BJP govt to protect Jharkhand’s ‘Jal’, ‘Jungle’, ‘Jameen’: PM Modi in Khunti
The double-engine growth of Jharkhand became possible because the party was in power both at Delhi and in Ranchi: PM Modi
Congress played politics over Ramjanmabhoomi: PM Modi in Jharkhand
When there is BJP government in both Centre and state, the pace of development becomes faster: PM Modi

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मैं आज बड़े गर्व के साथ कह सकता हूं कि जब मैं भारतीय जनता पार्टी में एक कार्यकर्ता के रूप में संगठन का दायित्व संभालता था तो मुझे इस बात को गर्व से कहना चाहिए कि करिया मुंडा जी की उंगली पकड़कर के संगठन शास्त्र को मैंने सीखा था। अनेक वर्षों तक उनके साथ काम करने का मुझे सौभाग्य मिला, हर परिस्थिति में प्रसन्नचित्त करिया मुंडा जा के साथ लोकसंग्रह कैसे किया जाता है, दूर-सुदूर गांवों की ओर देखने का दृष्टिकोण क्या हो सकता है। घंटों तक उनके साथ चर्चा विचार विमर्श करते-करते मुझे सीखने का सौभाग्य मिला और आज मुझे खुशी है कि उनके मार्गदर्शन में हम फिर एक बार झारखंड के भाग्य को संवारने के लिए पूरी ताकत के साथ मेहनत कर रहे हैं। मंच पर विराजमान केंद्र सरकार में मेरे साथी श्रीमान अर्जुन मुंडा जी का अद्भुत और प्रेरक भाषण सुनने के बाद मैं नहीं मानता हूं कि मेरे भाषण की कोई जरूरत है। जिस तर्क के साथ, जिस सहजता के साथ यहां की मिट्टी को गौरव दिलाने वाली भाषा के साथ उन्होंने आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने के लिए आह्वाहन किया है, मुझे विश्वास है कि जिस धरती पर ऐसा नेतृत्व हो वहां कमल कभी मुरझा नहीं सकता है। कुछ दिन पहले ही देश ने भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती मनाई है। आज जब उनकी धरती पर मैं आप सभी के बीच आया हूं तो एक बार फिर भगवान बिरसा मुंडा को नमन करता हूं और मैं दूर-दूर देख रहा हूं टीना भगत परिवार के लोग भी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने आए हैं। महात्मा गांधी को आज भी, महात्मा गांधी के मार्गदर्शन को आज भी गांव, गली जंगलों के अंदर चैतन्य देने का काम टीना भगत परिवार कर रहा है, मैं उनको आदरपूर्वक नमन करता हूं।

जिस धरती ने भगवान बिरसा मुंडा के रूप में एक प्रेरणापुरुष देश को दिया, वहां पर ऐसा अभिभूत करने वाला स्नेह पाना, इतने आशीर्वाद प्राप्त करना, इतनी बड़ी तादाद में माताओं-बहनों का आना, मेरे लिए जीवन का इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है। आज 3 दिसम्बर परमवीर चक्र अल्बर्ट एक्का को वीरगति को प्राप्त हुए, मैं इस धरती के वीर सपूत को नमन करता हूं। 

साथियो, आपने भाजपा के प्रति, हम सभी के प्रति अपने प्रेम में कभी कमी नहीं आने दी और इसलिए एक प्रधानमंत्री के तौर पर, उसके पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर और उसके पहले भाजपा के संगठन का काम करता था तब भी बार-बार झारखंड मुझे खींच कर ले आता था, बार-बार आने का मन करता था। ये आपका स्नेह, आपका आशीर्वाद ही है जिसके कारण ये भाव मेरे मन में हमेशा बना रहता है। यहां खूंटी में भी प्रधानमंत्री बनने के बाद ये मेरा दूसरा दौरा है। भाइयो-बहनो, पहले चरण में जिस प्रकार झारखंड के लोग वोट डालने मतदान केंद्र पर पहुंचे, भारी मात्रा में मतदान किया, उस प्रथम चरण के मतदान के लिए मैं झारखंड के उन मतदाताओं का भी अभिनंदन करता हूं उनको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। पहले चरण के मतदान से तीन बातें स्पष्ट हुई हैं। पहली, लोकतंत्र को मजबूत करने और राष्ट्र निर्माण में अपने योगदान के प्रति झारखंड के लोगों की आस्था अभूतपूर्व है, दूसरी बात जिस प्रकार भाजपा सरकार ने नक्सलवाद की कमर तोड़ी है उसे बहुत ही छोटे इलाके तक समेट दिया है उससे डर का माहौल कम हुआ है, विकास का माहौल बना है हालांकि 30 नवंबर को निराशा में डूबे लोगों ने ऐसे लोगों ने जिन्हें झारखंड की जनता नकार चुकी है पहले चरण के मतदान के समय यहां माहौल खराब करने की बहुत कोशिश की, पूरे देश ने इसे देखा है लेकिन झारखंड के लोगों ने इन कोशिशों को नाकाम कर दिया, आप बधाई के पात्र हैं। भाइयो-बहनो, पहले चरण के मतदान के बाद तीसरी बाद यह भी स्पष्ट हुई है कि झारखंड के लोगों में भाजपा सरकार के प्रति, कमल के फूल के प्रति एक विश्वास की भावना है। ये भाव है कि झारखंड का विकास अगर कोई दल कर सकता है तो वह सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही कर सकती है यही भावना मुझे यहां खूंटी में भी दिखाई दे रही है। 

