QuoteUdupi region was naturally blessed with coastal plains and yet it had failed to develop under the Congress: PM Modi
QuoteCongress' disrespect towards Shri Deve Gowda ji is not acceptable. If such is their mindset, how can they think good for people of Karnataka: PM
QuoteCongress played politics over banking schemes for poor, says PM Modi in Udupi
QuoteWe will leave no stone unturned to fulfill aspirations of people of Karnataka and ensure all round development of the state: PM in Udupi
QuoteLove between me and people of Udupi is such that language no barrier between us, says PM Modi
Quote28th April 2018 will always be remembered in the history of India. Due to the efforts of several teams of people, India's villages got electricity: PM
QuoteThe Congress is led by leaders who have no respect for India's history. I was shocked that they even went to the level of disrespecting 'Vande Mataram': PM Modi
QuoteWhy did the Congress not think about the 18,000 villages lacking access to electricity: PM Modi
QuoteBJP is focussing on the pride of Karnataka, the development of the state. We want a Swachh, Sundar and Surakshit Karnataka: PM Modi
QuoteKarnataka Govt did nothing for the farmers in Karnataka. Why did they not ensure proper irrigation facilities to the farmers, asks PM Modi
QuoteCongress left behind a chronic ailment of 60 years, and we are working hard to rid the country of it: PM

भारत माता की जय। भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागण और विशाल संख्या में आए हुए कर्नाटक के मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।

आपका ये उमंग, आपका ये उत्साह इस बात का सबूत है कि इस बार कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस को सजा देने का निर्णय कर लिया है।

अच्छा …। आपको भाषान्तर नहीं चाहिए। शाबास।

आपका प्यार इतना है मुझ पर कि भाषा हमारे बीच की रुकावट नहीं बन सकती। आपके इस प्यार के लिए मैं सर झुकाकर आपको नमन करता हूं। यहां छोटा से पंडाल बनाया गया। शायद यहां के स्थानीय लोगों को लगा होगा कि इतना पंडाल भर जाएगा, बहुत अच्छा होगा। लेकिन हमारी सारी व्यवस्था कम पड़ गई और विशाल संख्या में जनसागर।

मेरे प्यारे भाइयो बहनो।

आप इस ताप में तपस्या कर रहे हैं। आपकी इस तपस्या को हम बेकार नहीं जाने देंगे। आपने जो प्यार दिया है, मैं इसे सवाया करके लौटाऊंगा और विकास के रूप में लौटाऊंगा।

भाइयो-बहनो।

उडुपी के साथ मेरा एक विशेष नाता भी है। क्योंकि द्वारका की धरती से बालकृष्ण यहां पधारे। उडुपी का नाता द्वारका से अटूट बन गया। और इसलिए मेरा भी स्वाभाविक नाता इस धरती से बन जाता है। और ये प्यार मुझे दिखाता है कि आपके दिल में ...।

भाइयो बहनो।

भक्त कनकदास को वासुदेव का दर्शन हो या फिर मध्वाचार्य यति के बालकृष्ण की मुलाकात हो। उडुपी पर भगवान श्रीकृष्ण की हमेशा छत्रछाया रही है। आज देश और समाज के लिए यहां के मठ, मंदिर, गुरुओं, सृष्टिजनों का योगदान हम सबके लिए प्रेरणा देने वाला है।

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भाइयो बहनो।

ये परशुराम की सृष्टि है। ये परशुराम की सृष्टि प्रकृति की रक्षा कैसे करना, प्रकृति का संवर्धन कैसे करना, प्रकृति के साथ सहजीवन कैसे जीना, ये परशुराम की सृष्टि हमें इसका संदेश देती है। यही तो पूरे विश्व को हम कह सकते हैं कि हम वो लोग हैं जो प्रकृति का पोषण जानते हैं। हम प्रकृति का शोषण करना हमारी संस्कृति में नही है, हमारी परंपरा में नहीं है।

