These elections are about scripting a bright future for people of Bengal: PM Modi
Never did the Congress, Left or TMC thought about welfare of people of Bengal: PM Modi
West Bengal voted for TMC, thought there would be 'Paribartan' in the state but in turn there has been 'Paribartan' in the TMC itself: PM
Left and Congress are contesting against each other in Kerala but are allies in West Bengal: PM Modi
A party that once had around 440 seats in Parliament is today reduced to merely 40 seats: PM
TMC leaders have looted the money of innocent people, they are found indulged in corruption, accepting bribes: PM Modi
Industries have been shut, Bengal now lacks job opportunities: PM Modi
We want Bengal to develop...A country cannot be called developed until all the states are developed: PM Modi
I have only three agendas -Development, fast-paced development & all-round development for Bengal: PM Modi
Jan Dhan Yojana is transforming lives of people, Rs. 20000 crore deposited: PM Modi

मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में पधारे हुए कोलकाता के मेरे प्यारे भाईयों एवं बहनों

मेरे प्यारे मतदाता, ये चुनाव कौन एमएलए बने, कौन न बने; किसकी सरकार बने, किसकी न बने, इस सीमित उद्देश्य से नहीं है; ये चुनाव बंगाल और यहाँ के नौजवानों का भविष्य संवारने के लिए है। आज़ादी के 70 साल होने को हैं, कांग्रेस, लेफ़्ट और टीएमसी ने अपनी-अपनी सरकारें चलाईं। इस चुनाव के मैदान में चार दल हैं, एक तरफ़ भाजपा है, दूसरी तरफ़ कांग्रेस और लेफ़्ट का गठबंधन है और तीसरी तरफ़ टीएमसी है। आपने बाकी तीनों पार्टी की सरकारें और उनके कारनामे देखे हैं। क्या अब भी आप ऐसे लोगों पर भरोसा करने की गलती करेंगे?

हिंदुस्तान में जितने उदार लोग पश्चिम बंगाल में हैं, शायद ही हिंदुस्तान में ऐसे स्वभाव के लोग नज़र आएंगे। अगर किसी और राज्य में सरकारों ने ऐसी दुर्दशा की होती तो वहां की जनता उनका मुंह तक नहीं देखती लेकिन आप इतने उदार हैं कि वे माफ़ी मांग लें, हाथ जोड़ लें तो आप मान लेते हैं और इसी का भरपूर दुरूपयोग करने में ये माहिर हो गए हैं। अंग्रेजों ने भी आने के बाद अपना प्रवास यही बनाया क्योंकि उन्होंने पाया कि यहाँ के लोग भले हैं। आज़ादी के बाद कांग्रेस ने भी कभी आपकी परवाह नहीं की। उसके बाद लेफ़्ट वाले ने भी तीन दशकों तक कुछ नहीं किया। कांग्रेस और लेफ़्ट को जब जनता ने हटा दिया तो आप देख लीजिये कि उनका भविष्य खतरे में है। पश्चिम बंगाल के लोग परिवर्तन के लिए बड़ी आशा के साथ दीदी को लेकर आए लेकिन उन्हीं में परिवर्तन हो गया।

मेरा आपसे यही कहना है कि जब तक आप बर्बाद करने वालों को सजा नहीं देंगे, इनमें से कोई भी सुधरने वाले नहीं हैं और एक बार उन्हें सजा देना शुरू करें, उन्हें 5 साल के अपने काम का हिसाब देना पड़ेगा और वे अच्छा काम करने के लिए मज़बूर हो जाएंगे। पश्चिम बंगाल के लोग भले एवं संवेदनशील हैं और आदर्शों एवं मूल्यों पर जीने वाले लोग हैं लेकिन लेफ़्ट और कांग्रेस ये मानती है कि नई पीढ़ी मूर्ख है तो ये उनकी भारी गलती है।