साथियो, आज झारखंड के लोग ये देख रहे हैं कि दिल्ली और रांची में डबल इंजन लगाने से विकास की गति तेज भी होती है और स्थायी भी होती है। अर्जुनमुंडा जी ने सही कहा कि दिल्ली ने राज्य तक, गांव तक विकास को पहुंचाया और रांची की भाजपा सरकार ने उसे घर-घर ले जाने के लिए पूरी जिम्मेवारी के साथ काम किया है। इसलिए यहां की जनता सहज रूप से कह रही है, सहज रूप से नारा बोला जा रहा है, झारखंड पुकारा भाजपा दोबारा। भाइयो-बहनो, झारखंड के विकास के लिए भाजपा की वापसी जरूरी है, आज झारखंड के हर व्यक्ति को केंद्र और राज्य सरकार की किसी ना किसी योजना का सीधा लाभ पहुंच रहा है बिना किसी वर्ग के भेदभाव के, बिना किसी जाति के भेदभाव के, बिना किसी पंथ के भेदभाव के हर झारखंडवासी के विकास के लिए समान भावना से हम काम कर रहे हैं सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास ही हमारा मूलमंत्र है। साथियो, आज उन क्षेत्रों में भी बिजली का तार पहुंचा है जिन गांवों तक पहुंचना मुश्किल है। आज वो क्षेत्र भी सड़क से जुड़ चुके हैं जहां कभी विरोधी दल के नेता झांकते भी नहीं थे। आज उन जनजातीय क्षेत्रों में भी पानी की पाइप पहुंच रही है जिनको कांग्रेस-जेएमएम की सरकार ने अपने हाल पर छोड़ दिया है। आज उन गरीब, पिछड़ों और आदिवासी परिवारों को भी अपना घर मिल पा रहा है जिनको कांग्रेस-जेएमएम की सरकारों ने झोपड़ियों में रहने को मजबूर कर रखा था।

साथियो, 2015 में जब मैं खूंटी आया, यहां सोलर पॉवर प्लांट का उद्घाटन करने का भी मुझे अवसर मिला था तब तक यहां सौर ऊर्जा से यहां बिजली का उत्पादन अजूबा लगता था सपने जैसी लगती थी वो बात लेकिन पांच वर्ष बाद आज झारखंड में करीब-करीब 40 मेगावॉट सौर ऊर्जा तैयार की जा रही है। इतना ही नहीं छतों पर सौर ऊर्जा के पैनल लगाकर भी सस्ती और अच्छी बिजली आज यहां उपलब्ध हो रही है। अब तो गेतलसूद और धुर्वा डैम पर देश का तैरता सबसे बड़ा सौर पॉवर प्लांट भी बनने जा रहा है। इससे यहां के गांव-गांव तक पर्याप्त और सस्ती बिजली पहुंचाने में मदद मिलेगी। साथियो, सौर ऊर्जा के साथ-साथ यहां खूंटी को उड़ीसा के पारादीप के पाइप लाइन सो जोड़ा गया है, यहां आईओसीअल का टर्मिनल भी तैयार हो चुका है अब दक्षिण झारखंड को यहीं से तेल की सप्लाई होती है। इसी तरह डिफेंस युनिवर्सिटि हो, नॉलेज सिटि हो ऐसे अनेक प्रोजेक्ट्स इस पूरे क्षेत्र में शिक्षा कौशल और रोजगार के नए अवसरों का निर्माण करने वाले हैं। भाइयो-बहनो, दिल्ली और रांची में भाजपा का डबल इंजन किसान और आदिवासियों का जीवन आसान बनाने का काम कर रहा है, यहां के सभी किसान और खेती से जुड़े आदिवासी परिवार के बैंक खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के तहत सीधी मदद जमा की जा रही है। इसके साथ-साथ छोटे किसानों के खाते में राज्य सरकार की तरफ से भी पांच हजार से पच्चीस हजार रुपए तक अतिरिक्त दिया जा रहा है वरना आपके पड़ोस में जहां भाजपा की सरकारें नहीं हैं वहां की स्थिति आप देख लीजिए। वहां किसानों के साथ, आदिवासियों के साथ, पिछड़ों के साथ झूठे वादे करके कांग्रेस और उसके साथी दलों ने सरकारें तो बना ली लेकिन अब वादा पूरा करने से दूर भाग रहे हैं उन राज्यों में झूठ बोलकर के कांग्रेस वाले बैठ गए लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं कर पा रहे हैं लोगों को सड़कों पर उतरना पड़ा है। 

