N Chandrababu Naidu promised sunrise for the state of Andhra Pradesh. But he seems interested only in rise of his son: PM Modi
Chandrababu Naidu told me he would turn around the infrastructure of Andhra Pradesh. But he himself took a u-turn: PM Modi
Chandrababu Naidu, instead of continuing NTR's promise of a Congress-mukt Andhra Pradesh, has become friends with them and back-stabbed NTR: PM Modi

भारत माता की जय... भारत माता की जय...  

आप सभी जितनी संख्या में इस उत्साह से यहां जुटे हैं, वह अभिभूत करने वाला है। आपके इस प्यार को मैं अपने सिर-आंखों पर लेता हूं। आपका यही प्यार, यही स्नेह, मुझे निरंतर आपके लिए काम करने की प्रेरणा देता है। साथियो, गुंटूर के आप सभी जन राष्ट्र निर्माण के प्रहरी हैं और उद्यम की ऊर्जा से भरपूर हैं। मैं आज यहां से महान स्वातंत्र्य सेनानी वावीलाला गोपालाकृष्णैया, नयूदम्मा जैसी गुंटूर की सभी विभूतियों को भी नमन करता हूं। भाइयो-बहनो, गुंटूर में ही अमरावती है, जो सदियों से भारतीयों की आस्था और भारत के अध्यात्म का एक बड़ा केंद्र रही है। अब तो अमरावती नए आंध्रप्रदेश और नए भारत के भी ऊर्जा का केंद्र बन रही है। केंद्र सरकार ने भी अमरावती को हृदय योजना के तहत हेरिटेज सिटी के रूप में चयनित किया है, ताकि यहां के पौराणिक महत्व के संस्थानों को संरक्षित और विकसित किया जा सके। इस स्थान को आंध्र का ऑक्सफोर्ड भी कहा जाता है, जहां जगह-जगह से युवा अपने भविष्य के सपनों को पूरा करने के लिए आते हैं। मैं यहां के नौजवानों और विशेषकर इस लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट डालने वाले युवाओं को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

भाइयो-बहनो, यह शहर, ये जिला, दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं का साक्षी तो रहा ही है। इस क्षेत्र में भविष्य के आंध्रप्रदेश और नए भारत की आकांक्षाओं का सेंटर बनने की भी पूरी क्षमता है। साथियो, इसी सोच के साथ थोड़ी देर पहले यहां पेट्रोलियम इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े सैकड़ों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया है। ये प्रोजेक्ट्स आंध्रप्रदेश के लिए तो महत्वपूर्ण हैं ही, पूरे देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी अहम हैं। साथियो, मुश्किल परिस्थितियों में देश को अपनी आवश्यकता के लिए गैस, पेट्रोल, डीजल की कमी ना हो, इसके लिए केंद्र सरकार देश की अलग-अलग जगहों पर ऑयल रिजर्व बना रही है। आवश्यकता पड़ने पर करीब महीने भर तक देश की पेट्रोलियम से जुड़ी जरूरतें पूरी हो सके, इसके लिए काम किया जा रहा है।

ऐसा ही एक अहम ऑयल रिजर्व विशाखापट्टनम में भी बनाया गया है। थोड़ी देर पहले, इस फैसिलिटी को राष्ट्र के लिए समर्पित किया गया है। साथियो, आंध्रप्रदेश में तेल और गैस की संभावनाओं को और विस्तार देने के लिए दो और प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और उद्घाटन हुआ है। ओएनजीसी कृष्णा-गोदावरी बेसिन पर ओएनजीसी के वरिष्ठ और S1 डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट का आज उद्घाटन किया गया है और कृष्णापट्टनम में बीपीसीएल के नए टर्मिनल का शिलान्यास भी किया गया है।

