This Time It Will Be ‘Vijay Ki Holi’ In Uttar Pradesh: PM Modi

Published By : Admin | February 23, 2017 | 14:35 IST
Congress has been completely sidelined by the people. From nowhere news about their win comes: PM
Murderers and goons have flourished in UP due to political patronage: PM Modi
Welfare of sugarcane farmers is of utmost importance for the BJP Government: PM Modi
Our fight is against corruption and holders of black money. Protection of the rights of small and medium traders is our responsibility: PM

भारत माता की जय। भारत माता की जय। मंच पर विराजमान संसद में मेरे साथी सुश्री सावित्री बाई, बहराइच जिला अध्यक्ष श्यामकरण जी टेकरीवाल, राष्ट्रीय मंत्री श्री महेन्द्र सिंह, संसद में मेरे साथी श्री बृजभूषण सिंह, श्री ददन मिश्रा, किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय पाल सिंह, श्रीमान महाराज कुंवर तिवारी जी, गोविन्द पांडे जी, यमुना प्रसाद चतुर्वेदी जी, श्रीमान ब्रजबहादुर जी, श्रीमान पद्मसेन चौधरी जी, श्रीमान राजा वर्मा जी और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार श्रीमान मुकुल बिहारी वर्मा जी, बहराइच से श्रीमती अनुपम जायसवाल, प्रयागपुर से श्रीमान सुभाष त्रिपाठी जी, महसी से श्रीमान सुरेश्वर सिंह, भिनगा से श्रीमान अलक्षेंद्र कांति सिंह, मटेरा से श्रीमान अरुणवीर सिंह, श्रावस्ती से श्रीमान रामकरण पान्डे जी, नानपारा से श्रीमती माधुरी वर्मा जी, बलहा से श्रीमान अक्षवरलाल गौड़ जी और विशाल संख्या में पधारे हुए बहराइच के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

मैं सबसे पहले आप सबसे क्षमा मांगना चाहता हूं, क्योंकि मुझे 2016 दिसंबर में आपके बीच आना था, लेकिन मैं आया फरवरी में। क्योंकि उस समय इतना कोहरा था कि कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। ऊपर चक्कर काटके लौट गया था, लेकिन अब सबकुछ साफ हो गया है, चारों तरफ भाजपा की आंधी दिखाई दे रही है और उस समय आप लोगों ने इतनी मेहनत की, आशीर्वाद देने इतनी बड़ी संख्या में आए। मैं पहुंच नहीं पाया था।  टेलीफोन पर जो बात करने की कोशिश की लेकिन उसमें भी कई रुकावटें आईं, लेकिन आज मेरा सौभाग्य है कि आपके आशीर्वाद रूबरू में आकर लेकर के अपने आपको धन्य अनुभव कर रहा हूं। मैं दूर-दूर तक देख रहा हूं, पीछे शायद रास्ता है इतनी बड़ी मात्रा में लोग ...।

भाइयों-बहनों।

उत्तर प्रदेश में, इस चुनाव अभियान में मुझे जहां-जहां जाने का अवसर मिला है, ऐसा जनसैलाब देखा है, परिवर्तन का दृढ़ संकल्प देखा है, हर प्रकार के प्रलोभनों से दूर, हर प्रकार की धमकियों के सामने डटे हुए। उत्तर प्रदेश का भला करने के लिए, उत्तर प्रदेश की भावी पीढ़ी का जीवन सुरक्षित करने के लिए, आज पूरा उत्तर प्रदेश एक होकर के कमल खिलाने में लगा हुआ है, मैं उनका ह्रदय से आभारी हूं।

भाइयों- बहनों।

तीन चरण के चुनाव पूरे हो चुके। आज चौथे चरण का भी कुछ घंटों के बाद मतदान पूर्ण हो जाएगा। भारी मात्रा में मतदाताओं ने मतदान किया, भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में किया, मैं इसलिए जिन-जिनका मतदान हो चुका है, उनका भी हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

