PM visits Visakhapatnam

Published By : Admin | October 14, 2014 | 19:35 IST
"Reviews extent of damage, relief and rescue operations in the city and other cyclone affected parts of Andhra Pradesh"
"Travels extensively through Visakhapatnam city by road"
"Does an aerial survey of cyclone affected Koraput and Malkangiri districts of Odisha"
"Announces interim assistance of Rs. 1000 crore for Andhra Pradesh"
"Appreciates role played by use of technology, and excellent coordination between Centre and State, in minimizing loss of life"
"विशाखापतनम और आंध्र प्रदेश के तूफान प्रभावित अन्य भागों में हुए नुकसान, राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की"
"विशाखापतनम में सड़क मार्ग से काफी इलाकों में दौरा किया"
"ओडिशा के प्रभावित जिलों कोरापुट और मलकानगिरी का हवाई सर्वेक्षण किया"
"आंध्र प्रदेश के लिए एक हजार करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता की घोषणा की"
"तूफान में मरने वालों की संख्या न्यूनतम बनाए रखने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की भूमिका और राज्य तथा केंद्र के बीच प्रभावी तालमेल की सराहना की"

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, visited Visakhapatnam today, to personally review the relief and rescue operations in the aftermath of Cyclone Hudhud. 

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He travelled extensively by road through the city of Visakhapatnam, which bore the brunt of the cyclone. He was accompanied by the Governor of Andhra Pradesh, Shri ESL Narasimhan, the Chief Minister of Andhra Pradesh, Shri Chandrababu Naidu, and Union Minister Shri Venkaiah Naidu. 

The Prime Minister reviewed the situation at a high-level meeting in the Collectorate at Visakhapatnam. He appreciated the role played by technology, including satellite imagery and advanced weather forecasting techniques, in minimizing loss to life and property. He also expressed satisfaction at the excellent coordination between the Union and State Governments, which helped minimize casualties. 

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In a statement to media after the meeting, the Prime Minister announced an interim assistance of Rs. 1000 crore to the state of Andhra Pradesh. He also announced an ex-gratia amount of Rs. 2 lakhs for the next of kin of those who lost their lives due to the cyclone, and Rs. 50,000 to the seriously injured. 

The Prime Minister said he was deeply touched by the love that tens of thousands of people of Visakhapatnam had shown him today, lining the roads of the city, despite having faced such a devastating cyclone. 

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Earlier, the Prime Minister also carried out an aerial survey of cyclone affected Koraput and Malkangiri districts of Odisha, as well as the city of Visakhapatnam. The special jet of the Indian Air Force swooped low over the affected areas, as the Prime Minister was briefed about the situation. 

The Prime Minister has repeatedly emphasized the need for long-term planning for disaster management, taking into account the lessons learnt from Cyclone Hudhud. During the meeting, he also offered Andhra Pradesh full support from the Centre, towards this task. 

Text of Prime Minister’s statement after the Relief Operations Review Meeting in Cyclone-hit Vizag

परसों जो भयंकर cyclone आया, और उसके कारण आंध्र को और कुछ भाग में उड़ीसा को जो संकट झेलना पड़ा, अनेक लोगों को अपने प्राण खोने पड़े, इस कठिनाइयों से गुजरे हुए सभी नागरिक भाइयों-बहनों के प्रति मैं अपनी सहानुभूति प्रकट करता हूं। इस संकट के समय पूरा देश, भारत सरकार, आंध्र के साथ Vizag के लोगों के साथ पूरी ताकत से खडे हैं। आवश्यक सभी मदद भारत सरकार करेगी।

इस Cyclone में Technology का बहुत ही Perfect उपयोग हुआ, पहले दिन से ही। इस Cyclone में मौसम विभाग ने Technology का बखूबी उपयोग किया और 6 तारीख से ही ये संकेत दे दिए गए थे। जो अनुमान थे, उतनी ही Velocity रही। जो दिशा थी अनुमानित, वही दिशा रही। जो अनुमानित Time था, वही Time रहा। और एक प्रकार से इस संकट से बचने में ये Technology का उपयोग भी काफी काम आया।