इन सारे प्रोजेक्ट से यहां के युवाओं को सीधा रोजगार तो मिलेगा ही, साथ ही गैस पर आधारित उद्योगों का भी विकास होगा। साथियो, भारत को गैस और क्लीन फ्यूल बेस्ड इकोनॉमी बनाने के लिए हम तेज गति से काम कर रहे हैं। चाहे रसोई में एलपीजी और पीएनजी के कनेक्शन हों, गाड़ियों में सीएनजी हो, या फिर गैस से फर्टिलाइजर बनाने वाले कारखाने- पूरे देश में व्यापक काम हो रहा है।

कल असम में नॉर्थ ईस्टर्न गैस ग्रिड लॉन्च किया गया है। देश के अनेक शहरों को सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। हमारा प्रयास है कि हमारी जो कोस्टल लाइन है, चाहे दक्षिण भारत हो, पूर्वी भारत हो या पश्चिमी भारत, उनको पेट्रोलियम के हब के तौर पर विकसित किया जाए। हमारा लक्ष्य है, न्यू इंडिया को एक नई साफ-सुथरी, प्रदूषण रहित आर्थिक ताकत बनाने का। साथियो, गैस बेस्ड व्यवस्थाएं सिर्फ उद्योगों को ही नहीं, उस जिले के लोगों के रहने का तौर-तरीका भी बदल रही हैं, उनकी जीवन पद्धति बदल रही है। आने वाले कुछ-एक वर्षों में आप भारत के सैकड़ों शहरों में इस बदलाव को खुद होते हुए देखेंगे और उसके सहभागी बनेंगे।

साथियो, एक तरफ हम गैस बेस्ड इकोनॉमी की बात कर रहे हैं तो वही देश के गरीब से गरीब परिवार को, गरीब बहनों को, दलित-वंचित-आदिवासी बहनों को, मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन देने का काम भी तेजी से चल रहा है। उज्ज्वला योजना के माध्यम से देश भर में अब तक सवा छह करोड़ से अधिक मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिए जा चुके हैं। भाइयो-बहनो, आज भारत अगर शत-प्रतिशत धुआं मुक्त किचन की तरफ बढ़ रहा है, तो उसके पीछे आपके एक-एक वोट की बहुत बड़ी ताकत है। साथियो, पहले स्थिति क्या थी, और हम कहां पहुंचे हैं- इसका अंदाजा आप गैस कनेक्शनों की संख्या से लगा सकते हैं। देश में एलपीजी का कनेक्शन दिया जाना 1955 में शुरू हुआ। इसके बाद 60 साल में 12 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए। जबकि, हमारी सरकार पिछले साढ़े चार साल में लगभग 13 करोड़ नए गैस कनेक्शन दे चुकी है। इसी का नतीजा है कि साल 2014 में जहां देश के सिर्फ 55% लोगों के पास गैस कनेक्शन था, वहीं आज उसका दायरा बढ़कर 90% हो चुका है।

साथियो, जिन लोगों ने देश को धुएं में जीने के लिए छोड़ दिया था। वह अब देश में झूठ का धुआं फैलाने में जुटे हैं। झूठ की बुनियाद पर महामिलावट का खेल खेलने में लगे हैं। संगत का असर यह है कि यहां के मुख्यमंत्री जी भी आंध्रप्रदेश के विकास के विजन को भूलकर मोदी को गाली देने की कॉम्पटिशन में कूद गए हैं।

