Congress is certain to be defeated in Karnataka for its mis-governance: PM Modi
Every section of society is unhappy with the Congress government in Karnataka: PM Narendra Modi
By focussing on farmers and rural India, the NDA government is taking several steps for the transformation of the agriculture sector: PM
Karnataka: PM Modi questions Congress’ misrule for 48 years and urged people to compare it to the 48 months of the NDA Government
More than Mr. Siddaramaiah, it is 'Seedha Rupaiyya' that drives the working of the Government in Karnataka, says PM Modi
Congress' is a 10 per cent government in Karnataka. No work is done here without any commission: PM Narendra Modi

सागरो पादी यल्ली। सेदिनूं कर्नाटक दा अन्न दात महाजनरे निबज्ञ नरी गनू नन्ना नमस्कार करूं। संत बसश्वेश्वर, संत कनक दास, पूज्य मादार चेन्नय स्वामी जी इवरिगे नन प्रणाम करूं। वीर महिले ओवने के ओवोम मतकरिनाय रेत नायक शांतवरी गोपाल गोड़ महनि अरके नमस्कार करूं।

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के अध्यक्ष और हमारे वरिष्ठ नेता श्रीमान येदुरप्पा जी, श्री अनंत कुमार जी, श्री सदानंद गौड़ा जी,  जगदीश शेट्टार जी, यहां के सांसद श्रीमान सिद्धेश्वर जी, हमारे मित्र भाई ईश्वरप्पा जी, गोविंद करजोल जी, श्रीमान रमेश जी, शोभा जी, रामलू जी, एन रविकुमार, अरविंद निंबाबड़े, श्रीमान शंकर गौड़ पाटिल जी, प्रहलाद जोशी जी, ईश्वरचंद जी, श्रीमान उदासी जी, श्री योगी स्वामी जी, करूणाकर रेड्डी जी, एमपी रेणुकाचार्य, बीपी हरीश, अरुण कुमार, एसबी रामचंद्र, यशवंत राव यादव, एसे रविन्द्र नायक, श्रीमान बासव राव नायक, श्रीमान मजार विजुरप्पा नायक और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे किसान भाइयो और बहनों।

आज मुझे कर्नाटक के किसान भाइयो और बहनो का आशीर्वाद पाने का सौभाग्य मिला लेकिन साथ-साथ मेरे लिए ये भी खुशी की बात है कि हमारे वरिष्ठ नेता श्रीमान येदुरप्पा जी के जन्मदिन पर रूबरू आकरके, उनका सम्मान करने का उन्हें बधाई देने का भी अवसर मिला। मैं सबसे पहले कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी के सभी नेताओं को, छोटे-मोटे सभी कार्यकर्ता को आज ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं। क्योंकि आपने रेयता बंधु यदुरप्पा, ये जो अभियान का आरंभ किया है, ये अपने आप में यह अनूठा अभियान है। कर्नाटक की मिट्टी से जुड़ा हुआ, कर्नाटक की धरती से जुड़ा हुआ,  हर किसान भाई अपनी भावनाओं का दान एक मुष्टीभर चावल उसके साथ अपनी आशा, अपेक्षाओं और भावनाओं का प्रतिबिंब उस दान की प्रक्रिया में है। और जब जनशक्ति की ताकत जुड़ती है तो कैसा रूप होती है। जब गुजरात में मैं मुख्यमंत्री था, सरदार वल्लभ भाई पटेल का विश्व का सबसे ऊंचा स्टेच्यू बनाने का संकल्प किया। ये किसान पुत्र थे, किसान की गोद में पले-बढ़े थे। महात्मा गांधी के साथ किसानों के लिए सर्वाधिक आंदोलन करने वाले नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल थे। उनका दुनिया में सबसे बड़ा स्टेच्यू, अगर कोई अमेरिका जाए तो स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी देखता है। ये सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्मारक, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, एकता की मूर्ति और उसकी ऊंचाई स्टेच्यू की लिबर्टी से भी डबल है। लेकिन उसकी एक विशेषता है। हिन्दुस्तान के 6 लाख गांव, हर गांव के किसानों से प्रार्थना की गई थी। आपने अपने खेत में जोतने के लिए उपयोग किया हुआ जो औजार है, उसका लोहा हमें दान में दीजिए। हर गांव से ऐसा एक लोहे का एक टुकड़ा हमने दान में लिया। उसको आकरके मेल्ट किया गया। और उसका उपयोग ये सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्टेच्यू बनाने के लिए हो रहा है। वैसे ही आपका मुष्टीभर चावल ये आपका रेयता बंधु येदुरप्पा अभियान, जिस प्रकार से लोहे का टुकड़ा दुनिया का सबसे बड़ा सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्मारक बनाने जा रहा है। ये आपके मुट्ठीभर चावल एक नए कर्नाटक का निर्माण करके रहेगा। कर्नाटक के गांवों का भाग्य बदलेगा। किसान का भाग्य बदलेगा।

