोगों को आत्मचिंतन करना चाहिए कि वह ऐसा क्या बोल रहे हैं जिसके कारण पाकिस्तान की पार्लियामेंट में उनकी तारीफ की जा रही है, उनका नाम लेकर भारत पर निशाना साधा जा रहा है। मैं ऐसे महामिलावटी नेताओं से पूछना चाहता हूं...कमजोर सरकार चाहते-चाहते वह भारत को ही कमजोर करने में क्यों जुट गए हैं। क्यों ऐसी सियासत कर रहे हैं जिसका फायदा पाकिस्तान उठा रहा है, देश के विरोधी उठा रहे हैं। आखिर ऐसा क्यों है कि मोदी विरोध में यह लोग देश का भी विरोध करने लगे हैं।

भाइयो और बहनो, जब देश में मजबूत सरकार होती है तो जय जवान भी होता है और जय किसान भी होता है। यह मजबूत सरकार का ही परिणाम है कि किसानों के लिए सीधी मदद की एक ऐतिहासिक योजना बनाई गई। पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से हर 4 महीने बाद देश के 12 करोड़ किसानों को 2000 रुपये की सीधी मदद बैंक खाते में मिलनी शुरू हो चुकी है। इसमें आंध्र प्रदेश के भी लगभग 78 लाख ऐसे किसान परिवारों को लाभ मिलना तय हुआ है जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन है। इस पैसे से अब छोटा किसान हर फसल के लिए बीज, खाद, दवा, ऐसी चीजें खरीद पाएगा। हर वर्ष में प्रतिवर्ष 75 हजार करोड़ रुपए सीधे किसान के खाते में पहुंचने वाले हैं..और यह भी मैं बताऊं...अभी तो यह शुरुआत है।

साथियो, हमारे देश में साढ़े सात हजार किलोमीटर से ज्यादा समुद्र तट है। यह बहुत बड़ी क्षमता है जिसका बीते दशकों में पूरा इस्तेमाल नहीं हुआ। अपनी इस शक्ति का उपयोग करने के लिए भाजपा सरकार Ports for Prosperity के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। हमारे बंदर समृद्धि के प्रवेश द्वार हैं। सागरमाला जैसा प्रोजेक्ट इसी विजन की एक झलक है। इस प्रोजेक्ट पर 2035 तक की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए काम किया जा रहा है। फिशरीज सेक्टर को ध्यान में रखते हुए ही हमने उससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को भी विकसित करने का काम किया है। इसी सोच के साथ नए हार्बर बनाए जा रहे हैं, फिश लैंडिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं।

साथियोब्लू रिवॉल्यूशन योजना के तहत केंद्र सरकार मछुआरे भाई-बहनों के ट्रॉलर को डीप सी फिशिंग बोट में अपग्रेड करने का अभियान भी चला रही है इस काम के लिए सरकार द्वारा आर्थिक मदद भी मुहैया कराई जा रही है। इस अपग्रेडेशन की वजह से अब समुद्र के बीच में जाकर मछली पकड़ना संभव हुआ है और मछुआरों की आय भी बढ़ रही है। डीप सी फिशिंग को प्रोफेशनल ढंग से करने के लिए केंद्र सरकार मछुआरे भाइयों की ट्रेनिंग भी करा रही है। मछुआरे भाई-बहनों को सैटेलाइट के द्वारा इसरो की मदद से बना नाविक डिवाइस देने का काम भी तेजी से चल रहा है। नाविक डिवाइस ना सिर्फ मछुआरों को फिशिंग जोन के बारे में बताता है बल्कि उन्हें चक्रवात, सुनामी की वार्निंग भी देता है। नाविक की मदद से मछुआरों के रास्ता भटकने की आशंकाओं में बहुत कमी आ रही है।

केंद्र सरकार ने हाल ही में मछली के व्यवसाय से जुड़े साथियों के लिए कुछ और बड़े फैसले लिए हैं। इस बजट में ऐलान किया गया है कि मछली के व्यवसाय की जरूरतों के लिए अलग से एक डिपार्टमेंट बनाया जाएगा। सरकार ने साढ़े सात हजार करोड़ रुपए का एक फंड भी बनाया है जो मछली पालन से जुड़ी तमाम आवश्यकताओं पर ध्यान देगा। इसके अलावा मछली पालन से जुड़े लोगों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कर्ज की सुविधा भी शुरू की गई है। अब अपने काम के लिए मछुआरे बहन-भाइयों को दूसरे लोगों से कर्ज लेने पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

साथियो, हमारे मध्यम वर्ग के लिए भी ऐतिहासिक ऐलान इस बार के बजट में किया गया है। देश के इतिहास में पहली बार 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम पर टैक्स को जीरो कर दिया गया है। ये उन ईमानदार टैक्सपेयर्स के प्रति आभार है जिनके कारण गरीबों को अपना घर मिल रहा है। आयुष्मान भारत के माध्यम से 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है, मुफ्त एलपीजी कनेक्शन मिल रहा है। एक तरफ बेईमानी करने वालों को हम सजा दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ईमानदारी का सम्मान कर रहे हैं।

भाइयो और बहनो, मध्यम वर्ग का एक बड़ा सपना होता है कि वो अपना एक घर खरीद सके। हमने इसमें भी उनकी मदद की है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मध्यम वर्ग को 5 से 6 लाख तक की बचत होम लोन में हो रही है।

हाल में एक और बहुत बड़ा फैसला हुआ है। अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर जीएसटी रेट घटाकर 12% से सिर्फ 5% पर ले आए हैं। वहीं जो अफॉर्डेबल हाउस मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बनाए जाते हैं, उन पर जीएसटी 8% से घटाकर सिर्फ 1% कर दिया गया है। इससे आंध्र प्रदेश समेत पूरे देश के मध्यम वर्ग के साथियों को बहुत लाभ होने वाला है

भाइयो और बहनो, देश वही हैसाधन वही हैसंसाधन वही हैअफसर वही है, दफ्तर वही है, उसके बावजूद भी ऐसा क्या कारण है कि आज बड़े-बड़े फैसले लेना संभव क्यों हो पा रहा है। इसके पीछे किसकी ताकत है...इसके पीछे किसकी ताकत है...इसके पीछे किसकी ताकत है...इसके पीछे मोदी की ताकत नहीं है, इसके पीछे आपका एक वोट है...वही वोट जिसने 2014 में एक मजबूत केंद्र सरकार बनाई थी। 2014 के उस जनादेश को आपको और मजबूत करना है ताकि देश के विकास की गति इससे भी तेज हो सके।

आप इतनी भारी संख्या में हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए, इसके लिए मैं फिर एक बार आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। लेकिन आप सबसे आग्रह करता हूं कि हमारे देश के वीर-जवानों के सम्मान मेंभारत के पराक्रमी जवानों के सम्मान में आप अपने मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट ऑन करके, चारों तरफ लाइट जला कर के देश के वीरों का सम्मान कीजिए। देश के वीरों का गौरव कीजिए और मेरे साथ बोलिए भारत माता की...जय, भारत माता की...जय, भारत माता की...जय, वंदे-मातरम, वंदे-मातरम, वंदे-मातरम, वंदे-मातरम। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!