પ્રધાનમંત્રી નરેન્દ્ર મોદીએ આજે ગુજરાતના કેવડિયા ખાતે ‘નમામિ નર્મદા’ ઉત્સવમાં હાજરી આપી હતી. આ ઉત્સવ ગુજરાત સરકાર દ્વારા ડેમ તેની 138.68 મીટરની સંપૂર્ણ સપાટી સુધી ભરાવાના ઉપલક્ષ્યમાં ઉજવવામાં આવી રહ્યો છે. 2017માં ડેમની ઊંચાઇ વધાર્યા બાદ પ્રથમ વખત 16મી સપ્ટેમ્બરની સાંજે જળસપાટી તેની સર્વોચ્ચ સપાટી પર પહોંચીહતી. પ્રધાનમંત્રીએ ડેમના સ્થળે ગુજરાતની જીવાદોરી સમાન નર્મદા નદીના પાણીનું સ્વાગત કરવા પૂજા-અર્ચના પણ કરી હતી.
બાદમાં પ્રધાનમંત્રીએ કેવડિયામાં ખલવાની ઇકો-પ્રવાસન સ્થળ અને થોર ઉદ્યાનની પણ મુલાકાત લીધી હતી. કેવડિયામાં પતંગિયા ઉદ્યાન ખાતે પતંગિયાઓથી ભરેલા મોટા ટોપલામાંથી પતંગિયાઓને મુક્ત કર્યા હતા. તેમણે સ્ટેચ્યુ ઑફ યુનિટીના સાંનિધ્યમાં આવેલી એકતા નર્સરીની પણ મુલાકાત લીધી હતી. બાદમાં પ્રધાનમંત્રીએ ‘સ્ટેચ્યુ ઑફ યુનિટી’ની બાજુમાં જાહેર સભા સંબોધી હતી.
પ્રધાનમંત્રીએ જણાવ્યું હતું કે,“સરદાર સરોવર ડેમમાં જળ સપાટી 138 મીટરથી વધારે ઊંચાઇ પર જોઇને હું હર્ષની લાગણી અનુભવું છું. સરદાર સરોવર ડેમ ગુજરાતના લોકો માટે આશાનું કિરણ છે. તે સખત મહેનત કરતાં લાખો ખેડૂતો માટે વરદાન સ્વરૂપ છે.”
સ્ટેચ્યુ ઑફ લિબર્ટી સાથે સ્ટેચ્યુ ઑફ યુનિટીના પ્રવાસીઓના ધસારાની સરખામણી કરતાંપ્રધાનમંત્રીએ જણાવ્યું હતું કે,“અનાવરણના 11 મહિનાની અંદર, સ્ટેચ્યુ ઑફ યુનિટી 133 વર્ષ જૂના સ્ટેચ્યુ ઑફ લિબર્ટી જેટલા જ પ્રવાસીઓને આકર્ષી રહ્યું છે. સ્ટેચ્યુ ઑફ યુનિટીના કારણે કેવડિયા અને ગુજરાત વિશ્વ પ્રવાસન નકશા પર છે. મને કહેવામાં આવ્યું છે કે છેલ્લા 11 મહિનાઓમાં ભારત અને સમગ્ર વિશ્વમાંથી 23 લાખ જેટલા પ્રવાસીઓએ આ સ્થળની મુલાકાત લીધી છે.” સ્ટેચ્યુ ઑફ લિબર્ટી દરરોજ લગભગ સરેરાશ 10,000 પ્રવાસીઓને આકર્ષે છે. પરંતુ તમારે તે ધ્યાનમાં રાખવાની જરૂર છે કે તે 133 વર્ષ જૂનું છે. જ્યારે બીજી બાજુ સ્ટેચ્યુ ઑફ યુનિટી માત્ર 11 મહિના જૂનું છે. તેમ છતાં તે પ્રતિ દિન 8,500થી વધારે પ્રવાસીઓને આકર્ષી રહ્યું છે. તેમણે જણાવ્યું કે આ એક ચમત્કાર છે. સ્ટેચ્યુ ઑફ યુનિટી 31મી ઓક્ટોબર, 2018ના રોજ દેશના પ્રથમ ગૃહમંત્રીની જન્મ જયંતીના ઉપલક્ષ્યમાં જાહેર જનતા માટે ખુલ્લુ મુકવામાં આવ્યું હતું.
