PM Modi says the people of Tripura has set a precedent for the entire country by ousting the Left Front government after 25 years
Congress and the Left are working together to oust Modi: PM Modi in Tripura
Congress releases their manifesto, their 'dhakosla patra', not even once 'dhakosla patra' mentions middle class, such hatred towards middle class: PM
Middle class made Modi win and that's why opposition is adamant on punishing them: PM Modi in Tripura
Tripura government is directly procuring from the farmers, benefiting the people: Pm Modi
We have destroyed the ecosystem of corruption comprising of middlemen: PM Modi in Tripura
On Left parties, PM Modi says, they consider their "party's constitution bigger than that of the country's

भारत माता की जय भारत माता की जय...

मां त्रिपुरा सुंदरी, माता बारी के चरणों में कोटि कोटि नमन... त्रिपुरा के विकास और सांस्कृतिक के समर्पित महाराजा वीर विक्रम किशोर माणिक्य जी और पदम् भूषण थंगा डोरलांग जैसे महान विभूतियों को मैं नमन करता हूं। भाइयो बहनो, मुझे आने में थोड़ा विलंब हुआ, मै इसके लिए आपसे क्षमा मांगता हूं। रास्ते में मां त्रिपुरा सुंदरी के चरणों में वंदन करने चला गया। पूर्जा-अर्चना करने के चला गया और इसके लिए आपको जरा ज्यादा इतंजार करना पड़ा। मैं जब आ रहा था तो मैं सोच रहा था कि सभा में कोई होगा कि नहीं होगा। क्योंकि हेलीपैड से लेकर के यहां तक करीब-करीब आठ किलोमीटर दोनों तरफ ह्यूमन चेन नहीं, ह्यूमन बॉल था। ऐसी भीड़ थी रास्ते में कि मुझे लगता था कि इतने छोटे से स्थान पर अब मैदान में कोई होगा कि नहीं होगा। लेकिन आपने तो कमाल कर दिया। मैं त्रिपुरा में अनेक बार आया हूं। लेकिन ऐसा नजारा मैं पहली बार देख रहा हूं। जहां-जहां मेरी नजर पहुंच रही है लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। भाइयो और बहनो, त्रिपुरा आज देश भर में परिवर्तन का सबसे बड़ा प्रतीक बन चुका है। पिछले वर्ष जिस तरह आप सभी ने अराजकता, अक्षमता, भ्रष्टाचार को बढ़ाने वाली और विकास विरोधी लेफ्ट फ्रंट की सरकार को उखाड़ फेंका है। वो एक मिसाल बन गया है। वाकई त्रिपुरा की जनता से बहुत कुछ सिखा जा सकता है। मैं आज देशभर में जाकर कह सकता हूं और विशेष कर बंगाल में जाकर कह रहा हूं कि त्रिपुरा के लोग बुहत ही मैच्योर हैं। बहुत दूरदृष्टि वाले हैं। मैं त्रिपुरा के लोगों से बहुत प्रभावित हूं। जिस तरह यहां के लोगों ने परिवर्तन के लिए अपने राज्य के विकास लिए सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा किया है। यह बहुत सराहनीय है। साथियो, यहां पर वर्षों से ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस वो भी हाथ-पैर मार रही थी। चुनाव लड़ती थी लेकिन कभी भी आपने उसको स्वीकार नहीं किया। आपने लेफ्ट के जुल्म को सहा। लेकिन भारतीय जनता पार्टी बड़ी हो उसका आपने इतंजार किया, और जैसे ही भाइयो-बहनो भारतीय जनता पार्टी में आपको ताकत नजर आई। आपने पूरा त्रिपुरा भारतीय जनता पार्टी को दे दिया। आपने लेफ्ट को निकाल कर के लाल कपरंग वाले TMC को धुसने नहीं दिया और मैं मानता हूं कि ये बहुत बड़ा दीर्घदृष्टि का आपने काम किया है। वरना बंगाल का हाल देखो लेफ्ट गया तो उससे भी बुरा लाल रंग TMC  ने ओड लिया, और तबाही कर दी बंगाल की। भाइयो-बहनो, आप उससे बच गए और इसलिए आपकी दीर्घदृष्टि अभिनंदन के पात्र है। 