मेरे उडुपी के भाइयो बहनो।

मैं आज इस धरती के लिए एक विशेष गौरव की भी अनुभूति करता हूं। इसी धरती का नौजवान। उस नौजवान ने बहुत छोटी आयु में दुनिया के अंदर हिन्दुस्तान का माथा ऊंचा कर दिया है। अभी ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के खिलाड़ी गए थे। और इसी धरती का संतान हमारा नौजवान साथी गुरुराज पुजारी, ये कृष्ण की धरती से गुरुराज गया और वेटलिफ्टिंग में हिन्दुस्तान को को मेडल दिलाकर आ गया। मुझे गुरुराज से मिलने का भी अवसर मिला है। मुझे गुरुराज से उसके पराक्रम की बातें सुनने का मौका मिला है।  

भाइयो बहनो।

ये नौजवान ही है जो देश और दुनिया में हिन्दुस्तान का नाम रोशन करते हैं। हम तो राजनीति में भी नहीं थे। हम तो राजनीति में बड़ी देर से आए। लेकिन उडुपी के साथ हमलोग अपनापन कई वर्षों से महसूस करते आए हैं। जब पूरे देश में जनसंघ का झंडा कहीं लहराता नहीं था। उस जमाने में 40 साल पहले ये उडुपी में जनसंघ के लोगों को म्युनिसपिलिटी में लोग चुनकर भेजते थे। और अनेक वर्षों तक उडुपी की जनता ने जनसंघ को यहां विजयी बनाया। और जब हिन्दुस्तान में नगरपालिकाओँ के बीच में स्पर्धा होती थी तो अनेक मानकों में उडुपी जनसंघ शासित उडुपी देश में नंबर एक पर आता रहता था। और इसलिए चाहे स्वच्छता की बात हो, सामान्य मानवी के सुखाकारी की बात हो, उडुपी, जनसंघ और भाजपा का नाता एक सफलता के इतिहास से जुड़ा हुआ है। और इसलिए मैं आज जनसंघ के जमाने से भाजपा तक के लक्षावधि कार्यकर्ताओं को नमन करता हूं जिन्होंने इस महान परंपराओं को आगे बढ़ाया है।

भाइयो बहनो।

ये उडुपी, दक्षिण कन्नड़ का ये इलाका लैंड ऑफ टेंपल के रूप में जाना जाता है। ये लैंड ऑफ टेंपल तो है ही। लेकिन देश को इस बात का भी पता होना चाहिए कि ये धरती भारत के लिए लैंड ऑफ बैंकिंग भी है। वर्षों पूर्व इसी धरती से बैंकिंग के क्षेत्र में देश को नई दिशा मिली, देश को नई ताकत मिली।

भाइयो बहनो।

यही धरती। जहां से श्रीमान सुब्बाराव पाई, श्रीमान पीएमए पाई, श्रीमान हाजी साहेब, श्रीमान एबी शेट्टी। आज भी जब हिन्दुस्तान में बैंकिंग सेक्टर की बात आती है तो गर्व के साथ इस धरती का नाम, इन महानुभावों का नाम देश याद करता है। और जिस धरती ने देश को बैंकिंग के क्षेत्र का महात्म्य बताया, सामर्थ्य दिया। आजादी के बाद भी गरीबों के नाम पर बैंकों के राष्ट्रीयकरण किए गए। सत्ता हथियाने के लिए खेल खेले गए। लेकिन आजादी के बाद भी गरीब को बैंक के दरवाजे तक जाने का कभी अवसर नहीं आया। गरीब सोच भी नहीं सकता था कि बैंक के दरवाजे तक वो जा सकता है। आप लोगों ने हमें दिल्ली में भारत सरकार में बिठाया। देश की सरकार का नेतृत्व करने का सौभाग्य दिया। जिस उडुपी ने देश को बैंकिंग को दिया था। हमने देश के गरीब को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ने का सपना लिया और उसे जोड़करके दिया। 31 करोड़ से ज्यादा 40 फीसदी जनसंख्या आजादी के इतने सालों के बाद भी अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से बाहर थी, बैंकिंग व्यवस्था से बाहर थी। हमने उन्हें बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा। जन-धन योजना के तहत बैंक में उनके खाते खोले। और हमने गरीब को कहा था कि जीरो बैलेंस से बैंक खाता खोला जाएगा। बैंक आपकी है। चिंता मत कीजिए। और मेरे देश के गरीबों की अमीरी देखिए। हमने तो कहा था कि जीरो बैलेंस एकाउंट खोलेंगे लेकिन मेरे देश के गरीबों ने 80 हजार करोड़ रुपया बैंकों में जमा करके अपना सेविंग का क्षेत्र खोल दिया। आप कल्पना कर सकते हैं। इन गरीबों को अगर 40-50 साल पहले यह अवसर मिला होता तो आज वो अर्थव्यवस्था में कहां पहुंचे होते। देश की अर्थव्यवस्था को कितनी ताकत मिली होती। लेकिन मुट्ठीभर लोगों के लिए देश चलाने की आदत वाली कांग्रेस को कभी गरीबों को ताकतवर बनाने का विचार नहीं आया। उनको गरीबों को गरीब रखकरके अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का ही हमेशा इरादा रहा। उसी परिणाम आया कि देश के कल्याण में काम नहीं आया।