साथियो, उन्होंने वादा किया था कि आंध्रा के इंफ्रास्ट्रक्चर का टर्न-अराउंड करूंगा, लेकिन खुद ने ही यू-टर्न ले लिया। उन्होंने अमरावती के नवनिर्माण का वादा किया था, लेकिन अब खुद के पुनर्निर्माण में लग गए हैं। उन्होंने आंध्रप्रदेश के सनराइज का वादा किया था लेकिन अपने सन SON अपने सन को ही राइज कराने में जुट गए हैं। उन्होंने आंध्रा के गरीबों के लिए नई योजनाएं चलाने का वादा किया था, लेकिन मोदी की योजनाओं पर ही अपना स्टीकर लगा दिया है। साथियो, मैं तो हैरान हूं कि आखिर मुख्यमंत्री जी को हो क्या गया है! वह बार-बार मुझे यह याद दिलाते हैं कि वह मुझसे बहुत सीनियर हैं, इसमें क्या विवाद है। आप सीनियर हैं, इसलिए आपके सम्मान में मैंने कोई कमी नहीं छोड़ी है। आप सीनियर हैं दल बदलने में, आप सीनियर हैं नए-नए दलों से गठबंधन करने में, आप सीनियर हैं अपने खुद के ससुर की पीठ में छुरा भोंकने में, अरे आप सीनियर हैं एक चुनाव के बाद दूसरे चुनाव में हारने में, और मैं तो उसमें सीनियर हूं नहीं। आप सीनियर हैं, आज जिसको गाली दें कल उसकी गोदी में बैठने में, आप सीनियर हैं आंध्र के सपनों को चूर-चूर करने में !

साथियो, सम्मान अपनी जगह है, लेकिन जनहित के मुद्दों पर जब वो चूकेंगे अपनी बातों से, अपने वादों से पलटेंगे, तो देश का सेवक होने के नाते मैं उन्हें याद जरूर दिलाऊंगा। साथियो, आप ही बताइए, एनटीआर की विरासत संभालने वाले ने उनके सपनों को साकार करने का वादा किया था या नहीं किया था। एनटीआर के कदमों पर चलने का वादा किया था कि नहीं किया था। क्या आज वो एनटीआर को सम्मान दे रहे हैं?

भाइयो-बहनो, यह बात आपको समझ रही है, लेकिन उन जैसे सीनियर लीडर को क्यों नहीं रही, आखिर ऐसी क्या मजबूरी गई कि वह नामदारों के सामने जाकर के सिर झुका कर के बैठ गए हैं। आखिर ऐसा क्या दबाव है, जो वो अपनी पार्टी का ही इतिहास भूल गए। साथियो, आप सभी को यहां जो युवा साथी आए हैं, उनको यह बात जानना बहुत जरूरी है। दिल्ली में जो नामदार परिवार है, उसके अहंकार ने हमेशा राज्यों के बड़े नेताओं का अपमान किया है। अपमान के उसी दौर में एनटीआर ने आंध्रप्रदेश को कांग्रेस मुक्त करने का फैसला लिया था और तेलुगू देशम पार्टी का जन्म हुआ था। लेकिन साथियो, आज देखिए, जिस तेलुगू देशम पार्टी के नेता को कांग्रेस मुक्त भारत की तरफ बढ़ना चाहिए था, नामदारों के घमंड को चूर-चूर करना था, वह आज उन्हीं नामदारों के सामने नतमस्तक हो गए हैं। उस समय आंध्रप्रदेश का अपमान करने वाले दल को, आपको याद होगा, उस समय आंध्रप्रदेश का अपमान करने वाले दल को एन. टी. रामाराव दुष्ट कहते थे। आज यहां के मुख्यमंत्री उसी दल को दोस्त बना कर के बैठे हैं। एनटीआर आज जहां भी होंगे, यह देखकर उनकी आत्मा पर कितनी बीतती होगी, इसका हम अंदाज लगा सकते हैं।

साथियो, अपने सिद्धांतों से एन. लोकेश के पिताजी इसलिए भटक गए हैं, क्योंकि वह सच्चाई का सामना नहीं करना चाहते हैं। मैं आज उनका सच आपको बताने के लिए आया हूं। पहला सच, वह कभी दोबारा चुनाव जीत नहीं पाए हैं और इसलिए चुनाव में बुरी तरह उनको हार का डर लग रहा है। दूसरा सच, अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करने की कोशिश। तीसरा सच, अपनी वेल्थ का क्रिएशन और चौथा सच जो इस समय आप से बात कर रहा है, आपका यह चौकीदार-  उसने उनकी नींद हराम करके रखी है। इन चारों सच्चाइयों से वो डरे हुए हैं, नींद नहीं आती है, परेशानी से दिन गुजार रहे हैं।

