Today there is a wave of development and trust in Assam: PM Modi

Published By : Admin | March 18, 2021 | 15:07 IST
Today there is a wave of development and trust in Assam. There is only one issue in Assam today — development: PM Narendra Modi
In 2016, when I came here, I was shocked to know that Congress govts ran Divisional Commissioner for Barak Valley from Guwahati. NDA govt has overcome this injustice: PM Modi
Addressing a rally in Karimganj in poll-bound Assam, PM Modi attacks the Congress party for its 'vote bank politics'
Our double engine government is giving a lot of encouragement to the fisheries business. Therefore, a separate Ministry of Fisheries has been created at the Center: PM Modi in Assam
PM Modi blames Congress' corruption for making Assam one of the 'most disconnected states in India'

नोमोष्कार करीमगंज, एबोंग बराक बाशी जनोसाधारोन! सोब भाला असोइन ने? आगंतुक दौल उत्सव उपलक्षते समस्त बराकबासीदेर जानाच्छि आंतरिक शुभेच्छा !! तारसंगे आगामी, बांग्ला नव वर्षेर अनेक शुभकामना !!

बराक वैली ने कचार केशरी सनत दास, उल्लासकर दत्ता, द्वारका प्रसाद तिवारी, अरुण कुमार चंदा, इंदुप्रभा देवी, संबोधन फोंगलोसा ऐसे अनेक महान व्यक्तित्व देश को दिए हैं। असम पर वीर लचित बोरफुकन जैसे महान और पुण्य व्यक्तित्व का आशीर्वाद रहा है, जिन्होंने असम को, भारत को विदेशी आक्रांताओं से बचाने में अहम भूमिका निभाई है। आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो वीर लचित बोरफुकन से लेकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस तक, हर देशवासी, अपने राष्ट्र निर्माताओं को नमन कर रहा है।

बहनो और भाइयो,

ये सुखद संयोग ही है कि आज असम में अपनी चुनावी सभाओं का आरंभ मैं बराक वैली के द्वार से, गेटवे से कर रहा हूं। बराक वैली सिर्फ असम में एंट्री का ही गेटवे नहीं है, बल्कि असम में बीजेपी की डबल इंजन सरकार का भी गेटवे है। 3 दशक पहले जब देश में भाजपा का उतना विस्तार नहीं हुआ था, तब भी बराक वैली ने 15 में से 9 सीटें भाजपा को दी थी। इन वर्षों में भाजपा आपके बीच रहकर, आपकी आवाज़ बनती रही। 5 साल के विकास और विश्वास पर इस बार बराक वैली सहित पूरा असम भाजपा को, एनडीए को पिछली बार से भी प्रचंड मत देने के लिए आज आतुर नजर आ रहा है। आज असम में विकास की लहर है, विश्वास की लहर है। आज असम में शांति का विश्वास है, समृद्धि का विश्वास है। आज असम में एक ही मुद्दा है- विकास, तेज़ विकास, निरंतर विकास, सबका विकास। 

साथियो,

दशकों पहले ये पूरा क्षेत्र बेहतर कनेक्टिविटी वाले हिस्सों में से एक था। चाय से लेकर पेट्रोलियम तक, चट्टग्राम और कोलकाता पोर्ट तक ब्रह्मपुत्र-पदमा-मेघना नदियों के रास्ते ही पहुंचते थे लोग। लेकिन वर्षों तक चली कांग्रेस की करप्शन और वोट बैंक की राजनीति ने असम को सबसे अधिक Disconnected राज्यों में शामिल कर दिया।

करीमगंज के मेरे प्यारे भाइयो-बहनो… आप जहां हैं वहां खड़े रहिए… आपका प्यार सर आंखों पर… मैं आपके प्यार को सलाम करता हूं, लेकिन आप वहीं रहिए… आगे आने की कोशिश मत कीजिए, आपके प्यार के लिए आपके आशीर्वाद के लिए.. मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।

मेरे प्यारे भाइयो-बहनो,            

कांग्रेस सरकारों और उनकी नीतियों ने असम को सामाजिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक और राजनीतिक, हर तरह से नुकसान पहुंचाया।

साथियो,

2016 में जब मैं यहां आपके बीच आया था, तो ये जानकर हैरान रह गया कि कांग्रेस की सरकारें बराक वैली के लिए डिविजनल कमीशनर गुवाहाटी से चलाती रहीं। ये कितना बड़ा अन्याय था? मुझे खुशी है कि NDA सरकार ने इस अन्याय को दूर किया। बराक वैली के लोगों को छोटे-छोटे सरकारी कामों के लिए दूर ना जाना पड़े, यहां दवाई और पढ़ाई से जुड़े संस्थान बनें, इसके लिए सर्बानंद जी और उनकी सरकार ने जो काम किया है, वो काम यहां के लोग सदा सर्वदा प्रशंसा करते रहे हैं।