प्यारे भाइयो बहनो।

बैंक के पैसे देश के नौजवान के काम आऩा चाहिए कि नहीं आना चाहिए ...। देश के नौजवान को अगर अपने सपने साकार करने हैं तो जो बैंक में जो पैसा है, वो उसके काम आना चाहिए कि नहीं आना चाहिए ...। लेकिन पहले ऐसी सरकारें थी जो उनके चहेते लोगों को चाहे जितना लूटा देते थे रुपया, बैंकों से जो लूटना है, वो लूटने देते थे। लेकिन देश के नौजवान को अपने पैरों पर खड़ा होना हो, छोटा-मोटा व्यवसाय शुरू करना हो, अपना कारोबार करना चाहता हो, खेती में कोई नई मशीन लाना चाहता हो, कोई छोटा-सा उद्योग खड़ा करना चाहता था। तो बैंकों के दरवाजे हमारे ऐसे नौजवानों के लिए ताले लगे हुए थे, बंद थे। उनसे पूछा जाता था। भई बैंक से लोन लेने आए हो कुछ गिरबी रखने के लिए तुम्हारे पास है क्या? जमीन है। संपत्ति है। गारंटी है। अरे उसके पास होता तो वो तुम्हारे दरवाजे पर दस्तक क्यों देता। अरे उसके पास नहीं है। उसके पास तो जज्बा है, संकल्प है, उसको कुछ कर गुजरने का इरादा है, वो अवसर चाहता है अवसर। कोई उसका हाथ पकड़ ले तो वह खुद चलने को तैयार है।

भाइयो बहनो।

कांग्रेस के शासनकाल में 5-6 दशक तक बैंक का पैसा देश के नौजवानों के काम नहीं आया। हमने इस बैंकिंग व्यवस्था को देश के नौजवानों से जोड़ा है।  आशावान नौजवानों से जोड़ा। होनहार नौजवानों से जोड़ा। संकल्पबद्ध नौजवानों के साथ जोड़ा। अपने पैरों पर खड़े होने का इरादा रखने वालों नौजवानों के साथ जोड़ा। और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू की। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत इस देश में 12 करोड़ लोन स्वीकृत हो गई और रकम करीब 4 लाख करोड़ से भी ज्यादा। देश के नौजवानों के हाथ में दी। अकेले कर्नाटक में सवा करोड़ लोन स्वीकृत हुए हैं भाइयो बहनो। ये नौजवान आगे आए हैं। और जिन नौजवानों ने अपना कारोबार शुरू किया है। खुद तो अपने पैरों पर खड़ा है लेकिन कहीं वो एक को रोजगार दे रहा है, तो कोई दो तो कोई पांच लोगों को रोजगार दे रहा है। अभी मुझे देशभर के मुद्रा योजना के लाभार्थियों से मिलने का मौका मिला। मैं हैरान था। उन्होंने ऐसे-ऐसे काम करके दिखाए एक साल दो साल के अंदर। ब्रांडेड चीजें बनाने लग गए। बाजार को कैप्चर करने लग गए। मेरे देश की युवा शक्ति, मेरे बैंकिंग व्यवस्था की धन शक्ति और सरकार की संकल्प शक्ति। ये त्रिवेणी संगम है जो हिन्दुस्तान का भाग्य बदलने के लिए आज आगे बढ़ रहा है।