भाइयो और बहनो, यहां के मुख्यमंत्री को तकलीफ है कि आपका यह चौकीदार, मेरी सरकार उनसे हिसाब मांगती है। पहले उन्हें दिल्ली के गलियारों में कभी भी हिसाब नहीं देना पड़ता था। अब मोदी उनसे कहता है कि आंध्रप्रदेश के विकास के लिए जो राशि दी गई, टैक्स पेयर का पैसा आपको दिया गया, उसकी पाई-पाई का हिसाब दीजिए और यही उनको अखरता है। लक्ष्मी नारायण जी इस कार्यक्रम का खर्चा कौन कर रहा है? यहीं पर आप देखिए, क्या फर्क है। अभी मैंने यहां एक सरकार का कार्यक्रम भी किया, एक छोटे कमरे में सरकारी खर्चे से कार्यक्रम किया और यह बड़ा कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के पैसे और पसीने से हो रहा है।

आंध्र के लोग, जाग जाइए, यह कल फोटो खिंचवाने के लिए दिल्ली जाने वाले हैं। बड़ा हुजूम लेकर के जाने वाले हैं, पार्टी का बिगुल बजाने के लिए जाने वाले हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी जैसे अपने कार्यकर्ताओं के पैसे से कार्यक्रम कर रही है, वो आंध्र की जनता की तिजोरी से पैसे निकाल कर के जा रहे हैं। आंध्र ने इसका जवाब मांगना चाहिए। मेरा आग्रह होगा कि दिल्ली आने से पहले, मुझे गालियां देने से पहले आप आंध्रप्रदेश के लोगों को अपने खर्चों का हिसाब जरूर दे कर के आएं। आंध्रा के मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, हम लोग स्कूल में पढ़ते थे, तो टीचर किसी बात के लिए बुलाते थे और फिर कहते थे- गो बैक, अपनी जगह पर बैठ जाओ, कहते थे कि नहीं कहते थे? मैं तेलुगू देशम पार्टी का आभारी हूं कि उन्होंने भी मुझे आज कहा है कि गो-बैक, दिल्ली में जा कर के फिर से बैठो। मुझे देश के करोड़ों लोगों पर पूरा भरोसा है कि वह तेलुगू देशम पार्टी की इच्छा पूरी करेंगे और मोदी को फिर से बिठा देंगे।

भाइयो और बहनो, आप देखेंगे कि आज महामिलावट के जिस क्लब में यहां के मुख्यमंत्री जी शामिल हुए हैं, उसका मकसद सिर्फ अपने स्वार्थ को, अपनी राजनीति के दिये को जलाए रखने का है। महामिलावट का यह क्लब ऐसे लोगों का क्लब है, जहां लगभग हर किसी पर गरीब को, देश को धोखा देने के आरोप में कानून का शिकंजा कस रहा है। साथियो, मैं कहीं पर यहां के मुख्यमंत्री जी का एक स्टेटमेंट पढ़ रहा था। उन्होंने बताया कि मोदी को वेल्थ क्रिएशन नहीं आती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें खुद को लोकेश के पिताजी को वेल्थ क्रिएशन आती है और वह इसके लिए मेहनत भी कर रहे हैं। साथियो, ये सचमुच में सच बोल रहे हैं, एकदम सही बोल रहे हैं। अमरावती से लेकर के पोलावरम तक वो इसी चक्कर में तो हैं, ताकि उनकी अपनी वेल्थ क्रिएट हो और इसलिए चौकीदार से जरा उनको परेशानी हो रही है। मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं, मोदी हो या कोई और, हमारा दायित्व अपने लिए वेल्थ क्रिएशन का नहीं है, बल्कि देश की वेल्थ का, देश के साधनों-संसाधनों का सही इस्तेमाल हो, यह देखने के लिए जनता ने हमें बिठाया है। अपनी मेहनत से, अपनी ईमानदारी से वेल्थ क्रिएट करने का काम तो हमारे युवा, हमारी बेटियां, हमारे किसान, हमारे उद्यमी कर रहे हैं। हमें तो उन्हें पारदर्शी व्यवस्था देनी है, अवसरों की समानता देनी है। हम सभी युवाओं को सभी बेटे-बेटियों का ध्यान रखते हैं, सिर्फ अपने बेटे-बेटियों का नहीं।