बहनो और भाइयो, 

यहां बराक वैली की रेल कनेक्टिविटी की क्या स्थिति थी, इसको लेकर हर बार यहां से आवाज उठती थी मांग उठती थी। सड़कें खस्ताहाल थीं, रेल नेटवर्क सीमित था। असम के अलग-अलग हिस्सों में जाने के लिए लोगों को बहुत लंबा सफर तय करना पड़ता था। गैस कनेक्टिविटी को लेकर भी असम की स्थिति अच्छी नहीं थी। भाजपा सरकार इस स्थिति से असम को तेजी से बाहर निकाल रही है।

बहनो और भाइयो,

आज असम में नई सड़कें बन रही हैं, नए फ्लाइओवर बन रहे हैं, नए पुल बन रहे हैं। बरसों से अटके हुए, भारत के सबसे लंबे ब्रिज- भूपेन हजारिका सेतु का निर्माण किसने पूरा करवाया? भाजपा की ही सरकार ने ये काम किया। असम को मेघालय से जोड़ने के लिए इससे भी बड़े धुबरी-फूलबारी ब्रिज का निर्माण कौन करवा रहा है? भाजपा की सरकार करवा रही है। देश का सबसे लंबा river ropeway असम को किसने दिया? भाजपा की सरकार ने दिया। किसने बरसों से अधूरे पड़े भारत के सबसे लंबे रेल-रोड ब्रिज- बोगीबील ब्रिज का काम पूरा करवाया? भाजपा की सरकार ने किया। चाहे एयर रूट हो, रेल रूट हो, हाईवे हो, हम हर प्रकार से असम की भारत के अन्य हिस्सों में कनेक्टिविटी को मजबूत कर रहे हैं। और इनसे भी बढ़कर हमने एक और कनेक्शन बनाया है, जिसे तोड़ना असंभव है। ये कनेक्शन है-असम के सामर्थ्यवान और प्रतिभाशाली लोगों से दिल का कनेक्शन। आप तो अनुभव करते हैं कि करीमगंज से सिलचर जाने के पहले कितना वक्त लगता था और अब कितना कम लगता है। असम की भाजपा सरकार ने, NDA सरकार ने, सड़कों के निर्माण में जो बेहतरीन काम किया है, उसकी प्रशंसा देशभर से यहां आने वाले पर्यटक भी करते हैं। लुमडिंग-सिलचर रेल लाइन का चौड़ीकरण मिशन मोड पर किया गया, आज बड़ी ट्रेनें भी यहां पहुंच रही हैं। 6 साल पहले तक सिलचर से लुमडिंग और अगरतला तक लगभग आधा दर्जन ट्रेनें चलती थीं, आज ये संख्या करीब-करीब दोगुनी हो चुकी है। आज बराक वैली, दिल्ली, गुवाहाटी, डिब्रुगढ़, कोलकाता, त्रिवेंद्रम और अगरतला से कनेक्ट हो चुकी है। 

बहनो और भाइयो,

आज बराक वैली के, असम के पुराने गौरव को फिर लौटाने के लिए, पारंपरिक ट्रेड रूट को फिर से मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। आज नदी जलमार्गों को बड़े कार्गो के परिवहन के लिए भी तैयार किया जा रहा है। सिलचर में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क विकसित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि ये क्षेत्र इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का हब बन सके। इससे यहां के हज़ारों युवाओं को रोज़गार मिलेगा। इससे यहां के किसानों की उपज आसानी से, देश और दुनिया के बाज़ारों तक पहुंच सकेगी।

साथियो,

सिर्फ फिजिकल कनेक्टिविटी ही नहीं, बल्कि सौहार्द की, संस्कृति की कनेक्टिविटी को भी बीते 5 सालों में मज़बूत किया गया है। भुवन तीर्थ शिव मंदिर, कासाकांटी देवी मंदिर, सिद्धेश्वर शिवबारी, शोन बील, 1857 की सिपाही क्रांति का प्रतीक War Memorial, ये सब बराक वैली की पहचान हैं। नमामि बराक फेस्टिवल, से बराक वैली की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक पहचान को एनडीए सरकार ने मज़बूती दी है। कांग्रेस ने असम को हर प्रकार से Divide रखा, भाजपा ने असम को हर प्रकार से Connect करने का प्रयास किया। बराक-ब्रह्मपुत्र, पहाड़-भैयाम- हर क्षेत्र का एक समान विकास। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास- यही भाजपा का विकास का मंत्र है।