विचारधारा से अगर झगड़ा होता है तो ये केरल में भी होना चाहिए और वहां भी आमने-सामने लड़ना चाहिए लेकिन लेफ़्ट का कमाल देखो कि केरल में वे कांग्रेस को गाली दे रहे हैं और उनसे लड़ रहे हैं और बंगाल में कांग्रेस को समर्थन देते हैं। समझ नहीं आ रहा कि केरल में कुश्ती और पश्चिम बंगाल में दोस्ती? केरल में दोनों एक-दूसरे को गालियां देते हैं और बंगाल में कहते हैं कि बहुत अच्छे हैं और सबका भला करेंगे। ये जनता के साथ धोखा है। गठबंधन करना है तो केरल में भी करो नहीं तो बंगाल में भी नहीं करो लेकिन ये गठबंधन बंगाल की भलाई या आदर्शों के लिए नहीं हो रहा बल्कि इसलिए हो रहा कि मरता क्या न करता।

कांग्रेस कभी 440 सीटों के साथ पार्लियामेंट में बैठती थी और आज 44 पर आ गई है और इसलिए वे सहारा ढूंढ रहे हैं। ये बंगाल को बचाने के लिए नहीं खुद को बचाने के लिए खेल खेले जा रहे हैं। देश ने 60 सालों में अलग-अलग प्रकार के सरकार के मॉडल देखे हैं। अब समय की मांग है कि कुछ पैरामीटर तय कर दिए जाएं तो मैं दावे के साथ कहता हूँ कि जहाँ-जहाँ भाजपा को सेवा करने का मौका मिला है, वहां आमूल परिवर्तन आया है और विकास हुआ है।

लेफ़्ट को यहाँ जनता का भरपूर सहयोग मिला लेकिन इसके जवाब में उन्होंने क्या दिया? बंगाल हिंदुस्तान का सिरमौर हुआ करता था और अब क्या कर दी इस राज्य की स्थिति। जो भ्रष्टाचार के खिलाफ़ सड़कों पर उतरती थीं, अब ‘नारदा’ पर कुछ नहीं बोलतीं। क्या कारण है कि इससे जुड़े लोगों को बख्शा जा रहा है? केरल में लेफ़्ट और कांग्रेस आमने-सामने हैं, बंगाल में दोनों साथ हैं और दिल्ली में लेफ़्ट, कांग्रेस और टीएमसी, तीनों साथ हैं। इतना ही नहीं, लोकसभा में एथिक कमिटी ने ‘नारदा’ की जाँच करवाने की बात कही लेकिन यही चीज़ राज्यसभा में नहीं हुई क्योंकि राज्यसभा में हम बहुमत में नहीं हैं। वहां लेफ़्ट, कांग्रेस और टीएमसी की चलती है और वहां एथिक कमिटी के सामने ‘नारदा’ की जाँच की बात नहीं हुई।

कैमरे के सामने पैसे लेना और डील करना; इसे देखकर पूरा हिंदुस्तान चौंक गया। जनता के पैसों को लूटा गया है। इसलिए मैं विशेष आग्रह करता हूँ कि ऐसे लोगों को एक पल भी सरकार में रहने का हक़ नहीं है। विवेकानंद ब्रिज गिरा और कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, क्या गुनाह था उन लोगों का? जो लोग ‘नारदा’ में नज़र आते हैं, वही लोग ‘शारदा’ में नज़र आते हैं। ये सारे लोग पाप की परंपरा से जुड़े हुए हैं। आप यह समझ कर चलें कि लेफ़्ट ने जो छोड़ा था, दीदी ने उसी को आगे बढ़ाया है। अगर हमें देश में विकास कर रहे राज्यों की बराबरी में आना है तो बंगाल को इन तीनों से मुक्ति दिलानी पड़ेगी।