भाइयो-बहनो, भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में लेफ्ट की सरकार सिर्फ सरकार या चेहरा नहीं बदला है। बल्कि एक मजबूत विकल्प दिया है। एक मजबूत सरकार दी है। एक नई सोच दी है। सरकार चलाने का एक जीता-जागता संस्कार का हमने उदाहरण पेश किया है। एक ऐसी सरकार दी है जो ईमानदारी से चल रही है। पारदर्शिता के साथ सच रही है। यहां की कानून व्यवस्था सुधार रही है। भाजपा ने त्रिपुरा में दिखाया है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो परिवर्तन हो सकता है। देश को पीछे धकलने वाली व्यवस्थाओं को ठीक किया जा सकता है, और मैं तो उस समय जब चुनाव प्रचार में आया हुआ था, त्रिपुरा का बच्चा-बच्चा एक ही बात बोल रहा था कि चलो पलटाए, चलो पलटाए.. चलो पलटाए...आप सभी का ये साथ ये विश्वास ही आज राष्ट्रहित में जनहित में ये चौकीदार आपके आशीर्वाद के कारण कड़े और बड़े फैसले ले पा रहा है। चाहे गरीबी और बीमारी से लड़ाई हो, चाहे भ्रष्टाचार से लड़ाई हो, या फिर देश के दुश्मनों को सबक सिखाने की बात ये चौकीदार आपके भरोसे पर खड़ा है। जरा मैं आपसे पूछना चाहता हूं, जवाब दोंगे...? जवाब दोंगे ?  हिंदी सममझ पाते हो ना। आप बताइए आप ये चौकीदार से खुश हैं? सबके सब खुश हैं? पूरी तरह खुश हैं? चौकीदार को अपना काम ऐसी करना चाहिए क्या...?  पूरी ताकत से करना चाहिए क्या? भ्रष्टाचारियों और गरीब को लूटने वालों को कड़ी सजा देनी चाहिए क्या..? क्या आतंकवादियों को उनके घर में घुसकर मारना चाहिए क्या..? मारना चाहिए ना..? सही कर रहा हूं ना...? देश के दुश्मनों का करारा जवाब देना चाहिए कि नहीं चाहिए? भाइयो बहनो, जिस उमंग और उत्साह के साथ जिस जोश के साथ आप जवाब दे रहे हैं आपके इन्हीं जवाबों का परिणाम है कि आज चौकीदार के विरुद्ध सारे इकट्ठे हो गए हैं। कांग्रेस और लेफ्ट मिलकर मोदी को हटाने में जुटे हैं। फिर चाहे उन्हें वैसे ही बात क्यों ना करनी पड़े जैसी पाकिस्तान बोल रहा है। ये ऐसे महामिलावटी है जो त्रिपुरा और केरल में दिखाने के लिए अलग-अलग हैं। लेकिन दिल्ली में चौकीदार को गाली देने के लिए ये सारे एक-दूसरे के हाथ पकड़कर के खड़े हो जाते हैं। यहां पर कुश्ती करते हैं, और वहां पर दोस्ती करते हैं। ये दिखावे के लिए अलग-अलग दिखते हैं। लेकिन भारत के टुकड़े करने की इच्छा रखने वालों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो जाते हैं। 

साथियो, अगर लेफ्ट की मदद न होती पर्दे के पीछे का कोई खेल न होता तो कांग्रेस के नामदार केरल की तरफ क्यों जाते? भाग-भाग कर केरल क्यों पहुंचे? आखिर पुडुचेरी में भी तो कांग्रेस की सरकार है। साउथ में लड़ना था तो वहां से लड़ सकते थे। अरे कर्नाटक में महामिलावट वाली सरकार है वहां से लड़ सकते थे। अरे आंध्र प्रदेश में यू–टर्न बाबू उनके साथ वो दोस्ती कर के बैठे हुए हैं अरे वहां से लड़ सकते थे। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ अरे वहां चले जाते। लेकिन वो इन राज्यों में नहीं गए। ये ठीक है कि वो पंजाब में नहीं लड़ सकते उनको दिक्कत है पुराने पापों के कारण। एक तो कैप्टन साहब की अलग धारा और दूसरी तरफ 84 के सिख दंगे की आंच उन्हें पंजाब में जीतने नहीं देती और इसलिए लेफ्ट के साथ पर्दे के पीछे मिलीभगत करके कांग्रेस के नामदार ने देश की आंख मे धूल झोंकने का काम किया है। साथियो, ये चौकीदार को हटाने मे जुटे हैं, और चौकीदार देश को आगे बढ़ाने में लगा है। आप सभी के आशीर्वाद से विकास की पंचधारा यानी बच्चों की पढ़ाई, युवाओं की कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई। ये सुनिश्चित करने के लिए पुरी ईमानदारी से जुटा हूं। दिन-रात जुटा हूं।