भाइयो बहनो।

मैं आज जरा कर्नाटक की सरकार से पूछना चाहता हूं। मैं कांग्रेस के नेताओं से पूछना चाहता हूं। आप मुझे बताइए भाइयो बहनो। क्या लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान होता है क्या ...? निर्दोषों को मौत के घाट उतारने का हक मिलता है क्या ...? राजनीतिक विचारधारा में कोई दूसरा विचारधारा रखता है तो उसको मार दिया जाता है क्या ...। क्या इस चुनाव में लोकतंत्र के पक्षधर कर्नाटक के लोग कांग्रेस पार्टी से हिसाब मांगेगे ...। पिछले दो साल में दो दर्जन से ज्यादा भाजपा के कार्यकर्ताओं को मौत के घाट दिया गया, कत्लेआम कर दी गई, हिंसा कर दी गई। उनका गुनाह यही था कि वो आपके विचारों को विरोध करते थे। उनका गुनाह यही था कि कर्नाटक के नागरिकों हक के लिए वो आवाज उठाते थे। आपने उनका गला घोंट दिया।

आप मुझे बताइए। कर्नाटक के भाइयो बहनो।

हिंसा की हिंसा की राजनीति करने वाले लोगों को कांग्रेस से विदाई होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ...। कर्नाटक से विदाई होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ...। देश से विदाई होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ...। हिंसा की मानसिकता की विदाई होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ...। क्या करके रखा है।

भाइयो बहनो। अहंकार की भी ...।

देश को आज ...। दुनिया में भारत ईज ऑफ डूइंग बिजनस में आगे बढ़े। ये हमारा कर्नाटक ...। मैं छोटा था तब से, मैं राजनीति का र भी नहीं जानता था तब से हम कर्नाटक की गौरवगाथा सुनते आए हैं। यहां के लोग, यहां का जीवन, यहां की शांति हर कोई तारीफ करता था। लेकिन उस कर्नाटक की इस विरासत को भी चूर-चूर करने का काम कांग्रेस की सरकार ने किया है। एक तरफ हम ईज ऑफ डूइंग विश्वभर में भारत का ख्याती बढ़े। भारत में विदेश के लोग आएं, पूंजी निवेश करें। भारत के लोगों को हक मिले, इसके लिए काम कर रहे हैं। तो दूसरी तरफ कर्नाटक में कांग्रेस क्या कर रही है। कांग्रेस के शासन में क्या हो रहा है। एक तरफ हिन्दुस्तान ईज ऑफ डुइंग बिजनस के लिए योजनाएं बना रहा है और दुनिया में पहली बार हुआ 45 हाथ आगे निकल गए। हमारी ऊंचाई बढ़ गई है। हमारा नाम बढ़ गया विश्व में। दूसरी तरफ कांग्रेस के शासन में क्या हो रहा है। यहां ईज ऑफ डूइंग में इंटरेस्ट नहीं है। ये दुख की बात है।

राजनीतिक हिंसाओं के प्रति सरकार उदासीन है। ये मैं खुला आरोप लगाना चाहता हूं कि कांग्रेस ने अपने शासन काल में देश तो ईज ऑफ डूइंग बिजनस कर रह है। इन्होंने ईज ऑफ डूइंग मर्डर कर दिया है। ये ईज ऑफ डूइंग मर्डर का कल्चर इन्होंने पैदा किया है। और इसलिए मैं आपसे आग्रह करता चाहता हूं कि यहां से अपराध की राजनीति, अपराधियों के आधार पर राजनीति, अपराधियों की सरकारों में बोलबाला। ये अगर हम खत्म नहीं करेंगे तो कर्नाटक के नौजवानों का भविष्य उज्ज्वल नहीं है। और इसलिए कर्नाटक के उज्ज्वल के भविष्य के लिए ये जो बीमारी कांग्रेस लेकर आई है। उस बीमारी से मुक्ति पाना बहुत जरूरी है। ये चुनाव में वो अवसर मिल रहा है। 12 मई को कमल के निशान पर बटन दबाकरके हम इस भाग्य को बदलने का फैसला आपके हाथ में है। और मुझे विश्वास है।