और इसलिए भाइयो बहनो।

येदुरप्पा के जन्मदिन पर सिर्फ बधाई देकर न रूकते हुए, आने वाले एक मार्च से 15 मार्च तक गांव-गांव, घर-घर जाकरके, और मैं चाहूंगा। मेरे किसान भाइयो से आग्रह करूंगा। मेरे गांव के भाइयो बहनों से आग्रह करूंगा कि अब सिर्फ भाजपा के कार्यकर्ता ही इस कार्यक्रम को न चलाए। हर किसान इस कार्यक्रम को अपना माने। हर किसान अपने भाग्य के निर्माण के लिए मुष्ठीभर चावल के काम में जुट जाएं। आप देखिए कैसा बदलाव आता है।

भाइयो बहनो।

अब ये कर्नाटक सरकार का जाना तो तय है। ये अपने पापों के भार से ऐसी परिस्थिति में पहुंच गई है कि वो कर्नाटक की नेतागिरी, कर्नाटक को तो क्या कांग्रेस को भी बचा नहीं पाएगी। और पूरे देश में आप देखिए। देश की जनता ने जहां मौका मिला है, सबसे पहला काम किया है कांग्रेस को निकालो, कांग्रेस को निकालो, कांग्रेस को निकालो। क्योंकि देश को पता चल गया है कि हमारी समस्याओं की जड़ ये कांग्रेसी कल्चर है। ये कांग्रेसी कल्चर होता है तो हर प्रकार की चीजें तुरंत हमारे सामने आती है। कोई भी अच्छी चीज नजर नहीं आती है। कर्नाटक में यहां की जनता जनार्धन इस सरकार की विदाई के लिए इतनी उत्साहित है। और मैं पिछले दो-तीन जगह जाने का अवसर मिला है। मैंने जनता-जनार्धन का जो मिजाज देखा है, इस सरकार के प्रति जो गुस्सा देखा है। हर व्यक्ति इस सरकार से परेशान है।

भाइयो बहनो।

ऐसी नफरत पैदा हुई हो। शायद ऐसी सरकारें बहुत कम होती है, जैसी नफरत आज इस कांग्रेस की सरकार के प्रति है।

भाइयो बहनो।

भारतीय जनता पार्टी इस मत के लिए, कई दशकों से काम कर रही है कि अगर भारत का भाग्य बदलना है तो भारत के गांवों का भाग्य बदलना होगा। भारत के किसानों का भाग्य बदलना होगा। इसलिए आपने देखा होगा कि दिल्ली में जब से आपने हमें सेवा करने का मौका दिया है। हमारी हर योजना में किसानों का कल्याण, कृषि का विकास, गांव में बदलाव इन मूलभूत बातों को लेकरके हम सरकार में एक के बाद एक निर्णय करते चले जा रहे हैं। हमारे देश में किसान फसल ज्यादा हो तो भी परेशान, फसल कम हो तो भी परेशान, प्राकृतिक आपदा आ जाए तो भी परेशान।