भाइयो और बहनो, 

आज गरीब से गरीब को, चाहे वो किसी भी मत-मज़हब का हो, उसको सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल रहा है, बिना किसी भेदभाव के मिल रहा है। कोरोना संकट के दौरान महीनों तक मुफ्त राशन हो, आर्थिक मदद हो या मुफ्त गैस सिलेंडर, हर लाभार्थी को बिना किसी भेदभाव के दिया गया है। आज दलित को, आदिवासी को, असम में बिजली और गैस कनेक्शन मिला है। हर गरीब को पक्का घर मिले, इसके लिए भी तेजी से काम हो रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत असम में डेढ़ लाख से ज्यादा मरीज़ों को मुफ्त इलाज मिल चुका है। बराक वैली सहित असम के 27 लाख किसान परिवारों को सैकड़ों करोड़ रुपए पीएम किसान सम्मान निधि से सीधे मिल चुके हैं। इतना ही नहीं, करीमगंज सहित पूरी बराक वैली की बहनों को अब घर में पाइप से जल पहुंचाने के लिए मिशन मोड पर काम चल रहा है।

बहनो और भाइयो,

यहां जो Tea Garden में काम करने वाले साथी हैं, उनके विकास के लिए असम की सरकार विशेष प्रयास कर रही है। असम की भाजपा सरकार ने लाखों भूमिहीन साथियों को पट्टे दिए हैं, बच्चों की पढ़ाई के लिए अनेकों नए स्कूल खोले हैं और ये काम लगातार चल रहा है। टी गार्डन में काम करने वाली गर्भवती महिलाओं को हज़ारों रुपए की मदद दी जा रही है, ताकि वो खुद की और बच्चों की सेहत का ध्यान रख सकें। हाल में केंद्र सरकार ने बजट में चाय बगान में काम करने वाले साथियों के लिए 1000 करोड़ रुपए का विशेष प्रावधान किया है। इससे चाय बगान में काम करने वाले हर परिवार के जीवन को बेहतर बनाने में बहुत मदद मिलेगी। जो अनुसूचित जाति उसके हमारे बंधु है, जो SC वर्ग के युवा है, उनको 10वीं के बाद पढ़ाई में मदद के लिए केंद्र सरकार नई योजना लेकर आई है। इस योजना के तहत मैट्रिक के बाद की स्कॉलरशिप में काफी वृद्धि की गई है। इसका लाभ बराक वैली समेत, पूरे असम के SC वर्ग के बच्चों को होने वाला है।

साथियो,

बराक वैली में तो फिशरीज़ के लिए, मछली पालन के लिए अनेक संभावनाएं हैं। हमारी डबल इंजन की सरकार मछली से जुड़े व्यापार-कारोबार को बहुत अधिक प्रोत्साहन दे रही है। इसलिए मछली पालन से जुड़े कारोबार के लिए केंद्र में अलग से फिशरीज मंत्रालय बनाया गया है। फिशरीज सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 20 हज़ार करोड़ रुपए की मत्स्य संपदा योजना शुरू की गई है। मुझे खुशी है कि असम में भी मछली उत्पादन में बीते 5 साल में 25 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। यहां की भाजपा सरकार, एनडीए सरकार अब असम को मछली के क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य पर काम कर रही है। इसका बहुत बड़ा लाभ बराक वैली के आप सभी साथियों को, हर वर्ग के परिवार को होगा। 

बहनो और भाइयो,

आज एक तरफ भाजपा की नीति है, भाजपा का नेतृत्व है और भाजपा की नेक नीयत भी है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस है- जिसके पास ना तो नेता है, ना ही नीति है और ना ही विचारधारा है। आज कांग्रेस इतनी कमजोर हो गई है कि किसी भी हद तक जा सकती है, किसी के साथ भी हाथ मिला सकती है। ये विचित्र स्थिति आज पूरा देश देख रहा है। पश्चिम बंगाल में जिन वामपंथियों के साथ वो लाल-सलाम कर रहे हैं, उन्हीं के साथ केरल में नूरा-कुश्ती चल रही है। एक राज्य में जिसको गाली देते हैं, दूसरे राज्य में उसको गले लगाते हैं। कांग्रेस का ये कन्फ्यूजन, हर तरफ है। आप सोचिए, जिस पार्टी की सोच ही स्थिर नहीं हो, वो क्या असम में स्थिर सरकार दे पाएगी क्या? दे पाएंगे क्या? दे सकते हैं क्या? असम का भला कर सकते हैं क्या? आपका भविष्य बना सकते हैं क्या? यहां असम में देखिए, कांग्रेस किसके भरोसे मैदान में है भाई? जिन लोगों की राजनीति से यहां के कांग्रेस कार्यकर्ता दशकों से लड़ रहे हैं, जूझ़ रहे हैं, आज कांग्रेस का हाथ उसी ताला-चाबी को लेकर घूम रहा है। 