भाइयो-बहनो, आपके सहयोग के कारण ही चौकीदार की सरकार उन लोगों और उन इलाकों की सुध ले पाई है। जिनके साथ दशकों तक भेदभाव किया गया। पूर्वी भारत और उत्तर पूर्वी भारत के विकास के लिए जितना किया जाना चाहिए था, उतना पहले की सरकारों ने कोई ध्यान नहीं दिया। चाहे वो त्रिपुरा हो, चाहे मेघालय हो, मिजोरम हो, नागालैंड हो, सिक्किम हो, मणिपुर हो, असम हो, कोई प्रधानमंत्री यदा-कदा ही यहां आता था। अब बदलाव आप साफ देख रहे हैं, ऐसे जनजातीय भाई बहन जिन्हें एक जगह से दूसरे जगह जाते रहना पड़ता है। उनके बारे में अगर किसी ने आज तक नहीं सोचा लेकिन आपका ये चौकीदार आपके सहयोग से पहली बार इनके वेलफेयर बोर्ड बनाने का काम किया है। आदिवासी इलाकों में बच्चों और प्रसूता माताओँ को टिका लगाने की काम में गति भी हमारी सरकार लाई है। बेटी पढ़ाओ- बेटी बढ़ाओ, बेटियों के लिए स्कूल में अलग शौचालय, बहनों के लिए घर-घर में शौचालय, बेटियों की तस्करी रोकने के लिए सख्त कानून और बलात्कार, रेप जैसे केस में फांसी तक की सजा भी ये चौकीदार ने सुनिश्चित की है। साथियो, कांग्रेस हो, टीएमसी हो, गरीब का कल्याण इनकी प्राथमिकता में कभी नहीं रहा। लेफ्ट पार्टियां जिस विचारधारा का ढोंग दिखाती है। इनका तो नंबर वन एजेंडा होना चाहिए था। गरीब श्रमिकों की भलाई, देश के असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों की भलाई। इतने समय में लेफ्ट केंद्र में कांग्रेस की भागीदार रही है। बंगाल में उसने इतने समय तक सरकार चलाई। त्रिपुरा में लंबे समय तक राज किया। केरल में बार-बार राज करने का अवसर मिला। लेकिन लेफ्ट ने कभी असंगठित क्षेत्र के मेरे मजदूर भाइयो-बहनो की कभी चिंता नहीं की। अब आपके चौकीदार की सरकार ने असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले ऐसे 40 करोड़ से अधिक साथियों को साठ वर्ष की आयु के बाद तीन हजार रुपये की नियनमित पेशन वाली योजना शुरू कर दी है, और मैं मुख्यमंत्री जी को उपमुख्यमंत्रत्री जी को उनके सभी साथियों को बधाई देता हूं कि योजना को अभी ज्यादा समय नहीं हुआ लेकिन इतने कम समय में त्रिपुरा में 13 हजार से ज्यादा हमारे ऐसे श्रमिक इस योजना के साथ जुड़ चुके हैं। साथियो, लेफ्ट पार्टियों के लिए अपनी पार्टी का संविधान देश के संविधान से कहीं ज्यादा बड़ा होता है। ये तनाशाही रवैये के चलते लोगों से और जमीन से कटते जा रहे हैं। जिन पार्टियों के पास कभी दर्जनों सांसद, कई मुख्यमंत्री, और सैकड़ों विधायक होते थे। आज वो वामदल हांफ रहा है हांफ रहा है। जमीन की राजनीति करने वाले उनके नेता अब जमीन पर नहीं बल्कि टेलीविजन स्टूडियो में ज्यादा नजर आते हैं। देश को दिशा देने की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले वामपंथ के ये नेता आज चुनाव ही नहीं लड़ रहे। दरअसल उन्हें देश को दिशा नहीं देनी होती बल्कि अपनी दशा ठीक करनी होती है, और इसलिए वामदल जब सत्ता में होते हैं तो राजनीतिक हिंसा और बदले की हर सीमा लांघ जाते हैं। कांग्रेस, वामदल और उनके सहयोगियों के नीतियों के आप भी गवाह रहे हैं। उनकी ज्यादातर नीतियां अपने स्वार्थ के लिए है। लोगों का जीवन आसान बनाने के लिए नहीं है।