भाइयो बहनो।  

ऊपर वाले की मेहरबानी पर हमारा किसान जिंदगी गुजारा करता है। क्या कोई उसे सुरक्षा दी जा सकती है। मैंने कर्नाटक में ही आकर के एक बात कही थी। हमारी सरकार ने फसल बीमा योजना शुरू की। और किसानों को, ये ऐसी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बनाई कि जिसके कारण अगर किसान की फसल तैयार होने के बाद, खेत से बाजार जाने के बीच में ही, अगर कोई बहुत बड़ी आपदा आ गई और फसल बर्बाद हो गई तो उसको भी बीमा देने की योजना बनाई। पानी भर जाए तो उसको बीमा, अरे किसान खेत में बुआई कर दे, सोइंग कर दे। और सोचता है कि 15 जून तक बारिश आएगी, 20 जून को आएगी, जुलाई आएगी, अगस्त में आएगी लेकिन बारिश नहीं आई। तो भी भारत सरकार ने ऐसा बीमा दिया है तो भी किसान को मिनिमम प्राइस मिल जाएगा ताकि उसका साल बर्बाद न हो जाए।

भाइयो बहनो।

आज किसानों को जो फसल के बीमा का पैसा मिल रहा है। अकेले कर्नाटक में 11 हजार करोड़ रुपया। अगर भारत सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपए का पैकेज घोषित कर दिया होता तो यहां पर वाहवाही होती। मोदी तो सबसे बड़ा किसान का नेता है। ऐसा बोल दिया जाता। सारे देश में भी 10 हजार करोड़ का पैकेज घोषित कर देता तो न जाने कितनी वाहवाही होती। लेकिन हम ऐसी योजना लाए कि अकेले कर्नाटक में 11 हजार करोड़ रुपए का भुगतान मेरे किसान भाइयो बहनों को हुआ है।

भाइयो बहनो।

2022, आजादी के 75 साल हो रहे हैं। हमारा सपना है, किसानों की आय दोगुनी करना, किसानों की आय डबल करना। पांच साल में किसानों की आय डबल करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। और इसके लिए सबसे पहले जमीन की तबीयत कैसी है, जमीन की सेहत कैसी है। हम जिस भूमि पर खेती करते हैं, जो हमारा खेत है, उसकी हेल्थ कैसी है। और इसलिए सबसे पहले स्वॉयल हेल्थ कार्ड का काम शुरू किया है। उसका परिणाम ये आया है कि किसान को पता चलने लगा है कि इसकी जमीन किस पैदावर के काम आएगी। कौन सी फसल के लिए जमीन बेकार है। कौन सा खाद लगेगा, किस प्रकार का बीज लगेगा। कौन सी दवाई की जरूरत है या नहीं है। इसका परिणाम ये आया है कि किसानों का जो फालतू खर्चा होता था बंद हो गया। सही उपज पैदा होने लगी। पहले की तुलना में ज्यादा होने लगी। और ये प्रयोग तीन-चार सीजन वो लगातार करेगा तो उसकी जमीन में भी बहुत बड़ा बदलाव आएगा, जमीन ज्यादा उपजाऊ हो जाएगी। मेरे किसान को सीधा फायदा मिलेगा।