भाइयो और बहनो, जब एनटीआर की विरासत संभाल रहे नेता अपनी कमियों को छुपाने के लिए दूसरों पर आरोप लगाने की राजनीति करने लगें, तो समझ लेना चाहिए कि कहीं ना कहीं कुछ काला है, कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ है। जब कोई मुख्यमंत्री सच की बजाय लगातार असत्य ही बोले, तो साफ है कि उसकी जमीन खिसक चुकी है। उन्हें अहसास हो गया है कि जनता का भरोसा उन पर से उठ चुका है।  

साथियो, आज गुंटूर से मैं झूठ के एक बहुत बड़े अभियान पर विराम लगाना चाहता हूं। केंद्र सरकार ने आंध्रप्रदेश के विकास के लिए बीते 55 महीने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। हां, अगर कमी रही है तो इतनी कि केंद्र से जो पैसा आया, उसको यहां की सरकार ने आपको बताया नहीं, उस पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया। साथियो, इसके विस्तार में जाने से पहले मैं आपको यह भी याद दिलाना चाहता हूं कि जब आंध्रप्रदेश का बंटवारा हुआ तो केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, वही कांग्रेस जिसने इस बंटवारे में आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के लोगों का हित नहीं अपना स्वार्थ देखा। आज उसी कांग्रेस के सामने श्रीमान नायडू ने समर्पण कर दिया है।

साथियो, साल 2014 में कांग्रेस सरकार जाने के बाद हमारी सरकार बनी थी। हमने आंध्रप्रदेश के लिए एक नया स्पेशल असिस्टेंट पैकेज बनाया। हमने यह भी ध्यान रखा कि राज्य को उतनी वित्तीय सहायता अवश्य मिले, जितनी उसे स्पेशल कैटेगरी स्टेटस में प्राप्त होने वाली थी। भाइयो और बहनो, इस पैकेज को सितंबर 2016 में लागू किया गया। इसके बाद आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्वयं इस पैकेज को स्वीकार करते हुए वित्त मंत्री को धन्यवाद भी दिया था। विधानसभा में इसी निर्णय की सराहना की गई थी। हम पूरी ईमानदारी से इस पैकेज में किए गए कमिटमेंट को निभाने में लगे थे, लेकिन इस पैकेज का सही इस्तेमाल कर पाने में नाकाम, राज्य का विकास कर पाने में नाकाम टीडीपी ने यू-टर्न ले लिया।

साथियो, इस पैकेज के तहत केंद्र के अलग-अलग मंत्रालय की तरफ से लगभग 3 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स को आंध्र के लिए स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें कई सरकारी दफ्तर हैं, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े संस्थान हैं। उद्योग और लॉजिस्टिक पार्ट है, मैन्युफैक्चरिंग के हब हैं, क्लस्टर हैं, जिनसे आंध्रप्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं। भाइयो और बहनो, आंध्रप्रदेश के बंटवारे के समय जो आंध्रप्रदेश रिऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2014 बनाया गया था, उसके एक-एक बिंदु पर केंद्र सरकार काम कर रही है, इसी का परिणाम है कि आईआईटी तिरुपति, अनंतपुर की सेंट्रल यूनिवर्सिटी, वाइजाग का आईआईएम, मंगलागिरी का AIIMS, ऐसे 11 में से 10 हाइयर एजुकेशन के संस्थान आज शुरू हो चुके हैं। वाइजाग चेन्नई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, तीन एयरपोर्ट्स का विस्तारीकरण, मेट्रो से जुड़े प्रोजेक्ट्स, नई राजधानी की कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट, ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर के 8 बड़े प्रोजेक्ट्स में से 6 पर काम शुरू हो चुका है।

