The ‘Zayed Medal’ belongs to 130 crore Indians as well as to millions of Indians actively contributing in rapid development of UAE: PM Modi
The people of India fully stand with our armed forces and will never put their faith in those parties that question their own army: Prime Minister Modi
We are moving forward with our vision of ‘Sabka Saath, Sabka Vikas’ and will continue to put people’s welfare first: PM Modi

भारत माता की जय...भारत माता की जय
भगवान वासुदेव और मां गंगा की छत्रछाया में बसे अमरोहा और नगीना सहित इस पूरे क्षेत्र के आप सभी साथियों को मेरा नमस्कार...

कल से नवरात्र का पावन समय शुरू हो रहा है। आप सभी की मनोकामनाएं पूरी हो इसी कामना के साथ मैं आज कुछ बातें आपके साथ करूंगा। साथियो, बीते कुछ दिनों में मैने देश के चारों कोने पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण हर दिशा का दौरा किया है। पूर्ण बहुमत वाली सरकार के लिए हमेशा देश के हितों को सबसे ऊपर रखने वाली सरकार के लिए, आपके विकास के लिए, काम करने वाली सरकार के लिए, देश भर में जो लहर चल रही है, वो आज मुझे यहां अमरोहा में भी दिखाई दे रही है। भाइयो और बहनो बीते पांच वर्षों में जिस तरह आपने इस चौकीदार का साथ दिया है उसके लिए मैं बहुत विनम्रता के साथ शीश झुका कर के आप सबको नमन करता हूं। आज आपके सामने शीश झुकाते हुए मुझे इस बात का भी गर्व है कि इन पांच साल में मैंने देश का सिर झुकने नहीं दिया। पूरी दुनिया में देश की साख आज जितनी ऊंची है। उतनी पहले कभी नहीं रही। भाइयो-बहनो, कल ही आपके इस प्रधान सेवक को संयुक्त अरब अमीरात ने वहां का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ज़ायेद मेडल देकर के सम्मानित किया है। मैं यूएई की सरकार और वहां की जनता का इस सम्मान के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। लेकिन ये सम्मान मोदी का नहीं है बल्कि 130 करोड़ भारतीयों का है। खाड़ी देशों के विकास में योगदान दे रहे हमारे लाखों भारतीयों का है। कुछ साल पहले सऊदी अरब ने भी मुझे हम सभी को एक प्रकार से पूरे भारतवासियों को वहां का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दिया था। भाइयो-बहनो, दुनिया में भारत की साख और सम्मान अगर नई ऊंचाई पर पहुंचा है तो इसके पीछे आप सबका आशीर्वाद है आप सबका सहयोग है।

भाइयो बहनो, देश की साख रहे इसके लिए मजबूत सरकार का होना बहुत जरूरी है। मजबूत सरकार ही कड़े और बड़े फैसले ले पाती है। देश को आगे बढ़ा पाती है। आप मुझे बताइए आज दुनिया में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है। अमेरिका में भारत का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है। जर्मनी में भी भारत का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है। इंग्लैंड में भी भारत का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है। दुनिया के सभी देशों में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है। ये सारी दुनिया में भारत का जय-जयकार हो रहा है, इसका कारण क्या है। ये दुनिया में जय जयकार हो रहा है इसका कारण क्या है। इसका कारण मोदी नहीं है। इसका कारण आप लोग हैं। 2014 में आपने जो वोट दिया उसकी ताकत है। पूर्ण बहुमत वाली सरकार की ताकत है। आपने मजबूत सरकार बनाई इसलिए हिंदुस्तान का हौसला भी मजबूत हो गया, और दुनिया में हिदुस्तान का जय-जयकार होने लगा।

भाइयो बहनो, आपने मुझे पांच साल बराबर देखा है। विरोधियों ने मुझ पर आरोप लगाए वो भी सुने हैं। आपसे पूछना चाहता हूं। पिछले पांच साल से जिस रणनीति को लेकर के ये चौकीदार चल रहा है क्या आपको वो पसंद है क्या...? आपको पसंद है क्या...? आपको मंजूर है क्या? आप मुझे बताइए आतंकी हमले के बाद मुझे चुप हो जाना चाहिए था या उन पर प्रहार करना चाहिए था। मैंने सही किया ऐसे ही करना चाहिए। देश की नागरिकों की रक्षा के लिए कड़े से कड़ा कदम उठाने चाहिए कि नहीं चाहिए। आतंक के सरपरस्तों से बात होनी चाहिए या उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए। ये सारे काम कौन कर रहा है? कौन कर रहा है...? आतंकियों को घुसकर के किसने मारा...?लेकिन आतंकियों को उन्हीं के भाषा में जवाब देना हमारे देश में ही कुछ लोगों को परेशान करता है। उनकी रात की नींद उड़ जाती है। जब भारत डंके की चोट पर दुश्मन को मारता है। तब कुछ लोगों को हिंदुस्तान में रोना आता है। जब पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो रहा है तो ये पाकिस्तान के पक्ष की बातें कर रहे हैं, और वहां पर हीरो बनने की स्पर्धा कर रहे हैं। भाइयो-बहनो, कांग्रेस हो, समाजवादी पार्टी हो, बहुजन समाज पार्टी हो, आतंकवाद पर इसी नरम रवैये की वजह से कुछ लोगों के हौसले बुलंद हुए हैं। इन दलों ने सिर्फ आतंक को ही मदद नहीं दी है। इन्होंने आपके जीवन आपके अस्तित्व को भी संकट में डालने का काम किया है।