दूसरी सबसे महत्‍वपूर्ण बात हुई, जब केंद्र और राज्‍य, दोनों, कंधे-से-कंधा मिला करके काम करते हैं, सही दिशा में काम करते हैं, तो कितने बड़े संकट क्‍यों न हो, उन संकटों से उभरा जा सकता है। आंध्र Government और भारत सरकार ने 5 दिन लगातार minute-to-minute Perfect Co-ordination के साथ काम किया। Local Body ने भी उसको पूरी तरह Follow किया। मैं Vizag के नागरिकों का भी अभिनंदन करना चाहता हूं कि संकट के समय उन्‍होंने सरकार की सूचनाओं का पालन किया। पूरी तरह से discipline को माना, और उसके कारण लोगों की जिंदगी बचाने में हम सफल हुए। इन संकटों के बावजूद भी, यह एक भयंकर Cyclone था। आपने तो इसको खुद ही अनुभव किया है।

आपने जो धैर्य रखा.... और आज भी मैं बहुत दूर गया। मैंने हवाई निरीक्षण करके ओडि़शा का इलाका भी देखा आज। मैंने पहले कहा, उस प्रकार से भारत सरकार इस संकट के समय पूरी तरह आंध्र सरकार के साथ रहेगी। भारत सरकार के जो कई establishments हैं, उनका भी भारी नुकसान हुआ है। Coast guard हो, Navy हो, Railways, Airlines, National Highways, उन सबके लिए भी भारत सरकार की तरफ से लोग आएंगे, survey करेंगे और उसकी चिंता भी हम करेंगे।

अभी जितनी जानकारी मुझे मिली है, detailed survey भी हम करेंगे, भारत सरकार की भी team आएगी। किसानों का भी यह फसल का आखिरी समय था। इसलिए बहुत नुकसान उसके कारण किसानों का भी हुआ था। तो Agriculture survey, Property का जो नुकसान हुआ है, उसके लिए, मैं Insurance कंपनियों को भी सूचना करूंगा, वो तत्‍काल अपने लोग लगाएं। और Private Insurance वाले जो लोग हैं, उनके साथ बैठ करके सहानुभूतिपूर्वक उनकी सारी Claims को तुरंत workout करे, उनकी मदद करें। मैं Insurance Companies को भी आग्रहपूर्वक ये विषय बता दूंगा।

तत्‍काल जो अवस्था हैं, उसमें इतना बड़ा काम है। आंध्र प्रदेश एक तो नया-नया राज्‍य बना है। उसको अभी कई चीजें करनी बांकी है। ऐसे में इतना बड़ा संकट आया है। दूसरी तरफ, अभी 15 दिन पहले तो मैं इतना उत्‍साह और उमंग से उछल रहा था। Vizag को Smart City बनाने का सपना ले कर के। अचानक ये कसौटी आ गई है, लेकिन मुझे विश्‍वास है कि हम इस कसौटी से बाहर निकलेंगे। और बहुत ही जल्‍द सारी व्‍यवस्‍थाएं Normal हो जाएंगी और जो नुकसान हुआ, उसको भी ठीक करने में हम सफल हो जाएंगे। बिजली, पानी, Communication, इन चीजों को हमने प्राथमिकता दी है और कुछ ही घंटों में बहुत ही जल्‍द इन चीजों में सुधार आ जाएगा।

भारत सरकार के प्रतिनिधियों को मैंने Special इस काम के लिए depute किया है। आंध्र सरकार पूरी तरह लगी हुई है। तो जनसुविधा की जो प्राथमिक आवश्‍यकताएं हैं, वो भी तुरंत चालू कर दी जाएँगीं। अभी पूरा सर्वे होना बांकी है। लेकिन तत्‍काल इतने बड़े संकट को पहुंचने के लिए भारत सरकार की तरफ से एक Interim Assistance के रूप में 1,000 करोड़ रुपए भारत सरकार की तरफ से देने की मैं घोषणा करता हूं।

तुरंत Survey होने के बाद आगे भी भारत सरकार आंध्र के साथ, वाइजाग के साथ पूरी तरह साथ रहकर के इन समस्‍याओं से निकलने के लिए जो भी आवश्‍यकता होगी, उसको पूरा करेंगे। जिन लोगों ने अपना जीवन खो दिया है, जिनकी मृत्‍यु हुई है, उन (के परिजनों) को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपए और जिनको injury हुई है, उनको 50,000 रुपए भी भारत सरकार के प्रधानमंत्री राहतकोष से हम देंगें।

धन्‍यवाद।

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !