Prime Minister Narendra Modi, in an interview to The New Indian, spoke on a range of subjects including the ongoing Lok Sabha elections, his government's zero tolerance towards corruption, and more. The PM also opened about about his humble beginnings, his bond with his mother and stories from his childhood of helping a sage.

 महादेव की ये नगरी है काशी, रहते यहां शिव शंकर अविनाशी, गंगा की यहां पावन धारा है बहती, हर- हर महादेव, हर जिह्वा है कहती और शायद 2014 से ‘हर- हर मोदी, घर- घर मोदी’ भी कहती क्योंकि मेरे साथ में अब जुड़ गए हैं प्रधानमंत्री, प्रधान सेवक नरेंद्र दामोदर दास मोदी। जिन्होंने हर गांव, हर देश के कोने को प्यार से जोड़ दिया हो वेलकम टू दि शो प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी साहब दिस इज एक्चुअली अ प्रिविलेज फोर अस ऑन द न्यू इंडियन हमारा एक मोटो है वाट टीवी डजन प्रिंट कांट वी डिलीवर जो टीवी नहीं कर सकता और प्रिंट नहीं कर सकता हम वहां जहां जाकर डिजिटल में वो लाते हैं हमारे लिए आज बड़ा सर गर्व का विषय है कि आप हमारे साथ में जुड़े हैं, पांचवें चरण के मतदान में इसलिए सर आपसे पहला सवाल ये कहूंगा प्रधानमंत्री जी कि पहले चरण के मतदान से लेकर पांचवें चरण तक आप चिलचिलाती गर्मी से घूमते हुए तमिलनाडु के घाटों से असम के चाय बागानों से अरुणाचल के पहाड़ों से रेगिस्तान से और मैं कहूंगा महाराष्ट्र की औद्योगिक नगरों से केरल के गांव तक ये समझना चाहता हूं सर आपके अंदर वो एनर्जी क्या आती है? मेरे अंदर क्यूरियोसिटी ये रहती है कि क्या वो प्रोटीन मिल्कशेक है? क्या वो प्रोटीन सप्लीमेंट है? इंस्टेंट एनर्जी ड्रिंक है? रेड बुल है? कोका-कोला है? कैफीन है? जब हम अपने दादा और परदादा को और पिता को देखते हैं वो एनर्जी शायद उनमें भी ना हो जितनी आप में है और युवा में भी ना हो वो एनर्जी क्यों है? उसका राज क्या है? क्या परहेज करते हैं?

पीएम मोदी: पहली बात है कि एक तो मैं कोई गोली नहीं खाता, गालियां जरूर खाता हूं और हो सकता है कि शायद हर गाली मेरा जो संकल्प है उसे मजबूती देने का काम करती है। आपने सही कहा मैं देश के कोने- कोने में घूम रहा हूं लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा क्योंकि अब लोग मुझे टीवी पर देखते हैं कि मैं इधर था उधर था यहां गया वहां गया लेकिन शायद मेरा 50-55 साल का ये जीवन जो है वो परिव्राजक रहा है एक घुमंतू जिसको कहे ऐसा ही रहा है तो मैं इन सब चीजों से आदी हूं कुछ लोगों का तो ऐसा रहता है कि भाई अगर एक बिस्तर से दूसरे बिस्तर पर सोना पड़े तो नींद नहीं आती मेरे लिए कुछ ऐसा है ही नहीं, मेरा शरीर मेरा इतना थक जाता है मैं जहां भी रात को जगह मिल जाए मैं सो सकता हूं तो हो सकता है दूसरा मेरा जो पारिवारिक पृष्ठभूमि है, मेरा जो लालन- पालन हुआ है उसमें तो ऐसा कुछ नहीं था जो आज दुनिया मुझे देख रही है आप अपने गांव का कोई भी गरीब परिवार देख लीजिए और फिर सोचिए कि यहां से यहां से क्या- क्या हो सकता है तो कहीं ना कहीं जाकर आप अटक जाएंगे मैं तो कभी कहता था कि मैं ऐसे बैकग्राउंड से हूं अगर मैं स्कूल में टीचर बन जाता तो शायद मेरी मां अड़ोस- पड़ोस में सबको गुड़ खिलाती क्योंकि मेरा जीवन वैसा ही था शायद परमात्मा की ही कोई इच्छा है, शायद ईश्वर ने ही मुझे किसी काम के लिए भेजा है, किसी परपज के लिए भेजा है और ईश्वर ही मुझसे सब कुछ करवाता है, वही दौड़ाता है, वही पद देता है प्रतिष्ठा देता है, वही परिणाम भी देता है और मैं ईश्वर के दो रूप देखता हूं, एक साकार, एक निराकार जो 140 करोड़ देशवासी हैं उनको मैं परमात्मा का रूप मानता हूं तो वो मेरे लिए साकार ईश्वर का रूप है जिसका मैं नित्य पूजा करने वाला व्यक्ति हूं और दूसरा एक निराकार रूप है जिसको ना मैंने देखा है ना कोई देखने वाला मुझे मिला है लेकिन मेरी उसमें अपार श्रद्धा रही है शायद ईश्वर ने ही मुझे ये संकेत दिया है तुम निराकार रूप को खोजने में अपना समय बर्बाद मत करो ये साकार रूप जो ईश्वर का है तुम उसी में खप जाओ, निराकार तेरे साथ रहेगा।

सवाल: आप महादेव के बड़े भक्त हैं मैंने आपका करियर बड़ा फॉलो किया करीबी से केदारनाथ हो 2019 में तपस्या आपने इतनी की यहां पर आपने काशी विश्वनाथ या उज्जैन महाकाल मैं ये समझना चाहता हूं कि महादेव की वो क्या चीज है जो आपको आकर्षित करती है उनकी तरफ भगवान शिव की भक्ति में कहा जाता है महादेव तो देवों के देव हैं पर आपको क्या वो आकर्षित करते हैं महादेव?

पीएम मोदी: ये बात सही है कि मैं चाहे कैलाश मानसरोवर हो, बदरीनाथ- केदारनाथ हो हिंदुस्तान में ये मेरा पूर्व जीवन है उस चीज में ये चीजें ही मेरे जीवन में मैं उसी में ही डूबा हुआ था किसी कारणवश में फिर से ये कपड़े भी पहनने लगा और वापस लौटा। मैं परमात्मा के गुण और अवगुण की चर्चा करने की तो योग्यता मुझ में नहीं है, उनके कोई गुण देख कर के मैं काम कर रहा हूं ये तो मेरे सामर्थ्य के बाहर का है मेरा अभी भी मत है कि शायद परमात्मा को जो अच्छा लगता है वो मुझसे करवाता है और जो मुझे करवाता है वो मुझे अच्छा लगता है लेकिन कभी-कभी मैं देखता हूं कि दुनिया के, ब्रह्मांड के सर्वशक्तिमान लोग भी जिसके सामने सिर झुकाते हैं वो आपको विरक्त नजर आता है, पूरी तरह विरक्त है ना उसके शरीर पर कपड़े हैं, ना उसपर आभूषण है, ना कोई महल है, ना कोई गादी है कुछ नहीं है वो पहाड़ों में ऐसे ही गुजारा करके.. विरक्त जीवन है शायद शिव जी का विरक्त जीवन ही है जिसने मुझे आदेश दिया है कि तुम्हें विरक्त रहना है और मैं भी व्यवस्थाओं के तहत कहीं पर भी हूं मेरा शरीर किसी न किसी सांचे में ढलता होगा लेकिन मैं मन से, आत्मा से बड़ा विरक्त हूं और शायद शिवजी ने ही मुझे इस प्रकार से जीने का आदेश दिया है

सवाल: सर, आप अक्सर अपनी मां को लेकर हीरा बहन जी के बारे में सोचकर बड़े भावुक हो जाते हैं मैं भी अपनी मां से बड़ा जुड़ा हुआ रहा हूं और हर जो पुत्र होता है वो मां से हमेशा जुड़ा रहता है ये समझना चाहता हूं कि मेरे जैसे बेटे अक्सर ये सोचते हैं कि कभी ना कभी मां का जो एक डांट होती है वो थप्पड़ होता है वो हमें जीवन में बड़ा संकल्प लेने के लिए मजबूर कर देता है और सही मार्ग पर लेकर जाता है आपकी लाइफ में भी वो मोमेंट्स आए कभी जब मां ने डांटा हो और मां ने सही मार्ग का मार्गदर्शन किया हो?