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भाइयो बहनो।

राजनीति में मतभेद होते हैं लेकिन सार्वजनिक जीवन की कुछ मर्यादाएं होती हैं। हर व्यक्ति का अपना ईगो होगा लेकिन समाज जीवन में मान मर्यादाओं का भी मूल्य होता है। हमारे देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री इसी धरती के संतान किसान पुत्र श्रीमान देवेगौड़ा जी जब भी दिल्ली में आए। उन्होंने जब भी मेरा समय मांगा। मैं उन्हें मिला। इतना ही नहीं, जब वो मेरे घर आते हैं तो उनकी गाड़ी का दरवाजा खोलकरके उनका स्वागत करता हूं। और जब जाते हैं तो दरवाजे तक जाकरके उनको गाड़ी में बिठाकरके छोड़ कर आता हूं। राजनीतिक दृष्टि से वो हमारे विरोधी विचार के हैं। वे हमारी जमकरके आलोचना करते हैं। पार्लियामेंट में हमारे खिलाफ वोट करते हैं लेकिन देवेगोड़ा जी हिन्दुस्तान के वरिष्ठ सम्मानजनक नेताओं में से एक हैं। लेकिन मैंने सुना कि कांग्रेस के अध्यक्ष चुनावी सभाओं में आज से 15-20 दिन पहले जिस प्रकार से आदरणीय देवेगौड़ा जी का उल्लेख कर रहे थे। क्या ये आपके संस्कार हैं। क्या ये अहंकार ...। अरे अभी तो आपकी जिंदगी की शुरुआत हो रही है। अरे देवगौड़ा जी तो इस देश के वरिष्ठ नेताओं में से हैं। आप उनको अपमानित करते हो। आप कल्पना कर सकते हो कि जिसका मिजाज ऐसा है। जिसका अहंकार सातवें आसमान पर पहुंचा है। अभी तो जिंदगी की शुरुआत है। वे अगर आज ये कर रहे हैं तो आने वाले दिन कितने बुरे हो सकते हैं। ये आपको उनके कारनामों से पता चलता है। और इसलिए। ऐसी कांग्रेस पार्टी, ऐसे अहंकारी लोग लोकतंत्र के लिए एक बहुत खतरा है। इसलिए मैं कर्नाटक की जनता से आग्रह करता हूं। ये कर्नाटक की जनता का जिम्मा है, महात्मा गांधी के सपने को पूरा करने का। महात्मा गांधी का आखिरी सपना था। उनके जीवन की इच्छा थी कि कांग्रेस को बिखेर दो। देश के जिस-जिस राज्य को मौका मिला, हर राज्य ने गांधी जी के सपनों को पूरा करने का भरसक प्रयास किया। जहां भी लोगों को मौका मिला है पिछले चार साल में ...। कांग्रेस को ...। अब बारी किसकी है ...। अब कर्नाटक की बारी है। ये कर्नाटक को देश की इच्छा पूरी करने का सौभाग्य मिला है। और कर्नाटक में खेल पूरा हो गया तो ...। फिर तो साहब ...। गांधी जी के आशीर्वाद आप ही पर आने वाले हैं।

और इसलिए ...। भाइयो-बहनो।

कांग्रेस पार्टी असहिष्णुता, हिंसा, अत्याचार, कानून व्यवस्था में कोताही। ये उसकी सरकारों की पहचान बनी रही। आज सामान्य मानवी सुरक्षित नहीं है। कर्नाटक के अंदर लोकायुक्त पर हमला हो जाए, कर्नाटक के पुलिस अफसर खुद सरकार को चिट्ठी लिखे, कानून व्यवस्था को लेकरके चिंता व्यक्त करें। इससे अधिक बुरा दिन क्या हो सकता है। हमारी बेटियों की रक्षा करना। जिस प्रकार से कर्नाटक में बेटियों पर जुल्म हुए हैं। मीडिया में वो खबर दिखाई दे या न दिखाई दे, सोशल मीडिया में जिस प्रकार से लोगों ने जानकारियां पहुंचाई है। ये चौकाने वाले हैं।