साथियो, उन दिनों को याद कीजिए जब उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार थी बसपा की सरकार थी दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी तब क्या होता था, कभी लखनऊ में बम फूटते थे धमाके होते थे। कभी रामलला की जन्मभूमि अयोध्या में धमाके होते थे। कभी भगवान भोले नाथ की नगरी काशी को दहला दिया जाता था। कभी रामपुर के CRPF कैंप पर हमला हो जाता था। अक्सर इन हमलों के तार यूपी के दूर-दूर के इलाकों में जाते थे। देश की एजेंसियां बहुत मेहनत से उन हमलों में शामिल लोगों को पकड़ती थी। लेकिन वोट बैंक की अपनी सियासत की वजह से बुआ भी और बबुआ भी उनकी सरकारें उनको छोड़ देती थी। साथियो, ये हमले किसके खिलाफ थे? ये हमले कौन करा रहा था? और क्यों सपा-बसपा ऐसे लोगों पर मेहरबान थी? ये आज उत्तर प्रदेश का बच्चा-बच्चा जानता है। साथियो, अब बीते पांच वर्षों से धमाके रुक गए कि नहीं रुक गए। बम-बंदूक की आवाजें बंद हुई कि नहीं हुई। निर्दोष लोगों का मरना बंद हुआ कि नहीं हुआ। भाइयो बहनो, धमाके इसलिए रुक गए क्योंकि दिल्ली में आपने एक चौकीदार को बैठा दिया है। आतंकियों को पता है कि वो एक गलती करेंगे तो मोदी उन्हें पाताल में भी खोज कर के सजा देगा। मोदी आतंक को वोट बैंक से नहीं तौलता तभी आतंक के मददगार आज जेलों में बंद पड़े हैं।

साथियो, शहीद अजीत सिंह हो, शहीद रिंकू सिंह हो, शहीद मुकेश चंद हो। ऐसे हर शहीद ने सुरक्षित समृद्ध भारत के लिए ही अपने प्राण न्यौछावर किए है। मुझे खुशी है कि भाई कंवर सिंह तंवर मेरे साथी ने इसी भावना के साथ अमरोहा में काम किया है। अपने प्रयासों से शहीदों की प्रतिमाएं लगवाई है, और बेटियों की सामूहिक विवाह करवाई हैं। भाइयो और बहनो, देश को आगे बढ़ाना है तो हम सबको साथ चलना होगा। कुछ लोग हैं जो देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। अलग-अलग जातियों के नाम पर खाई पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों के स्वार्थ को समझिए, आप मुझे बताइए, अरे जब दुनिया में देश की पहचान ही नहीं रहेगी तो फिर इसका खामियाजा एक एक हिंदुस्तानी को भुगतना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश की जनता ने 2014 में और फिर 2017 में ऐसी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। सबका साथ सबका विकास के विजन पर चल रही हमारी सरकार, एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प पर चल रही हमारी सरकार, देश की पहचान को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