पीएम मोदी: वैसा तो कोई मुझे स्मरण नहीं है क्योंकि मैं बहुत छोटी आयु मैं घर छोड़कर चला गया था जिसको कहे कि कुछ समझ आने लगी और कुछ हुआ हो ऐसा तो कुछ मुझे ध्यान नहीं आ रहा है। इतना मैं जरूर कहता हूं कि वो मेरे कुछ 17- 18 साल की उम्र के पहले ही समझ लीजिए 13- 14 साल से लेकर के 17- 18 साल तक मैं अपने शरीर पर प्रयोग बहुत करता था जैसे कभी मैंने तय किया कि मैं नमक नहीं खाऊंगा तो मां बड़ी परेशान हो जाती थी पर कभी वो नहीं कहती थी कि भाई तुम्हारी इच्छा है तो ये नहीं चलेगा चल मैं नमक वाला बनाऊंगी.. बनाऊंगी ऐसा नहीं करती थी, कभी ठंड में खुले में रात गुजारना तो रात में आकर कभी- कभी देखती थी कि बाहर ठंड में बैठा है लेकिन डांटती नहीं थी हो सकता है उनको कोई अंदाजा हो कि भाई इसका जीवन कुछ अलग है। एक बार ऐसा हुआ कि शायद हमारी एक मौसी की शादी थी अब कोई भी बच्चा होता है जो मामा के घर जाना उसको बहुत अच्छा लगता है और उसमें भी मौसी की शादी जरा ज्यादा, मैं बहुत छोटा था तो मेरे घर के बगल में एक शिव जी का मंदिर है तो वहां एक संन्यासी साधना कर रहे थे बड़े तपस्वी थे तो मेरा थोड़ा उनसे परिचय बढ़ गया आयु तो मेरी छोटी थी लेकिन अब वो उनसे मैं अपने हाथ पर वो जवारा उगाते हैं तो पूरे शरीर पर जवारा उगाया था उनका एक व्रत चल रहा था तो वो हिल-डुल नहीं सकते थे उनकी मुंडी सिर्फ बाहर होती थी तो मैंने परिवार से कहा कि मैं मामा के घर नहीं आऊंगा, मैं शादी में नहीं आऊंगा, मैं इन स्वामी जी की सेवा करना चाहता हूं अब ये बड़ा अजूबा था कि उतनी छोटी आयु और कोई मामा- मौसी के यहां शादी में नहीं जा रहा है तो परिवार को थोड़ा दुख हुआ, मां को चिंता हुई लेकिन शायद मां जानती थी शायद उसको कुछ ऐसा संदेश था, संकेत था तो उन्होंने परिवार के सबको कहा कि नहीं, नहीं उसको रहने दीजिए तो फिर उन्होंने कहा कि भाई खाने के लिए क्या करोगे? मैंने कहा मैं स्वामी जी को मुझे चम्मच से खिलाना होता है उनकी सेवा करूंगा जो मिलेगा खा लूंगा तो इतनी छोटी आयु में ऐसी हरकतें इसके बाद भी मां ने कभी डांटा नहीं शायद उसको दर्द होता होगा लेकिन वो बताती नहीं थीं।

