I.N.D.I ગઠબંધન માત્ર સાંપ્રદાયિકતા, જાતિવાદ અને વંશવાદની રાજનીતિ ફેલાવે છે: ભિવાની-મહેન્દ્રગઢમાં પીએમ મોદી
એસસી-એસટી-ઓબીસી માટે અનામત તેમના 'અધિકાર' છે અને મોદી આ 'અધિકાર'ના 'ચોકીદાર' છેઃ ભિવાની-મહેન્દ્રગઢ
આગામી પાંચ વર્ષ ભારતના સેમીકન્ડક્ટર્સ, ડ્રોન્સ, ફૂડ પ્રોસેસિંગ અને સ્ટાર્ટઅપઃ ભિવાની-મહેન્દ્રગઢને સમર્પિત કરવામાં આવશે.

भारत माता की… भारत माता की…

राम राम भाई सारे नै!

आज बुद्ध पूर्णिमा है। मैं समस्त देशवासियों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। मैं श्रद्धेय गुरु जयराम दास, चमन ऋषि और महान सेनानी राव तुलाराम जी को नमन करता हूं। मैं रेजांगला के शहीदों और अहीरवाल की इस भूमि को प्रणाम करता हूं। मैं अगर हरियाणा में आऊं तो पुरानी यादें ताजा ना हो जाए, ऐसा हो नहीं सकता। यहां भी वहां भी बहुत सारे परिचित चेहरे नजर आ रहे हैं। पुरानी-पुरानी यादें भी, क्योंकि हरियाणा तो वर्षों तक एक प्रकार से मेरा घर ही बन गया था। और मैं बड़े गर्व के साथ कहता हूं मुझे राजनीति की बहुत सारी शिक्षा हरियाणा और पंजाब से मिली। और यह मेरा सौभाग्य रहा इस मिट्टी ने भी मुझे गढ़ा है। वो 1995 का शायद कालखंड होगा जब मैं प्रभारी के रूप में यहां आया था। लेकिन आमतौर पर प्रभारी आते हैं दौरा करने के लिए। मैं यहां ‘मुकाब’ करने आ गया था। मैं यहीं पर रहता था और उस समय हमारे मनोहर लाल जी संगठन का काम देखते थे। उस समय हमारे रमेश जोशी जी अध्यक्ष हुआ करते थे। रमेश जी, मैं, मनोहर लाल जी ने हरियाणा की खूब खाक छानी थी। मैंने यहां माताओं-बहनों के हाथ का खाना भी खूब खाया है। और हमारे नारनौल के सुरजा हलवाई और महेंद्रगढ़ की मिठाई शायद इसी के कारण ये हमारा राबिला डायबिटिक हो गया। लेकिन अब भी उतनी ही अच्छी बनती है ना सब कुछ। गर्मी के सीजन में एक गिलास राबड़ी, मोटी रोटी और एक प्याज सारी भूख मिटा देता था। जिद सिदा सादा खाना वो मेरा हरियाणा।

साथियों,

हरियाणा के घी-मक्खन का जोर तो आज पूरी दुनिया देख रही है। सारी भारत-विरोधी ताक़तें लगी रहतीं हैं। लेकिन, मोदी इनके झुकाए नहीं झुकता है। अभी मोदी को आपका कर्ज चुकाने के लिए बहुत काम करना है। हमारे हरियाणा को नई ऊंचाई पर लेकर जाना है। और इसके लिए जरूरी है- फिर एक बार, फिर एक बार, फिर एक बार।

साथियों,

ये चुनाव देश का प्रधानमंत्री चुनने का चुनाव है। आप प्रधानमंत्री ही नहीं चुनेंगे, देश का भविष्य भी चुनेंगे। एक ओर आपका जांचा-परखा सेवक मोदी है। दूसरी ओर कौन है? कोई अता-पता ही नहीं है। और हरियाणा के लिए तो मोदी मतलब, शायद यहां हरियाणा में आपको कम से कम 5000 लोग ऐसे मिल जाएंगे जो दूर से चिल्ला के कहेंगे, ऐ मोदी जी जरा रुक जाओ। ऐसे कहने वाले 5000 लोग मिल जाएंगे यानि हरियाणा के साथ मेरा जो अपनापन रहा है, हरियाणा ने मुझे जो प्यार दिया है और इसलिए हरियाणा का अधिकार भी मुझ पर बनता है। चलते-फिरते मुझे कह सकता है ऐ मोदी जी गलत कर रहे हो, ऐसा मत करो। इतना मेरा आपसे नाता रहा है। और पिछले 10 साल में आपने उस प्यार में कभी कमी नहीं आने दी इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है। और ये इंडी अलायंस वालों का हाल तो ऐसा है कि गाय ने दूध दिया नहीं, लेकिन घी खाने के लिए इंडी वालों में झगड़ा शुरू हो गया। अब ये लोग कह रहे हैं हर साल एक आदमी भारत का प्रधानमंत्री होगा। पांच साल 5 पीएम। आप मुझे बताइए, ऐसे देश चलेगा क्या? चलेगा क्या? और हमारे हरियाणा के लोगों में तो ग्रामीण भाषा में चौपाल में बैठ कर के जो ठहाके लेने की ताकत है ना। मुझे पक्का विश्वास है कि 5 साल में पांच प्रधानमंत्री, 5000 चुटकुले हरियाणा वाले बना देंगे। साथियों ये लोग देश को फिर से गड्ढे में धकेलेंगे नहीं तो क्या करेंगे?