साथियो, अब ये पार्टियां मध्यम वर्ग पर बहुत बड़ा बोझ डालने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस समेत कुछ दल कहने लगे हैं कि मध्यम वर्ग पर और ज्यादा टैक्स लगाना चाहिए। मैं इनसे पूछना चाहता हूं क्या ये देश को उस लाइसेंस राज की तरफ ले जाना चाहते हैं। जहां लोगों की आय पर 70- 80 प्रतिशत टैक्स लगा करता था। क्या ये भारत को ऐसा देश बनाना चाहते हैं जहां का मीडिल क्लास बर्बाद हो जाए? साथियो, चौकीदार पहरेदारी करते समय जागते रहो भी साथ-साथ कहता चलता है। मैं भी आपको जागरुक कर रहा हूं। मैं त्रिपुरा समेत पूरे देश के लोगों को कहना चाहता हूं कि ये मध्यम वर्ग का विरोध करने वालों से भी सावधान रहिए। आप हैरान हो जाएंगे कि ये कांग्रेस पार्टी ने अभी तीन दिन पहले मैनिफेस्टो निकाला, ढकोसला पत्र घोषित किया। 50-60 पेज का उनका ढकोसला पत्र है। 50-60 पेज के इस ढकोसला पत्र में एक बार भी एक बार भी मीडिल क्लास, मध्यम वर्ग ये शब्द नहीं है। मध्यम वर्ग के प्रति इतनी नफरत, इतना गुस्सा, उनको लग रहा है कि मध्यम वर्ग ने मोदी को जीता दिया है, और इसलिए अब ये मध्यम वर्ग को सजा देने पर तुले हैं। भाइयो-बहनो, मध्यम वर्ग ईमानदार होता है, मध्यम वर्ग कानून का पालन करता है। मध्यम वर्ग का मानवी छोटे-मोटे हर टैक्स भरता है। अगर उसी को खत्म कर दोगे तो देश का भला कैसे होगा। मैं समझ नहीं पाता हूं। भाइयो और बहनो, उनके लिए सत्ता पैसा कमाने का माध्यम है हमारे लिए सत्ता सेवा का माध्यम है। त्रिपुरा में बीजेपी का कमल छाप डबल इंजन लगने के बाद, राज्य में भी बीजेपी सरकार बनने के बाद आज त्रिपुरा में गरीबों को पक्के घर मिल रहे हैं। गरीब बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जा रहा है। आयुष्मान भारत के तहत लाखों परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है। भाइयो-बहनो, देश के किसानों के नाम पर क्या-क्या वादें, क्या-क्या बातें नहीं की गई लेकिन किसान के बैंक खाते में सीधी मदद पहुंचे ये पहले किसी ने भी सोचा नहीं था। त्रिपुरा के लगभग साढ़े पांच लाख छोटे किसान परिवारों के बैंक खाते में हर वर्ष साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये से अधिक जमा होने की दिशा में हमने निर्णय किया है। ये व्यवस्था भी चौकीदार ने की और पैसे जमा होना शुरू हो गया। डेढ़ लाख से अधिक किसान परिवार के खातों में पहली किस्त तो पहुंच भी चुकी है। यहां त्रिपुरा की हमारी सरकार ने पहली बार किसानों से सीधे खरीदारी का काम शुरू किया है। जिससे आप सभी को बहुत लाभ हो रहा है। बिचौलियों, कमीशन खोरों, फर्जी लोगों का जो नेटवर्क लेफ्ट के राज में था उसकों ध्वस्त कर दिया है। साथियो, मुझे याद है कि मैंने विधानसभा चुनाव से पहले त्रिपुरा को HIRA एचआईआरए देने का वादा किया था। याद है न... याद है कि नहीं है, Hira देने का वादा किया था। उस दिशा में बीते एक वर्ष में बहुत काम हुए हैं। त्रिपुरा को ब्रॉडगेज रेल लाइन का काम लंबे समय से लटका था। इसको पूरा हमारी सरकार ने किया है। अगरतला से बेलोनिया तक रेल लाइन का विस्तार हो, राजधानी एक्सप्रेस हो, त्रिपुरा सुंदरी एक्सपेस हो, देवघर एक्सप्रेस हो, आज त्रिपुरा देश के बड़े शहरों से सीधा जुड़ रहा है। गांव-गांव में सड़कों और नेशनल हाईवे का काम चल रहा है। अगरतला के महाराजा वीर विक्रम एयरपोर्ट को अंतरराष्‍ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। त्रिपुरा से बांग्लादेश की राजधानी को जोड़ने के लिए फेनी नदी पर पुल बनाने की भी स्वीकृति हमने दे दी है। नदी, जलमार्ग के माध्यम से त्रिपुरा को दूसरे राज्यों और पड़ोसी देशों से जोड़ने का काम भी चल रहा है। सौभाग्य योजना के तहत त्रिपुरा के करीब-करीब हर परिवार तक हम बिजली उनके घर तक पहुंचा दिए हैं।