भाइयों-बहनों।

हम सब लोकतंत्र में सरकार बनाते हैं। जब सरकार बनाती है तो जनता-जनार्दन के कुछ सपने होते हैं। राजनीतिक दलों के कुछ वादे होते हैं, कुछ इरादे होते हैं लेकिन पांच साल के बाद हर किसी को अपने काम का हिसाब देना होता है। लोगों के बीच में जा जाकर के पांच साल में क्या काम हुआ, कहां हुआ, कितने पैसे लगे, कहां लगे, इसका पाई-पाई का हिसाब देना होता है।

भाइयों-बहनों।

चुनाव आधा पूरा होने आया है लेकिन मैं हैरान हूं। उत्तर प्रदेश सरकार के कोई मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश की जनता को अपने काम का कोई हिसाब नहीं दे रहे हैं, उत्तर नहीं दे रहे हैं। बताइए भाइयों- बहनों। उत्तर दे रहे हैं ...? उत्तर दे रहे हैं क्या ...? उन्होंने जो वादे किए, वादे पूरे किए क्या ...और आज भी किसी प्रकार के संकोच के बिना, शर्म के बिना, टीवी पर आकर के कह रहे हैं कि काम बोलता है। पुराने जमाने में, एक ऐसे नगर में, एक नगरसेठ रहा करते थे, उनका भी ऐसा ही एक कुनबा था, बड़ा परिवार था, उस जमाने में उनके पास एक कार थी। अब जब कार चलती थी तो गांव वाले कहते थे एक कार ऐसी है जिसका हॉर्न के सिवाय सब कुछ बजता है। जो बजना चाहिए, नहीं बजता था। जो नहीं बजना चाहिए, वो बजता था। इनकी भी सरकार ऐसी है काम नहीं बोलता है, करनामे बोलता है। अरे जब उत्तर प्रदेश के गांव में गाड़ी चलाते हो। तो काम नहीं बोलता है। रोड नहीं बोलता है। उस पर चलने वाले ट्रक के टायर बोलते हैं।

भाइयों-बहनों।

उनको उत्तर प्रदेश के भविष्य की चिंता नहीं है। अभी कुछ दिन पहले उन्होंने कहा कि हमने दिल बड़ा करके समझौता किया है। क्यों....तो हमारे परिवार में सब बड़े-बड़े लोग, हमें हराने के लिए मैदान में आ गए थे तो हमें लगा समझौता करेंगे तो बच जाएंगे। यह मुख्यमंत्री जी ने कहा है और कहते हैं दिल बड़ा करके किया है। अखिलेश जी दिल बड़ा नहीं हुआ, ये तो दिल कड़ा करना हुआ। मजबूरन हुआ है। आप ने ही स्वीकार किया है। ये आपको बचा पाएंगे क्या ...। आज कांग्रेस की कहीं पर भी बचने कि खबर आती है क्या ...। अभी दो दिन पहले उड़ीसा के नतीजे आये, कांग्रेस साफ हो गई। आज महाराष्ट्र के नतीजे आ रहे हैं, कांग्रेस नजर ही नहीं आती है। अखिलेश जी वो तो डूबे , तुम्हें भी ले डूबे सनम। अब आप बच नहीं सकते। उत्तर प्रदेश की जनता ऐसे अवसरवादी गठबंधनों को कभी स्वीकार नहीं करती है। जो लोग यात्रा निकाल कर दो महीने पहले गांव-गांव जाकर के कहते थे, 27 साल यूपी बेहाल।...और अचानक आप उनको गले लग गए। 27 साल यूपी बेहाल कहने वाले और सत्ता के दरमियान यूपी को बेहाल करने वाले। ये कहने वाले और ये करने वाले मिल गए हैं। अब उत्तर प्रदेश का हाल क्या होगा? इसका आप अंदाज लगा सकते हैं।