सवाल: सर, आपने कभी सीएम और पीएम के रूप में अपने परिवार को मैंने देखा कभी लाभ पहुंचाने की अनुमति नहीं दी। मैंने इतने सालों से कई बारी मैं आपको बताऊं मैं 2017 के चुनाव उत्तर प्रदेश में बनारस के घाटों पर आपके भाई से भी मिला सोम मोदी जी से लेकिन कभी भी मुझे ये एहसास नहीं हुआ अगर मैं बाकी परिवारों को देखूं सपा, कांग्रेस, आरजेडी इन सब लोगों ने सिर्फ अपने परिवारों के लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए सबसे बड़ा यहां तक कि अभी पीछे जब मैंने अखिलेश यादव जी का इंटरव्यू किया तो उन्होंने मुझे मुंह पर कहा कि मैं तो चाहता हूं कि भाजपा भी अपने परिवारों को टिकट दे और परिवारों को लाभ दे डंके की चोट पर जब मैंने सवाल पूछा कि डिंपल यादव, अखिलेश यादव, अक्षय यादव, तेजस्वी यादव की बहन मीसा यादव हर कोई चुनाव लड़ रहा है तो मैं बड़ा हैरान रह जाता हूं कि प्रधानमंत्री आप ऐसे कैसे हो सकते हैं कि आपने कभी ये सोचा ही नहीं कि कोई लाभ मैं अपनी फैमिली मेंबर को भी पहुंचाऊ और आपने ये संकल्प दृढ़ निश्चय भाजपा में भी बाकी लोगों के साथ में भी रखा इट्स वेरी डिफिकल्ट कि ऐसे स्वभाव के व्यक्ति पॉलिटिक्स में होते हैं तो कितना वो आपके लिए मुश्किल था, कठिन था इस चीज को फॉलो करना?

पीएम मोदी: ये आपकी जानकारी सही नहीं है, मैंने मेरे परिवार को बहुत लाभ पहुंचाया है अनगिनत लाभ पहुंचाया है उसकी तरफ लोगों का ध्यान नहीं है जैसे मैंने 11 करोड़ टॉयलेट बनाए वो मेरे परिवारजन हैं। मैंने चार करोड़ गरीबों के लिए घर बनाया, मेरे परिवार हैं। मैंने 50 करोड़ लोगों के जनधन के बैंक अकाउंट खुलवाए, वो मेरे परिवारजन हैं। मैंने आयुष्मान कार्ड से लाखों माताएं, लाखों बुजुर्गों उनका उपचार करवाया, ये मेरे परिवारजन हैं और इसलिए मैं भी मेरे परिवार के लिए ही जीता हूं क्योंकि मेरा भारत ही, मेरा परिवार है। जहां तक दूसरा सवाल है जो बायोलॉजिकल मेरा परिवार जिसको आप कहे एक तो मैं बहुत छोटी आयु में घर छोड़ चुका था, मैं पहले से ही कट ऑफ रहा, दूसरा मेरे परिवार को मेरी मां ने ऐसे संस्कार दिए हैं कि जिसमें पद- प्रतिष्ठा के लिए उनको लगता था मेरी मां कहती थी कि हम लोग ऐसा कुछ ना करे कि उसकी साधना में रुकावट हो वैसे साधना ही है तो अब जैसे मैं गांधीनगर में रहता था मुख्यमंत्री था मेरा एक छोटा भाई सरकार में नौकरी करता था और जिस डिपार्टमेंट में वो नौकरी करता था, मैं उसी डिपार्टमेंट का मिनिस्टर भी था मुख्यमंत्री के नाते लेकिन मेरे 13 साल के कार्यकाल में उसने कभी मेरा चेंबर नहीं देखा था, कभी आया नहीं था, सरकार में भी लोगों को पता नहीं था कि ये मेरा भाई है, मेरी मां वहां रहती थी मां के पास जब जाता था तो लोगों को पता चलने लगा तो मां को मैंने एक बार कहा कि मां कभी- कभी पास में ही हूं एक दो- किलोमीटर दूरी पर हूं आ करके रहो ना उन्होंने कहा भाई मैं तो रह सकती हूं मुझे तो कुछ है नहीं लेकिन तेरा काम डिस्टर्ब होगा, तेरा समय मेरे पीछे बर्बाद होगा तो ये जो शायद मेरे परिवार में संस्कार जो मिले आज भी मेरा परिवार बहुत लोग हैं जो गरीबी में जीते हैं कोई पेट्रोल पंप पर शायद वो पेट्रोल भरने का काम करता है मेरा एक भाई तो दूसरी तरफ मुझे बहुत सुनना भी पड़ता है लोगों से कि भाई ऐसे कैसे इंसान हो कोई परवाह ही नहीं करते हो ऐसा सुनना पड़ता है तो मैं सोचता हूं चलो भाई ये भी एक पहलू है।

