CM addresses 1.55 lakh beneficiaries of Garib Kalyan Mela through video conferencing from Surat
GoG to distribute benefits worth Rs.10000 cr through four GKM
The Chief Minister Narendra Modi today addressed the 1.55 lakh beneficiaries of Garib Kalyan Mela (GKM) through video conferencing from Surat. He said the state government has planned to distribute benefits worth Rs.10,000 crore through a series of four GKM.
Through the medium of GKM, the state government has initiated a campaign to eliminate poverty from the state, he said. The GKM has eliminated the middlemen between the government and the beneficiaries. It has shown the nation a way to eliminate poverty, he said.
Now, the government itself goes to the doors of poor to give them their rights instead the poor going to government offices to seek their benefits. The efforts of state administration are commendable as the government officials took trouble to find out real beneficiaries of welfare schemes, the Chief Minister said.
The Gujarat alone in the country has allotted houses to all the homeless BPL families of 0-16 grade. Now, the State is also going to give houses to BPL families of 17-20 grades. About 2.5 lakh beneficiaries will get residential plots during this round of GKM, said the Chief Minister.
The state government has increased the provisions of education related welfare schemes with a view to encourage poor families to educate their children. The monthly pension to the widows has been increased from Rs.500 to Rs.750 with a view to make them financially self-reliant. The state government has also cared to provide nutritional food to poors mother with a view to curb the problem of malnutrition from the state.
The state government will give sewing machines to poor women, cycle to poor girls and tools to the workmen, he said.
The Chief Minister has also raised the package of Vanbandhu Kalyan Yojna from Rs.15000 crore to Rs.40000 crore and has approved a new package of Rs.21000 crore for the development of seafarer community. During this round of GKM, the sakhimandala will also be given financial assistance worth Rs.700 crore, the Chief Minister said.
We are not just the Mother of Democracy; democracy is an integral part of our lives: PM
January 09, 2025
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PM flags off inaugural journey of the Pravasi Bharatiya Express, a special Tourist Train for the Indian diaspora
Pravasi Bharatiya Divas has become an institution to strengthen the bond between India and its diaspora: PM
The future is not in war, it is in Buddha: PM
We are not just the Mother of Democracy; democracy is an integral part of our lives: PM
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Today's India not only firmly asserts its own point but also strongly amplifies the voice of the Global South: PM
India has the potential to fulfill the world's demand for skilled talent: PM
We consider it our responsibility to help our diaspora during crisis situations, no matter where they are: PM
ओडिशा के राज्यपाल डॉक्टर हरि बाबू जी, हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री मोहन चरण माँझी जी, केंद्रीय कैबिनेट के मेरे साथी एस जयशंकर जी, जुएल ओरांव जी, धर्मेंद्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, शोभा करंदलाजे जी, कीर्ति वर्धन सिंह जी, पबित्रा मार्गेरिटा जी, ओडिशा सरकार में उप मुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव जी, प्रवती परिदा जी, अन्य मंत्रिगण, सांसद और विधायकगण, दुनियाभर से यहां पधारे मां भारती के सभी बेटे-बेटी!
देवियों और सज्जनों! भगवान जगन्नाथ और भगवान लिंगराज की इस पावन धरती पर, मैं पूरे विश्व से आए अपने भारतवंशी परिवार का स्वागत करता हूं। अभी प्रारंभ में जो स्वागत गान हुआ, मुझे पूरा विश्वास है कि ये स्वागत गान भविष्य में भी दुनिया में जहां-जहां भारतीय समुदाय के कार्यक्रम होंगे, उसमें जरूर उसको बार-बार बजाया जाएगा। बहुत-बहुत बधाई आपको। आपकी टीम ने बहुत, बहुत ही सुंदर तरीके से एक प्रवासी भारतीय की भावना को अभिव्यक्त किया है, बधाई हो आपको।
Friends,
We just heard from the Chief Guest of this Pravasi Bhartiya Diwas. The video message of the President of Trinidad and Tobago, Her Excellency Christine Kangaloo left an impact on all of us. She too was speaking about India’s progress. I thank her for the warm and affectionate words.