कोलकाता का नौजवान रोजगार के लिए कहाँ जाएगा? हिन्दुतान के पश्चिमी छोर पर विकास दिखता है लेकिन क्या कारण है कि पूरा पूर्वी हिंदुस्तान मुसीबतें झेल रहा है। चलने या आगे बढ़ने की बात को छोड़ दीजिए, अपने पैरों पर भी खड़ा नहीं हो सकता। पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार, ओडिशा, असम, बंगाल का हाल देख लीजिए। मेरा एक सपना है – जैसे शरीर में अगर एक अंग दुर्बल है तो हम स्वस्थ नहीं कहला सकते लेकिन जब शरीर के सभी अंग ठीक हो, हमें स्वस्थ माना जाता है। उसी तरह ये मेरी भारत माता तब तक स्वस्थ और समृद्ध नहीं बन सकती जब तक संपूर्ण हिंदुस्तान का विकास न हुआ हो।

कभी-कभी तो लगता है कि इन पार्टियों ने बंगाल को ओल्ड ऐज होम बनाकर रख दिया है। जवान लोग अपना गाँव-शहर छोड़कर अपनी रोजी-रोटी कमाने जा रहे हैं और बूढ़े मां-बाप यहाँ बचे हुए हैं। कौन अपने गाँव, घर, खेत-खलिहान, मां-बाप को छोड़कर जाना चाहेगा लेकिन आज बंगाल के नौजवानों को कमाने के लिए बड़े शहरों की झुग्गी-झोपड़ियों में गुजर-बसर करना पड़ता है। एक ज़माना था जब हिंदुस्तान के लोग बंगाल आने के लिए लालायित रहते थे। कोलकाता में जीवन बिताने पर लोग गर्व करते थे। आज हालत यह हो गई है कि यहाँ के नौजवान अपनी धरती को छोड़ने पर मज़बूर हैं। इन समस्याओं का समाधान है और इसलिए इन समस्याओं से बचने के लिए मेरा तीन एजेंडा है।  

मेरा 3 एजेंडा है – पहला विकास, दूसरा तेज़ गति से विकास और तीसरा चारों तरफ विकास। जब बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ तो कांग्रेस वालों ने कहा था कि बैंक गरीबों के लिए होने चाहिए। जब मैं प्रधानमंत्री बना तो इस देश के 40 प्रतिशत गरीब ऐसे थे जिन्होंने कभी बैंक का दरवाज़ा नहीं देखा। इसका परिणाम हुआ कि गरीब अपनी कमाई बाहर रखने को मजबूर था और इसलिए वो अपने पैसे शारदा चिटफंड में रखने को लाचार हो गया। गरीबों के सिर्फ़ पैसे नहीं गए उनके सपने चूर-चूर हो गए। अगर कांग्रेस और लेफ़्ट ने गरीबों के लिए बैंक के दरवाजे खोल दिए होते तो गरीबों को शारदा चिटफंड की ओर नहीं जाना पड़ता और उनके साथ जो धोखाधड़ी हुई, वो नहीं हुई होती।

हमने इसका उपाय सोचा और प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत गरीबों का खाता खोला और वो भी ज़ीरो बैलेंस अकाउंट। बैंक वाले गरीबों के घर जाकर उनके खाते खोले। गरीबों की अमीरी देखिए, गरीबों ने ज़ीरो बैलेंस अकाउंट खोलने के बजाय कुछ-न-कुछ पैसे डालकर अपने खाते खोले और लगभग 20 हज़ार करोड़ रूपया प्रधानमंत्री जन-धन अकाउंट में जमा कराया। व्यवस्थाएं कैसे बदली जाती हैं, ये हमने दिखाया है।