सवाल: प्रधानमंत्री जी चुनाव के दौरान आईपीएल देखना या दिमाग को तरोताजा करने के लिए किशोर कुमार या लता के गाने सुनने का मौका मिला आखिरी बार आपने टीवी पर कोई फिल्म या सिनेमा हॉल जाकर कभी कोई फिल्म देखी?

पीएम मोदी: नहीं मुझे वो सौभाग्य नहीं मिला है जब गुजरात में था तब शायद एक- दो किसी इवेंट के कारण मुझे जाना पड़ा था और वो भी उन कलाकारों के सम्मान के कारण मैं गया था मेरी अपनी कोई प्रकृति, प्रवृत्ति पिछले 40- 50 साल से इस प्रकार की रही नहीं..

सवाल: किशोर, लता के गाने पर भी नहीं

पीएम मोदी: नहीं गाना- वाना छोड़ दीजिए मेरी वो कोई प्रायोरिटी नहीं, ना ही मेरे पास इतना समय है मैं जब लोगों को मिलता हूं तो मैं उस पल को जीता हूं, मैं सिर्फ एक रोबोटिक की तरह किसी को मैं हाथ नहीं मिलाता हूं मैं उस पल को जीता हूं जैसे मान लीजिए एक कमरा बंद है और उसमें एक छेद किया जाए और किसी का हाथ बाहर किया जाए और आपको कहा जाए हाथ मिलाओ तो आपको वो ऊष्मा कुछ अनुभव नहीं होगा आपको लगेगा ये एक डेड बॉडी है, हाथ लटक रहा है मैं हाथ मिलाकर जा रहा हूं लेकिन कोई कहेगा कि नहीं अंदर फलाने- फलाने वीआईपी हैं उनका हाथ है तो दिखता नहीं फिर भी आपके मन में ऊर्जा हो जाती, मैं जब किसी भी नागरिकों से मिलता हूं भले पांच सेकेंड के लिए मिलता हूं मैं जी भर के मिलता हूं मैं कोशिश करता हूं शायद ईश्वर का रूप कोई हो इस रूप में आया हो तो मैं इसको बड़े सम्मान और भाव से जीता हूं और जब आप प्रतिपल जीते हैं तो प्राण शक्ति अपने आप आपको प्रेरित करती रहती है।

सवाल: सर, एक अहम सवाल ये है कि विपक्ष का कहना है कि आपके ही निर्देश पर उनके नेताओं को ईडी और सीबीआई गिरफ्तार कर रही है चुनाव से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री हो या झारखंड के हो तो ये जो बार-बार एक एलिगेशंस लगते हैं ये किस लिए हैं कि ईडी और सीबीआई सर की आज इंडिपेंडेंट नहीं हैं या आपको लगता है कि पॉलिटिकल प्रेशर उन पर है उसके कारण ही ये ऑपरेट करते हैं?