Friends,
This is a time of vibrant festivals and gatherings in India. In just a few days, the Mahakumbh will start in Prayagraj. The festivals of Makar Sankranti, Lohri, Pongal and Magh Bihu are also coming up. There is a joyful atmosphere everywhere. Further, it was on this day, in 1915, that Mahatma Gandhi Ji came back to India after a long stay abroad. Your presence in India at such a wonderful time is adding to the festive spirit. This edition of Pravasi Bharatiya Diwas is special for an additional reason. We have gathered here just a few days after the birth centenary of Atal Bihari Vajpayee Ji. His vision was instrumental to this programme. It has become an institution to strengthen the bond between India and its diaspora. Together, we celebrate India, Indianness, our culture, our progress and connect to our roots.
साथियों,
आज आप जिस ओडिशा की महान धरती पर जुटे हैं, वो भी भारत की समृद्ध विरासत का प्रतिबिंब है। ओडिशा में कदम-कदम पर हमारी हैरिटेज के दर्शन होते हैं। उदयगिरी-खंडगिरी की historical caves हों, कोणार्क का सूर्य मंदिर हो, तम्रलिप्ति, मणिकपटना और पलूर के प्राचीन पोर्ट्स हों, ये देखकर हर कोई गौरव से भर उठता है। सैकड़ों वर्ष पहले भी ओडिशा से हमारे व्यापारी-कारोबारी लंबा समुद्री सफर करके बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानों तक जाते थे। उसी स्मृति में आज भी ओडिशा में बाली जात्रा का आयोजन होता है। यहीं ओडिशा में धौली नाम का वो स्थान है, जो शांति का बड़ा प्रतीक है। दुनिया में जब तलवार के ज़ोर पर सम्राज्य बढ़ाने का दौर था, तब हमारे सम्राट अशोक ने यहां शांति का रास्ता चुना था। हमारी इस विरासत का ये वही बल है, जिसकी प्रेरणा से आज भारत दुनिया को कह पाता है कि- भविष्य युद्ध में नहीं है, बुद्ध में है। इसलिए ओडिशा की इस धरती पर आपका स्वागत करना मेरे लिए बहुत विशेष हो जाता है।
साथियों,
मैंने हमेशा भारतीय डायस्पोरा को भारत का राष्ट्रदूत माना है। मुझे बहुत खुशी होती है जब पूरी दुनिया में आप सभी साथियों से मिलता हूं, आपसे ये बातचीत करता हूं। जो प्यार मुझे मिलता है, वो मैं भूल नहीं सकता। आपका वो स्नेह, वो आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहता है।
साथियों,
आज मैं आप सभी का व्यक्तिगत तौर पर आपका आभार व्यक्त करना चाहता हूं, आपको Thank you भी बोलना चाहता हूं। Thank you इसलिए क्योंकि आपकी वजह से मुझे दुनिया में गर्व से सिर ऊंचा रखने का मौका मिलता है। बीते 10 वर्षों में मेरी दुनिया के अनेक लीडर्स से मुलाकात हुई है। दुनिया का हर लीडर अपने देश के भारतीय डायस्पोरा की, आप सभी की बहुत प्रशंसा करता है। इसका एक बड़ा रीज़न वो सोशल वैल्यूज हैं, जो आप सभी वहां की सोसायटी में ऐड करते हैं। हम सिर्फ मदर ऑफ डेमोक्रेसी ही नहीं हैं, बल्कि डेमोक्रेसी हमारी लाइफ का हिस्सा है, हमारी जीवन पद्धति है। हमें डायवर्सिटी सिखानी नहीं पड़ती, हमारा जीवन ही डायवर्सिटी से चलता है। इसलिए भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां की सोसायटी के साथ जुड़ जाते हैं। हम जहां जाते हैं, वहां के रूल्स, वहां के ट्रेडिशन्स की रिस्पेक्ट करते हैं। हम पूरी ईमानदारी से उस देश की, उस सोसायटी की सेवा करते हैं। वहां की ग्रोथ और प्रॉसपैरिटी में कंट्रीब्यूट करते हैं। और इन सबके साथ ही हमारे दिल में भारत भी धड़कता रहता है। हम भारत की हर खुशी के साथ खुश होते हैं, भारत की हर उपलब्धि के साथ उत्सव मनाते हैं।