साथियो, झारखंड ये भली-भांति जानता है कि कांग्रेस-जेएमएम की राजनीति छल और स्वार्थ की राजनीति है जबकि भाजपा कर्म और सेवाभाव से काम करती है। लोकसभा चुनाव के दौरान जब हम आपके बीच आए थे, यहां अर्जुनमुंडा जी आपके पास आए थे तो हमने आपके सामने कुछ संकल्प लिए थे। पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ सभी किसान परिवारों को देने का संकल्प था ये वादा हमने पूरा कर लिया। छोटे किसानों, खेत मजदूरों, छोटे दुकानदारों को 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन की सुविधा देने की बात कही थी ये वादा भी पूरा कर लिया गया बल्कि इन योजनाओं को भी यहीं झारखंड से ही लॉन्च किया गया था। पशुओं को मुंह और खुर की बीमारियों से बचाने के लिए मुफ्त टीकाकरण का अभियान भी शुरू हो चुका है। आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य मॉडल रेसिडेंसियल स्कूल खोलने का राष्ट्रीय अभियान भी यहीं झारखंड से शुरू किया गया है। नक्सली हमलों में शहीद होने वाले पुलीस और केंद्रीय बलों के जवानों के बच्चों को स्कॉलरशिप देने का अहम फैसला भी लिया जा चुका है। इसका लाभ झारखंड में शहीदों के परिवारों को भी मिलने लगा है। ऐसे अनेक मुद्दों के साथ-साथ दशकों से चल रही राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान का संकल्प भी सिद्ध हो रहा है। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 अब हट चुका है, अब केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को विकास और विश्वास के पथ पर ले जाने की जिम्मेदारी आदिवासी अंचल में ही जन्में, पले-बढ़े उपराज्यपाल जी के कंधों पर है। इसी तरह राम जन्मभूमि को लेकर जिस विवाद को कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों की सरकारों ने लगातार लटकाए रखा वो भी शांतिपूर्ण ढंग से हल हो गए और भगवान राम तो जब अयोध्या से निकले थे तब तो वो राजकुमार थे लेकिन जब अयोध्या वापस आए तो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम बन गए थे। ये कैसे हुआ एक राजकुमार अयोध्या से निकलता है 14 साल वनवास में रहता है और जब वापस लौटता है तो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम बन जाता है क्योंकि 14 साल राजकुमार राम ने आदिवासियों के बीच में बिताए थे, आदिवासियों ने उनको संस्कारित किया, ये देन है आदिवासियों की, ये योगदान है आदिवासियों का।