પ્રધાનમંત્રીએ સરદાર પટેલની દૂરંદેશિતાની પ્રશંસા કરતાં ઉમેર્યુ હતુ કે જમ્મુ અને કાશ્મીર અંગે ગત મહિને સરકારનો નિર્ણય ભારતના પ્રથમ ગૃહમંત્રીની પ્રેરણાનું પરિણામ હતું. અને રાજ્યને બે કેન્દ્રશાસિત પ્રદેશોમાં વહેંચવાનો નિર્ણય સરદાર પટેલ પાસેથી પ્રાપ્ત થયેલી પ્રેરણા અને દાયકાઓ જૂની સમસ્યાનો ઉકેલ શોધવાનો પ્રયાસ હતો. પ્રધાનમંત્રીએ જણાવ્યું હતું કે તેમને સંપૂર્ણ વિશ્વાસ છે કે લાખો સાથીદારોના સક્રિય સહકારથી તે જમ્મુ અને કાશ્મીર તથા લદ્દાખમાં સમૃદ્ધિ અને વિશ્વાસનું વાતાવરણ સર્જી શકશે.
પ્રધાનમંત્રીએ જણાવ્યું હતું કે, “તમારો સેવક ભારતની એકતા અને સર્વોચ્ચતા માટે સંપૂર્ણપણે કટિબદ્ધ છે. અમે છેલ્લા 100 દિવસો દરમિયાન આ કટિબદ્ધતાને વધારે મજબૂત કરી છેઅને નવી સરકાર પહેલા કરતાં પણ વધુ ગતિશિલતાથી કામ કરશે તથા અગાઉ કરતાં પણ ઊંચા લક્ષ્યો હાંસલ કરશે.”
नमामि देवी नर्मदे महोत्सव में संबोधन: PM @narendramodi “आज के दिन मां नर्मदा के दर्शन का अवसर मिलना, पूजा-अर्चना का अवसर मिलना, मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है”
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हमारी संस्कृति में हमेशा माना गया है कि पर्यावरण की रक्षा करते हुए भी विकास हो सकता है। प्रकृति हमारे लिए आराध्य है, प्रकृति हमारा आभूषण है। पर्यावरण को संरक्षित करते हुए कैसे विकास किया जा सकता है, इसका जीवंत उदाहरण अब केवड़िया में देखने को मिल रहा है।: PM
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एक तरफ सरदार सरोवर बाँध है, बिजली उत्पादन के यंत्र हैं तो दूसरी तरफ एकता नर्सरी, बटर-फ्लाई गार्डन जैसी इको-टूरिज्म से जुड़ी बहुत ही सुंदर व्यवस्थाएं हैं। इन सबके बीच सरदार पटेल जी की भव्य प्रतिमा जैसे हमें आशीर्वाद देती नजर आती है।: PM
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मैं समझता हूं कि केवड़िया में विकास, प्रकृति और पर्यटन की एक ऐसी त्रिवेणी बह रही है, जो सभी के लिए प्रेरणा है।: PM
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आज ही निर्माण और सृजन के देवता विश्वकर्मा जी की जयंती भी है। नए भारत के निर्माण के जिस संकल्प को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं, उसमें भगवान विश्वकर्मा जैसी सृजनशीलता और बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने की इच्छाशक्ति बहुत आवश्यक है।: PM
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आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो सरदार सरोवर बाँध और सरदार साहब की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, दोनों ही उस इच्छाशक्ति, उस संकल्पशक्ति के प्रतीक हैं।: PM
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मुझे विश्वास है कि उनकी प्रेरणा से हम नए भारत से जुड़े हर संकल्प को सिद्ध करेंगे, हर लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।: PM
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आज का ये अवसर बहुत भावनात्मक भी है। सरदार पटेल ने जो सपना देखा था, वो दशकों बाद पूरा हो रहा है और वो भी सरदार साहेब की भव्य प्रतिमा की आंखों के सामने।: PM
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हमने पहली बार सरदार सरोवर बाँध को पूरा भरा हुआ देखा है। एक समय था जब 122 मीटर के लक्ष्य तक पहुंचना ही बड़ी बात थी। लेकिन आज 5 वर्ष के भीतर-भीतर 138 मीटर तक सरदार सरोवर का भर जाना, अद्भुत है, अविस्मरणीय है।: PM
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आज का दिन उन लाखों साथियों का आभार व्यक्त करने का है, जिन्होंने इस डैम के लिए अपना योगदान दिया है। ऐसे हर साथी को मैं नमन करता हूं।: PM
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केवड़िया में आज जितना उत्साह है, उतना ही जोश पूरे गुजरात में है। आज तालों, तालाबों, झीलों, नदियों की साफ-सफाई का काम किया जा रहा है। आने वाले दिनों में बड़े स्तर पर वृक्षारोपण का भी कार्यक्रम है।: PM