साथियो, एक्ट के मुताबिक यह तमाम प्रोजेक्ट 10 साल की अवधि में जमीन पर उतरने थे। यह याद रखिए, एक्ट के हिसाब से 10 साल की अवधि में जमीन पर उतरने थे। लेकिन हमने 5 वर्ष से भी कम समय में अधिकतर पर काम शुरू कर दिया है। भाइयो और बहनो, मैं राज्यों की समस्याओं को समझता हूं, रीजनल एस्पिरेशन के प्रति पूरी तरह समर्पित हूं, क्योंकि मैंने भी लंबे समय तक मुख्यमंत्री के नाते समस्याओं का सामना किया है। और इसलिए 2014 के बाद मैंने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि बंटवारे के बाद आंध्रप्रदेश के हितों पर कोई आंच ना आए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आंध्रप्रदेश के विकास के लिए पूरे समर्पण भाव से हमारा काम जारी रहेगा। आंध्र के मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, आंध्र के संस्कार, आंध्र की संस्कृति, आंध्र का विवेक, आंध्र की नम्रता-  इस देश का बच्चा-बच्चा आंध्र की उस ऊंचाई और महानता से परिचित है। लेकिन, पिछले कुछ महीनों से बाबू जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग करे रहे हैं, डिक्शनरी में जितनी गालियां हैं, वो उन्होंने मोदी के लिए रिजर्व कर दी हैं। हर दिन एक नई गाली, हर दिन एक नई गाली, क्या ये आंध्र के संस्कार हैं? क्या आंध्र के संस्कारों को डुबोने का आपको अधिकार है, आंध्र की अस्मिता को डुबोने का अधिकार है, आंध्र के कोटि-कोटि जनों की भावनाओं को चोट पहुंचाने का आपको अधिकार है?  

अरे बाबू गारो, यह बाप-बेटे की सरकार आज आपने देख लिया, कई महीनों से आप बोल रहे थे। मैंने अपने मुंह पर ताला लगा के रखा था। एक शब्द नहीं बोल रहा था, लेकिन ये आंध्र की जनता का प्यार है कि आप की गाली गलौज आंध्र की जनता के गले नहीं उतरी और इतना बड़ा जनसैलाब आज हमें आशीर्वाद देने के लिए आया है। बाप-बेटे की सरकार का जाना तय है, भ्रष्टाचारियों का जाना तय है, आंध्र में भ्रष्टाचार मुक्त शासन आंध्र की जनता चाहती है और इस चुनाव के बाद मिलने वाली है। हमारे देश में एक परंपरा है, जब कोई भी शुभ काम होता है तो घर के जो मुखिया होते हैं, वह एक काला टीका लगा देते हैं ताकि कोई अपशगुन ना हो। मैं आज बाबू गारो और उनके बेटे को और उनकी सारे योजकों को बधाई देता हूं कि आज उन्होंने काले गुब्बारे से, हमें कोई नजर ना लग जाए, हमारे इस अभियान को नजर ना लग जाए, इसलिए आपने यह जो किया है, इसके लिए भी मैं आभार व्यक्त करता हूं। मैं फिर एक बार आंध्र की जनता को ये जो अनेक नए प्रोजेक्ट दिए हैं, उसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मेरे साथ जोर से बोलिए, जय आंध्र, जय आंध्र, जय आंध्र, जय आंध्र, जय आंध्र...

भारत माता की... जय, भारत माता की... जय, भारत माता की... जय।

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.