भाइयों-बहनों।

चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप होते हैं। अपने विरोधियों की आलोचना होती है। तीखी से तीखी आलोचना होती है और स्वभाविक भी है। और हम भी ऐसी हर आलोचना को उतने ही प्यार से लेते हैं लेकिन मैं हैरान हूं। अखिलेश जी, मोदी पर हमला करो, समझ सकता हूं, भाजपा पर हमला करो समझ सकता हूं, लेकिन बेचारे गधे के ऊपर, आपको गधे का भी डर लगने लगा है क्या ...। वो तो सैकड़ों किलोमीटर दूर है, आप इतने घबराते काहे हो, और मैं हैरान हूं। ये आपकी जातिवादी मानसिकता, ऊंच-नीच का भाव देखने वाली मानसिकता, ये पशु में भी ऊंच-नीच का भाव देखने लग गयी। गधा आपको इतना बुरा लगने लग गया। बहुत स्वभाविक है आपकी सरकार तो इतनी एफिसिएंट है इतनी एफिसिएंट है कि किसी की भैंस खो जाए तो पूरी सरकार खोजने के लिए लग जाती है, यही तो आपकी सरकार कि पहचान है, लेकिन अखिलेश जी, आपको पता नहीं है गधा भी हमें प्रेरणा देता है, गधा भी हमें प्रेरणा देता है, अगर दिल-दिमाग साफ हो तो प्रेरणा ले भी सकते हो, गधा अपने मालिक पे वफादार होता है, गधा, अपना मालिक जितना काम ले उतना  करता है और कम से कम खर्चे वाला होता है, कम से कम खर्चे वाला होता है।

भाइयों-बहनों।

गधा कितना ही बीमार हो, कितना ही खाली पेट हो, कितना ही थका हुआ हो, लेकिन मालिक अगर उस पर से काम लेता है तो सहन करता हुआ भी अपने मालिक का दिया काम पूरा कर के रहता है। अखिलेश जी, ये सवा सौ करोड़ देशवासी मेरे मालिक हैं, वो मुझसे जितना काम लेते हैं मैं करता हूं उतना काम करता हूं, बिना छुट्टी लिए करता हूं, थक जाऊं तो भी करता हूं, कभी भूखा रहा तो भी करता हूं क्योंकि गधे से प्रेरणा लेता हूं और बड़े गर्व से लेता हूं ताकि इन सवा सौ करोड़ मेरे देशवासियों के लिए गधे से भी ज्यादा मजदूरी कर के उनके लिए काम आऊं, इस गौरव के साथ काम करता हूं। और गधा, उसकी पीठ पर चीनी हो या उसके पीठ पर चूना हो, गधा कभी भेद नहीं करता है। चीनी हो तो ज्यादा चलना, चूना है तो नहीं चलना ये गधे का स्वभाव नहीं होता है, वो तो उन लोगों का होता है जो भ्रष्टाचार में डूबे होते हैं किस रंग का नोट टेबल पर आ रही है।  उस रंग के हिसाब से काम करते हैं, गधा ऐसा नहीं करता है। और अखिलेश जी, जिन गुजरात के गधों को, उन गधों पर आपको इतनी नफरत है लेकिन वही गुजरात है जिसने दयानंद सरस्वती को जन्म दिया था, वही गुजरात है जिसने महात्मा गांधी को जन्म दिया था, वही गुजरात है जिसने सरदार वल्लभ भाई पटेल को जन्म दिया था, अरे वही गुजरात है भगवान कृष्ण ने यहां से जाकर कर के वहां रहना, बसना पसंद किया था और इसलिए अखिलेश जी, ये देश हमारा है, हर कोना हमारा है ये नफरत का भाव आपको शोभा नहीं देता है।

भाइयों-बहनों

अखिलेश जी, के अज्ञान के संबंध में तो मैं क्या कहूं, लेकिन अच्छा होता कि जिनको आपने गले लगाया है उनको भी जरा गौर से देखते, उनको भी जरा समझने का प्रयास करते, आपको पता होना चाहिए। जिनको आपने गले लगाया, उनकी जब सरकार थी, यूपीए की सरकार थी, जिनके गले लग कर आप लोगों से वोट मांग रहे हो उस यूपीए की सरकार ने 2013 में इसी गधों का पोस्टल स्टांप निकाला था। यूपीए की सरकार ने इन्हीं गुजरात के गधों का डाक टिकट निकाला था, डाक टिकट निकाला था। अखिलेश जी, वो गधा कितना होनहार होगा, वो गधा कितना महत्वपूर्ण होगा, ये अब आपको समझ में आ गया होगा।