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गुजरात में हो रहे सफल प्रयोगों को हमें पूरे देश में आगे बढ़ाना है। गुजरात के गांव-गांव में जो इस प्रकार के अभियान से दशकों से जुड़े हैं, ऐसे साथियों से मैं आग्रह करुंगा कि वो पूरे देश में अपने अनुभवों को साझा करें।: PM
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आज कच्छ और सौराष्ट्र के उन क्षेत्रों में भी मां नर्मदा की कृपा हो रही है, जहां कभी कई-कई दिनों तक पानी नहीं पहुंच पाता था।: PM
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आपने जब मुझे यहां का दायित्व दिया, तब हमारे सामने दोहरी चुनौती थी। सिंचाई के लिए, पीने के लिए, बिजली के लिए, डैम के काम को तेज करना था, दूसरी तरफ नर्मदा कैनाल के नेटवर्क को और वैकल्पिक सिंचाई व्यवस्था को भी बढ़ाना था।: PM
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लेकिन गुजरात के लोगों ने हिम्मत नहीं हारी और आज सिंचाई की योजनाओं का एक व्यापक नेटवर्क गुजरात में खड़ा हो गया है। बीते 17-18 सालों में लगभग दोगुनी जमीन को सिंचाई के दायरे में लाया गया है।: PM
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माइक्रो इरिगेशन का दायरा साल 2001 में सिर्फ 14 हज़ार हेक्टेयर था और सिर्फ 8 हज़ार किसान परिवारों को इसका लाभ मिल पा रहा था। आज 19 लाख हेक्टेयर जमीन माइक्रो इरीगेशन के दायरे में है और करीब 12 लाख किसान परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है।: PM
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IIM अहमदाबाद स्टडी से सामने आया कि माइक्रो इरिगेशन के कारण ही गुजरात में 50 प्रतिशत तक पानी की बचत हुई है, 25 प्रतिशत तक फर्टिलाइजर का उपयोग कम हुआ, 40 प्रतिशत तक लेबर कॉस्ट कम हुई और बिजली की बचत हुई सो अलग।: PM
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आज मुझे खुशी है कि मां नर्मदा का जल सिर्फ कच्छ ही नहीं गुजरात के एक बड़े हिस्से के लिए पारस सिद्ध हो रहा है।नर्मदा का पानी, सिर्फ पानी नहीं है। वो तो पारस है, जो मिट्टी को स्पर्श करते ही उसे सोना बना देता है।: PM
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नल से जल का दायरा भी बीते दो दशकों में करीब 3 गुणा बढ़ा है। साल 2001 में गुजरात के सिर्फ 26 प्रतिशत घरों में नल से जल आता था। आज आप सभी के प्रयासों का असर है, गुजरात की योजनाओं का प्रभाव है कि राज्य के 78 (अठहत्तर) प्रतिशत घरों में नल से पानी आता है।: PM
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अब इसी प्रेरणा से हमें देश भर में हर घर जल के लक्ष्य को प्राप्त करना है।: PM
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मैं गुजरात सरकार को, पहले आनंदीबेन की अगुवाई में और अब रुपाणी जी के नेतृत्व में, हर घर को, हर खेत को जल से जोड़ने के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।: PM
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सिंचाई की सुविधा मिलने से एक और लाभ गुजरात के किसानों को हुआ है। पहले किसान पारंपरिक फसलें ही उगाते थे। लेकिन सिंचाई की सुविधा मिलने के बाद नकदी फसलों की पैदावार शुरु हुई, हॉर्टिकल्चर की तरफ झुकाव बढ़ा। इस परिवर्तन से अनेक किसान परिवारों की आय बढ़ी है।: PM
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गुजरात सहित देश के हर किसान परिवार की आय को 2022 तक दोगुना करने के लिए निरंतर प्रयास चल रहा है। नई सरकार बनने के बाद बीते 100 दिनों में इस दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं।: PM
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गुजरात के किसानों, व्यापारियों और दूसरे नागरिकों के लिए पानी के माध्यम से ट्रांसपोर्ट की भी एक व्यापक व्यवस्था तैयार की जा रही है। घोघा-दहेज रो-रो फेरी सेवा की शुरुआत तो मैंने खुद की थी।मुझे बताया गया है कि अब तक इस फेरी सुविधा का सवा तीन लाख से ज्यादा यात्री उपयोग कर चुके हैं:PM