हमने एमएसपी, बड़ी चर्चाएं हो रही थी। मैं कांग्रेस के नेताओं से पूछ रहा हूं - एक परिवार 48 साल तक, उसने देश पर शासन किया औऱ एक चाय वाला जिसने 48 महीने शासन किया। अमीर घरानों में पैदा हुए लोग 48 साल शासन किया, किसानों की चिंता नहीं कर पाए थे। हमने 48 महीने के भीतर-भीतर एमएसपी के अंदर जो खर्चा होगा, जो लागत होगी, डेढ़ गुणा एमएसपी कर दिया गया। और आने वाले दिनों में किसान को अपनी लागत का डेढ़ गुणा मिलेगा। और ऐसा एश्योरेंस 48 साल तक राज करने तक एक परिवार ने राज करने के बाद भी देश को नहीं दिया। 48 महीने में हमने दे दिया है मेरे किसान भाइयो बहनो। इतना ही नहीं। हमने कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउसिंग, eNAM, ई-मंडी, अनेक ऐसी योजनाएं, बीज से बाजार तक, किसान की फसल का पूरा दाम मिले, उसका वैल्यू एडिशन हो, वो जो पैदा करता है ...। यहां पर कॉटन, कभी ये मैनचेस्टर कहा जाता था। लेकिन ऐसे लोगों का नेतृत्व आया कि सारी मिलें बंद हो गई। लोग बेरोजगार हो गए। ये हाल करके रख दिया है। और इसलिए कॉटन पैदा करने वाला क्या करेगा। यहां पर मूंगफली। वर्ना पहले ऐसे माना जाता था कि मूंगफली का तेल यानि गुजरात में, ये क्षेत्र था जहां पर मुंगफली की तेल की मिलें हुआ करती थी। ये सब बर्बाद करके छोड़ दिया क्योंकि इनको किसानों की कोई परवाह नहीं थी।

और इसलिए भाइयो बहनो।

हमने किसानों की मूल्य वृद्धि करने के लिए। हमने एक जो फसल का मूल्य वृद्धि करना है। अंतर्राष्ट्रीय वैल्यू एडिशन का एक बहुत बड़ा इवेंट किया। दुनियाभर के इंवेस्टर को बुलाया। नई टेक्नोलॉजी ले आए। और हमारा किसान जो पैदा करता है, वो फसल सब्जी हो, फल हो, फूल हो, वैल्यू एडीशन हो। अगर दूध बेचने जाता है तो कम पैसा मिलता है लेकिन दूध में से मक्खन निकालकर के बेचता है, तो ज्यादा पैसा मिलता है। घी बनाकरके बेचता है तो और पैसा मिलता है। अगर उसका वैल्यू एडीशन करता है तो ज्यादा कमाई होती है। कच्चा आम बेचता है तो कम पैसा मिलता है। पका हुआ आम बेचता है तो ज्यादा पैसा मिलता है। कच्चा आम का अचार बनाकर बेचेगा तो और पैसा मिलेगा। हम चाहते हैं कि किसान जो पैदा करता है उसको मूल्य वृद्धि होनी चाहिए। हमने एक इस बार बजट के अंदर एक बहुत बड़ा अभियान छेड़ा है। और ऑपरेशन ग्रीन्स के नाम से, मिशन ग्रीन्स के नाम से जिस प्रकार से व्हाइट रेवल्यूशन हुआ। और दुग्ध क्रांति का काम हमारे देश में हुआ। हमारे यहां जो सब्जी पैदा करने वाले किसान हैं। ज्यादा समय टीक नहीं पाती है, खराब हो जाती है। किसान बर्बाद हो जाता है। और कभी ज्यादा सब्जी हो जाए तो भी दाम नहीं मिलता है। और इसलिए हमने मिशन ग्रीन्स के नाम से योजना बनाई है। हजारो करोड़ रुपए लगाएंगे।

और TOP – टमाटर ऑनियन और पोटेटो। यहां पर आलू का हाल क्या है। आपके ऐसे यहां मुख्यमंत्री हैं। कुछ लोगों को मत है कि कर्नाटक में सिद्धारमैया की सरकार चल रही है लेकिन हकीकत ये है कि यहां सीधा रुपैया की सरकार है। ये जो सीधा रुपैया है, हर चीज में सीधा रुपैया होता है, तभी काम काम होता है। आप मुझे बताइए। क्या सीधा रुपैया वाला कल्चर चाहिए क्या आपको ...। सीधा रुपैया वाला कल्चर चाहिए क्या ...। ये सीधा रुपैया वाला कल्चर चाहिए क्या ...। ये सीधा रुपैया वाले कारनामे चाहिए क्या ...। सीधा रुपैया से ही इंसान को न्याय मिलेगा क्या ...।