भाइयो-बहनो, इतने लंबे काल से अटकी हुई चीजें, जिसे अटकाने के लिए राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित लोगों ने अड़ंगे डाले लेकिन हमने देश में शांति, एकता, सद्भाव के लिए समस्याओं का समाधान खोजने का काम प्रारंभ किया और सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे अनेक वादे जो हमने आपसे किए थे वो आज जमीन पर उतर चुके हैं, यही कारण है कि आज झारखंड को भाजपा पर भरोसा है, कमल के फूल पर भरोसा है। भाइयो-बहनो, भाजपा की केंद्र की सरकार और झारखंड की सरकार ने यहां के गांवों में जनजातीय अंचलों में हमारी बहनों को सशक्त करने पर बल दिया है और इतनी बड़ी तादाद में माताएं-बहने आशीर्वाद देने के लिए आई हैं ये उसी का तो सुबूत है। अनेक बहनें यहां मौजूद हैं जो सखीमंडल से जुड़ी हैं या फिर जिनको मुद्रा योजना के तहत अपना व्यापार कारोबार करने में सहायता मिली है, किसी बहन को गाय खरीदने के लिए मदद मिली है, किसी को कपड़े सिलाने का कारोबार करने में मदद मिली है तो किसी को दूसरे हस्तशिल्प के लिए सहायता दी गई है। यहां खूंटी में विधानसभा में ही तीन हजार से अधिक सखी मंडल बनाए गए हैं जिनके तहत 40 हजार से अधिक परिवार जुड़े हैं। यहां की हजारों बहनें आज इसके माध्यम से आजीविका कमा रही हैं, आने वाले वर्षों में भाजपा सरकार की कोशिश है कि हर घर से एक महिला सदस्य इस आंदोलन का हिस्सा बने ताकी वो अपने परिवार के आय के साधन भी बढ़ा सके और देश के विकास में भी भागीदार बन सके। स्वच्छ भारत अभियान के तहत यहां घर-घर शौचालय तो बने ही हैं साथ ही यहां की बहनों ने रानी मिस्त्री के रूप में भी नाम कमाया है। और जब मैं रानी मिस्त्री की बात दुनिया में कहीं कहता हूं तो लोगों को बड़ा अचरज होता है, मुझे पूछते हैं आज पूरे देश में इसकी बड़ी चर्चा है।

साथियो, झारखंड देश के उन राज्यों में है जहां बहनों को केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ तेजी से भी मिला है और डबल लाभ भी मिला है। जैसे उज्ज्वला योजना के तहत बाकी देश में एक मुफ्त सिलेंडर मिला वहीं झारखंड में दो सिलेंडर दिए गए। यहां की भाजपा सरकार ने आपको डबल बेनिफिट दिया है इससे आपको धुएं से भी मुक्ति मिल रही है, आपका समय भी बच रहा है और आपका वातावरण भी प्रदूषण से बच रहा है। साथियो, भाजपा सरकार आदिवासी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रही है क्योंकि आदिवासी हितों की रक्षा में भाजपा का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। ये अटल जी की ही भाजपा सरकार थी जिसने जनजातीय समुदाय के लिए अलग झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों का गठन किया। भगवान बिरसा मुंडा को सच्ची श्रद्धांजलि 2000 में अटल बिहारी बाजपेयी जी ने झारखंड को जन्म देकर के झारखंड को नई सरकार देकर के बनाया है। ये अटल जी की ही भाजपा सरकार थी जिसने आजादी के बाद पहली बार जनजातीय समुदाय के लिए अलग से मंत्रालय बनाया और आज अर्जुनमुंडा उसके मंत्री हैं। भाइयो-बहनो, और अब झारखंड की उम्र 19 साल हो गई है। दुनिया के अंदर टीनेज की चर्चा होती है, अब जब घर में भी बच्चों की उम्र 19 साल हो जाती है ना तो मां-बाप जरा सजग हो जाते हैं और मां-बाप सोचते हैं कि अब महत्वपूर्ण समय जिंदगी का शुरू हुआ है। अब वो लड़कपन, हंसी-मजाक, खेलना सब हो गया, अब गंभीरतापूर्वक बेटे या बेटी को उनके भविष्य के लिए मां-बाप सोचने लगते हैं। झारखंड की जनता के लिए भी अब जब झारखंड 19 साल का हो चुका है तो अब झारखंड के नागरिकों की जिम्मेदारी जितनी है उतनी ही जिम्मेदारी मेरी भी है। आओ हम मिलकर के, हम दोनों मिलकर के, आप और मैं 19 साल का झारखंड जब 25 साल का हो जाएगा कि इतना ताकतवर बन जाए, इतना समृद्ध बन जाए, इतना सशक्त बन जाए कि कभी पीछे मुड़कर के देखना ना पड़े इसलिए ये पांच साल 19 साल की उम्र के झारखंड के लिए बड़े महत्वपूर्ण हैं। घर में 19 साल के बेटे-बेटी के लिए जो समय महत्वपूर्ण होता है वैसा ही महत्वपूर्ण समय 19 साल की उम्र के झारखंड का भी है, मौका मत गंवाइये, मैं आपके लिए हमेशा तैयार हूं बस आप मेरा साथ दीजिए। बीतें पांच वर्षों से ही भाजपा की ही सरकार ने आदिवासी समुदाय के विकास के लिए रिकॉर्ड बजट का प्रावधान किया।