पीएम मोदी: मुझे अगर कोई कहे ईडी में पहले पांच अफसरों के नाम बताओ मुझे वो भी मालूम नहीं है ये मेरा काम नहीं है, मेरा काम है सरकार के निर्देश क्या होंगे? सरकार की दिशा क्या होगी? सरकार की प्रायोरिटी क्या होगी? अब 2014 में, मैं देश की जनता को जो मेरा 13- 14 के जो कैंपेन हैं उसके केंद्र बिंदु में करप्शन था और मैंने देश को कहा था कि मेरी करप्शन के खिलाफ लड़ाई है, करप्शन के प्रति मेरा जीरो टॉलरेंस है अब कोई मुझे बताए मैं जनता- जनार्दन ने जिस मुद्दे पर मुझे आशीर्वाद दिया है, जिस मुद्दे पर जनता ने मुझे इस काम के लिए बिठाया है, क्या मैं जनता के साथ धोखा करूं तो ये मेरा कमिटमेंट था आकर के मैंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि करप्शन के प्रति मेरा जीरो टॉलरेंस है उसमें हमारे एक स्वयं के आचार जैसे मेरे लिए कहा जाता है पहले दिल्ली की फाइव स्टार होटल भरी रहती थी क्यों तो दलाल राजनीति के गलियारों में घूमते थे एक साल में ये बात शुरू हो गई यार दलालों के लिए तो गलियारों में कोई जगह नहीं तो एक के बाद एक में कदम उठाता गया फिर मैं बहुत बड़ी मात्रा में टेक्नोलॉजी लाया ताकि ट्रांसपेरेंसी आए जैसे मेरा जैम पोर्टल होगा या मेरा जैम ट्रिनिटी होगा, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर होगा, लाखों- करोड़ों रुपये मैंने देश का बचाया है, भ्रष्टाचार को रोकने के दो तरीके होते हैं। टेंडर प्रक्रिया को मैंने पूरी तरह ट्रांसफर कर दिया, ये कोयला वगैरह जो मैंने ऑक्शन पब्लिकली करना शुरू किया तो एक तो करप्शन के खिलाफ मेरी जो व्यवस्था वर्तमान है उसमें करप्शन को दूर रखा जाए, घुसने ना पाए एक काम। दूसरा जो पहले करप्शन हुआ है उसका डर होना चाहिए तभी जाकर नए लोग करप्शन ना करें सचमुच में मुझे किसी को परेशान नहीं करना है और ना ही मेरी सरकार किसी को परेशान करना चाहती है अगर एक बलात्कारी को फांसी होती है तो 50 बलात्कारी की मानसिकता वाले रुक जाते हैं कभी-कभी कठोर सजा, कठोर कदम भविष्य की बीमारियों से बचने के लिए भी होते हैं तो पुराने और ज्यादातर केस वो है जो यूपीए के जमाने में कागज पर लिखे गए थे, नाम मात्र की एफआईआर करके पॉलिटिकली किया।

सवाल: प्रधानमंत्री मैं अभी आपको बता दूं कि मैंने 2009 से 14 में चाहे वो चंडीगढ़ में रेलवे स्कैम हो या वीरभद्र सिंह का एप्पल गेट हो या बाकी स्कैम हो 2जी स्कैम हो, अगस्ता वेस्टलैंड हो हमने वो पत्रकार की बुलंदी आवाज से वो स्कैम्स खोले लेकिन हमारे खिलाफ में भी मुकदमे लगाए गए..

पीएम मोदी: तो मामले तो पुराने हैं, रजिस्टर हो चुके हैं मैंने जब आकर के पब्लिकली कहा कि मेरा करप्शन के प्रति जीरो टॉलरेंस है इसका मतलब हुआ कि सभी डिपार्टमेंट को रिलीजियसली उसको फॉलो करना चाहिए और मैं गवर्नेंस क्या होता है जानता हूं मुझे ईडी वालों को मिलने की जरूरत नहीं है, मुझे ईडी वालों को सूचना देने की जरूरत नहीं है मुझे मिस्टर ए, मिस्टर बी, मिस्टर सी करने की जरूरत नहीं है मेरा काम है कि करप्शन के खिलाफ काम हो। दूसरा देश की जनता को कोई मूर्ख नहीं बना सकता जब आप नोटों के पहाड़ देख रहे हो नोट गिनने वाले मशीन थक रहे हैं किसी ने किसी ने तो चोरी की है, किसी के तो हक को मारा है और जब इतने लोग पकड़े जा रहे हैं सचमुच में देश में अगर जैसा अपोजिशन कह रहा है कि ईडी कर रहा है तो मैं तो मानता हूं ईडी की भरपूर सम्मान होने चाहिए, हिंदुस्तान के बड़े से बड़े सम्मान ईडी को मिलने चाहिए ये चोरी पकड़ रहे हैं ये उसको गाली दे रहे हैं इसका मतलब जैसे किसी ने गुनाह किया और किसी न्यायाधीश ने उसको सजा दी और बाद में जाकर को न्यायाधीश की हत्या कर दे ये कैसे चल सकता है?