साथियों,
21st सेंचुरी का भारत, आज जिस स्पीड से आगे बढ़ रहा है, जिस स्केल पर आज भारत में डेवलपमेंट के काम हो रहे हैं, वो अभूतपूर्व है। सिर्फ 10 साल में भारत ने अपने यहां 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। सिर्फ 10 सालों में भारत, दुनिया की 10th largest economy से ऊपर उठकर 5th largest economy बन गया है। वो दिन दूर नहीं, जब भारत, दुनिया की third largest economy बनेगा। भारत की सफलता आज दुनिया देख रही है, आज जब भारत का चंद्रयान शिव-शक्ति प्वाइंट पर पहुंचता है, तो हम सबको गर्व होता है। आज जब दुनिया डिजिटल इंडिया की ताकत देखकर हैरान होती है, तो हम सबको गर्व होता है। आज भारत का हर सेक्टर आसमान की ऊंचाई छूने के लिए आगे बढ़ रहा है। रीन्यूएबल एनर्जी हो, एविएशन इकोसिस्टम हो, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी हो, मेट्रो का विशाल नेटवर्क हो, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट हो, भारत की प्रगति की गति सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। आज भारत, मेड इन इंडिया फाइटर जेट बना रहा है, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बना रहा है, और वो दिन भी दूर नहीं जब आप किसी मेड इन इंडिया प्लेन से ही प्रवासी भारतीय दिवस मनाने भारत आएंगे।
साथियों,
भारत के ये जो अचीवमेंट्स हैं, ये जो prospects आज भारत में दिख रहे हैं, इसके कारण भारत की वैश्विक भूमिका बढ़ रही है। भारत की बात को आज दुनिया ध्यान से सुनती है। आज का भारत, अपना पॉइन्ट तो स्ट्रॉन्गली रखता ही है, ग्लोबल साउथ की आवाज को भी पूरी ताकत से उठाता है। जब भारत ने अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाने का प्रपोजल रखा, तो सभी मेंबर्स ने इसका समर्थन किया। ह्यूमेनिटी फर्स्ट के भाव के साथ, भारत अपने ग्लोबल रोल का विस्तार कर रहा है।
साथियों,
भारत के टैलेंट का डंका आज पूरी दुनिया में बज रहा है, आज हमारे प्रोफेशनल्स दुनिया की बड़ी कंपनियों के ज़रिए ग्लोबल ग्रोथ में कंट्रीब्यूट कर रहे हैं। भारत की राष्ट्रपति आदरणीय द्रौपदी मुर्मू जी के हाथों कल कई साथियों को प्रवासी भारतीय सम्मान भी दिया जाएगा। मैं सम्मान पाने वाले सभी महानुभावों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
साथियों,
आप जानते हैं, आने वाले कई दशकों तक भारत, दुनिया का सबसे यंग और स्किल्ड पॉपुलेशन वाला देश बना रहेगा। ये भारत ही है, जहां से दुनिया की एक बड़ी स्किल डिमांड पूरी होगी। आपने देखा होगा, दुनिया के अनेक देश अब, भारत के स्किल्ड यूथ का दोनों हाथों से स्वागत कर रहे हैं। ऐसे में भारत सरकार का भी प्रयास है कि कोई भी भारतीय विदेश जाए, तो वो बेहतरीन स्किल के साथ ही जाए। इसलिए हम अपने यूथ की लगातार skilling, re-skilling और up-skilling कर रहे हैं।
Friends,
We give great importance to your convenience and comfort. Your safety and welfare are a top priority. We consider it our responsibility to help our diaspora during crisis situations, no matter where they are. This is one of the guiding principles of India’s foreign policy today. Over the last decade, our embassies and offices worldwide have been sensitive and pro-active.