और इसलिए भाइयो बहनो।

ये सीधा रुपैया अब जाना चाहिए। एक ईमानदारी की सरकार आनी चाहिए। और इसलिए अब कर्नाटक को सीधा रुपैया का कारोबार नहीं, कर्नाटक को लोगों की आवाज सुनने वाली, लोगों का काम करने वाली सरकार चाहिए।

और इसलिए भाइयो बहनो।

आप हैरान होंगे। भारत सरकार ने इतना धन इस सरकार को दिया है लेकिन जमीन पर पैसा नजर नहीं आता है। और इसलिए यहां कारोबार, हर मंत्री, हर दफ्तर, थाने में जाओ, कहीं भी जाओ, सिर्फ सीधा रुपैया चलता है। और कुछ नहीं चलता है।

भाइयो बहनो।

भारत सरकार ने कर्नाटक को कितनी मदद की है। जब कांग्रेस की सरकार थी दिल्ली में तब कर्नाटक को फाइनेंस कमीशन के तहत 73 हजार करोड़ रुपया मिलता था। हमारी सरकार बनने के बाद, एनडीए बीजेपी की सरकार। आज कर्नाटक को फाइनेंस कमीशन से 2 लाख करोड़ रुपए मिलता है जी। कहां कांग्रेस का दिया 73 हजार, कहां भाजपा की सरकार से आया 2 लाख करोड़ रुपया।

लेकिन भाइयो बहनो।

कर्नाटक में ऐसी सरकार है कि वो पैसों को खर्च भी नहीं कर पा रही है। कई ऐसी योजनाएं आज भारत सरकार के द्वारा कर्नाटक में चल रही है, कार्यरत है। कुछ योजनाएं पूर्णता के निकट पहुंची है। करीब-करीब 21 हजार 400 करोड़ रुपए के प्रोजेट ऑल रेडी आज कार्यरत है। दामनगिरी-हावेरी नेशनल हाईवे उसकी छह लाइन बनाने की दिशा में 830 करोड़ रुपए की लागत से उस काम को हम आगे बढ़ा रहे हैं। दामनगिरी-चित्रदुर्गा नेशनल हाइवे 1000 करोड़ रुपए की लागत से, उस नेशनल हाइवे का काम आगे बढ़ाया जा रहा है। हमारे दिल में ये साफ है कि कर्नाटक के लोग अच्छे हैं। कर्नाटक के लोग परिश्रमी है। कर्नाटक एक ऐसा राज्य है, यहां के लोग ऐसे हैं, जो देश के लिए कुछ न कुछ करने वाले लोग हैं। देश को कुछ न कुछ देने वाले लोग हैं। अगर उसका कर्नाटक आगे बढ़ेगा, अगर कर्नाटक की ताकत बढ़ेगी तो देश की ताकत भी आगे बढ़ेगी। और देश भी आगे बढ़ेगा।

और इसलिए भाइयो बहनो।

हम लगातार यहां की सरकार को, हर विषय में खुले हाथ से मदद करते रहे। लेकिन जब तक 10 परसेंट वाला मामला बनता नहीं, यहां काम चलता नहीं। पहले 10 परसेंट, 12 परसेंट, 15 परसेंट, उसी की चर्चा  होती रहती है, हर गली में चर्चा होती है। कोई कर्नाटक का नागरिक नहीं होगा, जिसको इस कारोबार का पता नहीं है। फिर भी, अब खाद्यान्न खरीदी। मेरे किसान भाइयो बहनो। भारत सरकार ने उनसे खाद्यान्न खरीदने के लिए पैसे दिए। उनका काम था किसानों से ये खाद्यान्न खरीदना। उनके दाम गिरते हैं तो उसको रोकना। पैसा भारत सरकार ने दिया। लेकिन आप हैरान हो जाएंगे। अभी भी 50-55 करोड़ रुपया बिना खर्च किए वैसे ही पड़ा हुआ है। अगर किसानों के प्रति ये संवेदनशील सरकार होती तो ये रुपए खजाने में पड़े नहीं होते।