इसलिए भाइयो बहनो।

मेरे देश की बेटियों को रक्षा देने के लिए, राक्षसी मनोवृत्ति के लोगों को दंडित देने के लिए हमारी सरकार ने बहुत बड़ा फैसला किया है। बलात्कारियों को फांसी के मंच पर चढ़ा दिया जाएगा, फांसी पर लटका दिया जाएगा। और न्याय जल्दी से जल्दी मिले। ये फैसला हमने किया है। ये निर्णय हमने किया है। आप जानते हैं। हम निर्णय करते हैं तो उसको लागू करके ही रहते हैं।

भाइयो बहनो।

आपने माफियाओं की कथाएं तो बहुत सुनी है। और कर्नाटक में तो हर इलाके में माफिया की बिरादरी चली है। अब एक नया खेल चला है। सैंड माफिया। उडुपी वाले बराबर सब जान जाते हैं। हाईकोर्ट को, कर्नाटक के हाईकोर्ट को कठोर टिप्पणी करनी पड़ी, सरकार के खिलाफ। और गरीब आदमी को घर बनाना हो, दो बोरी बालू चाहिए तो उसको ब्लैक में लाने के लिए मजबूर करे। यहां तक सैंड माफिया ने अपने हाथ पैर पसारे हैं।

आप मुझे बताइए।

इन माफियाओं के पीछे सत्ता में बैठे हुए लोगों का सहारा है कि नहीं है ...। उनके आशीर्वाद है कि नहीं है ...। जो बालू भी लूट जाते हैं, वो आपके लिए कुछ बचने देंगे क्या ...। ये लूट करने की सरकार जानी चाहिए कि नहीं चाहिए ...। हमेशा-हमेशा के लिए कर्नाटक को ऐसी वृत्ति-परिवृत्ति से मुक्ति मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए ...।

और इसलिए भाइयो बहनो।

मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूं। ऐसी सरकार जो माफिया को पालती है, कानून व्यवस्था को पी जाने की आदत रखने वाले लोग मुखिया बनके बैठे हुए हैं। तो भाइयो बहनो। कर्नाटक की हालत बद से बदतर हालत होती चली जाएगी। यही एक मौका है कर्नाटक को बचाने की।

ये हमारा उडुपी। जब भी कर्नाटक में शिक्षा की चर्चा होती है। 10वीं के एक्जाम हो, 12वी के एक्जाम हो, शानदार, शानदार परिणाम किसका आता है ...। पूरे कर्नाटक में आन-बान-शान किसकी है। उडुपी है कि नहीं है ...। और मजा देखिए। कभी भी उडुपी के छात्र इतने होनहार हैं। शिक्षा में पराक्रम करने वाले लोग हैं। पूरे कर्नाटक में उनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता है। लेकिन कभी भी। कभी उडुपी के एक्जाम सिस्टम में गलत हो रहा है। ऐसी एक भी खबर सुनने को नहीं मिली। गर्व होता है। आज के कालखंड में ये उडुपी जैसी पवित्र जगह से हमारे नौजवान इस प्रकार का जीवन जीते हैं। तो देश का हौसला बुलंद होता है, गर्व होता है। उन माताओं-पिताओं को, शिक्षकों को, स्कूलों को उडुपी के नौजवानों को आदरपूर्वक धन्यवाद देता हूं। अभिनंदन करता हूं।

भाइयो बहनों।

लेकिन इतनी पढ़ाई। इतने होनहार परिणाम लेकिन जैसे ही 20-22 साल की उम्र हो जाए। बूढ़े मां-बाप को छोड़करके कहीं बैंगलुरू जाना पड़ता है, कहीं कर्नाटक से बाहर जाना पड़ता है। रोजी रोटी कमाने के लिए कहीं और जाना पड़ता है।क्या उडुपी के आस-पास विकास करके यहां के लोगों को रोजगार नहीं दिया जा सकता। क्या यहां के समुद्र तट की शक्ति, ब्लू रिवोल्यूशन के द्वारा यहां के लोगों के जीवन में रोजगार नहीं दिया जा सकता है।