भाइयों-बहनों।

मैं हैरान हूं, उत्तर प्रदेश जो पूरे हिन्दुस्तान को मीठा कर देता है, मेरा किसान जो गन्ना पैदा करता है वो गन्ने का किसान, इसी बहराइच की सभा में मैंने कहा था लोकसभा के पहले, की गन्ना किसानों का जो बकाया है हमारी सरकार आने के बाद पुराना बकाया हम पूरा कर देंगे। 32 लाख किसानों के खाते में सीधे पैसे जमा कर दिए और वो बकाया हमने पूरा कर दिया, क्या कारण है कि उसके बाद गन्ना किसानों के पैसे नहीं देते हैं, उन चीनी खारखाने वाले से आपका क्या रिश्ता-नाता है कि उन गन्ना किसानों कि सुनवाई तक नहीं होती है। ये मैं पूछना चाहता हूं।

भाइयों-बहनों।

मैं भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश की इकाई को हृदय से बधाई देता हूं कि उन्होंने कहा है कि 11 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे, 13 मार्च को पूरा हिन्दुस्तान होली के रंग में रंग जाएगा। ये विजय की होली होगी और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार का गठन होगा और भारतीय जनता पार्टी के मेनिफेस्टो में वादा किया है कि सरकार बनने के बाद जो पुराना बकाया है वो जल्दी से जल्दी लौटा दिया जाएगा और आगे से गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिन में करने की परमानेंट व्यवस्था कर दी जाएगी। ये काम हमने किया।

भाइयों-बहनों।

मैं भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश को इसलिए भी बधाई देता हूं कि उन्होंने छोटे किसान, उनके फसल का, उन पर जो कर्ज है, वो कर्ज माफ करने का वादा किया है। मेरे बहराइच के भाइयों-बहनों। आपको पता है, मेरा बहराइच से नाता कितना गहरा है। मैं पहले भारतीय जनता पार्टी के संगठन का काम करता था और संगठन का कार्य करते-करते यहां उत्तर प्रदेश में मेरा दौरा चल रहा था। संगठन के काम के लिए और मेरा यहां हर जिले में जाने का कार्यक्रम था। मैं बहराइच पहुंचा, संगठन की मीटिंग ले रहा था, अचानक अटल जी का संदेश आया तब वो प्रधानमंत्री थे कि भई अब जरा तुम वापस लौट आओ। मैं यहां सारा कार्यक्रम बना करके बैठा था यहीं से मुझे वापस जाना पड़ा और बहराइच में भारतीय जनता पार्टी के संगठन महासचिव के नाते मेरी आखिरी मीटिंग हुई। और यहां से जाने के तुरंत बाद मुझे मुख्यमंत्री के रूप में काम करने की जिम्मेवारी आ गई। संगठन के कार्य में बहराइच मेरा आखिरी कार्यक्रम हुआ था और बाद में गया दिल्ली कुछ काम में रहा, दो दिन बाद अटल जी से मिला। मुझे नई जिम्मेवारी आ गयी। तो बहराइच हमेशा मुझे याद रहेगा, उस बहराइच में जब आया हूं।

भाइयों-बहनों।

मैं यूपी का सांसद भी हूं और ये यूपी है जिसने इतना भारी समर्थन दिया, इतना भारी समर्थन दिया कि पूर्ण बहुमत के साथ प्रधानमंत्री के रूप में मुझे सेवा करने का सौभाग्य मिला। भाइयों-बहनों। यूपी के सांसद के नाते मैं बहराइच के भाइयों और बहनों को वादा करता हूं कि भारतीय जनता पार्टी कि सरकार गठन के तुरंत बाद जब उसकी पहली मीटिंग होगी। यूपी के सांसद के नाते मैं यह देखूंगा, कि पहली ही मीटिंग में किसानों की कर्ज माफ करने का निर्णय हो जाए।