साथियो, ये भाजपा की सरकार ने जिसने पहली बार आदिवासी क्षेत्रों में डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फंड की व्यवस्था की, जिसके तहत अब यहां से निकलने वाले खनिज का एक हिस्सा यहीं के विकास में लगाना पड़ता है। 70 साल में अधिकतर केंद्र में कांग्रेस की सरकारें रही हैं, जेएमएम सहयोगी के रूप में रही है लेकिन ऐसी व्यवस्था करने की याद उनको कभी नहीं आई। झारखंड को भी इस डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फंड के तहत करीब पांच हजार करोड़ रुपए मिले हैं। इस फंड से अब आप के बच्चों के लिए स्कूल, अस्पताल या फिर रोजगार निर्माण से जुड़ी दूसरी सुविधाएं तैयार करने में मदद मिल रही है, आदिवासी हितों के प्रति भाजपा की यही प्रतिबद्धता है जिसके आधार पर आज झारखंड को भरोसा मिला है कि जल, जंगल और जमीन के आपके अधिकारों पर कोई आंच नहीं आएगी और ना ही कोई आंच आने दी जाएगी। यहां की भाजपा सरकार ने 60 हजार से अधिक पट्टे दे दिए हैं बाकी के 30-40 हजार पर भी सरकार बनने के बाद तेजी से कार्रवाई की जाएगी। साथियो, भाजपा आदिवासी हितों की रक्षा करने, आदिवासी गौरव को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा ने भारत की आजादी में आदिवासियों के योगदान को पूरे देश में प्रसारित और प्रचारित करने का काम किया है। रांची में बिरसामुंडा संग्रहालय पर काम चल रहा है, पूरे देश में आदिवासी इतिहास, कला और संस्कृति को संजोने के लिए अनेक स्मारक और संग्रहालय बनाए जा रहे हैं। भाजपा ने हर संभव प्रयास किया है कि झारखंड की सुंदरता, यहां के शांतिप्रिय और मेहनतकश लोगों के बारे में देश और दुनिया जाने, समझे। हम प्रयास कर रहे हैं कि यहां देश और दुनिया के लोग घूमने-फिरने आएं, यहां की कला-संस्कृति, यहां के हस्तशिल्प से परिचित हों, यहां का पर्यटन बढ़े, यहां उद्योग लगें, युवाओं को यहीं पर रोजगार के अवसर मिलें। इसलिए आप सभी को कांग्रेस और उसके साथियों से सावधान रहने की जरूरत है, उनका इतिहास आपको पता है, उनके कारनामे आपको याद हैं, उनकी नजर सिर्फ और सिर्फ यहां की प्राकृतिक संपदा पर है और अगर वो आए तो फिर से झारखंड को लूटना यही उनका एजेंडा है। ये लोग सत्ता में वापसी के लिए इतना छटपटा रहे हैं कि आपके बीच झूठ फैला रहे हैं, डर और भ्रम फैला रहे हैं। ये नहीं चाहते कि यहां उद्योग लगे, यहां पर्यटन समृद्ध हो, उनको पता है कि अगर ऐसा हुआ तो गरीबों के पास पैसा आने लगेगा, जिससे कांग्रेस-जेएमएम नेताओं की कोई पूछ और कीमत नहीं रहने वाली। मुझे विश्वास है कि आप सभी कांग्रेस के झूठ की सारी बातें यहां जा जाकर के लोगों तक पहुंचाएं। इतना ही नहीं आप मतदान के दिन भारी संख्या में मतदान केंद्र पर जाकर के मतदान करके इस कांग्रेस-जेएमएम का पर्दाफाश कर देंगे, उनके झूठ को बेनकाब कर देंगे और कमल के निशान पर बटन दबाकर के फिर एक बार 19 साल के झारखंड को नई ताकत देंगे ये मेरा विश्वास है। याद रखिएगा ये चुनाव झारखंड के विकास के लिए है, ये चुनाव दिल्ली और रांची में चल रहे विकास के डबल इंजन को बनाए रखने के लिए है। इसलिए सिर्फ और सिर्फ कमल निशान आपको याद रखना है। एक बार फिर इतनी बड़ी तादाद में आप सभी आशीर्वाद देने के लिए आए, हमारे सभी साथियों को आशीर्वाद देने के लिए आए इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।