भाइयो बहनो।

हमारे देश के बच्चों का स्वास्थ्य। हमारी माताओं बहनों का स्वास्थ्य। और इसलिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सरकार अनेक योजनाएं चला रही है। अगर हमारे देश का बचपन तंदुरुस्त होगा तो मेरा भारत भी तंदुरुस्त बनेगा। हमारी देश की माताएं-बहनें वे अगर तंदुरुस्त होंगी तो उनसे पैदा होने वाली संतान भी तंदुरुस्त होंगे। उसके लिए उनको पैसे दिए। आप हैरान हो जाएंगे। अरे कोई बीमार होता है, और उसके पास पैसा नहीं होता है तो पड़ोसी जाकरके पैसा देता है। लेकिन यहां एक ऐसी सरकार बनी है। भारत सरकार के पैसे देने के बाद भी 500 करोड़ रुपया अभी भी बिना खर्च किए ऐसे ही पड़ा हुआ है। जो सरकार में केंद्र के द्वारा सामान्य मानवी के तबीयत के लिए, स्वास्थ्य के लिए, हेल्थ के लिए पैसा दिया गया। उसको भी खर्च करने का सामर्थ्य नहीं है। उसके दिल में आपके प्रति संवेदना होगी कि नहीं होगी। ये समझना मुश्किल नहीं है।

भाइयो बहनो।

शिक्षा। हर कोई कहता है, गरीब से गरीब से पूछो। आप एक ड्राइवर से पूछिए। आप मजदूर से पूछिए। आप एक ऑटो रिक्शा वाले से पूछिए। उसको पूछिए आपकी इच्छा क्या है। वो कहेगा बच्चे को अच्छी शिक्षा देना है, बच्चों को पढ़ाना है। उसकी इच्छा रहती है। भारत सरकार सर्व शिक्षा अभियान, माध्यमिक शिक्षा में सुधार। 400 करोड़ रुपया अभी भी बिना खर्च को पड़ा हुआ है। ऐसी नाकामी सरकार, नाकाम करने वाली सरकार।

भाइयो बहनो।

टेक्निकल एजुकेशन। आज टेक्निकल एजुकेशन का महत्व बढ़ता चला जा रहा है। करीब-करीब 80-90 करोड़ रुपया, वो बिना खर्च किए पड़ा हुआ है। हमारे देश में, आज गुजरात देखिए। मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था। वहां पर एक नर्मदा नदी, तापी नदी। बाकी सूखा। 10 साल में 7 साल में सूखा पड़ता। हम रोते नहीं बैठते थे। हमने सरकार के पाई-पाई उपयोग करके वर्षा के पानी को बचाने का अभियान चलाया। छोटे-छोटे डैम बनाए। छोटे-छोटे बांध बनाए। चेकडैम बनाए। पानी को रोका। पानी जमीन में गया। और करीब 12-13 मीटर पानी का लेबल ऊपर आया। और पानी बचाने के कारण, गुजरात जो सूखा प्रदेश माना जाता, एग्रीकल्चर में कभी नाम नहीं होता था। उसने लगातार 10 प्रतिशत एग्रीकल्चर ग्रोथ करके एक बड़ा विक्रम स्थापित किया। लेकिन ये सरकार ऐसी है यहां कर्नाटक में। वाटर शेड के पैसे दिए। कर्नाटक को अकाल के दिन थे। अकाल में पानी की जरूरत थी। किसानों को पानी चाहिए लेकिन इन्होंने वाटर शैड के कार्यक्रम में भी ...। अभी तक करीब-करीब 100 करोड़ रुपया, उसको भी खर्च नहीं कर पाए।