भाइयों-बहनों।

यह हमारा बहराइच ब्रह्मा से जुड़ा हुआ लेकिन आज उसकी पहचान बन गई है खनन माफिया, खदान माफिया, रेत माफिया, बालू माफिया, शिक्षा माफिया, पानी और वन्य संपत्ति का भी माफिया। कैसा करके रख दिया भाई। यह ब्रह्मा की भूमि बस लूट-खासोट की भूमि बना ली। भाइयों- बहनों। ये बंद होना चाहिए कि नहीं बंद होना चाहिए ...। ये सब बंद होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ...। सब चीज कानून से चलनी चाहिए कि नहीं चलनी चाहिए ...? और ये सब रोका जा सकता है, ऐसा नहीं है कि नहीं रोका जा सकता है ...। आज तो टेक्नोलोजी और वैज्ञानिक की ताकत इतनी है, कि खनन माफियाओं को एक मिनट के अंदर पकड़ा जा सकता है, उनको सीधा किया जा सकता है। लेकिन भाइयों -बहनों, जो निर्णय करते हैं वही माफिया के रेंगें-रेंगें, तो कौन बचाए जी। पानी ही आग लगा दे तो क्या होगा जी, भाइयों-बहनों मैंने सुना कुछ दिन पहले यहां पर महिलाओं के स्वास्थ्य में भी काफी बेईमानी कि खबरें आयी हैं। कहते हैं कि 65 साल कि महिला, उसको तीन बार या शायद पांच बार प्रसूता दिखा कर के पैसे मार लिए गए। बताओ चोरी करने में भी कोई हद पार कर दी इन लोगों ने। ये कैसा काम करते हैं, ये दोनों को देखिए जी, ये दोनों जो मिलके चल रहे हैं न, वोट मांग रहे हैं। ये हमारे बहराइच में सरयू नहर परियोजना श्रीमती इंदिरा गांधी थीं, तब 1978 में सरयू नहर परियोजना का शिलान्यास हुआ था, आज करीब 40 साल होने आये, 40 साल।

भाइयों-बहनों।

यही लोग सरकार चलाते थे, दिल्ली में भी यही चलाते थे, उत्तर प्रदेश में भी यही चलाते थे, लेकिन आपकी ये परियोजना पूरी नहीं हुई। भाइयों-बहनों, सत्ता में आने के तुरंत बाद हमने तय किया है। इस परियोजना का सम्पूर्ण काम हम पूरा कर देंगे, और उसके लिए हमने फंड राशि भी अलौट कर दी है अगर काम करना है तो कैसे होता है इसका नमूना है। भाइयों-बहनों। 2015 में हमने निर्णय कर लिया था और उसको 78 करोड़ की योजना जो आज 10 हजार करोड़ की योजना बन गयी है और 12 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने उसकी ताकत है ताकि किसानों का भाग्य बदले, इस काम को हम करना चाहते हैं। भाइयों-बहनों। यूपी में कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है, आज उत्तर प्रदेश में, उजियारे में भी, सूरज तपता हो तब भी अकेली बहन-बेटी घर के बाहर जा सकती है क्या.....? जा सकती है क्या ? रात के अंधेरे में तो कल्पना ही नहीं कर सकते हैं।

भाइयों-बहनों।

राम-कृष्ण की इस धरती पर बहन-बेटियों का जीना इस प्रकार से मुश्किल करने वाले लोग कौन हैं ...। कौन हैं ये लोग ...। हर थाने को समाजवादी पार्टी का दफ्तर बना दिया है और बेचारा छोटा हवालदार, वो क्या करेगा। अगर वो सत्य के रास्ते पर चलना चाहेगा तो लखनऊ से हुक्म आ जाएगा, उसकी तो नौकरी चली जाएगी, ये काम कर रहे हो ...। भाइयों-बहनों। ये ऊपर से नीचे, इनका चरित्र में ही समस्या है, समाज के प्रति एक दायित्व होता है। ऐसा कैसा चरित्र कि सरकार, सरकार चलती चले, जैसी चले वैसी चले, लोगों का जो होता है होता रहे क्या ये चरित्र होता है क्या ...।