साथियों,

इंडी गठबंधन के लोग ये घोर सांप्रदायिक हैं, घोर जातिवादी हैं, घोर परिवारवादी लोग हैं। (अरे वो ताऊजी को परेशान मत कर भाई थोड़ा इधर-उधर हो जा रे) देश की जनता इंडी जमात के इरादे पहले ही भांप चुकी है। इसलिए, इनका ये हाल हुआ है, पांच चरणों में ही इंडी जमात का ढोल फट गया है और आपने देखा होगा तीसरे चरण के बाद इन्होंने रोना-धोना शुरू कर दिया। इलेक्शन कमीशन आंकड़े क्यों नहीं देता है? आंकड़े देर से क्यों देता है? इलेक्शन कमीशन ऐसा क्यों करता है? इलेक्शन कमीशन वैसा क्यों करता है? उधर ईवीएम बंद हो गया, उधर ईवीएम चलता नहीं है, उधर ईवीएम का ये...यानि उन्होंने ग्राउंड बनाना शुरू कर दिया है कि पराजय का ठीकरा किसके सिर पर फोड़ा जाए और इसलिए बराबर जमकर के इस बार ईवीएम को गालियां दे रहे हैं। हम सब जानते हैं भाई जिस भूमि में कोई पैदावर ना हो, कोई किसान उसमें एक भी बीज डालेगा क्या? जिसमें फसल ना हो ऐसी जमीन पर या ऐसे सीजन में कोई किसान एक भी बीज डालेगा क्या? जब पता है कि इनकी सरकार नहीं बनने वाली तो कोई उधर वोट डालेगा क्या? कोई डालेगा क्या? ये हरियाणा वालों को कहने की जरूरत ही नहीं है। क्योंकि उनको मालूम है भाई इनकी सरकार सात जन्म में भी बनने वाली नहीं है। और कांग्रेस को दिया हर वोट बेकार ही होना है। इसलिए आपको सरकार बनाने के लिए वोट करना है। और सरकार किसकी बनने जा रही है? किसकी सरकार बनेगी? बच्चे-बच्चे को पता है किसकी सरकार बनेगी?

साथियों,

चौबीस के इस चुनाव में पूरा देश कांग्रेस की सच्चाई जान गया है। कांग्रेस औऱ इंडी वालों के लिए देश से भी बड़ा उसका अपना वोटबैंक है। इन लोगों ने वोटबैंक के लिए देश का विभाजन करवाया। एक भारत और दो-दो मुस्लिम राष्ट्र बनाए। अब इंडी वाले लोग कह रहे हैं कि बचे हुए भारत पर भी पहला अधिकार मुसलमानों का है। इन्होंने SC, ST, OBC इनको जो बाबा साहेब आंबेडकर ने आरक्षण दिया है, भारत के संविधान ने जो आरक्षण दिया है। इसको छीनकर के वे वोट जिहाद करने वाले लोगों को देना चाहते हैं। आपने कल अखबारों में देखा होगा, टीवी पर देखा होगा, सोशल मीडिया में देखा होगा। बंगाल की हाई कोर्ट का जजमेंट आया है और बंगाल में भी इंडी जमात का SC, ST, OBC के आरक्षण के खिलाफ उनका जो षड्यंत्र है, आरक्षण विरोधी उनकी जो मानसिकता है उसका भंडा फूट गया है। बंगाल में इन लोगों ने क्या किया। बंगाल में इन लोगों ने मुसलमानों को रातों रात ओबीसी का सर्टिफिकेट दे दिया था। जो आरक्षण ओबीसी को मिलना चाहिए वह सारा का सारा मुसलमानों को और वह भी घुसपैठियों में बांटा जा रहा था। हाई कोर्ट ने बंगाल में पिछले 10- 12 साल में मुसलमानों को दिए सारे ओबीसी सर्टिफिकेट रदद कर दिए। अब आप देखिए, कोर्ट ना होती तो क्या होता। ये पिछड़े समाज के लोग करते क्या, ये मेरे दलित भाई बहन क्या करते, ये मेरे आदिवासी भाई बहन क्या करते। लेकिन साथियों आप ये इंडी जमात वालों की मानसिकता देखिए। बंगाल की सीएम ने घोषणा कर दी है कि वो हाई कोर्ट का फैसला नहीं मानेगी। वो मुसलमानों को ओबीसी का आरक्षण देकर रहेगी। आप मुझे बताइए, कांग्रेस हो टीएमसी हो इंडी गठबंधन के सारे दल तो अपने वोट बैंक के साथ डटकर खड़े हो गए हैं। फिर आपके साथ, हरियाणा के साथ कौन खड़ा होगा? कौन खड़ा होगा? इसलिए मैं हरियाणा के हर SC, हर ST, हर OBC को भरोसा देने आया हूं जब तक मोदी जिंदा है। कोई माई का लाल दलित का, आदिवासी का, पिछड़ों का आरक्षण छीन नहीं सकता है। वंचितों का जो अधिकार है, मोदी उसका चौकीदार है। और भाइयों-बहनों ये चुनावी भाषण नहीं है, ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