सवाल: सर, लास्ट सवाल मैं खत्म करूंगा कि मैं अमेठी के जायस से यूपी के बलिया तक उन गांवों तक गया जहां पर आपने योजनाएं लॉन्च की उज्ज्वला, उजाला मैं बड़ा देख के हैरान रह जाता था कि गैस के कनेक्शन आप सोचिए बलिया में मंगल पांडे के घर में गया पांचवीं चरण की पीढ़ी ने मुझे बोला कि यहां पर बिजली आ गई है गैस का कनेक्शन जब आपने उज्ज्वला और उजाला लॉन्च की 2016 में, जैसे- जैसे शहर में पद्मावती के शहर में मैंने अमेठी में जाकर मुसलमानों के घर में देखा प्रधानमंत्री आवास योजना बाहर लिखी हुई ये खुद मैंने 2019 में कवर किया, इन स्कीमों के बावजूद भी मैं आपसे सिर्फ आज ये समझना चाहता हूं 2024 में आपका जो सक्सेस रेट है अगर मैं इन स्कीम्स को हटा दूं आपने इतनी बड़ी जीत हासिल की 2019 में इन स्कीम्स के मुताबिक घर-घर में जा- जाकर वो स्कीम्स घुसी थी उज्ज्वला, उजाला, प्रधानमंत्री आवास योजना आज आपसे पूछना चाहता हूं कि इनके अलावा भी कोई है जिसके कारण आप जीत रहे हैं क्योंकि जो सर्वेज आ रहे हैं आप चार चरण के बाद ही मेजॉरिटी क्रॉस कर चुके हैं सिर्फ ये समझना चाहता हूं कि वो स्कीम्स कौन सी है जहां से आपको संतुष्टि मिल रही है जिसके कारण आप ये इतना जीत प्रचंड बहुमत ला रहे हैं?