भाइयों-बहनों।

हमारे यहां लोग शुभ काम करते है तो गायत्री मंत्र का जाप करते हैं, लेकिन ये दो लोग ऐसे हैं कि चुनाव अभियान कर रहे हैं तो गायत्री प्रजापति का मंत्र जपते हैं। अब जो गायत्री प्रजापति के मंत्र जपते हों, जिन पर गंभीर से गंभीर आरोप लगते हों, एफआईआर लॉज होने के बाद उनको एरेस्ट करने के बजाय उनके लिए वोट मांगने के लिए आप जाते हो। भाइयों-बहनों, जिनको कोई डर नहीं है लोगों का, जनता-जनार्दन का डर नहीं बचा है ऐसे लोग सत्ता में रह कर के जनता को कुचल देते हैं, जनता के अरमानों को कुचल देते हैं ऐसे लोगों को सत्ता पर आने का कोई हक नहीं बनता है।

भाइयों-बहनों।

आप मुझे बताइए। भाइयों-बहनों। नौजवानों को पलायन क्यों करना पड़ रहा है ...। क्या हमारे देश का नौजवान अपने बूढ़े मां-बाप के साथ अपनी जिंदगी गुजारना चाहता है कि नहीं ...। अपने खेत-खलिहान, यार-दोस्त उनके बीच रहना चाहता है कि नहीं रहना चाहता है ...। लेकिन बूढ़े मां-बाप को पेट भरने के लिए उसे गांव छोड़ कर के शहरों की गंदी बस्ती में जिंदगी गुजारना पड़ता है, क्योंकि जनपद के अंदर जो विकास होना चाहिए। रोजगार के जो अवसर मिलने चाहिए उस पर उपेक्षा की जाती है, अगर कानून-व्यवस्था ठीक नहीं होगी तो कोई उद्योग, धंधा, करखाना लगाने के लिए नहीं आएगा, वो डरेगा, माफिया को कैसे पालेगा ...। और इसलिए भाइयों-बहनों। अगर यहां कानून व्यवस्था ठीक होती है तो उद्योग, रोजगार की भी संभावना बढ़ती है, उधोग, रोजगार की संभावना बढ़ती है। तो उत्तर प्रदेश के मेरे नौजवान के रोजगार की भी संभावना बढ़ जाती है, उसको अपना जनपद छोड़कर के, गांव छोड़ कर के, अपना बूढ़े मां-बाप को छोड़ कर के शहर की गंदी बस्ती में जीने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता है।

इसलिए भाइयों-बहनों।

हमारा मकसद है विकास और हम जब विकास कि बात करते हैं तो हमारे दिमाग में साफ है भाइयों-बहनों। हम बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते हैं असमान में से तारे तोड़ के लाने की बात नहीं करते हैं सीधी-सीधी बात करते हैं। हम जब विकास की बात करते हैं तो हम कहते हैं, किसान को सिंचाई मिले, बालकों को पढ़ाई मिले, युवकों को कमाई मिले, बुजुर्गों को दवाई मिले।