साथियो, नए भारत के नए त्रिपुरा के सपने और आकाक्षाएं बड़ी है।  आंकाक्षाओं और देश के सपने को सम्मान तभी मिल सकता है जब देश के संसाधनों पर सभी का सम्मान अधिकार हो, देश में रहने वाले हर वर्ग हर कोने को आगे बढ़ाने के समान अवसर मिले। साथियो त्रिपुरा में सरकार को अभी लंबा समय नहीं हुआ है लेकिन परिवर्तन दिख रहा है। आज कानून व्यवस्था नियत्रंण में है। सड़क पर बिना भय चलना आसान हुआ है। वसूली गिरोह का डर खत्म हुआ है। इतना ही नहीं अब आप निश्चिंत होकर अपने आराध्य की पूजा भी कर सकते हैं। एक वर्ष के भीतर ही यहां की हमारी सरकार ने कर्माचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने का प्रयास किया है। जो टीचर्स हैं उनकी समस्याओं को पूरी संवेदना के साथ सुलझाने के लिए प्रयासरत है। जनजातियों के लिए भी हमारी सरकार बहुत ही संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। त्रिपुरा ट्राइबल एरिया ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल जो लंबे समय से अधिक अधिकार की मांग कर रही थी, उसको पूरा कर लिया गया है। इससे अब विकास कार्यों में, फंडिग में, कांउसिल की सख्तियां बढ़ी है। इतना ही नहीं इस बार केंद्र सरकार ने जो बजट पेश किया है। उसमें जनजातीय कल्याण के लिए लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। भाइयो-बहनो, जब इस क्षेत्र में हर तरह की मूल सुविधाएं अच्छी होगी, तब यहां पर टूरिज्म बढेगा, उद्यम लगेंगे, और युवा साथियों को रोजगार संभव होगा। ये तभी संभव होगा जब आप सभी दिल्ली और त्रिपुरा में विकास के डबल इंजन को मजबूत करेंगे। ये कमल छाप डबल इंजन सारी स्थिती बदल सकता है। मुझे उम्मीद है कि 2019 के इन चुनावों में आप कमल के फूल के सामने बटन दबाकर हमारे इन दोनों साथियों को अपने इस चौकीदार को और सशक्त करेंगे। देश में एक मजबूत और पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने में आपका योगदान होगा। भाइयो-बहनो इसी विश्वास के साथ आप सभी का दूर-दूर से आकर हम सबको आशीर्वाद देने के लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं और मैं आपको बताऊं, जब आप कमल के फूल पर बटन दबाएंगे तो आपका वोट सीधा सीधा मोदी के खाते में जाने वाला है। भाइयो-बहनो.. आप मेरे साथ एक नारा बोलेंगे। नारा बोलेंगे... पूरी ताकत से बोलेंगे... मैं कहूंगा मैं भी.. आप बोलेंगे चौकीदार,,, मैं भी...चौकीदार, मैं भी... चौकीदार, मैं भी... चौकीदार, गांव गांव है.. चौकीदार, गांव गांव है.. चौकीदार, शहर-शहर है... चौकीदार, शहर शहर है.... चौकीदार, बच्चा बच्चा...चौकीदार, बड़े-बुजुर्ग भी... चौकीदार, माता-बहनें... चौकीदार, घर घर में है... चौकीदार, खेत खलिहान में... चौकीदार, बाग- बगान में... चौकीदार, देश के भीतर... चौकीदार, सरहद पर भी... चौकीदार, किसान-कामगार भी... चौकीदार, दुकानदार भी... चौकीदार, वकील-व्यापारी... चौकीदार, छात्र-छात्राएं भी.... चौकीदार, भाइयो-बहनो... पूरा हिंदुस्तान चौकीदार है। भारत माता की जय भारत माता की जय... बहुत बहुत धन्यवाद...

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।