लेकिन भाइयो बहनो।

ये सरकार ऐसी है। इनके इरादे ऐसे हैं। इनकी आदत ऐसी है कि वे कभी भी इस परिवर्तन के पक्ष में होते नहीं है। उनकी आदत है अटकाना, लटकाना, भटकाना। चीजों को रोके रखना। विकास के अंदर कोई भी चीज आगे न बढ़े। 5 साल में भारत सरकार ने कडूर- चिकमगलूर-सकलेसपुर रेल लाइन का प्रोजेक्ट। 20 साल हो गए लेकिन 90 किलोमीटर की रेल लाइन, 16 साल के बाद कडूर से चिकमंगलुर तक आधा काम पूरा हो पाया है। आप मुझे बताइए। यदि राज्य सरकार जमीन ही न दे तो भारत सरकार कितने ही पैसे लगाए। क्या विकास हो सकता है क्या ...।

ये बरही सिंचाई परियोजना। क्या हुआ। 40 साल हो गए। कितने मुख्यमंत्री आकर गए। कितनी सरकारें आकर गई। जब-जब कांग्रेस सरकारें आई। काम थोड़ा आगे बढ़ा रोक दो, थोड़ा आगे बढ़ा, रोक दो। पानी के संबंध में, ऐसी उदासी सरकार हमने कभी नहीं देखी।

भाइयो बहनो।

कर्नाटक के पास समृद्ध कोस्टल इलाका है, समुद्री तट है। और हम तटीय विकास के पक्ष के हैं। सागरमाला प्रोजेक्ट के द्वारा हम हिन्दुस्तान के समुद्री तट के विकास पर काम के लिए काम करना चाहते हैं। हम हमारे फिशरमैन के लिए नए हार्बर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उडुपी के आस-पास रेल के दो स्टेशन का काम चल रहा है। वह बहुत जल्द पूरा होने वाला है। तटीय कर्नाटक को उडुपी में रेलवे बिजलीकरण का काम आज तेज गति से चल रहा है। और इसलिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के द्वारा उडुपी को देश के अन्य भागों से तत्काल जोड़ने का काम, ये हमारी प्राथमिकता रही है। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत अगल दो वर्षों में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश नौजवानों को नए रोजगार के अवसर पैदा करने वाला है।

भाइयो बहनो।

विकास के अनके प्रोजेक्ट लेकरके आज हम मछुआरों की जिंदगी बदलने के लिए काम कर रहे हैं। विकास की नई ऊंचाइयों को पार करने के लिए काम कर रहे हैं। और ऐसे समय, आपका ये उत्साह और उमंग, आने वाले 10-11 दिन आपके पास है। घर-घर जाना है। एक-एक मतदाता से मिलना है। हर मतदाता के भविष्य को कर्नाटक के भविष्य के साथ जोड़ना है। और भारतीय जनता पार्टी के लिए बटन दबाने के लिए बटन दबाने तक ले जाना आपका काम है। पोलिंग बूथ तक ले जाने का आपका काम करना है। और आप सब इस काम को आगे बढ़ाएंगे। और येदुरप्पा जी के मुख्यमंत्री पद में हम कर्नाटक में नई सरकार बनाएंगे। दिल्ली की सरकार कर्नाटक के साथ कंधे से कंधा मिलाकरके चलने के लिए तैयार है। आप दो कदम नहीं चलेंगे तो हम पीछे नहीं रहेंगे। ये हम आपको विश्वास दिलाने आया हूं। कर्नाटक की आशाएं अपेक्षाएं पूर्ण करने के लिए दिल्ली की सरकार ऐड़ी चोटी एक लगा देगी। ये मैं आपको विश्वास दिलाने आया हूं।