भाइयों-बहनों।

समाज के हर तबके के लोगों को, आप हैरान होंगे। ये गरीब-गरीब के नारे लगाने वाली सरकारें हैं। हमारे यहां दवाइयां कितनी महंगी थी और दवाई का दाम कम करने की इनमें हिम्मत नहीं थी, सरकार बनने के बाद हमने इसके पीछे काम लगाया, हमने कहा गरीब आदमी बीमार होता है तो उसका उसका पूरा परिवार परेशान हो जाता है, आर्थिक रूप से टूट जाता है,  बीमारी में उसको कर्ज करना पड़ता है उस कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए ...। दवाई महंगी नहीं होनी चाहिए, हमने आठ सौ दवाइयों की सूची बनाई जो सामान्य मानकों के विशिष्ट बीमारी में काफी महंगी पड़ती है। हमने दवाई बनाने वालों को बुलाया। हमने कहा भाई, ये गरीब आदमी इतनी महंगी दवाई नहीं ले सकता है मर जाएगा। वो दवाई से ही मर जाएगा, कम करो, मानते नहीं थे, एक मीटिंग-दो मीटिंग, पांच मीटिंग पूरी, हर चीज का बारीकी से हिसाब लिया, क्या जाता है कितना खर्चा होता है, कितनी मेहनत होती है, कितना लाइट का खर्चा, ट्रांस्पोर्टेशन का खर्चा, पैकैजिंग का खर्चा, सब निकाला।

और भाइयों-बहनों।

महत्व की जो आठ सौ दवाइयां है उसके दाम हमने कम कर दिए, जो दवाई, कैंसर की जो दवाई तीस हजार रुपये में मिलती थी वो आज तीन हजार में देने के लिए मजबूर कर दिया। जो दवाई 80 में मिलती थी वो 7 रुपया में देने का हमने नियम बना दिया। गरीब की सेवा ऐसे होती है भाइयों। अगर सरकार गरीब के लिए काम करना चाहती है तो बहुत रास्ते होते हैं। हमारे देश में हृदय रोग की बीमारी बढ़ती जा रही है और जब हृदय रोग की बीमारी होती है तो पता तो चलता नहीं है, अंदर क्या हो हुआ है। डॉक्टर भी कहता है कि बचना मुश्किल है, नली के अंदर छल्ला डालना पड़ेगा, छल्ला। स्टेंट डालना पड़ेगा। अब वो बेचारा जीवन और मृत्यु के बीच में खड़ा है। डॉक्टर कहता है ये देसी छल्ला डालोगे तो 45 हजार रुपया लगेगा और देसी छल्ला डालोगे तो 5-7 साल तो निकल जाएंगे। बाद की बात बाद में, और ये विदेशी छल्ला है, ये लगाओगे तो सवा लाख-डेढ लाख रुपया होगा, लेकिन जिंदगी में कभी मुसीबत नहीं आएगी, अब गरीब आदमी भी सोचता है कि अच्छा होगा डेढ़ लाख वाला लगा दो। मकान गिरवी रख देगें, जमीन गिरवी रख देगें, गहने गिरवी रख देंगे। लेकिन जिंदगी तो बच जायेगी। डेढ़ लाख का छल्ला लगवा देता है। मैंने जरा जांच-पड़ताल शुरू की। मैंने कहा कि ये छल्ले के पीछे खर्चा कितना होता है जरा निकालो भाई, कंपनी वालों को बुलाया, बनाने वालों को बुलाया, माल पहुंचाने वालों को बुलाया, सारा हिसाब-किताब लगाया और पिछले हफ्ते हमने ऑडर कर दिया कि 45 हजार का जो छल्ला है वो 7 हजार में ही बिकेगा उससे ज्यादा नहीं ले सकते। और डेढ़ लाख का छल्ला है वो 25-27 हजार रुपये से ज्यादा नहीं ले सकते। गरीबों को लूटने का को आपको हक नहीं है।

भाइयों-बहनों।

सरकार, सरकार गरीब के लिए होती है अब आप मुझे बताओ अगर मैं छल्ले बनाने वालों का मुनाफे पर ताले लगा दूं। दवाई बनाने वालों के मुनाफे पर ताले लगा दूं, चोरी रोक लूं, तो सब नाराज होंगे कि नहीं होंगे ...। नाराज होंगे कि नहीं होंगे ...। गुस्सा करेंगे कि नहीं करेंगे ...। षड़यंत्र करेंगे कि नहीं करेंगे ...। भाइयों-बहनों। गरीब के लिए, काम के करने के लिए मुझे रूकना चाहिए ...?, जरा भी रूकना चाहिए क्या ...? ऐसे लोगों से डरना चाहिए क्या ...? रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए की नहीं बढ़ना चाहिए ...। अरे हमारे देश का गरीब, हमारे देश का मध्यम वर्ग उसी की मेहनत से तो देश आगे बढ़ रहा है और ये सरकार भी उन्हीं के काम करने लिए प्रतीबद्ध है। धन्ना सेठों के काम करना ये उनको मुबारक है। हमें तो गरीबों के लिए काम करना है और हम कर के रहते हैं।