साथियो, 

वोट के लिए किसी को भी धोखा देना ये इनके जेहन में है, इनके स्वभाव में है। यहां असम में भी धोखे और भ्रम का एक वीडियो मुझे भी देखने का मौका मिला है। आपने भी जरूर देखा होगा। इस वीडियो में यहां के कांग्रेस के नेता आपस में मंच पर ही, झूठ का घोषणापत्र बना रहे हैं। बताओ. और घोषणापत्र बनाने में बहुत मेहनत लगती है। लोगों के विचारों को जानना पड़ता है, विचार-विमर्श करता है। खजाने की स्थिति क्या है ये समझनी पड़ती है। लेकिन कांग्रेस का घोषणापत्र तो सिर्फ घोषणाओं के लिए होता है, इसलिए वो 2-3 लोग मंच पर ही घोषणापत्र बना लेते हैं। इस वीडियो में वो अपनी कलई, अपना झूठ खुद ही खोल देते हैं। वो कहते हैं कि सिर्फ घोषणा कर दो, घोषणाएं पूरा करने के लिए नहीं होती हैं। ये कांग्रेस के नेता खुद कबूल कर रहे हैं। वीडियो मौजूद है। यही काम इन्होंने देशभर में किया है। ये लोग जानते ही नहीं कि देश की जनता कितनी समझदार है। अब देश की जनता की आंखों में धूल नहीं झोंक सकते हो। ये लोग जमीनी सच्चाइयों से पूरी तरह कट चुके हैं।

बहनो और भाइयो,

भाजपा की सरकार के लिए हमेशा देशहित सर्वोपरि रहा है, देश का विकास सर्वोपरि रहा है। दशकों से नॉर्थ ईस्ट को जिस तरह विकास में नजरंदाज किया गया, भाजपा सरकारें, उसे मिलकर सुधार रही हैं। हम नॉर्थ ईस्ट को देश के विकास का प्रमुख केंद्र बना रहे हैं। और इसमें असम की बहुत बड़ी भूमिका है। यहां डबल इंजन की सरकार, असम के लोगों को सशक्त करने का काम कर रही है।

साथियो,

विकास से कोई वर्ग, कोई क्षेत्र छूटे ना, हर कोई आगे बढ़े। इसी नीति वाली डबल इंजन की सरकार को अब आपको और मजबूत बनाना है। इस बार NDA को पहले से भी अधिक ताकत से विजय दिलानी है। इस बार का आपका वोट, असम के लोकल टैलेंट को, लोकल आर्ट को, लोकल सामान के प्रति वोकल होने के लिए है। इस बार आपका वोट, असम को आत्मनिर्भरता की तरफ ले जाने के लिए है। हम मिलकर विकास के नए आयाम तय करेंगे। इसी विश्वास के साथ आप सभी का मैं धन्यवाद करता हूं। और मैं देख रहा हूं. इतनी बड़ी तादाद में आप आशीर्वाद देने के लिए आए हैं। वहां दूर मैं लोगों को देख रहा हूं। 

भाइयो-बहनो,

ये आपका विश्वास है, ये आपका स्नेह है और ये असम के लिए आपके सपनों का संकल्प भी है। मैं आज आपको विश्वास दिलाने आया हूं। पिछले पांच साल में हमने जिस तेजी से काम किया है आने वाले पांच साल उस से भी तेजी से काम करेंगे। 

भाइयो-बहनो, 

मैं एक बार फिर आपसे आग्रह करूंगा, अब चुनाव सामने है, इस सभा के बाद आप घर-घर जाएंगे? घर-घर जाएंगे? लोगों को मिलेंगे? मेरी बात पहुंचाएंगे? भाजपा को जिताएंगे? एनडीए को जिताएंगे? फिर से सरकार मजबूत बनाएंगे? संकल्प ले के निकलेंगे? एक-एक घर जाएंगे? एक-एक मतदाता को लेकर मतदान केंद्र तक जाएंगे? पक्का करेंगे? .. 

 

बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।