भाइयो बहनो।

स्वच्छ, सुंदर, सुरक्षित कर्नाटक निर्मिष सोणा। बन्नी एल्लरू कै जोड़ी सी। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। सरकार बदली सी ...। सरकार बदली सी ...। सरकार बदली सी ...। सरकार बदली सी ...। एल्लरीगो नमस्कार करूं। भारत माता की जय।

 

  • Shyam Mohan Singh Chauhan mandal adhayksh January 31, 2024

    जय हो
  • शिवकुमार गुप्ता January 19, 2022

    हर हर मोदी🙏
  • शिवकुमार गुप्ता January 19, 2022

    जय भारत
  • शिवकुमार गुप्ता January 19, 2022

    जय हिंद
  • शिवकुमार गुप्ता January 19, 2022

    जय श्री सीताराम
  • शिवकुमार गुप्ता January 19, 2022

    जय श्री राम
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78મા સ્વતંત્રતા દિવસનાં પ્રસંગે લાલ કિલ્લાની પ્રાચીર પરથી પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીનાં સંબોધનનો મૂળપાઠ

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Media Coverage

"Saudi Arabia ‘one of India’s most valued partners, a trusted friend and a strategic ally,’ Indian PM Narendra Modi tells Arab News"
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The World This Week on India
April 22, 2025

From diplomatic phone calls to groundbreaking scientific discoveries, India’s presence on the global stage this week was marked by collaboration, innovation, and cultural pride.

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Modi and Musk Chart a Tech-Driven Future

Prime Minister Narendra Modi’s conversation with Elon Musk underscored India’s growing stature in technology and innovation. Modi reaffirmed his commitment to advancing partnerships with Musk’s companies, Tesla and Starlink, while Musk expressed enthusiasm for deeper collaboration. With a planned visit to India later this year, Musk’s engagement signals a new chapter in India’s tech ambitions, blending global expertise with local vision.

Indian origin Scientist Finds Clues to Extraterrestrial Life

Dr. Nikku Madhusudhan, an IIT BHU alumnus, made waves in the scientific community by uncovering chemical compounds—known to be produced only by life—on a planet 124 light years away. His discovery is being hailed as the strongest evidence yet of life beyond our solar system, putting India at the forefront of cosmic exploration.

Ambedkar’s Legacy Honoured in New York

In a nod to India’s social reform icon, New York City declared April 14, 2025, as Dr. Bhimrao Ramji Ambedkar Day. Announced by Mayor Eric Adams on Ambedkar’s 134th birth anniversary, the recognition reflects the global resonance of his fight for equality and justice.

Tourism as a Transformative Force

India’s travel and tourism sector, contributing 7% to the economy, is poised for 7% annual growth over the next decade, according to the World Travel & Tourism Council. WTTC CEO Simpson lauded PM Modi’s investments in the sector, noting its potential to transform communities and uplift lives across the country.

Pharma Giants Eye US Oncology Market

Indian pharmaceutical companies are setting their sights on the $145 billion US oncology market, which is growing at 11% annually. With recent FDA approvals for complex generics and biosimilars, Indian firms are poised to capture a larger share, strengthening their global footprint in healthcare.

US-India Ties Set to Soar

US President Donald Trump called PM Modi a friend, while State Department spokesperson MacLeod predicted a “bright future” for US-India relations. From counter-terrorism to advanced technology and business, the two nations are deepening ties, with India’s strategic importance in sharp focus.

India’s Cultural Treasures Go Global

The Bhagavad Gita and Bharata’s Natyashastra were added to UNESCO’s Memory of the World Register, joining 74 new entries this year. The inclusion celebrates India’s rich philosophical and artistic heritage, cementing its cultural influence worldwide.

Russia Lauds India’s Space Prowess

Russian Ambassador Denis Alipov praised India as a leader in space exploration, noting that Russia is learning from its advancements. He highlighted Russia’s pride in contributing to India’s upcoming manned mission, a testament to the deepening space collaboration between the two nations.

From forging tech partnerships to leaving an indelible mark on science, culture, and diplomacy, India this week showcased its ability to lead, inspire, and connect on a global scale.