देश में अगर किसी को गैस का सिलिंडर भी लेना हो तो सिफ़ारिश लगानी पड़ती थी। बहुत लोग होंगे जिनके घर में आज भी गैस का सिलिंडर नहीं होगा। गरीबों के नाम पर राजनीति करने वाले लोग चुनाव आते ही गरीब-गरीब की माला जपते हैं, उन्हें कभी ये समझ नहीं आया कि सच्चे अर्थ में गैस सिलिंडर की ज़रूरत किसको है। लकड़ी के चूल्हे के समीप एक दिन बिताने का मतलब है 400 सिगरेट पीना; इतना धुँआ जाता है शरीर में। इससे गरीब मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। मैंने इसके लिए अभियान चलाया पिछले एक वर्ष में 1 करोड़ गरीब परिवारों को गैस का सिलिंडर दे दिया गया। आज़ादी के बाद ये एक रिकॉर्ड है। हिंदुस्तान में कुल करीब 25 करोड़ परिवार है। उसमें से करीब 1 करोड़ गरीब परिवारों को गैस का सिलिंडर मिला। इसकी सफ़लता के बाद मैंने तय किया और इस बार के बजट में भी है कि आने वाले 3 सालों में 5 करोड़ गरीब परिवारों के घर में गैस का चूल्हा होगा। गरीबों के लिए काम कैसे होता है, ये इसका उदाहरण है।

इनको सत्ता की राजनीति, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, मेरे-तेरे के अलावा कुछ करने नहीं आता। मैं पूरे देश में मेक इन इंडिया का अभियान चला रहा हूँ। विदेशों से बड़े स्तर पर एफडीआई आ रहा है। वर्ल्ड बैंक हो, आईएमएफ़ हो या रेटिंग एजेंसी हो, सब कह रहे हैं कि आज पूरी दुनिया में अगर कोई देश तेज़ गति से चल रहा है तो हिंदुस्तान चल रहा है। इस आर्थिक विकास की यात्रा का लाभ नौजवानों को मिलना चाहिए। हमारी सारी योजनाओं के केंद्र में रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में काम तेज़ गति से चल रहा है।

मैं बंगाल का भाग्य बदलने के लिए एवं यहाँ के विकास के लिए वोट मांगने आया हूँ। काम करने वाली सरकार और अच्छी सरकार किसे कहते हैं, ये आपको पता चल जाएगा। आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी देश में 18 हज़ार गाँव ऐसे हैं जहाँ बिजली का एक खंभा भी नहीं है। मैंने 1 हज़ार दिन में इन 18 हज़ार गाँवों में बिजली पहुँचाने का निर्णय किया और जिस प्रकार से हम इस काम में लगे हैं, हो सकता है कि हम इसे 1 हज़ार दिन से पहले पूरा कर लें।

समय की मांग है - बच्चों की पढ़ाई, नौजवानों की कमाई, बुजुर्गों की दवाई। हम इन मूलभूत बातों को लेकर पश्चिम बंगाल में आपकी सेवा करने चाहते हैं। लोकतंत्र में जय-पराजय तो चलता रहता है। दीदी के मन में पराजय का इतना भय पैदा हो गया है कि वे चुनाव आयोग से लड़ पड़ी, ये उनकी पराजय की स्वीकृति है। खेल के मैदान में भी कभी अंपायर को चुनौती नहीं दिया जाता है और आप अंपायर को चुनौती दे रहे हो। दीदी को नोटिस गया लेकिन जवाब दे रहा है, पश्चिम बंगाल का मुख्य सचिव। पार्टी और सरकार में कोई फ़र्क है कि नहीं? ये जवाब पार्टी को देना चाहिए था। ये दिखाता है कि सरकार का कितना दुरूपयोग किया जा रहा है।

लेफ़्ट और कांग्रेस की धोखेबाजी लोकतंत्र में नहीं चलेगी। इसलिए मेरे भाईयों-बहनों, आपके सामने एक नया विकल्प आया है। देश और दिल्ली आपकी पूर्ण मदद के लिए तैयार है। मैं आपको निमंत्रण देता हूँ कि आप पूरी तरह समर्थन देकर भाजपा के उम्मीदवारों को विजयी बनाईए और पश्चिम बंगाल का भविष्य तय कीजिए।

बहुत-बहुत शुभकामनाएं! धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।