अपने वोटबैंक को खुश करने के लिए इंडी गठबंधन वाले कुछ भी कर सकते हैं। हमारे यहां हरियाणा में हर कोई दिन में दो सौ-चार सौ बार राम-राम बोलता है। हर दस कदम पे वो राम-राम बोलेगा ही। राम-राम के बिना हरियाणा में कोई काम होता है क्या? लेकिन, कांग्रेस का बस चले तो हरियाणा में राम का नाम लेने वालों को ये गिरफ्तार कर ले। कांग्रेस पूरे देश से ही राम को हटाना चाहती है। कांग्रेस जब तक सत्ता में रही, उसने राममंदिर नहीं बनने दिया। कांग्रेस ने राममंदिर प्राणप्रतिष्ठा तक का बहिष्कार कर दिया है। और अब तो शहजादे के सलाहकार ने तो एक और बड़ा खुलासा किया है। कांग्रेस अब अगर सत्ता में आई तो राममंदिर पर ताला लगाने की फिराक में है। कांग्रेस चाहती है कि हरियाणा के लोग रामलला के दर्शन तक नहीं कर पाएं। वो राम लला को फिर से टेंट में भेजना चाहते हैं। क्या हरियाणा के लोग ऐसा होने देंगे क्या? राम लला को फिर से अपमानित करेंगे क्या, क्या ऐसे लोगों को मेरा हरियाणा जवाब देगा कि नहीं देगा? हर बूथ में चुन-चुन कर उनको साफ करेगा कि नहीं करेगा?

साथियों,

कांग्रेस हमारी आस्था का ही नहीं, हमारे तिरंगे का भी अपमान करती है। 370 के नाम पर कश्मीर को देश से अलग किसने रखा? 70 साल तक कश्मीर में तिरंगा किसने नहीं फहरने दिया? आज ये लोग कह रहे हैं, ये सत्ता में आए तो फिर से 370 वापस लाएंगे। क्या हम कश्मीर में हुए बलिदानों को बेकार जाने देंगे? कांग्रेस के मंसूबों को क्या हरियाणा कामयाब होने देगा क्या?

साथियों,

कांग्रेस ने देश के पूर्व फौजियों के साथ भी धोखा किया। उन्हें दशकों तक पूर्व फौजियों को वन रैंक, वन पेंशन नहीं मिलने दी। कांग्रेस झूठ बोलती थी कि OROP के 500 करोड़ रुपए पूर्व फौजियों को देंगे। अब ये चुनाव जीतने के लिए पूर्व सैनिकों के साथ धोखा किया गया और कांग्रेस के जेहन में सेना के प्रति, सैनिकों के प्रति नफरत का भाव भरा पड़ा है और 1962 में पंडित नेहरू की जो औरा का गुब्बारा जो फूट गया। चाइना के हाथों जो हमारी पिटाई हुई, वो उसके लिए गुनहगार हमारी देश की सेना को मानते हैं। और आज भी वो परिवार उसी मिजाज में हमारी सेना का अपमान करने के मौके ढूंढती रहती है। और उसी बदले की भाव से उसने 500 करोड़ रुपये ऐसे ही फेंक दिया और कह दिया कि OROP हो जाएगा। OROP होने का मतलब क्या होता है वह मोदी ने आकर के बताया। मोदी ने आकर के जब OROP लागू किया वन रैंक वन पेंशन लागू किया। उन्होंने 500 करोड़ रुपये का खेल खेला था। आपकी आंखों में धूल झोंकने का पाप किया था। मोदी ने जब एक्चुअली OROP लगाया, सवा लाख करोड़ रुपया लगा। कितना? अरे जरा बताइए ना, सवा लाख करोड़ रुपया। अब कोई मुझे बताए कहां 500 करोड़ और कहां सवा लाख करोड़। ये सवा लाख करोड़ रुपया पूर्व सैनिकों के परिवारों के बैंक के खाते में जमा हो चुका है। जब सैनिकों का मान रखने का जज्बा होता है तो काम भी उसी जज्बे से होता है।