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टूरिज्म की बात जब आती है तो स्टेच्यु ऑफ यूनिटी की चर्चा स्वभाविक है। इसके कारण केवड़िया और गुजरात पूरे विश्व के टूरिज्म मैप पर प्रमुखता से आ गया है। अभी इसका लोकार्पण हुए सिर्फ 11 महीने ही हुए हैं, लेकिन अब तक 23 लाख से अधिक पर्यटक देश और दुनिया से यहां आ चुके हैं।: PM
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हर दिन औसतन साढ़े 8 हज़ार टूरिस्ट आ रहे हैं। मुझे बताया गया है कि पिछले महीने जन्माष्टमी के दिन तो रिकॉर्ड 34 हज़ार से अधिक पर्यटक यहां पहुंचे थे।: PM
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आने वाले समय में जब यहां के रास्ते, यहां टूरिज्म से जुड़े दूसरे प्रोजेक्ट कंप्लीट हो जाएंगे तो रोज़गार के अवसर और अधिक बढ़ जाएंगे। यहां सब्जी, फल-फूल, दूध उत्पादन करने वाले आदिवासी साथियों को बहुत बड़ा मार्केट यहीं उपलब्ध होने वाला है।: PM
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इस क्षेत्र को प्लास्टिक से बचाना है। सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति के लिए पूरा देश प्रयास कर रहा है। मुझे जानकारी है कि आप सभी स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत इस काम में जुटे हुए हैं। इसके लिए हमारी कोशिशें और तेज़ होनी चाहिए।: PM
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ये दिन सरदार साहब और भारत की एकता के लिए किए गए उनके प्रयासों का स्वर्णिम पृष्ठ है।
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आज हैदराबाद मुक्ति दिवस भी है।आज के ही दिन 1948 में हैदराबाद का विलय भारत में हुआ था और आज हैदराबाद देश की उन्नति और प्रगति में पूरी मजबूती से योगदान दे रहा है।: PM
कल्पना कीजिए अगर सरदार पटेल जी की वो दूरदर्शिता तब ना रहती, तो आज भारत का नक्शा कैसा होता और भारत की समस्याएं कितनी अधिक होतीं।: PM
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एक भारत, श्रेष्ठ भारत के सरदार के सपने को आज देश साकार होते हुए देख रहा है। आज़ादी के दौरान जो काम अधूरे रह गए थे, उनको पूरा करने का प्रयास आज देश कर रहा है।: PM
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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को 70 साल तक भेदभाव का सामना करना पड़ा है। इसका दुष्परिणाम, हिंसा और अलगाव के रूप में, अधूरी आशाओं और आकांक्षाओं के रूप में पूरे देश ने भुगता है।: PM
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सरदार साहेब की प्रेरणा से एक महत्वपूर्ण फैसला देश ने लिया है।दशकों पुरानी समस्या के समाधान के लिए नए रास्ते पर चलने का निर्णय लिया गया है।: PM
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मुझे पूरा विश्वास है कि जम्मू कश्मीर के, लद्दाख और कारगिल के लाखों साथियों के सक्रिय सहयोग से हम विकास और विश्वास की नई धारा बहाने में सफल होंगे।: PM
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भारत की एकता और श्रेष्ठता के लिए आपका ये सेवक पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। बीते 100 दिन में अपनी इस प्रतिबद्धता को हमने और मजबूत किया है।: PM
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मैंने चुनाव के दौरान भी आपसे कहा था, आज फिर कह रहा हूं।
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हमारी नई सरकार, पहले से भी तेज गति से काम करेगी, पहले से भी ज्यादा बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करेगी।: PM
एक बार फिर मैं पूरे गुजरात को सरदार साहेब की भावना के साकार होने पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं।आपने मुझे इस अवसर का हिस्सा बनाया इसके लिए बहुत-बहुत आभार! : PM
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