Friends,
Earlier, in many countries, people had to travel long distances to access consular facilities. They had to wait for days for help. Now, these problems are being solved. In just the last two years, fourteen embassies and consulates have been opened. The scope of OCI cards is also being expanded. It has been extended to PIOs of the 7th generation of Mauritius and 6th generation of Suriname martinique and guadeloupe.
साथियों,
दुनिया भर में फैले भारतीय डायस्पोरा का इतिहास, उनके उस देश में पहुंचने और वहां अपना परचम लहराने की गाथाएं, ये भारत की अहम विरासत है। आपकी ऐसी अनेक interesting और inspiring stories हैं, जिन्हें सुनाया जाना, दिखाया जाना, संजोया जाना जरूरी है। ये हमारी, shared legacy है, shared heritage है। अभी कुछ दिन पहले मैंने मन की बात में, इससे जुड़े एक प्रयास पर विस्तार से बात की थी। कुछ सेंचुरीज़ पहले गुजरात से कई परिवार ओमान में जाकर बस गए थे। 250 years की उनकी जर्नी काफी inspiring है। यहां इससे जुड़ी एक एग्ज़ीबिशन भी लगाई गई है। इसमें इस कम्यूनिटी से जुड़े thousands of documents को digitise करके दिखाया गया है। साथ ही उनके साथ एक ‘Oral History Project’ भी किया गया है। यानि कम्यूनिटी के जो सीनियर लोग हैं, जिनकी काफी age हो चुकी है, उन्होंने अपने experience share किए हैं। मुझे खुशी है कि इनमें से कई फैमिलीज़ आज हमारे बीच यहां मौजूद भी हैं।
साथियों,
इसी तरह के प्रयास हमें अलग-अलग देशों में गए डायस्पोरा के साथ भी करने चाहिए। जैसे एक उदाहरण हमारे “गिरमिटिया” भाई-बहन हैं। क्यों ना हमारे गिरमिटिया साथियों का एक डेटाबेस create किया जाये। वे भारत के किस-किस गांव से, किस शहर से गए, इसकी पहचान हो। वे कहाँ-कहाँ जाकर बसे, उन जगहों को भी identify किया जाए। उनकी लाइफ कैसी रही, उन्होंने कैसे challenges को opportunities में बदला, इसे सामने लाने के लिए फिल्म बन सकती है, डॉक्यूमेंट्री बन सकती है। गिरमिटिया लैगेसी पर स्टडी हो, इस पर रिसर्च हो, इसके लिए यूनिवर्सिटी में चेयर स्थापित की जा सकती है, रेग्यूलर इंटरवल पर वर्ल्ड गिरमिटिया कॉन्फ्रेंस भी कराई जा सकती है। मैं अपनी टीम से कहूंगा कि इसकी संभावनाएं तलाशें, इसको आगे बढ़ाने पर काम करे।
साथियों,
आज का भारत विकास भी और विरासत भी इस मंत्र पर चल रहा है। जी-20 के दौरान हमने देश के कोने-कोने में इसलिए मीटिंग्स रखीं, ताकि दुनिया, भारत की डायवर्सिटी का फर्स्ट हैंड एक्सपीरियंस ले पाए। हम बड़े गर्व से यहां काशी-तमिल संगमम, काशी तेलुगू संगमम, सौराष्ट्र तमिल संगमम जैसे आयोजन करते हैं। अभी कुछ दिन बाद ही संत थिरूवल्लुवर दिवस है। हमारी सरकार ने संत थिरूवल्लुवर के विचारों के प्रसार के लिए थिरूवल्लुवर कल्चर सेंटर्स की स्थापना का निर्णय लिया है। सिंगापुर में ऐसे पहले सेंटर का काम शुरू हो गया है। अमेरिका की ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी में थिरूवल्लुवर चेयर की स्थापना भी की जा रही है। ये सारे प्रयास, तमिल भाषा को, तमिल विरासत को, भारत की विरासत को दुनिया के कोने-कोने में ले जा रहे हैं।