साथियों,

हमारे हरियाणा को भी लूटने में कांग्रेस ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी। मैंने तो अपनी आंखो से देखा है कांग्रेस के समय में क्या हाल था हरियाणा का। जो मुख्यमंत्री बनता था, वो अपने जिले के बाहर नहीं देखता था। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जिसे लूटने का खुला खेल न चलता हो! आपको याद है न, नौकरी दिलवाने के नाम पर ये लोग ज़मीनें बिकवा देते थे। ट्रान्सफर पोस्टिंग की तो खुली इंडस्ट्री चलती थी। सड़कें गड्ढों में होती थीं। उद्योगों पर संकट आने लगा था। आप कल्पना करिए, अगर कांग्रेस कुछ दिन और रह जाती, तो हरियाणा का क्या हाल करती!

साथियों,

बीते 10 वर्षों में हमने कांग्रेस के पाप धोने में बहुत मेहनत की है। आज हरियाणा में आधुनिक हाइवे और एक्सप्रेसवे बन रहे हैं। अब न दिल्ली दूर है, न चंडीगढ़ दूर है। अब नारनौल वाले सुबह चंडीगढ़ जाते हैं, शाम को वापस घर! गुरुग्राम वालों का तो जीवन ही द्वारका एक्सप्रेसवे ने आसान कर दिया। इसीलिए, अब इस पूरे एरिया में नए नए उद्योग लग रहे हैं। रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

भाइयों बहनों,

मैं गुरुग्राम के युवाओं से भी कहना चाहता हूं। अगले 5 साल, ये देश में एक बड़ी क्रांति का समय होने वाला है। आप देखिए कैसे नए-नए सेक्टर हमारे नौजवानों का भाग्य बदलने वाले हैं। सेमीकंडक्टर सेक्टर, ड्रोन सेक्टर, स्टार्टअप सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग, ग्रीन एनर्जी सेक्टर, ग्रीन हाइड्रोजन फार्मा हब अनगिनत और इन सब में बहुत से ज्यादा काम मेरे देश के नौजवानों को मिलने वाला है। आपके हर सपने पूरे होंगे, क्योंकि आपका सपना ये मोदी का संकल्प हैं।

साथियों,

कांग्रेस के विश्वासघात का भुक्तभोगी तो हरियाणा का किसान भी रहा है। यहां उसने किसान को सिंचाई के पानी तक का इंतजाम नहीं किया। हम नहरों को जोड़कर यहां तक पानी पहुंचा रहे हैं। हमारी सरकार हरियाणा में 14 फसलों को MSP पर खरीद रही है। हमारे भिवानी का किसान बाजरा, और यहां जो बाजरे की खेती है और हमारा यहां का किसान जो बाजरा पैदा करता है मेरे प्रिय बाजरे में से वो है। और मुझे याद है यहां जब भी आया बाजरे की खिचड़ी खाई और मजा है कि जब बाजरे की खिचड़ी खाओ तो आधी खिचड़ी आधा घी, तब बोले खिचड़ी खाने का मजा होता है। अब मैं गुजराती आदमी इतना खा तो नहीं सकता था, लेकिन उनका प्यार हरियाणा के लोगों का, यहां का बाजरा आज भी वो मुझे याद हमेशा रहता है। लेकिन अब आपके बाजरे के श्री अन्न के प्रचार की जिम्मेदारी खुद मोदी ने ले रखी है। मैंने जितने मिलेट हैं, जितना मोटा अनाज है उसके लिए एक नाम दे दिया श्री अन्न। और मैं दुनियाभर में उसका एंबेसडर बन गया हूं, उसका सेल्समैन बन गया हूं। आपने देखा होगा हमारे देश में जी 20 की समिट हुई। दुनियाभर के बड़े-बड़े नेता यहां आए थे। दुनिया की सबसे बड़ी ताकत जिसको कहें वो सब जी 20 में थी और मोदी ने उनको क्या खिलाया। मोदी ने उनको बाजरा खिलाया। और बड़े-बड़े नेताओं को मैंने कहा ये सुपर फूड है। और उसका एक परिणाम ये आया कि मुझे अभी अमेरिका बुलाया था वाइट हाउस में भोजन था। वाइट हाउस में उस दिन काफी लोगों को उन्होंने खाने पर बुलाया था देश भर के लोगों को और सबको उन्होंने बाजरा खिलाया वाइट हाउस में अमेरिका में। साथियों इससे क्या मोदी का प्रचार हुआ क्या। इससे प्रचार हुआ हरियाणा का, हरियाणा के किसानों का, हरियाणा के बाजरे का।