भाइयों-बहनों।

भ्रष्टाचार, कालाधन ये ऐसी जुगलबन्दी है, भ्रष्टाचार और कालेधन ने एक-दूसरे को ऐसे गले लगाया है। ऐसे गले लगाया है जब तक भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा, जबतक कालाधन खत्म नहीं होगा, भ्रष्टाचार का चक्र बन्द नहीं होगा। और इसलिए हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बहुत बड़ी लड़ाई छेड़ी है, 8 तारीख को रात को 8 बजे नवम्बर महीने में दीवाली के बाद टीवी पर आकर के मैंने कहा, मेरे प्यारे देशवासियों और 500-1000 की नोट, 70 साल से इक्कठी कर के रखी थी सब लोगों को लगा कि अब ये बैंक में जमा किये बिना कोई चारा नहीं, एक-एक पाई बैंक में जमा करने के लिए मजबूर कर दिया। लूट का माल था, वो खजाने में डालना पड़ा अब सरकार बराबर जांच कर रही है किसका है, कहां से आया है, कैसे आया।

भाइयों-बहनों।

देश को लूटने का किसी को हक नहीं है और मैं छोटे व्यापारी को कहना चाहता हूं। मेरा छोटे व्यापारियों से कोई झगड़ा ही नहीं है जी, मान लीजिए, छोटे व्यापारी ने गलती की होगी तो क्या की होगी, 80 रुपये का माल 90 रुपये में बेचा होगा, 50 रुपये का माल 55 में बेचा होगा कुछ ज्यादा मुनाफा खाया होगा, सरकार को उसने अपना हिसाब देना है तो 100 का हिसाब देने के बजाय उसने 80 का दिया होगा। 20 रुपया का नहीं दिया होगा लेकिन भाइयों-बहनों। देश की मुसीबत तो उन लोगों ने पैदा किए हैं, जो पद पर बैठे हैं और पद पर बैठकर के लोगों को लूटा है। कागज पे साइन करने के लिए लूटा है। बड़े-बड़े नेताओं ने लूटा है, बड़े-बड़े बाबुओं ने लूटा है। मेरी लड़ाई उनके खिलाफ है। फाइल, फाइल एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के अगर पैसे लिए हैं तो उससे बड़ा जनता के साथ कोई द्रोह नहीं है वो सब निकाल के रहने वाला हूं, भाइयों बहनों। और मुझे इस काम के लिए आपका आशीर्वाद चाहिए भाइयों। भ्रष्टाचार को खत्म कर के देश के गरीबों के गरीबों के कल्याण के लिए काम करना है और मैंने देशवासियों को वादा किया है। 70 साल जिन्होंने देश का लूटा है वो मैं गरीबों को लौटा के रहूंगा, ये काम करने के लिए निकला हूं भाइयों- बहनों।

भाइयों- बहनों।

इस चुनाव में अब मतदान पास में है। भारी मात्रा में मतदान कीजिए, भारतीय जनता पार्टी को विजय बनाइए। उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत से मजबूत स्थिर सरकार बनाइए, कानून व्यवस्था को पुन: स्थापित कीजिए, माफिया से मुकाबला करने की ताकत दीजिए। आप देखिए आप उत्तर प्रदेश को जैसा चाहते हैं वैसा बनाने की दिशा में हम चल पड़ते हैं कि नहीं चल पड़ते हैं। इसी विश्वास के साथ, मेरे साथ पूरी ताकत के साथ बोलिए। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद भाइयों।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।