साथियो, आज जब मैं आपसे देश की पहचान की बात कर रहा हूं तो आपको कांग्रेस के कुछ और पुराने गुनाहों की याद दिलाना चाहता हूं। सिर्फ एक परिवार की पहचान बनाने के लिए, सिर्फ एक परिवार के लोगों की प्रतिष्ठा के लिए, एक परिवार के स्वार्थ की सिद्धि के लिए कांग्रेस ने बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया था। कांग्रेस ने उन्हें चुनाव में हराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया था। देश के प्रति बाबा साहब अंबेडकर के योगदान को भूलाने की साजिश रची थी। क्योंकि बाबा साहब ने उस परिवार को चुनौती दी थी इसलिए बाद की पीढ़ियों ने भी बाबा साहब से निरंतर बदला लिया। वो तो आज वोट बैंक की मजबूरी है जो कांग्रेस ने बाबा साहब का नाम लेना शुरू किया है। वरना वहीं कांग्रेस है जिसने दशकों जक उनकी फोटो तक संसद में लगने नहीं दी थी। ऐसी कांग्रेस को माफ कर सकते हैं क्या? ये उनके सारे साथियों को माफ कर सकते हैं क्या? उनके झूठे वादों को मान सकते हैं क्या ? साथियो, उसी दौर में हमारे देश में एक और महान नेता हुए थे। जोगेन्द्र नाथ मंडल आपने शायद उनका नाम भी नहीं सुना होगा। आपने उनका नाम इसलिए नहीं सुना, क्योंकि आजादी के बाद कांग्रेस सरकार ने उनके इतिहास को भी आपके सामने नहीं आने दिया। साथियो, जोगेंद्र नाथ मंडल बाबा साहब की बहुत करीबी साथी थे। कानून के बहुत बड़े विद्वान थे। लेकिन जिन्ना के बहकावे में आकर बंटवारे के समय वो पाकिस्तान चले गए थे। वो पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री बने। वहां का संविधान बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान में उनको अपमानित किया गया। एक विशेष वर्ग का होने की वजह से पाकिस्तान में उनका जीना मुश्किल कर दिया गया। वहां के हालात ने उनका भरोसा तोड़ दिया। वो इतने दुखी हुए इतने दुखी हुए कि पाकिस्तान छोड़ कर के भारत की शरण में आ गए। लेकिन पाकिस्तान से वापस आने के बाद तब कि कांग्रेस सरकार ने उनके साथ उससे भी ज्यादा बुरा किया। अपनी मृत्यु तक वो बहुत ही मुश्किल परिस्थितियों में रहे। आज मैं आपको उनके बारे में इसलिए बता रहा हूं कि क्योंकि इतिहास में छिपे तथ्यों को जानना और सबक लेना जरूरी है। ये सबक ही आपके वर्तमान और भविष्य को मजबूत करेगी।

साथियो, बाबू जगजीवन राम जी के साथ भी कांग्रेस ने यही किया। आज उनकी जयंती पर बाबू जगजीवन राम जी को मैं नमन करता हूं। बाबू जगजीवन रान ने अपना जीवन गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था। बाबू जी दो चीजें चाहते थे एक मजबूत भारत और दूसरा लोकतांत्रिक भारत। जब हमने पाकिस्तान को उसकी हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया था तब बाबू जी भारत के रक्षा मंत्री थे। लेकिन इस देश में केवल एक ही परिवार की जी हजूरी करने वाले लोग देश के इतिहास में एक गौरवशाली नेतृत्व के लिए बाबू जी को कोई श्रेय नहीं देते हैं। बाबू जी आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाने वाले सबसे पहले कांग्रेसी नेता थे। उन दिनों में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री का डर लोगों में भरा हुआ था। जब लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा था। बाबू जी ने कहा था लोग इस संकट के परिणामों से बिल्कुल भी न डरें। बाबू जी जिन बातों में विश्वास किया करते थे उन सभी बातों पर आज कांग्रेस की वजह से एक खतरा मंडरा रहा है। आप महसूस कीजिए कि आज बाबू जी अगर जीवित होते तो एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस और विपक्ष के आचरण के कारण उन्हें कितनी पीड़ा होती। यदि कांग्रेस और महामिलावट वाले जीतते हैं तो बाबू जी के आदर्शों का कभी सम्मान नहीं होगा।

 भाइयो-बहनो, वोट बैंक की पॉलिटिक्स ने देश का बहुत नुकसान किया है। याद करिए पश्चिम यूपी में पहले गुंडगर्दी थी, कानून व्यवस्था की स्थिति क्या थी, समाजवादी पार्टी की सरकार के समय अपराधियों को खुली छूट मिल गई थी। ये अमरोहा, ये शामली, पूरा पश्चिम उत्तर प्रदेश ऐसा कोई दिन नहीं होता था कि जब बहन बेटियों के साथ अत्याचार न हो। व्यापारियों के साथ लूटपाट न की हो। क्या वारदातें नहीं होती थी, कितनी ही बेटियों ने इस वजह से स्कूल तक जाना छोड़ दिया था। अब आज भाजपा सरकार में इस पर नियंत्रण लगा है। हमारी बेटियों को परेशान करने वालों को हमारे व्यापारियों को परेशान करने वालों को दो टूक संदेश दे दिया गया है कि सुधर जाओ नहीं तो जेल का रास्ता आपका इतंजार कर रहा है। साथियो, गुंडागर्दी हो, बिजली की समस्या हो, खराब सड़के हो, ये एक बड़ा कारण था जिसकी वजह से यहां उद्योग लगाने से लोग डरते थे। इस स्थिति को बदलने के लिए निवेशकों को विश्वास दिलाने के लिए एक ईमानदार कोशिश की जा रही है। अमरोहा की रिंग-रोड हो, बाईपास हो, गंगा एक्सप्रेस वे हो, हाईवे हो, गांव की सड़कें हो, रेलवे की कनेक्टिविटी हो, हर स्तर पर काम हो रहा है। पद्मावत एक्सप्रेस और आला हजरत एक्सप्रेस अब यहां रुकने लगी है। आने वाले समय में ऐसी सुविधाओं को विस्तार होना तय है आपके सहयोग से एक और काम मैं कर पाया हूं। आपके इस चौकीदार ने लाल बत्ती उतरवाई, पता है ना, लाल बत्ती उतरवाई और गरीब के घर में बत्ती जलाई है। बड़ों-बड़ों की लाल बत्ती चली गई गरीबों के घर में बिजली पहुंच गई। भाइयो-बहनो, सौभाग्य योजना के तहत यूपी के 77 लाख गरीब परिवारों के घरों तक मुफ्त में बिजली कनेक्शन पहुंचा है। अमरोहा और शामली में एक लाख से अधिक गरीब परिवारों को रौशनी मिल चुकी है। कई गांव जो गंगा जी की गोद में बसे थे, वहां खंभे नहीं लग सकते थे तो हमने रास्ता निकाला, सौलर पैनल लगाई लेकिन बिजली का काम पूरा किया। 