साथियों,

इस क्षेत्र के विकास के लिए हमने चौधरी बंसीलाल के साथ मिलकर सरकार चलाई थी। चौधरी बंसीलाल भिवानी-महेंद्रगढ़ के विकास के लिए कटिबद्ध थे। और मुझे बड़ा मेरा सौभाग्य रहा चौधरी बंसीलाल जी से मेरी बड़ी निकटता रही और वो रात को देर तक जागने के आदी थे। तो कभी-कभी हमारी मीटिंग रात को एक बजे के बाद शुरू होती थी और कभी-कभी सुबह तक चलती थी। उनके पास अनुभव की इतनी बातें हुआ करती थी और मैं देखता था कि जब भी बातों में स्वामी दयानंद सरस्वती जी की बात आती थी, ऐसी एक मीटिंग नहीं होगी कि स्वामी दयानंद सरस्वती की बात निकली हो और चौधरी बंसीलाल जी की आंख से आंसू ना टपके हों और वह मुझे इतना प्यार करते थे क्योंकि मैं गुजरात का था, दयानंद सरस्वती जी का जन्म गुजरात में हुआ था, तो एक नाता ऐसा बन गया था और गवर्नेंस की दुनिया में भी साथ-साथ काम किया, वर्षों तक साथ में काम किया।

साथियों,

लेकिन यह जो महापुरुष है उन सबसे प्रेरणा लेते हुए आज मेरी भी गारंटी है कि हरियाणा का विकास हम रुकने नहीं देंगे। लेकिन इसके लिए 25 मई को भिवानी महेंद्रगढ़ से चौधरी धरमबीर सिंह जी, और गुरुग्राम से राव इंदरजीत सिंह जी मेरे इन दोनों साथियों को भारी बहुमत से विजयी बनाइए और आप जब उनको कमल के निशान पर वोट देंगे ना वो वोट सीधा सधा मोदी के खाते में जाएगा। तो आप पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ेंगे? मतदान ज्यादा से ज्यादा कराएंगे? हर पोलिंग बूथ में विजय प्राप्त करेंगे? अच्छा मेरा एक काम है करेंगे आप लोग। अरे क्या कमाल है भाई, ठंडे हो गए एकदम। मेरा पर्सनल काम है करेंगे। अरे मैं भी तो हरियाणा वाला हूं यार बोलो ना मेरा एक काम करेंगे। देखिए पहले तो मैं यहां गांव गांव जाता था हर इलाके में गया हूं हजारों परिवारों में गया हूं लेकिन अब समय की कठिनाई है जा नहीं पाता हूं। तो मुझे आपकी मदद चाहिए, करोगे मदद सब लोग करोगे। ऐसे ही नहीं बता रहे हो ना सही में करोगे ना। एक काम करना यहां से जाने के बाद ज्यादा से ज्यादा परिवारों में जाना, ज्यादा से ज्यादा घरों में जाना और हर परिवार के लोगों को बिठा कर के कहना कि अपने मोदी जी आए थे, मोदी जी ने आपको राम राम कहा है। मेरा राम राम पहुंचा दो मुझे तसल्ली हो जाएगी। मुझे लगेगा कि चलो भाई इन सबके मुझे आशीर्वाद मिल जाएंगे। तो आप करेंगे, मेरा राम राम पहुंचाएंगे हर परिवार में, हर घर में पहुंचाएंगे।

बोलिए भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...

बहुत-बहुत धन्यवाद

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78મા સ્વતંત્રતા દિવસનાં પ્રસંગે લાલ કિલ્લાની પ્રાચીર પરથી પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીનાં સંબોધનનો મૂળપાઠ

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।