पीएम मोदी: लास्ट माइल डिलीवरी, ये मेरी सबसे बड़ी विशेषता है हिंदुस्तान में सरकारों का कैरेक्टर क्या रहा ये मीडिया के भरोसे जीते थे राजनेता, उनका दाना पानी सब मीडिया वाले देते थे वो सुबह अखबार खोल करके देखते थे मेरा 6 सेंटीमीटर छपा है कि 16 सेंटीमीटर छपा है। पहले पेज पर है कि तीसरे पेज पर है और फिर मीडिया वालों को फोन करते यार देखो क्या हुआ तो सारा खेल वही चला मैंने इस पूरे चरित्र को बदला है वो आज से नहीं गुजरात में तब से मेरा कहना ये है कि भाई सरकार का काम फाइल पर साइन करना, फीते काटना, दिए जलाना, फोटो निकालना, इतना नहीं है सरकार का काम है जो चीज आपने तय की है तो उसको ऐसे तय करो ताकि कम से कम कमियां हो, कम से कम गलतियां हो जो तय करो उसके लिए समय सीमा तय करो, रोड मैप तय करो मैं इन चीजों में लगा रहता हूं जैसे मुझे याद है मैं नया- नया प्रधानमंत्री बना और मैंने जनधन अकाउंट खोलने के लिए कहा तो ढेर सारी मेरे सामने मुसीबतें आईं, मैं हर हफ्ते 30- 40 अफसर की मीटिंग लेना शुरू कर दिया, मैंने बैंकों को फोन करना शुरू किया डेली रिपोर्ट लेने लगा कि आज कितने अकाउंट खुले आप गरीब के घर गए थे कि नहीं तब जाकर के 50 करोड़ अकाउंट खुले आजादी के 60- 70 साल तक बैंक में 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के खाते नहीं खुले थे गरीबों के नाम पर बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था लेकिन वो बैंक में गरीब का नामो निशान नहीं था तो मुझे चुभता था जब मैंने जनधन अकाउंट तो भारत सरकार में बैठे हुए लोगों ने मेरे काम को देखा यार तो अलग काम करता है ये फीते काटता नहीं है, एडवरटाइजमेंट नहीं करता, 50 करोड़ जनधन अकाउंट फिर धीरे-धीरे उनको समझ आया कि काम करना पड़ेगा मैं खुद भी करता हूं मॉनिटर करता हूं, दूसरा मैं दिल्ली से सरकार नहीं चलाता मैं हिंदुस्तान के अलग-अलग इलाकों में जाकर के सरकार चलाता हूं और उसके कारण दूसरा आपने देखा होगा मैं पिछले 10 साल से फ्राइडे, सैटरडे, संडे हिंदुस्तान के किसी ना किसी कोने में जाता हूं, टूर करता हूं और लोगों को मैं हर छोटी-छोटी चीज के लिए उनकी बारीकियों को जानने की, समझने की कोशिश करता हूं। मैं जानता हूं सरकारी व्यवस्था में एक आदमी के लिए इतनी मेहनत क्यों की जाए, दूसरा जो लोग मुझे पूछते हैं मोदी जी इतनी मेहनत क्यों करते हो मुझे बहुत बड़े सीनियर लीडर ने कहा था मोदी जी जिंदगी में प्रधानमंत्री बनना बहुत बड़ी बात होती है एक बार बन गए क्या लगे रहते हो, मैं किसी पद पर शोभा बढ़ाने के लिए नहीं बैठा हूं।

सवाल: सर, आपका समय कम है आज श्रावस्ती में और बस्ती में दोनों जगह पर रैली भी है, फॉलो कर रहे हैं हम आपको..

पीएम मोदी: उसके बाद दिल्ली में भी है..

सवाल: उसके बाद दिल्ली में भी है और मैं छठे चरण और सातवें चरण में दोनों में फॉलो कर रहा हूं। यूपी और बिहार आप देखते रहिए सर न्यू इंडियन भी और शो दैट यू हैव सीन सम ऑफ आवर न्यू वीडियोज एंड स्टोरीज एज वेल बहुत-बहुत धन्यवाद सर इट्स अ प्रिविलेज कि आज आपने हमें समय दिया..

पीएम मोदी: नमस्कार, आपके डिजिटल दुनिया के आपके जो साथी हैं और मैं मानता हूं ये यंग जनरेशन है, हो सकता है इन यंग जनरेशन को ये आत्मा- परमात्मा वाली बातें कितनी अच्छी लगेगी मुझे मालूम नहीं है।

सवाल: मुझे तो बहुत अच्छी लगी आपसे बात करनी मेरे लिए..

पीएम मोदी: ..लेकिन कुछ ऐसी बातें थीं शायद ये चुनाव की आपाधापी के बाहर की थी

 सवाल: सर, मेरे अंदर तो क्यूरोसिटी थी आपका ये स्वभाव जानना इसलिए सवाल किए..

पीएम मोदी: मुझे अच्छा लगा, बहुत-बहुत धन्यवाद।

Explore More
78મા સ્વતંત્રતા દિવસનાં પ્રસંગે લાલ કિલ્લાની પ્રાચીર પરથી પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીનાં સંબોધનનો મૂળપાઠ

લોકપ્રિય ભાષણો

78મા સ્વતંત્રતા દિવસનાં પ્રસંગે લાલ કિલ્લાની પ્રાચીર પરથી પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીનાં સંબોધનનો મૂળપાઠ
Modi blends diplomacy with India’s cultural showcase

Media Coverage

Modi blends diplomacy with India’s cultural showcase
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।