 साथियो, कनेक्टिविटी के साथ-साथ छोटे–छोटे उद्योमियों और युवाओं के लिए बैंकों से ऋण को बहुत आसान कर दिया है। अब तो छोटे उद्योमियों के लिए एक करोड़ रुपये तक के ऋण के स्वीकृति ऑनलाइन करने की भी व्यवस्था हमने की है। पूरे यूपी में स्वरोजगार के लिए किसी गारंटी के करीब डेढ़ करोड़ मुद्रा लोन भी आज दिए गए हैं। भाइयो बहनो, जवान हो, नौजवान हो या फिर किसान.. चौकीदार की सरकार ने हरेक की हित की रक्षा करने का काम किया है। गन्ना किसानों को उनका पैसा उसी सीजन में चुकाया जाए। इसका गंभीर प्रयास हो रहा है। योगी जी पूरी संवेदनशीलता से इस पर काम कर रहे हैं। फसल की लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करने का काम भी ये चौकीदार ने किया है। भाजपा की सरकार ने किया है। यूपी के दो करोड़ से अधिक किसान परिवारों को हजारों करोड़ रुपयों की सीधी मदद हर वर्ष मिलनी शुरू हो गई है। इस क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए भी काम किया जा रहा है। साथियो, मैंने ये कभी दावा नहीं किया कि सारे काम पूरे हो गए हैं। लेकिन इतना जरूर है कि मैंने ईमानदारी से दिन-रात एक कर के आपके जीवन को आसान बनाने, देश के विकास के लिए हर पल दौड़ता रहा हूं। काम करता रहा हूं। इन कार्यों को जारी रखने के लिए और आगे बढ़ाने के लिए 2019 के इस चुनाव में मुझे फिर से आपका आशीर्वाद चाहिए। यहां मैं देख रहा हूं। जहां नजर पहुंचे वहां भीड़ है। ये इतना बड़ा जनसैलाब इस बात का सबूत है कि मजबूत सरकार बनाने की लहर चल रही है।

भाइयो-बहनो, भाजपा के हर उम्मीदवार को दिया आपका वोट ये मोदी की ताकत है, और मैं ये भी जानता हूं कि देश के विकास के लिए इन कार्यों में मैं अकेला नहीं। आप भी विकास के हर प्रयास में भागीदार है। आप भी चौकीदार है। मेरे साथ बोलिए.... मैं भी चौकीदार... मैं भी चौकीदार... मैं भी चौकीदार... गांव गांव... चौकीदार, गली गली... चौकीदार, शहर शहर... चौकीदार, घर- घर... चौकीदार, डॉक्टर भी...चौकीदार, इंजीनियर भी... चौकीदार, व्यापारी भी चौकीदार, किसान भी... चौकीदार, कामगार भी चौकीदार, कलाकार भी... चौकीदार, खेत खलिहान में... चौकीदार, सीमा पर... चौकीदार, हिंदुस्तान भर में....चौकीदार। आइए 130 करोड़ देशवासी मजबूत सरकार बनाने का फैसला लें और आपका वोट कमल पर दबाया हुआ हर वोट सीधा सीधा मोदी के खाते में जाएगा। मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय, भारत माता की जय... बहुत बहुत धन्यवाद...

Explore More
78મા સ્વતંત્રતા દિવસનાં પ્રસંગે લાલ કિલ્લાની પ્રાચીર પરથી પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીનાં સંબોધનનો મૂળપાઠ

લોકપ્રિય ભાષણો

78મા સ્વતંત્રતા દિવસનાં પ્રસંગે લાલ કિલ્લાની પ્રાચીર પરથી પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીનાં સંબોધનનો મૂળપાઠ
India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report

Media Coverage

India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!