भाइयो बहनो।

स्मार्ट सिटी। कर्नाटक की अर्बन बॉडी का आज देश में नाम है। बैंगलुरू, मैसूर को कौन नहीं जानता है। उसके भी 300 करोड़ रुपया बिना खर्च किए पड़ा हुआ है। स्मार्ट सिटी के लिए दिया हुआ 300 करोड़ रुपया वैसे के वैसे पड़ा हुआ है। स्वच्छ भारत मिशन। हमने उनको पैसे दिये। स्वच्छता से स्वास्थ्य के लिए गारंटी बनती है। वर्ल्ड बैंक कहती है, यूएनओ कहता है, डब्ल्यूएचओ कहता है। स्वास्थ्य को दुनिया में महात्मय दिया है। लेकिन यहां पर उसके प्रति भी उदासीनता। भारत सरकार के दिये हुए 75 करोड़ रुपया, ये भी आज वैसा का वैसा पड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना। 88 करोड़ ...। मैं एक लंबी लिस्ट गिना सकता हूं, लंबी लिस्ट गिना सकता हूं।

लेकिन भाइयो बहनो।

मुझे कहना यही है। कि ये ऐसी सरकार है जिसको जनता के लिए नहीं ...। वह दो ही काम करती है एक - दिल्ली के आकाओं को खुश करना और दूसरा - यहां पर राजी-नाराजी में लोग रहते है, हर एक को टुकड़ी फेंकते रहना। यही काम करता है। और लोगों को ऐसे ही, एमएलए को पकड़ के रखो। गाड़ी चलाओ।

भाइयो बहनो।

आप कल्पना कर सकते हैं। इस देश में किसी सरकार के सीटिंग मंत्री के घरों में कभी रेड नहीं पड़ी। इनके यहां डायरियां मिलती है, पैसे मिलते हैं। उनके नेताओं के घर से नोटों के बंडल के बंडल मिलते हैं। ये कहां से आए भाई। ये पैसे कहां से आते हैं। ये किसके पैसे हैं। ये सीधा रुपैया नहीं है तो क्या है जी। ये सीधा रुपैया नहीं है तो क्या है ...। जिस प्रकार की बर्बादी कर्नाटक में हुई है, ऐसी सरकार को एक मिनट नहीं चलने देना चाहिए। एक मिनट ...।

और भाइयो बहनो।
दिल्ली में आपका भला हो, इसके लिए जीजान से जुटी हुई सरकार है। अगर कर्नाटक में भी आप हमारी योजनाओं को आगे बढ़ाने वाली सरकार बना दें। आज मैं विश्वास दिलाता हूं। जो काम ये इतने वर्षों में नहीं कर पाए हैं। हम आने वाले पांच वर्ष में करके दिखा देंगे।

और इसलिए भाइयो बहनो।

आज येदुरप्पा जी के जन्मदिन पर, आज एक किसान नेता के जन्मदिन पर, आज इतने बड़े किसान समूह के बीच में धान का अभियान चला रहे हैं, चावल देने का अभियान चला रहे हैं, एक संकल्प का अभियान चला रहे हैं। हम कर्नाटक को भी समृद्ध बनाएंगे, सुखी बनाएंगे। हम कर्नाटक के किसान को सुखी करेंगे, समृद्ध करेंगे। हम कर्नाटक की माताओं-बहनों को सुरक्षित करेंगे। हम कर्नाटक के नौजवानों के सपनों को पूरा करेंगे। हम कर्नाटक के मध्यम वर्गीय की आशा अपेक्षाओं को पूर्ण करने में कोई कमी नहीं रखेंगे। हम गरीबों के कल्याण के लिए जीएंगे। इन सपनों के साथ, इन सपनों के साथ हम भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाएं। येदुरप्पा के नेतृत्व में हम आगे बढ़े। कर्नाटक को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।

भाइयो बहनों।

इतनी बड़ी विशाल संख्या में आए। मुझे आशीर्वाद दिये। इसलिए मैं बहुत-बहुत आभारी। ईबारी बीजेपी सरकार। ईबारी बीजेपी की सरकार। बन्नी बीजेपी गेल्ली सी। बन्नी बीजेपी ...। बन्नी बीजेपी ...। समस्त कनन्ड़ गिरीगे, अनन्त नमस्कार करूं। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।



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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.