साथियों,
भारत में हैरिटेज से जुड़े अपने स्थानों को कनेक्ट करने के लिए भी हमने अनेक कदम उठाए हैं। जैसे भगवान राम और सीता माता से जुड़े स्थानों के दर्शन के लिए स्पेशल रामायण एक्सप्रेस ट्रेन है। भारत गौरव ट्रेनें भी, देश के important heritage places को जोड़ती हैं। अपनी सेमी हाईस्पीड, वंदे भारत ट्रेन्स से भी हमने देश के बड़े हेरिटेज सेंटर्स को जोड़ा है। थोड़ी देर पहले, एक विशेष प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस ट्रेन शुरु करने का अवसर मुझे मिला है। इसमें करीब 150 लोग, टूरिज्म और आस्था से जुड़े सेवनटीन डेस्टिनेशन्स का टूर करेंगे। यहां ओडिशा में भी अनेक स्थान हैं, जहां आपको ज़रूर जाना चाहिए। प्रयागराज में महाकुंभ शुरु हो रहा है। ये मौका लाइफ में बार-बार नहीं मिलता। वहां भी आप ज़रूर होकर आएं।
साथियों,
साल 1947 में भारत को आज़ादी मिली और इसमें एक बड़ा रोल, हमारे डायस्पोरा का भी रहा है। उन्होंने विदेशों में रहकर भारत की आज़ादी के लिए कंट्रीब्यूट किया। अब हमारे सामने 2047 का टारगेट है। हमें भारत को विकसित देश, एक डेवलप्ड नेशन बनाना है। आप आज भी भारत की ग्रोथ में शानदार कंट्रीब्यूशन कर रहे हैं। आपके hard work के चलते ही आज भारत रेमिटेंस के मामले में दुनिया में नंबर एक हो गया है। अब हमें इससे भी आगे सोचना है। आप भारत के साथ-साथ दूसरे देशों में इन्वेस्ट करते हैं। Financial services और investment से जुड़ी आपकी needs को पूरा करने में हमारा GIFT CITY इकोसिस्टम help कर सकता है। आप सभी इसका benefit ले सकते हैं और विकसित भारत की जर्नी को और ताकत दे सकते हैं। आपका हर प्रयास, भारत को मजबूत करेगा, भारत की विकास यात्रा में मदद करेगा। जैसे एक सेक्टर हेरिटेज टूरिज्म का है। दुनिया में अभी भारत को बड़े-बड़े मेट्रो शहरों से ही जाना-पहचाना जाता है। लेकिन भारत सिर्फ इन बड़ी सिटीज़ तक सीमित नहीं है। भारत का बहुत बड़ा हिस्सा टीयर-2, टीयर-3 सिटीज़ में है, villages में है। वहां भारत की हैरिटेज के दर्शन होते हैं। दुनिया को हमें इस हैरिटेज से कनेक्ट करना है। आप भी अपने बच्चों को, भारत के छोटे-छोटे शहरों और गांवों तक ले जाएं। फिर अपने एक्सपीरियन्स, वापस जाकर अपने फ्रेंड्स के साथ शेयर करें। मैं ये भी चाहूंगा कि अगली बार जब आप भारत आएं, तो अपने साथ, इंडियन ऑरिजिन से बाहर के मिनिमम फाइव फ्रेंडस को लेकर आएं। आप जहां रहते हैं, वहां अपने फ्रेंड्स को भारत आने के लिए, भारत को देखने के लिए inspire करें।
साथियों,
