आमोद राय - प्रधानमंत्री आमतौर पर आजकल तीन से चार रोड शो और जनसभा कर रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद आप देख सकते हैं कि किस तरह से अभी भी इतनी मेहनत के बाद महाराष्ट्र में दो-दो सभा और तीसरा रोड शो करने के बाद भी प्रधानमंत्री कैसे ऊर्जावान नजर आते हैं। प्रधानमंत्री जी आप लगातार इतनी मेहनत कर रहे हैं 15 दिन और बाकी है चुनाव में। आपको क्या नजर आ रहा है, 200 विपक्ष कह रहा है आप कह रहे हैं 400 पार।
पीएम मोदी- चार चरण का चुनाव हो चुका है और मैंने कहा था पहले चरण में विपक्ष पस्त हो गया, दूसरे चरण में विपक्ष ध्वस्त हो गया और तीसरे चरण में विपक्ष अस्त हो गया। और चार चरण के बाद मैं बहुत विश्वास से कह रहा हूं, देश की जनता भारतीय जनता पार्टी, एनडीए अलायंस को 400 से ज्यादा सीटों से भव्य विजय दिलाएगी। भारतीय जनता पार्टी अपने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ेगी और अलायंस भी हिंदुस्तान की राजनीति के सारे रिकॉर्ड तोड़ेगा।
आमोद राय - कहते हैं कि रिकॉर्ड तोड़ने की बात यह ओवर कॉन्फिडेंस तो नहीं है। ओवर कॉन्फिडेंस है, विपक्ष कहता है ओवर कॉन्फिडेंस है 400 पार ले जाने की बात।
पीएम मोदी- ये कॉन्फिडेंस या ओवर कॉन्फिडेंस मोदी का विषय नहीं है। ये देश की जनता बोल रही है और मैं जनता को ईश्वर का रूप मानता हूं। उनके शब्द में ताकत होती है, उनके रगों में लोकतंत्र होता है।
आमोद राय- महाराष्ट्र की बात करें तो यहां शरद पवार की पार्टी टूट चुकी है। यहां पर शिवसेना टूट चुकी है। कांग्रेस के नेता तमाम दूसरे दलों में ज्वाइन कर चुके हैं। जनता कन्फ्यूज है यहां पर। अब ऐसे में घर लूटने का कार्ड खेला जा रहा है, इमोशनल कार्ड कि हमारा घर लूट लिया गया। आपको लगता है इससे दिक्कत होगी।
पीएम मोदी- अगर आप भी चौराहे पर खड़े होके ये कहोगे, अरे मेरा घर टूट गया, मेरा घर टूट गया तो लोग आपका मजाक उड़ाएंगे कि तुम ऐसे कैसे घर के मालिक हो, तेरा ही घर टूट गया। और इसलिए लोग इनका माखौल उड़ा रहे हैं। दूसरी बात है शिवसेना-एनसीपी दोनों बीजेपी के साथ हैं, नकली बाहर रह गए हैं।
आमोद राय- एक और प्रश्न उठता है, राहुल गांधी को आप शहजादे कहते हैं लेकिन प्रियंका गांधी कह रही हैं कि हमारा भाई इतना पैदल मार्च किया पूरे देश में, वह शहजादा नहीं है आम नागरिक है। आपको वो शहंशाह कह रही हैं।
पीएम मोदी- मुझे जो शहंशाह कहा गया है, मैं मानता हूं ये सही विश्लेषण किया गया है क्योंकि मैं 2001 में मुख्यमंत्री बना तब से अब तक मैंने इतना सहन किया है, इतना सहन किया है, इतने आरोप सहन किए हैं, इतनी गालियां सहन की है। और जो इतना सारा सहन करता है वो शहंशाह ही है।
आमोद राय- सर इतना आपने रैली किया, इतनी सभाएं की, इतने रोड शो किए, इतने इंटरव्यू दिए। आपको क्या लगता है इस चुनाव में असल मुद्दा क्या है क्योंकि विपक्ष कह रहा है कि बेरोजगारी और अनइंप्लॉयमेंट ज्यादा बड़ा मुद्दा है और महंगाई।
पीएम मोदी- 10 साल के काम का जनता के मन में संतोष और जनता का एजेंडा फिर एक बार मोदी सरकार। जनता का एजेंडा अबकी बार 400 पार। भारतीय जनता पार्टी ने कहा है, हम तीसरे टर्म में देश की इकोनॉमी को दुनिया की तीसरे नंबर की इकॉनमी बनाएंगे। भारतीय जनता पार्टी ने मेनिफेस्टो में कहा है और मैंने पब्लिक को गारंटी दी है 24/7 फॉर 2047. विकसित भारत बनाना, उसके लिए पूरी शक्ति से जुड़ना इस काम को मैं कर रहा हूं।
आमोद राय- प्रधानमंत्री जी एक चीज को लेकर बहुत लोगों में यह चर्चा का विषय है कि जब चुनाव आता है तो विपक्षी दल एक अलग धर्म के लिए बात करने लग जाते हैं। बीजेपी एक अलग धर्म की वोट बैंक की बात करती है तो आपको लगता है कि आपका एक जो बयान था कि बहुत सारे बच्चों वाला। उसको लेकर प्रियंका गांधी, राहुल गांधी ने बहुत सारा मुद्दा उठाया और आपको लगता है कि यह कब तक चलेगा ये भारतीय राजनीति में।
पीएम मोदी- भारतीय जनता पार्टी का सिद्धांत है, मंत्र है, कमिटमेंट है सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास सबका प्रयास। लेकिन आज लोग उनको मैं अपनी बात अच्छे से समझा पा रहा हूं तो This is the high time मैं देश को बताऊं कि कैसे धर्म के आधार पर देश का विभाजन किया। उसके बाद से 75 साल तक उन्होंने जो राजनीति की है वो देश को बांटने की की है। और मैं उदाहरण के साथ बताता हूं, एक प्रकार से उन्होंने सेक्युलरिज्म के नाम पर वोट बैंक पॉलिटिक्स किया। अपिजमेंट का पॉलिटिक्स किया। वो सब साफ हो चुका है इसलिए उनको डर लगता है। भारतीय जनता पार्टी धर्म के आधार पर राजनीति करती नहीं है। भारतीय जनता पार्टी का वह रास्ता नहीं है। हम संविधान को समर्पित है लेकिन अब समय आ गया है जो धर्म के आधार पर राजनीति करते हैं उनको एक्सपोज करना चाहिए, उनको उस रास्ते से डर लग जाए, बचने का रास्ता खोजे, वो स्थिति देश में पैदा करनी चाहिए।
आमोद राय- बस चलते चलते आखरी प्रश्न कि 4 जून को देश की जनता को क्या मैसेज क्या संदेश देना चाहेंगे।
पीएम मोदी- धन्यवाद।