मेरी एक अपील - डायस्पोरा के सभी young friends से भी है। आप भारत को जानिए क्विज़ में ज्यादा से ज्यादा हिस्सा लें। इससे भारत को जानने समझने में बहुत हेल्प मिलेगी। आप स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम का भी जरूर benefit लें। ICCR की जो स्कॉलरशिप स्कीम है, उसका भी डायस्पोरा के यूथ को ज्यादा से ज्यादा फायदा लेना चाहिए।
साथियों,
जिस देश में आप रहते हैं, वहां भारत की असली हिस्ट्री को लोगों तक पहुंचाने के लिए भी आपको आगे आना होगा। जिन देशों में आप रहते हैं, वहां जो आज की जेनरेशन है, वो हमारी समृद्धि को, गुलामी के लंबे कालखंड और हमारे संघर्षों को नहीं जानती। आप सभी भारत की true history को दुनिया तक पहुंचा सकते हैं।
साथियों,
भारत आज विश्व-बंधु के रूप में जाना जा रहा है। इस ग्लोबल कनेक्ट को और मजबूत करने में आपको अपने efforts बढ़ाने होंगे। अब जैसे, आप जिस देश में रहते हैं, वहां कोई न कोई अवॉर्ड फंक्शन शुरु कर सकते हैं। और ये अवार्ड उस देश के मूल निवासियों के लिए हों, जहां आप अभी रहते हैं। वहां के जो प्रॉमिनेंट लोग हैं, कोई लिट्रेचर से जुड़ा है, कोई आर्ट एंड क्राफ्ट से जुड़ा है, कोई फिल्म और थिएटर से जुड़ा है, हर सेक्टर में जो अचीवर्स हैं, उन्हें बुलाकर के भारत के डायस्पोरा की तरफ से अवॉर्ड दीजिए, उन्हें सर्टिफिकेट्स दीजिए। इसमें वहां जो भारत की एंबेसी है, जो consulate है, वो भी आपकी पूरी मदद करेंगे। इससे आपका वहां उस देश के लोगों से पर्सनल कनेक्ट बढ़ेगा, आपकी इमोशनल बॉन्डिंग बढ़ेगी।
साथियों,
भारत के लोकल को ग्लोबल बनाने में भी आपका बहुत बड़ा रोल है। आप मेड इन इंडिया फूड पैकेट, मेड इन इंडिया कपड़े, ऐसा कोई न कोई सामान ज़रूर खरीदें। अगर आपके देश में कुछ चीज़ें नहीं मिल रही हैं, तो ऑनलाइन ऑर्डर करें। मेड इन इंडिया प्रॉडक्ट को अपने किचन में, अपने ड्राइंग रूम में, अपने गिफ्ट में शामिल करें। ये विकसित भारत के निर्माण में आप सभी की तरफ से बहुत बड़ा कंट्रीब्यूशन होगा।
साथिय़ों,
मेरी एक और अपील, mother और mother earth से जुड़ी है। अभी कुछ दिन पहले मैं गुयाना गया था। वहां के प्रेसिडेंट के साथ मैंने एक पेड़ मां के नाम initiative में हिस्सा लिया। भारत में करोड़ों लोग ये काम कर रहे हैं। आप भी जिस देश में हों, वहां अपनी मां के नाम एक tree, एक सैप्लिंग जरूर प्लांट करें। मुझे विश्वास है कि आप जब भारत से लौटकर जाएंगे, तो विकसित भारत का रेजोल्यूशन, ये संकल्प भी आपके साथ जाएगा। हम सब मिलकर विकसित भारत बनाएंगे। साल 2025 आप सभी के लिए, मंगलमय हो, हेल्थ हो या वेल्थ, आप समृद्ध रहें, इसी कामना के साथ, आप सभी का फिर से भारत में स्वागत है, अभिनंदन है।
बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत बहुत धन्यवाद।
Pravasi Bharatiya Divas has become an institution to strengthen the bond between India and its diaspora. pic.twitter.com/PgX3OtiZO0